इससे आप को सबसे बड़ा फायदा यह मिलगा कि अगर आप यह जान जाते है कि शेयर की कम से कम कीमत कितनी जा रही है तो आप उस कीमत पर Buy Order लगा कर छोड़ सकते हैं

किसी शेयर में कैसे और कब लगता है अपर सर्किट, क्या होता है पैसा लगाने वाले पर असर

शेयर बाजार Down कब होता है

You are currently viewing भारतीय शेयर बाजार का समय – Stock Market Timings in India

  • Post last modified: September 22, 2020
  • Post author: Yogesh Singh
  • Post category: Share Market
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हेलो दोस्तों आज हम Detail में जानेगे की भारत में शेयर बाजार कब खुलता है और कब बंद होता है (Stock Market Timings in India) अगर आपने हमारे शेयर मार्किट शेयर बाजार Down कब होता है क्या होता है पोस्ट नहीं देखी तो आप देख सकते है |
अक्सर भारत में लोग शेयर बाजार के समय के बारे में काफी भ्रमित रहते हैं तो आज हम आपको विस्तार में शेयर बाजार के खुलने और बंद होने के समय बारे में बतायेंगे |

भारत शेयर बाजार Down कब होता है में शेयर बाजार का समय – Stock market timings in India

भारत में दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज है –National Stock Exchange (NSE) और Bombay Stock Exchange (BSE) हैं। हालांकि, NSE और BSE दोनों exchanges का एक ही समय है।

भारतीय शेयर बाजार सप्ताह के अंत में, यानी शनिवार और रविवार को बंद रहते है और इसके अलावा, यह राष्ट्रीय और स्टॉक एक्सचेंज की छुट्टियों पर भी बंद रहते है | स्टॉक एक्सचैंजेस की छुटियाँ आप यहाँ देख सकते है |

भारत में शेयर बाजार के समय को तीन सत्रों में विभाजित किया जाता है

  1. Pre-open Session (प्री-ओपन सत्र)
  2. Normal Session (सामान्य सत्र)
  3. Post-closing Session (समापन के बाद का सत्र)

Note : बाजार में भारी अस्थिरता से बचने के लिए Pre-open Session यानि पूर्व-खुला सत्र रखा जाता है और यह एक संतुलन मूल्य बनाने के लिए ताकि बाजार को अपनी शुरुआती कीमत मिल सके, आप यहां पा सकते हैं कि एनएसई कैसे अपने शुरुआती मूल्य की गणना करता है।

Pre-open Session को आगे तीन शेयर बाजार Down कब होता है सत्रों में विभाजित किया जाता है –

  1. सुबह 9:00 से 9:08 बजे (Order Entry Session -आदेश प्रवेश सत्र):
  • इस समय में, कोई भी शेयर खरीद और बेच सकता है।
  • आप Orders में परिवर्तन या उसको रद्द भी कर सकते हैं।

Special Trading Day

हालांकि, राष्ट्रीय छुट्टियों पर शेयर बाजार बंद रहता है, लेकिन यह दिवाली त्योहार के दौरान कुछ घंटों के लिए खुला रहता है, जिसे ‘Mahurat Trading‘ के रूप में जाना जाता है। इस विशेष दिन के लिए ट्रेडिंग घंटे का समय दिवाली से कुछ दिन पहले ही तय किया शेयर बाजार Down कब होता है जाता हैं।

दोस्तों आज हमने इस पोस्ट में सीखा की भारतीय शेयर का समय क्या है (Stock market timings in India) आशा है आपको यह पोस्ट पसंद आयी होगी अगर आपका कोई सवाल या सुझाव है तो आप हमे कमेंट कर सकते है |

जिस ट्रेडिंग कंपनी के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगा रहे, वही बंद हो गई तो क्‍या होगा? जानिए आपका पैसा डूबेगा या बचा रहेगा

जिस ट्रेडिंग कंपनी के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगा रहे, वही बंद हो गई तो क्‍या होगा? जानिए आपका पैसा डूबेगा या बचा रहेगा

