कैसे अचानक क्रिप्टोकरेंसी का मूल्यांकन तेजी से गिरा

10000 बिटकॉइन में 2 पिज्जा: 2010 में इस शख्स ने रचा था इतिहास, जाने इनके बारे में

क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की आज काफी वैल्यू बढ़ चुकी है लेकिन 2010 में ऐसा बिल्कुल भी नहीं था। आपको बता दें कि 2010 में 1 बिटकॉइन करेंसी की वैल्यू 0.0003 अमेरिकी डॉलर थी। इस करेंसी को भारतीय रुपये में 0.22 रुपये में रखा गया।

Shraddha Khare

10000 बिटकॉइन में 2 पिज्जा: 2010 में इस शख्स ने रचा था इतिहास, जाने इनके बारे में

10000 बिटकॉइन में 2 पिज्जा: 2010 में इस शख्स ने रचा था इतिहास, जाने इनके बारे में photos (social media)

अमेरिका : बिटकॉइन करेंसी इन दिनों काफी चर्चा में चल रही है। दुनिया के बड़े-बड़े निवेशक इस बिटकॉइन पर पैसा लगा रहे हैं। आपको बता दें कि इस समय टेस्ला के मालिक एलन मस्क ने कई मिलियन पैसा बिटकॉइन पर लगा दिया है। उन्होंने इस करेंसी को लेकर कहा कि यही भविष्य है। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर 2010 का एक मामला काफी वायरल हो रहा है। मई 2010 में लैजयो नाम के एक शख्स ने 10000 बिटकॉइन देकर 2 पिज्जा खरीदा था। यह शख्स पहला था जो बिटकॉइन को देकर कुछ खरीदा था।

10000 बिटकॉइन में 2 लार्ज पिज्जा खरीदा

क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की आज काफी वैल्यू बढ़ चुकी है लेकिन 2010 में ऐसा बिल्कुल भी नहीं था। आपको बता दें कि 2010 में 1 बिटकॉइन करेंसी की वैल्यू 0.0003 अमेरिकी डॉलर थी। इस करेंसी को भारतीय रुपये में 0.22 रुपये में रखा गया। इस बिटकॉइन की वैल्यू 10 साल पहले इतनी थी कि फ्लोरिडा के रहने वाले लैजयो ने 10000 बिटकॉइन में 2 लार्ज पिज्जा को खरीदा था। यह दाम सुन कोई भी हैरान हो जाएगा। उस समय तक कोई बिटकॉइन पर सामान नहीं खरीदता था।

1 bitcoin की वैल्यू 33 लाख रुपये

क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की वैल्यू आज काफी बढ़ चुकी है। आज इस करेंसी की वैल्यू 200 मिलियन डॉलर से भी अधिक मानी जाती है। आपको बता दें कि भारत में इस वक्त 10000 बिटकॉइन को बेचा जाए तो इस बिटकॉइन की वैल्यू 33.39 अरब रुपये होगी। 10 साल में 1 bitcoin की वैल्यू 33 लाख रुपये हो गई है।

bitcoin-cryptocurrency

papa john's पिज्जा स्टोर

फ्लोरिडा के रहने वाले लैजयो ने जब 2010 में ये काम किया था तो लोग उसे बेवकूफ कर रहे थे। 10000 बिटकॉइन में सिर्फ 2 पिज्जा लिया था लेकिन आज बिटकॉइन पर सामान खरीदना आम बात हो गई है। लैजयो का मानना था कि किसी न किसी को शुरुआत तो करनी थी। आज papa john's पिज्जा स्टोर पर एक बोर्ड Bitcoin का इतिहास लगा है जिसपर मोटे अक्षरों पर लिखा है कि 22 may 2010 Makers of the famous bitcoin pizza

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Business News : क्रिप्टोकरेंसी निवेश नहीं बल्कि पूरी तरह से सट्टेबाजी! RBI ने Crypto के गंभीर संकट को लेकर निवेशकों को चेताया

Business News : RBI यानि भारत रिजर्व बैंक पहले भी क्रिप्टोकरेंसी के संभावित खतरों के बारे में निवेशकों को आगाह करता आया है। इससे पहले भी आरबीआई गवर्नर ने पिछले एक साल के घटनाक्रम इस तरह के साधनों से पैदा होने वाले खतरों के बारे में बात की है।

