आइए समझते हैं कि यह एक उदाहरण की मदद से सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान कैसे काम करता है.
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान क्या होता है और SIP कैसे काम करती है?
म्यूच्यूअल फण्ड में SIP का फुल फॉर्म सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (Systematic Investment Plan) है. यह म्यूचुअल फंड में व्यवस्थित तरीके से निवेश का एक तरीका है जिसमें एक निश्चित राशि नियमित समय के अंतर पर निवेश की जाती है, बजाय एक बार में एकमुश्त (lump sum) निवेश करने के. नियमित अंतराल साप्ताहिक, मासिक या किसी अन्य पूर्व निर्धारित समय पर हो सकता है. एसआईपी का उपयोग अक्सर म्यूचुअल फंड या अन्य प्रकार के निवेश वाहनों में निवेश करने के तरीके के रूप में किया जाता है. सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान में 100 रूपये से भी निवेश किया जा सकता है.
- एसआईपी का उपयोग करने का एक लाभ यह है कि यह निवेशकों को बड़े निवेश के बजाय समय के साथ छोटी मात्रा में धन का निवेश करने की अनुमति देता है.
- जो स्टॉक मार्केट में निवेश करना चाहते है लेकिन उन्हें स्टॉक मार्केट का ज्ञान नहीं होता है. उनके लिए SIP के जरिये निवेश करना आसान होता है. क्योंकि सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान में मार्केट के जानकार आपके पैसो को सही तरीके से निवेश करते है.
- इसके अतिरिक्त, एसआईपी एक निवेश पोर्टफोलियो पर बाजार के उतार-चढ़ाव के प्रभाव को सुचारू बनाने में मदद कर सकता है, क्योंकि निश्चित राशि को एक बार में सभी के बजाय समय के साथ लगातार निवेश किया जाता है.
- सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान में एक निर्धारित राशि होती है जिसे आप हर महीने निवेश करते हैं. यह एक बार में बड़ी एकमुश्त राशि निवेश करने के दबाव को कम करने में मदद करता है. आप किसी भी राशि का निवेश कर सकते हैं जो आपके लिए सुविधाजनक हो
- जब आप समय के साथ लगातार निवेश करते हैं, तो आप कीमतों के कम होने पर अधिक यूनिट प्राप्त करते हैं और कीमतें अधिक होने पर कम यूनिट प्राप्त करते हैं. यह आपके निवेश की औसत लागत को कम करने में योगदान देता है.
म्यूचुअल फंड में SIP कैसे काम करता है?
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान तीन चरणों में काम करता है.
यह इस तरह काम करता है;
1 – एसआईपी मैंडेट
निवेशकों को म्युचुअल फंड में निवेश करने के लिए एक मैंडेट (एसआईपी के माध्यम से निवेश करने का अधिकार) देना होगा. जब आप किसी म्यूच्यूअल फण्ड ऐप से निवेश कर रहे हों तो “सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान” विकल्प का चयन करके इसे ऑनलाइन किया जा सकता है.
लेकिन ऑफलाइन के लिए, आपको एक मैंडेट फॉर्म भरना होगा और इसे आवेदन फॉर्म RSI से पता करे स्टॉक उपर जायेगा या निचे के साथ जमा करना होगा.
साथ ही फॉर्म पर आपको तिथि (जिस पर राशि निवेश की जाएगी) और राशि बतानी होगी .
ऑफ़लाइन में, आपको म्युचुअल फंड हाउस,या कार्वी के कार्यालय में मैंडेट फॉर्म जमा करना होगा या उन्हें डाक के द्वारा भेजना होगा .
2 – ऑटो डेबिट
जब आप फॉर्म जमा कर देते हैं, तो फंड हाउस स्थायी निर्देश के माध्यम से बताई गयी निवेश राशि को आपके बैंक खाते से ऑटो-डेबिट कर लेता है.
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के लाभ (SIP benefits in Hindi)
निवेश करने के लिए व्यवस्थित निवेश योजना (SIP) के कई लाभ हैं:
Flexibility: एसआईपी निवेशकों को यह चुनने की आजादी देता है कि वे कितना निवेश करना चाहते हैं और कितनी बार निवेश करना चाहते हैं. यह लचीलापन निवेशकों के लिए उन्हें अपने वित्तीय लक्ष्यों को सेट करने और उन तक पहुंचना आसान बना सकता है.