अब आम आदमी भी शेयर बाजार में निवेश कर ज्‍यादा रिटर्न पाने में रुचि दिखा रहा है. यही कारण है कि बीते एक साल में रिकॉर्ड संख्‍या में डीमैट अकाउंट खोले गए हैं. पिछले महीने तक के आंकड़ों के अनुसार देशभर में करीब 6.9 करोड़ डीमैट अकांउट्स हैं. हालांकि, दूसरे देशों के मुकाबले आबादी के लिहाज से यह अनुपात अभी भी बहुत कम है. भारतीय शेयर बाजार में सबसे ज्‍यादा पैसा महाराष्‍ट्र, गुजरात और उत्‍तर प्रदेश के लोग लगाते हैं. लक्षद्वीप, अंडमान एवं निकोबार से लेकर मिज़ोरम तक के लोग शेयर बाजार से अच्‍छी कमाई कर रहे हैं.

ब्रोकरेज कंपनी बंद होने पर आपके निवेश का क्‍या होगा?

आप यह जानकार राहत की सांस ले सकते हैं कि स्‍टॉक ब्रोकिंग कंपनी के डिफॉल्‍ट करने या बंद होने के बाद भी आपकी पूंजी या फंड पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा. ऐसा नहीं होगा कि स्‍टॉक ब्रोकर आपकी पूंजी लेकर भाग जाए. उदाहरण के तौर पर देखें तो जब हर्षद मेहता स्‍कैम सामने आया था, तब उनकी ब्रोकिंग कंपनी ग्रो मोर रिसर्च एंड एसेट मैनेजमेंट को सेबी ने बैन कर दिया था. लेकिन इस कंपनी के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले लोगों को कोई नुकसान नहीं हुआ.

आपको सबसे पहले यह समझने की जरूरत कि ये स्‍टॉक ब्रोकिंग कंपनियां महज एक बिचौलिए के तौर पर काम करती हैं. आपके फंड पर इनकी पहुंच सीधे तौर पर नहीं होती है ताकि वे आपकी पूंजी शेयर बाजार Down कब होता है पर अपना हम जमा सकें. लेकिन इनके पास पड़ी अपनी फंड या पूंजी को इस्‍तेमाल करने के लिए आप इन्‍हें निर्देश दे सकते हैं.

स्‍टॉक्‍स और शेयरों का क्‍या होगा?

आपका फंड डीमैट अकाउंट में जमा होता है. ये डीमैट अकाउंट डिपॉजिटरीज के पास खुलात है. सेबी ने दो डिपॉजिटरीज – नेशनल सिक्‍योरिटीज डिपॉजिटरीज लिमिटेड (NSDL) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (CDSL) को मंजूरी दी है. भारत सरकार के वित्‍त मंत्रालय के प्रति सेबी की जवाबदेही होती है.

किसी भी समय पर एक निवेशक का स्‍टॉक या शेयर ब्रोकरेज फर्म्‍स के पास नहीं होता है. वे बस एक प्‍लेटफॉर्म के तौर पर काम करते हैं. इनका काम बस आपके निर्देश के हिसाब से आपकी जगह ट्रेड करना है. बदले में ये आपसे फीस वसूलते हैं.

इसी प्रकार आपका म्‍यूचुअल फंड इन्‍वेस्‍टमेंट एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) के पास होता है. ऐसे में अगर ब्रोकरेज फर्म बंद भी हो जाता है तो आपका म्‍यूचुअल फंड सुरक्षित रहेगा.

क्यों आई शेयर में तेजी

IEX ने पिछली तिमाही में अच्छा प्रदर्शन किया है.जुलाई-सितंबर तिमाही में कंपनी की आमदनी 122.30 करोड़ रुपये हो गई, जो इससे पिछले शेयर बाजार Down कब होता है वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 78.71 करोड़ रुपये थी. वहीं, इस दौरान मुनाफा 75 फीसदी बढ़कर 77.38 करोड़ रुपये हो गया.इससे पिछले वित्त वर्ष 2020-21 की इसी तिमाही के दौरान उसका एकीकृत शुद्ध लाभ 44.33 करोड़ रुपये था.

