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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रणाली को और सक्षम बना सकता है नया कृत्रिम न्यूरॉन

नई दिल्ली, 16 जुलाई (इंडिया साइंस वायर): आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में दुनियाभर में नित नये आयाम गढ़े जा रहे हैं। इस दिशा में कार्य करते हुए भारतीय शोधकर्ताओं को एक नयी उपलब्धि हाथ लगी है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली के शोधकर्ताओं ने अपने ताजा अध्ययन में मस्तिष्क से प्रेरित एक ऐसा कृत्रिम न्यूरॉन विकसित किया है, जो एक सटीक और कुशल न्यूरोमॉर्फिक आर्टिशियल इंटेलिजेंस (एआई) प्रणाली के निर्माण में उपयोगी हो सकता है।

न्यूरोमॉर्फिक कंप्यूटिंग प्रौद्योगिकी के उस क्षेत्र को संदर्भित करता है, जहाँ इंजीनियर मानव मस्तिष्क के काम से प्रेरित बुद्धिमान मशीनों के निर्माण की कोशिश करते हैं। यह माना जाता है कि मस्तिष्क के भीतर बुद्धि को बढ़ाने वाले सबसे महत्वपूर्ण बिल्डिंग ब्लॉक्स न्यूरॉन और सिनेप्स होते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस अध्ययन की अंतर्विषयक प्रकृति होने के कारण यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमता), न्यूरोमॉर्फिक हार्डवेयर और नैनो इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे विभिन्न क्षेत्रों को जोड़ता है।

आईआईटी, दिल्ली के विद्युत इंजीनियरी विभाग के प्रोफेसर मनन सूरी के नेतृत्व में विकसित किए गए इस नये ‘स्पाइकिंग’ न्यूरॉन मॉडल का नाम DEXAT (Double EXponential Adaptive Threshold neuron) रखा गया है। यह शोध महत्वपूर्ण है क्योंकि यह स्पीच रेकोग्निशन जैसे वास्तविक अनुप्रयोगों के लिए सटीक, तेज और ऊर्जा-कुशल न्यूरोमॉर्फिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सिस्टम बनाने में प्रयुक्त हो सकता है।

नये विकसित किए गए कृत्रिम न्यूरॉन की विशेषताओं में न्यूरोमॉर्फिक प्रोसेसिंग के लिए DEXAT नामक नया मल्टी टाइम स्केल स्पाइकिंग न्यूरॉन मॉडल शामिल है। इस अध्ययन में, उभरते नैनो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर आधारित नये न्यूरॉन मॉडल का कुशल हार्डवेयर प्रदर्शन एवं रीयल-टाइम Spatio-Temporal न्यूरोमॉर्फिक प्रोसेसिंग का सफल हार्डवेयर प्रदर्शन किया गया है।

प्रोफेसर मनन सूरी ने बताया है कि “हम सेमीकंडक्टर मेमोरी प्रौद्योगिकी के सभी पहलुओं और अकादमिक एवं औद्योगिक भगीदारी के साथ इसके उभरते अनुप्रयोगों पर व्यापक शोध कर रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में हमने सरल भंडारण से परे मेमोरी टेक्नोलॉजी के अनेक नये-नये उपयोगो को सफलतापूर्वक प्रदर्शित किया है। इन-मेमोरी-कंप्यूटिंग, न्यूरोमॉर्फिक-कंप्यूटिंग, एज-एआई (edge AI), सेंसिंग और हार्डवेयर-सुरक्षा जैसे अनुप्रयोगों के लिए सेमीकंडक्टर मेमोरी का कुशलतापूर्वक उपयोग किया गया है। यह शोध विशेष रूप से एडेप्टिव स्पाइकिंग न्यूरॉन्स के निर्माण के लिए नैनो स्केल ऑक्साइड-आधारित मेमोरी डिवाइस एनालॉग गुणों का उपयोग करता है।”

