एल्गो ट्रेडिंग क्या है, जिसमें किया जा रहा हाई रिटर्न का दावा

स्टॉक मार्केट सीखें !– शेयर मार्केट कैसे काम करता है?

कुछ शताब्दियों पहले, लोग अपने पैसे से व्यवसाय चलाते थे। उनके व्यवसाय छोटे थे और जब भी उन्होंने अपने परिचालन के पैमाने को बढ़ाया, उन्होंने केवल अपने पैसे से किया। परन्तु यह शेयर मार्केट क्या है और यह कैसे काम करता है?

सभी व्यवसाय मालिकों के लिए अपने स्वयं के पैसे से कारखानों और उद्योगों का निर्माण करना संभव नहीं था।

यहां तक ​​कि बैंकों ने भी नए कंपनियों को बड़ी मात्रा में पूंजी उधार नहीं दी, जो कि अपने कारोबार को शुरू करने या बढ़ाने के लिए आवश्यक थी।

इस प्रकार 17 वीं शताब्दी की शुरुआत में, जब ट्रेडिंग कंपनियां एशिया और अमेरिका के नए खोजे गए महाद्वीपों की खोज कर रही थीं, तो उन्हें बड़ी मात्रा में धन की आवश्यकता थी जो उनके राजा प्रदान करने में असमर्थ थे।

उनके देश के अमीर लोग धन उधार देने के लिए तैयार थे, लेकिन उन्होंने भारी ब्याज की मांग की।

इसलिए, 1602 में, डच ईस्ट इंडिया कंपनी ने आम लोगों से अपनी पूंजी बढ़ाने का फैसला किया और एम्स्टर्डम स्टॉक एक्सचेंज में अपने शेयर जारी करने वाली पहली कंपनी बनी।

स्टॉक क्या है?

सरल शब्दों में, एक स्टॉक एक कंपनी में एक पार्ट ओनरशिप है। यह निवेश की गई पूंजी के बदले में कंपनी का हिस्सा प्रदान करता है।

उदाहरण के लिए, यदि किसी कंपनी के कुल 1,00,000 शेयर हैं और आप कंपनी का 1 हिस्सा खरीदते हैं, तो आपके पास कंपनी का 1 / 1,00,000 वां ओनरशिप है।

स्टॉक एक्सचेंज या शेयर मार्केट क्या है?

स्टॉक एक्सचेंज एक ऐसा बाजार है जहां स्टॉक और अन्य वित्तीय साधनों के आदान-प्रदान की सुविधा होती है।

एक्सचेंज स्टॉक ब्रोकरों और ट्रेडर्स को स्टॉक खरीदने या बेचने के लिए सेवाएं प्रदान करता है

जो कंपनियां जनता से पूंजी उत्पन्न करने की इच्छुक हैं, वे स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध हो जाती हैं।

कंपनियों को एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने के लिए डॉक्यूमेंटेशन और शुल्क आवश्यकताओं को पूरा करना होगा ताकि उनके शेयर खरीदने और बेचने के लिए आम जनता के Stock Market कैसे काम करता है लिए उपलब्ध हों।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज(BSE): भारत के स्टॉक मार्केट्स में अधिकांश ट्रेडिंग अपने इन मुख्य स्टॉक एक्सचेंजों के माध्यम से होती है।

स्टॉक मार्केट के प्रकार

शेयर बाजार के शब्दजाल में, “बाजार” शब्द के कई अलग-अलग अर्थ हो सकते हैं, लेकिन अक्सर प्राइमरी बाजार और सेकेंडरी बाजार दोनों को निरूपित करने के लिए एक सामान्य शब्द का उपयोग किया जाता है।

प्राइमरी बाजार – यह वह जगह है जहां कंपनियां पहली बार अपनी प्रतिभूतियों को जारी करती हैं।

सेकेंडरी बाजार – सेकेंडरी बाजारयह वह स्थान है जहाँ प्रतिभूतियाँ बनाई जाती हैं और कंपनी का प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (IPO) पहली बार लोगों को उपलब्ध कराया जाता है।

Explainer : शेयर मार्केट में गारंटीड और हाई रिटर्न के दावे! जानिए क्या है Algo Trading और कैसे करती है काम

