गोल्ड में कैसे 3 अलग-अलग तरीकों से इन्वेस्ट करें?

दिवाली की शुरुआत मानी जाने वाली धनतेरस धन और समृद्धि का उत्सव है। दशकों से, भारतीय इस दिन अपने स्थानीय ज्वैलर्स से सोना खरीदने के लिए जाते हैं। यह गोल्ड की खरीद के लिए साल का सबसे शुभ दिन माना जाता है, यही वजह है कि आपको ज्वेलरी की दुकानों पर महिलाओं की भारी भीड़ देखी जाती हैं, जिनमें पुरुष भी पीछे नहीं हैं।

हालांकि, समय बदल रहा हैं। इन दिनों सोना खरीदने के कई तरीके हैं, खासकर अगर आप इसे निवेश के नजरिए से देख रहे हैं। तो यहां इस धनतेरस पर सोना खरीदने के तीन गैर-पारंपरिक तरीके बताए गए हैं, जो भविष्य में आपके लिए लाभदायक साबित होंगे:

गोल्ड का सिक्का और बार

परंपरागत रूप से, लोगों ने हमेशा किसी अन्य क़ीमती सामान की तुलना में गोल्ड के ज्वैलरी खरीदना पसंद किया है। हालांकि, गहनों में इस्तेमाल किया जाने वाला सोना कभी भी 100% शुद्ध नहीं होता है और इसमें मेकिंग चार्ज भी शामिल होता है। अगर आप किसी आपात स्थिति में अपने ज्वैलरी बेचने का फैसला लेते हैं तो यह फायदेमंद नहीं हो सकता है।

गोल्ड के सिक्कों और बार में निवेश करना पूरी तरह से सोना खरीदने का एक गैर-पारंपरिक तरीका नहीं है क्योंकि यह अभी भी फिजिकल गोल्ड है। लेकिन यह निश्चित रूप से एक बेहतर विकल्प है क्योंकि शुद्धता का स्तर 99.5% या उससे अधिक है और ये सिक्के और बार बीआईएस हॉलमार्क के साथ आते हैं।

गोल्ड ईटीएफ

गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) ओपन-एंडेड म्यूचुअल फंड हैं जो गोल्ड की बदलती कीमतों पर निर्भर करता हैं। इनमें इन्वेस्ट करने से आपको दोहरी लाभ मिलती है क्योंकि आप न केवल गोल्ड में इन्वेस्ट कर रहे हैं बल्किआपको स्टॉक्स में ट्रेडिंग का मौका भी मिल रहा हैं।

इन्वेस्ट कम जोखिम और जो लोग अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाना चाहते है, उन लोगों के लिए आदर्श हैं। आप ऑनलाइन गोल्ड ईटीएफ खरीद सकते हैं क्योंकि वे बहुत लचीले हैं और आप आसानी से प्रवेश और बाहर निकल सकते हैं। इन्वेस्ट की जरूरत भी बहुत कम है; आप कम से कम एक ग्राम गोल्ड के साथ शुरु कर सकते हैं।

गोल्ड बांड
गोल्ड बॉन्ड फिजिकल गोल्ड के एक सुरक्षित विकल्प के रूप में वे लागत और भंडारण के जोखिम को खत्म कर रहा हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा सरकार की ओर से जारी किए गए ये ऐसी प्रतिभूतियां हैं जिनकी गणना गोल्ड के वजन के आधार पर की जाती है। बांड में उल्लिखित वजन डीमैट और कागज के रूप में, उस मात्रा में गोल्ड को खरीदने और रखने के समान हैं।

अगर आपके पास तत्काल फंड नहीं है, लेकिन अभी भी गोल्ड में इन्वेस्ट करना चाहते हैं, तो आप गोल्ड फ्यूचर्स में इन्वेस्ट कर सकते हैं। यह आपको एक निश्चित तिथि पर पहले से निर्धारित मूल्य पर गोल्ड की एक निर्धारित मात्रा खरीदने की अनुमति देता है। आपको केवल कैश डिपाजिट करके ब्रोकर के माध्यम से फ्यूचर्स अनुबंध की व्यवस्था करने की आवश्यकता हैं।

