ETH/INR - इथेरियम भारतीय रुपया
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ETH/INR - इथेरियम भारतीय रुपया समाचार
मालविका गुरुंग द्वारा Investing.com -- बाजार पूंजीकरण के मामले में सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin (BitbnsINR) एक दिन पहले 7% से अधिक की गिरावट के बाद मंगलवार को सुबह 10:10 बजे.
तकनीकी सारांश
कैंडलस्टिक पैटर्न
ETH/INR कोट्स
करेंसी एक्स्प्लोरर
ETH/INR आलोचनाए
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GSFC नए साल में बन सकता है बाजार का बादशाह, पोर्टफोलियो में करें शामिल, 2022 में मिलेगा दमदार रिटर्न
घरेलू बाजार के लिए लॉन्ग टर्म आउटलुक को लेकर चिंता नहीं है. नए साल की शुरूआत पर आपको पोर्टफोलियो में कुछ क्वालिटी शेयर जोड़ने चाहिए, जो आगे बेहतर रिटर्न देने की क्षमता रखते हों.
साल 2022 में दमदार निवेश की तलाश में हैं तो इस फर्टिलाइज शेयर पर नजर रख सकते हैं.
Superstar Stocks 2022: साल 2022 की शुरूआत ऐसे समय पर हो रही है, जब कई फैक्टर्स के चलते बाजार में उतार चढ़ाव की आशंका बनी हुई है. चाहे ओमिक्रॉन वेरिएंट के बढ़ रहे मामले हों, महंगाई का इश्यू हो, टैम्परिंग हो या सेंट्रल बैंकों द्वरा ब्याज दरें बढ़ाए जाने संकेत. इन वजहों से बाजार का मौजूदा सेंटीमेंट कमजोर है. हालांकि घरेलू बाजार के लिए लॉन्ग टर्म आउटलुक को लेकर कोई सिंथेटिक इंडेक्स ट्रेडिंग के लिए अंतिम गाइड चिंता नहीं है. ऐसे में नए साल की शुरूआत पर आपको अपने पोर्टफोलियो में कुछ क्वालिटी शेयर जोड़ने चाहिए, जो आगे बेहतर रिटर्न देने की क्षमता रखते हों. इसी तरह का एक स्टॉक है गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स (GSFC). इस लीडिंग स्टॉक में निवेशक 2022 में अच्छा मुनाफा हासिल कर सकते हैं. जी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी के साथ बात चीत में ट्रेड सिंथेटिक इंडेक्स ट्रेडिंग के लिए अंतिम गाइड स्विफ्ट के संदीप जैन ने इसे 2022 का सुपर स्टार बताया है और निवेश की सलाह दी है.
GSFC में क्यों है निवेश की सलाह
संदीप जैन का कहना है कि गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स अपने सेक्टर का क्वालिटी स्टॉक है. इसका वैल्युएशन बेहद आकर्षक है. कंपनी फर्टिलाइजर्स और केमिकल्स के अलावा प्लास्टिक एंड सिंथेटिक रबर भी बनाती है. सरकार को जिस तरह से एमएसपी को लेकर इनिशिएटिव हैं, उसका फायद इस स्टॉक को मिलेगा. एग्रीकल्चर पर सरकार का फोकस है. आगे एग्रीकल्चरल जीडीपी में आने वाली ग्रोथ का फायदा गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स को मिलेगा.
2022 में कौन सा शेयर करेगा कमाल?
पोर्टफोलियो में किस शेयर को करें शामिल?
2022 में कौन सा शेयर बनेगा सुपरस्टार?
कंपनी ने खत्म किया कर्ज
उनका कहना है कि पिछले दिनों GSFC ने एक्सपेंशन प्रोजेक्ट के तहत कर्ज लिए थे. लेकिन धीरे धीरे अब कंपनी कर्जमुक्त हो चुकी है. कंपनी पर सिर्फ 35 करोड़ रुपये का कर्ज रह गया है. ईपीएस में ग्रोथ का अनुमान है, अभी यह 7 से 8 के मल्टीपल पर ट्रेड कर रह है. कंपनी का इस सितंबर तिमाही में 231 करोड़ का पैट रहा है, आगे रिजल्ट और अच्छे आने का अनुमान है. डिविडेंड यील्ड करीब 2 फीसदी है. कंपनी में एफआईआई और डीआईआई की भी अच्छी खासी हिस्सेदारी है, जिससे शेयर को लेकर भरोसा सिंथेटिक इंडेक्स ट्रेडिंग के लिए अंतिम गाइड और बढ़ा है.
