शेयर बाजार में भारी गिरावट, सेंसेक्स 1,046 अंक लुढ़का, निफ्टी 15,360.60 अंक पर हुआ बंद

मुंबई। घरेलू शेयर बाजारों में बृहस्पतिवार को लगातार पांचवें कारोबारी सत्र में गिरावट रही और बीएसई सेंसेक्स 1,045.60 अंक लुढ़क गया। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर में 0.75 प्रतिशत की वृद्धि के बाद वैश्विक बाजारों में नरमी रही जिसका असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा। बाजार में बिकवाली चौतरफा रही। गिरावट में ज्यादातर योगदान …

मुंबई। घरेलू शेयर बाजारों में बृहस्पतिवार को लगातार पांचवें कारोबारी सत्र में गिरावट रही और बीएसई सेंसेक्स 1,045.60 अंक लुढ़क गया। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर में 0.75 प्रतिशत की वृद्धि के बाद वैश्विक बाजारों में नरमी रही जिसका असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा। बाजार में बिकवाली चौतरफा रही। गिरावट में ज्यादातर योगदान सूचकांक में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाले रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी लि. और एचडीएफसी बैंक के शेयरों का रहा।

सुबह के कारोबार में अच्छी शुरुआत के बावजूद बीएसई मानक सूचकांक लाभ को बाजार के अनुरूप रहें कायम रखने में विफल रहा और 1,045.60 अंक यानी 1.99 प्रतिशत की गिरावट के साथ 51,495.79 अंक पर बंद हुआ। बाजार में लगातार पांचवें कारोबारी सत्र में गिरावट रही। कारोबार के दौरान यह 1,115.91 अंक तक लुढ़क गया था। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 331.55 अंक यानी 2.11 प्रतिशत की गिरावट के साथ 15,360.60 अंक पर बंद हुआ।

सेंसेक्स के शेयरों में टाटा स्टील, टेक महिंद्रा, इंडसइंड बैंक, विप्रो, भारती एयरटेल, बजाज फाइनेंस, कोटक महिंद्रा बैंक और एनटीपीसी सर्वाधिक नुकसान में रहे। एकमात्र नेस्ले इंडिया का शेयर लाभ में रहा। एशिया के अन्य बाजारों में चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में जबकि जापान का निक्की और दक्षिण कोरिया का कॉस्पी मामूली बढ़त में रहे। यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर के कारोबार में तेज गिरावट का रुख था।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, फेडरल रिजर्व का नीतिगत दर में वृद्धि का निर्णय उम्मीद के अनुरूप था। इसीलिए शुरुआती कारोबार में बाजार में बढ़त रही। लेकिन मंदी की आशंका ने वैश्विक धारणा को प्रभावित किया।’’ इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.66 प्रतिशत की गिरावट के साथ 117.68 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने बुधवार को 3,531.15 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।

सरकार लघु बचत दरों पर घटा सकती है ब्याज दर

सरकार पीपीएफ और डाकघर जमा पर ब्याज दर कम कर सकती है, ताकि उन्हें बाजार दरों के अनुरूप लाया जा सके. सूत्रों ने कहा कि लघु बचत योजना पर ब्याज दर बाजार के अनुरूप रहें नीचे आ सकती है.

लघु बचत दरों पर घट सकती है ब्याज दर

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 30 सितंबर 2015,
  • (अपडेटेड 30 सितंबर 2015, 2:08 AM IST)

सरकार पीपीएफ और डाकघर जमा पर ब्याज दर कम कर सकती है, ताकि उन्हें बाजार दरों के अनुरूप लाया जा सके. सूत्रों ने कहा कि लघु बचत योजना पर ब्याज दर नीचे आ सकती है.

सरकार लघु बचत दरों की करेगी समीक्षा
सूत्रों के अनुसार बाजार के अनुरूप रहें वित्त मंत्रालय की समीक्षा में ब्याज दर में कटौती की मात्रा और समय के बाजार के अनुरूप रहें बाजार के अनुरूप रहें बारे में निर्णय किया जाएगा. इससे पहले, दिन में आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा, ‘ दरों का लाभ आगे पहुंचाए जाने के मामले में यह फैसला किया गया है कि सरकार लघु बचत दरों की भी समीक्षा करेगी.’

बैंक भी करते रहें हैं मांग
रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दर में 0.5 प्रतिशत की कटौती के बाद उन्होंने कहा, ‘ लघु बचत योजनाओं की समीक्षा की जाएगी, लेकिन ऐसा करते हुए छोटी बचत करने वालों के हितों को भी ध्यान में रखा जाएगा.’ बैंक सरकार की लघु बचत योजनाओं में ब्याज दरें कम किए जाने की मांग करते रहे हैं. इन योजनाओं में ऊंची दर के चलते बैंकों की सावधि जमायें प्रतिस्पर्धी नहीं रह पा रही हैं.

लघु बचत जमाओं पर 8.7 से 9.3 प्रतिशत के बीच बेहतर ब्याज दर के मद्देनजर बैंक, आरबीआई की नीतिगत दर में कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने से कतराते रहे हैं क्योंकि वे अपनी जमाओं पर ब्याज दरें प्रतिस्पर्धी और आकषर्क रखना चाहते हैं.

रिजर्व बैंक ने की 0.50 प्रतिशत की कटौती
उल्लेखनीय है कि अत्यधिक सरल नकदी स्थितियों के बावजूद बैंकों की आधार दरें केवल बाजार के अनुरूप रहें करीब 0.30 प्रतिशत ही नीचे आ पाई हैं. वहीं दूसरी ओर रिजर्व बैंक जनवरी-जून की अवधि में नीतिगत दर में 0.75 प्रतिशत कटौती कर चुका है. अब उसने 0.50 प्रतिशत की कटौती कर दी है.

