यदि आप भारत में ई कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जुड़ना या अपना स्वयं को कोई प्लेटफॉर्म शुरू करना चाहते है तो भारत में सभी वेबसाइटों से जुड़ने की प्रक्रिया समान व आसान है। अमेज़न, फ्लिपकार्ट, स्नैपडील आदि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म छोटे उद्योगों के लिए बहुत ही उपयोगी है। आप बिज़नेस पार्टनर के रूप में उनसे जुड़ सकते है और अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा सकते है।
E Commerce Kya Hai
ई कॉमर्स का पूरा नाम या E Commerce Ka Full Form “Electronic Commerce (इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य)” है। E Commerce Ka Matlab इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स या इंटरनेट कॉमर्स व्यापार की एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमे हम इंटरनेट के माध्यम से सामान खरीद और बेच सकते है और साथ ही पैसे व डाटा भी ट्रांसफर कर सकते है। इसमें ना दो लोगों के स्थान की बाध्यता होती है और ना समय की।
साधारण शब्दों में कहें तो जितनी भी ई कॉमर्स वेबसाइट क्विकर, अमेज़न या फ्लिपकार्ट होती है जिनसे हम ऑनलाइन शॉपिंग करते ई कॉमर्स का ही उदाहरण है। केवल शॉपिंग ही नहीं, इंटरनेट बैंकिंग, ऑनलइन टिकट बुकिंग, ऑनलाइन नीलामी, ईकामर्स क्या है? यह सभी कार्य इ-कॉमर्स के क्षेत्र में ही आते है।
यहाँ अभी आपने जाना कि E Commerce Business Kya Hota Hai (What Is E Commerce Business in Hindi) और Meaning Of E Commerce In Hindi के बारे में। अब हम आपको History Of E Commerce In Hindi यानि ई-कॉमर्स के इतिहास के बारे में बताने जा रहे है।
Commerce Ke Bare Mein Jankari
E-commerce Ki Shuruaat वर्ष 1991 से की गई थी, जब पहली बार इंटरनेट को व्यापार के लिए खोला गया था। 1979 में माइकल एल्ड्रिच (Michael Aldrich) ने “Teleshopping” नाम का एक सिस्टम तैयार किया, जिससे सामान की एडवरटाइजिंग टेलीविज़न पर हो और घर बैठे सामान ख़रीदा जा सकें। यहीं से Ecommerce का बीज माना जाता है।
जैसे-जैसे इंटरनेट विकसित होता गया टेलीशॉपिंग भी विकसित होता गया और ई कॉमर्स में परिवर्तित हो गया। अमेज़न और eBay ने ई कॉमर्स को उसके उस मुकाम तक पहुंचाया, जहाँ वो अभी है क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसक्शन्स को मंज़ूर करने वाली ये पहली इंटरनेट कंपनियों में से थी।
Types of E-Commerce in Hindi
ई-कॉमर्स मुख्यतः चार प्रकार के होते है आईये बताते है उनके बारे में:
- Business-To-Business (B2B):- इसमें एक व्यवसाय से दूसरे व्यवसाय यानि एक कंपनी से दूसरी कंपनी से लेन-देन किया जाता है। व्यवसाय से व्यवसाय ई-कॉमर्स में उपभोक्ता का कोई रोल नहीं है। इसमें आमतौर पर कच्चे माल, सॉफ़्टवेयर, या संयुक्त उत्पाद जैसे उत्पाद शामिल होते है। निर्माता बी2बी ईकॉमर्स के माध्यम से सीधे खुदरा विक्रेताओं (Retailers) को भी बेचते है।
- Business-To-Consumer (B2C):- B2C ई-कॉमर्स सबसे लोकप्रिय ई-कॉमर्स मॉडल है। जिसमें उद्योगपति अपने प्रोडक्ट या सर्विस इंटरनेट के माध्यम से सीधा ग्राहक को बेचता है। बिजनेस टू कंज्यूमर का मतलब है कि बिक्री एक व्यवसाय और एक उपभोक्ता के बीच होती है। ऑनलाइन स्टोर जैसे कि अमेज़न, फ्लिपकार्ट पर सेलर अपने सामान ग्राहकों तक पहुंचता है और उसका उचित मूल्य लेता है।
इ कॉमर्स बिज़नेस कैसे स्टार्ट करे
यदि आप E Commerce Business Kaise Start Kare के बारे में जानना चाहते है तो इसके लिए आपको निचे बताये गए बिंदुओं को पढ़े।
अपने व्यवसाय का नाम दें
व्यावसायिक नाम हमेशा महत्वपूर्ण होते है क्योंकि यह मार्केट में आपको पहचान दिलाता है कि आप क्या बेचना चाहते है। यह आपके व्यवसाय की कानूनी पहचान होगी। आपके द्वारा चुना गया नाम सरल और अद्वितीय होना चाहिए।
डोमेन नाम सेट करें
आप अपने व्यवसाय के नाम पर एक डोमेन नेम यानि वेबसाइट भी बना सकते है। यह आपके और आपके ग्राहकों के बीच संपर्क के रूप में कार्य करता है। यह सुविधाजनक है क्योंकि यहां पर ग्राहक आपके प्रोडक्ट को डायरेक्ट देख सकते है और अगर उन्हें आपका प्रोडक्ट पसंद आता है तो वे उसे यहां से खरीद भी सकते है।
व्यवसाय के प्रकार की पहचान करें और रजिस्टर करें
'Ecommerce'
GST Rules Change : स्विगी और जोमेटो जैसे ई-वाणिज्य सेवा प्रदाताओं का यह उत्तरदायित्व होगा कि उनके द्वारा दी जाने वाली रेस्तरां सेवाओं के बदले वे जीएसटी एकत्रित करें और उसे सरकार के पास जमा करवाएं. ऐसी सेवाओं के बदले उन्हें बिल भी जारी करने होंगे.
