मार्जिन ट्रेडिंग - margin trading

विदेशी मुद्रा बाजार सबसे बड़ा विकेन्द्रीकृत बाजार जहां अरबों डॉलर के लिए दैनिक लेनदेन की मात्रा बराबर होती है। इंटरबैंक बाजार में लेन-देन की न्यूनतम मात्रा बहुत अधिक है और विश्वासपूर्वक छोटे का मतलब है मालिक निजी निवेशकों के लिए पहुँच योग्य नहीं है। व्यक्तिगत निवेशकों के व्यापार मार्जिन के कारण विभिन्न मुद्रा जोड़े के साथ ऑनलाइन लेनदेन करने के लिए एक मौका पास है।

मार्जिन ट्रेडिंग क्या है

तो क्या मार्जिन ट्रेडिंग है? यह निवेशक के फंड के स्तर जो की मात्रा से अधिक है बस लेन देन है। प्रक्रिया निम्नलिखित है: ग्राहक धन $100 केवल, उदाहरण के लिए किया जा सकता है

कि निवेश और ऋण (उत्तोलन) ब्रोकरेज कंपनी है जो उसे बड़े खंडों का लेन-देन निष्पादित करने के लिए और उच्च मुनाफा बनाने के लिए सक्षम बनाता है से प्राप्त करता है। एक का लाभ उठाने लेने के बिना व्यापारी या तो अतिरिक्त धन का निवेश या बस छोटी मात्रा के साथ व्यापार करने के लिए होगा।

परिभाषा मार्जिन ट्रेडिंग, काफी सरल है। शब्द "मार्जिन" आम तौर पर निश्चित मात्रा के पदों को खोलने के लिए ग्राहक की जमा से प्रतिज्ञा है कि दलाल अस्थायी रूप से धारण करने के लिए संदर्भित किया जाता है।

मार्जिन जमा है कि क्रेडिट (उत्तोलन) की एक निश्चित राशि प्राप्त करने के लिए एक आवश्यक पूर्व शर्त है कभी कभी कहा जाता है। मार्जिन पर ट्रेडिंग खोलने और एक व्यापार की स्थिति बंद दो विपरीत लेन-देन के लगातार प्रदर्शन का अर्थ विदेशी मुद्रा बाजार व्यापारियों रहे हैं वास्तव में खरीद नहीं मुद्राओं, वे सिर्फ वे कयासबाजी कर रहे हैं जिस पर दर में अंतर, रुचि रखते हैं और या तो एक लाभ या नुकसान में यह परिणामा मार्जिन ट्रेडिंग उदाहरण

एक बेहतर समझने के लिए हमें एक उदाहरण लाने कैसे सभी यह लेता दो जगह.

हमें लगता है कि आप 10.000 वॉल्यूम के साथ EURUSD मुद्रा जोड़ी के साथ एक स्थिति खोलने का फैसला किया है। बाजार में मौजूदा कीमत 1.09111.0912 है।

इसका मतलब यह है कि तुम लगभग $11.000 ऐसी स्थिति खोलने के लिए है करने के लिए की जरूरत है। मार्जिन ट्रेडिंग के कारण तुम सिर्फ $200 की राजधानी है, 1: 100 उत्तोलन विदेशी मुद्रा ले और खोल सकते हैं सोशल ट्रेडिंग क्या है? क्योंकि आप इस मामले में अपने ट्रेडिंग खाते पर $20,000 संतुलन की कुल होगा इस स्थिति। मार्जिन ट्रेडिंग की अनुमति देता है अपनी दिशा की परवाह किए बिना बाजार पर अटकलें के बाद से आप स्थिति दोनों लंबी और छोटी, खोल सकते हैं।

उदाहरण ऊपर लाया से यह कैसे व्यापार मार्जिन ट्रेडिंग की प्रमुख विशेषता है जो में विदेशी मुद्रा का लाभ उठाने के कारण हर किसी के लिए आसान है और उपलब्ध हो जाता है स्पष्ट हो जाता है।

