यदि आप युवा हैं और आपमें जोखिम लेने की क्षमता है तो लाभ के समंदर के किनारे बैठे रहना समझदारी भी नहीं है।

दिवाली पर कीजिए म्यूचुअल फंड में निवेश का शुभारंभ, जानिए कहां खोलें अकाउंट और कैसे करें शुरुआत?

आज इंडिया टीवी पैसा की टीम आपके लिए म्यूचुअल फंड से जुड़ी पूरी जानकारी लेकर आया है। यहां आपको म्यूचअल फंड में निवेश की शुरुआत करने से लेकर सभी जानकारियां आसानी से मिल जाएंगी।

Edited by: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: October 23, 2021 16:06 IST

दिवाली पर कीजिए. - India TV Hindi

दिवाली पर कीजिए म्यूचुअल फंड में निवेश का शुभारंभ, जानिए कहां खोलें अकाउंट और कैसे करें शुरुआत?

भारतीय शेयर बाजार हर दिन नए रिकॉर्ड गढ़ रहा है। इसी हफ्ते सेंसेक्स 62000 का स्तर छूकर वापस लौटा है। अखबारों में छपने वाली इन मुनाफेभरी खबरों के बीच अब आम भारतीयों को भी बाजार पहले से अधिक लुभाने लगा है। लेकिन जहां अधिकतर लोगों को बाजार में निवेश को लेकर जानकारी नहीं है। वहीं अपनी छोटी कमाई पर दांव लगाने वाले नए निवेशकों के लिए उतार चढ़ाव से भरे बाजार में पैसे लगाना खतरों से खाली नहीं है। हालांकि यह भी ठीक नहीं है कि आप हाथ पर हाथ रखे दुनिया को मुनाफा उठाते देखते रहें।

यदि आप युवा हैं और आपमें जोखिम लेने की क्षमता है तो लाभ के समंदर के किनारे बैठे रहना समझदारी भी नहीं है।

बाजार के इन खतरों को कम करते हुए निवेश का आसान उपाय है म्यूचुअल फंड। आप जैसे किसी बैं;क की एफडी या पोस्टऑफिस स्कीम में निवेश करते हैं ठीक वैसे ही म्यूचुअल फंड में भी निवेश कर सकते हैं। यहां आप बाजार में सीधे पैसा नहीं कमाते, बल्कि आपकी ओर से बाजार के जानकार पैसा लगाते हैं। न तो आपको शेयर बाजार के रोज के उतार चढ़ाव पर नजर रखनी होती है और न हीं एक साथ ढेर सारा पैसा लगाना होता है। आप मात्र 500 रुपये की एसआईपी यानि हर महीने एक निश्चित रकम लगाकार शुरुआत कर सकते हैं।

आज इंडिया टीवी पैसा की टीम आपके लिए म्यूचुअल फंड से जुड़ी पूरी जानकारी लेकर आई है। यहां आपको म्यूचअल फंड में निवेश की शुरुआत करने से लेकर सभी जानकारियां आसानी से मिल जाएंगी।

क्या होता है म्यूचुअल फंड (What is Mutual Funds)

म्यूचुअल फंड जैसा कि इसके नाम से पता चल रहा है कि एक फंड में कई लोगों का पैसा लगाया जाता है। मान लीजिए आप म्यूचुअल फंड में पैसा लगाते हैं तो फंड कंपनी आपके पैसे से अलग अलग कंपनियों के शेयर खरीदती हैं। जब इन कंपनियों के शेयर बढ़ते या घटते हैं तो आपको उसी के हिसाब से नफा या नुकसान होता है। यहां आप सीधे पैसे नहीं लगाते हैं। आपकी ओर से अनुभवी फंड मैनेजर कंपनी की बैलेंस शीट और अन्य आंकड़े देखकर मजबूत शेयरों में पैसा लगाते हैं।

म्यूचुअल फंड में क्या फायदा है?

