टेक्निकल एनालिसिस कभी कभी किसी ट्रेडर के लिए कम नहीं करता और उसका मुख्य कारण होता है , अनुभव की कमी | जो लोग या ट्रेडर्स मार्केट में नए है वो ज्यादातर पकीमतों को या फिर इंडीकेटर्स को अच्छे से नहीं समज पाते और गलती कर बैठते है | इसी कहते है की लिए एक यशस्वी ट्रेडर्स के पीछे उसके अनुभव का हाथ होता है | ज्यादातर व्यावसायिक और नए ट्रेडर्स एक ही तकनीक अपनाते है मगर व्यवसायिक ट्रेडर मुनाफा कमाता है और उसी तकनीक से नए ट्रेडर्स को नुकसान होता है | यह कही बार देखा गया है | दूसरा यह की बहुत बार ट्रेडर्स चार्ट्स, प्राइस पैटर्न और इंडीकेटर्स के ऊपर इतना निर्भर हो जाते है की वो मार्केट की परिस्थितियों को जानना और समज़ना भूल जाते , और अपने इस छोटे कोष से बाहर न आने की वजह से गलत साबित होते रहते है | यही व्यवसायिक ट्रेडर्स मार्केट और उतार-चढाव के हिसाब से अपनी तकनीक और इंडीकेटर्स को ट्यून करते रहते है | जैसे की ज्यादा चढ़ उतार वाले मार्केट में चार्ट पर फाल्स ब्रेकआउट या ब्रेकडाउन टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है? होने पर ट्रेडर्स को मुख्य ट्रेंड के साथ रहना चाहिए | दूसरा उदहारण में बुल मार्केट में कीमते ओवर बाउट स्थिति में हप्ते या फिर महीनो तक ट्रेंड करती है और बीच बिच में गलत सेल सिग्नल निर्माण होते है | कभी कभी कुछ तकनीक कुछ वक्त तक ही काम करते जाते है क्योकि मुख्य मार्केट मेकर्स वही टेक्निक्स उपयोग में लाते है और उनपर ही उस वक्त भरोसा बैठ होता है , इसे “सेल्फ फुल फिलिंग प्रोफेसी” भी कहा जाता है | कुछ ट्रेडर्स बहुत सामान्य तकनीक उपयोग करते है और फिर भी मुनाफा कमाते है और कुछ जटिल और महंगी ट्रेडिंग सिस्टम का उपयोग करके भी सदा नुकसान में ही बैठे होते है | ये इस लिए होता है क्योकि व्यावसायिक ट्रेडर्स जो गैर प्रचलित ट्रेडिंग की रणनीति बनाते है वो अनुभव पर आधारित होती है और उसकी मार्केट पर पूरी पकड़ होती टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है? है | ट्रेडिंग का मुख्य उद्देश मुनाफा कमाना है न की वैज्ञानिक तरीकेसे सही रहना |

Technical Analysis Of Stocks Kya Hai In Hindi

Technical Analysis Of Stocks,नमस्कार दोस्तो आज के आर्टिकल मेे हम बात करेंगे स्टॉक मार्केट के Technical Analysis In Hindi के बारे में.और जानेंगे Technical Analysis kya hai in hindi?,टेक्निकल एनालिसिस करना क्यों जरूरी है? ऐसे कई सारे सवालों के जवाब आपको आज के इस आर्टिकल मेे मिलने वाले है.

Table of Contents

Technical Analysis Of Stock.

स्टॉक मार्केट में Technical Analysis Of Stock को आसान भाषा में समझाने से पहिले आपको कुछ क्रिकेट को बाते बताना चाहता हु.

अपने क्रिक्रेट मेे देखा होगा की,जब भी इंडिया का कोई मैच होता है उस से पहिले भारत के लोग मैच के बारे मेे Predict करने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाते हैं,जैसे कि आज कोहली सेंचुरी मारेगा,रोहित 200 बनायेगा, टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है? बुमराह 5 विकेट लेगा,लेकिन ये बस एक अनुमान होता है, याहा लोगो को मैच देखने से ज्यादा Predict करने का ज्यादा शोक होता है.