का लाभ उठाने के दलाल के क्रेडिट का आकार करने के लिए ग्राहक की धन के अनुपात के रूप में परिभाषित किया गया है। यह चालाकी का उपयोग करके यह सकारात्मक व्यापार परिणाम पर, और प्रतिकूल प्रभावित कर सकते हैं। यह कभी के बाद से बाजार एक अलग दिशा में चला जाता है के मामले में यह एक क्षण में पूरे धन खोने में परिणाम हो सकता है एक एकल खाता खोलने में पूरे संतुलन का उपयोग करने के लिए अनुशंसा की जाती है।

शेयर क्या है और शेयर बाजार क्या है के शब्दों के प्रयोग से Google पर शेयर व शेयर बाजार के बारे में जानना चाहते हैं और हम भारतीय करोड़पति बनने का सपना देखते हैं !

यह तो जानते हैं कमाने के बहुत सारे तरीके हैं उनमें से शेयर भी एक बहुत अच्छा विकल्प हो सकता है! आपको सबसे पहले शेयर क्या होता है यह बताऊंगा उसके बाद शेयर बाजार क्या होता है!

शेयर क्या है, आसान शब्दों में कह दूं कि कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने जैसा है! शेयर अंग्रेजी का शब्द है जिसका मतलब हिस्सा होता है और इसे कुछ लोग स्टॉक भी कहते हैं! हर कंपनी को शुरू करने के लिए बड़ी धन की आवश्यकता होती है ! उसके लिए कंपनी बैंकों से कर्ज नहीं लेकर उसकी जगह मार्केट में शेयर जारी करता है! अगर किसी कंपनी ने अपने 100 शेयरों को मार्केट में जारी करता है और आप उनमें से 10 शेयरों को खरीद लेते हैं।

! इसका सीधा मतलब यह हुआ कि कंपनी का 10% हिस्सेदारी आपके पास आ गया ! कंपनी द्वारा कमाया गया कुल मुनाफे और घाटे में आपकी 10% का हिस्सेदारी रहेगा !

अगर कंपनी 100 कमाता है तो उसमें से आप का हिस्सा 10 का होगा और इस तरह सोशल ट्रेडिंग क्या है? से आप के शेयर का दाम

D10 बढ़ जाएगा! अगर कंपनी को 100 का घाटा होता है तो कंपनी आपके शेयर का दाम 10 कम कर देगा ! शेयर बाजार कोटेशन क्या होते हैं

शेयर बाजार कोटेशन क्या होते हैं, बताने से पहले मैं आपको यह बताना चाहता हूं

कि बाजार क्या होता है ! हम आम भाषा में यह कर सकते हैं कि बाज़ार वह स्थान है जहां पर निर्माता अपने सामान को ग्राहकों को बेच देता है ! शेयर बाजार भी उसी तरह का एक बाजार है जहां पर कंपनियां अपनी शेयरों को बेचता है! जहां पर ग्राहक या निवेशक अपनी सुविधा अनुसार शेयरों की खरीद और बिक्री कर सकते हैं उसे शेयर बाजार कहते हैं !

शेयर बाजार कैसे काम करता है ? शेयर बाजार को व्यवस्थित रखने के लिए भारत में BSE यानी मुंबई स्टॉक एक्सचेंज और NSE यानी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज है ! भारत के BSE और NSE रजिस्टर कंपनियाँ निवेशकों के लिए शेयर मार्केट में उतार सकता है! कोई भी निवेशक जिसके पास डीमैट अकाउंट को वह मुंबई स्टॉक एक्सचेंज या नेशनल स्टॉक एक्सचेंज या दोनों से शेयरों की खरीद फरोख्त ऑनलाइन कर सकता है!

निर्मला सीतारमण ने हॉर्स रेसिंग की जगह हॉर्स ट्रेडिंग पर GST लगाने की कह दी बात, सोशल मीडिया पर हो गईं ट्रोल

Nirmala Sitharaman: सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से हॉर्स रेसिंग को हॉर्स ट्रेडिंग कहते हुए सुना जा सकता है.