एचडीएफसी बैंक आपको इस धनतेरस पर गोल्ड में इन्वेस्ट करने के दो तरीके ऑफर कर रहा है। पहला है भारतीय गोल्ड का सिक्का, जो बीआईएस हॉलमार्क के साथ आता है और सरकार द्वारा प्रचारित यह पहली पेशकश है। दूसरा विकल्प है मुद्रा गोल्ड बार, जो विशेष रूप से स्विट्जरलैंड से आयात किया जाता है।

दोनों परख प्रमाणन के साथ आते हैं, जिसे गोल्ड की शुद्धता के लिए एक मानक के रूप में विश्व स्तर पर स्वीकार किया जाता है। वे चुनिंदा शहरों में उपलब्ध हैं और कई सुरक्षा सुविधाओं के साथ आते हैं जो छेड़छाड़ की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ते हैं। एचडीएफसी बैंक उन कुछ बैंकों में से एक है जिन्हें भारत में अपने ग्राहकों को सोना के आयात और बिक्री के लिए आरबीआई से मंजूरी मिली है।

एचडीएफसी बैंक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड एक अन्य विकल्प है। ये प्रति वर्ष 2.5% की सुनिश्चित ब्याज दर प्रदान करते हैं। आप नेट बैंकिंग और अपने एचडीएफसी बैंक डीमैट अकाउंट के माध्यम से आसानी से इन्वेस्ट का आनंद ले सकते हैं। बांड का कार्यकाल आठ साल का होता है, जिसमें पांचवें साल से एग्जिट का विकल्प शुरू होता है। सरकार द्वारा जारी, वे स्टॉक एक्सचेंज पर व्यापार योग्य हैं। उन पर टीडीएस लागू नहीं होता है और उन्हें ऋण के लिए डिपॉजिट के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। एचडीएफसी बैंक गोल्ड ईटीएफ में भी डील करता है।

इसलिए, आगे बढ़िए और इस धनतेरस पर कुछ अलग करें। लेकिन अपने जीवन में गोल्ड के ग्लैमर और चमक को जोड़ना न भूलें!

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Gold में इन 3 तरीकों से करेंगे निवेश तो होगा तगड़ा मुनाफा, जानें आपके लिए कौन सा सही रहेगा?

सोने को इन्वेस्टमेंट के लिए बेहतर विकल्प माना जाता है. अभी सोने में निवेश करने का अच्छा समय है क्योंकि इस समय सोने के दाम पिछले 4 महीनों के मुताबिक सबसे कम हैं. हम आपको सोने में निवेश करने के सबसे बेहतरीन उपाय बताने जा रहे हैं.

  • अगले कुछ सालों में बढ़ेंगे सोने के दाम
  • सोने में निवेश करने का ये है सही समय
  • इन तरीकों से कर सकते हैं सोने की खरीदारी

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Gold में इन 3 तरीकों से करेंगे निवेश तो होगा तगड़ा मुनाफा, जानें आपके लिए कौन सा सही रहेगा?

नई दिल्ली: निवेश के लिए गोल्ड को हमेशा से बेहतर एसेट (Gold investment) माना जाता रहा है. पिछले कुछ सालों में सोना (Gold) दुनिया भर में निवेशकों के लिए सुरक्षित विकल्प के तौर पर उभरा है. भारतीय सोने में हर तरीके से निवेश ( Best way to gold investment) करना चाहते हैं, ऐसे में अगर आप भी सोने में निवेश की योजना बना सोने में निवेश कैसे करें रहे हैं, तो यह समय अच्छा हो सकता है. इस समय सोने की कीमतें (Gold price) चार महीने के निचले स्तर पर हैं और लॉन्ग टर्म के लिए सोने में काफी सकारात्मक रुख है. मार्केट एक्सपर्ट भी सोने में निवेश की सलाह दे रहे हैं.

