ULIP में निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान, टैक्स बचत के लिए आंख बंद कर ना करें निवेश – Navbharat Times
Ujjawal Duniya, is a leading Hindi newspaper published from Ranchi in Jharkhand. The nature of this Daily newspaper is fair for all cast and community.
What we can say that our sincere, determined team of journalists has changed the lifestyle of many people, suffering from various social and political injustices. In fact, we have started this Daily news paper in view to create awareness among people, who are less informed about the happening going around them in today’s life.
ताकि निवेश में न हो नुकसान, SIP लेने से पहले जरूर ध्यान रखें ये 5 बातें
Tips for Mutual fund SIP investment: म्यूचुअल फंड, एसआईपी बचत के पैसे निवेश करके फायदा कमाने का एक चर्चित तरीका रहा है। हालांकि यहां निवेश करने से पहले कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखने की जरूरत है।
नई दिल्ली: पैसा कमाने के लिए अक्सर लोगों को बचत खाते या एफडी में अपने बचत के पैसे रखने की जरूरत महसूस होती है। इसके लिए निवेश की जरूरत होती है जिसमें फायदा तो ज्यादा होता है लेकिन एफडी और बचत खाते की अपेक्षा खतरा भी ज्यादा होता है। जोखिम लेने के लिए तैयार निवेशकों के लिए म्यूचुअल फंड एसआईपी एक अच्छा विकल्प हो निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान सकता है। लेकिन इसके लिए सही योजना की भी जरूरत होती है।
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान, जिसे आमतौर पर एसआईपी के तौर पर जाना जाता है। इसमें आपको नियमित रूप से अपनी पसंदीदा म्यूचुअल फंड योजना में एक निश्चित धनराशि का निवेश करना होता है। यह नियमित अंतराल पर पहले से तय की गई राशि का निवेश करने का एक नियोजित तरीका है। निवेश की राशि 500 रुपए भी हो सकती है। एसआईपी में निवेश से आपको समय पर बेहतर रिटर्न बनाने में मदद मिल सकती है। लेकिन एसआईपी लेने से पहले कुछ बातों को ध्यान रखना जरूरी है।
यहां जानिए उन पहलुओं के बारे में, जिन्हें आपको SIP चुनते समय ध्यान में रखना होगा:
1. ठोस निवेश का इरादा रखें: लोगों की सबसे बड़ी गलतियों में से एक है कि टैक्स बचाने के लिए या बाजारों में कुछ अतिरिक्त नगदी रखने के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश करना। हालांकि, म्यूचुअल फंड टैक्स बचाने में आपकी मदद करने की तुलना में ज्यादा फायदा पहुंचा सकते हैं। एक उचित निवेश रणनीति के साथ, SIP आपके वित्तीय लक्ष्यों (अल्पावधि या दीर्घकालिक) को प्राप्त करने में आपकी सहायता कर सकता है। इसलिए, इससे पहले कि आप एसआईपी में निवेश करें, एक ठोस वित्तीय योजना बनाएं।
पहले अच्छी तरह समझ लें आप क्या निवेश कर रहे हैं और क्या आप लंबे समय के लिए निवेश कर रहे हैं या थोड़े समय के लिए? इसके अलावा, एसआईपी शुरू करने से पहले जोखिम लेने की अपनी क्षमता को भी परख लें।
2. फंड का निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान चयन: सही एसआईपी योजनाओं का चयन करने के लिए, आपको यह समझने के लिए विभिन्न प्रकार के म्यूचुअल फंडों को जानना होगा कि आपके लिए क्या उपयुक्त है। उदाहरण के लिए: यदि आप जोखिम से डर रहे हैं और रिटर्न की गारंटी चाहते हैं तो डेट फंड आपके लिए सही विकल्प होगा। आप इंटरनेट पर अलग अलग तरह के फंड के बारे में जानकारी पा सकते हैं।