कितना मिल सकता है रिटर्न
संदीप जैन ने GSFC के शेयर के लिए 175 रुपये और 200 रुपये का 2 टारगेट दिया है. अभी शेयर का भाव 120 रुपये के आस पास है. ऐसे में इसमें 1 साल में 65 से 66 फीसदी रिटर्न मिल सकता है. उनका कहना है कि शेयर में 100 रुपये के लेवल पर अच्छा खासा सपोर्ट है. इसमें डानसाइड रिस्क नहीं है और ओवरआल सेक्टर का आउटलुक भी बेहद शानदार है. GSFC के शेयर में इस साल अबतक 56 सिंथेटिक इंडेक्स ट्रेडिंग के लिए अंतिम गाइड फीसदी रिटर्न मिल चुका है.
धीरूभाई अंबानी की बायोग्राफी: सक्सेस स्टोरी
गुजरात के चोरवाड़ में 28 दिसंबर, 1932 को जन्मे धीरूभाई अंबानी मशहूर उद्योगपति बन गए जिन्होंने रिलायंस इंडस्ट्रीज की स्थापना की। पेट्रोकेमिकल्स, टेक्सटाइल्स, पावर और कम्युनिकेशन के क्षेत्र में इसका दबदबा है। उनके नेतृत्व में, रिलायंस इंडस्ट्रीज ने भारत के सबसे बड़े निर्यातक के रूप में कार्य किया और वह पहली भारतीय कंपनी थी जिसे निजी तौर पर फॉर्च्यून 500 जगह मिली थी। धीरूभाई अंबानी की सक्सेस स्टोरी से जुड़ी बारीक जानकारी के लिए आगे पढ़ें।
शुरूआती जीवन और करियर
अंबानी का जन्म 28 दिसंबर, 1932 को एक मामूली परिवार में हुआ था और वह पांच बच्चों में से तीसरे थे। उनके पिता स्कूल शिक्षक थे, और उनकी माँ गृहिणी थीं। धीरूभाई जब 17 साल के हुए , तो उन्होंने अदन का रुख किया ताकि वह अपने भाई के साथ काम कर सके। उन्होंने स्वेज़ नहर के पूर्व में स्थित सबसे बड़ी अंतरमहाद्वीपीय व्यापारिक कंपनी - ए. बेसे एंड कंपनी - में क्लर्क के रूप में अपना करियर शुरू किया। यहां अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने ट्रेडिंग, सिंथेटिक इंडेक्स ट्रेडिंग के लिए अंतिम गाइड एकाउंटिंग की पेचीदगियाँ और प्रासंगिक बिज़नेस कौशल सीखे। हालांकि, 1958 में धीरूभाई भारत वापस आ गए और मुंबई में एक दुकान खोली।
रिलायंस की स्थापना
मुंबई में, धीरूभाई ने बिज़नेस खोलने की ठानी और यह फैसला उन्हें मसालों का व्यापार की ओर ले गया। इस नए-नवेले बिज़नेस वेंचर को रिलायंस कमर्शियल कॉर्पोरेशन कहा जाता था। जल्द ही उन्होंने अपनी ऑफरिंग में दूसरी चीज़ें शामिल कर लीं और एक ऐसी स्ट्रेटेजी का इस्तेमाल किया जिसके तहत उन्हें अपने जैसी कंपनियों से बाजार में प्रतिस्पर्धा करने के बजाय कम मुनाफे पर बेहतर क्वालिटी के प्रोडक्ट की पेशकश की। इस स्ट्रेटेजी से उन्हें फायदा हुआ और उनका बिज़नेस ने छलांग लगाईं। धीरूभाई अंबानी को जब महसूस हुआ कि उनका कॉर्पोरेशन उक्त कमॉडिटी के मामले में चरम पर पहुँच गया है, तो उन्होंने सिंथेटिक टेक्सटाइल का बिज़नेस शुरू कर दिया। उनकी ओर से बैकवर्ड इंटीग्रेशन सक्रिय रूप से 1966 में शुरू हुआ जब उन्होंने कपड़े की पहली मिल खोली। डायवर्सिफिकेशन के साथ यह बैकवर्ड इंटीग्रेशन ऐसा तरीका बना रहा जिसके ज़रिये धीरूभाई अंबानी ने रिलायंस की बिज़नेस डीलिंग बढ़ाई। इससे अंततः यह पेट्रोकेमिकल्स क्षेत्र की विशाल कंपनी बन गई। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं था कि रिलायंस ने खुद को इस क्षेत्र तक ही सीमित रखा। बजाय यहाँ थमने के, प्लास्टिक और बिजली उत्पादन को इसके बिज़नेस डीलिंग और ऑपरेशन में जोड़ा गया।
