Narayana Health Care
प्रोस्टेट पुरुषों में एक अखरोट के आकार का ग्रंथि है जो वीर्य (seminal fluid) बनाता है और शुक्राणु (sperm) को पोषण जुटाता है। जब प्रोस्टेट ग्रंथि में कैंसर होता है, तो इसका विकास धीमी और सिमित हो सकता है, जिसे चिकित्सा सहायता की जरुरत नहीं होती या फिर यह गंभीर रूप से बढ़ सकता है और नजदीकी अंगों तक फैल सकता है।
प्रोस्टेट कैंसर जब कम और सिमित रूप में होता है तब इसके उपचार की संभावना अधिक होता है। इस रोग का निदान केवल तभी हो सकता है जब इसकी पहचान प्रारंभिक अवस्था में हो सके। स्क्रीनिंग के माध्यम से इसकी पहचान शुरुआती अवस्था में हो सकती है।
क्या मुझे प्रोस्टेट कैंसर के लिए जांच करवानी चाहिए?
इस विषय पर बहुत विचार और संवाद हुआ है जो ये सिद्ध करते हैं कि प्रोस्टेट कैंसर स्क्रीनिंग आवश्यक और सहायक है। यह आंशिक रूप से सक्रिय निगरानी का विषय है, जिसका अर्थ है कि प्रोस्टेट कैंसर वाले एक वृद्ध व्यक्ति सामान्य और स्वस्थ जीवन जी सकता है, लेकिन कुछ प्रोस्टेट कैंसर बहुत तेजी से बढ़ते हैं और उस व्यक्ति के लिए खतरा बन जाते हैं। दोनों में अंतर नहीं किया जा सकता है। स्क्रीनिंग में होने वाली लागत जीवन के लिए खतरनाक कैंसर से कम है।
प्रोस्टेट कैंसर के चेतावनी के संकेत क्या हैं?
- जलन और पेशाब में दर्द
- पेशाब करने और रोकने में कठिनाई
- रात में बार-बार पेशाब करने की इच्छा होना
- मूत्राशय के नियंत्रण में कमी
- मूत्र प्रवाह में कमी
- मूत्र में रक्त (हेमट्यूरिया)
- वीर्य में रक्त
- इरेक्टाइल डिसफंक्शन
- दर्दनाक स्खलन
इन चेतावनी संकेतों के साथ समस्या यह है कि ये प्रारंभिक अवस्था में दिख सकते हैं या नहीं भी दिख उत्तम–प्रवाह संकेतक कैसे काम करता है? सकते। अधिकांश प्रोस्टेट कैंसर का शुरुआत में पहचान करना मुश्किल है।इस संबंध में अमेरिकन कैंसर सोसायटी का एक विशिष्ट प्रोटोकॉल है जिसका पालन पूरी दुनिया में किया जाता है।
आपको जांच करवाने की आवश्यकता तभी है जब:
- 40 – अगर आपका पारिवारिक इतिहास है
- 45 – यदि आप अफ्रीकी अमेरिकी हैं
- 50 – यदि आपका पारिवारिक इतिहास नहीं है और आप अफ्रीकी अमेरिकी नहीं हैं
- 55-69 – अपने डॉक्टर से चर्चा करें
- 70 साल से अधिक के लोगों को स्क्रीनिंग की सिफारिश नहीं की जाती है
फिर भी, आपके डॉक्टर सलाह दे सकते हैं कि आपको स्क्रीन की जरूरत है या नहीं।
स्क्रीनिंग कैसे होता है?
2 तरह के परीक्षण चलन में है –
- प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन टेस्ट – ब्लड टेस्ट
- फ्री पीएसए परीक्षण (
- पीएसए वेग या समय के साथ वृद्धि की दर (तेजी से वृद्धि का मतलब अधिक खतरा है)
- पीएसए घनत्व, या पीएसए पर वॉल्यूम प्रोस्टेट की मात्रा (उच्च घनत्व का अर्थ है अधिक खतरा)
- पीएसए – आधारित मार्कर (उदाहरण के लिए प्रोस्टेट हेल्थ इंडेक्स, 4K स्कोर)
- डिजिटल रेक्टल एग्जाम (DRE) हाथ से
यदि उपरोक्त परीक्षणों में से किसी में प्रोस्टेट कैंसर का संदेह है, तो इसकी पुष्टि इनके द्वारा की जाती है
- अन्य मार्कर, यूरिनरी PCA3 टेस्ट
- प्रोस्टेट का एमआरआई
मैं 50 वर्ष का हूं, स्क्रीनिंग मेरे लिए क्यों नहीं है?