December 22, 2022

नई दिल्ली। क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना आजकल जैसे फैशन बनता जा रहा है।कई आर्थिक मामलों की जानकारी रखने वाले लोग मानते हैं कि यह निवेश नहीं बल्कि पूरी तरह से सट्टेबाजी है। अगर इसको बढ़ने की इजाजत दी गई, तो ये अगले वित्तीय संकट की वजह बन सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को यह चेतावनी दी। उन्होंने साथ ही बिटकॉइन जैसे साधनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी की। दास ऐसे साधनों के प्रबल विरोधी रहे हैं और आरबीआई इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय तक गया है। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि क्रिप्टोकरेंसी में आर्थिक और वित्तीय स्थिरता से जुड़े बड़े जोखिम शामिल हैं और हम इस बारे में हमेशा जानकारी देते रहे हैं।

कैसे अचानक क्रिप्टोकरेंसी का मूल्यांकन तेजी से गिरा

RBI यानि भारत रिजर्व बैंक पहले भी क्रिप्टोकरेंसी के संभावित खतरों के बारे में निवेशकों को आगाह करता आया है। इससे पहले भी आरबीआई गवर्नर ने पिछले एक साल के घटनाक्रम इस तरह के साधनों से पैदा होने वाले खतरों के बारे में बात की है। इनमें क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज एफटीएक्स का धराशायी होना शामिल है, जो अमेरिका के इतिहास में सबसे बड़ी वित्तीय धोखाधड़ी में से एक है।

इसके साथ ही दास ने ये भी कहा, इतना सब होने के बाद, मुझे नहीं लगता कि हमें अपने रुख के बारे में कुछ और कहने की जरूरत है। निजी क्रिप्टोकरेंसी का मूल्यांकन 190 अरब अमेरिकी डॉलर से घटकर 140 अरब डॉलर रह गया है। उन्होंने कहा कि भारत में बुनियादी आर्थिक गतिविधियां मजबूत बनी हुई हैं, लेकिन बाहरी कारकों से अर्थव्यवस्था को कुछ ‘घाटा’ Bitcoin का इतिहास होगा।

अपने कब्जे को तर्कसंगत बनाने के लिए इतिहास खंगालता चीन

अगर आप चीन की भविष्य की रणनीति के बारे में जानना चाहते हैं तो आप चीन के इतिहास को खंगालिए, चीन के बारे में शोध करने वाले रणनीतिकारों का यह कहना है। वह ऐसा क्यों कहते हैं इसके पीछे एक वजह है, दरअसल चीन जब भी किसी देश की सीमा,उसके किसी क्षेत्र पर अपना कब्जा जमाना चाहता है तो बड़ी धूर्तता से उस क्षेत्र के प्राचीन इतिहास में जाता और वहां से कुछ ऐसी वस्तुएं खोदकर निकालता है फिर उसे प्राचीन चीन के इतिहास से जोड़ता है, इसके बाद चीन उस क्षेत्र पर अपना कब्जा स्थापित करने के लिए कुचक्र चलाता है।

इन दिनों चीन ऐसा ही कुचक्र रच रहा है भारत के लद्दाख, नेपाल और पाकिस्तान के गिलगित बाल्टिस्तान के क्षेत्रों को अपने कब्जे में लेने के लिए, हिमालयी क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा जिसमें तिब्बत तो शामिल है ही लेकिन उसके तीन पड़ोसी देशों की जमीन भी शामिल है उस पर चीन अपनी आंखें गड़ाए बैठा है।

इतिहास को खंगालने के पीछे भी चीन की धूर्त मंशा साफ जाहिर होती है, इन दिनों चीन कब्जाए गए स्वतंत्र देश तिब्बत को अपना प्रांत बनाने के बाद वहां के इतिहास को खंगाल रहा है, दरअसल चीन हिमालयी पर्वत शृंखला के पूरे लद्दाख क्षेत्र को छांगछुंग राजतंत्र बताकर वहां शोध कर रहा है। पश्चिमी तिब्बत क्षेत्र में चीन उत्खनन के काम और शोध कर रहा है, उसका ध्यान छांगछुंग राजतंत्र की तरफ है, दरअसल चीन की परिभाषा Bitcoin का इतिहास के अनुसार छांगछुंग बौद्ध साहित्य में उल्लिखित धरती पर स्वर्ग की बात करता है जिसे छांगछुंग कहा गया है, इस पूरे क्षेत्र में तिब्बत के साथ नेपाल के कुछ इलाके, भारत का लद्दाख और पाकिस्तान द्वारा कब्जाए गए वृहद लद्दाख क्षेत्र का गिलगित-बाल्टिस्तान आता है।

