Photo:INDIA TV Investment Advice: Balanced funds

Alok Kumar

इक्विटी शेयर के फायदे

सामान्य या इक्विटी शेयर (Equity Shares); किसी कंपनी में एक इक्विटी ब्याज को कंपनी की संपत्ति का हिस्सा और अन्य दावों के पूरा होने के बाद उन परिसंपत्तियों पर अर्जित लाभ का एक हिस्सा कहा जा सकता है।

इक्विटी शेयरधारक व्यवसाय के मालिक हैं; वे शेयर खरीदते हैं, धन का उपयोग कंपनी इक्विटी शेयर के फायदे द्वारा संपत्ति खरीदने के लिए किया जाता है, संपत्ति का उपयोग मुनाफा कमाने के लिए किया जाता है, जो सामान्य शेयरधारकों के होते हैं।

वरीयता शेयरों के अधिकारों को संतुष्ट करने के बाद, इक्विटी शेयर कंपनी के वितरण योग्य शुद्ध लाभ की शेष राशि में साझा करने के हकदार होंगे।

इक्विटी शेयरों पर लाभांश तय नहीं है और उपलब्ध लाभ की संख्या के आधार पर साल-दर-साल भिन्न हो सकता है। लाभांश की दर की सिफारिश कंपनी के निदेशक मंडल द्वारा की जाती है और वार्षिक आम बैठक में शेयरधारकों द्वारा घोषित की जाती है।

इक्विटी शेयरों के अर्थ और विशेषताएं:

इक्विटी शेयर एक फर्म के वित्त का मुख्य स्रोत हैं। इसे आम जनता के लिए जारी किया जाता है। इक्विटी शेयरधारकों को पूंजी और लाभांश के पुनर्भुगतान के संबंध में कोई तरजीही अधिकार प्राप्त नहीं है।

वे कंपनी की अवशिष्ट आय के हकदार हैं, लेकिन उन्हें व्यवसाय के मामलों को नियंत्रित करने का अधिकार प्राप्त है और सभी शेयरधारक सामूहिक रूप से कंपनी के मालिक हैं।

एक इक्विटी शेयर एक साधारण शेयर या एक आम शेयर है। इसे एक ऐसे शेयर के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो एक वरीयता शेयर नहीं है; क्योंकि यह वरीयता साझा करने के लिए संलग्न विशेषाधिकारों के हकदार नहीं है।

इक्विटी शेयर की कुछ मुख्य विशेषताएं हैं:

इक्विटी शेयर स्वामित्व सुरक्षा है:

इक्विटी शेयरों के धारक सामूहिक रूप से कंपनी के स्वामित्व का प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐसा होने पर, व्यावहारिक रूप से कंपनी के प्रशासन के संबंध में सभी मतदान अधिकार इक्विटी शेयरधारकों द्वारा प्राप्त किए जाते हैं।

इक्विटी शेयर से कंपनी को होने वाले फायदे –

  1. इक्विटी शेयर पर कंपनी अपनी मर्जी से डिविडेंडदेती है, अगर कंपनी फैसला करती है , कि डिविडेंड नहीं देना, तो इक्विटी शेयरहोल्डर को कोई डिविडेंड नहीं मिलता है,
  2. इक्विटी शेयर, कंपनी के लिए पूंजी जुटाने का सबसे अधिक फायदा होता है, क्योकि इक्विटी शेयर जारी करने पर कंपनी को इस पूंजी को वापस करने का कोई समय नहीं रहता है, इक्विटी शेयर की पूंजी कंपनी के समापन के समय सबसे अंत में दी जाती है,
  3. इक्विटी शेयर जारी करने से कंपनी की सम्पति के ऊपर कोई अतिरिक्त दायित्व उत्पन नहीं होता है,
  4. Equity Share, स्टॉक मार्किट पर आसानी से ट्रेड किये जा सकते है,
  1. इक्विटी शेयर होल्डर कंपनी के असली मालिक होते है, जिनका कंपनी के कार्यो के ऊपर कण्ट्रोल होता है, और उनके पास मतदान का अधिकार (Voting Rights ) होता है,
  2. इक्विटी शेयर होल्डर के लाभ की कोई सीमा नहीं होती, और उनका दायित्व उनके द्वारा ख़रीदे गए शेयर के बराबर ही होता है,
  3. अगर कम्पनी बड़ा लाभ कमाती है, तो इसका अधिक फायदा इक्विटी शेयर होल्डर को मिलता है, इक्विटी शेयर का भाव बढ़ जाता है और दूसरा लाभांश अधिक मिलने की उम्मीद होती है,

Preference share (प्रेफेरेंस शेयर) क्या होता है ?

