Edited By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: October 28, 2022 12:30 IST

2047 से पहले रुपया बनेगा Global Currency, सरकार ने शुरू की तैयारी

Rupee Will Become International Currency: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस साल जुलाई में बैंकों को आयात-निर्यात के सौदे रुपये में करने के लिए जरूरी इंतजाम करने के निर्देश दिए थे. अब DGFT ने एक अधिसूचना में कहा है कि RBI के 11 जुलाई, 2022 के निर्देश के मुताबिक पैराग्राफ 2.52 (डी) को अधिसूचित किया गया है.

2047 से पहले रुपया बनेगा Global Currency!

आदित्य के. राणा इलेक्ट्रॉनिक मुद्रा व्यापार

  • नई दिल्ली,
  • 23 सितंबर 2022,
  • (अपडेटेड 23 सितंबर 2022, 8:13 AM IST)

वाणिज्य मंत्रालय (Ministry of Commerce) ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय व्यापार को रुपये में करने के लिए विदेश व्यापार नीति में बदलाव किया था. इन बदलावों के असर से सभी तरह के पेमेंट (Payment), बिलिंग (Billing) और आयात-निर्यात (Emport-Export) में लेन-देन का निपटारा रुपये में हो सकता है. इस बारे में डायरेक्टोरेट ऑफ फॉरेन ट्रेड यानी DGFT ने एक नोटिफिकेशन भी जारी किया है. ये सुनने में भले ही तकनीकी तौर पर थोड़ा पेचीदा नजर आए, लेकिन सरल भाषा में कहें, तो ये रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण की प्रक्रिया की तरफ सरकार का पहला और बड़ा कदम है.

रुपये को और ताकतवर बनान लक्ष्य
भारतीय करेंसी रुपये (Indian Currency Rupee) का अंतरराष्ट्रीयकरण यानी डॉलर की तरह आने वाले समय में पूरी तरह से कारोबार रुपये में करना मुमकिन हो जाएगा. DGFT ने इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी करके रुपये में विदेशी कारोबार के रास्ते में आने वाले ब्रेकर्स या दिक्कतों की आशंका को खत्म कर दिया है. दरअसल, सरकार की मंशा साल 2047 तक इंडियन करेंसी को अंतरराष्ट्रीय करेंसी के तौर पर स्थापित करने की है. इसका मकसद साफतौर पर देश को आजाद हुए 100 साल होने पर भारतीय करेंसी रुपये को दूसरी करेंसियों के बराबर ताकतवर बनाना है.

फिलहाल डॉलर में होता है 40% ग्लोबल ट्रेड
ऐसी उम्मीद है कि रुपये को अंतरराष्ट्रीय करेंसी के तौर पर स्थापित करने की तरफ अगला कदम भी जल्द बढ़ाया जाएगा. इस कड़ी में रूस के साथ जल्द ही भारतीय करेंसी में कारोबार शुरू किए जाने की योजना है. रूस के बाद खाड़ी देश सऊदी अरब के साथ भी भारत रुपये में कारोबार शुरु करने की संभावनाएं तलाश रहा है. इन दोनों देशों के साथ भारत का रुपये में लेन-देन शुरु होना, देश की करेंसी के अंतरराष्ट्रीयकरण की तरफ एक मजबूत कदम होगा.

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इस बारे में भारत सरकार के तीन महत्वपूर्ण मंत्रालयों यानी वित्त, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के बीच इलेक्ट्रॉनिक मुद्रा व्यापार बैठक भी हो चुकी है. इस बैठक में रुपये को ग्लोबल करेंसी (Global Currency) के तौर पर स्थापित करने पर गहन चर्चा हुई है. यहां बता दें फिलहाल, दुनिया भर में होने वाले कुल व्यापार में से 40 फीसदी से ज्यादा कारोबार अमेरिकी डॉलर में किया जाता है.

