एनएसई के एमडी और सीईओ, श्री विक्रम लिमये ने कहा, “आने वाले समय में नवीन सामाजिक उद्यमों, सहकारी समितियों, स्वयं सहायता समूहों, पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप जैसे सब को साथ लेकर चलने वाले व्यापार मॉडलों पर एक केंद्रित रणनीति तैयार करने कि आवश्यकता है, जिससे महिलाओं, बुजुर्गों और हाशिए पर रहने वाले अन्य वंचित वर्गों का वित्तीय सशक्तिकरण होगा। इस तरह के निष्पक्ष व्यवसाय मॉडल की नवरचना देश के आर्थिक विकास को एक नयी दिशा देगी, ताकि कारोबार का लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुंचे। एनएसई फाउंडेशन के माध्यम से एनएसई दृढ़ता से उन नए और केंद्रित कदमों का समर्थन करने में विश्वास रखता है जो हाशिए और वंचित समुदायों के सबसे गरीब लोगों को प्रभावित करते हैं, जो आज भारत के विकास की तस्वीर का हिस्सा हैं।"

NSE और BSE क्या है?

बीएसई का मतलब है ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ और एनएसई का मतलब है ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’। हालांकि हर कोई जानता है कि ये दोनों शेयर्स और बॉन्‍ड्स जैसी सिक्योरिटीज से जुड़े हुये हैं, लेकिन इनका असली मतलब शायद हर किसी को पता नहीं होगा। आइये हम बताते है क्या हैं बीएसई और एनएसई। भारत में दो शेयर बाज़ार हैं: बीएसई यानि ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ और एनएसई यानि ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’।

  • BSE यानि (Bombay Stock Exchange), की स्टॉक एक्सचेंज क्या है? स्थापना सन 1875 में हई थी।
  • NSE यानि (National Stock स्टॉक एक्सचेंज क्या है? Exchange) की स्थापना सन 1992 में हुई थी।

दोनों एक्सचेंज के सूचकांक(INDEX) :

  • NSE का सूचकांक NIFTY (‘N’=NSE तथा ‘IFTY’=fifty यानि NSE-50)| “NIFTY INDEX” NSE में सूचीबद्ध शेयरों का प्रतिनिधित्व करती है। और
  • BSE का सूचकांक “SENSEX” (“सेंसिटिव इंडेक्स”) । “SENSEX INDEX” BSE में सूचीबद्ध शेयरों का प्रतिनिधित्व(represent) करती है।

SENSEX और NIFTY INDEX की गणना “free float market capitalization” विधि से की जाती है। यानी सेन्सेक्स की गणना “मार्केट कैपिटलाइजेशन-वेटेज मेथेडोलॉजी” के आधार पर की जाती है।

National Stock Exchange क्या है ?

नेशनल स्टॉक स्टॉक एक्सचेंज क्या है? एक्सचेंज मुंबई में स्थित है, यह भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। यह 1992 से अस्तित्व में आया और यहीं से इलेक्ट्रोनिक एक्सचेंज सिस्टम की शुरुआत हुई और पेपर सिस्टम खत्म हुआ।

एनएसई ने 1996 से निफ्टी की शुरुआत की, जो टॉप 50 स्टॉक इंडेक्स दे रहा था और यह तेजी से भारतीय पूंजी बाज़ार की रीड बना। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को 1992 को कंपनी के रूप में पहचान मिली और 1992 में स्टॉक एक्सचेंज क्या है? इसे सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट्स एक्ट, 1956 के तहत कर भुगतान कंपनी के रूप में स्थापित किया गया।

National stock exchange दुनिया का 11 वां सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। इसका बजार पूंजीकरण (market capitalization) अप्रैल 2018 तक 2.27 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुच गया था ।

BSE यानि BOMBAY STOCK EXCHANGE क्या है ? :

बीएसई की स्थापना 1875 में हुई, इसे नेटिव शेयर और स्टॉक ब्रोकर एसोसिएशन’ के नाम से जाना जाता था। इसके बाद, 1957 के बाद भारत सरकार ने सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट रेगुलेशन एक्ट, 1956 के तहत इसे भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज के रूप में मान्यता दे दी।

सेन्सेक्स की शुरुआत 1986 में हुई, यह भारत का पहला इक्विटी इंडेक्स है जो कि टॉप 30 एक्सचेंज ट्रेडिंग कंपनियों को एक पहचान दे रहा था। सेंसेक्स का आधार वर्ष 1978-79 है

1995 में, बीएसई की ऑनलाइन ट्रेडिंग शुरू हुई, उस समय इसकी क्षमता एक दिन में 8 मिलियन ट्रांजेक्शन थी।

बीएसई एशिया का पहला स्टॉक एक्सचेंज है, और यह मार्केट डेटा सर्विस, रिस्क मैनेजमेंट, सीडीएसएल (सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड), डिपॉजिटरी सर्विसेज आदि सेवाएँ प्रदान करता है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज दुनिया का 12वा बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है, आउर जुलाई 2017 को इसका बाजार पूंजीकरण 2 ट्रिलियन डॉलर से ज़्यादा था।