निर्मला सीतारमण ने हॉर्स रेसिंग की जगह हॉर्स ट्रेडिंग पर GST लगाने की कह दी बात, सोशल मीडिया पर हो गईं ट्रोल

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) गुरुवार को उस समय सोशल मीडिया पर ट्रोल हो गईं, जब जीएसटी (GST) संबंधी घोषणा की बात करते हुए उनकी जुबान फिसल गई. दरअसल सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल हो रहे एक वीडियो में सीतारमण की ओर से हॉर्स रेसिंग को हॉर्स ट्रेडिंग (Horse Trading) कहते हुए सुना जा सकता है. हालांकि उन्हें जल्द ही अपनी गलती का एहसास हो गया और उन्होंने सही शब्द बोल दिया.

यह वीडियो क्लिप एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का है. निर्मला सीतारमण के इस वीडियो के सामने के बाद कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं. कांग्रेस नेता पवन खेरा और रुचिरा चतुर्वेदी ने भी इस वीडियो को अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है. पवन खेरा ने वित्त मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा है, ‘मैं जानता हूं कि सीतारमण जी के पास बैलट बॉक्स से इतर सोचने की क्षमता है. हॉर्स ट्रेडिंग पर भी आवश्यक तौर पर जीएसटी लगना चाहिए, सीतारमण जी.’

चंडीगढ़ में हुई थी बैठक

कांग्रेस के सचिव विनीत पुनिया ने भी इस वीडियो को शेयर किया है. उन्होंने इसके साथ ही लिखा है कि हम निर्मला सीतारमण की ओर से हॉर्स ट्रेडिंग पर जीएसटी लगाने के प्रस्ताव का स्वागत करते हैं. बता दें कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल की दो दिनी बैठक चंडीगढ़ में हुई है. इसके बाद ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी दी थी. इसी दौरान ही उनकी जुबान फिसलने की घटना सामने आई थी. हालांकि उन्होंने अपनी गलती को तुरंत पहचान कर हॉर्स रेसिंग की बात की थी.

देखें वीडियो-

बता दें कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल की दो दिनी बैठक चंडीगढ़ में हुई है. इसके बाद ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी दी थी. इसी दौरान ही उनकी जुबान फिसलने की घटना सामने आई थी. हालांकि उन्होंने अपनी गलती को तुरंत पहचान कर हॉर्स रेसिंग की बात की थी.

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जीएसटी को लेकर हुई है अहम चर्चा

जीएसटी संबंधी मामलों में फैसला करने वाली इकाई जीएसटी परिषद की दो दिवसीय बैठक में क्षतिपूर्ति व्यवस्था को आगे भी बढ़ाने का मुद्दा छाया रहा. इसकी मांग करने वालों में विपक्ष-शासित राज्यों के साथ सत्तारूढ़ बीजेपी के शासन वाले राज्य भी शामिल हैं. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सोशल ट्रेडिंग क्या है? सीतारमण ने इस बैठक के बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि 16 राज्यों के प्रतिनिधियों ने क्षतिपूर्ति का मुद्दा उठाया. इनमें से तीन-चार राज्यों ने क्षतिपूर्ति व्यवस्था से बाहर निकलने के लिए स्वयं के राजस्व स्रोत विकसित करने की बात कही. (इनपुट भाषा से भी)

सोशल ट्रेडिंग क्या है?

