उदाहरण के लिए आप फोटो को देख सकते हैं की JindalStel के शेयर का प्राइस 444.15 है लेकिन यह मुझे 20% मार्जिन के साथ 88.53 रूपए का मिल गया है।
Zerodha में Intraday Trading कैसे करें ? फोटो सहित विस्तार से समझिये
भारत में लोगों में ट्रेडिंग का क्रेज दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है. ट्रेडिंग के लिए Zerodha काफी अच्छा स्टॉक ब्रोकर है. आप इसमें Intraday, F&O ट्रेडिंग कर सकते हैं.
अगर आपने Zerodha में अकाउंट बना लिया है लेकिन आपको नही पता की zerodha me intraday trading kaise kare? तो यह पोस्ट आप के लिए ही है.
इस पोस्ट में मै आपको विस्तार से बताऊंगा की Zerodha में Intraday Trading कैसे करते है. इसके अलावा मैंने पिछली पोस्ट में Zerodha के बारे में विस्तार से जानकारी दी थी आप उस पोस्ट को नीचे लिंक पर लिक्क करके पढ़ सकते हैं
Table of Contents
Zerodha Kite ट्रेडिंग कैसे करें ?
Zerodha में ट्रेडिंग करने के लिए आपको ट्रेडिंग के बारे में अच्छी जानकारी होनी चाहिए कम से कम इतना तो पता होना चहिये की ट्रेडिंग क्या होता है, यह कितने प्रकार की होती है और शेयर क्या होता है ?
ज्यादातर लोग Intraday या F&O ट्रेडिंग करते हैं. ट्रेडिंग करने के लिए पहले इनके बारे में समझ लेना बहुत जरूरी है की यह किस प्रकार की ट्रेडिंग है फिर प्रैक्टिकल करके बताता हूँ
Intraday Trading क्या है ?
यह ट्रेडिंग एक ही दिन में होती है. इस ट्रेडिंग में आपको शेयर मार्किट के अन्दर किसी कंपनी के स्टॉक को एक ही दिन के अन्दर खरीदकर बेचना होता है या फिर बेचकर खरीदना होता है.
आपको बता दूँ स्टॉक मार्किट 9 बजे खुलती है और 3:30 बजे बंद हो जाती है इसी बीच अगर आप किसी कंपनी का स्टॉक खरीदते हैं और उसका प्राइस बढ़ जाता है तो आप उस स्टॉक को बेचकर मुनाफा कमा लेते हैं.
इसी तरह जब आप किसी स्टॉक का प्राइस बढ़ता है तो उसे बेच देते हो और फिर प्राइस घटने पर खरीद लेते हो तो इससे आपका मुनाफा होता है.
Intraday Trading एक ही दिन की होती है अगर आप मार्किट बंद होने से पहले शेयर नही बेचते हो तो ब्रोकर आपका शेयर बेच देता है. अब जानते हैं Zerodha में Intraday trading कैसे करें ?
Zerodha में Intraday trading कैसे करें ?
किसी भी शेयर को जिस दिन खरीद रहें है, अगर उसे उसी दिन बेच दिया जाए तो ऐसे Trading को Intraday Trading कहते हैं।
1. Zerodha में Intraday Trading करने के लिए आप अपनी जिस कंपनी में Intraday करना चाहते हैं उसके शेयर को सर्च करके Watchlist में Add कर लें ।
2. फिर उस Share पर क्लिक करें जिसके बाद Buy और Sale तथा View Chart का विकल्प दिखाई देगा। चार्ट को देखकर अगर आपको लगता है की स्टॉक का प्राइस बढेगा तो Buy पर क्लिक करें
3. अपने order की quantity डालें, Product में Intraday सिलेक्ट करें, Order type में Market सेलेक्ट करें फिर Swipe To Buy पर क्लिक करें. आपका स्टॉक खरीद जायेगा जिसको आप पोर्टफोलियो में दिख सकते हो.
