आय / जाति / निवास प्रमाण पत्र
ई-डिस्ट्रिक्ट परियोजना ई-गवर्नेंस योजना के अर्न्तगत चलने वाली स्टेट मिशन मोड परियोजना है जिसका मुख्य उदेश्य जन केन्द्रित सेवाओ को कम्पयूटरीकरण करने का है। इस परियोजना में सम्पूर्ण व्यवस्था क्रम को कम्पयूटराइज किया गया है । ई-डिस्ट्रिक्ट परियोजना में प्रमाण पत्र,शिकायत ,जन वितरण प्रणाली ,पेन्शन ,विनमय,खतौनी,राजस्व वाद एवं रोजगार केन्द्रो मे पंजीकरण संबंधी सेवाओं को सम्मिलित किया गया है।
राज्य सरकार ने प्रदेश कॆ सभी जिलो में परियोजना कॊ लागू कर आम जनता को सुविधा प्रदान करने तथा सेवाओं के वितरण हेतु सेवाकेन्द्र स्थापित कियॆ है। यह सभी सेवाकेन्द्र पंचायत स्तर पर जिला सॆवा प्रदाता(डी.एस.पी.) संस्था द्वारा स्थापित कियॆ जा रहे हैं । ई-डिस्ट्रिक्ट परियोजना के सॉफ्टवेयर का सम्पूर्ण विकास एवं तकनीकी संचालन राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र उत्तर प्रदेश इकाई द्वारा किया जा रहा है | इस परियोजना के अंतर्गत जारी हुए प्रमाण पत्रों को भारत सरकार की डिजिटल लॉकर परियोजना से भी एकीकृत कर दिया गया है |
स्थान : सम्बंधित तहसील | शहर : वाराणसी
ईमेल : ceglko[dot]up[at]gmail[dot]com
घर खरीदने के लिए डिजिटल लोन आएगा आपके काम, जानिए इसके फायदे
Digital Loan : घर खरीदने के लिए डिजिटल लोन आपके काम आ सकता है. क्योंकि डिजिटल लोन लेने में ज्यादा समय नहीं लगता है और सारी प्रक्रिया जल्दी ही ऑनलाइन हो जाती है.
Digital Loan Benefits : अगर आप होम लोन लेना चाहते हैं तो आप आसानी से डिजिटल रूप में भी लोन ले सकते हैं. डिजिटल लोन के भी कई फायदे हैं. जो आपके काम आ सकते हैं. आज के समय में विशेष रूप से मध्यम आय वर्ग या उससे नीचे के लोग बिना उधार लिए घर खरीदने का जोखिम नहीं उठा सकते है. वहीं होम लोन (Home Loan) पर टैक्स लाभ उच्च आय वर्ग के लोगों को घर की संपत्ति खरीदने के लिए उधार लेने के लिए भी लुभाता है. इसलिए घर खरीदने के लिए डिजिटल लोन (Digital Loan) आपके काम आ सकता है. क्योंकि डिजिटल लोन लेने में ज्यादा समय नहीं लगता है और सारी प्रक्रिया जल्दी ही ऑनलाइन हो जाती है. इसके लिए आपको कहीं भी जाने की जरूरत नहीं पड़ती है. और बैंक या किसी संस्थान से लोन लेने में काफी समय लग जाता है.
बता दें कि सभी दस्तावेजों के भौतिक सत्यापन की आवश्यकता और कर्ज स्वीकृति प्रक्रिया में कई जांच बिंदुओं को शामिल करने से भी लोन स्वीकृत होने में बहुत देरी हो जाती है. भौतिक प्रक्रिया भी आवेदन की स्थिति की निगरानी और ट्रैकिंग को कठिन बना देती है. ऐसे में डिजिटल होम लोन प्रक्रियात्मक अंतरालों को काफी हद तक पाटने का प्रयास करते हैं और प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और कुशल बनाते हैं.
डिजिटल प्रक्रिया ने तकनीकी क्रांति को किया तेज
इसके अलावा पहले कोरोना महामारी के दौरान डिजिटल प्रक्रिया ने भारत में तकनीकी क्रांति को जबरदस्त रूप से तेज कर दिया है, जिससे लोग अपने दैनिक जीवन में डिजिटलीकरण को अपना रहे हैं. डिजिटल प्रौद्योगिकी में प्रगति और वित्त और प्रौद्योगिकी के अभिसरण से सुविधा ने डिजिटल होम लोन के वितरण को भी आसान बना दिया है. सीईओ और संस्थापक, ईजीलोन ने डिजिटल होम एक स्थिर आय ऑनलाइन लोन के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के कुछ लाभों के बारे में जानकारी दी है जो आपके लिए फायदेमंद हो सकती है.
