अगर आपको गोल्ड बॉन्ड में निवेश करना महंगा लग रहा है तो आप ऑनलाइन गोल्ड ईटीएफ (Gold आपको ETF में निवेश क्यों करना चाहिए ETF) में निवेश कर सकते हैं. इसके लिए आपके पास डीमैट अकाउंट होना चाहिए. गोल्ड ईटीएफ या म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश करने का फायदा यह है कि आप इनकी बड़ी आसानी से ऑनलाइन खरीद-बिक्री कर सकते हैं.
एग्जिट लोड क्या होता है?
म्यूचुअल फंड एग्जिट लोड एक शुल्क है जो म्यूचुअल फंड हाउस द्वारा लगाया जाता है यदि निवेशक किसी योजना से आंशिक रूप से या पूरी तरह से, निवेश की तारीख से एक निश्चित अवधि के भीतर बाहर निकलते हैं, जैसा कि योजना सूचना दस्तावेज में निर्दिष्ट है। कुछ योजनाएं कोई निकास शुल्क नहीं लेती हैं।
म्यूचुअल फंड निवेशकों को एक निश्चित समय अवधि से पहले रिडीम करने से हतोत्साहित करने के लिए एग्जिट लोड लेते हैं।
यह योजना में सभी निवेशकों के वित्तीय हितों की रक्षा के लिए किया जाता है, विशेष रूप से जो निवेशित रहते हैं। अलग-अलग म्यूचुअल फंड हाउस अलग-अलग स्कीमों के लिए एग्जिट लोड के तौर पर अलग-अलग फीस लेते हैं। अगर आप छोटी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं तो आपको स्कीम के एग्जिट लोड स्ट्रक्चर को समझना चाहिए ताकि आप सोच-समझकर निवेश के फैसले ले सकें।
एग्जिट लोड कैलकुलेट करने का सूत्र।
किसी योजना की एक्जिट लोड स्ट्रक्चर दो मापदंडों को निर्दिष्ट करती है – लागू एनएवी (NAV) पर एप्लीकेबल अमाउंट के प्रतिशत के रूप में ली जाने वाली म्यूचुअल फंड फीस आपको ETF में निवेश क्यों करना चाहिए और एक्जिट लोड अवधि (खरीद की तारीख से अवधि)।
मान लीजिए कि कोई योजना खरीद की तारीख से 365 दिनों के भीतर रिडीम करने के लिए 1% एक्जिट लोड लेती है।
उदाहरण के लिए, आप अपनी खरीद आपको ETF में निवेश क्यों करना चाहिए की तारीख के 4 महीने बाद किसी योजना की 500 इकाइयों को भुनाते हैं। मान लें कि एनएवी (NAV) आपको ETF में निवेश क्यों करना चाहिए 100 रुपये है।
एक्जिट लोड = 1% X 500 (इकाइयों की संख्या) X 100 (एनएवी) = 500 रुपये होगा।
यह राशि आपके बैंक खाते में जमा होने वाली रिडेम्पशन आय से काट ली जाएगी। . तो इसके लिए आपके बैंक खाते में मिलने वाली मोचन राशि 49,500 रुपये होगी (यूनिट 500 X एनएवी 100 रुपये) – 500 रुपये एक्जिट लोड = 49,500 रुपये।
विभिन्न प्रकार के म्यूच्यूअल फण्ड पर एक्जिट लोड।
म्यूचुअल फंड विभिन्न इक्विटी, डेट आपको ETF में निवेश क्यों करना चाहिए फंडों और हाइब्रिड पर एग्जिट लोड चार्ज करते हैं। हालांकि, कुछ प्रकार के डेट फंड, जैसे ओवरनाइट फंड और अधिकांश अल्ट्रा-शॉर्ट ड्यूरेशन फंड म्यूचुअल फंड से बाहर निकलने का भार नहीं लेते हैं। डेट फंडों में, ओवरनाइट और अल्ट्रा-शॉर्ट ड्यूरेशन फंडों के अलावा, कुछ विशेष प्रकार के डेट फंडों जैसे बैंकिंग और पीएसयू फंड, गिल्ट फंड आदि में कई योजनाएं कोई एक्जिट लोड नहीं लेती हैं। डेट फंड जो एक एक्रुअल आधारित निवेश रणनीति का पालन करते हैं, आमतौर पर उच्च एग्जिट लोड लेते हैं क्योंकि वे चाहते हैं कि निवेशक ब्याज दर जोखिम को कम करने के लिए सिक्योरिटीज मेचियौर होने तक निवेशित रहें।
म्यूचुअल फंड आमतौर पर डेट फंड की तुलना में इक्विटी फंड में अधिक एग्जिट लोड लेते हैं क्योंकि इक्विटी फंड लंबी अवधि के निवेश कार्यकाल के लिए होते हैं। ज्यादातर सक्रिय रूप से मैनेज्ड इक्विटी फंड एग्जिट लोड चार्ज करते हैं। हालांकि, कई इंडेक्स फंड कोई एक्जिट लोड नहीं लेते हैं। अगर आप इक्विटी फंड में निवेश करना चाहते हैं और एग्जिट लोड से बचना चाहते हैं, तो आप एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) में भी निवेश कर सकते हैं, जो कोई एक्जिट लोड नहीं लेते हैं।