आप जो पैसा निवेश करते हैं उससे म्यूचुअल फंड कंपनियां शेयर, बॉन्ड और कई अन्य वित्तीय उपकरण खरीदती हैं। परिणामस्वरूप, व्यक्ति म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करके, विभिन्न उपकरणों में निवेश कर सकते हैं। इसका फायदा यह होता है कि आपका पैसा एक जगह नहीं लगाया जाता। मान लीजिए कि आपको शेयरों में नुकसान हुआ और बॉण्ड में फायदा तो आपका नुकसान की संभावना बहुत कम होगी।

कैसे खुलवाएं खाता

पहले करवाएं केवाइसी

म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना इतना आसान और सरल हो गया है कि कोई व्यक्ति निवेश करने के बारे में सोच सकता है। म्यूचुअल फंड में पहली बार निवेश करने वाले निवेशकों को अपना केवाईसी पूरा करना होगा जो एक बार की प्रक्रिया है। केवाईसी का मतलब है कि आपको अपनी जानकारी देनी होगी, आपका आधार और पैनकार्ड इसमें मदद करते हैं। केवाईसी सत्यापन पूरा करने में आपकी मदद करने के लिए आप किसी डिस्ट्रिब्यूटर या निवेश सलाहकार के पास जा सकते हैं या आप ऑनलाइन ई.केवाईसी कर सकते हैं।

कहां खरीद सकते हैं म्युचुअल फंड

केवाईसी सत्यापन के बाद निवेश करने के लिए तैयार होने पर, आप किसी म्यूचुअल फंड डिस्ट्रिब्यूटर, रजिस्टर्ड निवेश सलाहकार, स्टॉक मार्केट ब्रोकर या बैंक जाकर भी म्युचुअल फंड खरीद सकते हैं। ऑनलाइन के जमाने में आप सीधे कंपनी की वेबसाइट पर जाकर फंड चुन सकते हैं।

सलाहकार के साथ शुरुआत करना बेहतर

सीधे निवेश करने या किसी डिस्ट्रिब्यूटर के माध्यम से निवेश करने के बीच चुनाव आपका फैसला है। अगर आपको खुद अपने निवेश करना पसंद है, तो आप बेशक फंड की वेबसाइट या किसी ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से ऑनलाइन निवेश कर सकते हैं। लेकिन अगर आप सलाह लेना चाहते हैं या आपको निवेश करने में मदद की ज़रूरत है, तो आप किसी प्रतिनिधि के माध्यम से निवेश कर सकते हैं, जैसे डिस्ट्रिब्यूटर, निवेश सलाहकार या बैंक आदि।

म्यूचुअल फंड कितने प्रकार के होते हैं?

म्यूचुअल फंड तीन प्रकार होते हैं- इक्विटी म्यूचुअल फंड, डेट म्यूचुअल फंड, हाइब्रिड म्यूचुअल फंड।इक्विटी फंड सीधे शेयर बाजार में पैसा लगाते हैं। वहीं डेट फंड आपका पैसा कंपनियों पैसा निवेश करना कहाँ लाभदायक है द्वारा जारी ऋणपत्रों में पैसा लगाते हैं। यह इक्विटी के मुकाबले कम जोखिम भरा होता है। वहीं तीसरे हाइब्रिड फंड में इक्विटी और डेट दोनों का समावेश होता है। इसके अलावा ओपन एंडेड फंड, क्लोज एंडेड पैसा निवेश करना कहाँ लाभदायक है फंड, सक्रिय रूप से प्रबंधित फंड, पैसिवली मैनेज्ड फंड।

म्यूचुअल फंड कैसे काम करता है?

इसमें निवेशक एकमुश्त रकम फंड में लगाते हैं। इसके बाद एक तय समय अंतराल पर उस स्कीम से थोड़ा-थोड़ा निवेश इक्विटी स्कीम में ट्रांसफर करते रहते हैं। डेट फंड में एकमुश्त पैसा लगाने से सुरक्षित रिटर्न मिलता रहता है, वहीं एक तय अवधि में आपका पैसा धीरे धीरे ज्‍यादा रिटर्न देने वाली इक्विटी स्कीम में ट्रांसफर हो जाता है।

अत में. क्या म्यूचुअल फंड सही है?