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ये है डिजिटल लोन लेने के फायदे
- एक बार चयन हो जाने के बाद होम लोन आवेदन की पारंपरिक विधि में दस्तावेज सत्यापन और जमा करने के उद्देश्य से बैंकों के कई दौरे होंगे, जबकि डिजिटल होम लोन में उधारकर्ता डिजिटल रूप से अपने दस्तावेज अपलोड कर सकते हैं. लगभग सभी बैंक डिजिटल प्रतियां जमा करने को प्रोत्साहित करते हैं. इसके अलावा, कई संस्थान घर पर दस्तावेज सत्यापन का विकल्प प्रदान करते हैं. नतीजतन, प्रक्रिया को अपने घर से आराम से पूरा किया जा सकता है.
- डिजिटल होम लोन के अधिकांश चरण और प्रक्रियाएं डिजिटल हैं, और पूरी प्रणाली मानकीकृत है. नतीजतन, अनावश्यक देरी से बचा जाता है. उदाहरण के लिए आवेदन 8 से 10 मिनट में पूरा और सबमिट किया जा सकता है. वास्तव में, कई वित्तीय संस्थान 24 घंटों के भीतर लोन स्वीकृति की गारंटी देते हैं.
- डिजिटल होम लोन द्वारा प्रदान किए गए अतिरिक्त लचीलेपन से उधारकर्ताओं को लाभ होता है. उदाहरण के लिए, यदि कर्ज चुकाने के दौरान आवेदक की वित्तीय परिस्थितियों में परिवर्तन होता है, तो लोन चुकाने के नियम और शर्तों को एक ऑनलाइन कार्यकारी की सहायता से बदला जा सकता है.
- प्रक्रिया में प्रौद्योगिकी को शामिल करने के कारण कर्ज के लिए आवेदन करने और सुरक्षित करने का पारंपरिक तरीका बदल गया है. नतीजतन, डिजिटल होम लोन अपने कई लाभों के कारण, उधारकर्ताओं के लिए एक आकर्षक विकल्प के रूप में उभरा है. इनमें समय और धन की बचत, कर्ज अधिग्रहण के दौरान और बाद की स्थितियों में लचीलेपन की अनुमति देना और कई कर्ज विकल्पों की तुलना और विश्लेषण करना आसान है.
English News Headline : Digital Loan Benefits of Digital Loan For buy Home.
भारतीय रेलवे बनी देश की विकास यात्रा का इंजन, यात्री किराए से राजस्व आय में की 76% की ग्रोथ
वहीं रेलवे ने नवंबर 2022 तक माल लदान से 10,5905 करोड़ रुपए अर्जित किए हैं। ज्ञात हो, मिशन मोड के अंतर्गत, इस वित्त वर्ष यानि 2022-23 के पहले 8 महीनों के लिए भारतीय रेलवे का माल लदान पिछले साल की इसी अवधि के माल लदान और आय, दोनों को पार कर गया है। अप्रैल-नवंबर, 2022 में संचयी आधार पर, पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान हुए 903.16 मीट्रिक टन के माल लदान के मुकाबले 978.72 मीट्रिक टन का माल लदान हुआ, जो 8 प्रतिशत अधिक है। रेलवे ने पिछले वर्ष के 91127 करोड़ रुपए की तुलना में 105905 करोड़ रुपए अर्जित किए हैं, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 16 प्रतिशत अधिक है।
घाटे का सौदा बताई जाने वाली भारतीय रेलवे कमा रही मुनाफा
गौरतलब हो, जिस भारतीय रेलवे को कभी घाटे का सौदा बताया जाता था आज वही देश में सरकार के लिए खूब कमाई कर रही है। दरअसल, अगस्त 2022 की समाप्ति तक भारतीय रेलवे के रेवेन्यू में करीब 38% की बढ़ोतरी हुई है। केवल इतना ही नहीं भारतीय रेलवे ने यात्री यातायात में 116% की बेतहाशा वृद्धि दर्ज की और अब यात्रियों के किराए से रेलवे की राजस्व आय में 76% की वृद्धि दर्ज की है। केवल इतना ही नहीं रेलवे ने नवंबर 2022 तक माल लदान से अच्छी कमाई की है। जी हां, भारतीय रेलवे माल लदान से 105905 करोड़ रुपए अर्जित कर चुकी है। इस प्रकार भारतीय रेलवे नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है।
रेलवे की कहां-कहां बढ़ी कमाई ?
