Published on: August 18, 2022 16:46 IST
सबसे बड़ी सरकारी कंपनियों का CPSE ETF निवेश के लिए खुला, क्या आपको इसमें पैसा लगाना चाहिए?
सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज (CPSE) का एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) निवेश के लिए खुल गया है. यह इस ईटीएफ की 7वीं ख . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : January 31, 2020, 10:04 IST
नई दिल्ली. सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज (CPSE) का एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) निवेश के लिए खुल गया है. यह इस ईटीएफ की 7वीं खेप है. इस पर एक्सपर्ट्स कहते हैं कि लॉन्ग टर्म के इक्विटी म्यूचुअल फंड में पैसा लगाने वाले इसे दूर रहें.भले ही वैल्यूएशन कम हों और डिस्काउंट की पेशकश की जा रही हो. इस तरह के फंड केंद्रित होते हैं. इसलिए इनमें ज्यादा अस्थिरता रहती है. इसमें सिर्फ 12 शेयर हैं जिनमें से चार कंपनियों कोल इंडिया, NTPC, ONGC और पावर ग्रिड का हिस्सा 79.5 फीसदी है. इसके चलते इसमें उथल-पुथल का खतरा ज्यादा है. आपको बता दें कि CPSE ETF का पहला न्यू फंड ऑफर मार्च 2014 में लॉन्च हुआ था. फिर जनवरी 2017 में इसके जरिए 13,705 करोड़ रुपये जुटाए गए थे. इसके बाद मार्च 2017 और नवंबर 2018 में इसकी पेशकश की गई थी.
आपको बता दें कि इसके पहले के ETF के जरिए सरकार ने 50 हजार करोड़ रुपये जुटाए हैं. मार्च 2014 में पेश किए गए पहले ट्रांच में 3 हजार करोड़ रुपये, जनवरी 2017 में 6 हजार करोड़ रुपये, मार्च 2017 में 2,500 करोड़ रुपये, नवंबर 2018 में 17 हजार करोड़ रुपये, मार्च 2019 में 10 हजार करोड़ रुपये और जुलाई 2019 में कुल 11,500 करोड़ रुपये जुटाया गया था.
पुराने CPSE ETF ने कितना दिया रिटर्न
पिछले एक साल में सीपीएसई ईटीएफ में 6.53 फीसदी गिरावट आई है जबकि इस दौरान BSE सेंसेक्स ने 13.72 फीसदी का रिटर्न दिया है. एक्सपर्ट्स का कहना हैं कि कम वैल्यूएशन और ऊंची डिविडेंड यील्ड वाली सेफ पीएसयू में निवेश करने के बुनियादी सिद्धांत अब भी दमदार है लेकिन पिछले CPSE ETF को लेकर इनवेस्टर्स का अनुभव अच्छा नहीं रहा है.
वैल्यूएशन के लिहाज से निफ्टी CPSE इंडेक्स में 8.76 P/E पर ट्रेड हो रहा है जबकि इसके मुकाबले निफ्टी 50 का P/E 28 चल रहा है. इसके अलावा निफ्टी CPSE की डिविडेंड यील्ड 5.32 फीसदी है. वहीं, निफ्टी 50 की डिविडेंड यील्ड 1.24 फीसदी चल रही है.
न्यूनतम निवेश 5 हजार रुपये
(1) छोटे निवेशक कम से कम 5 हजार रुपये तक का निवेश कर सकते हैं. वहीं, गैर-संस्थागत निवेशक और क्वालिफाइड संस्थापक बायर्स के लिए यह सीमा 2 लाख रुपये है. एंकर इन्वेस्टर्स के लिए न्यूनतम निवेश की सीमा 10 करोड़ रुपये है.
(2) हर CPSE ट्रांच डिस्काउंट के साथ आता है, जोकि रिटेल निवेशकों के लिए 3-5 फीसदी के करीब होता है. वर्तमान में इस सातवें ट्रांच के लिए निवेशकों को 3 फीसदी का डिस्काउंट मिलेगा.