इस शोध के माध्यम से मौजूदा आधुनिक एडॉप्टिव थ्रेसोल्ड स्पाइकिंग न्यूरॉन्स की तुलना में अधिक सटीक, तेज अभिसरण और कुशल हार्डवेयर कार्यान्वयन में लचीला स्पाइकिंग न्यूरॉन मॉडल प्रदर्शित किया गया है। नया समाधान कम न्यूरॉन्स के साथ उच्च प्रदर्शन प्राप्त करता है। इससे संबंधित लाभ कई डेटा सेट पर दिखाए गए हैं। गूगल स्पोकन कमांड डेटासेट पर 91% की वर्गीकरण सटीकता हासिल की गई है । इस शोध कार्य पर एक पेटेंट भी दायर किया गया है ।

शोधकर्ताओं ने एक हाइब्रिड नैनो डिवाइस आधारित हार्डवेयर का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया है। अत्याधिक डिवाइस परिवर्तनशीलता के साथ भी प्रस्तावित नैनो-डिवाइस न्यूरोमॉर्फिक नेटवर्क ने 94% सटीकता प्राप्त की, जिससे इसकी मजबूती का संकेत मिलता है।

यह अध्ययन शोध पत्रिका नेचर कम्युनिकेशन्स में प्रकाशित किया गया है। इस शोध कार्य में प्रोफेसर मनन सूरी के अलावा दो अन्य शोधार्थी अहमद शाबान और साई सुक्रुथ बेजुगम शामिल हैं।

व्यापार के करीब अमेरिकी शेयर कम; डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 0,85% नीचे

व्यापार के करीब अमेरिकी शेयर कम; डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 0,85% नीचे

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अमेरिकी शेयर गिरावट के साथ बंद, डाउ जोंस 0,85% टूटा

Investing.com - यूटिलिटीज, कंज्यूमर गुड्स और ऑयल एंड गैस सेक्टरों में नुकसान के कारण शुक्रवार को बंद होने के बाद अमेरिकी स्टॉक कम थे।

न्यूयॉर्क में कारोबार के अंत में, डॉव जोंस 0,85% गिरकर एक महीने के निचले स्तर पर आ गया, S&P 500 1,11% गिर गया और NASDAQ कंपोजिट 0,97% गिर गया।

कैटरपिलर इंक (एनवाईएसई: कैट) के शेयरों ने आज डॉव जोन्स औसत से बेहतर प्रदर्शन किया, जो 0,89% या 2,06 अंक बढ़कर 232,72 हो गया। बोइंग सह (एनवाईएसई: बीए) 0,98 अंक या 0,53% बढ़कर 184,70 हो गया। डॉव इंक (एनवाईएसई: डॉव) 0,27 अंक या 0,55% बढ़कर 49,80 पर बंद हुआ।

सबसे बड़ी हार अमेरिकन एक्सप्रेस (एनवाईएसई: एएक्सपी) की रही, जिसने सत्र को 3,92 पर समाप्त करने के लिए 2,61 अंक या 146,30% की गिरावट दर्ज की। नाइके इंक (एनवाईएसई: एनकेई) 2,56 अंक या 2,36% ऊपर 105,95 पर था, जबकि मैकडॉनल्ड्स कॉर्पोरेशन (एनवाईएसई: एमसीडी) 5,61 अंक या 2,06% नीचे 266,12 तक था।

आज S&P 500 के नेताओं में Adobe Systems Incorporated (NASDAQ:ADBE) शामिल है, जो 2,99% बढ़कर 338,54 अंक पर पहुंच गया, Meta Platforms Inc (NASDAQ:META), जो 2,82% बढ़कर 119,43 अंक पर बंद हुआ, और यूनिवर्सल हेल्थ सर्विसेज। इंक (एनवाईएसई: यूएचएस), जो 2,49% बढ़कर 135,83 पर बंद हुआ।

सबसे बड़ी हार फोर्ड मोटर कंपनी (एनवाईएसई: एफ) थी, जो 6,98:12 पर बंद होने तक 12% खो गई। मॉडर्न इंक (NASDAQ: MRNA) के शेयर 6,74% गिरकर 193,29 पर बंद हुए। पेपर कारमैक्स इंक (एनवाईएसई: केएमएक्स) 6,04% गिरकर 61,44 पर आ गया।

