1 विषय प्रोग्राम्स में विदेशी मुद्रा 2023

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2 साल के निचले स्तर पर पहुंचा विदेशी मुद्रा भंडार, 545.652 अरब डॉलर रह गया कोष

LagatarDesk : देश का विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार सातवें विदेशी मुद्रा शिक्षा सप्ताह गिरावट दर्ज की गयी. 16 सितंबर 2022 को खत्म हफ्ते में यह 5.22 अरब डॉलर घटकर 545.652 अरब डॉलर पर पहुंच गया. यह पिछले 2 सालों का सबसे निचला स्तर है. 9 सितंबर को खत्म सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.23 अरब डॉलर गिरकर 550.87 अरब डॉलर हो गया था. इस तरह सितंबर माह यानी दो सप्ताह में भारत का कोष 7.75 अरब डॉलर कम हो गया. आरबीआई ने शुक्रवार को आंकड़ा जारी करके इसकी जानकारी दी है.

अगस्त माह में 11.932 अरब डॉलर कम हुआ कोष

आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, 26 अगस्त को हुए सप्ताह में भारत का कोष 3.007 अरब डॉलर घटकर 561.046 अरब डॉलर रह गया था. इससे पहले 19 अगस्त को समाप्त हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 6.687 अरब डॉलर घटकर 564.053 अरब डॉलर रह गया था. जबकि 12 अगस्त को खत्म हुए सप्ताह में यह 2.23 अरब डॉलर घटकर 570.74 अरब डॉलर पर आ गया था. वहीं 5 अगस्त को सप्ताह हुए सप्ताह में भारत का कोष 89.7 करोड़ डॉलर घटकर 572.978 अरब डॉलर रह गया. इस तरह अगस्त महीने में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 11.932 अरब डॉलर की गिरावट आयी. वहीं इससे पहले जुलाई माह में यह 21.6938 अरब घटा था.

484.90 अरब डॉलर रह गया एफसीए

विदेशी मुद्रा भंडार में एफसीए का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. बता दें कि एफसीए के बढ़ने से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़त देखने को मिलती है. वहीं अगर एफसीए घटती है तो देश के भंडार में भी कमी आती है. फॉरेन करेंसी एसेट्स में डॉलर के अलावा यूरो, पाउंड और येन जैसी मुद्राओं को भी शामिल किया जाता है. रिपोर्टिंग वीक में भारत की एफसीए (FCA) 4.7 अरब डॉलर गिरकर 484.90 अरब डॉलर रह गया.

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रिपोर्टिंग वीक में गोल्ड रिजर्व, एसडीआर और आरक्षित मुद्रा भंडार में भी आयी कमी

आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में भारत का स्वर्ण भंडार 45.8 करोड़ डॉलर घटकर38.186 अरब डॉलर बच गया. इसी तरह आलोच्य सप्ताह में इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी एमआईएफ (IMF) में देश का एसडीआर यानी स्पेशल ड्राइंग राइट (Special Drawing Rights) 3.2 करोड़ डॉलर कम होकर 17.686 अरब विदेशी मुद्रा शिक्षा डॉलर पर पहुंच गया. वहीं रिपोर्टिंग वीक में आईएमएफ के पास रखा देश का आरक्षित विदेशी मुद्रा भंडार 3.1 करोड़ की गिरावट के साथ 4.88 अरब डॉलर पर आ गया.

ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंचा रुपया

बता दें कि विदेशी निवेशकों की बिकवाली और डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट को थामने के लिए आरबीआई ने डॉलर बेचे है. जिसकी वजह से विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आयी है. शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया ऐतिहासिक निचले स्तर 81.20 के लेवल तक जा पहुंचा. कारोबार के अंत में रुपया 19 पैसे गिरकर 80.99 के लेवल पर क्लोज हुआ. यह पहली बार है जब भारतीय करेंसी की क्लोजिंग इतने निचले स्तर पर हुई है.

आयात, विदेश घूमना, पढ़ना आदि चीजें हो जायेंगी महंगी

रुपया कमजोर होने से भारत का आयात बिल बढ़ जायेगा. दूसरे देश से सामान आयात करने के लिए भारत को पहले की तुलना में ज्यादा पैसे चुकाने होंगे. रुपया कमजोर होने से आयात पर निर्भर कंपनियों का मार्जिन कम होगा, जिसकी भरपाई दाम बढ़ाकर की जायेगी. इससे महंगाई बढ़ेगी. पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के मामले में भारत की आयात पर निर्भरता ज्यादा है. इसके अलावा विदेश घूमना, विदेश से सर्विसेज लेना आदि चीजें भी महंगी हो जायेगी.