आप देखेंगे कि Preference share (प्रेफेरेंस शेयर) में पहला शव्द preference का है, जिस से स्पस्ट होता है कि Preference share (प्रेफेरेंस शेयर) को कुछ विशेष अधिकार पहले से निश्चित होते है,

जैसे – Preference share (प्रेफेरेंस शेयर) के केस में Preference shareholder को हर साल कितना लाभांश दिया जायेगा, ये पहले ही तय होता है,

और दूसरा प्रेफेरेंस शेयरहोल्डर को वोट देने का अधिकार नहीं होता है, ये सबसे बड़ा फर्क है इक्विटी और प्रेफेरेंस शेयर में,

ध्यान देने वाली बात ये है कि – प्रेफेरंस शेयर में कई अलग अलग प्रकार होते है,

लेकिन, मुख्य समझने वाली बात ये है कि – आज के समय में प्रेफेरंस शेयर के बजाये कोई भी कंपनी इक्विटी शेयर निर्गमित करने में ज्यादा रूचि रखती है,

अब बात करते है शेयर के तीसरे प्रकार के बारे में –

DVR SHARE (डीवीआर शेयर ) क्या होता है ?

DVR का फुल फॉर्म है – Shares with Differential Voting Rights,

इस तरह के शेयर इक्विटी और परेफरेंस शेयर दोनों का मिला जुला रूप है, इसमें DVR शेयर होल्डर को , इक्विटी शेयरहोल्डर की तरह से पूरी तरह वोटिंग का अधिकार नहीं होता, कुछ प्रतिशत ही होता है,

लेकिन, DVR शेयर होल्डर को अधिक लाभांश मिलता है,

फ़िलहाल – भारत में दो कंपनी ने DVR शेयर जारी किया है, पहला – TATA MOTORS और दूसरा – JAIN इरीगेशन

आशा है,

इस पोस्ट से आप समझ पाए होंगे कि इक्विटी शेयर Equity Share क्या होता है और साथ ही ये भी जान पाए होंगे कि शेयर कितने प्रकार के होते है ,

आप इस पोस्ट के बारे में अपने सुझाव, सवाल और विचार को नीचे कमेंट करके जरुर बताये,

Equity Market Investment : इक्विटी में निवेश पर चाहिए ज्यादा रिटर्न? अपनाएं ये 4 टिप्स

Equity Market Investment : इक्विटी में निवेश पर चाहिए ज्यादा रिटर्न? अपनाएं ये 4 टिप्स

छोटी कंपनियों के शेयर्स में ज्यादा निवेश से ज्यादा बेहतर होगा, बड़ी कंपनियों में कम निवेश करना.

Equity Investment : अगर आप शेयर मार्केट में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं तो हम आज आपको कुछ ऐसे जरूरी टिप्स बताने वाले हैं. इन्हें अपनाकर आप न सिर्फ अपने निवेश को सुरक्षित कर सकते हैं, बल्कि बेहतरीन रिटर्न भी हासिल कर पाएंगे. आम तौर पर भारत में ज्यादातर लोग इक्विटी में निवेश करना पसंद करते हैं. क्योंकि इसमें कम निवेश पर भी बेहतरीन रिटर्न हासिल हो सकता है. हालांकि इसमें निवेश जोखिम बना रहता है. इसलिए इक्विटी में निवेश से पहले आपको इसके बारे में सभी जानकारी तो लेनी ही चाहिए, साथ ही आपको व्यवस्थित तरीके से निवेश करना चाहिए. ताकि आपके निवेश पर जोखिम कम से कम हो.

1. कभी भी इन्वेस्टमेंट टिप्स के पीछे न भागें

हमारे देश में शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने वाले 10 में से 9 व्यक्ति ऐसे हैं जिन्होंने किसी अन्य से मिली इन्वेस्टमेंट टिप्स को आधार बनाते हुए शेयर बाजार में निवेश शुरू किया है. ऐसे में सवाल उठता है कि शेयर इक्विटी शेयर के फायदे मार्केट का जानकार या उसमें काम करने वाला व्यक्ति आप को ऐसी जानकारी या टिप्स क्यों देगा, जिससे उसकी जगह आप का फायदा होगा? उदाहरण के तौर पर हम देखेंगे कि कभी भी कोई सेफ (खाना बनाने वाला) अपनी रेसिपी का खुलासा नहीं करता है, तो फिर कोई आपको फायदा कराने वाली टिप्स की जानकारी क्यों देगा?. इसलिए किसी इन्वेस्टमेंट टिप्स के पीछे भागने से बेहतर होगा कि आप निवेश से पहले स्कीम को लेकर थोड़ा रिसर्च जरूर करें, ताकि आप की मेहनत की कमाई बेकार न हो जाए.