What is Algo Trading : एल्गो ट्रेडिंग को ऑटोमेटेड ट्रेडिंग, प्रोग्राम्ड ट्रेडिंग या ब्लैक बॉक्स ट्रेडिंग भी कहते हैं। एल्गो नाम एल्गोरिदम (Algorithm) से निकला है। यह एक कंप्यूटर प्रोग्राम के जरिए होती है, जो ट्रेड करने के लिए तय निर्देशों (एक एल्गोरिदम) को फॉलो करता है। माना जाता है कि इसमें काफी तेजी से और अधिक बार प्रोफिट जनरेट होता है।

What is Algo Trading

एल्गो ट्रेडिंग क्या है, जिसमें किया जा रहा हाई रिटर्न का दावा

हाइलाइट्स

  • इसे ऑटोमेटेड ट्रेडिंग, प्रोग्राम्ड ट्रेडिंग या ब्लैक बॉक्स ट्रेडिंग भी कहते हैं
  • भारत में तेजी से लोकप्रिय हो रही है एल्गो Stock Market कैसे काम करता है ट्रेडिंग
  • ट्रेडिंग एक्टिविटीज को भावनाओं से रखती है दूर
  • बेस्ट पॉसिबल प्राइसेज पर पूरे होते हैं ट्रेड

1. बेस्ट पॉसिबल प्राइसेज पर ट्रेड पूरे होते हैं।
2. चाहे गए स्तरों पर ट्रेड ऑर्डर प्लेसमेंट तत्काल और सटीक होता है।
3. कीमतों में होने वाले बदलाव से बचने के लिए ट्रेड्स समय पर और तुरंत हो जाते हैं।
4. लेनदेन की लागत में कमी आती है।
5. कई बाजार स्थितियों पर एक साथ ऑटोमेटिक रूप से नजर बनाई जा सकती है।
6. ट्रेड्स प्लेस करते समय गलती की गुंजाइश का जोखिम काफी कम हो जाता है।
7. उपलब्ध ऐतिहासिक और रियल-टाइम डेटा का उपयोग करके एल्गो ट्रेडिंग का बैकटेस्ट किया जा सकता है। इससे यह पता लगाया जा सकता है कि यह एक व्यवहार्य ट्रेडिंग रणनीति है या नहीं।
8. ह्यूमन ट्रेडिंग में होने वाली भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक आधारित गलतियों की गुंजाइश नहीं रहती।
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सेबी ने जारी किये दिशानिर्देश

पूंजी बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने हाल ही में निवेशकों को एल्गो ट्रेडिंग से जुड़ी सेवाएं देने वाले ब्रोकर्स के लिये दिशानिर्देश जारी किए हैं। इस पहल का उद्देश्य ‘उच्च रिटर्न’ का दावा कर शेयर बिक्री पर रोक लगाना है। सेबी ने एल्गो ट्रेडिंग की सुविधा दे रहे ब्रोकर्स के लिए कुछ जिम्मेदारी तय की है। एल्गोरिदम ट्रेडिंग सेवाएं देने वाले ब्रोकरों को पिछले या भविष्य के रिटर्न को लेकर कोई भी संदर्भ देने से मना किया गया है। साथ ही ऐसे किसी भी प्लेटफॉर्म से जुड़े होने से प्रतिबंधित कर दिया गया है, जो एल्गोरिदम के पिछले या भविष्य के लाभ के बारे में कोई संदर्भ देता है। सेबी के सर्कुलर में कहा गया, ‘‘जो शेयर ब्रोकर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से एल्गोरिदम के पिछले या भविष्य के रिटर्न या प्रदर्शन के बारे में जानकारी देते हैं या इस प्रकार की जानकारी देने वाले मंच से जुड़े हैं, वे सात दिन के भीतर उसे वेबसाइट से हटा देंगे। साथ ही इस तरह के संदर्भ प्रदान करने वाले मंच से खुद को अलग कर लेंगे।