NASDAQ कंपोजिट इंडेक्स में आज Cosmos Holdings Inc (NASDAQ: COSM) का लाभ हुआ, जिसके शेयर 178,91% बढ़कर 23,01 हो गए, Nanthealth LLC (NASDAQ: NH), जिसके शेयर 98,95% बढ़कर 5,70 पर बंद हुए, और Trean Insurance Group Inc. (NASDAQ: TIG), जो 91,51% बढ़कर 5,97 पर बंद हुआ।

सबसे बड़ा नुकसान Synaptogenix Inc (NASDAQ: SNPX) का रहा, जो 74,63% गिरकर 1,20 पर आ गया। Agriify Corp के शेयर (NASDAQ: AGFY) एमएसीडी अभिसरण क्या है 69,87% गिरकर 0,25 पर बंद हुआ। Axcella Health Inc के शेयर (NASDAQ: AXLA) 63,08% गिरकर 0,16 पर आ गया।

न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में, गिरावट की संख्या (2) सकारात्मक क्षेत्र (161) में बंद होने वालों की संख्या से अधिक हो गई, जबकि 893 स्टॉक वस्तुतः अपरिवर्तित रहे। NASDAQ 105 पर, कंपनी की कीमत में गिरावट आई, 2231 चढ़े, और 1478 पिछले बंद के स्तर पर बने रहे।

कॉसमॉस होल्डिंग्स इंक के शेयर (NASDAQ: COSM) 178,91 पर व्यापार करने के लिए 14,76% या 23,01 अंक बढ़कर सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गए। Synaptogenix Inc के शेयर (NASDAQ: SNPX) 74,63% या 3,53 अंक की गिरावट के साथ 1,20 पर बंद होने के साथ सर्वकालिक निम्न स्तर पर पहुंच गया। Agriify Corp के शेयर (NASDAQ: AGFY) 69,87% या 0,57 अंक नीचे गिरकर 0,25 पर बंद हुआ। Axcella Health Inc के शेयर (NASDAQ: AXLA) 63,08% या 0,28 अंक नीचे गिरकर 0,16 पर बंद हुआ।

एसएंडपी 500 ऑप्शन ट्रेडिंग पर आधारित सीबीओई वोलैटिलिटी इंडेक्स 0,92% गिरकर 22,62 पर आ गया।

फरवरी डिलीवरी के लिए सोना वायदा 0,84% ​​या 15,05 डॉलर बढ़कर 1 ट्रॉय औंस हो गया। जनवरी डिलीवरी के लिए अन्य WTI कमोडिटीज का वायदा 2,34% या 1,78 गिरकर 74,33 डॉलर प्रति बैरल हो गया। फरवरी डिलीवरी के लिए ब्रेंट क्रूड का वायदा 2,64% या 2,14 गिरकर 79,07 डॉलर प्रति बैरल हो गया।

इस बीच, एफएक्स बाजार में, EUR/USD 0,37 पर 1,06% सपाट था, जबकि USD/JPY 0,78% गिरकर 136,एमएसीडी अभिसरण क्या है 68 पर था।

मुसलमानों की प्रजनन दर में गिरावट हिंदुओं की तुलना में ज्यादा रही, 2028 तक बराबर हो जाएगी जन्मदर- दिग्विजय सिंह

द लीडर। मध्‍य प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्‍विजय सिंह एमएसीडी अभिसरण क्या है एक बार फिर सुर्खियों में आ गए है. वो इसलिए क्योंकि उन्होंने एक बार फिर विवादित बयान दिया है. कांग्रेस राज्‍यसभा सदस्‍य दिग्‍विजय सिंह ने कल बुधवार को मध्‍य प्रदेश के सीहोर में एक कार्यक्रम में हिंदू और मुसलमानों की आबादी के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि, मुसलमान 4-4 बीवी कर लेते हैं, दर्जनों बच्‍चे पैदा कर लेते हैं और 10-20 साल बाद मुसलमान बहुसंख्‍यक हो जाएंगे और हिंदू अल्‍पसंख्‍यक हो जाएंगे. 2028 तक हिंदुओं और मुसलमानों की जन्‍मदर बराबर हो जाएगी और उस समय पूरे देश में जनसंख्‍या स्थिर हो जाएगी. दिग्‍विजय सिंह ने कहा- मैं चुनौती देता हूं, जो भी मुझसे चर्चा करना चाहें, कर ले.