Affordability: एसआईपी निवेशकों को छोटी मात्रा में धन का निवेश करने की सुविधा देता है. यह कम आये वाले लोगों के लिए आसान बनाता है.
Convenience: एसआईपी को अक्सर automatic किया जाता है, इसलिए निवेशकों को नियमित निवेश करने के लिए डेट याद रखने की आवश्यकता नहीं होती है. इससे निवेशकों के लिए अपनी निवेश योजना पर टिके रहना आसान होता है.
Discipline: एक एसआईपी आपको नियमित रूप से बचत और निवेश करने का अनुशासन विकसित करने में मदद करता है, जो लंबे समय में फायदेमंद हो सकता है।
क्या SIP में निवेश समझदारी है? SIP और स्टॉक मार्केट में क्या अन्तर है?
बजाय एक बार में एकमुश्त निवेश करने के SIP में एक निश्चित राशि निश्चित समय अंतराल पर निवेश की जाती है,। एसआईपी का उपयोग अक्सर म्यूचुअल फंड में निवेश करने के तरीके के रूप में किया जाता है।
दूसरी ओर, शेयर बाजार एक ऐसी जगह है जहां व्यक्ति और institutions स्टॉक खरीद और बेच सकते हैं, जो पब्लिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनियों में स्वामित्व का प्रतिनिधित्व करते हैं। स्टॉक को ब्रोकर के माध्यम से या online platforms के माध्यम से खरीदा और बेचा जा सकता है।
एसआईपी और शेयर बाजार के बीच कई अंतर हैं:
Investment strategy : एसआईपी निवेश की एक विधि है जिसमें नियमित समय अंतराल पर एक निश्चित राशि का निवेश करना होता है। दूसरी ओर शेयर बाजार, निवेशकों को किसी भी समय स्टॉक खरीदने और बेचने की अनुमति देता है।
5,000mAh बैटरी, 64MP क्वाॅड कैमरा और 6GB रैम के साथ लाॅन्च होगा Moto G30, स्पेसिफिकेशन्स आई सामने
Moto G30
Motorola ने कल ही ब्राजील में एक लो बजट स्मार्टफोन Moto E6i लाॅन्च किया है। इस फोन के लाॅन्च से पहले इंटरनेट पर ‘Moto E7 Power’ का लीक आया था जिसमें फोन की फोटो और स्पेसिफिकेशन्स सामने आई थी। वहीं आज हम मोटोरोला के एक और नए स्मार्टफोन Moto G30 की खबर बताने जा रहे हैं जिससे जुड़े लीक में इस फोन की फुल स्पेसिफिकेशन्स और डिजाईन का खुलासा हुआ है।
ऐसी होगी लुक
Moto G30 की लीक फोटो से पता चला है कि यह स्मार्टफोन ड्यूड्राॅप नाॅच डिसप्ले पर लाॅन्च किया जाएगा। स्क्रीन के तीन किनारें जहां बेजल लेस दिखाए गए हैं वहीं नीचे की ओर चौड़ा चिन पार्ट दिया गया है। मोटोरोला का यह फोन क्वाॅड रियर कैमरा सपोर्ट करेगा जो बैक पैनल पर उपरी दाईं ओर बनी स्क्वायर शेप में फिट होगा। फोन के बैक पैनल पर रियर फिंगरप्रिंट सेंसर भी दिया गया है। पैनल पर नीचे की ओर भी वर्टिकल शेप में Motorola की ब्रांडिंग मौजूद है जिसके साथ RSI से पता करे स्टॉक उपर जायेगा या निचे स्पीकर फिट किया गया है। फोन के दाएं पैनल पर वाॅल्यूम राॅकर और पावर बटन लगा RSI से पता करे स्टॉक उपर जायेगा या निचे है। यह मोटोरोला स्मार्टफोन Phantom Black और Pastel Sky कलर में सामने आया है।
Investment start before you should keep your mind this thing its help for big return in mutual fund | इन्वेस्टमेंट की शुरुआत करने से पहले जानें ये बड़ी गलतियां, जिसे करने से हमेशा बचते हैं बड़े निवेशक