उसी तरह स्टॉक मार्केट में भी शेयर का अनुमान लगाया जाता है,और यह अनुमान Technical Analysis और Fundamental Analysis मेथड से लगाया जाता है.

Technical Analysis के बारे में आगे बहुत कुछ बाते जान ने से पहिले कुछ बातों को समझ लो, स्टॉक मार्केट में दो टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है? तरह के इन्वेस्टर होते हैं.

  • Long Term Investor
  • Short Term Investor

Short Term Investor

अब ये जो Short Term Investor होते है,इन्हे Trader कहा जाता है.उनका मकसद स्टॉक मार्केट से कम वक्त(टाइम) में ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाना होता है.

Trader कंपनी और उसके Performance के बारे में इतना सोचते नहीं है.ये बस कंपनियों का Technical Analysis करते है,अनुमान लगाते है,और उसी मेे खुश रहते है.

Long Term Investor

जो लोग अपने पैसे को Long Term के लिए Invest करते है,उन्हें Investor कहा जाता है.लेकिन ये जो Long Term Investor होते है.उन्हें अपने पैसे को Invest करना होता है.इसलिए वो कंपनियों का Detail Analysis करते है.और उस प्रोसेस को Fundamental Analysis कहते हैं.

स्टॉक मार्केट में जो Trader होते है,उन्हें Technical Analysis of Stock की स्टडी करनी होती है. वहीं जो Investors होते हैं उन्हें Fundamental Analysis of Stock की स्टडी करनी होती.

What Is Technical Analysis In Hindi

Technical Analysis Of Stock Course

टेक्निकल एनालिसिस मतलब किसी शेयर के पास्ट परफॉर्मेंस को देख कर Short Future का अंदाज़ा/अनुमान लगाना.लेकिन दोस्तो एक बात को याद रखो इस मेे काफी Risk होता है.ये तरीका उन्हीं लोगों के लिए बेस्ट है जिनका मकसद सिर्फ प्रॉफिट कमाना और अगर लॉस होता है,तो उसे झेलने की तकाद भी उस के अंदर हो,वहीं लोग टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है? इसे फॉलो करते है.

Technical Analysis का उपयोग कब करना चाहिए ?

टेक्निकल एनालिसिस का यूज Intraday Trading,Short Term Trading और Swing Trading के लिए किया जाता है,क्युकी टेक्निकल एनालिसिस बना ही उन चीजों के लिए है.आप टेक्निकल एनालिसिस की हेल्प से Long Term Trading नहीं कर सकते उस के लिए फंडामेंटल एनालिसिस है.

इसलिए हमेशा याद रखें जब भी आप Intraday Trading,Short Term Trading या Swing Trading कर रहे हो तो उस स्टॉक का टेक्निकल एनालिसिस जरूर करे.

Technical Analysis Fail Kyu Ho Jata Hai ?

कई बार आप किसी स्टॉक की अच्छी रिसर्च करते हो और उसका टेक्निकल एनालिसिस करके उस के शेयर खरीद लेते हो,लेकिन उस टाइम चीज़े आपके मुताबिक नहीं चलती और शेयर के प्राइस डाउन हो जाते है.ऐसा ज्यादा तर तब होता है,जब उस शेयर के बारे में झूठी अफवाह मार्केट में फैलाई जाए.

दोस्तो याद रखे ये जरूरी नहीं कि टेक्निकल एनालिसिस करके अपको हर बार सही रिजल्ट ही मिले.अगर दस मेे से सात बार अपने टेक्निकल एनालिसिस करके प्रॉफिट कमाया है,तो तीन बार लॉस को भी झेल ने के लिए तैयार रहो.

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आखरी शब्द

होप दोस्तो आपको आज की पोस्ट पढ़के Technical Analysis of Stock ये कंसेप्ट समझ आ गया होगा. यहां हमारा फोकस अपको सिर्फ टेक्निकल एनालिसिस ऑफ स्टॉक को समझना था.इस टॉपिक के उपर और भी कई सारी चीजें हैं जो हम अगले आने वाले आर्टिकल में समझेंगे.