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एमएसीडी अभिसरण क्या है 2028 तक बराबर हो जाएगी हिंदुओं और मुसलमानों की जन्मदर

सामने आए वीडियो में दिग्‍विजय सिंह एक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहते हैं कि, एक रिपोर्ट आई है, अध्ययन से पता चलता है कि, 1951 से लेकर आज तक मुसलमानों में प्रजनन दर में गिरावट हिंदुओं की तुलना में अधिक रही है, लेकिन आज भी मुसलमानों की जन्मदर 2.7 है और हिंदुओं की 2.3 है यानि कि, परिवार में 2.3 परिवार आ जाता है, उनका 2.7 है, लेकिन जिस प्रकार से जनसंख्या की जन्मदर घट रही है. 2028 तक हिंदुओं की और मुसलमानों की जन्मदर बराबर हो जाएगी औऱ उस समय पूरे देश में जनसंख्या स्थिर हो जाएगी.

मुसलमानों को खतरा बताकर हिंदुओं को गुमराह किया जाता है

वीडियो में कांग्रेस नेता दिग्‍विजय सिंह कह रहे हैं, जो भी बढ़ोतरी होगी वो 2028 तक होगी. उसके बाद नहीं होगी. आज मुसलमानों को खतरा बताकर हिंदुओं को गुमराह किया जाता है, और दूसरी तरफ एक ओवैसी साहब हैं, जो मुसलमानों को खतरा बताकर वोट कमाना चाहते हैं. नरेंद्र मोदी जी हिंदुओं को खतरा बताते हैं, ओवेसी जी मुसलमानों को खतरा बताते हैं. न हिंदुओं को खतरा है और न मुसलमानों को खतरा है, खतरा है तो मोदी जी और ओवैसी जी को खतरा है. बता दें कि देश में जनसंख्‍या वृद्धि, धर्मांतरण, लव जेहाद जैसे मुद्दे आगामी विधानसभा चुनाव से पहले गर्मा गए हैं.

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हर धर्मों के बीच प्रजनन दर में गिरावट आई- रिपोर्ट

बता दें कि, देश के अन्य धर्मों की तुलना में मुसलमानों की प्रजनन दर अब भी सबसे अधिक है. हालांकि, 1992 से लेकर 2015 के बीच आश्चर्यजनक तरीके से प्रजनन दर प्रति महिला 4.4 बच्चे से कम होकर 2.6 बच्चे पर आ गई. इस मामले में दूसरा स्थान हिंदुओं का है. जबकि जैनियों की प्रजनन दर सबसे कम है. एक गैर-पक्षपाती एमएसीडी अभिसरण क्या है अमेरिकी थिंक टैंक ने मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है. हालांकि, इसमें कहा गया है कि, हर धर्मों के बीच प्रजनन दर में गिरावट आई है.

2.1 प्रजनन दर के साथ हिंदू दूसरे स्थान पर

भारत की धार्मिक संरचना पर आधारित प्यू शोध केंद्र की नई रिपोर्ट में कहा गया है कि, हर धार्मिक समूह की प्रजनन क्षमता में गिरावट देखी गई है, जिसमें बहुसंख्यक हिंदू आबादी और मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध और जैन अल्पसंख्यक समूह भी शामिल हैं. इसमें कहा गया है कि, 2.1 प्रजनन दर के साथ हिंदू दूसरे स्थान पर हैं। जबकि 1.2 प्रजनन दर के साथ जैन धर्म सबसे कम है.

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मुसलमानों की प्रजनन दर सबसे अधिक 4.4 है

सामान्य पैटर्न काफी हद तक वैसा ही है जैसा 1992 में था, जब मुसलमानों की प्रजनन दर सबसे अधिक 4.4 और उसके बाद हिंदुओं में 3.3 थी. उदाहरण के लिए, जहां 1992 में मुस्लिम महिलाओं के हिंदू महिलाओं की तुलना में औसतन 1.1 अधिक बच्चे होने की उम्मीद थी, 2015 तक यह अंतर कम होकर 0.5 हो गया.