भारतीय रेलवे के आरक्षित व अनारक्षित दोनों श्रेणियों में पिछले साल की तुलना में राजस्व की बढ़ोतरी हुई है। इसमें लंबी दूरी की आरक्षित मेल एक्सप्रेस ट्रेनों की वृद्धि यात्री और उपनगरीय ट्रेनों की तुलना में तेज रही है। वहीं अन्य कोचिंग रेवेन्यू भी तेजी से बढ़ा है। यह बढ़ोतरी पिछले साल की तुलना में 811.82 करोड़ रुपए रही है। तुलनात्मक अध्ययन के अनुसार कोचिंग रेवेन्यू में 50% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसके अलावा रेलवे ने माल लदान में भी अपनी कमाई बढ़ाई है।
केंद्र सरकार के प्रयासों से बदला भारतीय रेलवे का स्वरूप
पीएम मोदी के नेतृत्व में बनी केंद्र सरकार में भारतीय रेलवे ने तेजी से अपने स्वरूप को बदलकर विकास की धारा में स्वयं को शामिल कर लिया है। आरक्षित यात्री खंड में, 1 अप्रैल से 30 नवंबर 2022 की अवधि के दौरान बुक किए गए यात्रियों की कुल अनुमानित संख्या पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 4,860 लाख की तुलना में 5,365 लाख है, जो 10% की वृद्धि को दर्शाती है। 1 अप्रैल से 30 नवंबर 2022 की अवधि के दौरान आरक्षित यात्री खंड से उत्पन्न राजस्व पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 22,904 करोड़ की तुलना में 34,303 करोड़ है, जो 50% की वृद्धि दर्शाता है।
रेलवे ने अनारक्षित यात्री खंड में की 422% की वृद्धि दर्ज
अनारक्षित यात्री खंड में, 1 अप्रैल से 30 नवंबर 2022 की अवधि के दौरान बुक किए गए यात्रियों की कुल अनुमानित संख्या पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 13,813 लाख की तुलना में 35,273 लाख है, जो 155% की वृद्धि दर्शाती है। 1 अप्रैल से 30 नवंबर 2022 की अवधि के दौरान अनारक्षित यात्री खंड से उत्पन्न राजस्व पिछले वर्ष की समान अवधि के दौरान 1,728 करोड़ रुपये की तुलना में 9,021 करोड़ रुपए है, जो 422% की वृद्धि दर्शाता है।
रेलवे देश की विकास यात्रा का इंजन बनने के लिए लगातार काम कर रही है। पिछले 8 वर्षों में, रेलवे ने प्रणालियों, प्रक्रियाओं और बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण के लिए प्रयास किया है। रेलवे न्यू इंडिया की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए एक कुशल, स्वयं टिकाऊ, किफायती, यात्रियों का एक आधुनिक वाहक और उच्चतम मानकों का माल वाहक प्रदाता बनने के लिए प्रतिबद्ध है।
स्टेशन विकास और आधुनिकीकरण
बताना चाहेंगे कि रेलवे स्टेशन विकास और आधुनिकीकरण पर भी खासा काम कर रही है। इसके तहत गांधीनगर, हबीबगंज और अयोध्या स्टेशनों के विकास का काम तेजी से किया गया है। स्टेशनों के विकास के लिए रेलवे साझेदारी का तरीका अपना रहा है और सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP) मोड पर नई दिल्ली, छत्रपति शिवाजी मुंबई टर्मिनल, नागपुर, ग्वालियर, साबरमती, अमृतसर, पुड्डुचेरी, नेल्लोर, देहरादून और तिरुपति स्टेशनों के लिए रिक्वेस्ट फॉर क्वालिफिकेशन (RFQ) आमंत्रित किया गया। सारे मिले-जुले प्रयासों से ही आज भारतीय रेलवे इस मुकाम तक पहुंची है।
कोचों का आधुनिकीकरण
भारत सबसे शक्तिशाली रेलवे इंजन का उत्पादन करता है। अब भारत कोचों का आधुनिकीकरण पर भी काम कर रहा है। प्रतिष्ठित मेड इन इंडिया परियोजना 120 किलोमीटर प्रति घंटे की उच्चतम गति के साथ एचएचपी लोकोमोटिव होने के नाते 12000 एचपी बना रही है।
स्टेशनों पर यात्रियों के लिए अधिक सुविधाएं
• भारतीय रेलवे को 32 एस्केलेटर और 66 लिफ्ट प्रदान की गई, इसके अलावा 774 एस्केलेटर और 642 लिफ्टों को प्रदान किया गया
• हवाई अड्डे के मानकों की तरह अब 893 रेलवे स्टेशन बेहतर रोशनी के स्तर के साथ उपलब्ध कराए गए
• बेहतर ट्रेन सूचना प्रदर्शन कोच मार्गदर्शन प्रणाली 673 स्टेशनों पर है, जबकि ट्रेन संकेत बोर्ड अब 1208 स्टेशनों पर चालू हैं