चीन भी कर चुका है असफल प्रयास
चीन (China) ने भी युआन (Yuan) के अंतरराष्ट्रीयकरण की कोशिश की थी, लेकिन सफल नहीं हो सकी. लेकिन चीन की असफलता से भारत को घबराने की कतई जरूरत नहीं है. क्योंकि चीन अपनी करेंसी के मूल्य को घटाने-बढ़ाने के लिए कृत्रिम तरीके अपनाता है. ऐसे में Yuan के अंतरराष्ट्रीयकरण का प्रयास असफल हो चुका है. भारत के साथ रुपये में कारोबार करने के लिए अब कई देश आगे आ सकते हैं. इनमें ब्राजील, मैक्सिको, श्रीलंका और बांग्लादेश शामिल हैं.

बांग्लादेश के आगे आने का सबसे बड़ा कारण ये है कि इस देश का विदेशी मुद्रा भंडार घटकर चिंताजनक स्तर पर आ गया है. ऐसे में बांग्लादेश को भारत के साथ रुपये में कारोबार करना फायदेमंद नजर आएगा. बांग्लादेश की ही तर्ज पर डॉलर की तंगी से परेशान कई देश भारत के साथ रुपये में कारोबार करने के लिए तैयार हो जाएंगे.

RBI और सरकार तैयारी में जुटे
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस साल जुलाई में बैंकों को आयात-निर्यात के सौदे रुपये में करने के लिए जरूरी इंतजाम करने के निर्देश दिए थे. इसके बाद DGFT ने एक अधिसूचना में कहा है कि RBI के 11 जुलाई, 2022 के निर्देश के मुताबिक पैराग्राफ 2.52 (डी) को अधिसूचित किया गया है, जो रुपये में Emport-Export सौदों के पूरा होने, बिल बनाने और पेमेंट की मंजूरी देता है. इस निर्देश के बाद अब व्यापार सौदों का निपटारा रुपये में भी किया जा सकता है. इसके लिए भारत में अधिकृत डीलर बैंकों को विशेष वोस्ट्रो खाते खोलना अनिवार्य होगा.

इस व्यवस्था से आयात का भुगतान भारतीय रुपये में मिल सकेगा. इस भुगतान को लेने के लिए देश के बैंकों में विशेष वोस्ट्रो खाता खोलने की जरूरत होगी, जिसमें रकम जमा होगी. विदेशी सप्लायर्स को सामान या सर्विस के लिए दिए गए बिलों के एवज में यह राशि जमा की जाएगी.

RBI की डिजिटल करेंसी के साथ भारत में शुरू हो रहा नया युग, जानिए आपको कितना फायदा होगा

डिजिटल करेंसी भारत में हमेशा से ही चर्चा का विषय रही है। कारण है क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को लेकर सख्ती। लेकिन अब आरबीआई की तरफ से डिजिटल करेंसी पेश करने की बात हो रही है। जाहिर है यह कदम भारत के कई सेक्टर्स को नई दिशा देगा। तो चलिए जानते हैं कि डिजिटल करेंसी क्या होती है और इसके क्या फायदे हैं।

Sachin Chaturvedi

Edited By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: October 28, 2022 12:30 IST

RBI- India TV Hindi

Photo:FILE RBI

भारत जल्द ही अपनी खुद की डिजिटल करेंसी लॉन्च करने जा रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022 का बजट पेश करते हुए कहा कि रिजर्व बैंक अगले वित्त वर्ष में डिजिटल रुपया जारी करेगा। इस बात पर मुहर लगाते हुए हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी डिजिटल रुपया जारी करने की बात कही है। आरबीआई ने कहा कि डिजिटल रुपया सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी(CBDC) होगा। धीरे-धीरे देश डिजिटलाइजेशन की तरफ बढ़ रहा है। पहले केवल ऑनलाइन पेमेंट तक ही ये सीमित था, लेकिन अब डिजिटल करेंसी की भी बात चल रही है। हालांकि बहुत से लोग ऐसे हैं जो डिजिटल करेंसी से अनजान हैं। तो चलिए विस्तार से जानते हैं इसके बारे में।

क्या है डिजिटल करेंसी और क्या हैं इसकी 5 महत्वपूर्ण बातें आइए जानते हैं।

डिजिटल करेंसी क्या है??