इंड्राडे ट्रेडिंग क्या है – Intraday trading kya hai)
Intraday मान लीजिये, आपने मार्किट के कीमत से किसी भी कंपनी के shares को ख़रीदा है और उस share की कीमत बढने ट्रेडिंग कैसे की जाती है? ट्रेडिंग कैसे की जाती है? लगे तो आप फायदे में चल रहे है आप चाहे तो share की कीमत गिरने से पहले उनको बेच के बहार भी निकल सकते है. आपको intraday के खुलने के समय से बंद होने के समय तक shares को खरीदना और बेचना होता है. इसमें फायदा हो या नुक्सान उसी दिन हिसाब हो जाता है, दूसरी तरफ डिलवरी ट्रेडिंग में एक बार share को खरीदने के बाद कभी भी बेच सकते है
Intraday Trading में एक बहुत बड़ी समस्या है जो नय ट्रेडर्स और पुराने ट्रेडर्स के साथ अक्सर होती है. कितना भी अनुभवी ट्रेडर्स हो उसे indicators की ही मदद जरुर लेनी चाहिए. इनसे हमें काफी लाभ होता है मैंने आपको कुछ मुख्य idicators के बारे में समझाया है.
Moving Average
बहुत से ट्रेडर्स इस dayli moving average (DMA) इंडिकेटर पर भरोसा करते है.(Intraday trading kya hai) इस इंडिकेटर से चार्ट पर एक लाइन आती है जो हमें मार्किट के व्यवहार को दर्शाते है. और ये stock के उतार-चढ़ाव प्राइस के बारे में संकेत देता है.
Moving Average indicator
Bollinger Bands
Bollinger bands एक बेहतरीन इंडिकेटर है जिसे काफी ट्रेडर्स पसंद करते है. स्टॉक की कीमत इस इंडिकेटर के अंदर मूव करती है. इसमें 3 प्रकार की लाइन होती है सबसे पहली लाइन को upper bands कहते है और निचे वाली लाइन को lower bands कहते है.
जब भी stock की कीमत upper bands की ओर पहुचती है तो से overbought कहते है. इसमें हमें निकलने का संकेत मिलता है. जब भी stock की कीमत lower bands की ओर पहुचती है तो उसे oversold कहते है, इसमें हमें enter होने का संकेत मिलता है. (intraday trading kya hai)
Bollinger Bands
इसके बाद stock की कीमत अधिक बार ऊपर निचे हो तो उसे bands expoand बोलते है और इसके बिपरीत कीमत धीरे-धीरे ऊपर निचे हो तो उसे bands narrow बोलते है. इस तरह से ही सभी indicator stock की volatility को दर्शाता है.
Momentum Oscillators
यह इंडिकेटर हमें यह संकेत करता है की stock की कीमत गिरेगी या ऊपर जायेगी. इसे काफी ट्रेडर्स उपयोग करते है इससे उनको यह पता चलता है की कब हमें share खरीदना और बेचना होता है.
Momentum Oscillators
ट्रेडिंग कैसे करते हैं – share market me trading kaise kare in hindi
आज इस लेख में हम ट्रेडिंग कैसे करते हैं (trading kaise kare), शेयर कैसे खरीदते है, इन बातों पर चर्चा कर रहे हैं और हम आप के लिए आसान भाषा में यह समझाने की कोशिश करेंगे की ट्रेडिंग कैसे करते हैं, आप को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए शेयर मार्किट में ट्रेडिंग करने से पहले। आज की जानकारी हम आप को शेयर मार्किट की नॉलेज रखने वाले नीरव मिश्रा जिनको करीब 10 सालों का अनुभव है और ये एकाउंट subject के टीचर है करीब पिछले 22 सालों से हजारों कॉमर्स के स्टूडेंट्स को इन्होने शिक्षित किया है। आज हम इनके माध्यम से ट्रेडिंग कैसे करते हैं, के बारे में जानेगे। चलिए फिर शुरु करते हैं।
भारत में शेयर ट्रेडिंग कैसे करते हैं – संयुक्त स्टॉक कंपनी