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार दो साल के निचले स्तर पर पहुंचा, गिरते रुपये को रोकने के लिए बेचने पड़ रहे डॉलर

शुक्रवार को रिजर्व बैंक ने साप्ताहिक आंकड़े जारी किए हैं. 21 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण घटक मानी जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां (FCA) 3.593 अरब डॉलर घटकर 465.075 अरब डॉलर रह गईं. देश का स्वर्ण भंडार मूल्य के संदर्भ में 24.7 करोड़ डॉलर घटकर 37,206 अरब डॉलर रह गया.

सांकेतिक तस्वीर.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 28 अक्टूबर 2022,
  • (अपडेटेड 28 अक्टूबर 2022, 11:41 PM IST)

देश में विदेशी मुद्रा भंडार में फिर बड़ी गिरावट हुई है. भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को डाटा जारी किया है. 21 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 3.847 अरब डॉलर घटकर 524.52 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. पिछले रिपोर्टिंग सप्ताह में कुल भंडार 4.50 बिलियन अमेरिकी डॉलर गिरकर 528.37 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया था. पिछले कई महीनों से विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट देखी जा रही है. अब ये दो साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है.

बता दें कि देश के विदेशी मुद्रा भंडार में जुलाई 2020 के बाद सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. सालभर में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार विदेशी मुद्रा शिक्षा 116 अरब डॉलर घटा है. एक साल पहले अक्टूबर 2021 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के उच्च स्तर पर पहुंच गया था. देश के मुद्रा भंडार में गिरावट आने की मुख्य वजह रुपये की गिरावट को थामने का प्रयास माना जा रहा है. केंद्रीय बैंक इस समय मुद्रा भंडार से मदद प्राप्त कर रहा है.

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्प्रवास पर विदेश जाने वाले व्यक्ति को कितनी विदेशी मुद्रा उपलब्ध है?

उत्प्रवास पर विदेश यात्रा करने वाले व्यक्ति अधिकतम 1000,000 अमरीकी डालर की विदेशी मुद्रा प्राप्त कर सकते हैं। यह भारत में एक अनुमोदित डीलर से स्व-घोषणा के आधार पर है। राशि का उपयोग केवल उत्प्रवास के देश में आकस्मिक व्यय को पूरा करने के लिए किया जाना है।

विदेश यात्रा के लिए कितनी विदेशी मुद्रा नकद में ले जाया जा सकता है?

आरबीआई कानून विदेशी मुद्रा को निर्दिष्ट करता है जिसे पर्यटन आदि जैसे उद्देश्यों के लिए विदेशी यात्राओं के लिए ले जाया जा सकता है। यह राशि किसी एक वित्तीय वर्ष में $ 10,000 है जिसे स्व-घोषणा के आधार पर एक अनुमोदित डीलर से प्राप्त किया जा सकता है। यात्रियों के लिए अब 3,000 डॉलर तक के विदेशी मुद्रा के सिक्कों/नोटों की अनुमति है।

क्या मैं किसी भी बैंक में विदेशी मुद्रा का आदान-प्रदान कर सकता हूं?

यदि आपके पास बचत या चेकिंग खाता है तो अधिकांश बैंक विदेशी मुद्रा के आदान-प्रदान की पेशकश करेंगे। यदि आपके पास कुछ मामलों में क्रेडिट कार्ड है तो बैंक मुद्रा का आदान-प्रदान करेगा।

क्या मैं क्रेडिट कार्ड से विदेशी मुद्रा खरीद सकता हूं?

आप उसी तरह से क्रेडिट कार्ड से विदेशी मुद्रा खरीद सकते हैं; आप डेबिट कार्ड के साथ करेंगे। केवल एक चीज जो आपको करने की आवश्यकता है वह है फॉरेक्स लोगों को सूचित करना कि आप अपने क्रेडिट कार्ड से भुगतान कर रहे हैं। हालांकि, लेनदेन शुल्क लागू होंगे।

आप कब तक विदेशी मुद्रा रख सकते हैं?

विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 2000, निर्दिष्ट करता है कि अप्रयुक्त विदेशी मुद्रा को विदेशों से वापसी के 6 महीने के भीतर वापस किया जाना चाहिए। फिर भी, यदि आप चाहें, तो आप अपने घरेलू निवासी विदेशी मुद्रा खातों में अधिकतम 2,000 अमरीकी डालर की विदेशी मुद्रा रख सकते हैं।

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