राजनीति में हॉर्स ट्रेडिंग क्या है.

ट्रेडिंग क्या है

क्या होता है हॉर्स ट्रेडिंग का मतलब? कहां से आया? समझें राजनीति में मायने

प्रतीकात्मक तस्वीर

  • नई दिल्ली,
  • 18 मई 2018,
  • (अपडेटेड 18 मई 2018, 11:31 AM IST)

हॉर्स ट्रेडिंग. ये वो शब्द है जिसे आपने पिछले कुछ दिनों में टीवी पर बहस के दौरान सुना होगा, अखबार में किसी खबर के हेडलाइन में पढ़ा भी होगा. पिछले कुछ दिनों में जिस तरह से कर्नाटक में सरकार गठन को लेकर सियासी उठापटक मची है, इस शब्द का उपयोग बढ़ गया है. लेकिन इसका मतलब क्या होता है और राजनीति से इसका आखिर क्या लेना-देना है. यहां समझिए.

आखिर इसका मतलब क्या है. ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है?

दरअसल, हॉर्स ट्रेडिंग का मतलब 'घोड़ों की बिक्री' से है. असल ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है? में इस शब्द की शुरुआत कैंम्ब्रिज डिक्शनरी से हुई थी. करीब 18वीं शताब्दी में इस शब्द का इस्तेमाल घोड़ों की बिक्री के दौरान व्यापारी करने लगे, लेकिन इसके साथ किस्से जुड़े कि इसके राजनीतिक मायने भी निकाले जाने लगे.

Horse Trading: क्‍या होती है हार्स ट्रेडिंग, सियासत में क्‍या मायने, राजनीति में कब से हुई इस शब्‍द की शुरुआत

Horse Trading in politics आखिर क्‍या होती है हार्स ट्रेडिंग सियासत में इसके क्‍या मायने हैं और राजनीति ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है? में इस शब्‍द की शुरुआत कब से हुई? दरअसल भारतीय राजनीति में इस शब्द का इस्तेमाल सांसदों और विधायकों ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है? को प्रलोभन से जोड़कर प्रयोग किया जाता है।

नोएडा, आनलाइन डेस्‍क। राजस्‍थान में राज्‍यसभा चुनाव को लेकर चल रहे सियासी ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है? बवाल के बीच मुख्‍यमंत्री गहलोत बार बार भाजपा पर हार्स ट्रेडिंग के आरोप लगा रहे हैं। ऐसे में यह समझना जरूरी है कि आखिर क्‍या होती है हार्स ट्रेडिंग, सियासत में इसके क्‍या मायने हैं और राजनीति में इस शब्‍द की शुरुआत कब से हुई? दरअसल, भारतीय राजनीति में इस शब्द का इस्तेमाल सांसदों और विधायकों को प्रलोभन से जोड़कर किया जाता है। जब किसी फायदे के लिए या किसी सरकार को अस्थिर करने के लिए सांसद या विधायक पाला बदलते हैं तो इसे हार्स ट्रेडिंग का नाम दिया जाता है।

क्या आप शेयर ट्रेडिंग के बारे में ये बातें जानते हैं?

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आपको यह ध्यान में रखना होगा कि शेयरों में निवेश से काफी जोखिम जुड़ा होता है. अगर आप खुद कंपनियों के नतीजे समझने, उसके शेयरों का मूल्यांकन करने और बाजार की चाल समझ सकते सकते हैं तभी आपको शेयरों में सीधे निवेश करना चाहिए.

किसी कंपनी के शेयर में निवेश करने से पहले उसके कारोबार, शेयरों की सही कीमत (मूल्यांकन) और उसके कारोबार की संभावनाओं को जानना जरूरी है. शेयर बाजार में शेयरों के भाव स्थिर नहीं रहते. आम तौर पर जब शेयर का भाव कम होता है या बाजार में कमजोरी पर शेयर खरीदने के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है.

आपने जो शेयर खरीदा है, जब उसका दाम बढ़ जाए तो उसे आप बेच सकते हैं. शेयर मार्केट में ट्रेडिंग की शुरुआत बहुत कम रकम से की जा सकती है.