छोटी अवधि में केवल ज्यादा रिटर्न के लिए इनमें निवेश करने पर आप नुकसान उठा सकते हैं। इनके साथ बहुत ज्‍यादा जोखिम होता है। नए निवेशकों को इन स्‍कीमों में पैसा लगाने की सलाह नहीं दी जाती है। मल्टीकैप म्यूचुअल फंड स्कीमों का सुझाव अक्सर उन निवेशकों को दिया जाता रहा है जो निवेश के साथ थोड़ा जोखिम ले सकते हैं।

रोजाना सिर्फ 20 रुपये जमा कर आप बन सकते हैं करोड़पति, जानें कहां लगाएं पैसा

कंपाउंडिंग का बेहतर फायदा तभी मिल सकता है, जब आप कम उम्र से ही निवेश शुरू कर दें. वहीं, आपको 5 या 10 साल की बजाए 20 या पैसा निवेश करना कहाँ लाभदायक है 25 साल के लिए लक्ष्य बनाना चाहिए. जितनी लंबी अवधि के लिए निवेश होगा, कंपाउंडिंग का फायदा उतना ज्यादा होगा.

रोजाना सिर्फ 20 रुपये जमा कर आप बन सकते हैं करोड़पति, जानें कहां लगाएं पैसा

हर कोई पैसा बचाना चाहता है और उसके बैंक खाते में करोड़ों हों. हालांकि, सीमित आय और खर्च के कारण मध्यम वर्ग के लोगों के लिए यह आसान नहीं है क्योंकि वे ज्यादा बचत नहीं कर पाते. अगर आप रोजाना सिर्फ 20 रुपये की बचत करते हैं तो रिटायरमेंट के समय तक आप आसानी से करोड़पति बन सकते हैं. सिप के जरिए म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) में निवेश करके करोड़पति बनने का आपका सपना पूरा किया जा सकता है.

इसमें आप रोजाना 20 रुपये का निवेश करके 10 पैसा निवेश करना कहाँ लाभदायक है पैसा निवेश करना कहाँ लाभदायक है करोड़ रुपये जुटा सकते हैं. हालांकि, आपको उचित निवेश योजना की जरूरत होगी. म्यूच्यूअल फंड के बारे में तो आप सभी जानते है. सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए आप हर महीने म्यूचुअल फंड में कम से कम 500 रुपये का निवेश कर सकते हैं. इसमें आपको आसानी से करोड़पति बनने का मौका मिल जाएगा. म्यूचुअल फंड ने 25 साल में जबरदस्त रिटर्न दिया है.

रोज 20 रुपये के निवेश से ऐसे बन जाएंगे करोड़पति

अगर आप 20 साल की उम्र से रोजाना 20 रुपये बचाते हैं तो यह रकम 600 रुपये महीने हो जाएगी. आपको इस निवेश को 40 साल तक जारी रखना होगा. यानी 480 महीने तक आपको हर महीने 600 रुपये का निवेश करना होगा. मान लें कि आपको इस निवेश पर 15 फीसदी वार्षिक रिटर्न मिलेगा, 40 साल बाद आपको कुल 1.88 करोड़ रुपये मिलेंगे. इन 40 वर्षों में आपको सिर्फ 2,88,000 रुपये ही निवेश करने होंगे. अगर आपको महीने में 600 रुपये के सिप पर 20 फीसदी रिटर्न मिलता है तो 40 साल बाद कुल 10.21 करोड़ रुपये जमा होंगे.

इसके अलावा अगर आप 20 साल की उम्र में हर दिन 30 रुपये बचाते हैं तो यह 900 रुपये प्रति माह हो जाएगा. अगर आप इसे एसआईपी के जरिए किसी डायवर्सिफाइड म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो इस निवेश पर 40 साल बाद आपको सालाना 12 फीसदी रिटर्न की दर से 1.07 करोड़ रुपये मिलेंगे. इस दौरान 4,32,000 रुपये का निवेश करना होगा.

वास्तव में, लंबी अवधि के निवेश में कम्पाउंडिंग छोटे निवेशों को मोटे फंड के रूप में खड़ा करता है. हालांकि, एक बात का ध्यान रखें कि म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले आपको एक बार मार्केट एडवाइजर की मदद जरूर लेनी चाहिए.

क्या है कंपाउंडिंग?

निवेश करने पर आपकी जो कमाई होती है, उसे भी फिर से निवेश करना कंपाउंडिंग है. इसमें आपको मूलधन के साथ उसके ब्याज पर भी ब्याज मिलता है. कंपाउंडिंग आपके निवेश को बढ़ाने में जहां बड़ा जरिया है.

