कन्वर्शन: यदि एक निश्चित अवधि (आमतौर पर तीन महीने) के लिए सैलरी आपके सैलरी अकाउंट में जमा नहीं किया जाए, तो बैंक आपके सैलरी अकाउंट को न्यूनतम शेष राशि के साथ एक रेगुलर सेविंग्स अकाउंट में बदल देगा। वहीं अगर आपका बैंक इजाजत देता है तो आप अपने सेविंग अकाउंट को सैलरी अकाउंट में बदल सकते हैं। यह भी संभव है यदि आप अपनी नौकरी बदलते हैं, और आपके नए नियोक्ता का अपने कर्मचारियों के सैलरी अकाउंट के लिए उसी बैंक के साथ बैंकिंग संबंध है।

What is the difference between Demat and Trading Account? What is the use of both?

सैलरी अकाउंट बनाम सेविंग्स अकाउंट: अंतर क्या है?

सैलरी अकाउंट एक ऐसा अकाउंट है, जिसमें आपकी सैलरी जमा होती है। आमतौर पर बैंक निगमों और प्रमुख कंपनियों के अनुरोध पर ये अकाउंट खोलते हैं। कंपनी के प्रत्येक कर्मचारी को अपना सैलरी अकाउंट मिलता है जिसे उन्हें स्वयं संचालित करना होता है। जब कंपनी को अपने कर्मचारियों को भुगतान करने का समय आता है तो बैंक कंपनी के अकाउंट से पैसा लेता है और फिर उसी के अनुसार नियोक्ताओं को वितरित करता है।

तो, सेविंग्स अकाउंट और सैलरी अकाउंट के बीच वास्तव में क्या अंतर है?

उद्देश्य: जबकि सैलरी अकाउंट आमतौर पर नियोक्ता द्वारा कर्मचारी को सैलरी जमा करने के उद्देश्य से खोला जाता है, सेविंग्स अकाउंट बैंक के साथ पैसे रखने या सेविंग्स करने के उद्देश्य से खोला जाता है। सेविंग्स और सैलरी दोनों अकाउंट इंस्टा अकाउंट के रूप में खोले जा सकते हैं।

ट्रेडिंग अकाउंट बनाम डीमैट अकाउंट

ऑर्डर फॉर्म में प्रवेश/निकास और स्टॉपलॉस स्प्रेड को पारिभाषित करें

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मुख्य विशेषताएं

एक क्लिक विस्तार स्तर निष्पादन

न्यूनतम स्लिप के साथ प्रसार स्तर पर एक - क्लिक निष्पादन सुविधा के साथ व्यापार को बिना किसी त्रुटि के निष्पादित करें

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एक जगह में अपनी रणनीतियों को ट्रैक करने के लिए स्मार्ट रणनीति ग्रिड। व्यापार बनाम ऑर्डर, औसत प्रवेश और औसत निकास मूल्य, प्राप्त और अप्राप्त लाभ/हानि जैसे मुख्य मापदंडों के साथ व्यक्तिगत लेग के साथ साथ रणनीति को भी ट्रैक करें

शेयर बाजार में निवेश के लिये जरूरी है डीमैट खाता, जानिये इससे जुड़ी सभी अहम जानकारियां

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: September 21, 2021 16:13 IST

कैसे शुरू करें शेयर. - India TV Hindi

Photo:PTI

कैसे शुरू करें शेयर बाजार में निवेश

नई दिल्ली। शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले रजिस्टर्ड निवेशकों के संख्या आज 8 करोड़ का आंकड़ा पार कर गई है। शेयर बाजार में कारोबार को लेकर बढ़ती पारदर्शिता, बाजारों से मिलने वाले आकर्षक रिटर्न और निवेश की बेहद आसान प्रक्रिया की वजह से बाजार में निवेश करने वालों की संख्या बढ़ रही है। नये निवेशकों में बड़ी संख्या खुदरा या छोटे निवेशकों की है। हाल के ही दिनों में आईपीओ बाजार के आंकड़े भी यही संकेत दे रहे हैं कि अब खुदरा या छोटे निवेशक पहले से कही ज्यादा संख्या के साथ बाजार में जुड़ रहे हैं। अगर आपने बाजार में कदम नहीं रखा है और चाहते हैं कि आप भी निवेश का फायदा उठाये तो यहां हम ट्रेडिंग अकाउंट बनाम डीमैट अकाउंट आपको बता रहे हैं कि बाजार में निवेश की प्रक्रिया क्या है।

ट्रेडिंग अकाउंट क्या है?

यदि आप इक्विटी शेयरों को खाते में रखने के बजाय व्यापार करना चाहते हैं, तो आपको एक ट्रेडिंग खाते की आवश्यकता है।

अगर आप शेयर बाजार में लिस्टेड किसी कंपनी के शेयर खरीदना और बेचना चाहते हैं तो इसके लिए आपको एक ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत होती है।

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है?