डिजिटल करेंसी मुद्रा का ही एक रूप है जो केवल डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक रूप में ही उपलब्ध होती है। इसे डिजिटल मनी, इलेक्ट्रॉनिक मनी, इलेक्ट्रॉनिक करेंसी या साइबर कैश भी कहा जाता है।

डिजिटल करेंसी 3 प्रकार की होती है

1. क्रिप्टोकरेंसी:- यह डिजिटल करेंसी है जो नेटवर्क में लेनदेन को सुरक्षित करने के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करती है। इसपर किसी भी देश की सरकार का नियंत्रण नहीं होता है। बिटकॉइन और एथेरियम इसके उदाहरण हैं।

2. वर्चुअल करेंसी: वर्चुअल करेंसी डेवलपर्स या प्रक्रिया में शामिल विभिन्न हितधारकों से मिलकर एक संगठन द्वारा नियंत्रित अनियमित डिजिटल करेंसी है।

3. सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC): सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी किसी देश के सेंट्रल बैंक द्वारा जारी की जाती हैं। आरबीआई ने इस करेंसी को ही जारी करने की बात कही है।

दुनिया में सबसे ज्यादा चलती हैं ये 5 करेंसी, जानिए इनसे जुड़ी कुछ खात बातें

दुनिया भर में अलग-अलग जगहों पर अलग तरह की करेंसी का चलन है. कुछ रुपए से कमजोर हैं, तो कुछ रुपए के मुकाबले मजबूत हैं.

दुनियाभर में इन करेंसी का चलन सबसे ज्यादा है, व्यापार भी इनमें ही इलेक्ट्रॉनिक मुद्रा व्यापार होता है. (फाइल फोटो)

दुनिया भर में अलग-अलग जगहों पर अलग तरह की करेंसी का चलन है. कुछ रुपए से कमजोर हैं, तो कुछ रुपए के मुकाबले मजबूत हैं. आज हम आपको बताएंगे दुनिया भर की ऐसी ही पांच करंसी के बारे में जो सबसे अधिक चलन में हैं. 1934 में फेडरल नोट प्रेस ने एक लाख डॉलर का नोट छापा था, उस पर पूर्व राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन की फोटो नजर आती है. वह अब तक की सबसे ज्यादा कीमत वाला नोट था. अमेरिकी मुद्रा डॉलर आज दुनियाभर में चलती है और ज्यादातर व्यापार भी इसी से होता है. सबसे पसंदीदा मुद्रा डॉलर ही है.

आइए जानते हैं कौन-सी हैं ये 5 करंसी-

1- अमेरिकन डॉलर
अमेरिकन डॉलर संयुक्त राज्य अमेरिका की आधिकारिक मुद्रा है. जिस तरह भारत में 1 रुपए में 100 पैसे होते हैं, ठीक उसी तरह अमेरिका में एक डॉलर में 100 सेंट होते हैं. 50 सेंट के सिक्के को आधा डॉलर कहा जाता है. पच्चीस सेंट के सिक्के को क्वार्टर कहकर बुलाया जाता है. अमेरिका में 10 सेंट के सिक्के को डाइम कहते हैं और पांच सेंट के सिक्को को निकल कहा जाता है. एक सेंट को अमेरिका में पैनी भी कहा जाता है. डॉलर के नोट 1, 5, 10, 20, 50 और 100 डॉलर में मिलते हैं.

