Vedanta : शुक्रवार को बोर्ड बैठक में हो सकता है बड़ा ऐलान, निवेशक इन 5 बातों का रखें ध्यान
Vedanta Board Meeting- 9 दिसंबर को वेदांता की बोर्ड बैठक होने वाली है. इस बैठक में पैसा जुटाने को लेकर बड़ा फैसला हो सकता है.
अगर आपने वेदांता का शेयर खरीदा है तो ये खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं क्योंकि 9 दिसंबर यानी शुक्रवार को बोर्ड बैठक होने जा रही है. इस बैठक में फंड जुटाने पर विचार हो सकता है. कंपनी NCDs के जरिए 500 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी कर रही है. अब आपको सबसे पहले एनसीडी के बारे में बताते हैं. NCD यानी Non Convertible Debentures होता हैं. इन्हें आमतौर पर कंपनियां ही जारी करती हैं. बड़े कॉर्पोरेट हाउसेस सीधे लोगों से लोन लेते हैं. इसके बदले कंपनी आपको एक टोकन देती है जिसमें आपके पैसे पर मिलने वाली ब्याज दर लिखी रहती है. जब आप एनसीडी में पैसा लगाते हैं तो आप किसी कंपनी या बड़े ऑर्गेनाइजेशन को डायरेक्टली पैसा उधार देते हैं. इसमें कंपनियां अक्सर एफडी में मिलने वाली ब्याज दर से ज्यादा इंटरेस्ट देती हैं.
(1) NCD दो तरह के होते हैं- सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड. सिक्योर्ड एनसीडी में जब कंपनी आपसे पैसा लेती है तो उसके बदले में कोई असेट गिरवी रखती है.
(2) अगर कंपनी ने 500 करोड़ के एनसीडी निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान जारी किए हैं तो उसके बदले में वह असेट अलॉट करेगी, कि अगर किसी वजह से वह लोगों का पैसा नहीं चुका पाती है तो उसके असेट को बेचकर लोगों के पैसे की भरपाई होती है.
(3) अनसिक्योर्ड एनसीडी में कंपनी लोगों के पैसों के बदले कोई असेट अलॉट नहीं करती है. इसमें अगर कंपनी आपका पैसा नहीं लौटा पाती है, निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान तो किसी और तरीके से आपके पैसे की भरपाई नहीं हो पाती है. इसलिए निवेश से पहले हमेशा यह सुनिश्चित करें कि आप सिक्यार्ड एनसीडी में ही पैसा लगा रहे हैं. NCD में निवेश के लिए कंपनी की रेटिंग्स भी चेक करना जरूरी है. यह सबसे जरूरी प्वाइंट है. हमेशा अपना पैसा AAA रेटिंग वाली कंपनी में ही लगाएं. इन कंपनियों में निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान डिफॉल्ट होने के चांस बेहद कम रहते हैं.
(4) NCD में बेशक आपको बेहतर इंटरेस्ट मिलता है, लेकिन इसमें रिस्क भी रहता है. इसलिए एफडी के मुकाबले सिर्फ एक या डेढ फीसदी ज्यादा ब्याज मिले तो आपके लिए एनसीडी अच्छा विकल्प नहीं होगा. क्योंकि टैक्स निकालने के बाद आपका प्रॉफिट बेहद कम रह जाएगा.
(5) एनसीडी इस मामले में भी काफी बेहतर होता है कि आप इसे स्टॉक मार्केट में बेच भी सकते हैं. जबकि आप एफडी के मैच्योर होने से पहले अगर उसे बेचने जाते हैं तो कई तरीके के टैक्स आपको देने पड़ते हैं. एनसीडी के मामले में ऐसा नहीं है, इसलिए यह एक बेहतर विकल्प हो सकता है.
