रुपये में लगातार गिरावट के बाद कई मुफ्त विदेशी मुद्रा सिग्नल जानकारों का मानना है कि इसे थामने के लिए आरबीआई दखलंदाजी कर सकता है जिससे विदेशी मुद्रा भंडार में और भी गिरावट आ सकती है.

गिरते रुपये को बचाने में कैसे हो सकता है विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल, जानिए इसका कारण

विदेशी मुद्रा भंडार एक केंद्रीय बैंक द्वारा विदेशी मुद्राओं में आरक्षित संपत्ति (assets) है, जिसमें बाॉन्ड, ट्रेजरी बिल और अन्य सरकारी सिक्योरिटीज शामिल हो सकती हैं. विदेशी मुद्रा भंडार किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में एक अहम भूमिका निभाता है. जब किसी भी देश की राष्ट्रीय मुद्रा तेजी से नीचे आती है तब फॉरेक्स रिजर्व उसे स्थिरता प्रदान करने में मदद करता है.

यदि किसी देश के पास फॉरेक्स रिजर्व कम होता है या नहीं होता है तो वह दिवालिया हो जाता है. भारत के पास भी अच्छा विदेशी मुद्रा भंडार है. भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में विदेशी मुद्रा संपत्ति (Foreign Currency Assets), गोल्ड रिजर्व, स्पेशल ड्राइंग राइट्स (SDR), अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ रिजर्व स्थिति शामिल है.

आइये एक नजर डालते हैं कि कैसे रुपये को संभालने में विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन उससे पहले जानते है इसके महत्व के मुफ्त विदेशी मुद्रा सिग्नल बारे में -

Foreign Currency Reserves: विदेशी मुद्रा भंडार में आ सकती है और कमी, गिरावट की मुफ्त विदेशी मुद्रा सिग्नल रफ्तार दिला रहा 2008 की याद!

By: ABP Live | Updated at : 28 Sep 2022 07:55 PM (IST)

Foreign Currency Reserves Declines: मुफ्त विदेशी मुद्रा सिग्नल भारत के विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Currency Reserves) में गिरावट का सिलसिला जारी रह सकता है. और 2022 के आखिर तक ये दो साल के निचले लेवल को छू सकता है. दरअसल डॉलर (Dollar) के मुकाबले रुपये हर रोज आ रहे रिकॉर्ड गिरावट को थामने के लिए आरबीआई ( RBI) मुफ्त विदेशी मुद्रा सिग्नल को दखल देना पड़ रहा है. ऐसे में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार ( Forex Reserves) में भारी कमी आ सकती है.

रायटर्स द्वारा कराये गए पोल में ये बातें सामने आई है. एक साल पहले आरबीआई के पास 642 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा भंडार हुआ करता था. अब इसमें 100 अरब डॉलर की कमी आ गई है और ये 545 अरब डॉलर केवल रह मुफ्त विदेशी मुद्रा सिग्नल गया है. वहीं रायटर्स पोल के मुताबिक विदेशी मुफ्त विदेशी मुद्रा सिग्नल मुद्रा भंडार घटकर 523 अरब डॉलर तक आ सकता है यानि मौजूदा लेवल से 22 अरब डॉलर की और कमी आ सकती है. पोल में हिस्सा लेने वालों का मानना है कि विदेशी मुद्रा भंडार 500 से 540 अरब डॉलर के बीच रह सकता है.

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