(3) सीपीएसई ईटीएफ में 12 पब्लिक सेक्टर कंपनियां शामिल है, जिनमें अधिकतर एनर्जी और पावर सेक्टर की कंपनियां है.
(4) 23 जनवरी तक बीते एक, तीन और पांच साल में इनका कंपाउंड एन्युअल ग्रोथ रेट क्रमश: -6.36 फीसदी, -6.35 फीसदी और -2.59 फीसदी रहा है. ONGC, NTPC, कोल इंडिया, इंडियन ऑयल, REC, PFC, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑयल इंडिया, NBCC इंडिया, NLC इंडिया और SJVN जैसी कंपनियां शामिल हैं. इन कंपनियों को इंडेक्स में 20 फीसदी तक वेटेज है.
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Gold ETF बेहतर या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, निवेश से पहले ये जानकारी आएगी बहुत काम
Gold ETF बेहतर या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, निवेश से पहले ये जानकारी आएगी बहुत काम Gold ETF is better or sovereign gold bond know very useful information before investing
Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: August 18, 2022 16:46 IST
Photo:INDIA TV Gold ETF vs sovereign gold bond
Gold ETF और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को लेकर निवेशकों में हमेशा कनफ्यूजन की स्थिति होती है। एक बार फिर से RBI सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की दूसरी सीरीज 22 अगस्त से शुरू करने जा रहा है। इसमें निवेशक 26 अगस्त तक निवेश कर पाएंगे। अब सवाल उठता है कि गोल्ड ईटीएफ में निवेश करना बेहतर होगा या सॉवरेन बॉन्ड? अगर आपके मन में भी यह सवाल हैं तो हम उसका पूरा समाधान यहां दे रहे हैं।
दोनों उत्पाद में निवेश की सीमा
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड और गोल्ड ईटीएफ, दोनो में निवेशकों प्रति 1 ग्राम गोल्ड की कीमत से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं। वहीं, गोल्ड ईटीएफ में अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है। यानी आप अपनी मर्जी के अनुसार निवेश कर सकते हैं, जबकि सॉवरेन बॉन्ड में एक व्यक्ति एक वित्त वर्ष में अधिकतम 4 किलोग्राम सोने की कीमत के बराबर ही निवेश कर सकता है।
किसे खरीदना-बेचना आसान
गोल्ड ईटीएफ को आप स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर कैश ट्रेडिंग के लिए निर्धारित समय के दौरान कभी भी खरीद या बेच सकते हैं। लेकिन सॉवरे गोल्ड बॉन्ड सरकार की तरफ से आरबीआई समय-समय पर जारी करती है। ऐसे में जब चाहें इसे बेच नहीं सकते हैं। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की मैच्योरिटी पीरियड आठ वर्ष की है। लेकिन पांचवें, छठे और सातवें वर्ष में ETF की सीमाएं क्या हैं बॉन्ड को बेचने का विकल्प यानी एग्जिट ऑप्शन है। वहीं, डीमैट फॉर्म में इस बॉन्ड को लेने वाले इसे स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेडिंग आवर्स के दौरान कभी भी बेच सकते हैं। ऐसे में अगर आप वैसे निवेशक हैं जो कभी भी अपना पैसा निकालने में यकीन रखते हैं तो आपके लिए गोल्ड ईटीएफ बेहतर होगा।
डीमैट अकाउंट की जरूरत?