रिलायंस का पब्लिक ऑफर आया
धीरूभाई अंबानी ने 1977 में रिलायंस को पब्लिक किया, जब नेशनलाइज्ड बैंक उन्हें फंड करने से कतराते थे। कठोर सरकारी नियमों और नौकरशाही मज़बूत पकड़ वाली इकॉनमी को साधने में महारत की उस समय सराहना नहीं हुई थी। नतीजतन, उन पर भ्रष्ट होने और अपने काम के लिए राजनीतिक हेराफेरी करने का आरोप लगाया गया। हालांकि, इन्वेस्टर्स का भरोसा कायम सिंथेटिक इंडेक्स ट्रेडिंग के लिए अंतिम गाइड रहा और यह आंशिक रूप से इसलिए था कि कंपनी ने अपने निवेशकों को शानदार डिविडेंड दिया। धीरूभाई के विज़न और पब्लिक परसेप्शन ने ही इन्वेस्टर्स से कंपनी की अपील को जोड़ा। एनुअल जनरल मीटिंग आयोजित करने के उनके करिश्मे ने भारतीय निवेशकों को चकाचौंध कर दिया था। इसमें हजारों लोग शामिल होते थे। इन मीटिंग में से कई स्टेडियमों में होती थीं और इन्वेस्टर भारी संख्या में धीरूभाई को सुनने आते थे।
इसलिए, धीरूभाई को औसत भारतीय इन्वेस्टर्स और शेयर बाजार के बीच संबंध बनाने का श्रेय दिया गया। रिलायंस द्वारा आयोजित एनुअल जनरल मीटिंग इतनी लोकप्रिय थीं कि उन्हें अक्सर इस तरह से प्रसारित करने की आवश्यकता होती थी कि जो लोग इसे व्यक्तिगत रूप से नहीं आ सकते थे, वे भी इस विशाल कंपनी की गतिविधियों से अवगत रह सकें।
अंतिम दौर
अंबानी जब 1980 के दशक में बुढ़ापे की ओर बढ़ने लगे और उन्हें लगने लगा कि उनके बेटों ने रिलायंस चलाने के लिए बिज़नेस का कौशल हासिल कर लिया है, तो उन्होंने अपना रोज़मर्रा का काम उन्हें सौंप दिया। अनिल और मुकेश अंबानी ने भी यही किया और मुकेश अंबानी ने कंपनी को धीरूभाई के समय से आगे बढ़ाया। आज, समूह को रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड कहा जाता है और इसकी ऑफरिंग मकन्विनिएन्स शॉपिंग, डाइनिंग और हॉस्पिटैलिटी, इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग और बैटरी स्वैपिंग स्टेशन, फ्लीट मैनेजमेंट सिंथेटिक इंडेक्स ट्रेडिंग के लिए अंतिम गाइड सॉल्यूशन, इंटीग्रेटेड पेमेंट प्लेटफॉर्म, जेट/एविएशन टर्बाइन फ्यूल, ट्रांसपोर्टेशन फ्यूल, ऑटो एलपीजी और लुब्रिकेंट शामिल हैं। धीरूभाई अंबानी को यह देखने को नहीं मिला कि रिलायंस ने अपने बेटों के नेतृत्व में किस हद तक विस्तार किया, लेकिन यह 2002 में उनकी मृत्यु के समय भी बेहद सफल बिज़नेस था। हालांकि यहाँ धीरूभाई अंबानी की कहानी को संक्षेप में बताया गया है, लेकिन भारतीय इकॉनमी और वर्कफोर्स में उनके योगदान के लिए उन्हें कई तरह के पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
डिस्क्लेमर: इस ब्लॉग का उद्देश्य है सिर्फ जानकारी देना न कि कोई सलाह/इन्वेस्टमेंट के बारे में सुझाव देना या किसी स्टॉक की खरीद-बिक्री की सिफारिश करना।
GST Hike : कपड़े, जूते-चप्पल अब और होंगे महंगे, GST बढ़ कर 12 फीसदी हुआ
सरकार 5 फीसदी के टैक्स स्लैब को हटा सकती है. अब सिर्फ 12, 18 और 28 फीसदी की दरें रखने का फैसला हो सकता है
कपड़े, जूते-चप्पल अब और महंगे होंगे.
