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भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 7.5 अरब डॉलर घटकर 572.7 अरब डॉलर पर आया, पिछले 20 महीनों का सबसे निचला स्तर

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (India's Forex Reserves) घटकर अपने 20 महीने के निचले स्तर पर आ गया है। इसका कारण भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से रुपये की गिरावट को रोकने के लिए बाजार में बार बार किया गया हस्तक्षेप है। ब्लूमबर्ग ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी। एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की कीमत 80 रुपये तक पहुंच चुकी है और RBI इसमें और गिरावट आने से रोकने की कोशिश कर रहा है।

RBI ने शुक्रवार को जारी आंकड़े में बताया कि 15 जुलाई को समाप्त हुए हफ्ते में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 7.5 अरब डॉलर घटकर 572.7 अरब विदेशी मुद्रा खतरनाक क्यों है डॉलर पर आ गया। यह 6 नवंबर 2020 के बाद का इसका सबसे निचला स्तर है। RBI के आंकड़ों के अनुसार इससे पहले, आठ विदेशी मुद्रा खतरनाक क्यों है जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान, विदेशी मुद्रा भंडार 8.062 अरब डॉलर घटकर 580.विदेशी मुद्रा खतरनाक क्यों है 252 अरब डॉलर रह गया था।

'मुद्रा में गिरावट'

Foreign Exchange Reserves: वैश्विक घटनाक्रमों के बीच केंद्रीय बैंक (RBI) विदेशी करेंसी के मुकाबले रुपये के एक्सचेंज रेट में लगातार आ रही गिरावट को रोकने के लिए मुद्रा भंडार का उपयोग कर रहा है. यह मुद्रा भंडार में गिरावट की एक बड़ी वजह है.

Dollar vs Rupee Rate Today: अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार विदेशी मुद्रा खतरनाक क्यों है में रुपया 82.60 के स्तर पर लगभग सपाट रुख के साथ खुला और कारोबार के अंत में यह 15 पैसे की तेजी के साथ 82.45 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ.

Dollar vs Rupee Rate Today: विदेशी मुद्रा कारोबारियों का कहना है कि विदेशी फंडों की निकासी और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का असर घरेलू बाजार पर देखा जा रहा है.

Dollar vs Rupee Rate: विदेशी मुद्रा डीलरों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में कमी और ताजा विदेशी फंड प्रवाह ने रुपये की गिरावट को रोक दिया है.

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2.47 अरब डॉलर की गिरावट के बाद 616.895 बिलियन डॉलर हुआ

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: August 27, 2021 19:32 IST

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2.47 अरब डॉलर की गिरावट के बाद घटकर 619.365 बिलियन डॉलर हुआ- India TV Hindi

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भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2.47 अरब डॉलर की गिरावट के बाद घटकर 619.365 बिलियन डॉलर हुआ

नई दिल्ली: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने ताजा आंकडे जारी किए है। आंकड़ों के अनुसार 20 अगस्त विदेशी मुद्रा खतरनाक क्यों है को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2.47 अरब डॉलर घटकर 616.895 अरब डॉलर पर पहुंच गया। 13 अगस्त, 2021 को समाप्त पिछले सप्ताह में, भंडार 2.099 बिलियन अमरीकी डॉलर घटकर 619.365 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया था। 6 अगस्त, 2021 को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा किटी ने 621.464 बिलियन अमरीकी डालर के उच्चतम स्तर को छू लिया था।

आखिरकार मधुमक्खियों को क्यों मार रहा है ऑस्ट्रेलिया, जानिए कारण

आखिरकार मधुमक्खियों को क्यों मार रहा है ऑस्ट्रेलिया, जानिए कारण

शहद बनाने का एक मात्र साधन मधुमक्खियां ही होती हैं लेकिन सोचिए अगर किसी देश ने यह ठान लिया कि मधुमक्खियों को ही मारा जाएगा तो शायद इसके पीछे कोई बड़ा कारण होगा। ऑस्ट्रेलिया में इन दिनों यही हो रहा है और वहां 60 लाख से अधिक मधुमक्खियों को मारा जा चुका है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि ऑस्ट्रेलिया में इस समय शहद से बनने वाला एक परजीवी वायरस फैला हुआ है।

दरअसल, विदेशी मुद्रा खतरनाक क्यों है ऑस्ट्रेलिया में शहद इंडस्ट्री को बचाने के लिए लाखों मधुमक्खियों को मारा जा रहा है। विदेशी मुद्रा खतरनाक क्यों है मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वेरोआ माइट नाम का परजीवी वायरल वहां शहद से फैल रहा है। मधुमक्खियों के लिए सबसे बड़ा खतरा माने जाने वाला यह पैरासाइट उनका खून चूसता है, उन्हें अपंग बनाता है तथा वे उड़ नहीं पातीं।

मासूम 'विदेशी मुद्रा खतरनाक क्यों है कृति दुबे' के सवालों के बीच वित्त मंत्री का जवाब, जानें उन्हें अर्थव्यवस्था पर क्यों है भरोसा

प्रशांत श्रीवास्तव

NIRMALA SITARAMAN AND INDIAN ECONOMY

  • IMF के अनुसार दुनिया में साल 2022-23 में भारत की सबसे ज्यादा ग्रोथ रेट 7.4 फीसदी रहेगी।
  • जुलाई महीने में जीएसटी 28 फीसदी बढ़कर 1.49 लाख करोड़ पर पहुंच गया है। हालांकि इसमें महंगाई की भी हिस्सेदारी है।
  • CMIE के आंकड़ों के अनुसार जुलाई में पिछले छह महीने की सबसे कम बेरोजगारी दर दर्ज हुई है।

State of Indian Economy:सोमवार को जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण महंगाई और भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति पर बयान दे रही थीं। तो उसी समय उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले की रहने वाली छह साल की बच्ची कृति दुबे का लेटर वायरल हो चुका था। कक्षा एक में पढ़ने वाली कृति ने महंगाई पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेटर लिखा था। जिसमें उन्होंने मैगी और पेसिंल की बढ़ी कीमतों से हो रही परेशानी को बयान किया था। जाहिर है बढ़ती महंगाई और कम विदेशी मुद्रा खतरनाक क्यों है ग्रोथ, मंदी और स्टैगफ्लेशन जैसी चिंताएं बढ़ा रही है।

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