कंपाउंडिंग का बेहतर फायदा तभी मिल सकता है, जब आप कम उम्र से ही निवेश शुरू कर दें. वहीं, आपको 5 या 10 साल की बजाए 20 या 25 साल के लिए लक्ष्य बनाना चाहिए. जितनी लंबी अवधि के लिए निवेश होगा, कंपाउंडिंग का फायदा उतना ज्यादा होगा.

Investment Options: 5 लाख रुपये के साथ कहां करें निवेश, क्‍या होगा बेहतर विकल्‍प?

आपके पास 5 लाख की राशि है, जिसे आप अच्‍छे फंड में बदलना चाहते हैं तो यहां एक्‍सपर्ट की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, सरकारी योजनाओं से लेकर SIP, शेयर बाजार आदि में निवेश कर सकते हैं।

Investment Options: 5 लाख रुपये के साथ कहां करें निवेश, क्‍या होगा बेहतर विकल्‍प?

निवेश के लिए आप यहां कुछ बेहतर विकल्‍प के बारे में जान सकते हैं। (फोटो- Freepik)

आधुनिक समय में लोग निवेश की ओर अधिक गौर कर रहे हैं। सरकारी योजनाओं से लेकर बैंक एफडी और अधिक रिस्‍क के लिए शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड जैसी जगहों पर पैसा लगा रहे हैं। सरकारी योजनाओं और बैंक एफडी में रिस्‍क कम होता है और इसमें पैसा लगाने सेफ माना जाता है। साथ ही अच्‍छा रिटर्न भी दिया जा रहा पैसा निवेश करना कहाँ लाभदायक है है। वहीं मार्केट और म्यूचुअल फंड में निवेश करना रिस्‍की माना जाता है, लेकिन आपको कम समय में अधिक रिटर्न मिल सकता है।

अगर आप भी निवेश की प्‍लानिंग कर रहे हैं और आपके पास 5 लाख की राशि है, जिसे आप अच्‍छे फंड में बदलना चाहते हैं तो यहां एक्‍सपर्ट की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, सरकारी योजनाओं से लेकर SIP, शेयर बाजार आदि में निवेश कर सकते हैं।

अगर कोई व्‍यक्ति रिटायर हो रहा है और उसके पास पांच लाख की राशि है तो वह अधिक रिस्‍क लेने के बजाय रेगुलर इनकम जैसी योजनाओं में निवेश कर सकता है। फिक्‍स डिपॉजिट पर अपने सुविधाजन टेन्‍योर के लिए, सीनियर सिटीजन सेविंग स्‍कीम और पेंशन प्‍लान आदि जैसी योजनाओं में निवेश कर सकते हैं।

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हालांकि अगर आपने अभी नौकरी करना शुरू किया है तो आप अपनी क्षमता के अनुसार निवेश का विकल्‍प चुन सकते हैं। ऐसे लोगों के लिए निवेश के बहुत से विकल्‍प उपब्‍ध हैं। कम जोखिम वाला व्‍यक्ति निवेश से दूर रहने का विकल्‍प चुनेगा तो वहीं रिस्‍क लेना वाला व्‍यक्ति शेयर मार्केट में निवेश का विकल्‍प चुन सकता है।

ग्रिप के संस्थापक और सीईओ निखिल अग्रवाल ने कहा कि एक युवा निवेशक के रूप में आपके पास समय है और यदि आपके पास आय का एक स्थिर स्रोत है, तो आप अधिक जोखिम उठा सकते हैं। हालांकि निवेश शुरू करने से पहले आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए आपका निवेश बाधित न हो।

आप स्वास्थ्य बीमा, जीवन बीमा जैसी बुनियादी चीजों में निवेश कर सकते हैं और एक लिक्विड फंड बना सकते हैं, जिसे आप आपात स्थिति में उपयोग कर सकते हैं। वहीं मार्केट के तहत आप एकमुश्त के बजाय व्यवस्थित निवेश योजना (SIP) में निवेश कर सकते हैं। अधिक फंड के लिए आप म्यूचुअल फंड में भी निवेश कर सकते हैं।

एक्‍सपर्ट के अनुसार आप इससे थोड़ा अधिक रिस्‍क लेते हुए कॉरपोरेट बॉन्ड, एसेट लीजिंग, इन्वेंट्री फाइनेंस, कमर्शियल रियल एस्टेट और स्टार्ट-अप इक्विटी में भी निवेश शुरू कर सकते हैं।