चीन इस क्षेत्र में अभी जो शोध और उत्खनन कर रहा है उसके पीछे चीन की मंशा है कि वह इसे ऐतिहासिक, सांस्कृतिक तरीके से अपना बताएगा और फिर इस पूरे क्षेत्र पर अपना कानूनी दावा ठोक देगा, इसके लिए चीन अपने पड़ोसी देशों पर दबाव बनाएगा, जिसके आगे नेपाल सैन्य तौर पर कमजोर होते हुए अपने घुटने टेक देगा, रही बात पाकिस्तान की तो वह पहले ही चीन के कर्ज जाल में फंसा हुआ है, तो उसने पहले ही अपने घुटने टेक दिए हैं, अब बचा भारत, लद्दाख क्षेत्र को लेने के लिए चीन भारत से युद्ध तक कर सकता है। इन दिनों गलवान, गोगरा हिल्स, पैंगोंग झील, दौलतबेग ओल्डी और फिर तवांग जैसे क्षेत्रों में चीन सैन्य आधार तैयार कर भारत से संघर्ष कर रहा है उसके पीछे की मंशा भारत की सहनशक्ति और सैन्य तैयारियों को परखना है उसके आधार पर चीन आगे की रणनीति बनाएगा। सबसे दुविधा की बात यह है कि चीन के बाहर उसकी इस मंशा के बारे में किसी को कुछ भी नहीं मालूम है।

जैसा कि दुनिया जानती है चीन के लिए ऐतिहासिक तथ्य और सच्चाई मायने नहीं रखती है, क्योंकि चीन इन बातों का बहाना बनाकर दूसरे की जमीन हड़पना चाहता है, दक्षिणी चीन सागर में चीन ने कई पड़ोसियों के द्वीपों को हड़पा है और उन पर अपने नौसैन्य अड्डे और वायुसेना के अड्डे तक बना डाले हैं। छांगछुंग के बारे में बाहरी दुनिया को बहुत कम जानकारी है इसका फायदा चीन अपने पक्ष में उठाना चाहता है। चीन इसे मुद्दा बनाकर सांस्कृतिक, भू-रणनीतिक तौर पर इसमें हेर-फेर करना चाहता है।

चीन पुरातत्ववेत्ताओं और इतिहासकारों की मदद से इस क्षेत्र के इतिहास को दोबारा रचना चाहता है जिससे आने वाले दिनों में छांगछुंग की परिकल्पना को आधार बनाकर इस पूरे क्षेत्र पर अपना अधिकार जमाने के काम को न्यायसंगत और कानूनी तौर पर सही दिखा सके। इसमें सी.पी.सी. जो खेल खेल रही है उसमें पहला कदम तिब्बत के स्वतंत्र अस्तित्व को मिटाना है, इसके बाद खुद का दलाई लामा चुनना और फिर तिब्बत और छांगछुंग को तिब्बती संस्कृति और धर्म से जोडऩा, इसके बाद चीन बौद्ध धर्म को भारत से अलग बताएगा।

यानी अपनी कुटिल नीति के तहत किसी देश की जमीन हड़पने के लिए चीन पहले इतिहास को खंगालता है और फिर उसे वर्तमान और प्राचीन चीन से जोड़ता है इसके बाद छल, बल, साम और दंड की नीति का इस्तेमाल कर उस हिस्से पर अपना कब्जा जमा लेता है। लेकिन छांगछुंग राजवंश के मामले में ये देखना दिलचस्प होगा कि आगे परिस्थितियां कौन-सा मोड़ लेती हैं।

RBI गवर्नर ने Cryptocurrency को लेकर चेताया, कहा- अगले वित्तीय संकट की बन सकती है वजह

Private Cryptocurrency को वित्तीय संकट के रूप में देखा जा रहा है। RBI गवर्नर ने इसे सट्टा उपकरण मानते हुए चेतावनी जारी की हैऔर कहा है कि इन पर रोक लगनी चलिए। उनके मुताबिक अगला वित्तीय संकट निजी क्रिप्टोकरेंसी से शुरू हो सकता है।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने डिजिटल मनी के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली क्रिप्‍टोरेंसीज को लेकर एक बड़ा बयान जारी किया है। दास ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर इस तरह के सट्टा उपकरणों को बढ़ने दिया गया तो अगला वित्तीय संकट निजी क्रिप्टोकरेंसी से शुरू हो सकता है। इस कारण उन्होंने बिटकॉइन जैसे टोकन पर प्रतिबंध लगाने की बात भी कही है।