कीमत
1 डॉलर= 71.58 रुपए (19 फरवरी 2019)

2- यूरो
यूरो यूरोपियन संघ के 28 में से 18 सदस्य देशों की मुद्रा है. इन देशों को सामूहिक रुप से यूरोजोन कहा जाता है. इन देशों में ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, साइप्रस, इस्टोनिया, फिनलैंड, फांस, जर्मनी, ग्रीस, आयरलैंड, इटली, लग्जम्बर्ग, माल्टा, नीदरलैंड, पुर्तगाल, स्लोवेनिया, लातविया, स्लोवाकिया और स्पेन शामिल हैं. इन देशों के अलावा पांच अन्य यूरोपियन देश हैं, जो यूरो को इलेक्ट्रॉनिक मुद्रा व्यापार अपनी करेंसी के रुपए में इस्तेमाल करते हैं.

यह करेंसी अमेरिका के डॉलर के बाद दुनिया की सबसे अधिक ट्रेड की जाने वाली करेंसी है. इसके साथ ही यह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी रिजर्व करेंसी भी है. इस करेंसी का नाम यूरो (Euro) 16 दिसंबर 1995 को रखा गया. ग्लोबल मार्केट में इसे यूरोपियन करेंसी यूनिट के स्थान पर सम मूल्य पर 1 जनवरी 1999 को जारी किया गया.

कीमत
1 यूरो = 80.87 रुपए (19 फरवरी 2019)

3- पाउंड
पाउंड ब्रिटेन की आधिकारिक मुद्रा है. इसका नाम चांदी के एक पाउंड (भार) की कीमत के आधार पर रखा गया. यह एक लेटिन शब्द लिब्रा का अंग्रेजी ट्रांसलेशन है. लिब्रा को रोमन साम्राज्य में किसी चीज की वैल्यू मापने की एक यूनिट की तरह उपयोग किया जाता था. एक पाउंड में 100 पेंसे (पेनी) होते हैं.

मुख्य रुप से यह मुद्रा (पाउंड) यूनाइटेड किंगडम (पाउंड स्टरलिंग), इजिप्ट (इजिप्शियन पाउंड), लेबनान (लेबनीज पाउंड), साउथ सुडान (साउथ सुडानीज पाउंड), सुडान (सुडानीज पाउंड) और सीरिया (सीरिया पाउंड) में चलती है. सामान्यतया पाउंड स्टरलिंग को ही पाउंड के नाम से जाना जाता है. फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में डॉलर, यूरो और येन के बाद यह चौथी सबसे ज्यादा ट्रेड होने वाली करेंसी है.

कीमत
1 पाउंड = 92.37 रुपए (19 फरवरी 2019)

4- येन
येन जापान की आधिकारिक मुद्रा है. डॉलर और यूरो के बाद यह फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में सबसे ज्यादा ट्रेड होने वाली तीसरी करेंसी है. डॉलर, यूरो और पाउंड के बाद इसका इस्तेमाल रिजर्व करेंसी के रूप में भी किया जाता है. जापानी भाषा में येन का मतलब राउंड (गोल) होता है.

कीमत
100 येन= 64.69 रुपए (19 फरवरी 2019)

5- युआन
युआन चीन की आधिकारिक मुद्रा है. हालांकि, हॉन्ग-कॉन्ग और माकाओ में यह चलन में नहीं है. युआन के बैंक नोट एक युआन से लेकर 100 युआन तक हैं. इसका रंग तथा आकार भी अलग-अलग हैं. हॉन्ग-कॉन्ग में मुद्रा के रुप में डॉलर का चलन है.

