What is Share Market capitalisation and Large cap , mid cap and small cap ? शेयर बाजार पूंजीकरण और लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप क्या है?
आज हम शेयर मार्केट पुंजीकरण क्या होता है ओर कंपनियो के पुंजीकरण अनुसार प्रकार कितने होते है जानने वाले है जैसे कि दोस्तो हम ने शेयर मार्केट में बेसिक कन्सेप्ट के उपर पहले भी कही सारें ब्लॉग लिखे है । उन सब में शेयर मार्केट बेसिक कन्सेप्ट के बारे में जानकारी हमने दी है । आप उन्हे पढ सकते है ।
What is Share Market capitalisation and Large cap , mid cap and small cap
शेयर मार्केट में लोग investment करणे से पहले उस कंपनी कि जानकारी इकठ्ठा करते है जिसे fundamental analysis भी कहा जाता है । किसी भी कंपनी में invest करणे से पहले वह कंपनी कोणसी class में आती है यह भी देखणा जरुरी होता है । market capitalisation किसी xyz कंपनी के टोटल कॅपिटल को कहा जाता है। जो कि उसके outstanding number of share से पता चलता है कि किसी company का market cap कितना है ।
किसी भी कंपनी में investment करणे से पहले उसके fundamental के बारे में अच्छे से जान लेना चाहीए बाद में हि invest करना चाहिए । investment करते वक्त company कें capitalisation को देखणा भी जरुरी होता है । कंपनी के कॅपिटल के अनुसार उसके risk ओर return के बारे में पता चलता है वह कैसे हम आगे जान लेते है।
कंपनी का market capital निकालने का फॉर्म्युला :
market capital = Total no of outstanding shares × current market price per share
example : Abc company ltd.
total no of outstanding shares= 10000
cureent market price per share = Rs.100
यांनी कंपनी का market cap 10 लाख रु है ।
इस formule में total No of outstanding shares में स्टोकहोल्डर्स company के ऑफिशियल्स ओर investors के shares को हि count किया जाता है कंपनी के मालक के share इस में नहीं आते है।
Classification of Company:
1 ) Large cap :
large cap company वेसे तो कंपनी capitalisation कि अलग अलग तरिके से defination कि गयी है लेकिन SEBI के अनुसार large cap company उन्हे हि कहा जाता है जो कि टॉप 100 company होती है । ओर जिस कंपनी का market cap 20,000 करोड सें जादा होता है उन्हे भी large cap कंपनी हि माना जाता है। large cap company को investment के हिसाब से सेफ माना जाता है क्यू कि ऐसी company या मुश्किल conditon में भी अपना अस्तित्व टीका ये रखनी कि क्षमता रखती है । large cap company अपने sectors में लीडर होती है ओर well eshtablish भी होती है । एसी company में रिस्क भी कम होता है ओर return भी कम हि होता है लेकिन long term investment के हिसाब से यह कंपनी या बहुत बढिया होती है । इन company के अंदर liquidity अच्छी होती है जीसकि वजह से stock buyers और seller जादा मात्रा में होते है। बडे investor ऐसी कंपनी में जादा इन्वेस्ट करते है। volatility इन shares में कम हि होती है यांनी share कि price जादा उपर नीचे नहीं जाती है। TCS infosys realiance जैसी company या आती है।
2 ) Mid Cap :