stock market मैं निवेश करने से पहले 10 बातों का रखें ध्यान
किसी भी कम्पनी में इंवेस्ट करने से पहले उसके बारे में हमे पूरी रीसर्च कर लेनी चाहिएं, नही तो भारी नुकसान उठाना पड़ सकता हैं। आज इस पोस्ट मैं हम आपको बताएंगे. मल्टीबैगर स्टॉक को कैसे चुने आगे बढ़ने से पहले आपको बता दू इस पोस्ट में कुछ चीजों को डिटेल में समझाया गया है. इंसलिए पोस्ट थोड़ी लम्बी हो सकती है।
स्टॉक सेलेक्ट करने से पहले आपको इन 10 चीजों का ध्यान रखना चाहिए
1. Type of Business - जिस भी कम्पनी के स्टोक्स को आप सेलेक्ट करने जा रहे हो वह कंपनी किस टाइप का निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान बिजनेस करती है. क्या वो growing बिजनेस हैं. क्योंकि आप तभी पैसे कमा सकते हो जब कंपनी आगे ग्रो हो सकती है. यदि कोई कंपनी अभी फंडामेंटली अच्छी है. पर आगे जाकर उसका बिजनेस कम हो सकता है. या बंद हो सकता है. तो आपको आगे जाकर नुकसान ही होगा
उदाहरण के तौर पर अगर बात करें तो यदि आप किसी प्लास्टिक बनाने वाली कंपनी में इन्वेस्ट करोगे तो आपके पैसे डूबने ही है. क्योंकि दुनिया भर में प्लास्टिक बैन किया जा रहा है. और इसका कई अल्टरनेटिव ढंढा जा रहा है.
इसके अंदर आपको थोड़ा अपना कॉमन सेंस यूज करना होगा और देखना होगा. कि कम्पनी का बिजनेस क्या आगे ग्रो हो सकता हैं.
2. Market Capitalisation - इसमें आपको यह देखना होगा कि कम्पनी small cap , मिड कैप है. या लार्ज कैप क्यूंकि यदि आप स्मॉल कैप कम्पनी में इंवेस्ट करते हो तो उसके ग्रो होने के चांस बहुत ज्यादा है. परंतु लॉस चांस भी ज्यादा हैं.
3. Profit Growth- इसमें यह देखना हैं की क्या उस कम्पनी का प्रॉफिट हर साल बढ़ रहा हैं। क्या time के साथ घट तो नही रहा या फिर मेटेंन है। आपको यह चीज देखना बहुत जरूरी है. क्योंकि कम्पनी का प्रॉफिट यदि बढ़ रहा हैं. तो इसका मतलब कम्पनी भी बड़ेगी और उसके शेयर की प्राइस भी बढ़ेगी। प्रॉफिट यदि घटा तो आपको भी लॉस होगा। इस चीज़ को पता करने के लिए आप कम्पनी के पिछले 3-4 सालो के प्रॉफिट को कंपेयर करके देख सकते हैं. और उसके Quater रिजल्ट को कंपेयर करके देख सकते हैं।
4. Debt ( कर्ज ) - अब आपने प्रॉफिट देख लिया है। तो आपको यह भी देखना है की कम्पनी पर कर्ज कितना हैं। यह नहीं की कम्पनी 10 हजार करोड़ की हैं। और उस पर कर्ज 20 हजार करोड़ का हैं।
5. ROE- Return on Equity आपको में सिंपली बताऊं तो यदि किसी कम्पनी का ROE 15 से ज्यादा है. तो वह अच्छा माना जाता हैं।
7. Free Cash Flow- यानी कम्पनी के पास एक्स्ट्रा कैश कितना हैं जिसे कम्पनी अपने को ग्रो करने में लगा सकती हैं. और डिविडेंड पे कर सकती हैं। और भी अन्य कार्य कर सकती हैं।
8. Promoter होल्डिंग- प्रमोटर वो होते हैं. जिन्होंने कंपनी को बनाया है. मेरे अनुसार आपको उन कंपनियों को अनदेखा करना चाहिए, जिनकी प्रमोटर होल्डिंग 45 % से कम है।
9. PE Ratio - यह जितना कम होता हैं उतना अच्छा माना जाता हैं। यह एक ही सेक्टर की 2 कंपनियों की तुलना करने के लिए इस्तेमाल होता हैं। और यह नेगेटिव नही होना चाहिए ना ही बहुत कम होना चाहिए।
10. News - न्यूज भी शेयर की प्राइस ऊपर बढ़ाने और नीचे गिराने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. यदि न्यूज़ अच्छी है. तो शेयर की प्राइस ऊपर चली जाती है. दी न्यूज बुरी है. तो शेयर की प्राइस नीचे आ जाती है,
