Business Idea: नौकरी के साथ वुडन फर्नीचर से करें मोटी कमाई, जानिए घर बैठे कैसे करें शुरू
Business Idea: आजकल के समय में होम डेकोर और वुडन फर्नीचर की मांग तेजी से बढ़ रही है। घर से लेकर दुकानों और रेस्टोरेंट जैसी कई जगहों पर इसका इस्तेमाल किया जाता है। वडन फर्नीचर का बिजनेस शुरू करने के लिए 2-3 लाख रुपये चाहिए। बाकी के पैसों के लिए आप मुद्रा स्कीम के तहत लोन ले सकते हैं
Business Idea: अगर आपका नौकरी से खर्च नहीं चल रहा है। कुछ अतिरिक्त कमाई करना चाहते हैं तो तो हम आपको एक ऐसा आइडिया दे रहे हैं। इस बिजनेस को आप अपनी नौकरी के साथ शुरू कर सकते हैं। इससे आपकी आमदनी बढ़ जाएगी। हम बात कर रहे हैं वुडन फर्नीचर के बिजनेस (Wooden Furniture Business) के बारे में। इस बिजनेस को शुरू करने के लिए केंद्र सरकार से लोन भी मिल जाएगा। ऐसे में आप इसे आसानी से शुरू कर सकते हैं। आज के समय में वुडन फर्नीचर की बढ़ती मांग ने इसके बिजनेस को काफी बढ़ावा दिया है।
आपको बता दें घरों को सजाने और रेनोवेट करने के लिए लोग आज कल वुडन आइटम्स को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। यह बेहद मुनाफे वाला कारोबार (Profitable business) है। इस बिजनेस के लिए मोदी सरकार आपकी मदद के लिए भी तैयार है।
घरेलू मुद्रा क्या है
अस्वीकरण :
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छोटे बिजनेस के लिए सरकार देगी पैसे, इस योजना का आप भी उठा सकती हैं फायदा
पीएम मुद्रा लोन योजना सरकार की एक ऐसी योजना है जिसके अनुसार अगर आप अपना बिजनेस शुरू करने का प्लान कर रही हैं और आपको पैसों की जरूरत है तो आप इसमें अप्लाई कर सकती हैं। यह सरकार की एक ऐसी स्कीम है जिससे सरकार आपको लोन देती है और फिर आप उन पैसों को बिजनेस के लिए यूज कर सकती हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि किन बिजनेस के लिए सरकार आपको लोन की सुविधा देगी।
जानिए कितना मिलता है लोन?
आपको बता दें कि इस योजना के अनुसार 50 हजार रुपये से 10 लाख रुपये तक का लोन सरकार से मिल सकता है। इस योजना घरेलू मुद्रा क्या है का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को बिजनेस के प्रति जागरूक करना है और उन्हें लोन की मदद से सशक्त बनाना है।
मुद्रा लोन योजना से अगर कोई घर का सदस्य अपने घर की किसी महिला के नाम से आवेदन करता है तो उसे भी यह लोन सरकार से मिल जाएगा। आपको बता दें कि इस योजने का लाभ पाने के लिए आपकी उम्र 18 साल से ज्यादा ही होनी चाहिए। घरेलू मुद्रा क्या है 18 साल से कम उम्र होने पर सरकार आपको यह लोन नहीं देगी। आपको बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से स्वरोजगार के लिए इस योजना से सहायता प्रदान की जाती है।
इन बिजनेस के लिए है यह सुविधा
आपको बता दें कि इस योजना इस योजना के अनुसार पापड़ मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में 8.18 लाख रुपये का लोन मिलता है। करी एंड राइस पाउडर बिजनेस के लिए मुद्रा योजना से आपको बैंक से 3.32 लाख रुपये का टर्म लोन और 1.68 लाख रुपये घरेलू मुद्रा क्या है का वर्किंग कैपिटल लोन देती है।
वहीं वुडन फर्नीचर बिजनेस के लिए बैंक से 7.48 लाख रुपये का लोन मिलता है। इसके अलावा सरकार लाइट इंजीनियरिंग यूनिट के बिजनेस के लिए मुद्रा स्कीम के घरेलू मुद्रा क्या है घरेलू मुद्रा क्या है अनुसार बैंक आपको 2.21 लाख रुपये टर्म लोन देती है। इस योजना से छोटे कारोबारियों को आसानी से लोन मिल सकता है।
आपको बता दें कि किसी कारोबार को शुरू करने की इच्छा रखने वाले जो लोग हैं वह मुद्रा स्कीम के लोन में अप्लाई कर सकते हैं। अगर आप भी इस योजना का लाभ पाना चाहती हैं तो आप ऑनलाइन मुद्रा लोन एप्लीकेशन फॉर्म भर सकती हैं। आपको बता दें कि यह लोन आपको किसी भी नेशनल या प्राइवेट बैंक से मिल जाएगा। आप लोन लेकर आसानी से अपना बिजनेस शुरू कर सकती हैं और पैसे कमा सकती हैं।
तो यह थी मुद्रा लोन योजना के बारे में जानकारी। उम्मीद है कि आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया होगा। इसी तरह के अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए हमें कमेंट कर जरूर बताएं और जुड़े रहें हमारी वेबसाइट हरजिंदगी के साथ।
एक डॉलर के मुकाबले 41,400 पहुंची इस देश की करेंसी, 3.86 घरेलू मुद्रा क्या है लाख हुआ एक्सचेंज रेट, क्या है वजह?