How to identifty real or fake 500 hundred rupee note

RBI गवर्नर ने बताया बड़ा खतरा

उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी में व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता से बड़े जोखिम पैदा हो सकते हैं और हम हमेशा इसके बारे में सजग करते आ रहे हैं। अपनी बात का समर्थन करते हुए उन्होंने पिछले एक साल के घटनाक्रम का जिक्र किया है। उन्होंने बताया कि कैसे क्रिप्टोकरेंसी के कारण एक्सचेंज एफटीएक्स पूरी तरह से क्रैश कर गया था। इसे यूएस के इतिहास में सबसे बड़ी वित्तीय धोखाधड़ी में से एक कहा जाता है। इस तरह की घटनाएं आने वाले खतरे को दर्शाते हैं।

Indian Economic Growth in a critical phase slow growth

लगातार गिर रहे क्रिप्टोकरेंसी के रेट

निजी क्रिप्टोकरेंसी का वैल्यूएशन लगातार गिर रहा है। क्रिप्टोकरेंसी का नेटवर्थ Bitcoin का इतिहास 190 बिलियन अमरीकी डॉलर से घटकर 140 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया है। इस पर बात करते हुए दास ने कहा कि इन सब घटनाओं के बाद, मुझे नहीं लगता कि हमें अपने रुख के बारे में कुछ और कहने की जरूरत है।

प्रतिबंध लगाने की Bitcoin का इतिहास मांग

दास ने अपने बयान में आगे कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से सट्टा गतिविधि है। उन्होंने इसपर प्रतिबंधित लगाने का विचार रखा। उनके हिसाब से अगला वित्तीय संकट निजी क्रिप्टोकरेंसी से आएगा।

उन्होंने कहा कि अलग-अलग क्षेत्राधिकार वाली संस्थाएं इस पर अपने हिसाब से अलग-अलग रुख अपना रही हैं, लेकिन आरबीआई उन्हें पूरी तरह से प्रतिबंधित करने के अपने रुख पर कायम रहना चाहेगा। बता दें कि दास Bitcoin का इतिहास ऐसे टोकन उपकरणों के कट्टर विरोधी रहे हैं।

दास ने कहा कि वे सिस्टम को बेहतर और अच्छी तरह काम करने वाला बनाना चाहते हैं। उन्हें अभी तक कोई भी विश्वसनीय तर्क नहीं मिला है जो इस तरह की निजी क्रिप्टोकरेंसी द्वारा जनता की भलाई को दिखा सके।

What is Bitcoin (BTC)

Bitcoin (BTC) is the first and most popular digital currency in the world, it has been issued since 2009. It differs from all world currencies because it is not tied to certain countries and is completely decentralized.
Due to this, no one can block the circulation of Bitcoins or seize these funds, because they do not exist in a particular place Bitcoin का इतिहास - they are just records in a replicated distributed database. In fact, anyone can issue Bitcoins (mining), the only condition - access to the Internet and PC.
One of the advantages of Bitcoins is its owners` anonymity - although the data on transactions in real-time is publicly available, it is possible to track only Bitcoin addresses of users without binding them to specific individuals. Therefore, the number of Bitcoins (and, therefore, the funds stored in them) of a particular user cannot be tracked through any bank.

Bitcoin rate changes

Due to the fact that the Bitcoin exchange rate is not regulated at the level of any state (unlike other currencies), it is completely dependent on supply and demand. The dynamics of the rate made it one of the most attractive currencies for investment. Millions of people have already managed to make money on the purchase and sale of Bitcoins, although the more Bitcoins in the world, the more difficult to issue them. So, Bitcoin`s value increased 330 times just in the first two years of its existence. It left behind some of the fiat currencies popular in Europe in terms of the money supply in August 2017. Bitcoin`s market capitalization exceeded $70 billion.

Bitcoin exchange

Bitcoin can be exchanged for fiat funds, including RUB, in the same way as any other currency, also, now it is Bitcoin का इतिहास used for payments via Internet services. This is a great alternative to any national currencies - first of all because Bitcoin is almost impossible to steal or false. Several attempts were made to create a cash analog of Bitcoin - a coin with its own bitcoin address and a secret access code. However, their release was stopped and they are more collection than actually used so far.

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