जानिए क्यों करना चाहिए सोने में निवेश?

बता दें कि सोने में वह सभी गुण हैं, जो एक पारंपरिक निवेशक एसेट क्लास में देखता है. गोल्ड पर मिलने वाला निवेश हमेशा से महंगाई को हराने में कामयाब रहा है. वहीं, दूसरी तरफ अगर फ्यूचर में कभी इमरजेंसी आती है और पैसों की जरूरत पड़ती है तो इस मामले में आप सोने के निवेश पर भरोसा कर सकते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इसे आप जल्दी से बाजार में बेच सकते हैं.

कमोडिटी विशेषज्ञों के अनुसार, अगले कुछ साल में सोना 55 हजार से 60 हजार की रेंज में पहुंच सकता है. खरीदारी के लिए 45,000 से 47,000 का स्तर काफी अच्छा है. ऐसे में सोने में निवेश आपको फायदा पहुंचा सकता है. तो आइए हम आपको बताते हैं कि सोना खरीदने या निवेश करने के लिए 3 बेस्ट ऑप्शन कौन-से हैं-

1.फिजिकल गोल्ड खरीदना (Physical Gold)

ग्राहक किसी भी ज्वेलरी शॉप में जाकर फिजिकल गोल्ड खरीद सकते हैं. सोने की शुद्धता के लिए ग्राहक को सरकार द्वारा तय मानकों का ध्यान रखना चाहिए. फिजिकल गोल्ड खरीदने का एक नुकसान यह है कि इसके चोरी होने का डर लगा रहता हैं. वहीं, अगर आप इसे बैंक लॉकर में रखते हो, तो आपको इसके लिए भुगतान करना होगा. देश में अधिकांश लोग फिजिकल गोल्ड ही खरीदना पसंद करते हैं.

2. गोल्ड ETF में निवेश करना

आप गोल्ड ETF में भी निवेश कर सकते हैं. गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) एक ऐसा निवेश है, जिसका इस्तेमाल छोटी और लंबी दोनों अवधियों के वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है. ईटीएफ जो सोने में निवेश करते हैं उनमें जोखिम नहीं होता और न ही स्टोरेज की आवश्यकता होती.

3. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में करें निवेश

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) सरकार द्वारा जारी किया जाता है. इसलिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की गारंटी होती है. Sovereign Gold Bond का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह शुरुआती निवेश की राशि पर सालाना 2.50 फीसद की एक निश्चित ब्याज दर के साथ आता है. ये ब्याज निवेशक के बैंक खाते में छमाही आधार पर जमा होता है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेशक मैच्योरिटी के समय की सोने की बाजार कीमत मिलने और आवधिक ब्याज के बारे में आश्वस्त होते हैं. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की कीमत 999 शुद्धता वाले सोने की कीमत से लिंक्ड होती है और ये एक्सचेंजों पर ट्रेडेबल होते हैं.

सोने में निवेश के अन्य विकल्प‌‌

डिजिटल गोल्‍ड (Digital Gold)- यह ऑनलाइन प्‍लेटफॉर्म के जरिये सोने में निवेश का एक तरीका है. इसे फिजिकल गोल्‍ड के तौर पर भुनाया जा सकता है या वेंडर को दोबारा बेचा भी जा सकता है.

गोल्ड म्यूचुअल फंड (Gold Mutual Fund)- यह सोने में निवेश का एक सुरक्षित विकल्प है. यहां ग्राहक को अधिक रिटर्न मिलता है.

सोने में निवेश करना चाहते हैं? जानिए क्‍यों गोल्‍ड बॉन्‍ड है अच्‍छा विकल्‍प

गोल्‍ड को अभी कैसे होल्‍ड करें?