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बिज़नेस न्यूज़ डेस्क - भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को बाजार के कारोबारी घंटे बढ़ाने की घोषणा की है। अब बाजार में कोरोना के पहले जैसा कारोबार होगा। आरबीआई का यह फैसला अगले हफ्ते सोमवार 12 दिसंबर से लागू हो जाएगा। इस फैसले के बाद कॉल/नोटिस/टर्म मनी, कमर्शियल पेपर और सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट्स, कॉरपोरेट बॉन्ड्स में रेपो और रुपए इंटरेस्ट रेट डेरिवेटिव्स में डेढ़ घंटे और ट्रेडिंग होगी। मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक दो साल पहले कोरोना महामारी के दौरान 7 अप्रैल 2020 को ट्रेडिंग के घंटों में कटौती की गई थी। यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि कोरोना के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया था और स्वास्थ्य संबंधी गंभीर खतरे पैदा हो गए थे। अब जब स्थिति सामान्य हो गई है, तो भारतीय रिजर्व बैंक ने चरणबद्ध तरीके से ट्रेडिंग के घंटों को वापस पटरी पर लाना शुरू कर दिया है। इस साल, 18 सोशल ट्रेडिंग क्या है? अप्रैल, 2022 को विनियमित बाजार खुलने का समय सुबह 9 बजे से बदल दिया गया था। अब इसे पूरी तरह प्री-कोविड टाइमिंग के अनुरूप करने की घोषणा की गई है, जो 12 दिसंबर से लागू होगी।

वर्तमान में, कॉल/नोटिस/सावधि मुद्रा बाजार सुबह 9 बजे से दोपहर 3.30 बजे तक संचालित होता है। 12 दिसंबर के बाद समय में बदलाव कर सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक किया जाएगा। सरकारी सुरक्षा में रेपो बाजार अब सुबह 9 बजे से दोपहर 2:30 बजे तक काम करता है। अगले सप्ताह सोमवार से भी सुबह 9 बजे से दोपहर 2.30 बजे तक ही काम होगा। कमर्शियल पेपर और सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट मार्केट में ट्रेडिंग फिलहाल सुबह 9 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक होती है। इसका समय सोमवार से सुबह नौ बजे से पांच बजे तक रहेगा। कॉरपोरेट बॉन्ड रेपो का समय भी सुबह 9 बजे से दोपहर 3:30 बजे से बदलकर सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक किया जाएगा। रुपया ब्याज दर डेरिवेटिव्स पर ट्रेडिंग वर्तमान में 3:00 am से 3:30 pm तक की जा रही है। 12 दिसंबर से सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक काम होगा।

Explainer : क्‍या है अल्‍गो ट्रेडिंग और सेबी के किस नियम से ब्रोकर्स में मचा हड़कंप, क्‍या इस ट्रेडिंग से मिलता है तय रिटर्न?

सेबी ने अल्‍गो ट्रेडिंग को लेकर ब्रोकर्स के लिए नियम बना दिए हैं.

सेबी ने अल्‍गो ट्रेडिंग को लेकर ब्रोकर्स के लिए नियम बना दिए हैं.सोशल ट्रेडिंग क्या है?

सेबी ने हाल में ही अल्‍गो ट्रेडिंग को लेकर नियम बनाया है. देश में तेजी से बढ़ रही इस ट्रेडिंग को लेकर अभी तक कोई रेगुले . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : September 07, 2022, 15:15 IST

हाइलाइट्स

पिछले सप्‍ताह बाजार नियामक सेबी ने इसे लेकर कुछ नियम बना दिए हैं.
स्‍टॉक की खरीद-फरोख्‍त पूरी तरह कंप्‍यूटर के जरिये की जाती है.
इसमें जैसे ही आप बटन दबाते हैं, कंप्‍यूटर ट्रेडिंग शुरू कर देता है.

नई दिल्‍ली. अग्‍लो ट्रेडिंग जिसका पूरा नाम अल्गोरिदम ट्रेडिंग (Algorithm Trading) है, यह वैसे तो भारत में नया कॉन्‍सेप्‍ट है लेकिन इसका इस्‍तेमाल साल 2008 से ही होता रहा है.

अल्‍गो ट्रेडिंग को लेकर अभी तक ब्रोकर तय रिटर्न का दावा करते थे, लेकिन पिछले सप्‍ताह बाजार नियामक सेबी ने इसे लेकर कुछ नियम बना दिए हैं और इसके बाद से ट्रेडिंग की इस नई विधा पर बहस भी शुरू हो गई है. इस बहस को हवा तब मिली जब जिरोधा के फाउंडर निखिल कामत ने अल्‍गो ट्रेडिंग के तय रिटर्न वाले दावे पर सवाल उठाए. उन्‍होंने कहा, अभी तक इसे लेकर काफी भ्रम फैलाया जा चुका है.