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क्यों टेक्निकल एनालिसिस कभी काम करता है और कभी नहीं करता ?

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टेक्निकल एनालिसिस में कीमतों का अभ्यास किया जाता है , जो की बाज़ार में लोंगो के मनोदशा और भावनावो का प्रतिनिधित्व स्वरुप है | इसी वजह से टेक्निकल एनालिसिस ज्यादातर बार काम करता है , क्योकि सामान्य रूप से लोग समान परिस्थितियों में एक जैसे निर्णय या फिर गलतिया करते है | जो चार्ट पर समान प्राइस पैटर्न्स या फिर टेक्निकल पैटर्न बनाते रहते है और यह प्रक्रिया बार बार होती रहती है | कीमतों की दिशा या ट्रेंड्स चार्ट पर मूविंग अवेरेजेस और इंडीकेटर्स की मदत से खोजी जा सकती है | और उनकी हद या फिर सीमा चार्ट पर सपोर्ट और रेजिस्टेंस खीचकर निर्देशित किये जा सकते है | ये एक सीधी और साधा तरीका है मगर इसमें अनुभव जरुरी होता है | जब कीमते रेजिस्टेंस को लांघकर ट्रेड करने लगाती है तो उसे “बुलिश ब्रेकआउट” कहा जाता है , उसी तरह जब कीमते सपोर्ट क निचे टूट जाती है तो उसे “बिअरिश ब्रेकडाउन” कहा जाता है | ब्रेकआउट की घटना एक ट्रेडर के लिए बहुत महत्व पूर्ण होती है और वो ट्रेडर्स के लिए एक शक्तिशाली हत्यार की तरह काम करता है | ब्रेकआउट कीमतों और इंडीकेटर्स में भी देखा जा सकता है और उपयोगी होता है | ब्रेकआउट लगभग ८०-९०% समय काम करता है और सही दिशा में ट्रेड करने वालो को मोटा मुनाफा कमाकर देता है | ज्यादातर ब्रेकआउट और ब्रेकडाउन मुख्य दिशा परिवर्तन के समय होता है और ट्रेडर्स को एक मुनाफे वाली रैली मिल जाती है |

कभी कभी टेक्निकल एनालिसिस क्यों काम नहीं करता ?

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टेक्निकल एनालिसिस कभी कभी किसी ट्रेडर के लिए कम नहीं करता और उसका मुख्य कारण होता है , अनुभव की कमी | जो लोग या ट्रेडर्स मार्केट में नए है वो ज्यादातर पकीमतों को या फिर इंडीकेटर्स को अच्छे से नहीं समज पाते और गलती कर बैठते है | इसी कहते है की लिए एक यशस्वी ट्रेडर्स के पीछे उसके अनुभव का हाथ होता है | ज्यादातर व्यावसायिक और नए ट्रेडर्स एक ही तकनीक अपनाते है मगर व्यवसायिक ट्रेडर मुनाफा कमाता है और उसी तकनीक से नए ट्रेडर्स को टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है? नुकसान होता है | यह कही बार देखा गया है | दूसरा यह की बहुत बार ट्रेडर्स चार्ट्स, प्राइस पैटर्न और इंडीकेटर्स के ऊपर इतना निर्भर हो जाते है की वो मार्केट की परिस्थितियों को जानना और समज़ना भूल जाते , और अपने इस छोटे कोष से बाहर न आने की वजह से गलत साबित होते रहते है | यही व्यवसायिक ट्रेडर्स मार्केट और उतार-चढाव के हिसाब से अपनी तकनीक और इंडीकेटर्स को ट्यून करते रहते है | जैसे की ज्यादा चढ़ उतार वाले मार्केट में चार्ट पर फाल्स ब्रेकआउट या ब्रेकडाउन होने पर ट्रेडर्स को मुख्य ट्रेंड के साथ रहना चाहिए | दूसरा उदहारण में बुल मार्केट में कीमते ओवर बाउट स्थिति में हप्ते या फिर महीनो तक ट्रेंड करती है और बीच बिच में गलत सेल सिग्नल निर्माण होते है | कभी कभी कुछ तकनीक कुछ वक्त तक ही काम करते जाते है क्योकि मुख्य मार्केट मेकर्स वही टेक्निक्स उपयोग में लाते है और उनपर ही उस वक्त भरोसा बैठ होता है , इसे “सेल्फ फुल फिलिंग प्रोफेसी” भी कहा जाता है | कुछ ट्रेडर्स बहुत सामान्य तकनीक उपयोग करते है और फिर भी मुनाफा कमाते है और कुछ जटिल और महंगी ट्रेडिंग सिस्टम का उपयोग करके भी सदा नुकसान में ही बैठे होते है | ये इस लिए होता है क्योकि व्यावसायिक ट्रेडर्स जो गैर प्रचलित ट्रेडिंग की रणनीति बनाते है वो अनुभव पर आधारित होती है और उसकी मार्केट पर पूरी पकड़ होती है | ट्रेडिंग का मुख्य उद्देश मुनाफा कमाना है न की वैज्ञानिक तरीकेसे सही रहना |