भारतीयों के लिए सोना खरीदना परंपरा का हिस्‍सा रहा है. बहुत बड़ी इमर्जेंसी को छोड़कर इसे कभी नहीं बेचा जाता है. यह एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी के पास जाता रहता है. हालांकि, फाइनेंशियल प्‍लानिंग के लिहाज से इसे अच्‍छा नहीं कहा जा सकता है. खासतौर से तब जब हमने 2020 में सोने में जोरदार तेजी का दौर देखा है. इसके पीछे कई कारण रहे. ये शायद आगे जल्‍दी न दिखें. अगर आप 2021 में सोने में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं तो यहां जानते हैं कि आपको इसे लेकर कैसे आगे बढ़ना चाहिए.

पुराना प्रदर्शन दोहराने की न करें अपेक्षा

पुराना प्रदर्शन दोहराने की न करें अपेक्षा

जिन कारणों से पिछले साल सोने में तेजी आई उनमें अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड वॉर, भारी प्रोत्‍साहन पैकेज इत्‍यादि शामिल थे. कोविड-19 से शेयर बाजारों को नुकसान हुआ. चूंक‍ि सोने और शेयर बाजार में उलटा संबंध होता है. लिहाजा, पीली धातु की चमक और बढ़ी. ये सभी बातें शायद जल्‍द न दोहराएं. रुपये की कीमत का घटना भी भारतीयों के सोना खरीदने की एक और वजह है.

​रीबैलेंस करने का समय

​रीबैलेंस करने का समय

सोना 2020 में पहले सोने में निवेश कैसे करें ही बहुत चढ़ चुका है. इसलिए एक्‍सपर्ट्स का मानना है कि इसमें बहुत बढ़त की गुंजाईश सीमित है. 2020 की तेजी ने गोल्‍ड के एलोकेशन को पहले से तय स्‍तर से कहीं ज्‍यादा बढ़ा दिया होगा. ऐसे में अच्‍छा होगा कि पोर्टफोलियो में इसे दोबारा बैलेंस किया जाए. जानकारों का कहना है कि गोल्‍ड से पूरी तरह निकलना सही रणनीति नहीं होगी. लेकिन, पोर्टफोलियो में इसका एलोकेशन 10 फीसदी रखना सही होगा. कारण है कि गोल्‍ड डायवर्सिफिकेशन का अच्‍छा टूल है.

​होल्‍ड‍िंग को सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड की तरफ शिफ्ट करें

​होल्‍ड‍िंग को सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड की तरफ शिफ्ट करें

एक और स्‍मार्ट मूव अपनी गोल्‍ड होल्डिंग को सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड की तरफ ले जाना होगा. इन बॉन्‍डों की तीन मुख्‍य विशेषताएं हैं. पहला, इन पर 2.5 फीसदी ब्‍याज मिलता है. एक्‍सपर्ट कहते हैं कि पहले गोल्‍ड बॉन्‍ड पर 2.5 फीसदी ब्‍याज लिक्विड फंडों के रिटर्न का आधा होता था. लेकिन, डेट रेट घटने के साथ अब दोनों करीब-करीब बराबर पहुंच गए हैं. इंवेस्‍टर्स गोल्‍ड ईटीएफ से गोल्‍ड बॉन्‍ड में भी शिफ्ट कर सकते हैं. कारण है कि गोल्‍ड बॉन्‍ड के उलट गोल्‍ड ईटीएफ एसेट मैनेजमेंट फीस के तौर पर सालाना 0.50-0.80 फीसदी तक चार्ज करते हैं. यह गोल्‍ड बॉन्‍डों के साथ एक बड़ा फायदा है. इनका एक और फायदा यह है कि मैच्‍योरिटी पर कैपिटल गेंस टैक्‍स फ्री है.

