शेयर बाजार में बीते कारोबारी हफ्ते में रिकॉर्ड हाई से कुछ बिकवाली देखने को मिली है.

Multibagger Stock Tips: करीब 11 सालों में इन 4 स्टॉक्स ने दिया अपने निवेशकों को करोड़ो का फायदा, क्या आपके पास है?

आज हम आपको ऐसे कुछ मल्टीबैगर शेयर्स (Multibagger Shares) के बारे में बताने जा रहे हैं जो काफी लंबे अवधि के बाद हजारों से लाखों और लाखों से करोड़ों रुपये में तब्दील हुए हैं, आइए जानते हैं.

अगर आप शेयर बाजार (Share Bazar) में निवेश करते हैं या करने की सोच रहे हैं तो आपको धैर्य रखना सीखना होगा। यहां पैसा लगाना भले ही काफी आसान हो लेकिन आप में सब्र रखने की क्षमता कितनी है वो मान्य है। दिग्गज निवेशकों की अगर मानें तो शेयर्स (Shares) खरीदने और खरीदने में नहीं बल्कि एक स्टॉक (Stock) को ज्यादा से ज्यादा लंबे वक्त अपने पास रखना सही माना जाता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि स्टॉक बिल्कुल एक बिजनेश (Business) में निवेश करने के बराबर होता है। जब तक आपको अपने स्टॉक में प्रॉफिट (Profitable Stock) न नजर आए तब तक उसे बेचने के बारे में न सोचें भले ही इसमें काफी महीने या साल क्यूं न लग जाएं। आज हम आपको ऐसे कुछ मल्टीबैगर शेयर्स (Multibagger Shares) के बारे में बताने जा रहे हैं जो काफी लंबे अवधि के बाद हजारों से लाखों और लाखों से करोड़ों रुपये में तब्दील हुए हैं, आइए जानते हैं.

एस्ट्रल लिमिटेड

मल्टीबैगर शेयरों में एस्ट्रल लिमिटेड (Astral Limited) साल 2021 में शामिल हुआ था। जिसने में अपने शेयरधारकों (Share Holders) को पूरे साल बेहतरीन रिटर्न (Return) दिया। अगर बात करें ईयर-टू-डेट की तो इस दौरान एस्ट्रल ने अपने शेयरधारकों को 64 फीसदी का रिटर्न दिया। जबकि बीते एक साल में करीब 100 फीसदी रिटर्न अपने शेयरधारकों को इस स्टॉक ने दिया। अगर 11 साल पहले से डाटा उठाया जाए तो साल निवेशकों को इन स्टॉक्स पर रखनी होगी नजर 2010 में ये स्टॉक मात्र 12 रुपये प्रति शेयर था, जबकि अब साल 2021 में इसकी कीमत 45 रुपये प्रति शेयर हो गई है। ऐसे में जिस किसी निवेशक ने 11 साल पहले यानी साल 2010 में एक लाख स्टॉक खरीदे थे उन्हें आज करोड़ों का मुनाफा हो जाता।

लंबी अवधि में बजाज फाइनेंस (Bajaj Finance) पेनी से क्वालिटी स्टॉक बन चुका है। साल 2010 में इसके एक शेयर की कीमत 40 रुपये थी। वहीं, 2011 में करीब 65 रुपये प्रति शेयर कीमत थी। जबकि, अब साल 2021 में इसकी कीमत 6780 रुपये प्रति शेयर है। इस रिपोर्ट के मुताबिक बजाज फाइनेंस का ये स्टॉक करीब 11 सालों में 100 फीसदी से ज्यादा तक बढ़ गया है। जिस भी किसी ने 11 साल पहले इसे 40 रुपये प्रति शेयर की कीमत में 1 लाख निवेश किया था आज वो 1.निवेशकों को इन स्टॉक्स पर रखनी होगी नजर 69 करोड़ रुपये के मालिक हो जाते। बता दें कि इस स्टॉक ने ईयर-टू-डेट में सिर्फ 4.20 प्रतिशत रिटर्न दिया है, ऐसे में ये साल 2021 में निवेशकों को इन स्टॉक्स पर रखनी होगी नजर नॉन परफॉर्मर स्टॉक है।