कैसे होती है अल्‍गो ट्रेडिंग
अल्‍गो ट्रेडिंग में स्‍टॉक की खरीद-फरोख्‍त पूरी तरह कंप्‍यूटर के सोशल ट्रेडिंग क्या है? जरिये की जाती है. इसमें स्‍टॉक चुनने के लिए जिस गणना का उपयोग होता है, वह भी कंप्‍यूटर द्वारा ही किया जाता है. इसीलिए इसका नाम ऑटोमेटेड या प्रोग्राम्‍ड ट्रेडिंग भी है. इसके लिए कंप्‍यूटर में पहले से ही अलग-अलग पैरामीटर्स के हिसाब से गणनाएं फीड की जाती हैं. साथ ही स्‍टॉक को खरीदना या बेचना है उसका निर्देश, शेयर बाजार का पैटर्न और सभी नियम व शर्ते भी पहले से फीड कर दी जाती हैं. जैसे ही आप बटन दबाते हैं, कंप्‍यूटर ट्रेडिंग शुरू कर देता है.

इस सिस्‍टम का लिंक स्‍टॉक एक्‍सचेंज के सर्वर से जुड़ा होता है, लिहाजा बाजार की पल-पल की अपडेट भी मिलती रहती है. इसकी मदद से ट्रेडिंग का समय काफी बच जाता है और ब्रोकर को भी सही स्‍टॉक चुनने में मदद मिलती है. यही कारण है कि अभी तक ब्रोकर यह दावा करते थे कि अल्‍गो ट्रेडिंग के जरिये तय रिटर्न मिलना आसान है. उनका तर्क था कि यह सिस्‍टम किसी स्‍टॉक की भविष्‍य की संभावनाओं और पुराने प्रदर्शन का सही व सटीक आकलन कर सकता है.

क्‍यों पड़ी सेबी की निगाह
बाजार नियामक सेबी ने दिसंबर, 2021 में ही कहा था कि वह जल्‍द ही अल्‍गो ट्रेडिंग को लेकर कुछ नियम बनाने वाला है. सेबी के दखल देने की सबसे बड़ी वजह यह है कि अभी भारतीय शेयर बाजार में होने वाली करीब 50 फीसदी ट्रेडिंग इसी विधा के जरिये की जाती है. इससे पहले तक यह ट्रेडिंग पूरी तरह नियंत्रण से बाहर थी, लेकिन अब सेबी ने इसे लेकर कुछ नियम बना दिए हैं.

क्‍या है सेबी का नया नियम
बाजार नियामक ने पिछले सोशल ट्रेडिंग क्या है? सप्‍ताह एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा कि जो भी ब्रोकर अल्‍गो ट्रेडिंग की सेवाएं देते हैं, वे प्रत्‍यक्ष या अप्रत्‍यक्ष किसी भी रूप में स्‍टॉक के पुराने प्रदर्शन या भविष्‍य की संभावनाओं की जानकारी अपने उत्‍पाद के साथ नहीं दे सकेंगे. यह कदम ब्रोकर्स के उन दावों के बाद उठाया गया है, जिसमें अल्‍गो ट्रेडिंग की मदद से निवेशकों को तय और ऊंचे रिटर्न का झांसा दिया जाता था.

सेबी ने अपने सर्कुलर में यह भी कहा है कि अगर कोई ब्रोकर या उससे जुड़ी फर्म ने अपनी वेबसाइट या अन्‍य किसी माध्‍यम से किए गए प्रचार-प्रसार में अल्‍गो ट्रेडिंग से जुड़े इन कयासों का उल्‍लेख किया है तो सर्कुलर जारी होने के 7 दिन के भीतर उसे हटा दिया जाना चाहिए. निवेशकों के हितों को देखते हुए ब्रोकर भविष्‍य में ऐसा कोई प्रलोभन नहीं दे सकेंगे.

