मल्टीबैगर पेनी स्टॉक

शेयर कितने प्रकार के होते हैं ?

इक्विटी शेयर को आम भाषा में केवल 'शेयर ' कहा जाता है। विभिन्न प्रकार के शेयरों की अलग-अलग विशेषताएँ होती हैं । अत: इनके प्रकार को समझना आवश्यक है, ताकि निवेशक अपनी जरूरत तथा विवेक के अनुसार उनका चयन कर सके।

भारत में निवेशकों को दो प्रकार के शेयर विकल्प उपलब्ध हैं-

  1. इक्विटी शेयर (Equity Shares)
  2. प्रीफरेंस शेयर (Preference Shares)

इक्विटी शेयर (Equity Shares)

प्राइमरी तथा सेकंडरी मार्केट से निवेशक जो शेयर हासिल करता है, वह ' साधारण शेयर ' कहलाता है। इस प्रकार का शेयरधारक कंपनी का आंशिक हिस्सेदार होता है तथा कंपनी के नफे-नुकसान से जुड़ा रहता है । साधारण शेयरधारक ही इक्विटी शेयर होल्डर होते हैं । शेयरों की संख्या के अनुपात में कंपनी पर इनका मालिकाना अधिकार होता है। कंपनी की नीति बनानेवाली जनरल मीटिंग में इन्हें वोट देने का अधिकार होता है। इसी प्रकार, ये कंपनी से जुड़े रिस्क तथा नफा-नुकसान के हिस्सेदार भी होते हैं। यदि कंपनी अपना व्यवसाय पूर्ण रूप से समाप्त करती है, तब कंपनी अपनी सारी देनदारी चुकता करने के बाद बची हुई पूँजी संपत्ति को इन साधारण शेयरधारकों को उनकी शेयर संख्या के अनुपात से वितरित करती है।

साधारण शेयर के विपरीत कंपनी चुनिंदा निवेशकों, प्रोमोटरों तथा दोस्ताना निवेशकों को नीतिगत रूप से प्रिफरेंस शेयर (तरजीह आधार पर) जारी करती है। इन प्रिफरेंस शेयरों की कीमत साधारण शेयर की मौजूदा कीमत से अलग भी हो सकती है। साधारण शेयर के विपरीत प्रिफरेंस शेयरधारकों को वोट देने का अधिकार नहीं होता। प्रिफरेंस शेयरधारकों को प्रतिवर्ष निश्चित मात्रा में लाभांश (डिविडेंड) मिलता है। प्रिफरेंस शेयरधारक साधारण शेयरधारक की अपेक्षा अधिक सुरक्षित होते हैं, क्योंकि जब कभी कंपनी बंद करने की स्थिति आती है तो पूँजी चुकाने के मामले में प्रिफरेंस

Stock Market: शेयर बाजार क्या है?

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BSE या NSE में ही किसी लिस्टेड कंपनी के शेयर ब्रोकर के माध्यम से खरीदे और बेचे जाते हैं. शेयर बाजार (Stock Market) में हालांकि बांड, म्युचुअल फंड और डेरिवेटिव का भी व्यापार होता है.

स्टॉक बाजार या शेयर बाजार में बड़े रिटर्न की उम्मीद के साथ घरेलू के साथ-साथ विदेशी निवेशक (FII शेयर क्या होते हैं शेयर क्या होते हैं या FPI) भी काफी निवेश करते हैं.

शेयर खरीदने का मतलब क्या है?
मान लीजिये कि NSE में सूचीबद्ध किसी कंपनी ने कुल 10 लाख शेयर जारी किए हैं. आप उस कंपनी के प्रस्ताव के अनुसार जितने शेयर खरीद लेते हैं आपका उस कंपनी में उतने हिस्से का मालिकाना हक हो गया. आप अपने हिस्से के शेयर किसी अन्य खरीदार को जब भी चाहें बेच सकते हैं.

मनी नॉलेज: क्या है स्टॉक स्प्लिट? यह कंपनी और शेयरधारकों को कैसे प्रभावित करता है? स्टॉक स्प्लिट क्यों किया जाता है?

स्टॉक स्प्लिट से कंपनी के शेयरों की लिक्विडिटी बढ़ जाती है और वे निवेशकों के लिए ज्यादा आकर्षक हो जाते हैं - Dainik Bhaskar

स्टॉक स्प्लिट का मतलब है शेयर विभाजन। स्टॉक स्प्लिट के तहत कंपनी अपने शेयरों को विभाजित करती है। आमतौर पर किसी कंपनी के शेयर जब बहुत महंगे हो जाते हैं, तब छोटे निवेशक उन शेयरों में निवेश नहीं कर पाते हैं। ऐसे में कंपनी अपने शेयरों की शेयर क्या होते हैं ओर छोटे निवेशकों को आकर्षित करने और बाजार में मांग बढ़ाने के लिए स्टॉक स्प्लिट का भी सहारा लेती है।