• 6 हजार से अधिक रेलवे स्टेशनों पर वाई-फाई प्रदान किया गया
एक स्थिर आय ऑनलाइन
LIC Golden Jubilee Scholarship Scheme 2022-23– भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा छात्रवृत्ति योजना चलाई जा रही है। इस योजना का नाम एलआईसी स्वर्ण जयंती छात्रवृत्ति योजना है। LIC Golden Jubilee Scholarship Scheme के तहत 2022-23 के लिए भारत के स्थायी निवासी पात्र विद्यार्थियों से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं। इस योजना के तहत 12वीं के बाद भी पढ़ाई जारी रखने वाले पात्र छात्र को हर साल 10 से 20 हजार की छात्रवृत्ति दी जाएगी।
LIC Golden Jubilee Scholarship Scheme 2022-23-इस योजना के लाभ के लिए छात्रों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। तो अगर आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो आपको नीचे दी गई जानकारी को जरूर पढ़ना चाहिए। एक स्थिर आय ऑनलाइन इस योजना से जुड़ी सभी जानकारी नीचे विस्तार से दी गई है। इस योजना के तहत लाभ के लिए आवेदन करने और इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
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LIC Golden Jubilee Scholarship Scheme 2022-23 | एलआईसी स्वर्ण जयंती छात्रवृत्ति योजना 2022 ऑनलाइन आवेदन
दिए गए Golden Jubilee Foundation के आप्शन पर क्लीक कर अब CLICK HERE TO APPLY FOR LIC GOLDEN JUBILEE SCHOLARSHIPS 2022 के आप्शन पर क्लीक करे
Income Tax Return: किन लोगों को होती है आईटीआर फॉर्म-1 की जरूरत, क्या है इसे भरने का ऑनलाइन तरीका; यहां जानिए पूरी डीटेल
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। अगर आप आप ई-फाइलिंग पोर्टल के जरिए ऑनलाइन आईटीआर (online ITR filing) फाइल करने जा रहे हैं तो कौन सा फार्म चुनें, इसकी जानकारी होना बहुत जरुरी है। गलत फॉर्म से दाखिल आईटीआर को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट रद्द कर देता है। आईटीआर फोर्टल पर आपको दो फॉर्म मिलेंगे- आईटीआर फॉर्म-1 (ITR Form 1) और आईटीआर फॉर्म-4 (ITR Form 4)। फिलहाल, हम आपको आईटीआर फॉर्म 1 की जानकारी देने जा रहे हैं।
आईटीआर फॉर्म -1 को 'सहज' के नाम से भी जाना जाता है। जिन करदाताओं की आय केवल वेतन, हाउस प्रॉपर्टी या ब्याज के जरिए होती है, उन्हें अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के लिए ITR Form-1 का इस्तेमाल करना होता है। यह फॉर्म उन लोगों को भरना होता है, जिनकी कुल आय 50 लाख रुपये तक है। ज्यादातर लोग आईटीआर-1 फॉर्म (ITR Form-1) के जरिए ही अपना आयकर रिटर्न दाखिल करते हैं। जब आप ई फाइलिंग पोर्टल एक स्थिर आय ऑनलाइन पर जाकर आईटीआर फॉर्म-1 सेलेक्ट करते हैं तो आपकी जानकारियां वेबसाइट पर दिए गए फॉर्म में पहले से ही भरी होती हैं। लेकिन फिर भी आप एक बार उन जानकारियों को ठीक से चेक कर लें। ऐसा इसलिए क्योंकि पोर्टल पर पहले से फाइल की गई एक स्थिर आय ऑनलाइन जानकारियां कई बार गलत भी होती हैं।
ITR-1 में कौन सी जानकारियां देनी होंगी
आयकर रिटर्न भरते समय सैलेरी से होने वाली इनकम, एक हाउस प्रॉपर्टी से होने वाली आय, ब्याज या डिविडेंड से होने वाली आय की जानकारी देनी पड़ती है। ध्यान रहे, अगर इन चीजों के अलावा आपके पास कोई और भी आय का जरिया है तो आप रिटर्न भरने के लिए आईटीआर फॉर्म-1 का इस्तेमाल नहीं कर सकते।
इन डॉक्यूमेंटस की होगी जरूरत
आईटीआर भरने के लिए आपके पास पैन कार्ड, आधार कार्ड, फॉर्म 16, बैंक अकाउंट डिटेल, आय का प्रमाण, इंवेस्टमेनेट डिटेल और अन्य इनकम प्रूफ होने चाहिए। आईटीआर फाइल करने के लिए पैन और आधार का लिंक होना भी जरूरी है। अगर आपका पैन और आधार लिंक नहीं है तो आप आईटीआर फाइल नहीं कर सकते। आपकी ईमेल आईडी भी इनकम टैक्स पोर्टल पर अपडेट होनी चाहिए।
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