अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में बढ़ोतरी और वैश्विक बाजारों में बढ़ती अनिश्चितता के कारण अमेरिका बेस्ड सिक्योरेटीज में निवेश का बढ़ता अलोकेशन रुपए में मौजूदा गिरावट के प्रमुख कारण हैं. डॉलर डिनॉमिनेटेड सिक्योरिटीज में डॉलर की डिमांड एक एक वैश्विक घटना है और सभी अर्थव्यवस्थाओं ने इसका प्रभाव देखा है. डॉलर इंडेक्स अपने 20 साल के उच्चतम स्तर के डॉलर की मजबूती का क्या मतलब है? करीब है.
क्या मजबूत अमेरिकी डॉलर का मतलब कमजोर रुपया और गरीब होना है?
भारतीय रुपया गिर रहा है. टीवी, न्यूज़ पेपर से लेकर सोशल मीडिया तक में ये खबरें सुर्खियां बनी हुई हैं. इससे डॉलर की मजबूती का क्या मतलब है? डॉलर की मजबूती का क्या मतलब है? कई लोग ऐसा मानने लगे हैं कि एक राष्ट्र के रूप में हम दिन-ब-दिन गरीब होते जा रहे हैं. रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 80 को पार कर गया है. इस बात से एक तरह का मनोवैज्ञानिक दबाव भी बन गया है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या हमारी अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में है या हम एक आर्थिक आपदा की ओर बढ़ रहे हैं? आइए समझने की कोशिश करते हैं.
आइए पहले रुपए के इतिहास पर नजर डालते हैं. ब्रिटिश राज से आजादी के समय डॉलर के मुकाबले रुपया 3.3 था. 75 साल में रुपया 80 के लेवल पर पहुंच गया है यानी हर साल रुपया डॉलर के मुकाबले 4.4% कमजोर हुआ है. उस समय सरकार ने रुपये-डॉलर की दरों की घोषणा की थी और कोई वास्तविक बाजार-संचालित समीकरण नहीं था. तो, चलिए 1966 की बात करते हैं, जब रुपए का पहला बड़ा अवमूल्यन किया गया था, जो डॉलर के मुकाबले वैल्यू 7.5 तक ले आया था. यदि हम 1966 को आधार वर्ष के रूप में लेते हैं, तो रुपए का अब तक का वार्षिक मूल्यह्रास (annualised depreciation) 4.3% आता है.
डॉलर मजबूत हो रहा है या रुपया कमजोर ? जानिए इस खास रिपोर्ट में
अमेरिका में दिया गया वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन का एक बयान इन दिनों सुर्खियों में है. सोशल मीडिया पर तो उनका ये बयान काफ़ी छाया हुआ है. ट्विटर से लेकर फ़ेसबुक डॉलर की मजबूती का क्या मतलब है? तक उन्हीं के चर्चे हैं. हर कोई उनसे उनके इस बयान का मतलब पूछ रहा है. अब तो आप डॉलर की मजबूती का क्या मतलब है? समझ ही गए होंगे कि, आख़िर हम किस मुद्दे की बात कर रह हैं. जी हां हम बात कर रहे हैं डॉलर के मुक़ाबले कमज़ोर होती रुपये की सेहत की.
A statement by Finance Minister Nirmala Sitaraman given in America is in the headlines these days. This statement of his has been quite shadowed on social media.
रुपया गिर नहीं रहा है, बल्कि डॉलर मज़बूत हो रहा है: वित्त मंत्री सीतारमण
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से रुपये की मज़बूती को लेकर अपनाए डॉलर की मजबूती का क्या मतलब है? जाने वाले उपायों के बारे में पूछा गया था, जिस पर उन्होंने कहा कि डॉलर लगातार मज़बूत हो रहा है. इसलिए तय है कि मज़बूत होते डॉलर के सामने बाकी सभी मुद्राएं कमज़ोर प्रदर्शन करेंगी. The post रुपया गिर नहीं रहा है, बल्कि डॉलर मज़बूत हो रहा है: वित्त मंत्री सीतारमण appeared first on The Wire - Hindi.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से रुपये की मज़बूती को लेकर अपनाए जाने वाले उपायों डॉलर की मजबूती का क्या मतलब है? के बारे में पूछा गया था, जिस पर उन्होंने कहा कि डॉलर लगातार मज़बूत हो रहा है. इसलिए तय है कि मज़बूत होते डॉलर के सामने बाकी सभी मुद्राएं कमज़ोर प्रदर्शन करेंगी.
वाशिंगटन: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोर होती डॉलर की मजबूती का क्या मतलब है? स्थिति के संबंध में एक सवाल का जवाब देते हुए रविवार को कहा कि रुपया कमजोर नहीं हो डॉलर की मजबूती का क्या मतलब है? रहा है, बल्कि डॉलर मजूबत हो रहा है.
Rupee Vs Dollar: अभी और गिरेगा रुपया! डॉलर इंडेक्स अभी भी मजबूत
डीएनए हिंदीः अमेरिका के पूर्व ट्रेजरी सेक्रेटरी जॉन कोनली ने 1971 में कहा था कि 'डॉलर हमारी करेंसी है और आपकी समस्या'. आज 50 साल बाद भी ये बात भारत जैसे विकासशील देशों के लिए सच है. डॉलर के मुकाबले रुपए (Rupee Vs Dollar) की कीमत 82 रुपये को भी पार कर सकती है. महंगाई (Inflation) को कम करने के लिए अमेरिकी फेडरल बैंक(US Fed Reserve) ने जैसे-जैसे ब्याज दरें बढ़ाई हैं, रुपये पर दबाव बढ़ता गया है. रुस यूक्रेन युद्ध डॉलर की मजबूती का क्या मतलब है? के बाद महंगे हुए आयात और विदेशी निवेशकों के दबाव के कारण भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में पिछले एक साल में 100 बिलियन डॉलर की कमी हो गई. मगर अभी भी रुपये में डॉलर इंडेक्स (Dollar Index) के मुकाबले कम गिरावट देखने को मिली है. ऐसे में रुपये को आने वाले समय में और दबाव झेलना पड़ सकता है.
संजय सिंह ने निर्मला सीतारमण पर कसा तंज
एक सभा को संबोधित करते हुए संजय सिंह ने कहा है कि मोदी जी से चार डॉलर की मजबूती का क्या मतलब है? गुना आगे वित्त मंत्री जी निकल गई हैं। रूपये की गिरवाट पर उन्होंने कहा कि रुपया गिर नहीं रहा है बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है। मतलब वो कह रही हैं कि पेट्रोल महंगा नहीं हुआ, डीजल महंगा नहीं है, दवाई महंगी नहीं हुई है। उन्होंने तो बस महंगाई बढ़ाई है। अगर आप महंगाई नहीं झेल पा रहे हैं तो ये आपकी कमी है।
संजय सिंह ने कहा कि वित्त मंत्री का ये ज्ञान सुनकर हमने कहा कि हां, वित्त मंत्री जी, हम रो भी नहीं रहे हैं बस हमारे अन्दर आंसू रोकने की क्षमता कम हो गई है। संजय सिंह ने कहा कि ऐसे ज्ञानियों से छुट्टी ले लो मेरे भाई, इन्होंने देश को बर्बाद कर दिया है। संजय सिंह का यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और लोग इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
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