Business | Reported by: ख़बर न्यूज़ डेस्क, Edited by: तूलिका कुशवाहा |बुधवार नवम्बर 10, 2021 02:36 PM IST
Nykaa IPO Listing : Nykaa की पैरेंट कंपनी FSN Ecommerce Ventures की शेयर मार्केट में बुधवार को जोरदार लिस्टिंग हुई है. आज लिस्टिंग के साथ ही कंपनी का मार्केट कैप 1 लाख करोड़ के पार हो गया है. नायिका का आईपीओ इस महीने की शुरुआत में खुला था.
हालांकि Amazon और Flipkart कंपनियां जरूरी सामान की डिलीवरी अब भी कर रही हैं, जैसे ही ग्रोसरी प्रोडक्ट्स, हेल्थ प्रोडक्ट्स व पर्सनल केयर आइटम आदि।
ई-कॉमर्स बिज़नेस रजिस्टर
(Register Ecommerce business in India )
E-commerce बिज़नेस शुरू करने जा रहे हो तो आपको
रजिस्टर करना होगा
बिज़नेस रजिस्टर में 5 प्रकार होते है
- Private Limited
- Partnership Firm
- Sole Proprietorship
- LLP-Limited Liability Company
- One Person Company
आपका बिज़नेस जिस प्रकार में करना चाहते उसमे रजिस्टर करें
इसके लिए आप CA की मदत ले सकते है
बिज़नेस का नाम
आपको अपने बिज़नेस का एक नाम रखना पड़ेगा
अपने व्यवसाय की पहचान उसके नाम से ही होती है
वह नाम आपको रजिस्टर करना होगा
आपको अपने बिज़नेस के नाम से बैंक में खाता खोलना होता है
आप अपना खुदका बैंक खाता नहीं जोड़ सकते
ई-कॉमर्स वेबसाइट खोले
(Open Ecommerce Website in Hindi )
अब आपको सबसे महत्वपूर्ण काम करना है
अपना Online Ecommerce store की ऑनलाइन वेबसाइट शुरू करनी है
जहा पर आप अपने प्रोडक्ट online sale करने वाले हो
website शुरु करने के लिये आपको Domain और Hosting लेना पड़ेगा
इसके लिए आप bluehost.com पर जा के ले सकते है
या फिर आप shopify.com पर जा कर ई कॉमर्स शॉप खोल सकते है
ई-कॉमर्स वेबसाइट पे प्रोडक्ट डाले
(List ईकामर्स क्या है? ईकामर्स क्या है? products on ecommerce site )
अब आपको ग्राहकों को दिखने के लिए अपने
ईकॉमर्स वेबसाइट पे प्रोडक्ट जो आप बेचना चाहते हो
उसके अच्छे क्वालिटी के फोटो अपलोड कीजिये
उसके साथ उसकी price , features ,उसकी जानकारी डाल दीजिये
आपके ईकॉमर्स स्टोर पे प्रोडक्ट डालने के बाद एक महत्वपूर्ण काम है
जब कोई प्रोडक्ट खरीदेगा तब उसे ऑनलाइन पेमेंट का ऑप्शन चाहिए होगा
आप अपने वेबसाइट पे UPI , Online Banking , Card payment
रखना ज़रूरी है
नहीं तो ग्राहक प्रोडक्ट खरीदना चाहे तो भी नहीं खरीद सकता
ई-कॉमर्स क्या होता है
आज के समय में इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन व्यवसाय करना तथा ख़रीदारी करना बहुत पसंद किया जा रहा है, अब हमे मोबाइल, फर्नीचर, कपडे एवं इलेक्ट्रानिक का सामान आदि खरीदने के लिए बाजार नहीं जाना पड़ता है घर बैठे ही इंटरनेट ऑनलाइन शॉपिंग के द्वारा एक क्लिक से आप घर पर ही सामान मंगवा सकते है | ऑनलाइन शॉपिंग का व्यवसाय आज के समय में बहुत लोकप्रिय बन चुका है |