सिर्फ उम्र के वजह से आपको अधिक खतरा नहीं होता है। एथ्निसिटी जैसे अन्य कारक भी इसके लिए जिम्मेदार हैं जिनकी चर्चा ऊपर की जा चुकी है। इसके अलावा स्क्रीनिंग में कुछ तथ्यों छूट जा सकते हैं काफी महत्व के हो सकते हैं ठीक वैसे हीं कुछ अन्य चीजों का पता चल सकता है जो वैसे नुकशानदेह नहीं होते। ये तेजी से बढ़ते घातक ट्यूमर या धीमी गति से बढ़ते हानिरहित ट्यूमर के बीच अंतर नहीं कर पाते हैं। इसके ऊपर, इसका दुष्प्रभाव रोगी के जीवन के गुणवत्ता को कम कर सकता है।
प्रोस्टेट कैंसर स्क्रीनिंग प्रोस्टेट कैंसर का शुरुआत में पता लगाने का एक उपलब्ध समाधान है. अपने आप के परिक्षण का निर्म निर्णय समझदारी से लें।इस संबंध में सारि जानकारी इकठा करें।
ये संकेत बताते हैं कि उत्तम–प्रवाह संकेतक कैसे काम करता है? आपकी आंत में है कोई ना कोई गड़बड़
आज के दौर में पाचन संबंधी समस्याएं सभी आयु वर्ग के लोगों में दिखती हैं. आजकल की लापरवाह जीवनशैली, भागदौड़ भरी जिंदगी, बेवक्त और उलटा-सीधा खाने की आदतें पाचन क्रिया को बिगाड़ देती हैं, जिससे पेट से जुड़ी कई समस्याएं जन्म ले लेती है. अनियमित खान-पान की आदतें और खराब जीवनशैली, पाचन शक्ति को कमजोर कर सकती है. इससे पेट और आंत कमजोर पड़ने लगते हैं और पाचन संबंधी समस्याएं पैदा हो जाती हैं.
व्यक्ति के शरीर में हर अंग का अपना अलग महत्व है. जिस प्रकार से इंसान का मस्तिष्क काम करता है, ठीक उसी तरह से व्यक्ति के शरीर में आंत का महत्व होता है. प्राण पॉइंट्स की संस्थापक डिंपल जांगडा मानती हैं कि आंत की देखभाल करने का अर्थ है शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य दोनों का उत्तम–प्रवाह संकेतक कैसे काम करता है? ध्यान रखना. ऐसा इसलिए क्योंकि 70 प्रतिशत से ज्यादा सेरोटोनिन यानी हैप्पीनेस हार्मोन हृदय या मस्तिष्क में नहीं बल्कि आंत में बनता है.
credit- getty images
आयुर्वेद के अनुसार, अच्छा आहार अच्छी सेहत की कुंजी है. अगर पाचन क्रिया दुरुस्त है तो शरीर और मन दोनों ठीक तरह से काम करते हैं. 'द कादम्ब ट्री' की को-फाउंडर और आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ दीक्षा भावसार ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर आंत को लेकर अहम जानकारी साझा की है. आयुर्वेद के अनुसार, स्वस्थ आंत, अच्छे स्वास्थ्य, लंबी उम्र और खुशी की कुंजी है.
डॉ दीक्सा ने बताया कि किस तरह से एक स्वस्थ आंत अच्छी सेहत के लिए महत्वपूर्ण है. आंत न केवल भोजन को पचाती है, बल्कि ये हमारी भावनाओं को प्रोसेस कर शरीर के अन्य हिस्सों की देखरेख करती है. इतना ही नहीं, वो कहती हैं कि अस्वस्थ आंत सभी बीमारियों का मूल कारण होती है (रोगाः सर्वे अपि मंदे अग्नौ).
credit- getty images
डॉक्टर के अनुसार, चिंता से लेकर, तनाव, पर्याप्त भोजन न मिलना और व्यायाम की कमी और एक गतिहीन जीवनशैली (जिसमें कोई फिजिकल एक्टीविटी न हो) हमारे स्वास्थ्य को बिगाड़ सकते हैं. भूख से अधिक खाना या अनियमित भोजन करना, कुछ भी ऊट-पटांग खा लेना भी खराब पाचन का कारण हो सकता है. इसके अलावा, लंबे समय तक उपवास रखने से या भूखा रहने से आंत पर बुरा प्रभाव पड़ता है. डॉक्टर मानती हैं कि खुद को स्वस्थ बनाए रखने के लिए केवल 'खाते समय खाओ और खेलते समय खेलो' के नियम का पालन करना चाहिए. आइए जानते हैं डॉ दीक्षा के अनुसार, आंत में गड़बड़ के क्या लक्षण हो सकते हैं.