Web Title : want to invest in gold? know why gold bond is a good choice
Hindi News from Economic Times, TIL Network

सोने में कैसे करें निवेश: ज्वेलरी नहीं है अच्छा विकल्प, जानिए सोने में निवेश के 4 बेहतरीन तरीके, कम पैसे में ऐसे करें शुरुआत

निकिता ने अपनी सेविंग्स से 20 ग्राम सोने का हार बनवाया। उसने ये सोचकर सोने में निवेश किया था कि समय के साथ ये महंगा ही होगा। जरूरत पड़ने पर इसे बेच लेगी। लेकिन निकिता इस बात से अंजान है कि सोने के हार में उसे जीएसटी, मेकिंग चार्ज देना पड़ा था। साथ ही जब वो अपना हार बेचने जाएगी तो उसकी शुद्धता पर भी सवाल उठ सकते हैं। ऐसे में शायद ये हार पहले से कम दाम पर बिके।

निकिता जैसी कई महिलाएं सोने में निवेश के लिए ज्वेलरी का विकल्प चुनती हैं। लेकिन ये फायदे का सौदा नहीं है। सोने में निवेश के अन्य कई विकल्प भी हैं जहां आपको कम लागत में ज्यादा मुनाफा मिल सकता है। हम यहां आपको सोना खरीदने के 4 तरीके बताने जा रहे हैं.

1. गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (Gold ETF)

सोने को शेयरों की तरह खरीदने की सोने में निवेश कैसे करें सुविधा को गोल्ड ईटीएफ कहते हैं। यह म्यूचुअल फंड की स्कीम है। ये एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड हैं जिन्हें स्टॉक एक्सचेंजों पर खरीदा और बेचा जा सकता है। चूंकि गोल्ड ईटीएफ का बेंचमार्क स्पॉट गोल्ड की कीमतें है, आप इसे सोने की वास्तविक कीमत के करीब खरीद सकती हैं। गोल्ड ईटीएफ खरीदने के लिए आपके पास एक ट्रेडिंग डीमैट खाता होना चाहिए। इसमें सोने की खरीद यूनिट में की जाती है। इसे बेचने पर आपको सोना नहीं बल्कि उस समय के बाजार मूल्य के बराबर राशि मिलती है।

यह सोने में निवेश के सबसे सस्ते विकल्पों में से एक है। इन्हें शेयरों की तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के कैश मार्केट में खरीदा-बेचा जा सकता है। गोल्ड ईटीएफ की एक यूनिट एक ग्राम सोने के बराबर होती है। लेकिन गोल्ड ETF में कोई अपर लिमिट नहीं है। गोल्ड ETF में कोई लॉक इन पीरियड नहीं है।

2. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड

सोने में निवेश के कई विकल्प हो सकते हैं। मसलन- गहने, सोने के सिक्के, गोल्ड बुलियंस वगैरह। लेकिन इन सबमें सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड। इस सरकारी स्कीम में निवेश से रिस्क बेहद कम हो जाता है और आप बेफिक्र होकर रिटर्न हासिल कर सकती हैं। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को रिजर्व बैंक जारी करता है इसलिए इसकी शुद्धता को लेकर कोई झंझट नहीं होता।

गोल्ड बॉन्ड पर आपको सालाना 2.50% ब्याज मिलता है। गोल्ड बॉन्ड के मैच्योर होने पर उस वक्त बाजार में सोने की जो कीमत होती है, उस पर आप बेच सकती हैं। इसकी खासियत ये है कि फिजिकल सोने की तरह इसके स्टोरेज की चिंता नहीं करनी पड़ती है।

3. गोल्ड म्यूचुअल फंड

गोल्ड म्यूचुअल फंड गोल्ड ETF का ही एक प्रकार है। ये ऐसी योजना है जिसके जरिए मुख्य रूप से गोल्ड ETF में ही निवेश किया जाता है। गोल्ड म्यूचुअल फंड सीधे भौतिक सोने में निवेश की योजना नहीं है। हालांकि उसी स्थिति को अप्रत्यक्ष रूप से लेते हैं। गोल्ड म्यूचुअल फंड ओपन-एंडेड निवेश प्रोडक्ट है, जो गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Gold ETF) में निवेश करते हैं और उसका नेट एसेट वैल्यू (NAV) ETFs के प्रदर्शन से जुड़ा हुआ है।