लघु बचत योजनाओं में डाक घर मासिक आय योजना, लोक भविष्य निधि, डाक घर सावधि जमा, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, डाक घर बचत खाता और सुकन्या समृद्धि खाता शामिल है.

बाजार के अनुरूप रहें

हम निजी स्वामित्व वाली कंपनी थॉर्निको का हिस्सा हैं - बाजार के अनुरूप रहें विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों में 150 से अधिक कंपनियों के वैश्विक नेटवर्क के साथ। इस समूह में दुनिया भर में कंपनियां, सहायक कंपनियां, कारखाने और बिक्री कार्यालय शामिल हैं, जो बाजारों और उद्योगों के बीच और बीच में व्यापार करते हैं।

थॉर्निको - एक परिवार के स्वामित्व वाला समूह

थॉर्निको में सात अलग-अलग व्यावसायिक क्षेत्रों, अर्थात् खाद्य, खाद्य प्रौद्योगिकी, पैकेजिंग, खेल और फैशन, शिपिंग, रियल एस्टेट और उद्यम में शामिल वास्तव में विविध व्यापार पोर्टफोलियो में काम करने वाली कंपनियों का एक वैश्विक समूह शामिल है।

थॉर्निको ने सहस्राब्दी के आसपास अपना रूप लिया, जहां पिता और पुत्र, थोर और क्रिश्चियन स्टैडिल ने शुरू किया, जो आज एक अरब डॉलर का समूह बन गया है। समूह में नई कंपनियों को जोड़ने और मौजूदा व्यवसायों का विस्तार करने के लिए, थॉर्निको ने विविध व्यापार पोर्टफोलियो की ताकत का उपयोग किया है।

थॉर्निको की कंपनियों के विस्तृत चयन ने अद्वितीय बाजार अंतर्दृष्टि और उद्योग ज्ञान दिया है, जो दुनिया भर के व्यवसायों के बीच तालमेल बनाने का लाभ उठाता है। उनका दृष्टिकोण स्थानीय बाजार के अनुरूप है और जब वे गतिविधियों में संलग्न होते हैं तो इसे हमेशा सम्मानजनक तरीके से किया जाता है और किसी भी सांस्कृतिक अंतर के अनुकूल होने का प्रयास किया जाता है।

सरकार लघु बचत दरों पर घटा सकती है ब्याज दर

सरकार पीपीएफ और डाकघर जमा पर ब्याज दर कम कर सकती है, ताकि उन्हें बाजार दरों के अनुरूप लाया जा सके. सूत्रों ने कहा कि लघु बचत योजना पर ब्याज दर नीचे आ सकती है.

लघु बचत दरों पर घट सकती है ब्याज दर

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 30 सितंबर 2015,
  • (अपडेटेड 30 सितंबर 2015, 2:08 AM IST)

सरकार पीपीएफ और डाकघर जमा पर ब्याज दर कम कर सकती है, ताकि उन्हें बाजार दरों के अनुरूप लाया जा सके. सूत्रों ने कहा कि लघु बचत योजना पर ब्याज दर नीचे आ सकती है.

सरकार लघु बचत दरों की करेगी समीक्षा
सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्रालय की समीक्षा में ब्याज दर में कटौती की मात्रा और समय के बारे में निर्णय किया जाएगा. इससे पहले, दिन में आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा, ‘ दरों का लाभ आगे पहुंचाए जाने के मामले में यह फैसला किया गया है कि सरकार लघु बचत दरों की भी समीक्षा करेगी.’

बैंक भी करते रहें हैं मांग
रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दर में 0.5 प्रतिशत की कटौती के बाद उन्होंने कहा, ‘ लघु बचत योजनाओं की समीक्षा की जाएगी, लेकिन ऐसा करते हुए छोटी बचत करने वालों के हितों को भी ध्यान में रखा जाएगा.’ बैंक सरकार की लघु बचत योजनाओं में ब्याज दरें कम किए जाने की मांग करते रहे हैं. इन योजनाओं में ऊंची दर के चलते बैंकों की सावधि जमायें प्रतिस्पर्धी नहीं रह पा रही हैं.

लघु बचत जमाओं पर 8.7 से 9.3 प्रतिशत के बीच बेहतर ब्याज दर के मद्देनजर बैंक, आरबीआई की नीतिगत दर में कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों बाजार के अनुरूप रहें तक पहुंचाने से कतराते रहे हैं क्योंकि वे अपनी जमाओं पर ब्याज दरें प्रतिस्पर्धी और आकषर्क रखना चाहते हैं.

रिजर्व बैंक ने की 0.50 प्रतिशत की कटौती
उल्लेखनीय है कि अत्यधिक सरल नकदी स्थितियों के बावजूद बैंकों की आधार दरें केवल करीब 0.30 प्रतिशत ही नीचे आ पाई हैं. वहीं दूसरी ओर रिजर्व बैंक जनवरी-जून की अवधि में नीतिगत दर में 0.75 प्रतिशत कटौती कर चुका है. अब उसने 0.50 प्रतिशत की कटौती कर दी है.

लघु बचत योजनाओं में डाक घर मासिक आय योजना, लोक भविष्य निधि, डाक घर सावधि जमा, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, डाक घर बचत खाता और सुकन्या समृद्धि खाता शामिल है.

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