गोल्ड ईटीएफ के लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी है। वहीं, साॅवरेन गोल्ड बॉन्ड के लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी नहीं है। हां, अगर आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की एक्सचेंज पर ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको बॉन्ड को डीमैट फॉर्म में लेना होगा, जिसके लिए डीमैट अकाउंट का होना जरूरी है। सबस्क्रिप्शन के दौरान ही आपको सॉवरिन बॉन्ड फिजिकल फॉर्म (सर्टिफिकेट) के अतिरिक्त डीमैट फार्म में भी लेने का विकल्प मिलता है।
निवेश पर किसमें ज्यादा जोखिम
साॅवरेन गोल्ड बॉन्ड सरकार की तरफ से आरबीआई जारी करती है। इसलिए इसमें डिफॉल्ट का कोई जोखिम नहीं है। वहीं, गोल्ड ईटीएफ म्यूचुअल फंड हाउस कंपनियों द्वारा जारी किया जाता है। ऐसे में इसमें डिफॉल्ट का खतरा होता है लेकिन वह काफी कम होता है।
किस पर कितना ब्याज
साॅवरेन बॉन्ड पर 2.5 फीसदी की दर से सालाना ब्याज मिलता है। यह हर 6 महीने में देय होता है। अंतिम ब्याज मैच्योरिटी पर मूलधन के साथ दिया जाता है। ब्याज की रकम टैक्सेबल होती है। वहीं, गोल्ड ईटीएफ पर आपको कुछ भी ब्याज नहीं मिलता। यानी आप ब्याज से इनकम चाहते हैं और सोने की बढ़ी कीमत का लाभ तो सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड एक बेहतर उत्पाद है।
ब्रोकरेज चार्ज
गोल्ड ईटीएफ मैनेज करने के एवज में म्यूचुअल फंड हाउस निवेशक से टोटल एक्सपेंस रेश्यो (टीईआर) चार्ज वसूलते हैं। जब भी आप यूनिट खरीदते या बेचते हो ब्रोकर को ब्रोकरेज चार्ज देना होता है। जबकि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में इस तरह का कोई अतिरिक्त एक्सपेंस नहीं है। हां, अगर आप सॉवरिन बॉन्ड को एक्सचेंज पर खरीदोगे या बेचोगे तो आपको ब्रोकरेज चार्ज देना होगा। जरूरत पड़ने पर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के एवज में बैंक से लोन भी लिया जा सकता है। वहीं, गोल्ड ईटीएफ पर यह सुविधा नहीं है।
टैक्स का बोझ
अगर सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड को मैच्योरिटी के बाद रिडीम करते हैं तो आपको रिटर्न पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। लेकिन गोल्ड ईटीएफ पर इस तरह का टैक्स बेनिफिट नहीं है। गोल्ड ईटीएफ पर टैक्स डेट फंड की तरह लगता है। अगर तरलता की बात करें तो गोल्ड ईटीएफ को स्टॉक एक्सचेंज पर कभी भी खरीदा बेचा जा सकता है। मतलब लिक्विडिटी की समस्या यहां नहीं है। लेकिन सॉवरेन बॉन्ड को कम से कम 5 साल के बाद ही रिडीम किया जा सकता है। लेकिन मैच्योरिटी से पहले रिडीम करने पर टैक्स बेनिफिट से हाथ धोना पड़ेगा।
Nifty 50 ETF : कम निवेश पर ज्यादा रिटर्न का मौका, पैसा डूबने का जोखिम भी कम
Investment : सीधे शेयरों में निवेश के लिए कंपनी की वित्तीय स्थिति, उसकी व्यावसायिक संभावनाएं, ETF की सीमाएं क्या हैं वैल्यूएशन, उद्योग की गतिशीलता, बाजार की स्थितियां आदि समझने की जरूरत होती है.
Nifty 50 ETF : इक्विटी की समझ नहीं रखने वाले लोग अक्सर निवेश के सही मौके की तलाश में रहते हैं. इक्विटी में लंबी अवधि में महंगाई को पछाड़ने की संभावना रहती है, इस कारण लोग इसकी ओर ज्यादा आकर्षित होते हैं. इसके अलावा इक्विटी में भविष्य की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने की क्षमता भी होती है. फिर चाहे निवेश Mutual Fund के जरिये किया गया हो या Direct Stock में या फिर दोनों के मिले-जुले माध्यम से, लेकिन इक्विटी में नए निवेशकों के लिए सीधे शेयरों के साथ शुरुआत करने में सही कंपनी पर निर्णय लेना कठिन होता है.