RBI बना रहा है बड़ा प्लान, जल्द देश में दिख सकती है डिजिटल करेंसी, क्रिप्टोकरेंसी से होगा अलग, जानें डीटेल

नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। डिजिटल करेंसी को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) नया प्लान बना रहा है। इस बात की जानकारी अजय कुमार चौधरी ने बुधवार को दी है। फिलहाल, आरबीआई थोक और खुदरा क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीके से डिजिटल करेंसी पर काम कर रहा है। इसका मतलब यह की बहुत जल्द आरबीआई देश में डिजिटल करेंसी को पेश कर सकता है। केन्द्रीय बैंक के कार्यकारी निर्देशक अजय कुमार के मुताबिक बजट 2022-23 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सीबीडीसी पेश करने का ऐलान किया था, जिसका पालन सेंट्रल बैंक कर रहा है। इस कार्य के लिए वित्त विधेयक पारित किया गया था। साथ ही आरबीआई कानून, 1934 से जुड़े धारा में कुछ संशोधन भी किए गए थे और अब आरबीआई डिजिटल करेंसी पर काम करने के लिए तैयार है।

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सूत्रों की माने तो भारत में साल 2023 तक डिजिटल करेंसी को प्रस्तुत किया जा सकता है। यह सुविधा मौजूदा इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट की तरह होगी, जो कई प्राइवेट कंपनियों द्वारा दी जाती है। साथ ही यह डिजिटल करेंसी यानि सीबीडीसी सरकार समर्थित करेंसी होगी। आरबीआई लगातार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अलर्ट करता रहता है। यदि आप यह सोच रहे हैं की यह डिजिटल करेंसी क्रिप्टोकरेंसी की तरह होगी तो आपको बता दें ऐसा कुछ नहीं होगा।

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उद्योग मण्डल फिक्की के पीआईसीयूपी फिनटेक सम्मेलन के दौरान अजय कुमार चौधरी ने कहा की, “आरबीआई थोक और खुदरा भाग में सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी के लिए चरणबद्ध तरीके से काम कर रहा है।” यह एक डिजिटल मुद्रा जरूर लेकिन लेकिन क्रिप्टोकरेंसी से इसकी तुलना नहीं की जा सकती। जहां प्राइवेट डिजिटल करेंसी किसी के द्वारा जारी नहीं की जाती, वहीं सीबीडीसी को आरबीआई द्वारा जारी किया जाएगा।

दुनिया में सबसे ज्यादा चलती हैं ये 5 करेंसी, जानिए इनसे जुड़ी कुछ खात बातें

दुनिया भर में अलग-अलग जगहों पर अलग तरह की करेंसी का चलन है. कुछ रुपए से कमजोर हैं, तो कुछ रुपए के मुकाबले मजबूत हैं.

दुनियाभर में इन करेंसी का चलन सबसे ज्यादा है, व्यापार भी इनमें ही होता है. (फाइल फोटो)

दुनिया भर में अलग-अलग जगहों पर अलग तरह की करेंसी का चलन है. कुछ रुपए से कमजोर हैं, तो कुछ रुपए के मुकाबले मजबूत हैं. आज हम आपको बताएंगे दुनिया भर की ऐसी ही पांच करंसी के बारे में जो सबसे अधिक चलन में हैं. 1934 में फेडरल नोट प्रेस ने एक लाख डॉलर का नोट छापा था, उस पर इलेक्ट्रॉनिक मुद्रा व्यापार पूर्व राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन की फोटो नजर आती है. वह अब तक की सबसे ज्यादा कीमत वाला नोट था. अमेरिकी मुद्रा डॉलर आज दुनियाभर में चलती है और ज्यादातर व्यापार भी इसी से होता है. सबसे पसंदीदा मुद्रा डॉलर ही है.

आइए जानते हैं कौन-सी हैं ये 5 करंसी-

1- अमेरिकन डॉलर
अमेरिकन डॉलर संयुक्त राज्य अमेरिका की आधिकारिक मुद्रा है. जिस तरह भारत में 1 रुपए में 100 पैसे होते हैं, ठीक उसी तरह अमेरिका में एक डॉलर में 100 सेंट होते हैं. 50 सेंट के सिक्के को आधा डॉलर कहा जाता है. पच्चीस सेंट के सिक्के को क्वार्टर कहकर बुलाया जाता है. अमेरिका में 10 सेंट के सिक्के को डाइम कहते हैं और पांच सेंट के सिक्को को निकल कहा जाता है. एक सेंट को अमेरिका में पैनी भी कहा जाता है. डॉलर के नोट 1, 5, 10, 20, 50 और 100 डॉलर में मिलते हैं.