अगर किसी व्यक्ति को हर समय पेट में भारीपन या फूला हुआ महसूस होता है, कब्ज या दिन में दो या ज्यादा बार मल त्याग करना पड़ता है, मुंह की उचित साफ-सफाई के बावजूद भी सांसों से दुर्गंध आती है. इसका मतलब आपकी आंत अस्वस्थ है.
अगर आप वजन बढ़ाने की या घटाने की सोच रहे हैं, लेकिन मेहनत करने पर भी असफलता हासिल हो रही है. तो ये आपकी आंत के सही ढंग से काम ना करने के कारण हो सकता है.
अगर आप खुद एनर्जेटिक महसूस नहीं करते हैं या थकावट का एहसास होता रहता है तो कहीं न कहीं इसके लिए आपकी खराब आंत जिम्मेदार है. इसके अलावा, अनियमित पीरियड्स, एक्ने जैसी त्वचा संबंधी समस्याएं भी अस्वस्थ आंत के कारण हो सकती हैं.
डॉ भावसार कहती हैं, एक स्वस्थ आंत से आपको हैप्पी हार्मोन, कम तनाव, पोषक तत्व, अच्छी नींद, अच्छी याददाश्त, चमकती त्वचा, चमकदार बाल, स्वस्थ आंत और बहुत कुछ प्राप्त हो सकता है. वो कहती हैं कि, इसके लिए आपको अपनी जीवनशैली में कुछ सुधार करने की जरूरत है. इनमें खाने की आदत, सोने के पैटर्न, व्यायाम की आदत डालना, तनाव से दूरी रखना आदि शामिल हैं. अपनी आंत को हमेशा खुश और स्वस्थ रहने के लिए बस इतना ही चाहिए.
ये संकेत बताते हैं किस ग्रह का है आप पर बुरा प्रभाव, बचें इनके वार से
ज्योतिष के अनुसार कुंडली में ग्रहों की अशुभ स्थिति के कारण ही हमें परेशानियों और असफलताओं का सामना करना पड़ता है। अशुभ प्रभाव देने वाले ग्रहों का उचित उपचार करने पर उनके बुरे फलों में कमी आती है, जिससे काफी हद तक मेहनत के बल पर हम उन्नति प्राप्त कर सकते हैं । यदि आपको भी जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो ज्योतिष शास्त्र में बताए गए यह उपाय अपनाएं-
सूर्य : करें काली गाय की सेवा
किसी जातक की कुंडली में सूर्य खराब परिणाम दे रहा हो तो लाल किताब के अनुसार उस जातक के मुंह से बोलते समय थूक उछलता रहता है। शरीर के कुछ अंग आंशिक या पूर्ण रूप से नाकारा होने लगते हैं। सूर्य जातकों को सुबह उठ कर सूर्य देवता को अर्ध्य उत्तम–प्रवाह संकेतक कैसे काम करता है? देना चाहिए और लाल मुंह के बंदर की सेवा करनी चाहिए। आठवें का सूर्य होने पर सफेद गाय के बजाय लाल या काली गाय की सेवा करने के लिए कहा जाता है।
चंद्र : बुजुर्गों का लें आशीर्वाद
माता की सेवा करने से चंद्रमा के शुभ फल मिलने शुरू होते हैं। घर के बुजुर्गों, साधु और ब्राह्मणों के पांव छूकर आशीर्वाद लेने से चंद्रमा के खराब प्रभावों को भी दूर किया जा सकता है। रात में सिरहाने के नीचे पानी रख कर सुबह उसे पौधों में डालने से चंद्रमा का असर दुरुस्त होता है। घर का उत्तरी-पश्चिमी कोना चंद्रमा का स्थान होता है। यहां पौधे लगाए जाएं और सुबह-शाम पानी दिया जाए तो चंद्रमा का प्रभाव उत्तम बना रहता है।
मंगल : भाइयों की करें सहायता
आंख में किसी भी तरह की खराबी हो या फिर लंबे समय से संतान उत्पत्ति में बाधा आ रही हो तो इसे मंगल के खराब प्रभाव के तौर पर देखा जाता है। भाइयों की सहायता और ताऊ-ताई की सेवा करें तो मंगल का अच्छा प्रभाव मिलता है। लाल रंग का रूमाल पास रखने से मंगल का खराब प्रभाव खत्म होता है। महिलाओं में मंगल का असर बढ़ाने के लिए तो उन्हें लाल चूडिय़ां, सिंदूर, लाल साड़ी, लाल बिंदी लगाने के लिए कहा जाता है।