इंटरनेट के माध्यम से खरीदारी को ही ई-कॉमर्स कहते है Amazon, Flip-kart, shopcluse आदि वेबसाइट ई-कॉमर्स की ही साइट है | इन वेबसाइट के द्वारा ऑनलाइन व्यवसाय किया जा रहा है बहुत से लोग ऑनलाइन शॉपिंग करते है लेकिन उन्हें ई-कॉमर्स क्या है, इसका क्या मतलब होता है यह कितने प्रकार का है इस सम्बन्ध में पूरी जानकारी नहीं होती है, इसलिए इस पेज पर आपको “ई-कॉमर्स क्या होता है? लाभ और विशेषताओं” के विषय में सम्पूर्ण जानकारी दी जा रही है |
ई-कॉमर्स (E-COMMERCE) क्या है?
Table of Contents
ई-कॉमर्स को इंटरनेट या इलेक्ट्रानिक कॉमर्स भी कहते है, इंटरनेट के माध्यम से अपने व्यवसाय को संचालित करने को ई-कॉमर्स कहा जाता है | सामान और सेवाएं खरीदने, बेचने तथा ग्राहकों के साथ व्यवसाय करना एवं भागीदारी देना भी शामिल है साथ ही पैसो के स्थानांतरण तथा डाटा के साँझा करने की भी प्रक्रिया है, जिसमे इलेक्ट्रानिक रूप में दो या दो से अधिक सहयोगियों के बीच डाटा अथवा धन स्थानांतरित होता रहता है |
ई-कॉमर्स के द्वारा व्यापार करने में समय और दूरी रूकावट नहीं बनते है, ई-कॉमर्स को आप ऑनलाइन शॉपिंग भी कह सकते है | टीवी रिचार्ज, नेट बैंकिंग, पेटीएम आदि मोबाइल एप्लीकेशन के द्वारा भी इलेक्ट्रानिक व्यवसाय किया जा रहा है | मिंत्रा, स्नेपडील, शॉपक्लूज, बिगबास्केट, अमेजन, फ्लिपकार्ट, अलिबाबा आदि ई-कॉमर्स व्यापारियों की वेबसाइट है |
ई-कॉमर्स के प्रकार
व्यवसाय से व्यवसाय (Business to Business E-commerce)
दो व्यवसायिक कंपनियों के बीच आपसी लेंन-देंन से सम्बंधित है जिसमे कोई कंपनी अपना खुद का उत्पाद ना बना कर दूसरी कंपनी से खरीद कर बेचता है उसे व्यवसाय से व्यवसाय ई-कॉमर्स या Business to Business E-commerce भी कहते है |
व्यापार से उपभोक्ता (Business to Consumer E-commerce)
कंपनी अपने बनाये उत्पाद एवं सेवाएं सीधे उपभोक्ता को वेबसाइट के माध्यम से बेचता है, जिसमे उपभोक्ता उत्पाद के विषय में जानकारी लेकर उत्पाद का आर्डर करके घर में सामान प्राप्त करता है इस इलेक्ट्रानिक लेंन-देंन को व्यापार से उपभोक्ता ई-कॉमर्स या Business to Consumer E-commerce भी कहते है, जैसे Flipkart, Amazon आदि |
3.उपभोक्ता से उपभोक्ता (Consumer to Consumer E-commerce )
दो उपभोक्ताओं के बीच सेवाओं और सुविधाएं का इलेक्ट्रानिक लेंन-देंन किसी तीसरे पक्ष के माध्यम से किया जाता है, जिसमे एक उपभोक्ता सामान बेचता है और दूसरा खरीदता है जैसे olx ,Quicker, eBay आदि, इसे उपभोक्ता से उपभोक्ता ई-कॉमर्स या Consumer to Consumer E-commerce भी कहते है |
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