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2. फंडामेंटल एनालिसिस

जहां तक रिसर्च की बात है तो हर व्यक्ति को न तो रिसर्च की तकनीक का ज्ञान है और न ही उसमें इतनी समझ है कि वो खुद से इन्वेस्टमेंट से जुड़े टेक्निकल वर्ड को सही मायनों में समझ सके. हालांकि वो पढ़ जरूर सकता है. वैश्विक स्तर पर इक्विटी शेयर के फायदे बात की जाए तो इन्वेस्टमेंट सेक्टर में हमेशा वॉरेन बफे और चार्ली मुंगेर की मिसाल दी जाती है, जिन्होंने निवेश से पहले अच्छी तरह से रिसर्च किया और प्लान तरीके से निवेश किया. अपनी इसी रिसर्च और प्लान निवेश के दम पर इंटरनेशनल मार्केट में दोनों ने अपनी खास पहचान बनाई है.

क्या आप जाने हैं कि एक ही स्टॉक या सेक्टर में निवेश करना आप के लिए बड़ा जोखिमभरा साबित हो सकता है. इसलिए आप को निवेश करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि आप अलग-अलग सेक्टर की कंपनियों में थोड़ा-थोड़ा निवेश करें, ताकि अगर एक सेक्टर या एक स्टॉक में कोई दिक्कत आती है तो आप की सारी रकम इक्विटी शेयर के फायदे एक साथ न डूब जाएये. यही वजह है कि निवेशकों को अपने निवेश पोर्टपोलियों में विविधता लाने की सलाह दी जाती है.

डिविडेंड विकल्प भी मौजूद

4>>अगर कोई निवेशक डिविडेंड विकल्प का चयन करता है तो 3 साल के लॉक-इन पीरियड के दौरान भी उसे सालाना आधार पर डिविडेंड इक्विटी शेयर के फायदे का लाभ मिलेगा.

5>>एक्सपर्ट ने कहा कि सेक्शन 80सी के तहत निवेश के विकल्पों में पब्लिक इक्विटी शेयर के फायदे प्रोविडेंट फंड और फिक्स्ड डिपॉजिट भी शामिल होता है. हालांकि, इन स्कीम्स पर रिटर्न फिक्स्ड होता है. ELSS पर मिलने वाला रिटर्न मार्केट के प्रदर्शन पर निर्भर करता है. यही वजह है इक्विटी शेयर के फायदे कि मीडियम और लॉन्ग टर्म के लिहाज से वेल्थ बनाने में यह स्कीम ज्यादा प्रभावी है. बीते पांच सालों में इसने सालाना आधार पर 14-17 फीसदी का शानदार रिटर्न दिया है. चूंकि निवेश का यह विकल्प सीधा बाजार से संबंधित है. ऐसे में बाजार के उठापटक का आपके निवेश पर सीधा असर होता है. इससे बचने के लिए निवेशकों को लंबी अवधि के लिए निवेश की सलाह दी जाती है.

Highlights

  • इससे जोखिम तो कम होता है
  • छोटे निवेशक इसमें निवेश कर मोटा रिटर्न पा सकते हैं
  • मौजूदा समय निवेश के लिए सबसे बेहतर विकल्प

Investment Advice: आम तौर पर भारतीय निवेशक शेयर बाजार में तब पैसे लगाते हैं जब बाजार ऊपर जा रहे होते हैं और वे बाजार से तब पैसे निकालते हैं, जब बाजार का प्रदर्शन खराब होता है। यह तरीका निवेश के लिए अच्छा नहीं है। यही नहीं, कई बार यह देखा जाता है कि बाजार में अधिक उतार-चढ़ाव आने की स्थिति में कुछ निवेशक या तो बाजार से बाहर रहते हैं या फिर घबरा कर अपने निवेश से बाहर निकल जाते हैं।

इक्विटी के बारे में कम समझ की वजह से यह स्थिति उत्पन्न होती है। यहां यह उल्लेख करना अहम है कि लंबी अवधि के लिए पूंजी सृजन करने के लिए इक्विटी इक्विटी शेयर के फायदे एक उपयुक्त निवेश विकल्प होता है। निवेशकों को बाजार में छोटी अवधि के उतार-चढ़ाव के समय सावधानी बरतनी चाहिए ताकि वे लंबी अवधि में अपनी पूंजी की संभावित बढ़ोतरी का फायदा ले सकें।

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