सीधे शेयरों में निवेश के लिए कंपनी की वित्तीय स्थिति, उसकी व्यावसायिक संभावनाएं, वैल्यूएशन, उद्योग की गतिशीलता, बाजार की स्थितियां आदि समझने की जरूरत होती है. ऐसे निवेशकों के लिए निफ्टी 50 ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) निवेश के लिए सबसे आसान तरीका है. ईटीएफ एक विशिष्ट सूचकांक को ट्रैक करता है, जिससे एक्सचेंजों पर स्टाक की तरह कारोबार किया जाता है. ईटीएफ म्यूचुअल फंड हाउस की ओर से पेश किए जाते हैं.
कम निवेश से कर सकते हैं शुरुआत
निफ्टी 50 ईटीएफ की खास बात यह है कि बहुत कम राशि से भी इसकी शुरुआत की जा सकती है. ईटीएफ की एक यूनिट को आप कुछ सौ रुपये में खरीद सकते हैं. उदाहरण के लिए- आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल निफ्टी 50 ईटीएफ एनएसई पर 185 रुपये की कीमत पर ट्रेड करता है. इस प्रकार आप 500-1000 रुपये तक का निवेश कर सकते हैं और एक्सचेंज से निफ्टी 50 ईटीएफ की इकाइयां खरीद सकते हैं.
आप हर महीने व्यवस्थित निवेश भी कर सकते हैं. ऐसा करने से आप बाजार के सभी स्तरों पर खरीदारी करेंगे और आपके निवेश की लागत औसत होगी. आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल निफ्टी 50 ईटीएफ का ट्रैकिंग एरर, जो किसी अंतर्निहित इंडेक्स से फंड रिटर्न के विचलन (deviation) का एक पैमाना है – 0.03% है, जो निफ्टी 50 ईटीएफ यूनिवर्स में सबसे कम है. सीधे शब्दों में कहें तो यह संख्या जितनी कम होती है, उतना ही बेहतर रहता है.
बड़ी कंपनियों में होता है निवेश
निफ्टी 50 इंडेक्स में बाजार पूंजीकरण (market capitalization) के मामले में सबसे बड़ी भारतीय कंपनियां शामिल हैं. इसलिए निफ्टी 50 ईटीएफ में निवेश एक निवेशक के लिए शेयरों और सेक्टर्स में उम्दा विविधीकरण (excellent diversification) प्रदान करता है. यह सूचकांक की राह पर चलता है. आप बाजार समय के दौरान एक्सचेंजों से ईटीएफ के यूनिट्स खरीद और बेच सकते हैं. ऐसे में निफ्टी 50 ईटीएफ पहली बार स्टाक निवेशकों के लिए और सामान्य रूप से अपनी इक्विटी यात्रा शुरू करने वालों के लिए एक शुरुआती बिंदु में से एक है.
जोखिम को कम करती है पोर्टफोलियो विविधता
एक विविध पोर्टफोलियो (diversified portfolio) किसी निवेशक के लिए जोखिम को कम करता है. किसी स्टाक में निवेश करने के मामले में ऐसा नहीं होता है, क्योंकि यहां बाजार में आने वाला उतार-चढ़ाव कंपनियों के एक बास्केट की तुलना में किसी एक स्टाक की कीमत को अधिक प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकता है. निफ्टी 50 ईटीएफ में निवेश से मिलने वाला रिटर्न अंतर्निहित सूचकांक (underlying index) में उतार-चढ़ाव की नकल करेगा. केवल ईटीएफ में निवेश करने के लिए आपको एक डीमैट खाते की आवश्यकता पड़ती है. जिनके पास डीमैट खाता नहीं है, वे निफ्टी 50 इंडेक्स फंड में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं.