जहां एक डीमैट खाता (Demat Account) आपके शेयरों या प्रतिभूतियों को डीमैटरियलाइज्ड तरीके से रखने वाला खाता है, वहीं दूसरी ओर, एक ट्रेडिंग खाता आपके बैंक खाते और डीमैट खाते के बीच की कड़ी है।

डीमैट खाते में शेयरों को सुरक्षित रखा जाता है, इसमें कोई लेन-देन नहीं है। ट्रेडिंग अकाउंट (Trading Account) का इस्तेमाल शेयरों की ट्रेडिंग के लिए किया जाता है।

निवेशकों को डीमैट खाते पर सालाना कुछ शुल्क (Some Annual Fee) देना पड़ता ट्रेडिंग अकाउंट बनाम डीमैट अकाउंट है। लेकिन ट्रेडिंग खाता आमतौर पर मुफ्त होता है, हालांकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि सेवा प्रदाता आपसे शुल्क लेगा या नहीं।

क्या मैं केवल डीमैट या ट्रेडिंग खाता रख सकता हूँ?

आमतौर पर डीमैट और ट्रेडिंग खाते एक साथ खोले जाते हैं। शेयरों में निवेश के लिए दोनों तरह के खाते जरूरी हैं। जब आप शेयर खरीदते हैं और उन्हें लंबे समय तक रखना चाहते हैं, तो आपको एक डीमैट खाते की आवश्यकता होती है।

दूसरी ओर, यदि आप केवल शेयरों का व्यापार करना चाहते हैं ट्रेडिंग अकाउंट बनाम डीमैट अकाउंट तो आपको एक ट्रेडिंग खाते की आवश्यकता है। यदि आप केवल इंट्राडे शेयर ट्रेडिंग, फ्यूचर ट्रेडिंग, ऑप्शंस ट्रेडिंग और करेंसी ट्रेडिंग (Intraday Share Trading, Futures Trading, Options Trading and Currency Trading) करना चाहते हैं तो आपको केवल एक डीमैट खाता चाहिए। आप चाहें तो एक दूसरे के बिना भी दोनों तरह के अकाउंट रख सकते हैं।

Demat Account से नहीं निकलता पैसा, जानिए शेयर मार्केट में इसका काम

Demat Account से नहीं निकलता पैसा, जानिए शेयर मार्केट में इसका काम

शेयर बाजार (Share Market) से हर कोई पैसा कमाना चाहता है. लेकिन बिना डीमैट अकाउंट (Demat Account) के शेयर बाजार में निवेश कर पाना संभव नहीं है. डीमैट अकाउंट में शेयर मार्केट से खरीदे गए हिस्से (Ship) की जानकारी होती है.

कई साल पहले डीमैट अकाउंट (How to Open Demat Account) खुलवाने के लिए बैंक के चक्कर काटने पड़ते थे, जिससे समय और पैसे दोनों की बर्बादी होती थी. अब डीमैट अकाउंट को खोलना बेहद आसान है. इसे घर बैठे ऑनलाइन भी खोला जा सकता है.

डीमैट अकाउंट क्यों जरूरी?

  1. डीमैट अकाउंट एक तरह का इलेक्‍ट्रॉनिक लॉकर होता है, जहां पर आप ग्राहक अपनी सिक्योरिटी रख सकते हैं.
  2. इसमें पेपर वर्क न होने के कारण बेहद कम समय में ही सिक्योरिटी को एक कस्टमर से दूसरे कस्टमर को ट्रांसफर किया जा सकता है.
  3. शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी होता है.
  4. देश के ज्यादातर बैंक जैसे SBI, ICICI, AXIS और YES बैंक ग्राहकों के लिए डीमैट अकाउंट खोलते हैं, ट्रेडिंग अकाउंट बनाम डीमैट अकाउंट जिसमें ग्राहक ट्रेड के साथ इलेक्ट्रॉनिक तरीके से शेयर अपने पास रख सकता है.

जिस तरह से बैंकों में सेविंग अकाउंट खुलता है, उसी तरह से आप डीमैट अकाउंट भी खोल सकते हैं. इसके लिए आपके पास आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ और पैन कार्ड होना जरूरी है. कई ब्रोकर बिना किसी शुल्क के डीमैट अकाउंट खोलते हैं. तकरीबन एक सप्ताह में डीमैट अकाउंट खुल जाता है.

डीमैट अकाउंट से नहीं निकालता पैसा

एक व्यक्ति एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट खोल सकता है. अपने डीमैट अकाउंट में आप किसी जानकार को ट्रेडिंग अकाउंट बनाम डीमैट अकाउंट नॉमिनेट भी कर सकते हैं. आपको बता दें कि डीमैट अकाउंट में सिर्फ सिक्योरिटी खरीदे या बेचे जा सकते हैं. सिक्योरिटी बेचने पर आपको मिलने वाला पैसा या फिर चुकाई गई रकम का ट्रांजेक्शन बैंक अकाउंट के जरिए होता है.

आप डीमैट अकाउंट में न तो पैसा जमा कर सकते हैं, न ही निकाल सकते हैं. इस अकाउंट में केवल आपके शेयर को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में रखा जाता है.

EPF अकाउंट से कब और कैसे निकाल सकते हैं पैसे? जानिए यहां

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