बुध : घर में जमा कचरे को हटाएं
गंध का पता न लगे और सामने के दांत गिरने लगें तो समझ लीजिए कि बुध का खराब प्रभाव आ रहा है। ऐसे में फिटकरी से दांत साफ करने से बुध का खराब प्रभाव कम होता है। बुध खराब होने से व्यापारियों का दिया या लिया धन अटकने लगता है। गायों को नियमित रूप से पालक खिलाने से रुका हुआ धन फिर से मिलने लगता है। छत पर जमा कचरा भी ऋण को बढ़ाता है। इसे हटाने से ऋण कम और व्यापार सुचारू चलता है।
गुरु : ईष्ट देव को पूजें
रमते साधु को पीले वस्त्र दान करने और भोजन कराने से गुरु के अच्छे परिणाम हासिल होते हैं। जिन जातकों की गुरु की दशा चल रही हो, अगर वे नियमित रूप से अपने ईष्ट के मंदिर जाएं और पीपल में जल सींचें तो गुरु की दशा में अच्छे लाभ हासिल कर सकते हैं। इसी दशा में स्कूल, धर्म स्थान में नियमित दान करना भी भाग्य को बढ़ाता है।
शुक्र : गाय को दें गुड़
चमड़ी के रोग और अंगूठे पर चोट से शुक्र के खराब प्रभाव का पता चलता है। अगर प्रतिदिन रात के समय अपने हिस्से की एक रोटी गाय को दें तो शुक्र का प्रभाव यानी समृद्धि तेजी से बढ़ती है। शुक्र का खराब प्रभाव हो तो रात के समय बैठी गाय को गुड़ देना लाभदायक होता है। सुहागिनों को समय-समय पर सुहाग की वस्तुएं देने से शुक्र का प्रभाव बढ़ता है।
शनि : साधु को दें दान
जूते खोने, घर में नुक्सान, पालतू पशु के मरने और आग लगने से शनि का खराब प्रभाव देखा जाता है। डाकोत को नियमित रूप से तेल देने, साधु को लोहे का तवा, चिमटा या अंगीठी दान करने से शनि का प्रभाव अच्छा हो जाता है। शनि के अच्छे प्रभाव लेने के लिए नंगे पैर मंदिर जाना चाहिए।
राहू : हरियाली का रखें वास
अनचाही समस्याएं राहू से आती हैं। घर का दक्षिणी-पश्चिमी कोना राहू का है। इस कोने में कभी गंदगी नहीं रहनी चाहिए। घर के दक्षिणी-पूर्वी कोने में आवश्यक रूप से हरियाली का वास रखना चाहिए। परिवार का जो सदस्य राहू से पीड़ित हो, उसे हरियाली के पास रखें। अंधेरे और गंदगी वाले कोनों में राहू का वास होता है। अगर हर कोने को साफ और उजला रखेंगे तो राहू के खराब प्रभाव से दूर रहेंगे।
केतू : घर में रखें पालतू जानवर
जोड़ों का दर्द और पेशाब की बीमारी मुख्य रूप से केतू की समस्या के कारण आते हैं। कान बींधना, पालतू जानवर (खासकर कुत्ता) पालना केतू के खराब प्रभाव को कम करता है। संतान कष्ट में काला-सफेद कंबल साधु को देने से कष्ट दूर होता है।
सबसे ज्यादा पढ़े गए
Saraswati Mata Puja mantra: इस मंत्र का करें जाप और पाएं ज्ञान का वरदान
UNSC में बोला भारत - ‘बुरे या अच्छे'' नहीं होते आतंकवादी, श्रेणी में बांटने का युग हो तत्काल समाप्त
भारत में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर 3,913 हुई
पंजाब में सीमा पर बीएसएफ ने दो एके-47 राइफल समेत अन्य हथियार बरामद किये
UP: आगरा और कानपुर कमिश्नरेट समेत यूपी में 10 नए थाने खुलेंगे, योगी सरकार ने दी मंजूरी
सिल्डेनाफिल (Sildenafil)