वैभव ग्लोबल (Vaibhav Global) ने भी लंबे अवधि में अपने शेयरधारकों को काफी अच्छा रिटर्न दिया है। हालांकि, पिछले 6 महीनों से ये शेयर बिकवाली के दबाव में है। साल 2010 में ये स्टॉक करीब 50 के स्तर पर थे, जोकि आज के समय में करीब 524 के स्तर पर है। ऐसे में जिन निवेशकों ने दिसंबर 2010 में 1 लाख निवेश किया था उनके ये लाख अब करीब 16 करोड़ में बदल गए है।

दीपक नाइट्राइट

मल्टीबैगर शेयर्स में दीपक निवेशकों को इन स्टॉक्स पर रखनी होगी नजर नाइट्राइट (Deepak Nitrite) केमिल स्टॉक 2021 में से एक है। इस शेयर की कीमत में 988 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। साल 2010 में ये स्टॉक करीब 18 निवेशकों को इन स्टॉक्स पर रखनी होगी नजर रुपये प्रति शेयर था, जोकि आज के समय में 2103 प्रति शेयर हो गया है। ऐसे में जिन्होंने 1 लाख निवेश किया होता तो उन्हें करीब 17 करोड़ का मुनाफा होता।

Nifty के लिए 18665 का लेवल अहम, टूटा तो 18888 तक पहुंचेगा बाजार, US Fed पॉलिसी और महंगाई पर रहेगी नजर

Stock Market: अगले हफ्ते बाजार के लिहाज से कुछ बड़ी घटनाएं होंगी. यूएस फेड पॉलिसी के अलावा भारत, अमेरिका और ब्रिटेन के महंगाई के आंकड़े आएंगे.

Nifty के लिए 18665 का लेवल अहम, टूटा तो 18888 तक पहुंचेगा बाजार, US Fed पॉलिसी और महंगाई पर रहेगी नजर

शेयर बाजार में बीते कारोबारी हफ्ते में रिकॉर्ड हाई से कुछ बिकवाली देखने को मिली है.

Stock Market Outlook: शेयर बाजार में बीते हफ्ते रिकॉर्ड हाई से कुछ बिकवाली देखने को मिली है. हालांकि निफ्टी के लिए 18300 के लेवल पर महत्‍वपूर्ण सपोर्ट नजर आ रहा है. अगले हफ्ते बाजार के लिहाज से कुछ बड़ी घटनाएं होने जा रही हैं. यूएस फेड की पॉलिसी के अलावा भारत, अमेरिका और ब्रिटेन जैसी बड़ी अर्थव्‍यवस्‍थाओं के महंगाई के आंकड़े आएंगे. वहीं क्रूड में भी हलचल पर बाजार की नजर रहेगी. एक्‍सपर्ट का कहना है कि निफ्टी के लिए ऊपर की ओर 18665 के लेवल बेहद अहम होगा. अगर यह ब्रेक होता है तो निफ्टी अगले 5 दिनों में 18888 का लेवल टच कर सकता है.

अगले हफ्ते किन फैक्‍टर्स पर रहेगी बाजार की नजर

Samco Securities के हेड ऑफ मार्केट पर्सपेक्टिव्‍स, अपूर्व शेठ का कहना है कि अगले हफ्ते निवेशकों को इन स्टॉक्स पर रखनी होगी नजर कई कई महत्वपूर्ण घटनाओं पर बाजार की नजरें रहेंगी. 3 बड़ी अर्थव्यवस्थाएं अमेरिका, ब्रिटेन और भारत अपने इनफ्लेशन रेट का खुलासा करेंगे. नतीजतन, दुनिया के बाजार इन आंकड़ों पर बारीकी से नजर रखेंगे और उम्‍मीद करेंगे कि इन आंकड़ों में पहले से सुधार हो. इसके अलावा, यूएस और यूके अपनी ब्याज दरों की घोषणा करेंगे, जिसका असर ग्‍लोबल मार्केट पर होगा.