3. फंड प्रदर्शन की समीक्षा: निवेश के लिए सबसे अच्छा एसआईपी चुनने से पहले, फंडों के रिटर्न के पुराना परफॉरमेंस देखना बेहद जरूरी निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान है। पिछले कुछ महीनों के प्रदर्शन को देखते हुए फंड की गुणवत्ता जानना पर्याप्त नहीं है। पिछले 5 से 10 सालों के रुझानों को देखने और फंडों में तुलना करने के लिए यह समझने की सलाह दी जाती है कि आप बाजार की अस्थिरता का सामना कर सकते हैं या नहीं, साथ ही यह समझ लें कि क्या यह आपकी आवश्यकताओं के अनुरूप है।
4. फंड हाउस चुनें: बहुत सारे लोग यह भूल जाते हैं कि फंड हाउस चुनना उतना ही जरूरी है जितना फंड चुनना। एसआईपी शुरू करने से पहले, आपको अपने फंड हाउस द्वारा दी जाने वाली योजनाओं को जानना होगा। आप अलग-अलग विवरण जैसे निवेश का नजरिया, प्रस्तावित योजनाओं की संख्या और बहुत कुछ देख सकते हैं। फंड हाउस द्वारा किए गए निर्णय आपको ज्यादा रिटर्न देने में मदद कर सकते हैं। दूसरी तरफ, फंड हाउस का एक गलत फैसला भारी वित्तीय नुकसान दे सकता है और संभावित रूप से आपके सभी निवेश खो सकते हैं।
5. व्यय का अनुपात (एक्सपेंस रेशियो): किसी फंड के व्यय अनुपात को जानना महत्वपूर्ण है क्योंकि उच्च एक्सपेंस रेशियो वाले फंड लंबे समय में आपके फंड के प्रदर्शन को नीचे गिरा सकते हैं। इससे पहले कि आप अपना पैसा किसी फंड में डालें, याद रखें कि कम खर्च अनुपात वाले फंड एक बेहतर विकल्प हैं क्योंकि, लंबे समय में, एक छोटा प्रतिशत अंतर भी ज्यादा लाभ दे सकता है।
किस तरह की प्रॉपर्टी में निवेश करना होता है फायदेमंद? जानें
What Type of Property is Best for Investment: रोजाना की जरूरतें पूरी करने के साथ-साथ लोग निवेश करना भी पसंद करते हैं। हालांकि निवेश करने से पहले हमारे मन में तरह-तरह के सवाल आते हैं। खासतौर पर किसी प्रॉपर्टी को खरीदने से पहले हम यह सोचते हैं कि इसमें निवेश करना फायदेमंद होगा भी या नहीं?
इसी को देखते हुए हमने बात की Kirtan A Shah से जो एक फाइनेंशियल प्लानर और Credence Wealth Advisors LLP कंपनी के फाउंडर हैं। उन्होंने साझा किया की आखिर किस तरह की प्रॉपर्टी में निवेश करना आज के समय में फायदेमंद हो सकता है।
पहले जान लेते हैं प्रॉपर्टी के प्रकार
आमतौर पर प्रॉपर्टी को 4 प्रकार में बांटा जाता है। इसमें रेसिडेंटल, कमर्शियल, लैंड और इंडस्ट्री शामिल हैं। रेसिंडेटर प्रोपर्टी को आप घर आदि के रुप में समझ सकते हैं। वहीं ऑफिस और रेस्तरां आदि कमर्शियल प्रॉपर्टी के अंदर आते हैं। लैंड को आप खेत और इंडस्टरी को फैक्टरी के उदाहरण से समझ सकते हैं।
कैसी प्रॉपर्टी में करें निवेश
फाइनेंशियल प्लानर Kirtan A Shah बताते हैं, "रेसिंडेंटर प्रॉपर्टी में निवेश करना एक फायदे का सौदा नहीं है क्योंकि किराए का प्रतिशत सिर्फ 2 से 2.5 प्रतिशत होता है। अगर आप 2 करोड़ का घर खरीद रहे हैं तो सिर्फ 20 हजार तक का किराया मिलेगा जो काफी कम है।"
वह आगे कहते हैं, "रेसिडेंटल प्रॉपर्टी कि बजाए कमर्शियल प्रॉपर्टी में निवेश करने पर आपको 7 प्रतिशत के आसपास का किराया मिलता है जो एक ज्यादा फायदेमंद सौदा है।"
बजट और अन्य कारकों के मुताबिक लें फैसला
प्रॉपर्टी खरीदते वक्त बजट एक बहुत बड़ा फैक्टर होता है। आप जब भी निवेश करें बजट के मुताबिक ही अपना निर्णय लें। इसके साथ-साथ कुछ और कारण भी हैं। जैसे आप क्या करते हैं। एक किसान जो खेती करता है उसके लिए शायद रेसिंडेंटल और कमर्शियल से ज्यादा लैंड प्रॉपर्टी खरीदना खरीदना फायदेमंद हो।
अगर आप भी प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो इन बातों को ध्यान में जरूर रखें। साथ ही अगर आपने इसके अलावा कुछ और जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल के कमेंट सेक्शन में सवाल जरूर करें।
अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