टेक्निकल एनालिसिस की पड़ताल

टेक्निकल एनालिसिस कीमतों का पूर्वानुमान लगाने का शास्त्र है जो की हर समय १००% काम नहीं करता है मगर इसका अर्थ यह नहीं की ये भरोसा करने के लायक नहीं है | जितने भी पूर्वानुमान लगाने के शास्त्र और व्यवसाय है उनकी खुद की कुछ कमिया हमेशा रहती है मगर इसका ये अर्थ नहीं होता की वे सब बेकार है , जैसे की मौसम अनुमान इत्यादी | स्टॉक मार्केट में किसी भी विश्लेषनात्मक पद्धति का मूल्य उसकी कामयाबी या फिर मुनाफा बनानेकी शक्ति पर निर्भर होती है | अगर वो पद्धति लगतार मुनाफा बनती हो तो वो वैज्ञानिक दृष्टी से शायद गलत हो मगर ट्रेडर्स के लिए उपयोगी होती है | क्योकि मार्केट से ट्रेडिंग में मार्केट से पैसे बनाना ही उद्देश होता है न की वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सही होना |

टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है?

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Basic of Technical Analysis | टेकनीकल एनालिसिस की नीव

Basic of Technical Analysis

Basic of Technical Analysis – अब आइये टेकनीकल एनालिसिस की मूल बातें समझते हैं। इस प्रकार के एनालिसिस करने के लिए आवश्यक बुनियादी ज्ञान की चर्चा करते है। Supply and Demand : आपूर्ति और मांग (D&S) कीमतों में अंतर आपूर्ति और मांग के कारण होता है, जिसके आधार पर चार्ट बनाए जाते हैं जो टेकनीकल … Read more

What is Technical Analysis | शेयर बाजार में टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है ?

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What is Technical Analysis – टेक्निकल एनालिसिस के बारे में आपने सुना होगा। शेयर बाज़ार में इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग करना चाहते हो तो टेक्निकल एनालिसिस समजना अति आवश्यक है। और आप ने सुना होगा की टेक्निकल एनालिसिस सिखना बहुत कठिन है तो एसा नहि है हम महेनत करके प्रैक्टिस करेगे तो हम टेक्निकल एनालिसिस करना … Read more

What is Turnover of a Company – किसी कंपनी का टर्नओवर क्या है?

turnover

यहाँ पर हम जानेंगे की कंपनी टर्नओवर (What is Turnover of a Company) क्या होता है। और टर्नओवर की गणना (Calculation of Turnover)कैसे की जाती है उसके बारे में जानेंगे। टर्नओवर क्या है ? – Turnover Definition किसी बिजनेस द्वारा एक निश्चित समय में सामान को बेचने पर जो पूँजी(Capital) हमें मिलती है वह, उस … Read more

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UMA Exports IPO

UMA Exports IPO Date : Mar 28, 2022 – Mar 30, 2022 UMA Exports Company Details 1988 में स्थापित, उमा एक्सपोर्ट्स लिमिटेड चावल, गेहूं, चीनी, मसाले, सूखी लाल मिर्च, धनिया, जीरा, खाद्यान्न, दालें, आदि सहित कृषि उत्पादों का विपणन, व्यापार और वितरण करता है। यह एक बी 2 बी व्यापारी है जो निर्माताओं को उत्पादों … Read more