रिपोर्ट में कहा गया है कि, भारत की धार्मिक संरचना में इन प्रवृत्तियों की वजह से भारत की मुस्लिम आबादी प्रजनन अंतर के कारण अन्य धार्मिक समूहों की तुलना में कुछ हद तक तेजी से बढ़ी है. लेकिन आंशिक रूप से प्रजनन पैटर्न में गिरावट और अभिसरण के कारण 1951 के बाद से समग्र धार्मिक जनसंख्या में केवल मामूली बदलाव हुए हैं. मालूम हो कि, आजादी के बाद भारत में 1951 में पहली बार जनगणना की गई थी.

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जनसंख्या पर हाल का सर्वे क्या कहता है ?

सीनियर प्यू रिसर्चर स्टेफनी एमएसीडी अभिसरण क्या है क्रेमर के सर्वे के अनुसार, वर्ष 1951 से 2011 तक हिंदुओं की जनसंख्या 30 करोड़ से बढ़कर 96 करोड़ के आसपास हो गई. इसके अलावा मुस्लिम आबादी साल 1951-2011 के बीच 3.5 करोड़ से बढ़कर 17 करोड़ के आसपास पहुंच गई है. वहीं, ईसाइयों की जनसंख्या 80 लाख से बढ़कर लगभग तीन करोड़ हो चुकी है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक, भारत एमएसीडी अभिसरण क्या है की कुल आबादी में 79.8 फीसदी हिंदू हैं जबकि मुस्लिमों की जनसंख्या 14.2 फीसदी है.

Covid 19 Deaths In India : छह भारतीय पत्रों ने रोके विश्व स्वास्थ्य संगठन के कोरोना से मौत के आंकड़े

Covid 19 Deaths In India : छह भारतीय पत्रों ने रोके विश्व स्वास्थ्य संगठन के कोरोना से मौत के आंकड़े

Covid 19 Deaths In India : स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार देर रात जारी एक मीडिया विज्ञप्ति में पहली बार उन आपत्तियों के कारणों को विस्तार से बताते हुए कहा कि इसकी "मूल आपत्ति परिणाम के साथ नहीं है . बल्कि अपनाई गई कार्यप्रणाली" है.

Covid 19 Deaths In India : भारत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा अपनाई गई कार्यप्रणाली के बारे में अपनी चिंताओं को व्यक्त करते हुए छह पत्र भेजे हैं, जिसमें देश के कोविड -19 से मृत्यु (Covid-19 Deaths In India) का अनुमान कम से कम 4 मिलियन या 521,000 की आधिकारिक गणना से सात गुना अधिक दर्शाया गया है।

छह पत्रों के अलावा भारत ने नवंबर 2021 से पांच आभासी बैठकों के माध्यम से अपनी चिंता व्यक्त की है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry Of Health) ने न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट का जवाब देते हुए कहा है कि भारत ने अपने अनुमान को सार्वजनिक करने के विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रयास को रोकने की कोशिश की है।

डब्ल्यूएचओ ने जनवरी में भारत के साथ-साथ अन्य देशों में कोविड -19 से होने वाली अधिक मौतों के अनुमानों को सार्वजनिक करने की योजना बनाई थी, लेकिन "भारत की आपत्तियों के कारण महीनों के लिए यह योजना विलंबित हो गई", एनवाईटी ने शनिवार को सूचना दी है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार देर रात जारी एक मीडिया विज्ञप्ति में पहली बार उन आपत्तियों के कारणों को विस्तार से बताते हुए कहा कि इसकी "मूल आपत्ति परिणाम के साथ नहीं है . बल्कि अपनाई गई कार्यप्रणाली" है।