आप मासिक SIP के माध्यम से 1,000 रुपए से कम के साथ गोल्ड म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू कर सकती हैं। इसके निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट की जरूरत नहीं होती है। आप किसी भी म्यूचुअल फंड हाउस के माध्यम से इसमें निवेश की शुरुआत कर सकती हैं।

4. पेमेंट ऐप से भी खरीद सकते हैं गोल्ड

अब आप अपने स्मार्टफोन से ही डिजिटल गोल्ड में निवेश कर सकती हैं। इसके लिए बहुत ज्यादा पैसा खर्च करने की भी जरूरत नहीं होती है। आप अपनी सुविधानुसार जितनी कीमत का चाहें, सोना खरीद सकती हैं। यहां तक कि 1 रुपए का भी। यह सुविधा अमेजन-पे, गूगल पे, पेटीएम, फोनपे और मोबिक्विक जैसे प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है।

डिजिटल गोल्ड खरीदने के कई फायदे हैं। आप 1 रुपए से भी निवेश की शुरुआत कर सकती हैं। इसके जरिए आप शुद्ध सोने में निवेश करती हैं। ज्वेलरी मेकिंग का खर्च नहीं आता है। इससे भी पैसों की बचत होती है। इसे फिजिकल गोल्ड की तरह सुरक्षित रखने के लिए परेशान नहीं होना पड़ता है।

सोने में निवेश के इन 3 तरीकों के बारे में जान लें, होगा फायदा

ज्वैलर्स, बैंक, ऑनलाइन स्टोर, एनबीएफसी इत्‍यादि से सोने के सिक्के या बिस्‍कुट खरीदकर आप फिजिकल गोल्‍ड में निवेश कर सकते हैं.

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सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड (एसजीबी)
सरकार अलग-अलग समय पर सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड (एसजीबी) जारी करती है. जब कभी इसके इश्‍यू को जारी किया जाता है, निवेशक एसजीबी को सब्‍सक्राइब कर सकते हैं. निवेशक 1 ग्राम के डीनॉमिनेशन में इसमें निवेश कर सकते हैं. अलॉटमेंट पर उन्‍हें गोल्‍ड बॉन्‍ड सर्टिफिकेट दिया जाता है. भुनाते समय निवेशक को सोने का मूल्‍य प्राप्‍त होता है. इसका रेट पिछले तीन दिनों के औसत क्‍लोजिंग प्राइस पर तय होता है. बॉन्‍ड की अवधि में पहले से तय दर से निवेशक को ब्‍याज का भुगतान किया जाता है. जब एसजीबी का इश्‍यू खुलता है, तो निवेशक बैंक की ब्रांच, पोस्‍ट ऑफिस, अधिकृत स्‍टॉक एक्‍सचेंजों में इसमें सीधे या अपने एजेंटों के जरिये अप्‍लाई कर सकते हैं.

गोल्‍ड ईटीएफ
गोल्‍ड एक्‍सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) के जरिये भी सोने में निवेश किया जा सकता है. गोल्‍ड ईटीएफ की यूनिटें स्‍टॉक एक्‍सचेंज पर लिस्‍ट होती हैं. आप वहां से इन यूनिटों को खरीद सकते हैं. इनका मूल्‍य सोने की कीमतों की तर्ज पर होता है. गोल्‍ड ईटीएफ में निवेश के लिए आपके पास डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट होना चाहिए.

किन बातों का रखें ध्‍यान?
-फिजिकल गोल्‍ड कॉइन खरीदने के साथ मेकिंग चार्ज लगता है.
-अनुभवी निवेशक गोल्‍ड फ्यूचर और ऑप्‍शंस का इस्‍तेमाल करके कमोडिटी एक्‍सचेंज के जरिये सोने में निवेश कर सकते हैं.

इस पेज की सामग्री सेंटर फॉर इंवेस्टमेंट एजुकेशन एंड लर्निंग (सीआईईएल) के सौजन्य से. गिरिजा गादरे, आरती भार्गव और लब्धि मेहता का योगदान.

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