Investment Tips: पैसा इन्वेस्ट करने से पहले इन बातों का जरूर रखें ध्यान, नहीं तो होगा बहुत नुकसान
Investment Tips / आज के समय में पैसा इन्वेस्ट करना बहुत जरूरी हो गया है, क्योंकि इससे आप अपने वर्तमान और भविष्य को उज्जवल बना सकते हैं। निवेश करने से पहले आपको इन महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना होगा। आज की स्टोरी में आपको बताएंगे कि आपको पैसा इन्वेस्ट करने से पहले किन बातों का ध्यान रखना होगा।
Investment Tips: इन्वेस्ट (Investment) यानी निवेश, एक ऐसा माध्यम है, जिससे लोग अपने और अपने परिवार के सदस्यों के भविष्य को सिक्योर करने के लिए करते हैं। आज की लाइफस्टाइल में निवेश करना आम होगा गया है। वैसे तो निवेश करना बेहद जरूरी है, क्योंकि जमा हुआ पैसा आगे चलकर आपको बहुत लाभ पहुंचा सकता है। इससे लोगों को मोटा रिटर्न भी मिलेगा। यदि आप भी अपनी मेहनत की कमाई का कुछ हिस्सा निवेश नहीं करते हैं, तो यह आपके लिए घातक साबित हो सकता है। आप अपने पैसे को किसी भी मैच्यूअल फंड, बैंक एफडी, बीमा और सोना खरीदना आदि जैसी जगहों पर निवेश कर सकते हैं। इससे आपको ही लाभ होगा।
कई बार ऐसा होता है कि आप जल्दबाजी में ऐसी जगह निवेश कर बैठते हैं, जिससे आपके सारे पैसे डूब जाते हैं। निवेश का पहला नियम है कि सारी चीज़े सोच-समझकर आपको अपना सारा पैसा निवेश करना चाहिए, साथ ही जिस जगह इन्वेस्ट कर रहे हैं, उसका भी ज्ञान होना जरूरी है। हम आपको ऐसी जानकारी देने जा रहे हैं, जो कि निवेश (Investment) के समय आपके बहुत काम आएगी। इस स्टोरी में हम आपको निवेश करने से पहले कुछ बाते बताने जा रहे हैं, जिनका आपको ध्यान रखना होगा। आइए जानते हैं इन्वेस्टमेंट टिप्स (Investment Tips) के बारे में.
निवेश करने से पहले इन बातों को ध्यान में रखना होगा :-
सारा पैसा एक जगह ना करें निवेश
अगर आप भी अपने पैसे को निवेश करने का विचार कर रहे हैं, तो भूलकर भी अपने पैसे को एक जगह निवेश ना करें। आप अपनी इन्वेस्टमेंट अलग-अलग जगह कर सकते हैं। इससे आपका निवेश भी सुरक्षित रहेगा और आपको नुकसान भी कम होगा। इसके लिए आप गोल्ड, म्युचुअल फंड, पीपीएस, एफडी और शेयर बाजार में लगा सकते हैं। इन सब जगहों से आपको अच्छा खासा रिटर्न मिल सकता है।
निवेश की चीज़ों पर नजर बनाए रखे, डबल होगा लाभ
यदि आपने निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान पीपीएस, बीमा, शेयर मार्केट और फंड जैसी जगहों पर पैसा निवेश किया है, तो आपको उन सभी क्षेत्रों पर अपनी पैनी नजर बनाए रखनी होगी। क्योंकि कई बार ऐसा होता कि हम किसी कारणवश निवेश की गई जगहों पर ध्यान नहीं दे पाते हैं, इस दौरान ही हमारे हाथ से मुनाफा निकल जाता है। साथ ही नजर बनाए रखने से आप लाभ के अवसर को लपक सकते हैं।
उदाहारण के तौर पर अगर आपने शेयर बाजार में निवेश किया है, तो आपको उसपर प्रतिदिन नजर रखनी होगी। यदि आपके शेयर की कीमत बढ़ जाती है, तो आप इसको बेचकर भी लाभ कमा सकते हैं। वही दूसरी तरफ कम कीमत होने पर आप शेयर को खरीद सकते हैं।
निवेश से पहले करें जांच