Photo:FILE इन्वेस्टमेंट की शुरुआत करने से पहले जानें ये गलतियां
आमतौर पर नए नए निवेशक ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट में अंतर नहीं समझ पाते हैं, Mutual Fund और शेयर मार्केट में बेसिक अंतर क्या है, उन्हें नहीं पता होता। ऐसे लोग इन्वेस्टमेंट के नाम पर सीधे शेयर मार्केट में कूद पड़ते हैं। दूसरे लोगों की राय पर कोई भी शेयर खरीद लेते हैं, 2-4 दिन तक थोड़ा बहुत प्रॉफिट में रहते हैं और फिर घाटे में चले जाते हैं। फिर इन्वेस्टमेंट के नाम पर कान पकड़ लेते हैं। उन्हें ये पता ही नहीं कि वो इन्वेस्टमेंट नहीं सट्टा लगा रहे थे।
आखिर 90% लोग अपने पैसे क्यों गवां देते हैं
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ऐसे लोग शेयर को उस समय ख़रीदते हैं जब वो शेयर ख़ूब चर्चा में रहता है, उसकी प्राइस बढ़ रही होती है। ऐसे लोग ट्रेडर्स माइंडसेट और इन्वेस्टर्स माइंडसेट को बिना समझे भागते घोड़े पर बोली लगाते हैं यानी तेज़ी से बढ़ रहे शेयर को ख़रीदते जाते हैं और जब उस शेयर में बिकवाली शुरू होती है, जब ट्रेडर्स अपने सौदे काटने(Square off) करने लगते हैं तब वो शेयर ऐसे धड़ाम से नीचे गिरता है कि आपको संभलने तक का मौका नहीं मिलता और रही सही कसर ऑपरेटर्स पूरी कर देते हैं। शेयर बाज़ार रूपी समंदर में ऑपरेटर्स वो बड़ी मछलियां हैं जो हमेशा छोटी मछलियों के शिकार के फिराक में रहते हैं। वो चाहते ही हैं कि बाज़ार में नौसिखिये लोग अपनी किस्मत आजमाने आएं और उनकी पूरी जमा पूंजी वो चट कर जाएं। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि आखिर क्या करें।
अपनी इन्वेस्टमेंट की जर्नी आप Mutual Fund से स्टार्ट करें। अब आप कहेंगे Mutual Fund का इन्वेस्टमेंट भी तो ज़्यादातर शेयर मार्केट में ही होता है, वो शेयर मार्केट से अलग कैसे है। तो इसका जवाब ये है कि Mutual Fund में Fund मैनेजर होते हैं (एक्टिव Fund में) जो काफी अनुभवी होते हैं। वह आपके पैसे को अपने हिसाब से अलग अलग शेयर्स में लगाते हैं और इसके लिए आपसे कुछ पैसे भी लिए जाते हैं। इस तरह के इन्वेस्टमेंट में रिस्क कम हो जाता है। हालांकि Passive Fund (Index Fund) में आपको ये चार्ज भी नहीं लगता है, क्योंकि उसमें कोई Fund मैनेजर नहीं होता। दुनिया के सबसे बड़े निवेशक वॉरेन बफ़ेट ने भी इंडेक्स Fund को एक्टिव Fund से अच्छा माना है। इसे उन्होंने बाकायदा सिद्ध करके भी दिखाया है।
इंडेक्स Fund में इन्वेस्टमेंट ऐसे स्टार्ट करें
इंडेक्स Fund में इन्वेस्ट करने का बेहद आसान भाषा में तरीका भी बताया गया है। जिसे आप केवल एक बार पढ़कर समझ सकते हैं। इसके लिए किसी डिग्री या डिप्लोमा की भी जरूरत नहीं। इसके लिए नीचे दिए गए इस आर्टिकल के लिंक को क्लिक करें, और अपनी इन्वेस्टमेंट जर्नी की नई शुरुआत करें।
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