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Sula Vineyards ने तय किया अपने IPO का प्राइस बैंड, 12 दिसंबर को खुलेगा इश्यू, कंपनी से जुड़ी तमाम डिटेल

Swastika Investmart के रिसर्च हेड, संतोष मीना का कहना है कि अस्थिर वैश्विक संकेतों और आईटी शेयरों में बिकवाली के चलते पिछले हफ्ते भारतीय बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी और सेंसेक्स में मुनाफा वसूली देखने को मिली. हालांकि, मौजूदा तेजी में मार्केट लीडर रहे निफ्टी बैंक ने आरबीआई की हॉकिश पॉलिसी के बावजूद अपना मजबूत प्रदर्शन जारी रखा है. वैश्विक संकेतों के लिहाज से आने वाला हफ्ता महत्वपूर्ण रहने वाला है, जहां 13 दिसंबर को अमेरिकी इनफ्लेशन के आंकड़े और 15 दिसंबर को निर्धारित यूएस फेड पॉलिसी के रिजल्‍ट बाजार के लिए सबसे महत्वपूर्ण घटनाएं होंगी. घरेलू मोर्चे पर, इंडस्ट्रियल प्रोडक्‍शन और रिटेल इनफ्लेशन के नंबर्स 12 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे. जबकि होलसेल इनफ्लेशन का डाटा 14 दिसंबर को आएगा.

डेरिवेटिव डेटा बैलेंस

संतोष मीना का कहना है कि इसके अलावा, चीन से न्‍यूज फ्लो, क्रूड की कीमतों में उतार-चढ़ाव और डॉलर इंडेक्‍स अन्य महत्वपूर्ण फैक्‍टर होंगे. इंस्‍टीट्यूशनल फ्लो पर भी नजर रहेगी, क्योंकि FIIs पिछले एक हफ्ते से शुद्ध बिकवाली कर रहे हैं. उनका कहना है कि डेरिवेटिव डेटा बैलेंस है और ज्यादा डायरेक्‍शन नहीं दे रहा है. इंडेक्स फ्यूचर्स के लिए एफआईआई का लंबा एक्सपोजर 76 फीसदी के टॉप से 58 फीसदी तक गिर गया है. हालांकि, पुट/कॉल रेश्‍यो 0.76 पर है, जो एक ओवरसोल्ड जोन है.

टेक्निकल आउटलुक

अपूर्व शेठ का कहना है कि पिछले हफ्ते बाजार ने रिकॉर्ड ऊंचाई को पार किया, जिसके बाद से इसमें कुछ गिरावट आई है. बेंचमार्क निफ्टी को 18,600 अंक के आस पास मजबूत रेजिस्‍टेंस का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि वीकली एक्‍सपायरी पर इन स्ट्राइक के आसपास बड़े पैमाने पर कॉल राइटिंग हो रही है. नीचे की ओर, निफ्टी के लिए 18,300 और 18,000 के लेवल पर सपोर्ट है.

संतोष मीना का कहना है कि तकनीकी रूप से, शुक्रवार को निफ्टी ठीक 20-डीएमए पर बंद हुआ और अगर यह इस स्तर को बनाए रखने में कामयाब रहा, तो बाजार में शॉर्ट-कवरिंग बाउंसबैक की उम्मीद कर सकते हैं. जहां पर 18665 इमेडिएट हर्डल है और उसके बाद 18888 के लेवल पर रेजिस्‍टेंस है. हालांकि, अगर निफ्टी 20-डीएमए से नीचे कारोबार करना शुरू करता है, तो आगे 18325, 18250 और फिर 18125 के लेवल तक कमजोरी की आशंका है.

बैंक निफ्टी टेक्निकल आउटलुक

जहां तक बैंक निफ्टी की बात है, इंडेक्‍स बेहतर प्रदर्शन कर रहा है. 20-डीएमए का 43,000 के आसपास बढ़ना एक महत्वपूर्ण सपोर्ट लेवल है. इंडेक्‍स में तबतक तेजी बनी रह सकती है, जबतक कि यह 43000 के लेवल के पार बना रहेगा. जिसके बाद इंडेक्‍स में कुछ गिरावट आ सगकती है. पहले यह 42600 और फिर 42000 के लेवल तक कमजोर हो सकता है. इंडेक्‍स के लिए 44,000 के साइकोलॉजिकल लेवल पर रेजिस्‍टेंस है.

