Cryptocurrency News: क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग करने वाले निवेशकों पर टैक्स की मार, 1 जुलाई का पूरा सेट क्रिप्टोक्यूरेंसी से देना होगा TDS!
Tax On Cryptocurrency: एक जुलाई 2022 से सभी क्रिप्टो के ट्रांजैक्शन पर 1 फीसदी टीडीएस का भुगतान करना होगा चाहे वो मुनाफे में बेचा गया हो या नुकसान का पूरा सेट क्रिप्टोक्यूरेंसी में.
By: ABP Live | Updated at : 15 Jun 2022 07:20 PM (IST)
Edited By: manishkumar
प्रतिकात्मक फोटो ( Image Source : Getty )
TDS On Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के निवेशकों को 1 जुलाई, 2022 से बड़ा झटका लगने वाला है. एक जुलाई 2022 से सभी क्रिप्टो के ट्रांजैक्शन का पूरा सेट क्रिप्टोक्यूरेंसी पर 1 फीसदी टीडीएस का भुगतान करना होगा चाहे वो मुनाफे में बेचा गया हो या नुकसान में. तब से क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर उत्साह घटा है. टीडीएस लगने के बाद से ये और घट सकता है.
क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं पर लगता है टैक्स
सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं दिया है लेकिन इस वर्ष 2022-23 से क्रिप्टोकरेंसी को होने वाले इनकम पर 30 फीसदी टैपिटल गेन टैक्स लगाने का फैसला किया है. साथ ही अब 1 जुलाई से क्रिप्टो के लेन देन पर 1 फीसदी टीडीएस का भी भुगतान करना होगा. आपको बता दें जो निवेशक क्रिप्टोकरेंसी को मुनाफे में नहीं भी बेचते हैं उन्हें भी टैक्स चुकाना होगा. ऐसे क्रिप्टो में निवेश करने वाले निवेशकों को एक फीसदी टीडीएस का भुगतान करना होगा जिससे सरकार क्रिप्टोकरेंसी में लेन-देन करने वालों के ठौर ठिकानों का पता लगा सके.
क्रिप्टो को लाभ में बेचने पर 30 प्रतिशत का टैक्स देना होगा. लेकिन लाभ में नहीं बेचने पर भी एक प्रतिशत का टीडीएस देना होगा जिससे ये पता चलेगा कि कहां-कहां क्रिप्टो का लेनदेन हुआ है. क्रिप्टोकरेंसी पर एक फीसदी टीडीएस लगाये जाने का प्रावधान एक जुलाई 2022 से लागू होने जा रहा है.
क्रिप्टो में लॉस को एडस्ट करने का प्रावधान नहीं
क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों को एक क्रिप्टोकरेंसी से हुए लाभ को दूसरे क्रिप्टोकरेंसी में हुए नुकसान की भरपाई करने की का पूरा सेट क्रिप्टोक्यूरेंसी इजाजत नहीं है. उदाहरण के जरिए आपको समझाते हैं मान लिजिए किसी निवेशक ने बिट्कॉइन और एथेरियम दोनों क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया है. और उसे बिट्कॉइन में निवेश से 1 लाख रुपये का फायदा होता है और एथेरियम में निवेश से 1 लाख का नुकसान होता है का पूरा सेट क्रिप्टोक्यूरेंसी तो भी निवेशक को 1 लाख रुपये पर 30 फीसदी के दर से टैक्स का भुगतान करना होगा.
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दरअसल प्रॉपर्टी, शेयरों में निवेश से होने वाले प्रॉफिट लॉस को एडस्ट करने का प्रावधान है. लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को इस प्रावधान से अलग रखा गया है. सरकार ने साफतौर पर कहा है कि इनकम टैक्स 1961 की प्रस्तावित धारा 115BBH के प्रावधानों के अनुसार, वीडीए (वर्चुअल डिजिटल एसेट्स) के हस्तांतरण से होने वाले नुकसान को दूसरे वीडीए के हस्तांतरण से उत्पन्न आय के खिलाफ सेट-ऑफ करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. धारा 115BBH इनकम टैक्स एक्ट में एक नया प्रस्तावित खंड है जो क्रिप्टोकरेंसी जैसे वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से होने वाले लाभ को परिभाषित करता है.
क्रिप्टो पर जीएसटी?