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सोने की शब्दावली
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प्राचीन इजिप्ट में गोल्ड को ईश्वर की त्वचा माना जाता था जैसे इजिप्शियन सन गॉड रा के लिए। यही कारण था कि गोल्ड केवल राजा, पुजारी और रॉयल कोर्ट के अन्य लोगों के लिये ही उपलब्ध था।
Mutual Fund SIP: लगातार बढ़ रहा म्यूचुअल फंड एसआईपी का दायरा, 13306 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड निवेश
Mutual Fund SIP म्यूचुअल फंड फोलियो पिछले तीन महीनों से सर्वकालिक उच्च स्तर को छू रहे हैं। ये 13.97 लाख करोड़ के नए उच्च स्तर पर पहुंच गए है। खुदरा म्यूचुअल फोलियो भी 11.17 लाख करोड़ के आपको ETF में निवेश क्यों करना चाहिए रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गए।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Mutual Fund SIP: म्युचुअल फंड में व्यवस्थित निवेश योजनाओं या एसआईपी के माध्यम से प्रवाह नवंबर में बढ़कर 13,306 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। यह निवेशकों की बढ़ती परिपक्वता और विश्वास को दर्शाता है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों से पता चलता है कि इक्विटी म्युचुअल फंड योजनाओं में प्रवाह पिछले महीने के 9,390 करोड़ रुपये से नवंबर में 76 प्रतिशत घटकर 2,258 करोड़ रुपये रह गया।
लगातार बढ़ रहा एसआईपी का दायरा
चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों में कुल प्रवाह 87,275 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। यह 2021-22 वित्तीय वर्ष में 1.24 लाख करोड़ रुपये से अधिक की आमद के बाद आया है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार विजयकुमार ने कहा कि भारतीय इक्विटी बाजार में एक हेल्दी ट्रेंड के रूप में एसआईपी में लगातार वृद्धि हो रही है। इसने नवंबर में 13,307 करोड़ रुपये के नए रिकॉर्ड को छू लिया है।एसआईपी खुदरा निवेशकों के लिए निवेश का सबसे सफल तरीका है।
एसआईपी में वृद्धि से पता चलता है कि भारतीय इक्विटी निवेशक परिपक्व हो रहे हैं। एसआईपी निवेशकों को अपने निवेश को बंद नहीं करना चाहिए, तब भी नहीं जबकि बाजार में गिरावट हो। एलकेपी सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख एस रंगनाथन ने कहा कि विदेशी निवेशक मुनाफावसूली कर रहे हैं लेकिन एसआईपी के माध्यम से आने वाला पूंजी प्रवाह अब तक के सर्वोच्च स्तर पर है। इससे पता चलता है कि घरेलू निवेशकों परिपक्वत हो रहे है और निवेश के लिए उनका आत्मविश्वास बढ़ रहा है।
27 लाख एसआईपी खाते
म्युचुअल फंड्स ने नवंबर के दौरान 11.27 लाख एसआईपी खाते जोड़े, जिससे कुल मिलाकर इनकी संख्या लगभग 6.04 करोड़ हो गई।
एसआईपी, म्यूचुअल फंड के जरिए की जाने वाली एक निवेश पद्धति है, जिसमें एक व्यक्ति एकमुश्त निवेश करने के बजाय, निश्चित अंतराल पर एक तय रकम का निवेश कर सकता है। महीने में एक बार ही एसआईपी की किस्त काटी जाती है। इसमें 500 रुपये प्रतिमाह तक के निवेश से शुरू किया जा सकता है।
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि म्यूचुअल फंड उद्योग ने नवंबर में 13,263 करोड़ रुपये का शुद्ध प्रवाह दर्ज किया, जो पिछले महीने के 14,045 करोड़ रुपये से थोड़ा ही कम है। बाजार में तेज उतार-चढ़ाव के बीच म्यूचुअल फंड उद्योग ने अच्छा प्रदर्शन करना जारी रखा है। खुदरा योजनाओं से निकासी हुई है, क्योंकि लोग मुनाफे को भुना रहे हैं।
इस दिवाली सोना खरीदने की सोच रहे हैं आप, वो भी ज्वेलरी, क्यों? फायदे वाले ये 3 विकल्प!