सस्ता होता है निवेश
निफ्टी 50 ईटीएफ में निवेश अपेक्षाकृत सस्ता पड़ता है. चूंकि ईटीएफ निफ्टी 50 इंडेक्स को निष्क्रिय रूप से (passively) ट्रैक करता है और इंडेक्स घटकों (constituents) में सीमित या कोई मंथन नहीं होता है, इसलिए लागत कम होती है. खर्च अनुपात या दूसरे शब्दों में, जो फंड चार्ज करते हैं, वह सिर्फ 2 से 5 आधार अंक (0.02-0.05%) है. एक आधार अंक प्रतिशत का सौवां हिस्सा होता है.
कम जोखिम में वर्षों तक बाजार समझने का मौका
निफ्टी 50 ईटीएफ में निवेश करके आप बहुत अधिक जोखिम उठाए बिना वर्षों तक बाजार की गतिशीलता ( market dynamics) को समझना शुरू कर सकते हैं. जब आप बाजारों को चलाने वाले विभिन्न कारकों से खुद से परिचय कराते हैं तो आप अपनी जोखिम लेने की क्षमता (risk appetite), लक्ष्य, समय सीमा और निवेश करने योग्य सरप्लस के आधार पर छोटे और मिडकैप शेयरों या म्यूचुअल फंड का पता लगा सकते हैं. इस प्रकार आप निफ्टी-50 ईटीएफ के जरिये बाजार में निवेश की यात्रा शुरू कर सकते हैं.
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English News Headline : Nifty 50 ETF Opportunity for higher returns on less investment.
Nifty 50 ETF: नए निवेशकों के लिए बेहतर है 'निफ्टी 50 ईटीएफ', शेयर बाजार में पहली बार निवेश की पूरी जानकारी
लोग इक्विटी की ओर आमतौर पर इसलिए आकर्षित होते हैं, क्योंकि इसमें लंबी अवधि में ETF की सीमाएं क्या हैं महंगाई को पछाड़ने की संभावना होती है। हमारे सभी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए इक्विटी एक्सपोजर अच्छा होता है। शेयर बाजार में पहली बार निवेश करने वालों के लिए जानकारी भरी अजीत सिंह की यह रिपोर्ट.
अगर आप इक्विटी में नए हैं और सीधे शेयरों के साथ निवेश की शुरुआत करना चाहते हैं, तो सही शेयर में निवेश का निर्णय लेना आसान नहीं है। इससे पहले आपको कंपनी की वित्तीय स्थिति, उसकी कारोबारी संभावनाओं, मूल्यांकन, उद्योग की गतिशीलता, बाजार की स्थितियों आदि को समझने की जरूरत है। यहीं पर निफ्टी 50 ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) सामने आता है।
ईटीएफ एक विशिष्ट इंडेक्स को ट्रैक करता है। इससे एक्सचेंजों पर स्टॉक की तरह कारोबार किया जाता है, लेकिन इसे म्यूचुअल फंड हाउस द्वारा ऑफर किया जाता है। आप बाजार समय के दौरान एक्सचेंजों से ईटीएफ की यूनिट्स खरीद और बेच सकते हैं। इस संबंध में निफ्टी 50 ईटीएफ पहली बार स्टॉक निवेशकों के लिए और सामान्य रूप से अपनी इक्विटी यात्रा शुरू करने वालों के लिए एक शुरुआती प्वॉइंट में से एक है।
50 ब्लूचिप शेयरों के विविधीकरण में निवेश
निफ्टी 50 इंडेक्स में बाजार पूंजीकरण में सबसे बड़ी भारतीय कंपनियां शामिल हैं। इसलिए, निफ्टी 50 ईटीएफ निवेशक के लिए शेयरों और सेक्टर्स में उम्दा विविधीकरण प्रदान करता है।
एक विविध पोर्टफोलियो निवेशक के लिए जोखिम को कम करता है, जो कि स्टॉक में निवेश करने के मामले में नहीं होता है। ईटीएफ में ETF की सीमाएं क्या हैं निवेश करने के लिए डीमैट खाते की जरूरत पड़ती है। जिनके पास डीमैट खाता नहीं है वे निफ्टी 50 इंडेक्स फंड में निवेश कर सकते हैं।