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आज हम कैश फ्लो(Cash Flow) क्या है ? और कैश फ्लो कितने प्रकार के होते हैं। इसके बारे में विस्तार से जानेंगे। Cash Flow Meaning – कैश फ्लो क्या होता है ? कैश फ्लो को हिन्दी में नकद प्रवाह कहा जाता है। यह नगद प्रवाह को आसान तरीके से इस तरह समझा जा सकता है। … Read more

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नेटवर्थ क्या है (What is Net Worth) ? ये कैसे काम में आती है ? नेटवर्थ का हिंदी में मतलब क्या होता है ? आप इसकी गणना कैसे कर सकते है ? इस बारे मे हम आज देखेंगे। Net Worth Meaning in Hindi – नेट वर्थ का हिंदी में मतलब। नेटवर्थ का हिन्दी शाब्दिक अर्थ … Read more

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CAGR

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Balance sheet

बेलेन्स सीट क्या है – What is Balance Sheet . दोस्तों आपने Balance Sheet के बारे मे कई बार सुना होगा। पर आपके दिमांग मे प्रश्न होता होगा कि ये बेलेन्स सीट क्या है। तो हम बेलेन्स सीट के बारे मे विस्तृत मे समजेंगे। Balance Sheet Meaning – बेलेन्स सीट क्या है। बेलेन्स सीट (Balance … Read more

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आप ने EPS के बारे मे बहोत सुना होगा लेकिन आपके मन मे होता होगा की ये क्या है। तो हम आज इसके बारे मे चर्चा करेंगे। EPS Full Form : Earning Per Share ( प्रति शेअर आय ) EPS Meaning : Earning Per Share क्या होता है ? किसी भी कंपनी के पास लाखों … Read more

Annual Report – वार्षिक रिपोर्ट क्या है

Annual Report

Annual Report – वार्षिक रिपोर्ट के बारे में आपने सुना होगा लेकिन आखिरकार ये वार्षिक रिपोर्ट है क्या? कौन-कौन से मापदंडों को ध्यान में रखकर वार्षिक रिपोर्ट तैयार की जाती है। तो चलिए इसको विस्तार से समझते है। Annual Report Meaning – वार्षिक रिपोर्ट मतलब कंपनी के पूरे वर्ष के अंत में पूरा लेखा जोखा। … Read more

टेक्निकल या फंडामेंटल विश्लेषण, दोनों में किस पर करें भरोसा?

निवेशक ऐसे शेयरों को खरीदते हैं, जिनकी कीमतों में तेजी की उम्मीद होती है और उन शेयरों को बेच देते हैं जिनमें कमजोरी की आशंका होती है.

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यह बताना मुश्किल है कि दोनों में से कौन बेहतर है. सफल निवेशकों दोनों ही विश्लेषणों का प्रयोग करते हैं.

1. फंडामेंटल विश्लेषण क्या है?
किसी शेयर के संभावित भविष्य का आंकलन कई व्यापक संकेतों के आधार पर किया जाता है. इसमें देश का जीडीपी, महंगाई दर, ब्याज दर के साथ-साथ कंपनी की बिक्री, मुनाफा क्षमता, रिटर्न ऑन इक्विटी, नकद स्थिति और लाइबिलिटी शामिल होते हैं.

2. क्या है तकनीकी विश्लेषण?
तकनीकी विश्लेषण में बाजार के एतिहासिक आंकड़ों का इस्तेमाल किया जाता है. इनमें शेयर की कीमतों में उतार-चढ़ाव, वॉल्यूम, ओपन इंट्रेस्ट आदि शामिल हैं. इसके आधार पर यह बताया जाता है कि भविष्य में शेयर की दिशा क्या होगी.