किसे कहते निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान हैं आईपीओ, कैसे होता है निवेश, किन बातों का रखें का ध्यान, जानिए यहां
आईपीओ से पहले, एक कंपनी सीमित शेयरधारकों के साथ निजी तौर पर कारोबार करती है। हालांकि, IPO के बाद, शेयरों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है क्योंकि आप और मेरे जैसे लोग और अन्य इंस्टीट्यूशनल इंवेस्टर्स कंपनी के शेयर खरीदते हैं। इस प्रारंभिक पेशकश के साथ, कंपनी स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्टेड हो जाती है, जिससे शेयरों की खरीद और बिक्री में सुविधा होती है।
कोविड -19 महामारी के प्रभाव के बावजूद, ऐसा लगता है कि देश में इस साल रिकॉर्ड संख्या में आईपीओ आएंगे। (Photo By Financial Express Archive)
इस मानसून भारत में आईपीओ की बारिश हो रही है। पिछले सात महीनों में 40 आईपीओ पहले ही आ निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान चुके हैं। वहीं कई आईपीओ कतार में लगे हुए हैं। जबकि पूरे 2020 में 33 और 2019 में 49 आईपीओ आए थे। कोविड -19 महामारी के प्रभाव के बावजूद, ऐसा लगता है कि देश में इस साल रिकॉर्ड संख्या में आईपीओ आएंगे। जिससे निवेशकों को भी कमाई करने का भरपूर मौका मिलेगा। पहले यह समझना काफी जरूरी है कि आखिर आईपीओ है क्या और यह काम कैसे करता है। साथ ही निवेशकों को आईपीओ में निवेश करने से पहले किन बातों का ध्यान रखना काफी जरूरी है।
आईपीओ क्या है?
आईपीओ यानी इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग का मतलब है कि कि किसी कंपनी के शेयरों को पहली बार जनता के सामने बिक्री के लिए जनता के सामने लाना। आईपीओ से पहले, एक कंपनी सीमित शेयरधारकों के साथ निजी तौर पर कारोबार करती है। हालांकि, IPO के बाद, शेयरों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है क्योंकि आप और मेरे जैसे लोग और अन्य इंस्टीट्यूशनल इंवेस्टर्स कंपनी के शेयर खरीदते हैं। इस प्रारंभिक पेशकश के साथ, कंपनी स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्टेड हो जाती है, जिससे शेयरों की खरीद और बिक्री में सुविधा होती है। आईपीओ कंपनी निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान के मालिकों और शुरुआती निवेशकों को बिक्री के प्रस्ताव के माध्यम से बाहर निकलने का ऑप्शन भी देती है। उन्हें नए व्यवसाय में शुरुआती जोखिम लेने के लिए कंपनसेट करती है।
कैसे निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान किया जाता है आईपीओ के लिए आवेदन
खुदरा निवेशक यानी रिटेल इंवेस्टर के रूप में, आप आईपीओ के लिए या तो अपने बैंक के माध्यम से या ब्रोकर के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं, जो आपके लिए आईपीओ आवेदन प्रक्रिया को आसान बनाएगा। आवेदन राशि एकत्र करने के लिए, बैंकों के पास ब्लॉक्ड अमाउंट सुविधा द्वारा सपोर्टिड एक आवेदन है। कुछ ब्रोकर यूपीआई के माध्यम से आईपीओ इंवेस्टमेंट की सुविधा प्रदान करते हैं। दोनों ही मामलों में, आवेदन राशि को तब तक ब्लॉक करके रखा जाता है जब तक कि शेयर आवंटन को अंतिम रूप नहीं दिया जाता है और अगर आवेदन खारिज हो जाता है तो बैंक की ओर से उस राशि को वापस कर दिया जाता है। आवेदन के समय, पेश किए गए शेयरों को या तो कम या अधिक सब्सक्राइब किया जा सकता है। जब ओवरसब्सक्राइब किया जाता है, तो शेयरों के आवंटन की गारंटी नहीं होती है, और आवंटन नहीं होने की स्थिति में, आवेदन राशि वापस कर दी जाती है या ब्लॉक्ड अमाउंट जारी कर दिया जाता है।
Himachal Pradesh Assembly Elections 2022 Exit Poll: एग्जिट पोल नतीजों की अंदरूनी खबर से टेंशन में बीजेपी!
