बिजी एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर में निम्नलिखित विशिष्ट ग्राहक हैं: स्टार्टअप, एसएमई, एजेंसियां, इंटरप्राइजेज
BUSY एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर क्या है?
BUSY सूक्ष्म, लघु और मध्यम व्यवसायों के लिए एक एकीकृत व्यवसाय लेखांकन सॉफ्टवेयर(Integrated business accounting software) है। दुनिया भर में बिकने वाले 3,00,000 से अधिक लाइसेंसों के साथ, भारत में प्रमुख लेखा सॉफ्टवेयर(Accounting software) में से एक है।
BUSY की मुख्य विशेषताएं हैं [The main features of BUSY are]:
- वित्तीय लेखा (बहु-मुद्रा) [Financial accounting (multi-currency)]
- इन्वेंटरी प्रबंधन (बहु स्थान) [Inventory Management (Multi-location)]
- सामग्री का उत्पादन / बिल [Production of material / bill]
- बिक्री / खरीद भाव [Sale / purchase price]
- बिक्री / खरीद आदेश प्रसंस्करण [Sales / Purchase Order Processing]
- पूरी तरह से उपयोगकर्ता-कॉन्फ़िगर करने योग्य चालान [Fully user-configurable invoices]
- उपयोगकर्ता-कॉन्फ़िगर करने योग्य दस्तावेज़ / पत्र [User-configurable document / letter]
- रिपोर्ट में उपयोगकर्ता-कॉन्फ़िगर करने योग्य कॉलम [User-configurable columns in reports]
- जीएसटी चालान और रिपोर्ट [GST Challan and Report]
- वैट / एक्साइज / सर्विस टैक्स [VAT / Excise / Service Tax]
- टीडीएस और टीसीएस [TDS & TCS]
- एमआईएस रिपोर्ट और विश्लेषण [MIS Report and Analysis]
व्यस्त लेखांकन सॉफ्टवेयर मूल्य क्या है? [What is busy accounting software worth? in Hindi]
बिजी एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर सबसे अच्छा जीएसटी रिटर्न सॉफ्टवेयर है जो विभिन्न योजनाएं प्रदान करता है जैसे:
- INR फ्रेमवर्क वेंचर क्या है 7, 200 के लिए बिजी एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर बेसिक
- INR 12, 600 में बिजी एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर स्टैण्डर्ड
- INR 18, 000 में बिजी एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर एंटरप्राइज
व्यस्त लेखा सॉफ्टवेयर के लिए सिस्टम आवश्यकताएँ क्या हैं? [What are the system requirements for busy accounting software? in Hindi]
Busy Accounting सॉफ्टवेयर को सुचारू रूप से चलाने के लिए ये आवश्यक हार्डवेयर आवश्यकताएं हैं:? प्रोसेसर - डुअल कोर या इससे ऊपर का प्रोसेसर,रैम - 2 जीबी रैम या अधिक, मॉनिटर - 1024 X 768 रेजोल्यूशन या अधिक, सी डी रोम डिस्क , हार्ड डिस्क - 500 एमबी Free Disk Location
Busy Accounting Software PC पर अपने सभी डेटा बचाता है। यह चोरी, हैकिंग आदि के किसी भी प्रयास से डेटा को बचाने के लिए पीसी के फ़ायरवॉल सिस्टम का उपयोग करता है।
फ्रेमवर्क वेंचर क्या है
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Startup Funding: कोरोना काल में बनाना चाहते हैं स्टार्टअप तो इन बातों पर करें अमल
कोरोना के कहर (Corona) के बीच यह आम आदमी ही नहीं, स्टार्टअप (Startup) के लिए भी चुनौतीपूर्ण समय है। स्टार्टअप के संस्थापक घटी मांग और कम होती नकदी की समस्या से जूझ रहे हैं। इस समय ग्राहक खरीद के फ्रेमवर्क वेंचर क्या है अपने निर्णयों का पुनर्मूल्यांकन कर रहे हैं या फिर उन्हें टाल दे रहे हैं। टाई की हाल की एक रिपोर्ट कहती है कि कोविड-19 के कारण 15 प्रतिशत स्टार्टअप ने अपना काम रोक दिया है जबकि 44 प्रतिशत के पास छह महीने से कम फ्रेमवर्क वेंचर क्या है के लिए नकद है। ऐसे में स्टार्टअप के लिए यह खास तौर से मुश्किल समय रहा है। जब वे धन जुटाने के चरण की शुरुआत करने वाले थे तभी महामारी की शुरुआत हो गई।
जब स्टार्टअप का फोकस में बने रहना और सतर्क विकास जरूरी हो गया है। ऐसे में उन्हें धन जुटाने की अपनी रणनीति को संशोधित करने की आवश्यकता है। एंजल और वेंचर कैपिटल के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ गई फ्रेमवर्क वेंचर क्या है है। मंदी का परिणाम यह हुआ है कि फंडिंग के निर्णय चक्र का विस्तार हो गया है और धन सामान्य तौर पर कम है। ऐसे में मुद्दा फिर से यही हो गया है कि मजबूत और व्यवहार्य उपक्रम बनाए जाएं। जूम कॉल पर ध्यान कम है और निवेशक का ध्यान जितनी जल्दी संभव हो सके, आकर्षित करना आवश्यक हो गया है।
मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण
हाल ही में, केंद्र सरकार द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक की ‘मौद्रिक नीति समिति’ हेतु आगामी पांच वर्षों के लिए +/- 2 प्रतिशत अंकों की गुंजाइश सीमा के साथ 4 प्रतिशत मुद्रास्फीति लक्ष्य बनाए रखने का निर्णय लिया गया है।
- यह एक निर्दिष्ट वार्षिक मुद्रास्फीति दर प्राप्त करने हेतु मौद्रिक नीति के संयोजन पर आधारित केंद्रीय बैंक की एक नीति होती है।
- मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण (Inflation Targeting) का सिद्धांत इस विश्वास पर आधारित होता है कि दीर्घकालीन आर्थिक वृद्धि, सर्वोत्तम रूप से, कीमतों की स्थिरता बनाए रखने के माध्यम से हासिल की जा सकती है तथा ‘कीमतों की स्थिरता’, मुद्रास्फीति नियंत्रित करके हासिल की जा सकती है।
मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण फ्रेमवर्क:
वर्ष 2016 में, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अधिनियम, 1934 में संशोधन के बाद से भारत में एक ‘लचीला मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण फ्रेमवर्क’ (Flexible Inflation Targeting Framework) लागू है।
संशोधित भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, भारत सरकार, प्रत्येक पाँच वर्ष में एक बार, रिजर्व बैंक के परामर्श से मुद्रास्फीति लक्ष्य निर्धारित करती है।
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