कंपनी ने तिमाही नतीजों के साथ एक शेयर पर दो बोनस शेयर देने का ऐलान किया है. इस खबर के बाद कंपनी के शेयर में जोरदार तेजी आई. इस दौरान सभी तेजी के सौदे आने से शेयर में अपर सर्किट लग गया.

क्या होता है बोनस शेयर

कंपनी जब निवेशकों को मुफ्त में शेयर देती है तो उसे बोनस शेयर कहा जाता है. निवेशकों को बोनस शेयर ख़ास अनुपात में मिलता है. अगर अभी की बात करें तो IEX ने 2:1 का बोनस देने का ऐलान किया है. इसका मतलब है कि हर 1 शेयर शेयर बाजार Down कब होता है पर आपको 2 बोनस शेयर मिलेंगे. हालांकि बोनस इश्यू के बाद इक्विटी कैपिटल बढ़ जाता है, लेकिन फेस वैल्यू में कोई बदलाव नहीं शेयर बाजार Down कब होता है होता है. फेस वैल्यू में बदलाव नहीं होने से निवेशक को भविष्य में इसका फ़ायदा ज़्यादा डिविडेंड के तौर पर होता है.

जब किसी शेयर को ज्यादा खरीदने वाले होते है तो उस समय शेयर में अपर सर्किट लग जाता है. अगर आसान शब्दों में कहें तो एक्सचेंज शेयर की ट्रेडिंग को बंद कर देती है. यह मार्केट रेगुलेटर SEBI की तरफ से बनाए गए नियम है.

शेयरों के वॉल्युम यानी कितने शेयरों का कारोबार रोजाना होता है. उस आधार पर शेयर की सर्किट लिमिट तय की जाती है.

Circuit Filters कौन तय करता हैं?

स्टॉक्स और Indices के लिए सर्किट फिल्टर्स मार्केट रेगुलेटर सेबी के द्वारा तय किया जाते हैं। यह सर्किट फिल्टर स्टॉक की मार्केट वोलेटिलिटी को ध्यान में रखते हुए या स्टॉक में कोई असामान्य गतिविधि (unusual activity) को रोकने हेतु तय किए जाते हैं।

समय-समय पर मार्केट गतिविधियों के आधार पर स्टॉक फिल्टर revise किए जाते हैं। यदि कोई स्टॉक में किसी ट्रेडिंग डे पर कोई सर्किट लगा हैं तो उस सर्किट की लिमिट को उसी दिन बदला भी जा सकता हैं।

  • ऐसे स्टॉक जिनमें अच्छी लिक्विडिटी देखी जाती हैं उनमें सर्किट फिल्टर बढ़ा दिया जाता हैं।
  • ऐसे शेयर जिसमें लिक्विडिटी की मात्रा कम होती हैं उसके सर्किट फ़िल्टर को कम किया जा सकता हैं।

सेबी के द्वारा इस प्रकार के एडजस्टमेंट निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए जाते हैं।

F&O (Futures & Options) में ट्रेड होने वाले शेयर्स में Upper circuit और Lower circuit नहीं लगता। इनमें मात्र टेम्पररी फ्रीज होता हैं।

क्या इंडेक्स में भी सर्किट लगता हैं?