आपको हमेशा ध्यान में रखना होगा कि निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान जिस जगह आप पैसा निवेश करना चाहते हैं, तो पहले उस क्षेत्र की हमेशा जांच पड़ताल करें। हम आपको उदाहरण के तौर पर समझाते हैं :-
अगर आप किसी प्रापर्टी में निवेश करना चाहते हैं, तो इससे पहले एक बार उस जगह की जांच जरूर कर लें। यदि प्रापर्टी विवादित है, तो इससे आपको बहुत नुकसान हो सकता है। सबसे पहले आपको प्रापर्टी की रजिस्ट्री के वक्त असली डॉक्यूमेंट्स के साथ जांच करें।कई बार ऐसा होता कि एक ही प्रापर्टी के कई सारे मालिक निकल आते हैं। साथ ही उस जगह पर भी ध्यान देना चाहिए, जहां आप प्रापर्टी खरीदना चाह रहे हैं। इससे पता लग जाएगा कि वहां कितना रिटर्न मिल सकता है।
निवेश से पहले जरूर बनाए प्लान
इन्वेस्टमेंट से पहले अपने पैसे को किस तरह से निवेश करना है, इसका प्लान बनाना बहुत जरूरी है। इसके बाद ही आप समझ सकेंगे कि कैसे आप निवेश कर सकते है। प्लान के जरिए ही आप कम समय में उपलब्ध संसाधनों का लाभ उठा सकेंगे। जैसा कि हम अपने जीवन के लिए प्लान बनाते हैं, इस ही तरह आप निवेश के लिए प्लान तैयार कर सकते हैं। अपने पैसे के लिए आप फाइनेंशियल प्लानिंग कर सकते हैं।
विशेषज्ञ से जरूर ले राय
किसी भी जगह इन्वेस्ट करने से पहले आपको उस क्षेत्र के विशेषज्ञ से सलाह जरूर लेनी चाहिए, क्योंकि इससे आप उस जगह को अच्छे से जान सकेंगे। आप गूगल के प्लेटफॉर्म के माध्यम से किसी भी क्षेत्र के विशेषज्ञ की खोज कर सकते हैं। आप इन विशेषज्ञों से निवेश से जुड़े हर तरह के सवाल कर सकते हैं।
इस गलती से बचें
निवेश करना बहुत जरूरी है, क्योंकि इससे आपक जीवन जुड़ा है। इसके लिए आपको सबसे पहले निवेश में मिलने वाले जोखिम की सीमा को तय करना होगा। साथ ही इन्वेस्ट करने से पहले यह देखना होगा कि आप कितनी रकम पर रिस्क उठा सकते हैं। इसके साथ ही आपको निवेश के फैसले को अपने वित्तीय लक्ष्य दोनों को ही साथ में लेकर चलना होगा।
बता दें कि अगर आप निवेश करने से पहले इन बातों का जरूर ध्यान रखें। इसके साथ ही आप इस लिंक पर जाकर भी निवेश से पहले महत्वपूर्ण बातों को विस्तार में जान सकते हैं।
आईपीओ : इन बातों का रखें ध्यान
डॉट कॉम बबल के समय निवेशक किसी भी आईपीओ में पैसा लगा कई गुना कर सकते थे. तब से अब तक आईपीओ का आकर्षण काफी कम हो गया है. पर आज भी सही मूल्यांकन कर अगर आईपीओ में निवेश किया जाए तो यह फ़ायदे का सौदा हो सकता है. अगर आपने मन बना लिया है तो आईपीओ के दौरान इन बातों का ध्यान रखें:
1. निष्पक्ष मूल्यांकन मिलना कठिन है
प्राइवेट कंपनियों से जुडी सूचनाएं मिलना आसान नहीं होता. पब्लिक कंपनियों को तो कई एनालिस्ट खंगालते रहते हैं, पर नई कंपनियों को अपना लेखा-जोखा सार्वजानिक नहीं करना पड़ता. यों तो प्रॉस्पेक्टस में सभी सूचनाएं होती हैं, पर यह ध्यान रखना चाहिए कि उसे कंपनी ने खुद ही लिखा होता है - किसी निष्पक्ष संस्था ने नहीं.
आप इन्टरनेट की मदद से कंपनी और उनके प्रतिद्वंद्वियों के बारे में पता लगा सकते हैं. पता लगाएँ कि पिछली पूँजी कहाँ से लाई गई थी. उनकी पुरानी प्रेस विज्ञप्तियां जांचें और उनके सेक्टर की संभावनाओं को भी जांचें. आप कंपनी के बारे में जितना अधिक जान पाएं, उतना बेहतर. यह भी हो सकता है कि आपको कुछ ऐसी जानकारी मिले कि कंपनी में फिलहाल निवेश न करना ही श्रेयस्कर लगे.
