Diwali Week: इस हफ्ते केवल तीन दिन खुला रहेगा बाजार, जानिए दिवाली के अलावा किस दिन मार्केट बंद रहेगा

स्वास्तिका इनवेस्टमार्ट के रिसर्च हेड संतोष मीणा के मुताबिक ग्लोबल मार्केट के साथ-साथ घरेलू बाजार में अक्टूबर महीने की एक्सपायरी और दूसरी तिमाही के नतीजे जारी करने वाली कंपनियों पर रहने वाली है.

शेयर बाजार में इस हफ्ते केवल तीन दिन ट्रेडिंग होगी, जबकि दो दिन की छुट्टी रहने वाली है. कल यानी सोमवार को दिवाली के शुभ अवसर पर केवल मुहूर्त ट्रेडिंग होगी. इस दिन NSE और BSE पर केवल एक घंटे के लिए ट्रेडिंग होगी. इसके साथ ही हिंदू नव वर्ष सम्वत 2079 की शुरुआत होगी. फिर बुधवार यानी 26 अक्टूबर को दिवाली बलि प्रतिपदा के चलते शेयर बाजार बंद रहेगा.

हफ्ते में 3 दिन होगी ट्रेडिंग

एक्सचेंज पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक 2022 में शेयर बाजार में 13 छुट्टियां हैं. अक्टूबर महीने में शेयर बाजार दशहरा (5 अक्टूबर) के चलते बंद था. उसके बाद शुभ दिवाली और लक्ष्मी पूजन के चलते 24 अक्टूबर को केवल 1 घंटे के लिए मुहूर्त ट्रेडिंग होगी, जो शाम 6 बजकर 15 मिनट से शुरू होकर 7 बजकर 15 मिनट तक होती है. फिर 26 अक्टूबर को दिवाली बलि प्रतिपदा के चलते ट्रेडिंग नहीं होगी. इस दिन राजा बलि की पूजा होती है. 2022 में आखिरी ट्रेडिंग छुट्टी 8 नवंबर को होगी. मंगलवार को होने वाली यह छुट्टी गुरुनानक जयंती के अवसर पर होती है.

अक्टूबर एक्सपायरी पर होगी नजर

चालू हफ्ते में बाजार की नजर ग्लोबल मार्केट, डॉलर इंडेक्स, अमेरिकी बॉन्ड यील्ड और कच्चे तेल की कीमतों पर रहेगी. स्वास्तिका इनवेस्टमार्ट के रिसर्च हेड संतोष मीणा के मुताबिक ग्लोबल मार्केट के साथ-साथ घरेलू बाजार में अक्टूबर महीने की एक्सपायरी और दूसरी तिमाही के नतीजे जारी करने वाली कंपनियों पर रहने वाली है. इसमें मारुति, डॉ रेड्डीज, वेदांता, टाटा पावर के नतीजे आएंगे.

वीकेंड में आए दिग्गज कंपनियों के नतीजे

शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL), ICICI बैंक, कोटक बैंक के नतीजे भी आएं. ऐसे में बाजार की नजर इनके नतीजों पर भी क्या है मार्केट सेंटीमेंट? रहने वाली है. दूसरी तिमाही में RIL का कंसो मुनाफा सपाट रहा. इसके अलावा ICICI बैंक का मुनाफा 31 फीसदी बढ़ा. कोटक बैंक का मुनाफा भी 27 फीसदी बढ़ा है.

ग्लोबल सेंटीमेंट पर होगी नजर

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि इस हफ्ते कोई खास ट्रिगर नहीं है. ऐसे में बाजार की चाल ग्लोबल सेंटीमेंट और नतीजों पर रहेगा. बता दें कि बीते हफ्ते सेंसेक्स 1387 अंक यानी 2.49 फीसदी चढ़ा. इस दौरान बाजार के टॉप-10 में से 8 कंपनियों का मार्केट कैप 2 लाख करोड़ रुपए बढ़ा. इसमें सबसे ज्यादा फायदा रिलायंस इंडस्ट्रीज को मिला. कंपनी की मार्केट वैल्यू 68296 करोड़ रुपए बढ़कर 16.72 लाख करोड़ रुपए हो गई है.

RBI Governor ने दी ये चेतावनी, क्या छूमंतर हो जाएगी शेयर बाजार की चमक?

भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को दिसंबर की मौद्रिक नीति की घोषणा कर दी. इसी के साथ आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने महंगाई को लेकर चेतावनी भी दी है. शेयर बाजार में इस ऐलान का स्वागत नहीं हुआ, और बाजार गिरकर बंद हुए. तो क्या RBI की इस चेतावनी से सच में छूमंतर हो जाएगी बाजार की चमक?

RBI Governor ने दी ये चेतावनी, क्या छूमंतर हो जाएगी शेयर बाजार की चमक?

देश में महंगाई अभी भी उच्च स्तर पर बनी हुई है. भारतीय रिजर्व बैंक की बुधवार को आई मौद्रिक नीति समीक्षा (RBI Monetary Policy) में भी इस बात को लेकर चिंता साफ दिखती है. तभी तो रेपो रेट (Repo Rate) में 0.35 प्रतिशत की वृद्धि की गई है और अब ये 6.25 प्रतिशत पर पहुंच गई है. इसी के साथ आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) का महंगाई को लेकर दिया ‘अर्जुन की नजर’ (Arjun’s Eye) वाला बयान चेताने वाला है. शेयर बाजार का रिस्पांस इस पर निगेटिव रहा है, ऐसे में क्या ये चेतावनी सच में शेयर बाजार की चमक पर ग्रहण लगा देगा? जानिए क्या है एक्सपर्ट्स की राय…

क्या बोले गवर्नर शक्तिकांत दास ?

मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद एक प्रेस वार्ता में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि महंगाई का खराब दौर पीछे छूट चुका है, लेकिन अभी इस मोर्चे पर ढिलाई बरतने की कोई गुंजाइश नहीं है.

उन्होंने कहा कि हम महंगाई के बदलते समीकरणों पर ‘अर्जुन’ की तरह नजर बनाए रखेंगे, और जरूरत के हिसाब से एक्शन लेने के लिए तैयार हैं.’ वहीं अगर हम ग्रोथ के संदर्भ में देखें तो दुनिया में अभी निराशावादी माहौल है और भारत उम्मीद की किरण के रूप मे दिखाई दे रहा है. दुनिया के कई देशों में मंदी की भी आशंका है.

कितनी रहेगी महंगाई और ग्रोथ ?

रिजर्व बैंक ने महंगाई को ध्यान में रखते हुए जहां रेपो रेट में बढ़ोत्तरी की है. तो वहीं मई 2022 से दिसंबर तक रेपो दर में कुल 2.25 प्रतिशत की वृद्धि हो चुकी है. आरबीआई ने विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए वित्त वर्ष 2022-23 में रियल जीडीपी ग्रोथ रेट (Economic Growth Rate) 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया. वहीं ये अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 4.4 प्रतिशत और जनवरी-मार्च तिमाही में 4.2 प्रतिशत रहने की संभावना है.

इतना ही नहीं आरबीआई ने अगले वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 7.1 प्रतिशत और जुलाई-सितंबर में 5.9 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है.

महंगाई को लेकर आरबीआई ने कहा है कि ये जनवरी-मार्च तिमाही में 6 प्रतिशत से नीचे आएगी. पर वित्त वर्ष 2022-23 में ये 6.7% रहने का अनुमान है. जबकि अगले 12 महीनों में इसके 4 प्रतिशत से ऊपर रहने का ही अनुमान है.

शेयर बाजारों की कैसी रही प्रतिक्रिया ?

आरबीआई की मौद्रिक नीति का शेयर बाजारों ने स्वागत नहीं किया. बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex Close) 215.68 अंक यानी 0.34 प्रतिशत गिरकर 62,410.68 अंक पर बंद हुआ. वहीं एनएसई निफ्टी (NSE Nifty Close) भी 82.25 अंक यानी 0.44 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,560.50 अंक पर बंद हुआ.

खो जाएगी शेयर बाजार की चमक ?

महंगाई को लेकर आरबीआई की चेतावनी का शेयरा बाजार पर क्या असर होगा, क्या बाजार की तेजी गायब (Stock Market Bull Run) हो जाएगा. इसे लेकर जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर का कहना है कि इकोनॉमी पर वैश्विक चुनौतियों को देखते हुए आरबीआई ने अधिक यथार्थवादी रुख अपनाया है. उसने इकोनॉमिक ग्रोथ रेट को 7 प्रतिशत से घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है. बैंक का पूरा ध्यान अभी महंगाई नियंत्रित करने पर ही है. इससे आगे भी ब्याज दर बढ़ने की स्थिति बनेगी.