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आपके पास 5 लाख की राशि है, जिसे आप अच्‍छे फंड में बदलना चाहते हैं तो यहां एक्‍सपर्ट की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, सरकारी योजनाओं से लेकर SIP, शेयर बाजार आदि में निवेश कर सकते हैं।

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निवेश के लिए आप यहां कुछ बेहतर विकल्‍प के बारे में जान सकते हैं। (फोटो- Freepik)

आधुनिक समय में लोग निवेश की ओर अधिक गौर कर रहे हैं। सरकारी योजनाओं से लेकर बैंक एफडी और अधिक रिस्‍क के लिए शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड जैसी जगहों पर पैसा लगा रहे हैं। सरकारी योजनाओं और बैंक एफडी में रिस्‍क कम होता है और इसमें पैसा लगाने सेफ माना जाता है। साथ ही अच्‍छा रिटर्न भी दिया जा रहा है। वहीं मार्केट और म्यूचुअल फंड में निवेश करना रिस्‍की माना जाता है, लेकिन आपको कम समय में अधिक रिटर्न मिल सकता है।

अगर आप भी निवेश की प्‍लानिंग कर रहे हैं और आपके पास 5 लाख की राशि है, जिसे आप अच्‍छे फंड में बदलना चाहते हैं तो यहां एक्‍सपर्ट की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, सरकारी योजनाओं से लेकर SIP, शेयर बाजार आदि में निवेश कर सकते हैं।

अगर कोई व्‍यक्ति रिटायर हो रहा है और उसके पास पांच लाख की राशि है तो वह अधिक रिस्‍क लेने के बजाय रेगुलर इनकम जैसी योजनाओं में निवेश कर सकता है। फिक्‍स डिपॉजिट पर अपने सुविधाजन टेन्‍योर के लिए, सीनियर सिटीजन सेविंग स्‍कीम और पेंशन प्‍लान आदि जैसी योजनाओं में निवेश कर सकते हैं।

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हालांकि अगर आपने अभी नौकरी करना शुरू किया है तो आप अपनी क्षमता के अनुसार निवेश का विकल्‍प चुन सकते हैं। ऐसे लोगों के लिए निवेश के बहुत से विकल्‍प उपब्‍ध हैं। कम जोखिम वाला व्‍यक्ति निवेश से दूर रहने का विकल्‍प चुनेगा तो वहीं रिस्‍क लेना वाला व्‍यक्ति शेयर मार्केट में निवेश का विकल्‍प चुन सकता है।

ग्रिप के संस्थापक और सीईओ निखिल अग्रवाल ने कहा कि एक युवा निवेशक के रूप में आपके पास समय है और यदि आपके पास आय का एक स्थिर स्रोत है, तो पैसा निवेश करना कहाँ लाभदायक है आप अधिक जोखिम उठा सकते हैं। हालांकि निवेश शुरू करने से पहले आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए आपका निवेश बाधित न हो।

आप स्वास्थ्य बीमा, जीवन बीमा जैसी बुनियादी चीजों में निवेश कर सकते हैं और एक लिक्विड फंड बना सकते हैं, जिसे आप आपात स्थिति में उपयोग कर सकते हैं। वहीं मार्केट के तहत आप एकमुश्त के बजाय व्यवस्थित निवेश योजना (SIP) में निवेश कर सकते हैं। अधिक फंड के लिए आप म्यूचुअल फंड में भी निवेश कर सकते हैं।

एक्‍सपर्ट के अनुसार आप इससे थोड़ा अधिक रिस्‍क लेते हुए कॉरपोरेट बॉन्ड, एसेट लीजिंग, इन्वेंट्री फाइनेंस, कमर्शियल रियल एस्टेट और स्टार्ट-अप इक्विटी में भी निवेश शुरू कर सकते हैं।

आइए समझें टैक्स सेविंग वाले म्यूचुअल फंड का निवेश क्यों है सबसे फायदेमंद

ELSS ईएलएसएस ऐसे म्यूचुअल फंड होते हैं, जिनका सर्वाधिक भाग (65% से अधिक) शेयरों (equity) में और इक्विटी लिंक्ड सिक्योरिटीज में निवेश कि जाता है. साथ पैसा निवेश करना कहाँ लाभदायक है ही इसका एक हिस्सा फिक्स्ड इंकम प्रतिभूति (fixed-income securities) आदि में भी लगाया जाता है.