Share Market Fall: शेयर बाजार में निवेशकों के 4.5 लाख करोड़ रुपये स्वाहा, सेंसेक्स में 638 अंकों की गिरावट

Share Market Fall: हफ्ते के पहले कारोबारी दिन 30 शेयरों का सेंसेक्स इंडेक्स सोमवार को 638.11 अंकों की गिरावट के साथ 56,788 अंकों पर बंद हुआ। वहीं, इसका व्यापक स्वरूप निफ्टी 207 अंक टूटकर 16,887 अंकों के लेवल पर बंद हुआ।

शेयर बाजार

हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सेंसेक्स में 750 अंकों की गिरावट आने के कारण दलाल स्ट्रीट के निवेशकों की संपत्ति सोमवार को 4.5 लाख करोड़ रुपये घट गई। पिछले शुक्रवार को मिली बढ़त को बाजार के बुल संभालकर रख पाने में असपुल रहे। सोमवार को निफ्टी भी लुढ़ककर 16,900 के स्तर पर पहुंच गया। 30 शेयरों का सेंसेक्स इंडेक्स सोमवार को 638.11 अंकों की गिरावट के साथ 56,788 अंकों पर बंद हुआ। वहीं, इसका व्यापक स्वरूप निफ्टी 207 अंक टूटकर 16,887 अंकों के लेवल पर बंद हुआ।

हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सोमवार को बाजार पर इन चार कारणों से दबाव दिखा।

1. ग्लोबल मार्केट का कमजोर रुख

वैश्विक बाजारों में जारी मंदी का असर सोमवार को भारतीय बाजार पर भी निवेशकों को इन स्टॉक्स पर रखनी होगी नजर दिखा। यूराेप का STOXX 600 इंडेक्स में इस दौरान 1.4% की गिरावट दर्ज की गई। लंदन का FTSE-100 इंडेक्स भी दूसरे बाजारों राह पर चलते हुए लगभग 1% तक टूटा। एशियाई शेयरों में भी नकारात्मक रुझान नजर आया। सिर्फ जापान का बाजार हरे निशान पर दिखा जहां ऊर्जा और सेमीकंडक्टर कंपनियों के शेयर मजबूत होने से बाजार को सपोर्ट मिला।

2. क्रेडिट सुइस में व्याप्त क्राइसिस

स्विस बैंकिंग के दिग्गज क्रेडिट सुइस की 27 अक्टूबर को प्रस्तावित पुनर्गठन योजना से जुड़ी में अफवाहों के निवेशकों को इन स्टॉक्स पर रखनी होगी नजर कारण भी सोमवार को भारतीय बाजार कमजोर हुआ। क्रेडिट सुइस में बैंक के क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप (सीडीएस) में तेज वृद्धि दिखी है। सीडीएस कंपनी को लोन डिफॉल्ट करने वालों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती है। हालांकि, बैंक का प्रबंधन बड़े ग्राहकों और निवेशकों को अपनी तरलता और पूंजी के बारे में आश्वस्त करने की कोशिश कर रहा है। फिर भी यूरोपीय बाजारों में सोमवार को इसके शेयर 10% तक टूट गए।

3. क्रूड ऑयल की कीमतों में इजाफा

क्रूड ऑयल की कीमतों में चार प्रतिशत का इजाफा हुआ है। ओपीईसी की ओर से कहा गया है कि वह उत्पादन में प्रतिदिन एक बिलियन बैरेल की कटौती करने पर विचार कर रहा है। वे ऐसा क्रूड ऑयल की कीमतों में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट के बाद भाव को स्थिर रखने के लिए कर सकते हैं। बता दें कि कोरोना संकट के बाद तेल उत्पादन में यह अब तक की सबसे बड़ी कटौती होगी।