वहीं ईटी ने शेयरखान के कैपिटल मार्केट स्ट्रेटजी हेड गौरव दुआ के हवाले से कहा है कि आरबीआई की मौद्रिक नीति काफी संतुलित है. इसलिए शेयर बाजार पर हम इसका खास असर नहीं देखते हैं. बल्कि शुरुआती रूझानों में तो बॉन्ड यील्ड थोड़ा मजबूत हुआ.

वहीं राइट होरिजंस के फाउंडर और फंउ मैनेजर अनिल रेगा ने कहा कि आरबीआई ने बाजार की उम्मीद के मुताबिक ही रेपो रेट में बढ़ोत्तरी की है. हालांकि इससे आम लोगों के साथ-साथ बिजनेसेस के लिए भी कर्ज जुटाना महंगा होगा. ऐसे में ये शेयर बाजार पर असर डाल सकता है.

राइट रिसर्च की फाउंडर सोनम श्रीवास्तव कहती हैं कि आरबीआई ने अपनी मोनेटरी पॉलिसी के दौरान वैश्विक नरमी का ध्यान रखा है. ऐसे में बाजार में उतार और चढ़ाव दोनों ही देखे गए.

यहां दी गई राय एक्सपर्ट का निजी विचार है. टीवी9 समूह का इससे कोई लेना-देना नहीं है. हमारी सलाह है कि शेयर बाजारों में क्या है मार्केट सेंटीमेंट? निवेश आप अपने विवेक से करें और किसी विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें.

Share market LIVE: शेयर बाजार में मचा हाहाकार, निवेशकों के डूबे 3.3 लाख करोड़, जानिए- क्यों टूटा मार्केट?

Share market LIVE: आज शेयर बाजार में जोरदार गिरावट आते हुए देखी गई, जिससे निवेशकों के 3.3 लाख क्या है मार्केट सेंटीमेंट? करोड़ रुपये डूब गए.

Published: February 22, 2021 5:03 PM IST

Share market LIVE: शेयर बाजार में मचा हाहाकार, निवेशकों के डूबे 3.3 लाख करोड़, जानिए- क्यों टूटा मार्केट?

Share market LIVE: आज शेयर बाजार (Share market) में भारी गिरावट क्या है मार्केट सेंटीमेंट? दर्ज की गई. सेंसेक्स (Sensex) 1,145 अंकों की जोरदार गिरावट के साथ बंद हुआ. आज लगभग तीन हफ्ते के बाद सेंसेक्स 50 हजार के नीचे गिरकर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी (Nifty) भी 306 अंकों की गिरावट के साथ 14,675 के स्तर पर बंद हुआ.

Also Read:

बता दें, इसी महीने सेंसेक्स (Sensex) ने 52, 500 का स्तर भी पार करने में कामयाब हुआ था. जबकि जनवरी में 50 हजार का स्तर तोड़ने में कामयाब रहा था. फिलहाल बाजार की इस गिरावट में निवेशकों के करीब 3.3 लाख करोड़ रुपये एक दिन में डूब गए हैं.

शेयर बाजार (Share market) में गिरावट के कई कारण नजर आ रहे हैं. सबसे पहले तो बाजार बहुत अधिक ऊंचाई पर पहुंच चुका है यानी हाई वैल्युएशन, कमजोर वैश्विक संकेत, कोरोना के फिर बढ़ रहे मामलों और विदेशी निवेशकों की बिकवाली से बाजार का सेंटीमेंट कमजोर हुआ.

बाजार बंद होने से पहले 3:15 मिनट पर सेंसेक्स में करीब 1,100 अंकों की कमजोरी दिख रही थी. तब बीएसई लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप घटकर 2,00,60,161.09 करोड़ रह गया था. जबकि शुक्रवार यानी 19 फरवरी को यह 2,03,98,381.96 करोड़ पर बंद हुआ था. यानी 1 दिन में इसमें 3.3 लाख करोड़ से ज्यादा कमी आई है.

आइए, जानते हैं कि बाजार में गिरावट के प्रमुख कारण क्या हैं?