सोशल स्टॉक एक्सचेंज बनाने की तैयारी कर रही SEBI

भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (SEBI) सोशल स्टॉक एक्सचेंज (SSE) बनाने की दिशा में एक जरूरी कदम बढ़ाया है। बता दें कि 19 सितंबर को सेबी ने एक विस्तृत फ्रेमवर्क जारी किया है। इसमें गैर-लाभकारी संगठनों (NPO) के लिए न्यूनतम जरूरतों को तय किया गया है।

नॉन प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन अब एसएसई (SSE) पर लिस्ट होंगी। बता दें कि जो ऑर्गेनाइजेशन सोशल स्टॉक एक्सचेंज पर खुद को लिस्ट कराना चाहेंगे उन्हें अपना रजिस्ट्रेशन नॉन प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन के रूप में कराना होगा।

अगर आसान भाषा में कहें, तो उन लोगों को बाजार से फंड जुटाने मे मदद करेगा, जो सोशल सेक्टर में काम करने वाले संगठन हैं। इसका मतलब है कि, अब सोशल इंटरप्राइजेज (NPO व ऐसे अन्ये संस्था न) भी खुद को प्राइवेट कंपनियों की तरह शेयर बाजार में लिस्टेड करा सकेंगे और पैसे जुटा सकेंगे।

इकोनॉमिक्स शब्दावली: स्टॉक एक्सचेंज, शहरीकरण, स्टॉक बाजार और शिशु मुत्यु दर क्या है?

स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange): ऐसा शेयर बाजार जहाँ सरकारों और सार्वजनिक कंपनियों की प्रतिभूतियों का क्रय-विक्रय होता है। यहाँ दलालों को कंपनियों के अंशपत्रों तथा अन्य प्रतिभूतियों के व्यापार की सुविधाएँ उपलब्ध रहती है।

शहरीकरण (Urbanisation): किसी महानगरीय क्षेत्र का प्रसार, शहरी क्षेत्रों की जनसंख्या या उनके क्षेत्रापफल का विस्तार या उनके अनुपात में समयानुसार वृद्धि। इसके प्रतिनिधि-स्वरूप शहरों में बसी जनसंख्या का अनुपात या इस अनुपात की वृद्धि दर का प्रयोग हो सकता है। इन दोनों को ही जनगणना प्रतिशत में व्यक्त किया जा सकता है। परिवर्तन अवधि वार्षिक, दशकीय या फिर कोई अतंवर्ती अवधि हो सकती है।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और यूनिसेफ ने उद्योगपतियों और कॉरपोरेट्स से बच्चों और युवाओं में निवेश करने का आग्रह किया

Children take over the National Stock Exchange to raise their voice in solidarity for protecting and promoting children's rights.

मुंबई, भारत, 05 अक्टूबर 2018: यूनिसेफ की एग्जीक्यूटिव स्टॉक एक्सचेंज क्या है? डायरेक्टर हेनरीएटा फोर ने आज यहां नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसई) में 'क्लोजिंग बेल' बजाकर आने वाले समय में बच्चों और युवाओं में निवेश करने की आवश्यकता पर बल दिया।

इस समारोह में श्री विक्रम लिमये, प्रबंध निदेशक, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज; डॉ यास्मीन अली हक, राष्ट्र प्रतिनिधि, यूनिसेफ इंडिया; और श्री रितेश अग्रवाल, ओयो रूम्स के संस्थापक और सीईओ, भी मौजूद थे।

क्या है सोशल स्टॉक एक्सचेंज?

सोशल स्टॉक एक्सचेंज को आसान भाषा में समझें, तो यह एक तरह से सोशल सेक्टर में काम करने वाले संगठनों को बाजार से फंड जुटाने में मदद करेगा. इसका मतलब कि, अब प्राइवेट कंपनियों की तरह सोशल इंटरप्राइजेज (NPO व ऐसे अन्‍य संस्‍थान) भी खुद को शेयर बाजारमें लिस्टेड करा सकेंगे और पैसे जुटा सकेंगे.

सेबी ने अपने सर्कुलर में SSE के साथ रजिस्ट्रेशन के लिए NPO द्वारा पूरी की जाने वाली न्यूनतम आवश्यकताओं का ब्योरा दिया है. इसमें एनपीओ के लिए ‘जीरो-कूपन जीरो प्रिंसिपल इंस्ट्रूमेंट्स’ जारी करके धन जुटाने की आवश्यकता और बाजारों में एनपीओ द्वारा किए जाने वाले वार्षिक ब्योरे के खुलासे आवश्यकताओं को पूरा करना शामिल है. ‘जीरो कूपन जीरो प्रिंसिपल इंस्ट्रूमेंट मान्यता प्राप्त शेयर बाजारों पर पंजीकृत नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशंस द्वारा सेबी के नियमनों के अनुरूप जारी किए जाते हैं.

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