एल्गो ट्रेडिंग गारंटीड रिटर्न देती है, यह धारणा गलत

ट्विटर पर जेरोधा के Stock Market कैसे काम करता है को-फाउंडर नितिन कामत ने लिखा, “मुझे लगता है कि SEBI ने ऐसा इसलिए किया है, क्योंकि इस तरह के प्लेटफॉर्म ग्राहकों को लुभाने के लिए बैक-टेस्टिंग के जरिए असाधारण रिटर्न का लालच दे रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा, “एक धारणा गलत है कि एल्गो ट्रेडिंग गारंटीड रिटर्न देती हैं। ऐसी रणनीतियां (Strategies) खोजना जो लाभदायक प्रतीत होने के लिए अधिक बार ट्रेड करती हैं, कठिन नहीं है। लेकिन लगभग सभी मामलों में, हाई रिटर्न में तेजी से गिरावट आती है या एक बार जब आप इस पर होने वाली लागतों का हिसाब लगाते हैं तो रिटर्न दिखता ही नहीं।”

Bombay Stock Exchange- बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) क्या है?
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) भारत का पहला और सबसे बड़ा सिक्योरिटी मार्केट है। इसकी स्थापना 1875 में नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन के रूप में हुई थी। मुंबई स्थित बीएसई में लगभग 6,000 कंपनियां सूचीबद्ध हैं और एनवाईएसई, नास्दक, लंदन स्टॉक एक्सचेंज ग्रुप, जापान एक्सचेंज ग्रुप और शंघाई स्टॉक एक्सचेंज के साथ यह दुनिया के सबसे बड़े एक्सचेंजों में से एक है। निवेश पूंजी जुटाने के लिए भारतीय कॉरपोरेट क्षेत्र के लिए कारगर मंच उपलब्ध कराकर, भारतीय पूंजी बाजार के विकास में बीएसई की मुख्य भूमिका रही है।

बीएसई इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्रणाली के लिए जाना जाता है, जो तेज और प्रभावी ट्रेड एक्सीक्यूशन उपलब्ध कराता है। बीएसई निवेशकों को इक्विटीज, करेंसीज, डेट इंस्ट्रूमेंट्स, डेरिवेटिव्स और म्युचुअल फंड्स में ट्रेड करने Stock Market कैसे काम करता है में सक्षम बनाता है। बीएसई रिस्क मैनेजमेंट, क्लीयरिंग, सेटलमेंट और निवेशक शिक्षा जैसी अन्य महत्वपूर्ण पूंजी बाजार ट्रेडिंग सेवाएं भी प्रदान करता है।

बीएसई किस प्रकार काम करता है?
1995 में, बीएसई ओपेन-फ्लोर से एक इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्रणाली में तब्दील हो गया। आज इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्रणाली का कुल मिला कर पूरी फाइनेंशियल इंडस्ट्री पर दबदबा है, जो कम गलतियों, त्वरित निष्पादन और पारंपरिक ओपन-आउटक्राई ट्रेडिंग प्रणालियों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करता है। बीएसई जो सिक्योरिटीज सूचीबद्ध करता है, उनमें स्टॉक्स, स्टॉक फ्यूचर्स, स्टॉक ऑप्शंस, इंडेक्स ऑप्शंस और वीकली ऑप्शंस शामिल हैं। बीएसई के समग्र प्रदर्शन की माप सेंसेक्स द्वारा की जाती है, जो 12 सेक्टरों को कवर करते हुए बीएसई का सबसे बड़ा और सर्वाधिक सक्रिय ट्रेडेड स्टॉक्स है। सेंसेक्स की शुरुआत 1986 में हुई और यह भारत का सबसे पुराना स्टॉक इंडेक्स है। इसे ‘बीएसई 30' भी कहा जाता है और यह इंडेक्स व्यापक रूप से भारत के पूरे मार्केट कंपोजिशन का प्रतिनिधित्व करता है।

दलाल स्ट्रीट पर स्थित

बॉम्बे स्टाक एक्सचेंज मुंबई के उपनगर दलाल स्ट्रीट में स्थित है। 1850 के दशक में, स्टॉकब्रोकर मुंबई टाऊनहॉल के सामने एक बरगद के पेड़ के नीचे व्यवसाय का संचालन करते थे। कुछ दशकों तक विभिन्न बैठक स्थलों के बाद औपचारिक रूप से 1874 में दलाल स्ट्रीट का नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन की जगह के रूप में चयन कर लिया गया।

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