क्‍या सच में फायदेमंद है अल्‍गो ट्रेडिंग
भारतीय शेयर बाजार में अल्‍गो ट्रेडिंग का इस्‍तेमाल तेजी से बढ़ रहा है और अब तो आधे से ज्‍यादा ब्रोकर इसी का इस्‍तेमाल करते हैं. ऐसे में यह तो तय है कि अल्‍गो ट्रेडिंग कुछ फायदेमंद है, लेकिन इसका सही उपयोग तभी किया जा सकता है, जबकि ब्रोकर को कुछ सटीक जानकारियां मिल सकें. इसमें स्‍टॉक की हिस्‍ट्री, उसके आंकड़ों का वेरिफिकेशन और रिस्‍क मैनेजमेंट की गणना सबसे जरूरी है.

क्‍यों बढ़ रहा इसका चलन
1-हिस्‍ट्री की सही समीक्षा : सबसे जरूरी है कि किसी स्‍टॉक के पिछले प्रदर्शन की सही समीक्षा और उसके बाजार पैटर्न को समझकर ही उसके भविष्‍य में प्रदर्शन का आकलन लगाना चाहिए, जो कंप्‍यूटर बेहतर तरीके से करता है.
2-गलतियों की कम गुंजाइश : अल्‍गो ट्रेडिंग का पूरा काम कंप्‍यूटर के जरिये होता है. ऐसे में ह्यूमन एरर जैसी चीजों की आशंका शून्‍य हो जाती है. साथ ही यह रियल टाइम के प्रदर्शन के आधार पर भी स्‍टॉक का चुनाव कर सकता है.
3-भावनात्‍मक प्रभाव में कमी : अल्‍गो ट्रेडिंग में किसी स्‍टॉक का चुनाव करते समय मानवीय भावनाएं आती हैं, क्‍योंकि इसकी गणना और चुनाव पूरी तरह से मशीन के हाथ में होता है.
4-ज्‍यादा रणनीति का सृजन : कंप्‍यूटर एल्‍गोरिद्म के जरिये एक ही समय में सैकड़ों रणनीति बनाई जा सकती है. इससे आपका जोखिम प्रबंधन मजबूत होता है और निवेश पर ज्‍यादा रिटर्न कमाने के कई रास्‍ते खुलते हैं.
5-एरर फ्री ट्रेडिंग : अल्‍गो ट्रेडिंग पूरी तरह मशीन पर आधारित होने के नाते इसके जरिये गलत ट्रेडिंग या मानवीय गलतियों की आशंका भी खत्‍म हो जाती है. यही कारण है कि खुदरा निवेशकों में भी अब अल्‍गो ट्रेडिंग का चलन बढ़ रहा है.

इसके नुकसान भी हैं
-अल्‍गो ट्रेडिंग में बिजली की खपत ज्‍यादा होती है और पावर बैकअप न होने पर कंप्‍यूटर क्रैश भी हो सकता है. इससे गलत ऑर्डर, डुप्लिकेट ऑर्डर या फिर लापता ऑर्डर भी हो सकते हैं.
-ट्रेडिंग के लिए बनाई जा रही रणनीति और उसकी वास्‍तविक रणनीति के बीच अंतर हो सकता है. कई बार कंप्‍यूटर में खराबी की वजह से भी ऐसी स्थिति आ सकती है.
-कंप्‍यूटर आपको कई रणनीति और रिटर्न का कैलकुलेशन और रास्‍ता बताएगा, जो आपका नुकसान भी करा सकता है, क्‍योंकि बाजार की वास्‍तविक स्थितियां मशीनी रणनीति से अलग हो सकती हैं.

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After-Hours trading क्या है?