जीएसटी काउंसिल (GST Council) की बैठक 17 जून को होने वाली है. जिसमें क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर जीएसटी ( Goods And Services Tax) लगाने को लेकर चर्चा होने की संभावना है और उस बैठक में 28 फीसदी स्लैब में क्रिप्टोकरेंसी को रखे जाने पर फैसला लिया जा सकता है. फिलहाल क्रिप्टो एक्सचेंजों ( Crypto Exchanges) को अपनी सर्विसेज देने के लिए 18 फीसदी जीएसटी का भुगतान करना पड़ता है.
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Published at : 15 Jun 2022 07:20 PM (IST) Tags: Cryptocurrency Tax on Cryptocurrency TDS On Cryptocurrency हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
क्रिप्टोकरंसी के हर मार्केट पेयर के प्रॉफिट-लॉस को सरकार अलग-अलग नहीं मानेगी
सरकार ने कहा कि माइनिंग में लगने वाले खर्च को सरकार काउंट नहीं करेगी, उसे इनवेस्टमेंट का पूरा सेट क्रिप्टोक्यूरेंसी का हिस्सा नहीं माना जाएगा.
वित्त राज्य मेंत्री पंकज चौधरी 21 मार्च, सोमवार को यह स्पष्ट किया कि क्रिप्टोकरंसी (Cryptocurrency) की एक ट्रेडिंग के वक्त अगर कोई लॉस होता है तो उसे क्रिप्टो के लिए की गई दूसरी ट्रेडिंग में हुए प्रोफिट से सेट ऑफ नहीं किया जा सकता है.
यानी दोनों ट्रेडिंग के दौरान एक तरफ लॉस होता है और फिर प्रॉफिट का पूरा सेट क्रिप्टोक्यूरेंसी तो उस प्रॉफिट पर टैक्स देना ही होगा.
ये बातें क्रिप्टो की ट्रेडिंग को लेकर बताई गई है, उधर क्रिप्टो की माइनिंग को लेकर भी सरकार ने कुछ घोषणा की है. सरकार ने कहा कि माइनिंग में लगने वाला खर्च जैसे कि इंटरनेट या बिजली (माइनिंग के बीजली ज्यादा खर्च होती है) को सरकार काउंट नहीं करेगी, उसे इनवेस्टमेंट का हिस्सा नहीं माना जाएगा. इसलिए जो भी उस पर प्रॉफिट होगा उस पर 30 फीसदी टैक्स लगाया जाएगा.
भारत में क्रिप्टो को लेकर ट्रेडिंग बहुत हो रही है इसके बावजूद आरबीआई और सरकार को इस सेक्टर को लेकर हमेशा संशय रहता है क्योंकि उन्हें डर है कि डिजिटल करंसी का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवादी एक्टिविटी और मूल्य अस्थिरता के लिए न किया जाए.
एनडीटीवी से WazirX के को-फाउंडर और सीईओ निश्चल शेट्टी ने कहा कि, "हर मार्केट पेयर के प्रॉफिट और लॉस को अलग-अलग मानने से क्रिप्टो में निवेश करने वालों की संख्या कम होगी और इस इंडस्ट्री का विकास भी दब जाएगा.
क्रिप्टो को GST कानून के दायरे में लाने की तैयारी में सरकार, कितना लगेगा टैक्स?
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डिजिटल करेंसी और डीएफआई स्थापित करने के लिए बिल लाएगी सरकार
सरकार देश की बुनियादी ढांचा के विकास से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिए नेशनल बैंक फॉर फाइनेंसिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट (NaBFID) की स्थापना करेगी.
शुक्रवार को पेश किए गए इकोनॉमिक सर्वे में यह भी बताया गया है कि इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश अधिक तेजी से और समावेशी आर्थिक विकास के लिए सर्वोत्कृष्ट है, जिससे बुनियादी ढांचा क्षेत्र के मजबूत पिछड़े-फॉरवर्ड संपर्क अच्छी तरह से स्थापित हो जाते हैं. नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (एनआईपी) परियोजना का वित्त वर्ष 2015 से वित्त वर्ष 2015 के बीच 111 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव है.
सरकार आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2021 की क्रिप्टोक्यूरेंसी और विनियमन भी पेश करेगी, जो भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक ढांचा तैयार करना चाहती है. बयान में कहा गया है, "विधेयक भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने का भी प्रयास करता है.