2. वही आईपीओ चुनें जिसे स्थापित अंडरराइटर लाए हों
ऐसा नहीं है कि स्थापित अंडरराइटर कभी बुरी डील लेकर न आते हों, पर आमतौर पर अच्छे इन्वेस्टमेंट बैंक अच्छी कंपनियों के साथ ही काम करते हैं. अगर आप किसी ऐसे आईपीओ में निवेश करना चाह रहे हैं जिसे कोई छोटे अंडरराइटर पेश कर रहे हैं, तो आपको अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए, क्योंकि कंपनी चुनने के उनके मापदंड ज्यादा कठोर नहीं होते. आप ही सोचिए- गोल्डमैन साक्स तो क्लाइंट ठुकरा सकती है पर छोटे-मोटे अंडरराइटर को पैसे कमाने के इतने मौके कहाँ मिलेंगे?
3. प्रॉस्पेक्टस ज़रूर पढ़ें
पहले हम कह चुके हैं कि प्रॉस्पेक्टस पर आँख मूँद कर भरोसा नहीं किया जा सकता. फिर भी उसे ध्यान से पढ़ना ज़रूरी है. यह काम काफी उबाऊ लग सकता है, पर कंपनी क्या जोखिम उठा रही है और किन अवसरों पर निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान अपने प्रयास केन्द्रित कर रही है, यह यहीं से जाना जा सकता है. आईपीओ से जुटाई राशि का उपयोग कहाँ होगा, यह भी प्रॉस्पेक्टस में लिखा होता है.
उदाहरण के लिए अगर सारी ही राशि ऋण उतारने में लगाईं जा रही है - तो आपको सावधान हो जाना चाहिए. जिस कंपनी को ऋण चुकाने के लिए बाज़ार से पैसा लेना पड़ रहा है, वह भला आपके पैसे कैसे चुकाएगी? अनुसन्धान, नए क्षेत्रों में प्रवेश अथवा नए उपकरणों पर पूँजी का उपयोग बेहतर कहा जा सकता है. साथ ही, आय के अनुमानों को भी करीब से जांचें. अगर ये अविश्वसनीय हों, तो ऐसे आईपीओ से सावधान रहें.
4. सावधानी बरतें
आईपीओ से जुडी हर चीज़ को संदेह से देखें. हम पहले भी कह चुके हैं कि आईपीओ से जुडी बहुत कम सूचनाएं निष्पक्ष होती हैं - ऐसे में आपको हर सूचना को थोड़े संदेह के साथ ही देखना चाहिए. अगर आपको अंडरराइटर कह रहा है कि शेयर खरीदें, तो अधिक सतर्कता बरतिए! कोई भी अंडरराइटर वैयक्तिक निवेशक को आईपीओ नहीं बेचता - अगर ऐसा हो रहा है तो शायद संस्थागत निवेशकों ने इस आईपीओ में रूचि नहीं दिखाई है और अब आपको ये बेकार शेयर बेचे जा रहे हैं.
यहाँ हम बता दें कि अगर आईपीओ किसी अच्छी कंपनी का होगा तो मुमकिन है कि आपको एक लॉट से अधिक शेयर न मिले. इसलिए ओवरसब्सक्राइब होने वाले आईपीओ में एक से अधिक आवेदन दें - अलग अलग अकाउंट से.
5. लॉक-अप अवधि तक रुक जाएं?
आईपीओ में निवेश से पहले यह सोचें कि अभी निवेश करने के बजाय लॉक-अप अवधि के अंत होने पर जब शेयर की दरों में गिरावट आएगी, तब क्यों न शेयर खरीदें जाएं. अगर आप लंबी अवधि के निवेश में विश्वास रखते हैं, तो यह रणनीति अच्छी हो सकती है - और उस समय तक कंपनी के बारे में अधिक सूचना भी आपको मिल जाएगी. हाँ, अगर आप केवल “लिस्टिंग गेन्स” के लिए आईपीओ में निवेश करना चाहते हों, तो बात और है. पर इस बारे में विचार अवश्य करें.