स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)

स्विंग ट्रेडिंग में अक्सर ट्रेडर शेयर को 1 हफ्ते से लेकर ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है? 4 हफ्तों तक अपने पास रखता है और फिर इन शेयर को सेल कर देता है। स्विंग ट्रेडिंग का ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है? मुख्य लक्ष्य कुछ सप्ताह में शेयर के दाम में आने वाले Swing का लाभ उठाकर जल्द से जल्द लाभ कमाना होता है। इसी को ही स्विंग ट्रेडिंग कहते हैं। इस बात का ध्यान रहे कि इसमें जोखिम भी होता है

पोजीशन ट्रेडिंग से तात्पर्य है कि इसमें ट्रेडर शेयर ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है? खरीदता है और इन शेयरों को लंबे समय के लिए अपने पास
रखता है। ऐसा करने के लिए हर एक ट्रेडर को शेयर अपने पास रखने के लिए शेयर की ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है? डिलीवरी अपने डीमैट अकाउंट में लेनी पड़ती है।

ट्रेडर ने जितने शेयर जिस दाम में खरीदे हैं इन शेयरों का मूल्य ब्रोकर को देना पड़ता है ऐसा करने से
उसको डीमैट अकाउंट में सभी शेयर मिल जाते हैं। इसके बाद वह कभी भी अपने शेयर को बेचकर पैसे जुटा
सकता है।

ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोलते हैं?

ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए सबसे पहले हमें स्टॉक ब्रोकर के पास जाना पड़ेगा। स्टॉक ब्रोकर हमारा ट्रेडिंग अकाउंट आसानी से खोल सकता है। आज के समय में ट्रेडिंग अकाउंट कर बैठे ऑनलाइन खोला जा सकता है।
नीचे हमने मशहूर स्टॉक ब्रोकर के लिंक दिए हैं जिन पर क्लिक करके आप अपना डिमैट अकाउंट घर से ही 15 मिनट में खोल सकते हैं।

भारत के मशहूर स्टॉक ब्रोकर:

फिर इसके बाद शेयर को बेचने और खरीदने के लिए ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे जमा करवाने जरूरी है जिसके लिए हमें ट्रेडिंग अकाउंट के साथ अपना एक बैंक अकाउंट भी लिंक करवाना जरूरी है। क्योंकि अगर हम कभी पैसों की जरूरत हो तो हम ट्रेडिंग अकाउंट में से बैंक अकाउंट में पैसा जमा करवा सकें।

यह जरूरी नहीं है कि हम अपना कोई नया बैंक अकाउंट ही खुलवाएं बैंक में अगर हमारे पास अपना कोई पुराना खाता भी है तो हम उसको भी लिंक करवा सकते हैं। इससे हमारे शेयर का जो Dividend होगा उसके हकदार हम होंगे और उसकी राशि हमारे इसी बैंक अकाउंट में जाएगी।

स्टॉक ब्रोकर क्या होता है?

ट्रेडर या इन्वेस्टर के साथ स्टॉक एक्सचेंज को जोड़ने का काम स्टॉक ब्रोकर करता है। स्टॉक ब्रोकर हमारे स्टॉक
एक्सचेंज के बीच एक कनेक्शन का काम करता है।

Trading अकाउंट खोलने के लिए जो जरूरी डॉक्यूमेंट चाहिए होते हैं वह नीचे लिखे हैं:

मुहूर्त ट्रेडिंग का क्या मतलब है?

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दिवाली को लक्ष्मी का त्योहार माना जाता है. इसी वजह से छुट्टी होने के बावजूद इस दिन शेयर बाजार कुछ समय के लिए खुलता है.

मुहर्त ट्रेडिंग के बाद प्रार्थना की जाती है कि नया साल शेयर बाजार के लिए अच्छा रहे. इस दौरन नफे-नुकसान की चिंता किए बगैर बाजार में सौदे किये जाते हैं.

क्या होती है मुहूर्त ट्रेडिंग?
भारतीय परंपरा के अनुसार, देश के कई हिस्सों में दिवाली के साथ ही नए वित्त वर्ष की शुरुआत होती है. इस शुभ मुहूर्त पर शेयर बाजार के कारोबारी विशेष शेयर ट्रेडिंग करते हैं. इसे मुहूर्त ट्रेडिंग कहा जाता है.

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