1- कोरोना के बढ़ते मामलों से बढ़ी लॉकडाउन की आशंका

यूनाइटेड किंगडम (UK) सहित दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन (New corona strain) का खतरा बढ़ गया है. भारत में भी महाराष्ट्र और एमपी सहित कुछ राज्यों में कोरोना वायरस के मामले फिर तेजी से बढ़ने लगे हैं. महाराष्ट्र में तो अब यह भी कहा जाने लगा है कि अगर सरकार द्वारा बताए गए गाइडलाइंस को नहीं फॉलो करने पर लॉकडाउन (Lockdown) लगा दिया जाएगा. इससे शेयर बाजार के सेंटीमेंट (Market sentiment) कमजोर हुए हैं. इससे विदेशी निवेश में भी कमी आ सकती है. साथ ही घरेलू स्तर पर निवेशक सतर्क हुए हैं.

2- FPI निवेश में कमी

फॉरेन पोर्टफोलियो निवेशकों की ओर से बाजार में निवेश में कुछ कमी आते हुए दिखाई दी है. बाजार के हाई वैल्युएशन और कोरोना वायरस के फिर बढ़ रहे मामलों की वजह से ऐसा हुआ है. बीते शुक्रवार यानी 19 फरवरी को फॉरेन पोर्टफोलियो निवेशकों ने बाजार से करीब 119 करोड़ रुपये निकाले हैं. इसकी वजह से बाजार में पिछले कुछ दिनों से मार्केट में कमजोर ट्रेंड देखा जा रहा है.

3- निवेश के लिए मजबूत सेंटीमेंट की कमी

शेयर बाजार में निवेश के लिए घरेलू और इंटरनेशनल स्तर पर किसी भी मजबूत सेंटीमेंट का अभाव दिख रहा है. पिछले कुछ दिनों से ग्लोबल इक्विटी में भी कमजोरी देखने को मिल रही है. आज भी विदेशी बाजारों से कमजोर संकेत मिल रहे हैं.

4- शेयर बाजार का हाई वैल्युएशन

शेयर बाजार का हाई वैल्युएशन भी चिंता का एक प्रमुख कारण है. इसी महीने सेंसेक्स 52, 500 के स्तर को पार किया था. यानी मार्च के लो से सेंसेक्स में 100 फीसदी से ज्यादा तेजी आ चुकी है. 45000 से 50000 और 52500 का स्तर छूने में सेंसेक्स को 4 महीने भी नहीं लगे. इसके अनुपात में देश की अर्थव्यवस्था में रिकवरी सुस्त है. इसलिए एक्सपर्ट भी निवेशकों को बाजार में संभलकर निवेश करने की सलाह दे रहे हैं.

5- आईटी शेयरों में बिकवाली

आज आईटी शेयरों में जोरदार बिकवाली आते हुए दिखाई दी. निफ्टी पर इंडेक्स करीब 3 फीसदी टूट गया है. टेक महिंद्रा में 4 फीसदी गिरावट है. टीसीएस और एचसीएल टेक में 3 फीसदी गिरावट है.

ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो क्या है मार्केट सेंटीमेंट? करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें व्यापार की और अन्य ताजा-तरीन खबरें

शेयर बाजार में भूचाल, जानें क्या है इस गिरावट की वजह

बिजनेस डेस्कः दुनियाभर के शेयर बाजारों में भारी गिरावट के चलते घरेलू बाजार भी फिसल गया। सेंसेक्स 1,677.32 अंक यानी 3.29% नीचे 49,361.99 पर कारोबार कर रहा है और निफ्टी 489.15 अंक (3.24%) नीचे टूट कर 14,608.20 अंक पर कारोबार कर रहा है। बाजार में भारी बिकवाली है। असल में सीरिया पर यूएस के एयर स्ट्राइक के चलते आज दुनियाभर के बाजार सेंटीमेंट कमजोर हुए हैं। कल अमेरिकी बाजार भारी गिरावट पर बंद हुए। वहीं आज एशियाई बाजारों में बिकवाली है।

एशियाई बाजार 3 से 4 फीसदी की गिरावट देखी जा रही है। DOW FUTURES में 150 क्या है मार्केट सेंटीमेंट? अंक नीचे कारोबार कर रहा है। अमेरिका में 10 साल की बॉन्ड यील्ड 1 साल की ऊंचाई पर पहुंचने से बाजार में घबराहट है।