सेबी के अनुसार जो कंपनिया 101 से लेकर 250 top no पर होती है उन्हे mid cap कंपनी कहा जाता है । ऐसी कंपनीओ का market capital 5000 से लेकर 20000 करोड तक होता है। यह कंपनीया जादा risky होती है लेकिन इन company में कि गयी investment से return भी जादा हि मिलता है ।इन company कि growth होणे के चान्स भी जादा होते है, ऐसी कंपनिया के आगे जाकर large cap कंपनियो में convert होणे के चान्स जादा होते है । volatilty ओर Liquidity दोनो इन कंपनियो में high होती है । इन्व्हेस्टर ऐसी कंपनियो में invest करना बहुत पसदं करते है क्यू कि इनमे multibagger बनणे के चान्स जादा होते है ।
3 ) Small cap :
सेबी के अनुसार जो कंपनिया 251 से लेकर आगे जी जितनी भी कंपनिया है वह सब small cap कॅटेगरी में अति है ओर इन का share कॅपिटल 5000 करोड से कम होता है । ऐसी small cap company यो में रिटर्न पोटेन्शियल बहुत हि जादा होता है । लेकिन रिस्क भी बहुत जादा होता है । liquidity भी ऐसे कंपनी यो में कम होती है इसकी वजह से खरीद दार कम हो जाते है ओर शेयर कि किंमत बहुत जादा गिरने लगती है । volatility भी ऐसी कंपनी यो में high होती है। इस कारण शेयर कि किंमत 10 से 15 % तक बड जाती है या घट जाती है । ऐसी कंपनियो में इंस्टिट्यूशनल इन्व्हेस्टर भी कम हि invest करते है । लेकिन यह small cap company का बिझनेस अच्छा चला तो यह mid cap ओर large cap भी बन सकती है । इस तरह से company के capital के अनुसार type होते है ।
SBI ने हासिल किया बड़ा मुकाम, मार्केट कैप के लिहाज से बना देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक
बुधवार को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank Of India) का शेयर करीब 3% की तेजी के साथ अपने अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया
- ₹5 लाख करोड़ के मार्केट कैप को पार करने वाला तीसरा बैंक बन गया SBI
- बैंक का स्टॉक अपने अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।
- मार्केट मार्केट कैप क्या है? कैप के लिहाज SBI अब भारत की सातवीं सबसे बड़ी कंपनी बन गई है
बाजार में दमदार तेजी बनी हुई है, मंगलवार को अमेरिका के CPI के आंकड़े जारी हुए, महंगाई में बढ़ोतरी दर्ज की गई जिसके चलते US सहित अन्य ग्लोबल मार्केट्स में भारी गिरावट देखने को मिली। सिंगापुर का SGX निफ्टी (SGX Nifty) भी 300 अंकों से ज्यादा गिरावट के साथ खुला।
बुधवार को बाजार गैपडाउन के साथ खुलने के बाद मार्केट में शानदार रिकवरी देखने को मिली, दोपहर 2:45 बजे तक निफ्टी दिन के निचले स्तर से 300 अंक और निफ्टी बैंक 1300 अकं रिकवर हुआ। कमजोर बाजार के बावजूद इंट्राडे में SBI का शेयर करीब 3% मार्केट कैप क्या है? की तेजी के साथ अपने अब तक के उच्चतम स्तर पहुंत गया।
5 लाख करोड़ से ज्यादा मार्केट कैप वाले बैंक
SBI ₹5 लाख करोड़ के मार्केट कैप (Market Capitalization) को पार करने वाला तीसरा बैंक बन गया। SBI से आगे 2 बड़े दिग्गज प्राइवेट बैंक HDFC बैंक और ICICI बैंक हैं। इसी दौरान HDFC बैंक और ICICI बैंक का मार्केट वैल्युएशन लगभग ₹8.48 लाख करोड़ और ₹6.40 लाख करोड़ था।
BSE के आंकड़ों के अनुसार, ₹5 लाख करोड़ के मार्केट कैप के साथ, SBI मार्केट कैप रैंकिंग में सातवें स्थान पर रहा। इस सूची में मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) करीब ₹17.5 लाख करोड़ के मार्केट कैप के साथ पहले और टाटा ग्रुप (Tata Group) की TCS ₹11.4 लाख करोड़ के साथ दूसरे नंबर पर है।
SBI के शेयर का रिटर्न