टेक्सटाइल, कपड़े और जूते-चप्पल अब और महंगे होंगे. सरकार ने इन चीजों पर जीएसटी 5 फीसदी से बढ़ा कर 12 फीसदी कर दिया है. ये दरें जनवरी 2022 से लागू हो जाएंगीं. सेंट्रल बोर्ड ऑफ इन डायरेक्ट टैक्स (CBIT) ने 18 नवंबर को एक अधिसूचना जारी कर इसकी जानकारी दी है.
टेक्सटाइल, कपड़े और जूते-चप्पल पर अब 12 फीसदी जीएसटी
जनवरी 2022 से फैब्रिक पर जीएसटी 5 फीसदी से बढ़ा कर 12 फीसदी कर दिया गया है. अब किसी भी कीमत के फैब्रिक पर 12 फीसदी जीएसटी लगेगा. पहले 1000 तक की कीमत के फैब्रिक पर 5 फीसदी जीएसटी लगता था. अब बुने हुए कप़ड़े, सिंथेटिक धागे, थान, कंबल, टेंट, टेबल क्लॉथ, रग्स समेत कई तरह के कपड़ों पर जीएसटी 5 फीसदी से बढ़ा कर 12 फीसदी कर दिया है. फुटवियर पर भी 12 फीसदी का जीएसटी लगेगा.
कई सामान्य इस्तेमाल की चीजों को GST से छूट भी दी गई है. 150 सामानों और 80 से अधिक सिंथेटिक इंडेक्स ट्रेडिंग के लिए अंतिम गाइड सेवाओं पर GST नहीं लगाया जाता है. टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि पिछले कई महीने में GST कलेक्शन में उत्साहजनक रुझान दिखा है. लिहाजा स्लैब में कुछ सुधार किया जा सकता है.
Top Stocks for Portfolio: निवेश के लिए 13 लार्जकैप और 9 मिडकैप शेयरों की लिस्ट, पोर्टफोलियो को बना देंगे दमदार
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जीएसटी की चार दरों की जगह तीन दरें?
सरकार 5 फीसदी के टैक्स स्लैब को हटा सकती है. अब सिर्फ 12, 18 और 28 फीसदी की दरें रखने का फैसला हो सकता है. 5 और 12 फीसदी के स्लैब को मिला कर अब सिर्फ 12 फीसदी के स्लैब को ही बरकरार रखा जाएगा. कर्नाटक के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रियों के एक समूह (GoM) की जल्द ही एक बैठक हो सकीत है जिसमें जीएसटी काउंसिल की सिफारिशों पर विचार कर इसे अंतिम रूप दिया जा सकता है.
पिछली GST काउंसिल की बैठक में रेवेन्यू के विभिन्न पहलुओं पर एक प्रजेंटेशन दिया गया था. हालांकि इसमें राज्यों का मुआवजा खत्म होने पर विचार नहीं हुआ था. जुलाई 2022 में राज्यों को सिंथेटिक इंडेक्स ट्रेडिंग के लिए अंतिम गाइड मुआवजा दिए जाने का नियम खत्म हो जाएगा. इसके बाद राज्यों को तय करना है कि वे इस पर आगे कैसे बढ़ेंगे.
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