3. फंडामेंटल डेटा को क्यों नजरअंदाज किया जाता है?
तकनीकी विश्लेषक फंडामेंटल आंकड़ों को नजरअंदाज करते हैं. इसकी वजह यह नहीं है कि इनकी प्रासंगिकता नहीं होती बल्कि यह है कि बाजार इन आंकड़ों पहले ही गौर कर चुका होता है. इसलिए दोबारा उनके विश्लेषण की जरूरत नहीं पड़ती है. इस मेथड का पहला सिद्धांत यह है कि 'कीमत में हर चीज शामिल होती है.'

4. दोनों में से कौन है बेहतर?
यह बताना मुश्किल है कि दोनों में से कौन बेहतर है. इसकी वजह यह है कि तकनीकी विश्लेषण छोटी अवधि की ट्रेडिंग और निवेश के मामले में कारगर है. फंडामेंटल एनालिसिस लंबी अवधि के निवेश में उपयोगी है. चूंकि, दोनों मेथड फायदेमंद हैं, इसलिए ज्यादातर ब्रोकरेज फर्में दोनों का इस्तेमाल करती हैं.

Fund vs Tech


5. टेक्नो-फंडा विश्लेषण क्या है?

सफल निवेशकों दोनों ही विश्लेषणों का प्रयोग करते हैं. फंडामेंटल विश्लेषण बताता है कि किन-किन शेयरकों में निवेश के आसार हैं, जबकि तकनीकी विश्लेषण बताता है कि इनमें कब पैसा लगाने से मुनाफा बढ़ाया जा सकता है.

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Best 10 Technical Analysis : How to Use it In Investing

टेक्निकल एनालिसिस (Technical Analysis) और फंडामेंटल एनालिसिस

हमारा प्रयत्न दोनों प्रकार के एनालिसिस को समझकर अच्छा फायदा हासिल करना होना चाहिए.. इसलिए इस ब्लॉग पर अधिक जोर टेक्निकल एनालिसिस पर दिया गया है। Technical Analysis of Stock

फंडामेंटल एनालिसिस :-

अच्छा परिणाम जल्दी आएगा इसलिए कम समय के लिए निवेश करना वह तो टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग कितना हित में रहता है वह दूसरी समझना हो तो ऐसा कहा जा सकता है कि अगर किसी कंपनी के शेयर गाड़ी है तो उस कंपनी का फंडामेंटल उस गाड़ी का ईंधन होता है और टेक्निकल एनालिसिस उस गाड़ी का ड्राइवर होता है। चाहे जितनी अच्छी गाड़ी हूं परंतु उस में उपयोग होने वाले ईंधन की गुणवत्ता खराब हो तो गाड़ी ठीक तरह से चल नहीं सकती है | Technical Analysis

साथ ही अच्छा ड्राइवर ने हो तो गाड़ी ठीक तरह से चल भी नहीं सकती है अब गाड़ी का ईंधन जाने की सकारात्मक परिवार के आधार पर ऐसा कहा जा सकता है कि गाड़ी अच्छी तरह दूरी तय कर सकती है पर वह कितने जल्द दौड़ेगी कहां पर रुकेगी कहां से घूम कर फिर से आएगी रास्ते में कितने घुमाओ लेकर आगे चलेगी इसका आधार उसके ड्राइवर को ही होता है। Technical Analysis

खटारा आपको फंडामेंटल एनालिसिस की मदद लेनी ही पड़ती है टेक्निकल जैसे कि ड्राइवर के आधार पर तो मर्सिडीज भी चलती है और खटारा भी चलती है जब खराब समय आता है तो मर्सिडीज में आप बैठे हो तकलीफ कम होती है और खटारा को दगा दे सकती है आपके साथ अनहोनी होने की संभावना ज्यादा होती है | Technical Analysis

READ MORE – STOCK MARKET SECRET

इसलिए निवेश का निर्णय लेने से पहले फंडामेंटल एनालिसिस के आधार पर अच्छी गुणवत्ता वाले शेर को अलग निकाल कर रख लीजिए उसके बाद टेक्निकल एनालिसिस द्वारा प्रिंट सुधार की शुरुआत और उसके तेजी आदि महत्वपूर्ण परी बलों को स्पष्ट करने के बाद ही निवेश करना चाहिए सस्ते मिलने वाले शहर के पीछे कभी नहीं तोड़ना चाहिए हमेशा गुणवत्ता पर अधिक जोर देना चाहिए। Technical Analysis