- नई दिल्ली,
- 21 अक्टूबर आपको ETF में निवेश क्यों करना चाहिए 2021,
- (अपडेटेड 21 अक्टूबर 2021, 4:55 PM IST)
- सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में कर सकते हैं निवेश
- बेहतर रिटर्न के लिए गोल्ड म्यूचुअल फंड में निवेश
- डिजिटली गोल्ड में निवेश पर ज्यादा रिटर्न संभव
फेस्टिव सीजन के दौरान लोग सोने में निवेश करते हैं. क्योंकि सोने में निवेश को शुभ माना जाता है. अगर आप भी इस त्योहारी सीजन में सोना खरीदने की सोच रहे हैं तो फिर उससे पहले एक आपको ETF में निवेश क्यों करना चाहिए बार नफा-नुकसान का आंकलन जरूर कर लें. क्योंकि अगर आप निवेश के नजिरिये से सोना खरीदना चाह रहे हैं तो ये जरूरी नहीं है कि ज्वेलरी ही खरीदें.
1)गोल्ड ईटीएफ में निवेश करें
अगर आप स्टॉक एक्सचेंज की अच्छी समझ रखते हैं तो गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने का फायदा आपको बेहतर तरीके से मिल सकता है। आपको बता दें कि डी मैटेरियलिज्ड फॉर्म में सोने में निवेश करने की सुविधा इसमें मिलती है। इसका मतलब यह है कि आप इसे स्टॉक एक्सचेंज में खरीद और बेच सकते हैं।
आपको बता दें कि इसकी कीमत के बारे में आप अपडेट पा सकते हैं। आपको बता दें कि पेपर गोल्ड में निवेश करने का यह सबसे अच्छा तरीका माना जाता है क्योंकि यह कॉस्ट इफेक्टिव होता है। गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने के लिए डिमैट और ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट खोल सकते हैं।
2)सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में रखें सोना
आपको बता दें कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड यानी एसजीबी एक सरकारी सिक्योरिटी होती है। इसमें निवेश करने वाले को इश्यू प्राइस का भुगतान कैश में करना होता है और जब बांड मैच्योरिटी होती है तो निवेशक को रिडीम करने में आसानी होती है। अगर आप लगभग 10 सालों के लिए निवेश करना चाहते हैं तो यह सुरक्षित तरीका माना जाता है।
आपको बता दें कि फिजिकल गोल्ड रखने का यह एक बहुत अच्छा ऑप्शन होता है। आपको बता दें कि आरबीआई ने जब सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की नई सीरीज शुरू की थी तो इसमें कम से कम 5147 रुपये प्रति एक ग्राम का निवेश किया जा सकता है।
साथ ही अगर आप चाहें तो डिजिटल फॉर्म में भी निवेश कर सकते हैं। आपको बता दें कि इसमें ऑनलाइन खरीदारी पर 50 रुपये की छूट भी मिलती है। इसमें अधिकतम सीमा 4 किलो सोना रखने की रखी गई है।
3)गोल्ड फंड ऑफ फंड्स में निवेश
अगर आप एफओएफ यानी गोल्ड फंड ऑफ फंड्स करते हैं तो आपको बता दें कि इसमें आपको सेफ्टी और सिक्योरिटी के साथ- साथ बेस्ट रिटर्न भी मिलता है। साथ ही इसे सोने में निवेश करने के लिए काफी बेहतर ऑप्शन माना जाता है। आपको अगर ज्यादा समय के लिए निवेश करना है तो इसके अलावा आपको ईटीएफ में निवेश करना चाहिए।
इन सभी तरह से आप इस बार धनतेरस पर सोने में निवेश करके भविष्य में कई तरह के फायदे उठा सकते हैं।
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