नितिन गडकरी की तबीयत अचानक बिगड़ी: देखें- लो ब्लड शुगर के लक्षण और डॉक्टर से जानें Low Blood Sugar होने पर फौरन क्या करें
Ravindra Jadeja: पति के मुकाबले चुटकी भर है रिवाबा जडेजा की संपत्ति, लग्जरी गाड़ियों से आलीशान बंगलों तक के मालिक हैं रविंद्र जडेजा
आईपीओ इंवेस्टमेंट में क्या जोखिम है?
मुख्य रूप से व्यापार और अत्यधिक शेयर बाजार गतिविधि पर COVID-19 महामारी के प्रभाव के कारण कई कंपनियों ने 2020 के अंत से आईपीओ का ऑप्शन चुना। विश्लेषकों के अनुसार शेयर बाजारों में देखे गए असामान्य प्रदर्शन और हाई नेटवर्थ वाले लोगों के साथ पहली बार निवेशकों की ज्यादा भागीदारी की वजह से कंपनियां सार्वजनिक हो रही हैं। सोशल मीडिया प्रचार आपको लिस्टिंग लाभ की ओर आकर्षित कर सकता है। निवेशकों को लिस्टिंग के दिन शेयरों को बेचकर त्वरित लाभ की उम्मीद है क्योंकि शेयरों को इश्यू प्राइस की तुलना में बहुत अधिक कीमत निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान पर लिस्टिड हो जाती है। लगभग 60 प्रतिशत निवेशक लिस्टिंग प्रोफिट के लिए आईपीओ में भाग लेते हैं, और केवल कुछ ही अवधि के लिए रुकते हैं।
यह देखा गया है कि पिछले दशक में अधिकांश आईपीओ (लगभग 70 प्रतिशत) ने या तो लिस्टिंग लाभ या वर्तमान लाभ, या दोनों नहीं दिए। इससे पता चलता है कि निवेशकों को अवसरवादी अल्पकालिक निवेश को त्यागकर ओवर हाइप प्रोफिट से निकलकर आगे की ओर बढ़ना चाहिए। आईपीओ में निवेश करने का निर्णय लेने से पहले आपको कंपनी का करना भी काफी जरूरी है।
आपको आईपीओ का विश्लेषण कैसे करना चाहिए?