4. रुपये पर बढ़ता दबाव

भारतीय रुपया दबाव में है क्योंकि घरेलू मुद्रा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 0.67% कम होकर 81.89 पर कारोबार कर रहा है। हालांकि रुपये में गिरावट निर्यातकों के लिए सकारात्मक है, लेकिन इससे हमारा आयात महंगा हो रहा है। 21 सितंबर को यूएस फेड की 75 बीपीएस दर में बढ़ोतरी के बाद से विदेशी संस्थागत निवेशक या एफआईआई भारतीय इक्विटी बाजार में नेट सेल रहे हैं। शुक्रवार को एफआईआई ने बाजार में 1,500 करोड़ रुपये से अधिक की इक्विटी शेयरों की बिकवाली की थी। एनएसडीएल के आंकड़ों के मुताबिक पिछले महीने एफआईआई भारतीय बाजार में 7,624 करोड़ रुपये के शुद्ध विक्रेता थे।

विस्तार

हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सेंसेक्स में 750 अंकों की गिरावट आने के कारण दलाल स्ट्रीट के निवेशकों की संपत्ति सोमवार को 4.5 लाख करोड़ रुपये घट गई। पिछले शुक्रवार को मिली बढ़त को बाजार के बुल संभालकर रख पाने में असपुल रहे। सोमवार को निफ्टी भी लुढ़ककर 16,900 के स्तर पर पहुंच गया। 30 शेयरों का सेंसेक्स इंडेक्स सोमवार को 638.11 अंकों की गिरावट के साथ 56,788 अंकों पर बंद हुआ। वहीं, इसका व्यापक स्वरूप निफ्टी 207 अंक टूटकर 16,887 अंकों के लेवल पर बंद हुआ।

हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सोमवार को बाजार पर इन चार कारणों से दबाव दिखा।

1. ग्लोबल मार्केट का कमजोर रुख

वैश्विक बाजारों में जारी मंदी का असर सोमवार को भारतीय बाजार पर भी दिखा। यूराेप का STOXX 600 इंडेक्स में इस दौरान 1.4% की गिरावट दर्ज की गई। लंदन का FTSE-100 इंडेक्स भी दूसरे बाजारों राह पर चलते हुए लगभग 1% तक टूटा। एशियाई शेयरों में भी नकारात्मक रुझान नजर आया। सिर्फ जापान का बाजार हरे निशान पर दिखा जहां ऊर्जा और सेमीकंडक्टर कंपनियों के शेयर मजबूत होने से बाजार को सपोर्ट मिला।

2. क्रेडिट सुइस में व्याप्त क्राइसिस

स्विस बैंकिंग के दिग्गज क्रेडिट सुइस की 27 अक्टूबर को प्रस्तावित पुनर्गठन योजना से जुड़ी में अफवाहों के कारण भी सोमवार को भारतीय बाजार कमजोर हुआ। क्रेडिट सुइस में बैंक के क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप (सीडीएस) में तेज वृद्धि दिखी है। सीडीएस कंपनी को लोन डिफॉल्ट करने वालों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती है। हालांकि, बैंक का प्रबंधन बड़े ग्राहकों और निवेशकों को अपनी तरलता और पूंजी के बारे में आश्वस्त करने की कोशिश कर रहा है। फिर भी यूरोपीय बाजारों में सोमवार को इसके शेयर 10% तक टूट गए।

3. क्रूड ऑयल की कीमतों में इजाफा

क्रूड ऑयल की कीमतों में चार प्रतिशत का इजाफा हुआ है। ओपीईसी निवेशकों को इन स्टॉक्स पर रखनी होगी नजर की ओर से कहा गया है कि वह उत्पादन में प्रतिदिन एक बिलियन बैरेल की कटौती करने पर विचार कर रहा है। वे ऐसा क्रूड ऑयल की कीमतों में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट के बाद भाव को स्थिर रखने के लिए कर सकते हैं। बता दें कि कोरोना संकट के बाद तेल उत्पादन में यह अब तक की सबसे बड़ी कटौती होगी।