पिछले 1 साल में SBI के शेयर ने करीब 29% का रिटर्न दिया। वहीं शेयर इस साल अब तक 21.5% से ज्यादा का रिटर्न दे चुका है।
बुधवार (14 सितंबर, 2022) को शेयर का हाल
बुधवार को 2.56% की तेजी के साथ ₹572.30 पर बंद हुआ SBI का शेयर। बाजार बंद होने के बाद बैंक का मार्केट कैप ₹5.10 लाख करोड़ रहा।
जून तिमाही में सालाना आधार पर बैंक का मुनाफा में मामूली गिरावट के साथ ₹6,068.08 करोड़ रहा था। बैंक ने पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में ₹6,504 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया था।
ब्रोकरेजेज को अभी और तेजी का भरोसा
ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट में SBI के शेयर में खरीदारी की राय देते हुए ₹625 का लक्ष्य दिया है। ब्रोकरेज हाउस अनुसार, जून तिमाही में कम आपरेटिंग प्रॉफिट और कमजोर अन्य आय के चलते मुनाफे पर असर पड़ा है। बैंक का लोन ग्रोथ मजबूत रहा और एसेट क्वालिटी भी बेहतर रही है। आने वाले दिनों में NII में बेहतर ग्रोथ की उम्मीद है। ब्रोकरेज का अनुमान है कि बैंक की अर्निंग ग्रोथ CAGR FY22-24 के दौरान 29% रह सकती है।
ग्लोबल ब्रोकरेज हाउस मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) ने SBI पर ओवरवेट की राय को बरकरार रखा है। ब्रोकरेज हाउस ने ₹675/प्रति शेयर का लक्ष्य रखा है। ब्रोकरेज हाउस के मुताबिक, लोन ग्रोथ मोमेंटम मजबूत बना हुआ है और यहां मार्जिन में सुधार की उम्मीद है। F2Q23 से मार्जिन में सुधार की उम्मीद हैं।
Disclaimer: शेयरों पर दी गई सलाह ब्रोकरेज हाउस की है, न कि ET NOW स्वदेश की। निवेश से जुड़ा कोई भी फैसला लेने के लिए अपने प्रामाणित वित्तीय सलाहकार की राय अवश्य लें।
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बाजार में धमाल मचाने वाली कंपनियां: 5 कंपनियों का BSE के कुल मार्केट कैप में 20.8% का योगदान, रिलायंस 15.37 लाख करोड़ मार्केट कैप के साथ नंबर वन कंपनी
आज हम आपको उन कंपनियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका शेयर बाजार में एक तरफा जलवा है और वो कंपनियां जो बाजार को लीड कर रही हैं। ग्राफिक के जरिए समझिए उन 5 कंपनियों के बारे में जिनका कुल मार्केट कैप 52.14 लाख करोड़ रुपए है। साथ ही ये भी बताएंगे कि इन कंपनियों का BSE के मार्केट कैप में कुल कितना योगदान है। बाजार की टॉप 5 कंपनियों के मार्केट कैप, शेयर के वेटेज और लिस्टिंग से लेकर IPO प्राइस तक सबकुछ बताएंगे।
शेयर बाजार में सबसे ज्यादा मार्केट कैप वाली कंपनी है रिलायंस। सोमवार को रिलायंस का कुल मार्केट कैप 15.37 लाख करोड़ रुपए रहा। वहीं दूसरे नंबर पर है TCS। TCS का कुल मार्केट कैप 14.24 लाख करोड़ रुपए है।
अब आपको बताते हैं वेटेज के लिहाज से वो शेयर जो बाजार में लीड कर रहे हैं। पहले नंबर पर रिलायंस इंडस्ट्रीज का नाम आता है। दूसरे नंबर पर HDFC बैंक, तीसरे नंबर पर इन्फोसिस, चौथे नंबर पर HDFC और 5वें नंबर पर आता है हिंदुस्तान यूनिलीवर।
इस ग्राफिक में आपको बता रहे हैं कि बाजार में अपनी धाक जमाए रखने वाली कंपनियां एक्सचेंज पर कब लिस्ट हुईं और इनका IPO प्राइस क्या था।
Reliance का मार्केट कैप हुआ 15 लाख करोड़ के पार; जानें क्या रही इसके पीछे की बड़ी वजह
रिलायंस इंडस्ट्रीज 15 लाख करोड़ रुपये का बाजार मूल्य हासिल करने वाली पहली घरेलू कंपनी बन गई है।
देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने मार्केट कैप क्या है? शुक्रवार को एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। इस समय रिलायंस इंडस्ट्रीज 15 लाख करोड़ रुपये का बाजार मूल्य हासिल करने वाली पहली घरेलू कंपनी बन गई है। अपने शेयर की कीमत में भारी उछाल देखने के बाद, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के ट्रेड चार्ट पर रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण (market capitalization) 15, 14, 017.5 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है और हैवीवेट स्टॉक का शेयर मूल्य अपनी पिछली कीमत से 4.12 प्रतिशत बढ़कर शुक्रवार को 2,394.40 रु हो गया है। इस उछाल ने कंपनी को सेंसेक्स में सबसे बड़ा गेनर बना दिया।
रिलायंस इंडस्ट्रीज की कीमत 4.12% बढ़ी
रिलायंस इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के मार्केट पूंजीकरण मूल्य में उछाल के कारण BSE 30-शेयर बेंचमार्क इंडेक्स से जुड़े शेयर बाजार में पहली बार इंडेक्स 58,000 अंक से ऊपर बंद हुआ है। कुछ एनालिस्ट का मानना है कि इस साल रिलायंस इंडस्ट्रीज को 20 फीसदी से ज्यादा का फायदा हुआ है।
रिलायंस रिटेल ने जस्ट डायल में 41% हिस्सेदारी हासिल की
उछाल के पीछे का कारण रिलायंस रिटेल द्वारा जस्ट डायल में 41% हिस्सेदारी खरीदने का अनुमान लगाया जा रहा है। वहीं रिलायंस के शेयर में तेजी का एक और कारण मुकेश अंबानी द्वारा की गई घोषणा है कि कंपनी भविष्य में रिन्यूएबल एनर्जी में निवेश करेगी। रिलायंस ने Google के सहयोग से एक नई मोबाइल रेंज लॉन्च करने की भी घोषणा की थी। इसने कंपनी को एक अतिरिक्त बढ़त भी हासिल करने में मदद की है।
इसके अलावा, बीएसई एसएंडपी सेंसेक्स 277 पॉइंट और 0.48 प्रतिशत बढ़कर 58,130 पर था, जबकि निफ्टी 50 89 पॉइंट पर था अब 0.52 प्रतिशत बढ़कर 17,324 पर है। निफ्टी फाइनेंशियल सर्विस, प्राइवेट बैंक और एफएमसीजी के साथ सेक्टोरल इंडेक्स में मामूली गिरावट आई।
निवेशकों को बड़ा झटका: दो सत्रों में ही पेटीएम का मार्केट कैप 60 हजार करोड़ रुपये घटा, क्या सच होगा मैक्वेरी का अनुमान?
पेटीएम के आईपीओ से मोटी कमाई की आस बांधे बैठे निवेशकों को भारी झटका लगा है। इसका शेयर पहले दिन से बाजार में नीचे गिर रहा है।
देश के डिजिटल पैमेंट कारोबार की अग्रणी कंपनी पेटीएम और उसके लाखों निवेशकों को इन दिनों भारी निराशा का सामना करना पड़ मार्केट कैप क्या है? रहा है। पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन 97 कम्यूनिकेशंस के आईपीओ की शेयर बाजार में लिस्टिंग के बाद से उसके शेयर के दाम लगातार गिर रहे हैं। उसका इश्यू मूल्य 19.9 अरब डॉलर था, जो मात्र दो कारोबारी सत्रों में ही गिरकर 11.2 अरब डॉलर रह गया है। इसमें 8.7 अरब डॉलर (60 हजार करोड़ रुपये ) की गिरावट आई है।
पेटीएम का शेयर सोमवार को कारोबार के दौरान 1292 रुपये तक आ गया, जबकि यह 2150 रुपये में जारी हुआ था। हालांकि सोमवार को सत्र की समाप्ति तक यह सुधरकर 1362 रुपये पर बंद हुआ। कंपनी का बाजार मूल्य सोमवार को घटकर 84,032 करोड़ रुपये (11.2 अरब डॉलर) पर आ गया।