बहुत सारे ऐसे लोग है जो डायरेक्ट कंपनी को फंडिंग देते हैं जिनको आप को वेंचर कैपिटल फंडिंग करने वालों के तौर पर समझ सकते हैं। जब कंपनी को venture capital funding मिलती है और जब तक वह पूरी तरह से खत्म जाती है उस समय तक कंपनी का साइज बड़ा हो जाता है कंपनी में ज्यादा लोग भी काम करते है ऐसे में कंपनी को और फण्ड की जरुरत होती है। अब मान लीजिये कंपनी को भारत की सबसे बड़ी कंपनी बनना है लेकिन कंपनी को फण्ड यानी पैसों की जरुरत है ऐसे समय पर कंपनी पैसा इकट्ठा करने के जनता के सामने आती है और आम जनता के लिए कंपनी में मालिकाना हक़ लेने के लिए ओपन होती है। लोग कंपनी के आंशिक स्वामित्व को कम से कम 10 रुपये में खरीद सकते हैं। इसलिए, यदि कंपनी ने इसमें 5 करोड़ रुपये का निवेश किया है और आपने इसमें 10 रुपये का निवेश किया है, तो आप कंपनी में आनुपातिक हिस्सेदारी – (2e-7)% के मालिक हैं।
भारत में शेयर ट्रेडिंग कैसे करते हैं – इक्विटी शेयर
अगर कोई भी व्यक्ति किसी भी कंपनी में अपने पैसे को निवेश करता है तो वह कंपनी उस व्यक्ति के लिए एक प्रमाण पत्र देती है और उस प्रमाणपत्र को ही इक्विटी शेयर (Equity Share) कहा जाता है। कोई भी कंपनी Equity Shares सिर्फ तब दे सकती है जब वह publicly लिस्ट हो जाती है और तभी लोग उस कंपनी के Equity Shares की स्टॉक मार्किट में ट्रेडिंग शुरु कर सकते हैं। इक्विटी शेयरों के लिए एनएसई और बीएसई दो सबसे बड़े मार्केटप्लेस हैं।
आप की जानकारी के लिए हम बता दें शेयर मार्किट को हिस्सों में बाटा गया है या फिर आप ऐसे भी समझ सकते हैं दो तरह के शेयर मार्किट होते हैं।
- पहला बाजार –
यह शेयर बाजार ऐसा होता है जिसमें नयी कंपनी लिस्ट होती है और आप शेयर मार्किट के जरिये किसी भी नयी list हुई कंपनी के शेयर को खरीद सकते है यानि अपने पैसे को इन्वेस्ट कर सकते हैं। - दूसरा बाजार –
अब आप को यह बात समझनी है की ये जो सेकंड मार्किट है वह कभी कभी ज्यादा फायदेमंद होता है अब कैसे होता है यह समझिए – आप ने पहले मार्केट से किसी कंपनी के शेयर को डायरेक्ट शेयर मार्किट से खरीद लिया और अब आप दूसरे मार्किट में उन शेयर को ज्यादा दाम पर बेच सकते हैं। जैसे मान लिजिएं आप ने 20 रूपये के शेयर किसी कंपनी के पहले मार्किट से ख़रीदे और दूसरे मार्किट में आप ने 20 वाला शेयर किसी को 40 में बेच दिया। आप को 20 रुपये का प्रॉफिट मिला और आप का निवेश किया हुआ पैसा भी आप को मिल गया अब आप निवेश से भी बाहर निकल आये। कोई भी व्यक्ति अगर आप का प्रस्ताव लेता है तो ऐसा वह कर सकता हैं। और ऐसे में आप को प्रॉफिट हो सकता हैं।
भारत में शेयर ट्रेडिंग के लिए टिप्स – भारत में शेयर ट्रेडिंग के लिए क्या करें:
- जो भी बाजार भारत में SEBI/Stock Exchanges में registered हैं आप सिर्फ उनके माध्यम से ही भारत देश में शेयर ट्रेडिंग करें।
- आप को या सही तरह से देखना होगा की क्लाइंट के रूप में पंजीकरण के लिए दस्तावेज या फॉर्म सही तरह से पूरा भरा हुआ है या नहीं।
- हमेशा सही दिशा निर्देश अपने ब्रोकर/एजेंट/डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट को स्पष्ट और स्पष्ट निर्देश दें।
- अपने ब्रोकर से कॉन्ट्रैक्ट नोट्स बनाने के लिए जरूर बोलें। अगर आप को थोड़ा भी संदेह है यहाँ आप को लगता है की आप के साथ धोखा हो सकता है तो आधार वेबसाइट पर इसकी वास्तविकता को सत्यापित करें।