विशेषज्ञों का कहना है कि डब्ल्यूएचओ ने भारत में 4 मिलियन कोविड -19 मौतों का अनुमान लगाया है - जैसा कि द एनवाईटी ने रिपोर्ट किया है - जुलाई 2021 से कई शोध अध्ययनों के अनुरूप है, जिनकी अनुमानित मृत्यु भारत में 3 मिलियन से अधिक है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रत्येक अध्ययन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है, निष्कर्षों को 'त्रुटिपूर्ण', 'मिथ्या', 'भ्रामक' और अप्रमाणित मान्यताओं के आधार पर वर्णित किया है। इसने जोर देकर कहा है कि भारत में मौतों की रिपोर्ट करने के लिए एक मजबूत तंत्र है।

भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के वर्गों का मानना है कि अप्रैल-मई 2021 के दौरान दूसरी कोविड -19 लहर के चरम के दौरान विभिन्न अनुमानों और जमीनी घटनाओं के अभिसरण से यह स्पष्ट हो जाना चाहिए कि देश का वास्तविक कोविड -19 मरने वालों की संख्या आधिकारिक आंकड़े से अधिक है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि डब्ल्यूएचओ की कार्यप्रणाली के बारे में भारत की चिंता इस बात से संबंधित है कि मौत के आंकड़े जुटाने के लिए कैसे भारत जैसे बड़े भौगोलिक आकार और जनसंख्या वाले देश में सांख्यिकीय मॉडल का इस्‍तेमाल किया गया है, जो कि केवल उन देशों में फिट बैठता है जहां बहुत कम आबादी है।

मंत्रालय ने सांख्यिकीय मॉडल की वैधता और सटीकता के बारे में चिंताओं का हवाला देते हुए कहा, "यह मॉडल जो ट्यूनीशिया जैसे छोटे देशों के लिए सही हैं, इसे भारत में लागू नहीं किया जा सकता है।" मंत्रालय ने चिंता व्यक्त की है कि भारत के आंकड़े निकालने के लिए डब्ल्यूएचओ ने 61 देशों के रिपोर्ट किए गए डेटा के साथ स्टैंडर्ड पैटर्न निर्धारित किए और उन्हें भारत सहित अन्य देशों के लिए इस्‍तेमाल किया। मंत्रालय ने कहा, "इस दृष्टिकोण के आधार पर, भारत में अनुमानित मौतों का आंकड़ा उसी आधार पर किया गया जिसके जरिए कोस्टा रिका, इज़राइल, पराग्वे और ट्यूनीशिया का आंकड़ा निकाला गया।"

"सार्वजनिक स्वास्थ्य मंडल में कई लोग यह जानते हैं - वास्तविक मृत्यु दर अधिक है। लेकिन जब आप एक बार कुछ छिपाते हैं, तो आपको इसे बार-बार छिपाना पड़ता है, "एक संक्रामक रोग महामारी विशेषज्ञ ने कहा, जिन्होंने नाम न बताने का अनुरोध किया। "इसलिए डब्ल्यूएचओ की कार्यप्रणाली पर भी आपत्ति है।"

मंत्रालय ने कहा कि मॉडल मासिक तापमान और औसत मौतों के बीच एक विपरीत एमएसीडी अभिसरण क्या है संबंध मानता है, जिसका कोई वैज्ञानिक समर्थन नहीं है।

राज्यों के भीतर भी अलग-अलग मौसम के पैटर्न को देखते हुए, 18 राज्यों के आधार पर राष्ट्रीय स्तर पर मृत्यु दर का अनुमान "सांख्यिकीय रूप से अप्रमाणित" है।

मंत्रालय ने चिंता व्यक्त की है कि भारत के लिए आयु-लिंग वितरण की गणना करने के लिए, डब्ल्यूएचओ ने 61 देशों के रिपोर्ट किए गए डेटा के साथ मानक पैटर्न निर्धारित किए और उन्हें भारत सहित अन्य देशों के लिए सामान्यीकृत किया।

"भारत का मानना है कि नीति निर्माताओं के लिए इस तरह के डेटा के किसी भी उपयोग के बारे में आश्वस्त महसूस करने के लिए कार्यप्रणाली पर गहराई से स्पष्टता और इसकी वैधता का स्पष्ट प्रमाण महत्वपूर्ण है।"

कोरिया : कलेक्टर एस.एन.राठौर के मार्गदर्शन में गौठान ग्रामों के हल्दी प्रक्षेत्रों से हल्दी की सुखी पत्तियों से निकल रहा सगंध हल्दी तेल