आइए समझें टैक्स सेविंग वाले म्यूचुअल फंड का निवेश क्यों है सबसे फायदेमंद

म्यूचुअल फंड निवेश का अच्छा विकल्प.

म्यूचुअल फंड में निवेश आज की तारीख में सबसे बेहतर निवेश माना जा रहा है. कारण सिर्फ यह है कि अगर कोई भी नौकरीपेशा या बिजनेसमैन यह चाहता है कि वह अपने काम के साथ अपने पैसे को बढ़ाना चाहता है और उस पर ज्यादा सोच विचार का समय नहीं है तब म्यूचुअल फंड का निवेश उसके सामने एक अच्छा विकल्प है. साथ ही ऐसे निवेशकों के लिए यह सबसे उपयोगी जो बाजार के उतार-चढ़ाव को तो समझते हैं मगर उससे सीधे जुड़े नहीं रह पाते हैं. नौकरी या बिजनेस उन्हें इतना वक्त नहीं देता कि वे बाजार की चाल के साथ निवेश कर सकें और अपना पैसा सही समय में निकाल सकें. ऐसे लोगों के लिए म्यूचुअल फंड शानदार मौका उपलब्ध कराता है जिससे वे अपने पैसे का ज्यादा रिटर्न ले सकें.

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म्यूचुअल फंड में एक फंड टैक्स सेविंग फंड भी होता है जिसे आम तौर पर ELSS (Equity Link Saving scheme) कहते हैं. चूंकि यह एक टैक्स सेविंग स्कीम है तो इसके साथ कुछ पाबंदियां भी आती हैं. यानि इस योजना में कुछ लॉकिन इन समय है. इससे साफ है कि इस दौरान आप निवेश की गई राशि को निकाल नहीं सकते हैं. अमूमन यह लॉकइन समय कम से कम तीन साल का होता है.

ELSS ईएलएसएस ऐसे म्यूचुअल फंड होते हैं, जिनका सर्वाधिक भाग (65% से अधिक) शेयरों (equity) में और इक्विटी लिंक्ड सिक्योरिटीज में निवेश कि जाता है. साथ ही इसका एक हिस्सा फिक्स्ड इंकम प्रतिभूति (fixed-income securities) आदि में भी लगाया जाता है.

चूंकि इनमें निवेश लॉकइन समय के साथ आता है. तो सरकार की ओर से आयकर की धारा 80 सी के तहत टैक्स में छूट का लाभ लिया जा सकता है. यह साफ करना भी जरूरी है कि इस सेक्शन के तहत केवल 150000 रुपये सालाना ही टैक्स में छूट का दायरा है. क्योंकि यहां पैसा निवेश करना कहाँ लाभदायक है पर टैक्स में छूट के साथ कमाई भी हो रही है तभी इसे टैक्स सेविंग स्कीम भी कहा जा रहा है.
जानकारी के लिए बता दें कि आयकर के सेक्शन 80 सी के तहत कुछ अन्य निवेश और खर्च भी आते हैं. इनमें EPF, PPF, NSC, सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम, सुकन्या समृद्धि योजना, जीवन बीमा आदि भी सम्मिलित हैं. टैक्स की लिमिट में इन सभी को शामिल किया जाता है.

टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड या ELSS की मुख्य बातों को ऐसे समझें

टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड या कहें म्यूचुअल फंड एक प्रकार से कई लोगों के पैसे को इकट्ठा कर बाजार में निवेश किया जाता है. नाम से ही पैसा निवेश करना कहाँ लाभदायक है साफ हो जाता है कि जिस भी कंपनी के माध्यम से हम निवेश कर रहे हैं वह कंपनी पैसे एकत्र कर निवेश करती है. कंपनी के पास अपने फंड मैनेजर होते हैं जो हमेशा बाजार की चाल पर नजर रखते हैं और निवेश करने में बेहतर रिटर्न के साथ पैसे की सुरक्षा के दोनों पहलुओं पर गौर करते हैं. यहां यह भी साफ कर देना उतना ही जरूरी है जितना किसी बात की गारंटी देने के लिए जरूरी होता है. बाजार में किया गया निवेश हमेशा एक रिस्क या कहें जोखिम के साथ होता है. सो जो इस बात को रिस्क वहन करना जानते हैं तब आप बाजार पैसा निवेश करना कहाँ लाभदायक है पैसा निवेश करना कहाँ लाभदायक है से जुड़े किसी फंड में निवेश करें.
फंड मैनेजर ये निवेश सरकारी बॉन्ड, कंपनियों के सावधि जमा, शेयर या फिर सोना आदि में करते हैं या कहें जैसे जरूरत और समय है उसमें निवेश किया जाता है. ये फंड मैनेजर की सूझबूज के साथ ही तय हो जाता है कि पैसा कितना बढ़ेगा. साथ ही यह वही तय करता है कि कब निवेश करना है और कब निकाल लेना है.

रिटर्न की संभावना कितनी है म्यूचुअल फंड में

इस सवाल का जवाब सटीक नहीं होता. इसके लिए कहा जा सकता है कि सड़क पर चलती गाड़ी की स्पीड कितनी होगी. कोई बता सकता है. नहीं. सड़क कैसी है, ड्राइवर कैस है और ट्रैफिक कैसा.. कई कारक सड़क पर गाड़ी की स्पीड तय करते हैं. वैसे टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड भी शेयरों में ही निवेश करता है इसलिए इसमें से सबसे ज्यादा पैसा बनने की उम्मीद है. वैसे भी भारत की अर्थव्यवस्था पिछले कुछ दशकों से लगातार प्रगति कर रही है. विदेशी निवेशकों से लेकर विदेशी कंपनियों ने यहा पर निवेश और विनिर्माण में रुचि दिखाई है और यह लगातार बढ़ता ही जा रहा है. ऐसे में आने वाले 20 सालों में भारत का भविष्य उज्ज्वल है और निवेश का प्रतिफल लाभदायक ही होने की उम्मीद है. हम फिर एक बार गारंटी नहीं ले रहे हैं. याद रखें बाजार की अपनी चाल होती है. आंकड़ों पर गौर किया जाए तो कई म्यूचुअल फंड ने पिछले दो दशकों में 21 प्रतिशत सालाना का रिटर्न भी दिया है. कहा तो यह भी जाता है कि MF के सामने सोना भी फीका साबित हुआ है. कुछ तो यह भी कहते हैं कि प्रॉपर्टी का निवेश भी कमतर रहा है.

इसीलिए अगर आप चाहते हैं कि आपके tax saving investment से सबसे ज्यादा कमाई हो तो टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड यानी ELSS में पैसे लगाएं।

म्यूचुअल फंड में SIP के जरिए किस्तों में भी निवेश कर सकते हैं
म्यूचुअल फंड में एकमुश्त और SIP की सुविधा होती है. एसआईपी के जरिए आपको निवेश करने में सुविधा होती है. आप महीने की किसी एक तारीख में एक निश्चित रकम निवेश कर सकते हैं. अब इन एसआईपी के लिए बैंक खाते से हर महीने अपने आप पैसे कट जाते हैं. पैसे अलग अलग महीने में कटती है तो ऐसे में आपके म्यूचुअल फंड के खाते में भी अलग अलग समय पर यूनिट की खरीद होती है. इससे यह फायदा होता है कि बाजार के उतार चढ़ाव को यह संभाल लेता है.

अंत में बस एक बात. अभी तक देखा गया है कि पिछले दो दशकों में शेयर बाजार वाले म्यूचुअल फंड में निवेश पर कम से कम 11 प्रतिशत सालाना का रिटर्न मिला है वहीं टैक्स सेविंग में 18 प्रतिशत तक का रिटर्न प्राप्त हुआ है. बाजार ने पिछले दो दशकों में देश की तरक्की के साथ खासी मजबूती भी हासिल की है और निरंतर प्रगति के ओर बढ़ रहा है. यह अलग बात है कि बाजार हमेशा जोखिम से भरा होता है इसलिए बाजार से जुड़े किसी भी निवेश में केवल उसी व्यक्ति को निवेश करना चाहिए जो यह रिस्क लेने को तैयार है.

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