ट्रेडिंग कैसे करते हैं – share market me trading kaise kare in hindi आज का ये टॉपिक आप को समझ में आ गया होगा। और आप को ये भी समझ आ गया होगा शेयर क्या होता है। अभी इस लेख में हम और जानकारी आने वाले समय में जोड़ेंगे जिससे इस लेख में और भी अधिक जानकारी आप को मिल सके। और अगर आप भी ट्रेडिंग कैसे करते हैं, शेयर खरीदने का तरीका, शेयर कैसे खरीदते है, इस तरह की पूरी जानकारी के बारे में समझ सकें अच्छी तरह से।
ऑप्शन क्या हैं? Future Option Trading Hindi
What are Options ? :- ऑप्शन Contract buyer को अधिकार देता है, लेकिन वह संपत्ति खरीदने या बेचने के लिए बाध्य नहीं है। जबकि Contract buyer का seller ऑप्शन contract buyer के निर्णय के आधार पर संपत्ति खरीदने या बेचने के ट्रेडिंग कैसे की जाती है? लिए बाध्य है। उदाहरण के लिए, आपके पास एक बाइक है और आपने बाइक के लिए रु. का बीमा खरीदा है। 10000. अगर आपकी बाइक खराब हो जाती है
तो आपको एग्रीमेंट के अनुसार आपका बीमा क्लेम मिलेगा। लेकिन अगर ऐसा कोई नुकसान नहीं होता है, तो आपके द्वारा भुगतान किया गया प्रीमियम बीमा कंपनी की आय बन जाता है। ऑप्शन खरीदार के मामले में, वापसी की संभावना असीमित है जबकि जोखिम या हानि केवल प्रीमियम तक ही सीमित है।
ऑप्शन विक्रेता के मामले में, रिटर्न प्रीमियम तक सीमित है जबकि इसमें शामिल जोखिम असीमित है। कॉल ऑप्शन और पुट ऑप्शन नाम से 2 तरह के ऑप्शन होते हैं
फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है?
What is future and option trading? फ्यूचर्स और ऑप्शंस का एक फायदा यह है कि आप इन्हें विभिन्न एक्सचेंजों पर स्वतंत्र रूप से trading कर सकते हैं। उदा. आप स्टॉक एक्सचेंजों पर स्टॉक फ्यूचर्स और विकल्पों का व्यापार कर सकते हैं, कमोडिटी एक्सचेंजों पर कमोडिटी आदि। एफ एंड ओ ट्रेडिंग के बारे में सीखते समय, यह समझना आवश्यक है कि आप अंतर्निहित परिसंपत्ति पर कब्जा किए बिना ऐसा कर सकते हैं।
हालांकि, हो सकता है कि आप सोने को खरीदने में दिलचस्पी न लें, फिर भी आप सोने के वायदा और विकल्पों में निवेश करके वस्तुओं की कीमतों में उतार-चढ़ाव का लाभ उठा सकते हैं। इन मूल्य परिवर्तनों से लाभ के लिए आपको बहुत कम पूंजी की आवश्यकता होगी।
कमोडिटी में फ्यूचर और ऑप्शन Future Option Trading Hindi
Futures and options in commodities :-कमोडिटी में फ्यूचर और ऑप्शननिवेशकों के लिए एक और विकल्प हैं। हालांकि, कमोडिटी बाजार अस्थिर हैं, इसलिए उनमें केवल तभी उद्यम करना बेहतर है जब आप काफी जोखिम उठा सकते हैं। चूंकि कमोडिटी के लिए मार्जिन कम है, इसलिए काफी उत्तोलन की गुंजाइश है। उत्तोलन लाभ के अधिक अवसर प्रस्तुत कर सकता है, लेकिन जोखिम समान रूप से अधिक होता है।
आप भारत में कमोडिटी एक्सचेंजों जैसे मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) और नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) के माध्यम से कमोडिटी फ्यूचर्स और विकल्पों का व्यापार कर सकते हैं।
यह जानना महत्वपूर्ण है कि फ्यूचर और ऑप्शन क्या हैं क्योंकि वे दुनिया में एक आवश्यक वित्तीय भूमिका निभाते हैं। वे कीमतों में उतार-चढ़ाव के खिलाफ बचाव में मदद करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि बाजार तरल हो। एक जानकार निवेशक भी इन डेरिवेटिव में निवेश करके लाभ कमा सकता है।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 512