इसलिए खास है अक्षय तृतीया, सोने में निवेश से पहले रखें इन बातों का ध्यान
मल्टीमीडिया डेस्क। वैशाख माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीया मनाई जाती है। इस साल 28 अप्रैल को अक्षय तृतीया है। मान्यताओं के अनुसार भारतीय काल गणना के सिद्धांत से अक्षय तृतीया के दिन त्रेता युग की शुरुआत हुई। इसीलिए इस तिथि को सर्वसिद्ध तिथि के रूप में मान्यता मिली है।
शास्त्रों के अनुसार, अक्षय तृतीया पर्व के दिन स्नान, होम, जप, दान आदि का अनंत फल मिलता है। इसलिए भारतीय संस्कृति में इसका बड़ा महत्व है। उज्जैन की ज्योतिषविद रश्मि शर्मा ने बताया कि अक्षय तृतीया के दिन ही पीतांबरा, नर-नारायण, हयग्रीव और परशुराम के अवतार हुए हैं, इसीलिए इस दिन इनकी जयंती मनाई जाती है। इस दिन सोना खरीदने की परंपरा है, मान्यता है कि इससे घर में समृद्धि आती है।
अक्षय फल देती है अक्षय तृतीया
अक्षय यानी, जिसका कभी क्षय न हो या जो कभी नष्ट न हो। कहा जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन किए जाने वाले शुभ कार्यों का अक्षय फल मिलता है। वैसे तो सभी बारह महीनों की शुक्ल पक्षीय तृतीया शुभ होती है, किंतु वैशाख माह की तिथि स्वयंसिद्ध मुहूर्तो में मानी गई है। अक्षय तृतीया के दिन दान जरूर करना चाहिए। यदि आप आर्थिक रूप से संपन्न नहीं हैं, तो भी अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान करें। मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन दान करने से दान करने वाले व्यक्ति का आने वाला समय अच्छा होता है और उसे दुख दूर होते हैं।
सोने में होगा निवेश
स्वर्ण उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि सोने की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजारों में हुई बढ़त की तुलना में नहीं बढ़ी हैं। ऐसे में लोगों को सोने में निवेश करने का यह बेहतर मौका दिख रहा है। माना जा रहा है कि अक्षय तृतीया पर्व पर सोने की बिक्री में 30 फीसद तक की वृद्धि होगी।
इन बातों का रखें ध्यान
सोना खरीदने से पहले कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए जैसे कि सोने की शुद्धता, वजन तथा हॉलमार्क। भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा दिया जाने वाला हॉलमार्क इस बात की गारंटी है कि ज्वैलरी शुद्ध है। हॉलमार्क के साथ तीन अंकों की एक संख्या छपी होती है, जिससे आसानी से पता चलता है कि सोना अथवा चांदी कितनी शुद्ध है। उदारहण के लिए ज्वैलरी पर यदि 999 लिखा है, तो सोना 99.9 फीसदी शुद्ध है।
डिस्काउंट देख लें
त्योहारों के दौरान ग्राहकों को लुभाने के लिए कई तरह के डिस्काउंट ऑफर ज्वैलर्स देते हैं। इसलिए सोना या चांदी खरीदने से पहले इन डिस्काउंट के बारे में जान लें। उदाहरण के लिए तनिष्क 20 फीसद डिस्काउंट का ऑफर दे रही है। वहीं, पीसी ज्वैलर्स हर खरीद पर सोने का सिक्का देने की पेशकश कर रहा है। इस तरह के कई ऑफर्स चल रहे होंने, जिनके बारे में पहले से जानकारी ले लेंगे, तो फायदे में रहेंगे।
कीमतों की तुलना करें
हर दुकान में सोने के आभूषण अलग दामों में मिलते हैं। ऐसे में सोना खरीदने से पहले मौजूदा बाजार में एक सर्वे कर लें। यह देख लें कि कहां कितना मेकिंग चार्ज लिया जा रहा है और कितना डिस्काउंट मिल रहा है।
क्या खरीदें और क्या नहीं
सोने को हमेशा से ही बेहतर निवेश माना जाता है। मगर, पहले यह जरूरी है कि आप तय कर लें कि आप सोना क्यों खरीदना चाहते हैं। यदि आप निवेश के लिहाज से सोना खरीदना चाहते हैं, तो ज्वैलरी लेने की बजाय सोने के सिक्के या बिस्किट लें। गहने खरीदने पर उस पर आपको मेकिंग चार्ज देना होगा, जिसे लौटाने पर आपको पूरे पैसे नहीं मिलेंगे।
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