इरेक्टाइल डिसफंक्शन के उपचार के लिए सिल्डेनाफिल (Sildenafil) या वियाग्रा सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली दवा है। यह अन्य पुरुष यौन कार्य समस्याओं का भी इलाज करता है। सिल्डेनाफिल (Sildenafil) साइट्रेट दवा का सॉल्ट रूप है। यह आम तौर पर लिंग में रक्त के प्रवाह को बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है ताकि किसी व्यक्ति को यौन गतिविधि बढ़ाने के लिए उसके निर्माण को बनाए रखने में मदद मिल सके।
यह दवा उपयोगकर्ताओं को यौन संचारित रोगों (एचआईवी, हेपेटाइटिस बी, गोनोरिया, सिफलिस) से बचाती नहीं है। रोजाना एक से अधिक बार सेवन न करें। उच्च कैलोरी आहार दवा के प्रभाव में देरी कर सकता है। दवा के लिए उपयोग की जाने वाली दूसरी स्थिति पल्मोनरी आर्टेरिअल हाइपरटेंशन है।
शराब का सेवन न्यूनतम स्तर तक लेना चाहिए क्योंकि यह चक्कर आना, बेहोशी या थकान जैसे दुष्प्रभावों को ट्रिगर कर सकता है। यदि आप हृदय रोगी हैं या पिछले 6 महीनों के भीतर बाईपास सर्जरी कर चुके हैं, तो आपको डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
किडनी और लीवर की बीमारी से पीड़ित लोगों को भी सावधान रहना चाहिए। यदि आपके ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव है, तो आपको इस दवा का उपयोग करने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह सीधे रक्त प्रवाह में हस्तक्षेप करता है।
यह महत्वपूर्ण है कि आप इस दवा का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें और डॉक्टर द्वारा बताए गए खुराक लेते रहें। आपको ऐसी दवाओं को कभी भी स्वयं नहीं लेना चाहिए क्योंकि इससे कुछ अप्रत्याशित दुष्प्रभाव हो सकते हैं। पीएएच रोगियों के लिए, खुराक दिन में तीन बार होती है, लेकिन ईडी के लिए, आप यौन गतिविधि में शामिल होने से एक घंटे पहले दवा ले सकते हैं और दिन में एक बार से अधिक नहीं।
ओवरडोजेज / टॉक्सिकोलॉजी: 800 मिलीग्राम तक की एकल खुराक के स्वस्थ स्वयंसेवकों के अध्ययन में, प्रतिकूल घटनाएं कम खुराक पर देखी गई घटनाओं के समान थीं, लेकिन घटनाओं की दर में वृद्धि हुई थी।
आपके द्वारा ली जा रही अन्य सभी दवाओं के बारे में प्रिस्क्राइबर को सूचित करें; जब नाइट्रेट्स और कुछ अन्य दवाओं के साथ सिल्डेनाफिल का उपयोग किया जाता है तो गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं। प्रिस्क्राइबर की सलाह के बिना इरेक्टाइल डिसफंक्शन के इलाज के लिए अन्य तरीकों के साथ सिल्डेनाफिल को न मिलाएं।
ध्यान दें कि सिल्डेनाफिल एचआईवी सहित यौन संचारित रोगों से कोई सुरक्षा प्रदान नहीं करता है। आप सिरदर्द, निस्तब्धता, या असामान्य दृष्टि (धुंधली या प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता में वृद्धि) का अनुभव कर सकते हैं; रात में या खराब रोशनी वाले वातावरण में वाहन चलाते उत्तम–प्रवाह संकेतक कैसे काम करता है? समय सावधानी बरतें।
तत्काल तीव्र एलर्जी प्रतिक्रियाओं, सीने में दर्द या तेज़ धड़कन, लगातार चक्कर आना, मूत्र पथ के संक्रमण के संकेत, दाने, सांस की कठिनाइयों, जननांग सूजन, या अन्य प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं की रिपोर्ट करें।
यहां दी गई जानकारी साल्ट (सामग्री) पर आधारित है. इसके उपयोग और साइड इफेक्ट्स एक से दूसरे व्यक्ति पर भिन्न हो सकते है. दवा का इस्तेमाल करने से पहले Sexologist से परामर्श जरूर लेना चाहिए.
कैश फ्लो स्टेटमेंट कितना लाभदायक है?