कोरिया एस के मिनोचा : कृषि विज्ञान केंद्र -कोरिया दवारा गौठान ग्राम क्रमशः कुशाह, पौड़ी, छरछा, रोझी, जामपानी, कोडीमार व सोरगा में कुल 35 एकड़ क्षेत्रफल में मनरेगा व केवीके अभिसरण से हल्दी की उन्नत प्रजातियों – रोमा, रशिम व बी.एस.आर.-2 का रोपण वर्ष 2020-21 में किया गया था। हल्दी की उन्नत प्रजातियों को इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर, हाई अलटीऊड रिसर्च स्टेशन, ओड़ीसा तथा तमिलनाडु एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, कोयम्बटूर से आयातित किया गया ताकि जिले में हल्दी की नवीनतम प्रजातियों का प्रचार व प्रसार हो सके। हल्दी फसल में जब फरवरी- मार्च माह में पत्तियां सुख जाती है तब सुखी पत्तियों की कटाई कराकर भाप आसवन संयंत्र से सगंध हल्दी तेल निकाला जा रहा है।

एक एकड़ क्षेत्रफल से लगभग 300 से 400 किलोग्राम सुखी पत्तिया इकट्ठी हो जाती है जिससे 1.5 से 2 किलोग्राम सगंध हल्दी तेल निकल जाता है। इस प्रकार लगभग 35 एकड़ क्षेत्रफल से अनुमानित 50 से 55 लीटर सगंध हल्दी तेल निकाला जा सकेगा। विपणन क्षेत्र में खुले बाजार में हल्दी तेल की कीमत रूपए 3000 से 5000 प्रति किलोग्राम है। हल्दी तेल के विक्रय से प्राप्त शुद्ध आय को बराबर अनुपात में क्षेत्रफल अनुसार ग्राम गौठान समितियों को वितरित कर दिया जावेगा।

हल्दी तेल एंटीऑक्सिडेंट से समृद्ध है और इसमें शक्तिशाली सूजनरोधी गुण हैं। आवश्यक तेल में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं और इसमें एंटी-एलर्जी, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-फंगल गुण होते हैं जो त्वचा और बालों पर चमत्कार की तरह काम करते हैं। हल्दी तेल में फरानोगर्मेनोन (7.8ः), कम्फोर (7.5ः), (जेड)-3-हेक्सेनॉल (5.8ः), और फुरानोडिएनोन (5.1ः) मुख्य वाष्पशील योगिक होते है। सामान्य रूप से हल्दी तेल, स्वास्थ्य रखरखाव और रोगों के उपचार के लिए कई लाभकारी प्रभाव दिखाते हैं। वर्तमान में हल्दी तेल का उपयोग हस्त निर्मित साबुन एवं 15 मिली की बोतल पैकिंग में उपयोग कर विपणन किया जा रहा है। भविष्य में कॅरिअर आयल के साथ हल्दी तेल क® मिलाकर बॉडी आयल के रूप में किसान उत्पादक संगठन के कृषकों द्वारा केवीके कोरिया के तकनिकी मार्गदर्शन तथा जिला प्रशासन के सहयोग से विक्रय किया जावेगा।

इस वर्ष हल्दी की पत्तियों की कटाई करके रेटून फसल के रूप में अगले वर्ष ले जाया जा रहा है ताकि पुनः हल्दी तेल निकाला जा सके व साथ ही साथ हल्दी राईजोम की दुगनी उपज प्राप्त हो सके। अगले वर्ष 35 एकड़ क्षेत्रफल से लगभग 320-330 टन तक का हल्दी राईजोम की उपज प्राप्त होगी। प्राप्त उपज का 50 प्रतिशत भाग लगभग 150-160 टन हल्दी की बिक्री ग्राम गौठान समिति द्वारा केवीके तकनिकी मार्गदर्शन में किसान उत्पादक संगठन के माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य या राष्टीय स्तर पर किया जावेगी। शेष बची हुई 150-160 टन हल्दी को अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन में जिले में प्रदर्शित किया जावेगा।

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