कीमत
1 डॉलर= 71.58 रुपए (19 फरवरी 2019)

2- यूरो
यूरो यूरोपियन संघ के 28 में से 18 सदस्य देशों की मुद्रा है. इन देशों को सामूहिक रुप से यूरोजोन कहा जाता है. इन देशों में ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, साइप्रस, इस्टोनिया, फिनलैंड, फांस, जर्मनी, ग्रीस, आयरलैंड, इटली, लग्जम्बर्ग, माल्टा, नीदरलैंड, पुर्तगाल, स्लोवेनिया, लातविया, स्लोवाकिया और स्पेन शामिल हैं. इन देशों के अलावा पांच अन्य यूरोपियन देश हैं, जो यूरो को अपनी करेंसी के रुपए में इस्तेमाल करते हैं.

यह करेंसी अमेरिका के डॉलर के बाद दुनिया की सबसे अधिक ट्रेड की जाने वाली करेंसी है. इसके साथ ही यह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी रिजर्व करेंसी भी है. इस करेंसी का नाम यूरो (Euro) 16 दिसंबर 1995 को रखा गया. ग्लोबल मार्केट में इसे यूरोपियन करेंसी यूनिट के स्थान पर सम मूल्य पर 1 जनवरी 1999 को जारी किया गया.

कीमत
1 यूरो = 80.87 रुपए (19 फरवरी 2019)

3- पाउंड
पाउंड ब्रिटेन की आधिकारिक मुद्रा है. इसका नाम चांदी के एक पाउंड (भार) की कीमत के आधार पर रखा गया. यह एक लेटिन शब्द लिब्रा का अंग्रेजी ट्रांसलेशन है. लिब्रा को रोमन साम्राज्य में किसी चीज की वैल्यू मापने की एक यूनिट की तरह उपयोग किया जाता था. एक पाउंड में 100 पेंसे (पेनी) होते हैं.

मुख्य रुप से यह मुद्रा (पाउंड) यूनाइटेड किंगडम (पाउंड स्टरलिंग), इजिप्ट (इजिप्शियन पाउंड), लेबनान (लेबनीज पाउंड), साउथ सुडान (साउथ सुडानीज पाउंड), सुडान (सुडानीज पाउंड) और सीरिया (सीरिया पाउंड) में चलती है. सामान्यतया पाउंड स्टरलिंग को ही पाउंड के नाम से जाना जाता है. फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में डॉलर, यूरो और येन के बाद यह चौथी सबसे ज्यादा ट्रेड होने वाली करेंसी है.

कीमत
1 पाउंड = 92.37 रुपए (19 फरवरी 2019)

4- येन
येन जापान की आधिकारिक मुद्रा है. डॉलर और यूरो के बाद यह फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में सबसे ज्यादा ट्रेड होने वाली तीसरी करेंसी है. डॉलर, यूरो और पाउंड के बाद इसका इस्तेमाल रिजर्व करेंसी के रूप में भी किया जाता है. जापानी भाषा में येन का मतलब राउंड (गोल) होता है.

कीमत
100 येन= 64.69 रुपए (19 फरवरी 2019)

5- युआन
युआन चीन की आधिकारिक मुद्रा है. हालांकि, हॉन्ग-कॉन्ग और माकाओ में यह चलन में नहीं है. युआन के बैंक नोट एक युआन से लेकर 100 युआन तक हैं. इसका रंग तथा आकार भी अलग-अलग हैं. हॉन्ग-कॉन्ग में मुद्रा के रुप में डॉलर का चलन है.

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