ऐसा लगता है कि पेटीएम के बारे में ग्लोबल इन्वेस्टमेंट बैंक मैक्वेरी का अनुमान सच होने जा रहा है। इस फर्म ने पेटीएम के शेयर के दाम 1200 रुपये रहने का अनुमान जताया था। यदि ऐसी ही गिरावट जा रही तो पेटीएम के शेयर के दाम 1200 रुपये तक पहुंचने में देर नहीं लगेगी। इससे निवेशकों को मुनाफा तो दूर की बात है मूल दाम में ही 44 फीसदी की मोटी गिरावट का सामना करना पड़ सकता है।
जोमैटो ने किया बेहतर प्रदर्शन
पेटीएम के उलट जोमैटो के आईपीओ ने बेहतर प्रदर्शन किया था। फरवरी 2021 में उसका बाजार पूंजीकरण 5.8 अरब डॉलर था, जो आईपीओ आने के बाद अब करीब तीन गुना बढ़कर 16.4 अरब डॉलर हो गया है।
अब तक का सबसे बड़ा 18,300 करोड़ रुपये का आईपीओ लेकर उतरी पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशन के शेयरों में लिस्टिंग के दिन से शुरू हुई गिरावट अभी भी जारी है। फिलहाल इसके शेयर की कीमत इश्यू प्राइस से लगभग 36 फीसदी तक कम हो चुकी है।
ब्रोकरेज फर्म 'मैक्वायरी' ने सोमवार के पेटीएम पर अपनी दूसरी रिपोर्ट प्रकाशित की। इस रिपोर्ट में भी फर्म ने पहली की तरह ही टारगेट 1200 बरकरार रखा और 'अंडरपरफॉर्म' (कमजोर प्रदर्शन) रेटिंग दी। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पेटीएम की वैल्यूएशन काफी ज्यादा मार्केट कैप क्या है? किया गया था।
विस्तार
देश के डिजिटल पैमेंट कारोबार की अग्रणी कंपनी पेटीएम और उसके लाखों निवेशकों को इन दिनों भारी निराशा का सामना करना पड़ रहा है। पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन 97 कम्यूनिकेशंस के आईपीओ की शेयर बाजार में लिस्टिंग के बाद से उसके शेयर के दाम लगातार गिर रहे हैं। उसका इश्यू मूल्य 19.9 अरब डॉलर था, जो मात्र दो कारोबारी सत्रों में ही गिरकर 11.2 अरब डॉलर रह गया है। इसमें 8.7 अरब डॉलर (60 हजार करोड़ रुपये ) की गिरावट आई है।
पेटीएम का शेयर सोमवार को कारोबार के दौरान 1292 रुपये तक आ गया, जबकि यह 2150 रुपये में जारी हुआ था। हालांकि सोमवार को सत्र की समाप्ति तक यह सुधरकर 1362 रुपये पर बंद हुआ। कंपनी का बाजार मूल्य सोमवार को घटकर 84,032 करोड़ रुपये (11.2 अरब डॉलर) पर आ गया।
ऐसा लगता है कि पेटीएम के बारे में ग्लोबल इन्वेस्टमेंट बैंक मैक्वेरी का अनुमान सच होने जा रहा है। इस फर्म ने पेटीएम के शेयर के दाम 1200 रुपये रहने का अनुमान जताया था। यदि ऐसी ही गिरावट जा रही तो पेटीएम के शेयर के दाम 1200 रुपये तक पहुंचने में देर नहीं लगेगी। इससे निवेशकों को मुनाफा तो दूर की बात है मूल दाम में ही 44 फीसदी की मोटी गिरावट का सामना करना पड़ सकता है।
जोमैटो ने किया बेहतर प्रदर्शन
पेटीएम के उलट जोमैटो के आईपीओ ने बेहतर प्रदर्शन किया था। फरवरी 2021 में उसका बाजार पूंजीकरण 5.8 अरब डॉलर था, जो आईपीओ आने के बाद अब करीब तीन गुना बढ़कर 16.4 अरब डॉलर हो गया है।
अब तक का सबसे बड़ा 18,300 करोड़ रुपये का आईपीओ लेकर उतरी पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशन के शेयरों में लिस्टिंग के दिन से शुरू हुई गिरावट अभी भी जारी है। फिलहाल इसके शेयर की कीमत इश्यू प्राइस से लगभग 36 फीसदी तक कम हो चुकी है।
ब्रोकरेज फर्म 'मैक्वायरी' ने सोमवार के पेटीएम पर अपनी दूसरी रिपोर्ट प्रकाशित की। इस रिपोर्ट में भी फर्म ने पहली की तरह ही टारगेट 1200 बरकरार रखा और 'अंडरपरफॉर्म' (कमजोर प्रदर्शन) रेटिंग दी। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पेटीएम की वैल्यूएशन काफी ज्यादा किया गया था।
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