4. रुपये पर बढ़ता दबाव

भारतीय रुपया दबाव में है क्योंकि घरेलू मुद्रा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 0.67% कम होकर 81.89 पर कारोबार कर रहा है। हालांकि रुपये में गिरावट निर्यातकों के लिए सकारात्मक है, लेकिन इससे हमारा आयात महंगा हो रहा है। 21 सितंबर को यूएस फेड की 75 बीपीएस दर में बढ़ोतरी के बाद से विदेशी संस्थागत निवेशक या एफआईआई भारतीय इक्विटी बाजार में नेट सेल रहे हैं। शुक्रवार को एफआईआई ने बाजार में 1,500 करोड़ रुपये से अधिक की इक्विटी शेयरों की बिकवाली की थी। एनएसडीएल के आंकड़ों के मुताबिक पिछले महीने एफआईआई भारतीय बाजार में 7,624 करोड़ रुपये के शुद्ध विक्रेता थे।

9 रुपये से ₹3578 पर पहुंचा भाव, निवेशकों के 1 लाख पर मिला ₹15.90 करोड़

हिन्दुस्तान लोगो

हिन्दुस्तान 30-08-2022 लाइव मिंट

शेयर बाजार में निवेश करने वाले लोगों को एक्सपर्ट हमेशा यह सलाह देते हैं कि अपने इंवेस्टमेंट पर भरोसा बनाए रखना चाहिए। अगर आप ने रिसर्च के बाद किसी शेयर पर दांव निवेशकों को इन स्टॉक्स पर रखनी होगी नजर खेला है तो लॉन्ग टर्म के लिए उस शेयर पर भरोसा दिखाने से रिटर्न ज्यादा मिलने की संभावना रहती है। डिविस लेबरोट्ररिज लिमिटेड उन शेयरों में से एक है जिसने अपने निवेशकों की किस्मत को बदल कर रख दिया है। कंपनी के पोजीशनल निवेशक आज करोड़पति हो गए हैं। आइए डालते हैं एक नजर इस स्टॉक के परफॉर्मेंस पर -

क्या है शेयर के परफॉर्मेंस का इतिहास?

सोमवार को कंपनी के शेयर एनएसई में 0.26 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुए। इस मल्टीबैगर स्टॉक ने अपने निवेशकों को 39,655.56 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। 13 मार्च 2003 को कंपनी के एक शेयर की कीमत 9 रुपये थी, जोकि अब बढ़कर 3578 रुपये हो गई है। जिस किसी निवेशक ने 19 साल पहले इस कंपनी के शेयर पर 1 लाख रुपये का दांव लगाया होगा आज उसका रिटर्न 3.97 करोड़ रुपये सिर्फ शेयर की कीमत बढ़ने से हो गया है। लेकिन बोनस को भी ध्यान रखें तो यह रिटर्न इससे अधिक का होगा।

BSE पर मौजूद रिकॉर्ड के अनुसार कंपनी ने 30 जुलाई 2009 और 23 सितंबर 2015 को बोनस शेयर दिया था। दोनों बार कंपनी ने एक रेशियो में एक शेयर योग्य शेयर धारकों को दिया था। ऐसे में जिस किसी निवेशक ने 19 साल पहले इस कंपनी के शेयर पर दांव लगाया होगा और अबतक पोजीशन होल्ड किया होगा, उन्हें दोनों बार कंपनी के बोनस शेयर का लाभ भी मिला होगा।

जिस निवेशक ने 13 मार्च 2003 को एक लाख रुपये का निवेश किया होगा उसे 9 रुपये के हिसाब से 11,111 शेयर मिले होंगे। 30 जुलाई 2009 को जब कंपनी ने बोनस शेयर का ऐलान किया तो निवेशक का 11,111 शेयर बढ़कर 22,222 शेयर हो गया। फिर जब कंपनी ने 2015 एक रेशियो पर एक शेयर का ऐलान किया तो उसके बाद निवेशक 22,2222 शेयर की संख्या बढ़कर 44,444 हो गई है। अब अगर सोमवार के रेट के हिसाब से कैलकुलेट करें तो निवेशक का रिटर्न 15.90 करोड़ रुपये (44,444x3578) हो गया है। पिछले 5 साल के दौरान कंपनी के शेयरों में 402 प्रतिशत की उछाल देखने को मिली।

स्टोरी क्रेडिटः लाइव मिंट

(डिस्‍क्‍लेमर: यहां सिर्फ शेयर के परफॉर्मेंस की जानकारी दी गई है, यह निवेश की सलाह नहीं है। शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है और निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)

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