Iranian Rial Value: अमेरिकी प्रतिबंधों की मार झेल रहे ईरान में सरकार विरोधी प्रदर्शनों ने मुसीबत को और ज्यादा बढ़ा दिया है। यहां डॉलर के मुकाबले रियाल की कीमत अधिक ज्यादा गिर गई है।
Written By: Shilpa @Shilpaa30thakur
Updated on: December 20, 2022 14:59 IST
Image Source : PEXELS डॉलर के मुकाबले काफी कमजोर हुआ ईरानी रियाल
दुनिया के कई देश तेजी से गिरती अर्थव्यवस्था के कारण मंदी से जूझ रहे हैं। जिसके कारण उनकी मुद्रा बुरी तरह लुढ़क रही है। ऐसे ही देशों में ईरान का नाम भी शामिल है। जहां एक डॉलर की कीमत 41,400 ईरानी रियाल तक पहुंच गई है। हालात कितने बिगड़ गए हैं, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि राजधानी तेहरान के व्यापारी रियाल को डॉलर के मुकाबले 3.86 लाख रियाल तक में एक्सचेंज कर रहे हैं।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 11 दिसंबर को व्यापारी 3.70 लाख रियाल पर एक डॉलर को एक्सचेंज कर रहे थे। वहीं 8 दिसंबर को एक डॉलर को 3.68 लाख रियाल में एक्सचेंज किया गया। ईरान अमेरिका की तरफ से लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों की वजह से इन दिक्कतों का सामना कर रहा है। अमेरिका 2015 में हुए परमाणु समझौते से 2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश के बाद बाहर निकल गया था। इसके बाद ईरान पर प्रतिबंधों को और सख्त कर दिया गया। 2018 में ईरानी रियाल एक डॉलर के मुकाबले 65 हजार पर कारोबार कर रहा था और 2015 में 32,000 पर कारोबार कर रहा था।
केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने बताया कारण
इस मामले में ईरान के केंद्रीय बैंक के गवर्नर अली सालेहाबादी ने कुछ हद तक सरकार विरोधी प्रदर्शनों को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार विरोधी प्रदर्शनों और अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से पिछले 2 महीनों में ईरानी मुद्रा काफी गिर गई है। इसकी कीमत उठाने के लिए बाजार में डॉलर लाया जा रहा है।
रियाल में 20 फीसदी की गिरावाट दर्ज की गई
सरकार विरोध प्रदर्शनों के बाद से ईरानी रियाल में 20 फीसदी तक की गिरावट देखी गई है। यहां ठीक से हिजाब नहीं पहनने के चलते एक कुर्द महिला महसा अमीनी को 13 सितंबर को मोरैलिटी पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। जिसके बाद 16 सितंबर को उसकी मौत हो गई। इसके बाद देश भर में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए थे। इन प्रदर्शनों में अभी तक 495 लोगों की मौत हो गई है, जिनमें से 68 नाबालिग हैं। वहीं 18 हजार से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जान गंवाने वालों में 62 सुरक्षा बल भी शामिल हैं।
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विदेशी मुद्रा भंडार ने फिर लगाया गोता, जानिए कितना है गोल्ड रिजर्व
नई दिल्ली. भारत के विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves/Forex Reserves) में फिर कमी आई है. दरअसल, 5 हफ्ते की तेजी के बाद देश का विदेशी मुद्रा भंडार 16 दिसंबर को खत्म हुए सप्ताह के दौरान 57.1 करोड़ डॉलर घटकर 563.499 अरब डॉलर रह गया. भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई (RBI) की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है.
पिछले सप्ताह देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 2.91 अरब डॉलर बढ़कर 564.06 अरब डॉलर पर पहुंच गया था. इस दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार पांचवें सप्ताह तेजी हुई थी.
गौरतलब है कि अक्टूबर, 2021 में विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया था. वैश्विक घटनाक्रमों के बीच केंद्रीय बैंक के रुपये की विनियम दर में तेज गिरावट को रोकने के लिए मुद्रा भंडार का उपयोग करने की वजह से बाद में इसमें गिरावट आई थी.
50 करोड़ डॉलर बढ़ी एफसीए
आरबीआई के साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक, कुल मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा माने जाने वाली फॉरेन करेंसी एसेट यानी एफसीए (Foreign Currency Assets) 16 दिसंबर को खत्म हुए सप्ताह में 50 करोड़ डॉलर घटकर 499.624 अरब डॉलर रह गईं. डॉलर में बताई जाने वाली एफसीए में विदेशी मुद्रा भंडार में रखी यूरो, पाउंड और येन जैसी दूसरी विदेशी मुद्राओं के मूल्य में वृद्धि या कमी का प्रभाव भी शामिल होता है.
गोल्ड रिजर्व में गिरावट
इसके अलावा गोल्ड रिजर्व का मूल्य रिपोर्टिंग वीक में 15 करोड़ डॉलर घटकर 40.579 अरब डॉलर रह गया. आंकड़ों के अनुसार, स्पेशल ड्राइंग राइट (SDR) 7.5 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.181 अरब डॉलर हो गया. रिपोर्टिंग वीक में इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) में रखा देश का मुद्रा भंडार भी 40 लाख डॉलर बढ़कर 5.114 अरब डॉलर हो गया.
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