टेक्निकल एनालिसिस (Technical Analysis) :-

विविध शहर के चार्ट के आधार पर जो अभ्यास किया जाता है उसे टेक्निकल एनालिसिस कहते हैं ऐसे चार्ट किसी नक्शे की तरह से कार्य करते हैं आप गाड़ी लेकर चल पड़े और अनजान रास्ते पर नक्शा लिए बगैर निकल ले तो गुम हो जाने का डर और गलत रास्ते पर जाने का डर अत्यधिक रहता है| Technical Analysis

उसी तरह से चार्ट के अभ्यास के बगैर निवेश क्या तुम्हें अंधेरे में गोली चलाने के बराबर होता है टेक्निकल एनालिसिस किसी भी शहर में कैसी स्थिति में उसका चित्र आपके सामने खड़ा हूं टाइमिंग करने में आपको मदद करता हूं जो लोग खास करके कब सामने वाले निवेश के कम कालावधी के ट्रेडर्स के उनके चार्ट का व्यस बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।

दीर्घकाल अवधि के निवेश में जब तक महत्व का स्तर परिपूर्ण होता है तब तक उसमें नजर आने वाले कम कालावधी का उतार-चढ़ाव की अवगणना की जा सकती है। पर कम कालावधी के ट्रेडर के लिए जरूरी है कि उन्हें खबर होनी चाहिए कि गिरावट का सपोर्ट कहां पर है और चढ़ाव का रेजिस्टेंस कहां पर है। यह सभी जानकारी चार्ट पर से हासिल की जा सकती है जो चार्ट के आप स्वयं की समझी जाती है।

टेक्निकल एनालिसिस पर ही अधिक जोर क्यों दिया जाता है.

आप ने हाल ही में देखा है उस तरह से कंपनी के फंडामेंटल्स के आधार पर निवेश करना भी जोखिम भरा हो सकता है कंपनियां झूठा मुनाफा होकर गलत निर्णय नहीं लिया जाएगा इस बात का ध्यान रखना चाहिए समझने की बात यह है कि फंडामेंटल चाहे जितने अच्छे दिखते हो पर उसमें जो कठिनाई होती है उसका अंदाजा तो ज्यादातर जाट ही हमको देते हैं

आप किसी भी समय किस शहर के भाव में कितनी बढ़त हो सकती है गिरावट कहां पर सपोर्ट ले सकती है बढ़त के बाद कौन से स्तर पर रजिस्टेंस आ सकता है भाव में बढ़त की और कितनी संभावना है वगैरह चार्ट और टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है? उसमें निर्माण होने वाले रचनाओं के एनालिसिस पर से जाना जा सकता है ऐसे विविध परी बलों को साथ लेकर उसके आधार पर मिलने वाले खरीदी अथवा बिक्री के सिग्नल के फायदे से अनुकरण किया गया हो तो दीर्घ काल अवधि में अच्छा फायदा ही होता है |

चाट का उपयोग किस लिए किया जाता है.?

चार्ट हमें सक्षम चित्र के स्वरूप में किसी भी शहर में क्या हो रहा है इसकी जानकारी हमारे सामने पेश करता है।

चार्ट के अभ्यास के बगैर निवेश करना यानी नक्शे के बिना अनजान देश में घूमने के समान होता है|

जाट के अभ्यास आपको हर कोई शेयर किसी भी समय में ऐतिहासिक दृष्टि से टॉप पर है या बॉटम पर ओवरबॉट है या ओवरसोल्ड यह बगैरा बातें आपको स्पष्ट करने में मदद करते हैं|

जाट के अभ्यास आपको हर कोई शेयर किसी भी समय में ऐतिहासिक दृष्टि से टॉप पर है या बॉटम पर ओवरबॉट है या ओवरसोल्ड यह बगैरा बातें आपको स्पष्ट करने में मदद करते

चाट का उपयोग टाइमिंग करने के लिए होता है यह तकरीर कम कल अवधि के निवेशकों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता

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