एक लिस्टेड कंपनी के हिस्टोरिकल डाटा के साथ विश्लेषण करना काफी चुनौतीपूर्ण है, और जब एक निजी कंपनी के सार्वजनिक होने की बात आती है तो यह और भी अधिक समस्या वाली बात हो जाती है। ऐसी कंपनियों के बारे में डाटा का एकमात्र सोर्स उनका रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (आरएचपी) है। यह वो डॉक्युमेंट होता है जिससे पता चलता है कंपनी किस तरह के अवसर हैं और किस तरह के जोखिम हो सकते हैं। इस डॉक्युमेंट में प्रमोटर्स के नाम, वे कितनी राशि जुटाना चाहते हैं, ताजा निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान इश्यू का विवरण और बिक्री की पेशकश सभी जानकारी होती है।
एक निवेशक के रूप में, आपको ऑफ़र के उद्देश्यों को देखना चाहिए, यह धन के उपयोग को बताता है। ये ऑर्गैनिक ग्रोथ के लिए हो सकते हैं, जो आम तौर पर एक अच्छी बात है, या ऋण को कम करने के लिए, या एक सिंपल एग्जिट अपॉर्च्यूनिटीज के लिए हो सकता है। फिर, कंपनी के व्यवसाय मॉडल और बैकग्राउंड, इंडस्ट्री पैरामीटर (बाजार का आकार, संभावित विकास, नियामक जोखिम), और पिछले तीन वर्षों के लिए उपलब्ध फाइनेंस का मूल्यांकन करें। इसके अतिरिक्त, आप कंपनी के मुकदमों, कैपिटल स्ट्रक्चर और वैल्यूएशन को भी देख सकते हैं।
कुल मिलाकर, आपको अपने निवेश के उद्देश्यों और वित्तीय लक्ष्यों को देखते हुए सावधानीपूर्वक आंकलन करना चाहिए कि कंपनी की प्रोफाइल आपके पोर्टफोलियो में फिट बैठती है या नहीं। निवेश करने से पहले हमेशा अपना रिसर्च करें और सोशल मीडिया के झांसे में न आएं।
पढें Personal Finance (Personalfinance News) खबरें, ताजा हिंदी समाचार (Latest Hindi News)के लिए डाउनलोड करें Hindi News App.
पैसा इन्वेस्ट करने से पहले इन 5 बातों पर जरूर दें ध्यान.
आज के दौर में अपने मेहनत की कमाई को निवेश करना एक लाइफ स्टाइल सा हो गया है। होना भी चाहिए क्योंकि पैसा निवेश करना बहुत जरूरी हैं। इससे हम अपना वर्तमान और भविष्य दोनों ही मजबूत होते हैं, क्योंकि निवेश पर मिलने वाले रिटर्न से बहुत ज्यादा फायदा होता है। यहां पैसा निवेश करने से काफी अच्छा रिटर्न मिलता हैं। ऐसे में अगर आप इन्वेस्ट करने जा रहे हैं या फिर इन्वेस्ट कर चुके हैं तो आपको इन 5 टिप्स पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। इससे न सिर्फ आपको अच्छा रिटर्न मिलता है बल्िक आपका पैसा भी सेफ जोन में रहता है.
अलग अलग जगहों पर करें इन्वेस्ट:
आप इन्वेस्ट में सारे अंडे एक ही बकेट में रखने वाली कहावत का विशेष ध्यान रखें, यानी कि अपना सारा पैसा एक ही जगह पर इन्वेस्ट करने की बजाय अलग अलग जगह पर उसका निवेश करें। जी हां अगर आपके पास अच्छी सोर्स आफ इनकम है या फिर आपके पास काफी पैसा है तो आप उसे कई अलग अलग तरीके से इन्वेस्ट कर सकते हैं। ऐसे में पैसे काफी सुरक्षित रहते हैं। जैसे आप अपना पैसा गोल्ड में, रियलस्टेट अथवा प्रापर्टी, एफडी, म्यूचुअल फंड, आरडी, पीपीएफ व शेयर मार्केट आदि में इन्वेस्ट कर सकते हैं। इन सब जगहों पर इन्वेस्ट करने से अपका पैसा काफी हद तक सेफ रहेगा।
निवेश करते समय टैक्स पर ध्यान रखें:
अपने पैसे को इन्वेस्ट करते समय यह ध्यान में जरूर रखें कि आप जहां पर पैसा इन्वेस्ट करने जा रहे हैं वहां पर आपकों टैक्स बेनिफिट कैसा है, यानी कि आपकों कहां और कितना टैक्स लाभ मिलेगा। हर निवेश क्षेत्र के अलग अलग टैक्स आधार हैं। जैसे सालभर में 30 लाख रुपये से ज्यादा सोने में निवेश पर वेल्थ टैक्स लागू होता है। वहीं गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड बीज़ में निवेश फायदेमंद इसलिए होता है क्योकि इसमें में वेल्थ टैक्स नहीं लगता है। निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान वहीं एफडी में पांच साल तक निवेश करने पर ही इनकम टैक्स में छूट मिलती है।ऐसे मे साफ है कि आप जिस फील्ड में निवेश करने जा रहे हैं उसके टैक्स आदि के बारे में ध्यान जरूर दें।
अच्छी तरह से जांच करके ही करें निवेश:
निवेश करने से पहले इस बात पर ध्यान जरूर दे कि आप जिस क्षेत्र में निवेश करने जा रहे हैं वह आपके लिए सेफ है या नहीं।
1-जैसे अगर आप रियल स्टेट या प्रापर्टी में निवेश करते हैं तो आप यह पता जरूर कर ले कि उक्त्ा प्रापर्टी विवादित तो नही है। इसके साथ ही प्रापर्टी का रजिस्ट्री आदि समय पर ओरिजनल दस्तावेजों के साथ करा लें। अक्सर ऐसे मामले सामने आते हैं कि एक ही प्रापर्टी के कई सारे लोग मालिक बन जाते हैं। इतना ही नहीं निवेश में यह भी देख लें कि आप प्रापर्टी किस जगह की ले रहे हैं और वहां से आपकों कितना रिटर्न मिल सकता है।
2- इसके अलावा अगर गोल्ड में निवेश करना चाहते हैं तो इसमें फिजिकल गोल्ड की जगह पर आप ईटीएफ गोल्फ को ज्यादा प्रिफर करें। फिजिकल गोल्ड को सुरक्षा से लेकर उसे कहीं लाने ले जाने आदि में काफी जिम्मेदारी निभानी पड़ती है, जब कि ईटीएफ गोल्ड में ऐसा कोई झंझट नही हैं।
3- इसके साथ ही अगर आप किसी फंड या बॉन्ड में अपना पैसा निवेश करने जा रहे हैं तो सबसे पहले उस कंपनी के बारे में पूरी डिटेल पता कर लें। इसके अलावा वहां पर निवेश करने पर आपको कितना रिटर्न मिलेगा, क्योंकि हर कंपनी के रिटर्न के भी अपने अपने मानक होते हैं।
रेगुलर रखें नजर, पाएं मुनाफा वसूली:
आप ने जिन जिन क्षेत्रों में निवेश किया है उनमें हर दिन नजर रखना आपकी जिम्मेदारी बनती है। इससे आपको मुनाफा वसूली करने का मौका मिलता है।
1-जैसे आपने शेयर मार्केट में पैसा निवेश किया है तो आप पूरी बाजार पर पूरी तहर से सक्रिय रहें। अगर आपने शेयर कम दामों में खरीदें हैं और उसके दाम बढे हैं तो बढ़े हुए दामों में शेयर बेचकर आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इतना ही नहीं अगर शेयर के गिर रहे हैं तो आप उन्हें सस्ते खरीद कर आगे के लिए सेफ करले।
2-इसके साथ ही गोल्ड में भी आप इन्वेस्ट करने के बाद उसके भाव पर नजर रखें। जब भी दाम बढे आप उसे बेचकर मुनाफा वसूली कर सकते हैं। इसमें भी अगर सोने के भाव गिर रहे हैं तो खरीदना बेहतर होता है। भविष्य में यह निवेश काफी फायदेमंद होता है।
रेगुलर नए क्षेत्र में करते रहें इन्वेस्ट:
कई सारे लोग ऐसा करते हैं कि एक जगह इन्वेस्ट करने के बाद शांत होकर बैठ जाते हैं। जबकि ऐसा कतई नहीं होना चाहिए। पैसा इन्वेस्ट करने के लिए नए नए क्षेत्र तलाशना चाहिए, क्योंकि जितनी जगह पर आप इन्वेस्ट करेंगे कही तो आपको उतना ही ज्यादा रिटर्न में फायदा होगा। जैसे आपने एक बार प्रापर्टी में इन्वेस्ट कर दिया तो आपका दूसरा लक्ष्य अन्य क्षेत्र होना चाहिए, ताकि अगर आपको अभी प्रापर्टी से अच्छा रिटर्न नहीं मिल रहा है तो आपको दूसरे क्षेत्र से रिटर्न मिलने की उम्मीद होती है। कुल मिलाकर नए नए क्षेत्र में ज्यादा ज्यादा से इन्वेस्ट करने पर अच्छा प्रॉफिट मिलता है।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 825