आप चाहें तो इसमें एसआईपी के जरिये भी निवेश कर सकते हैं। ऐसा करने से आप बाजार के सभी स्तरों पर खरीदारी कर सकेंगे और इससे निवेश की लागत औसत होती जाएगी।
अगर आप निवेशक हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार ETF की सीमाएं क्या हैं की संभावना में विश्वास करते हैं तो निफ्टी 50 ईटीएफ निवेश के लिए बेहतर आइडिया है। आपके निवेश पर इसमें सबसे कम खर्च या चार्ज लगता है।
-चिंतन हरिया, प्रोडक्ट डेवलपमेंट प्रमुख, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी
ईटीएफ में निवेश की लागत बहुत कम है
निफ्टी 50 ईटीएफ में निवेश सस्ता पड़ता है। चूंकि ईटीएफ निफ्टी 50 इंडेक्स को निष्क्रिय रूप से ट्रैक करता है और इंडेक्स घटकों में सीमित या कोई मंथन नहीं होता है, इसलिए लागत कम होती है। खर्च का अनुपात या दूसरे शब्दों में, जो फंड चार्ज करते हैं, वह सिर्फ 2 से 5 आधार अंक (0.02-0.05%) है। इक्विटी और स्टॉक में एक नौसिखिया निवेशक के रूप में आपको कुछ कंपनियों के शेयरों की कीमतें काफी महंगी लग सकती हैं।
निफ्टी बास्केट के भीतर ऐसे स्टॉक हैं जो 15,000 रुपये से 30,000 रुपये प्रति शेयर के बीच कहीं भी ट्रेड करते हैं। नए निवेशकों के लिए, विशेष रूप से उनके करियर के शुरुआती चरण में सीमित मासिक या समय-समय पर यह राशि बहुत बड़ी और पहुंच से बाहर हो सकती है।
जोखिम की क्षमता कम होती है
निफ्टी 50 ईटीएफ में निवेश करके अधिक जोखिम उठाए बिना वर्षों तक बाजार की गतिशीलता को समझना शुरू कर सकते ETF की सीमाएं क्या हैं हैं। साथ ही बाजारों को चलाने वाले विभिन्न कारकों से खुद से परिचय कराते हैं। जोखिम लेने की क्षमता, लक्ष्य, समय सीमा और निवेश करने योग्य सरप्लस के आधार पर छोटे और मिडकैप ETF की सीमाएं क्या हैं शेयरों या म्यूचुअल फंड का पता लगा सकते हैं।
ऐसे निवेशकों के लिए निफ्टी 50 ईटीएफ बहुत कम राशि में भी एक्सपोजर देगा। ईटीएफ की एक यूनिट को आप कुछ सौ रुपये में खरीद सकते हैं। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल निफ्टी 50 ईटीएफ एनएसई पर 185 रुपये की कीमत पर ट्रेड करता है। आप 500-1000 रुपये तक का निवेश कर सकते हैं और एक्सचेंज से निफ्टी 50 ईटीएफ यूनिट्स खरीद सकते हैं।
विस्तार
अगर आप इक्विटी में नए हैं और सीधे शेयरों के साथ निवेश की शुरुआत करना चाहते हैं, तो सही शेयर में निवेश का निर्णय लेना आसान नहीं है। इससे पहले आपको कंपनी की वित्तीय स्थिति, उसकी कारोबारी संभावनाओं, मूल्यांकन, उद्योग की गतिशीलता, बाजार की स्थितियों आदि को समझने की जरूरत है। यहीं पर निफ्टी 50 ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) सामने आता है।