शेयरधारकों पर क्या असर होता है

यदि कोई कंपनी अपने शेयरों को दो हिस्से में विभाजित करती है, तो शेयरधारकों को उसके पास मौजूद हर एक शेयर के लिए एक अतिरिक्त शेयर दिया जाता है। इससे शेयरधारक के पास पहले से मौजूद शेयरों की संख्या दोगुनी हो जाती है। निवेश के वैल्यू पर इससे कोई असर नहीं होता, क्योंकि दो हर एक शेयरों को दो शेयरों में स्प्लिट करने से हर एक शेयर का वैल्यू आधा हो जाता है।

Multibagger Penny Stock: मल्टीबैगर पेनी स्टॉक क्या है, इसमें निवेश करने से पहले जान लें ये जरूरी बातें

मल्टीबैगर पेनी स्टॉक

मल्टीबैगर पेनी स्टॉक

gnttv.com

  • नई दिल्ली,
  • 10 फरवरी 2022,
  • (Updated 10 फरवरी 2022, 10:28 AM IST)

सोच समझकर करें शेयर क्या होते हैं इसमें निवेश

Penny Stocks In India: आज कल शेयर मार्केट में हर कोई पैसा लगा रहा है. शेयर बाजार में निवेश करने वालों को कई बार पेनी स्टॉक्स काफी पसंद आता है. पसंद आए भी क्यों ना, ये स्टॉक काफी ज्यादा फायदा जो देते हैं. आइए जानते हैं कि आखिर ये पेनी स्टॉक्स (penny stocks) हैं क्या और इससे आपको कितना रिटर्न मिल सकता है.

क्या होते हैं पैनी स्टॉक्स?
पेनी स्टॉक्स वो शेयर होते हैं, जिनकी लिक्विडिटी काफी कम होती है. इन शेयरों को बंगार शेयर भी कहा जाता है. कई बार ऐसा होता है की किसी छोटी कंपनी का कारोबार अचानक बढ़ने लगता है. फिर उस कंपनी की गिनती सफल कंपनियों में होने लगती है. अब ऐसे में शेयरों की कीमतें भी उछल जाती हैं. ऐसे में ज्यादातर ये मान लिया जाता है कि जिसकी कीमत 10 रुपये से भी कम है, वो पैनी स्टॉक है.

कितने भरोसेमंद हैं पेनी स्टॉक?
पेनी स्टॉक्स में निवेश (investing in penny stocks) करने का जोखिम काफी ज्यादा रहता है. ऐसे शेयर में काफी कम समय शेयर क्या होते हैं में ही उतार-चढ़ाव होने लगता है. ऐसे में निवेशक काफी जल्दी मालामाल भी हो सकते हैं और उन्हें भारी नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. कई बार तो ऐसा भी होता है कि केवल निवेशकों का ध्यान खींचने के लिए प्रमोटर्स ही उन स्टॉक्स के दाम बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होते हैं. अब ऐसे में अगर आप पेनी स्टॉक्स में अपना पैसा निवेश करना चाहते हैं तो आपको काफी सजग रहना होगा, और साथ ही इसकी बारीकी को समझना होगा, तभी आप तगड़ा मुनाफा कमा पाएंगे.

मनी नॉलेज: क्या है स्टॉक स्प्लिट? यह कंपनी और शेयरधारकों को कैसे प्रभावित करता है? स्टॉक स्प्लिट क्यों किया जाता है?

स्टॉक स्प्लिट से कंपनी के शेयरों की लिक्विडिटी बढ़ जाती है और वे निवेशकों के लिए ज्यादा आकर्षक हो जाते हैं - Dainik Bhaskar

स्टॉक स्प्लिट का मतलब है शेयर विभाजन। स्टॉक स्प्लिट के तहत कंपनी अपने शेयरों को विभाजित करती है। आमतौर पर किसी कंपनी के शेयर जब बहुत महंगे हो जाते हैं, तब छोटे निवेशक उन शेयरों में निवेश नहीं कर पाते हैं। ऐसे में कंपनी अपने शेयरों की ओर छोटे निवेशकों को आकर्षित करने और बाजार में मांग बढ़ाने के लिए स्टॉक स्प्लिट का भी सहारा लेती है।

शेयरधारकों पर क्या असर होता है

यदि कोई कंपनी अपने शेयरों को दो हिस्से में विभाजित करती है, तो शेयरधारकों को उसके पास मौजूद हर एक शेयर के लिए एक अतिरिक्त शेयर दिया जाता है। इससे शेयरधारक के पास पहले से मौजूद शेयरों की संख्या दोगुनी हो जाती है। निवेश के वैल्यू पर इससे कोई असर नहीं होता, क्योंकि दो हर एक शेयरों को दो शेयरों में स्प्लिट करने से हर एक शेयर का वैल्यू आधा हो जाता है।

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