हालांकि, यह क्रिप्टोक्यूरेंसी की अंतर्निहित तकनीक और इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कुछ छूट की अनुमति देता है." सरकार सार्वभौमिक पेंशन कवरेज सुनिश्चित करने के साथ-साथ पीएफआरडीए (PFRDA) को मजबूत करने के लिए पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक 2021 भी पेश करेगी.
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क्रिप्टोकरंसी के हर मार्केट पेयर के प्रॉफिट-लॉस को सरकार अलग-अलग नहीं मानेगी
सरकार ने कहा कि माइनिंग में लगने वाले खर्च को सरकार काउंट नहीं करेगी, उसे इनवेस्टमेंट का हिस्सा नहीं माना जाएगा.
वित्त राज्य मेंत्री पंकज चौधरी 21 मार्च, सोमवार को यह स्पष्ट किया कि क्रिप्टोकरंसी (Cryptocurrency) की एक ट्रेडिंग के वक्त अगर कोई लॉस होता है तो उसे क्रिप्टो के लिए की गई दूसरी ट्रेडिंग में हुए प्रोफिट से सेट ऑफ नहीं किया जा सकता है.
यानी दोनों ट्रेडिंग के दौरान एक तरफ लॉस होता है और फिर प्रॉफिट तो उस प्रॉफिट पर टैक्स देना ही होगा.
ये बातें क्रिप्टो की ट्रेडिंग को लेकर बताई गई है, उधर क्रिप्टो की माइनिंग को लेकर भी सरकार ने कुछ घोषणा की है. सरकार ने कहा कि माइनिंग में लगने वाला खर्च जैसे कि इंटरनेट या बिजली (माइनिंग के बीजली ज्यादा खर्च होती है) को सरकार काउंट नहीं करेगी, उसे इनवेस्टमेंट का हिस्सा नहीं माना जाएगा. इसलिए जो भी उस पर प्रॉफिट होगा उस पर 30 फीसदी टैक्स लगाया जाएगा.
भारत में क्रिप्टो को लेकर ट्रेडिंग बहुत हो रही है इसके बावजूद आरबीआई और सरकार को इस सेक्टर को लेकर हमेशा संशय रहता है क्योंकि उन्हें डर है कि डिजिटल करंसी का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवादी एक्टिविटी और मूल्य अस्थिरता के लिए न किया जाए.
एनडीटीवी से WazirX के को-फाउंडर और सीईओ निश्चल शेट्टी ने कहा कि, "हर मार्केट पेयर के प्रॉफिट और लॉस को अलग-अलग मानने से क्रिप्टो में निवेश करने वालों की संख्या कम होगी और इस इंडस्ट्री का विकास भी दब जाएगा.
क्रिप्टो को GST कानून के दायरे में लाने की तैयारी में सरकार, कितना लगेगा टैक्स?
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Cryptocurrency: 100,000 डॉलर तक पहुंच सकता है बिटकॉइन? 2022 में क्रिप्टोकरेंसी के बारे में क्या कहते हैं विश्लेषक
कुछ मार्केट विशेषज्ञों ने अपनी-अपनी राय दी है कि इस नए साल यानी 2022 में क्रिप्टोकरेंसी का क्या रुख हो सकता है
हॉन्गकॉन्ग में सुबह 9:52 बजे बिटकॉइन 0.2% के उछाल के साथ लगभग 46,100 डॉलर पर कारोबार कर रहा था। यहां कुछ मार्केट विशेषज्ञों ने अपनी-अपनी राय दी है कि इस नए साल यानी 2022 में क्रिप्टोकरेंसी का क्या रुख हो सकता है और इस साल खासकर अमेरिका के संट्रेल बैंकिंग सिस्टम फेडरल रिजर्व की नीतियों का डिजिटल करेंसी पर क्या और कैसा असर पड़ सकता है।
Bloomberg की एक रिपोर्ट के मुताबिक, क्रिप्टो लेंडर नेक्सो के मैनेजिंग पार्टनर एंटोनी ट्रेंचेव ने एक ईमेल में कहा, "2022 में बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी पर सबसे ज्यादा असर केंद्रीय बैंक की नीति के चलते पड़ेगा। उन्होंने कहा, "लोन सस्ता रहेगा क्योंकि इसका क्रिप्टो पर बड़ा असर होगा। फेड रिजर्व की इतनी क्षमता नहीं है कि वह शेयर बाजार में 10-20% गिरावट का खतरा मोल ले सके। इसके साथ ही बॉन्ड मार्केट पर भी इसका बुरा असर पड़ सकता है।
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