आफ्टर आवर्स ट्रेडिंग क्या है? [What is After-Hours trading? In Hindi]

After-Hours trading नियमित Trading hours के बाहर के समय को संदर्भित करता है जब कोई निवेशक प्रतिभूतियों (Stock) को खरीद और बेच सकता है। संयुक्त राज्य अमेरिका में मुख्य एक्सचेंज, NASDAQ और NYSE, मानक ट्रेडिंग सत्र आयोजित करते हैं जो सुबह 9:30 बजे शुरू होते हैं और शाम 4:00 बजे समाप्त होते हैं।

Regular trading की समाप्ति के बाद, एक्सचेंज शाम 4:00 बजे से शाम 6:00 बजे के बीच के घंटों के सत्र में व्यापार जारी रखने की अनुमति देते हैं। ये सत्र कभी-कभी रात 8:00 बजे तक बढ़ सकते हैं। ट्रेडिंग इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन नेटवर्क्स (ईसीएन) के माध्यम से की जाती है, जो स्टॉक के खरीदारों और विक्रेताओं को बिना किसी भौतिक रूप से ट्रेडिंग फ्लोर पर व्यापार करने में सक्षम बनाता है।

आफ्टर आवर्स ट्रेडिंग क्या है? [What is After-Hours trading? In Hindi]

घंटों के बाद व्यापार क्यों? [Why trade After-hours?]

पूरे यू.एस. शेयर बाजार के साथ दिन में साढ़े छह घंटे, सप्ताह में पांच दिन व्यापार करने के लिए तैयार होने के साथ, किसी को आश्चर्य हो सकता है कि निवेशक बाजार के व्यापार के लिए बंद होने तक इंतजार क्यों करेंगे। पता चला, आफ्टर-आवर्स ट्रेडिंग गेम में शामिल होने के फायदे और जोखिम हैं। Agency Cost क्या हैं?

आफ्टर-आवर्स ट्रेडिंग के लाभ [Advantage of After-Hours Trading] [In Hindi]

कई कंपनियां ट्रेडिंग बंद होने सोशल ट्रेडिंग क्या है? के सोशल ट्रेडिंग क्या है? बाद अपनी तिमाही आय रिपोर्ट जारी करती हैं। यदि कोई हाई-प्रोफाइल कंपनी बकाया तिमाही परिणामों का खुलासा करती है, तो कई निवेशक अगले दिन तक प्रतीक्षा करने के बजाय अच्छे परिणामों का लाभ उठाने के लिए बाद के घंटों के कारोबार में स्टॉक खरीदने के लिए दौड़ सकते हैं।

वैकल्पिक रूप से, एक कंपनी भयानक परिणामों की रिपोर्ट कर सकती है, और नकारात्मक रिपोर्ट के बाद नुकसान से बचने के लिए स्टॉक के मालिकों के पास बेचने के लिए तैयार ऑर्डर हो सकता है। कुछ व्यापारी कम कीमत पर शेयरों की कोशिश करने और कब्जा करने के लिए बाद के घंटों के कारोबार में एक खरीद आदेश भी दे सकते हैं।

एक निवेशक को भी जल्दी से तरलता की आवश्यकता हो सकती है और वह जल्द से जल्द T+3 (Trading+ 3 Days) निपटान प्रक्रिया शुरू करना चाहता है। आफ्टर-आवर्स ट्रेडिंग अगले कारोबारी दिन की तुलना में टी+3 घड़ी जल्दी शुरू कर सकती है।

क्या आप वास्तव में घंटों के बाद व्यापार कर सकते हैं? [Can you really trade after hours?] [In Hindi]

हां, बशर्ते आपकी ब्रोकरेज आपको ऐसा करने के लिए अधिकृत करे। आप पहले यह सुनिश्चित करना चाहेंगे कि आप स्पष्ट रूप से समझें कि आफ्टर-आवर्स ट्रेडिंग कैसे काम करती है और इसमें शामिल जोखिम। आपका ब्रोकरेज यह सुनिश्चित करने के लिए एक निवेश प्रतिनिधि से मिलने के लिए कह सकता है कि आप आफ्टर-आवर्स और प्रीमार्केट ट्रेडिंग से उत्पन्न कठिनाइयों को जानते हैं।

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