PunjabKesari

अमेरिकी शेयर बाजारों में भारी गिरावट से दुनियाभर के बाजार फिसले
अमेरिकी बाजारों में भारी बिकवाली के चलते दुनियाभर के शेयर बाजारों में गिरावट है। जापान का निक्केई इंडेक्स 1,146 अंक यानी 3.8% नीचे 29,022 पर है। हॉन्गकॉन्ग का हेंगसेंग इंडेक्स 982 अंक नीचे 29,092 पर कारोबार कर रहा है। इसी तरह चीन के शंघाई कंपोजिट इंडेक्स, कोरिया के कोस्पी और ऑस्ट्रेलिया के ऑल ऑर्डनरीज इंडेक्स में भी 3% की गिरावट है।

बॉन्ड यील्ड बढ़ने का असर
अमेरिका 10 साल के बॉन्ड यील्ड में अचानक आई तेजी के कारण शेयर बाजार में गिरावट दिख रहा है। गुरुवार को बॉन्ड यील्ड 1.614 फीसदी पर पहुंच गया जो पिछले एक साल का सर्वोच्च स्तर है। यील्ड में तेजी का मतलब होता है कि इंफ्लेशन यानी महंगाई दर बढ़ रही है। अगर अमेरिकी बाजार में महंगाई दर बढ़ रही है तो यह ग्लोबल इकोनॉमी और वहां की इकोनॉमी के लिए अच्छी खबर नहीं है। इसके रोकने के लिए अमेरिकी फेडरल रिजर्व को मंथली बॉन्ड बाय घटाना होगा या फिर इंट्रेस्ट रेट बढ़ाना होगा जिससे लिक्विडिटी को कम किया जा सके।

PunjabKesari

बैंक शेयरों में भारी बिकवाली
बैंक शेयरों में भारी बिकवाली देखने को मिल रही है। बैंक और फाइनेंशियल इंडेक्स निफ्टी पर 4 फीसदी से ज्यादा टूटे हैं। सभी 12 में से 11 इंडेक्स लाल निशान में दिख रहे हैं। आटो इंडेक्स में 2 फीसदी, मेटल और रियल्टी में 3 फीसदी गिरावट है। आईटी इंडेक्स 2 फीसदी और एफएमसीजी इंडेक्स 1 फीसदी से ज्यादा कमजोर हुआ है। सिर्फ एफएमसीजी इंडेक्स ही हरे निशान में है।

इन कारणों से बाजार हुआ धराशाई
बढ़ता बॉन्ड यील्ड

बॉन्ड यील्ड में बढ़त ने निवेशकों को जोखिम वाले निवेश विकल्पों जैसे इक्विटी मार्केट से दूर कर दिया है। बॉन्ड मार्केट का असर अक्सर इक्विटी मार्केट पर दिखता है। एक बुल रन के बाद इक्विटी बाजार हाल के दिनों में करेक्ट हुआ है। सेंसेक्स और निफ्टी में दोनों में अपने रिकॉर्ड स्तरों से गिरावट देखने को मिली है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका ट्रेजरी यील्ड कोरोना महामारी के विस्फोट के बाद से अपने हाईएस्ट लेवल पर पहुंच गया है। सिर्फ अमेरिका में ही नहीं जापान और भारत में भी बॉन्ड यील्ड में बढ़त देखने को मिली है जिससे इक्विटी मार्केट पर दबाव बना है।

PunjabKesari

कमजोर ग्लोबल सकेंत
अधिकांश एशियाई बाजारों में आज कमजोरी देखने को मिल रही है। बेंच मार्क US ट्रेजरी यील्ड में भारी बढ़त के साथ वॉल स्ट्रीट का मेन इंडेक्स लड़खड़ा गया है। रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया के S&P/ASX 200 में शुरुआती कारोबार में 2 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। इसी तरह जापान के निक्केई और हॉन्गकॉन्ग के Hang Seng में करीब 1.7 फीसदी की गिरवाट देखने को मिल रही है।

कोविड-19 की चिंता कायम
उम्मीद थी कि वैक्सीनेशन शुरू होने के साथ ही कोविड के मामलों में कमी आनी शुरू होगी और ऐसा हुआ भी था। लेकिन एकाएक फिर से कोविड मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है जो बाजार के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।

रेटिंग: 4.72
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 187