ईटीएफ एक विशिष्ट इंडेक्स को ट्रैक करता है। इससे एक्सचेंजों पर स्टॉक की तरह कारोबार किया जाता है, लेकिन इसे म्यूचुअल फंड हाउस द्वारा ऑफर किया जाता है। आप बाजार समय के दौरान एक्सचेंजों से ईटीएफ की यूनिट्स खरीद और बेच सकते हैं। इस संबंध में निफ्टी 50 ईटीएफ पहली बार स्टॉक निवेशकों के लिए और सामान्य रूप से अपनी इक्विटी यात्रा शुरू करने वालों के लिए एक शुरुआती प्वॉइंट में से एक है।
50 ब्लूचिप शेयरों के विविधीकरण में निवेश
निफ्टी 50 इंडेक्स में बाजार पूंजीकरण में सबसे बड़ी भारतीय कंपनियां शामिल हैं। इसलिए, निफ्टी 50 ईटीएफ निवेशक के लिए शेयरों और सेक्टर्स में उम्दा विविधीकरण प्रदान करता है।
एक विविध पोर्टफोलियो निवेशक के लिए जोखिम को कम करता है, जो कि स्टॉक में निवेश करने के मामले में नहीं होता है। ईटीएफ में निवेश करने के लिए डीमैट खाते की जरूरत पड़ती है। जिनके पास डीमैट खाता नहीं है वे निफ्टी 50 इंडेक्स फंड में निवेश कर सकते हैं।
आप चाहें तो इसमें एसआईपी के जरिये भी निवेश कर सकते हैं। ऐसा करने से आप बाजार के सभी स्तरों पर खरीदारी कर सकेंगे और इससे निवेश की लागत औसत होती जाएगी।
अगर आप निवेशक हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार की संभावना में विश्वास करते हैं तो निफ्टी 50 ईटीएफ निवेश के लिए बेहतर आइडिया है। आपके निवेश पर इसमें सबसे कम खर्च या चार्ज लगता है।
-चिंतन हरिया, प्रोडक्ट डेवलपमेंट प्रमुख, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी
ईटीएफ में निवेश की लागत बहुत कम है
निफ्टी 50 ईटीएफ में निवेश सस्ता पड़ता है। चूंकि ईटीएफ निफ्टी 50 इंडेक्स को निष्क्रिय रूप से ट्रैक करता है और इंडेक्स घटकों में सीमित या कोई ETF की सीमाएं क्या हैं मंथन नहीं होता है, इसलिए लागत कम होती है। खर्च का अनुपात या दूसरे शब्दों में, जो फंड चार्ज करते हैं, वह सिर्फ 2 से 5 आधार अंक (0.02-0.05%) है। इक्विटी और स्टॉक में एक नौसिखिया निवेशक के रूप में आपको कुछ कंपनियों के शेयरों की कीमतें काफी महंगी लग सकती हैं।
निफ्टी बास्केट के भीतर ऐसे स्टॉक हैं जो 15,000 रुपये से 30,000 रुपये प्रति शेयर के बीच कहीं भी ट्रेड करते हैं। नए निवेशकों के लिए, विशेष रूप से उनके करियर के शुरुआती चरण में सीमित मासिक या समय-समय पर यह राशि बहुत बड़ी और पहुंच से बाहर हो सकती है।
जोखिम की क्षमता कम होती है
निफ्टी 50 ईटीएफ में निवेश करके अधिक जोखिम उठाए बिना वर्षों तक बाजार की गतिशीलता को समझना शुरू कर सकते हैं। साथ ही बाजारों को चलाने वाले विभिन्न कारकों से खुद से परिचय कराते हैं। जोखिम लेने की क्षमता, लक्ष्य, समय सीमा और निवेश करने योग्य सरप्लस के आधार पर छोटे और मिडकैप शेयरों या म्यूचुअल फंड का पता लगा सकते हैं।
ऐसे निवेशकों के लिए निफ्टी 50 ईटीएफ बहुत कम राशि में भी एक्सपोजर देगा। ईटीएफ की एक यूनिट को आप कुछ सौ रुपये में खरीद सकते हैं। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल निफ्टी 50 ईटीएफ एनएसई पर 185 रुपये की कीमत पर ट्रेड करता है। आप 500-1000 रुपये तक का निवेश कर सकते हैं और एक्सचेंज से निफ्टी 50 ईटीएफ यूनिट्स खरीद सकते हैं।
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