स्टॉक्स में तो सर्किट लगता ही हैं साथ में इंडेक्स भी सर्किट फिल्टर के दायरे में आता हैं। इंडेक्स जैसे कि सेंसेक्स, निफ़्टी, बैंक निफ़्टी।

इंडेक्स में सर्किट लगने की शर्तों को आप इस टेबल से समझ सकते हैं –

TRIGGER LIMIT TRIGGER TIME MARKET HALT DURATION PRE-OPEN CALL AUCTION SESSION POST-MARKET HALT
10% Before 1:00 pm. 45 Minutes 15 Minutes
At or after 1:00 pm up to 2.30 pm 15 Minutes 15 Minutes
At or after 2.30 pm No halt Not applicable
15% Before 1 pm 1 hour 45 minutes 15 Minutes
At or after 1:00 pm before 2:00 pm 45 Minutes 15 Minutes
On or after 2:00 pm Remainder of the day Not applicable
20% Any time during market hours Remainder शेयर बाजार Down कब होता है of the day Not applicable

Lower और Upper सर्किट लगने पर क्या होता हैं?

अगर किसी स्टॉक पर ट्रेडिंग डे के दौरान कोई भी सर्किट लगता हैं तो उस दिन पर स्टॉक ट्रेडिंग बंद हो जाती हैं।

यदि किसी शेयर पर upper सर्किट लगता हैं तो इसका मतलब हैं कि उस शेयर के लिए Buyers बहुत ज्यादा हैं। लेकिन sellers मौजूद नहीं हैं। इसकी वजह से हाई डिमांड और लॉ सप्लाई की वजह से Upper circuit हिट होता हैं।

यदि Upper सर्किट में कोई निवेशक शेयर बेचना चाहता हैं तो वह अपने शेयर बेच सकता हैं। क्योंकि Upper circuit में बहुत सारे buyers मौजूद होते हैं।

उसी प्रकार कोई शेयर लोअर सर्किट हिट करता हैं तो उसमें बहुत सारे sellers मौजूद होते हैं। लॉ डिमांड और हाई सप्लाई की वजह से शेयर पर लोअर सर्किट लगता हैं।

Lower Circuit में बहुत सारे sellers होते हैं इसलिए अगर किसी को लोअर सर्किट पर शेयर खरीदना हैं तो वो शेयर खरीद सकता हैं।

सर्किट ब्रेकर के शेयर बाजार Down कब होता है फायदे और नुकसान

Pros :

  • सर्किट ब्रेकर का सबसे बड़ा फायदा हैं कि इससे ट्रेडिंग कुछ समय के लिए हॉल्ट हो जाती हैं। इससे निवेशक शेयर ट्रिगर के बारे में बेसिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और अपना इन्वेस्टमेंट निर्णय ले सकते हैं।
  • यह निवेशकों को speculative ट्रेडिंग से बचाता हैं जिससे कि निवेशक को भारी नुकसान हो सकता हैं।
  • जिन स्टॉक्स में कम लिक्विडिटी होती हैं उनमें सर्किट फ़िल्टर बहुत उपयोगी होते हैं।

Cons :

  • सर्किट के दौरान स्टॉक की रियल प्राइस मूवमेंट बंद हो जाती हैं।
  • जिन निवेशकों को मार्केट न्यूज़ का पता होता हैं वे इसका फायदा ले सकते हैं। इसके विपरीत जिन निवेशकों को इस मार्केट न्यूज़ का पता नहीं होता वे अधिक नुकसान उठा सकते हैं।

शेयर कब खरीदे और कब बेचे

आप जिस Finance Company या bank से अपना डीमेट अकाउंट खुलबातें हैं वह आपको शेयर मार्केट के टर्मिनल पर शेयर को खरीदने और बेचने का एक सॉफ्टवेयर प्रोवाइड करते है जो की एक website या mobile app हो सकती है.

बस अब आपको उसमें जाना है और अपने डिमैट अकाउंट में पड़े पैसों की मदद से आप जिस भी कंपनी के शेयर को खरीदना चाहते हैं वह खरीद सकते हैं

जब आप terminal पर जाते हैं तो आपके पास सॉफ्टवेयर में ऑप्शन आता है. जहां पर आप किसी भी कंपनी के शेयर को सर्च कर सकते हैं. जैसे ही आप उस Share की Companyकंपनी पर जाते है तो आप उसी शेयर पर होने वाले शेयर के भाव में उतार और चढ़ाव को भी देख सकते हैं.

अगर आपने शेयर खरीदने का मन शेयर बाजार Down कब होता है बना लिया है तो आप terminal पर शेयर को Buy करने का order लगा सकते है. जैसे ही शेयर मार्केट में आपके Buy order से किसी का sell order मैच होगा वैसे ही आपके पास आपके द्वारा buy किये गए शेयर आ जायेंगे और आपके अकाउंट में से पैसे कट जाएंगे.

शेयर खरीदने का समय

रोजाना शेयर मार्केट सुबह 9:15 AM पर खुलता है और 3:30 PM पर बंद होता है. अगर आप शेयर मार्केट के अंदर शेयर को खरीदना और बेचना चाहते है. तो आपको इसी समय के बीच में खरीदी और बेचने का काम करना होगा.

शेयर मार्केट में शेयर खरीदने और बेचने का एक निर्धारित समय होता है अगर आप शेयर मार्केट से शेयर को खरीदना या बेचना चाहते हैं तो आपको इस निर्धारित समय के बीच में ही सारे ट्रांजैक्शन करने होंगे अगर आप निर्धारित समय के बीच में ट्रांजैक्शन नहीं करते तो आपके ट्रांजैक्शन सक्सेसफुल नहीं होंगे

शेयर कैसे खरीदते है

Time needed: 7 minutes.

शेयर खरीदने शेयर बाजार Down कब होता है के लिए आपको सबसे पहले यह तय करना होगा कि आप किस कंपनी के शेयर खरीदना चाहते हैं एक बार आपने यह तय कर लिया तो आपको शेयर खरीदने में बड़ी आसानी होगी. आप नीचे दी गई steps को follow करके शेयर खरीद सकते है.

शेयर कब खरीदे और कब बेचे और शेयर खरीदने के नियम

सबसे पहले अपने डिमैट अकाउंट को ओपन कर के टर्मिनल पर जाएं

अब आप जिस कंपनी के शेयर को खरीदना चाहते हैं उसका नाम लिखकर सर्च करें

जैसे ही आपको कंपनी का नाम मिल जाए तो उसको select करें

अब आप शेयर खरीदने से पहले उस company के शेयर की कीमत में हुए उतार-चढ़ाव देख ले इससे आपको पता चलेगा कि शेयर बाजार में इस शेयर की कीमत कितने रुपए ज्यादा हुई और कितने रुपए कम हुई.

Share Kharidne Ke Fayde

शेयर खरीदने के बहुत फायदे हैं एक बार आप किसी कंपनी के शेयर को खरीद कर रख लेते हैं तो उस कंपनी के शेयर को आप चौगुनी और हजार गुना दाम में बैच सकते हैं.

बशर्ते आप ने कंपनी के शेयर को कम कीमत में खरीदा हो क्योंकि अगर आपने उस कंपनी के शेयर को ज्यादा कीमत में खरीदा और भविष्य में उस कंपनी के शेयर की कीमत और भी ज्यादा कम हो गई तब आपको ऐसी स्थिति में नुकसान उठाना पड़ सकता है.

इसलिए हमेशा किसी भी शेयर को खरीदने से पहले उसकी हिस्ट्री को जांच लें और यह पता लगा लेंगे उस शेयर की कीमत कितनी हमेशा रहती है और उसकी कितनी कम कीमत जाती है

किस कंपनी के शेयर खरीदे

कौन सा शेयर खरीदने लायक है यह बता पाना थोडा मुश्किल है क्योंकि हर रोज बदलती कीमत के कारण हर एक शेयर आपको खरीदने लायक लगेगा और उसकी कीमत बढ़ जाने पर आपको वह शेयर एक नुकसान का सौदा साबित लगेगा. इसलिए यह आप पर निर्भर करता है कि आप उस से कितना प्रॉफिट कमाना चाहते हैं.

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