नकदी प्रवाह बयान एक कंपनी के कुल नकदी प्रवाह डेटा से संबंधित आवश्यक जानकारी प्रदान करता है जो वर्तमान बाहरी निवेश स्रोतों और संचालन से प्राप्त होता है। इस विवरण में नकद बहिर्वाह भी शामिल है जो कंपनी अपने व्यवसाय और निवेश गतिविधियों के लिए भुगतान कर रही है।
इसके साथ ही, यह आपको भविष्य के बारे में एक अंतर्दृष्टि प्रदान करने की भी अनुमति देता हैआय आवश्यकताएं। एक विश्लेषक या एक के लिएइन्वेस्टर, यह कथन पूरे कंपनी में चल रहे लेन-देन और सफलता की ओर ले जाने वाले लेन-देन को दर्शाता है।
मूल रूप से, आपको a . पर तीन प्रमुख खंड मिलेंगेनकदी प्रवाह विवरण, अर्थात।निवेश गतिविधियों, परिचालन गतिविधियों, और वित्तपोषण गतिविधियों। इस पोस्ट के साथ, आइए इस विशिष्ट कथन के बारे में और जानें कि यह निवेश उद्देश्यों के लिए कैसे फायदेमंद हो सकता है।
कैश फ्लो स्टेटमेंट कैसे काम करता है?
जनता को अपने स्टॉक बेचने या पेश करने वाली कंपनियां वित्तीय फाइल करने के लिए बाध्य हैंबयान और रिपोर्ट। मूल रूप से, महत्वपूर्ण वित्तीय विवरण हैंआय विवरण तथाबैलेंस शीट. कैश फ्लो स्टेटमेंट एक आवश्यक दस्तावेज है जो इच्छुक पार्टियों को कंपनी भर में होने वाले प्रत्येक लेनदेन में अंतर्दृष्टि प्राप्त करने में मदद करता है; इस प्रकार, एक सफल नकदी प्रवाह विश्लेषण निष्पादित करना।
लेखांकन विभाग दो अलग-अलग क्षेत्रों में विभाजित हो जाता है - नकद और प्रोद्भवन। सार्वजनिक क्षेत्र की अधिकांश कंपनियां उपयोग करती हैंप्रोद्भवन लेखांकन जो कंपनी की वास्तविक नकद स्थिति और आय विवरण के बीच अंतर को चित्रित करता है।
हालाँकि, कैश फ्लो स्टेटमेंट किस पर अधिक ध्यान केंद्रित करके तैयार किया जाता हैनकद लेखा. निवेशकों और विश्लेषकों के लिए, नकदी प्रवाह विवरण होना महत्वपूर्ण है, यह ध्यान में रखते हुए कि लाभदायक कंपनियां भी हो सकती हैंविफल अपने नकदी प्रवाह को पर्याप्त रूप से प्रबंधित करने में भारी।
कैश फ्लो स्टेटमेंट के विभिन्न खंड
तकनीकी रूप से, जब पैसे की आमद के बारे में बात की जाती है, तो पर्याप्त नकदी प्रवाह प्रारूप होता है, और विवरण आपको विभिन्न वर्गों से एक विचार दे सकता है, जैसे:
प्रचालन गतिविधियों से नकद प्रवाह
यह पहला खंड है जो आपको कैश फ्लो स्टेटमेंट पर मिलेगा। आम तौर पर, इसमें परिचालन व्यावसायिक क्रियाओं से लेनदेन शामिल होते हैं, जैसे:
- ब्याज भुगतान
- सेवाओं और वस्तुओं की बिक्री से प्राप्तियां भुगतान
- कर्मचारियों को वेतन और मजदूरी
- सेवाओं और वस्तुओं के आपूर्तिकर्ताओं को किया गया भुगतान
- किराए का भुगतान
- सुचारू संचालन के लिए कोई अतिरिक्त भुगतान
इस खंड से, आपको कंपनी की प्राथमिक गतिविधियों से बहिर्वाह और नकदी की आमद का अंदाजा हो जाता है। यहां हीप्रचालन गतिविधियों से नकद प्रवाह शुद्ध आय के साथ शुरू होता है और फिर इन गतिविधियों में शामिल नकद वस्तुओं के साथ गैर-नकद मदों में विलीन हो जाता है। सरल शब्दों में कहें तो यह खंड कंपनी की शुद्ध आय को नकद रूप में दर्शाता है।
नकदी प्रवाह का निवेश
यह कथन का दूसरा खंड है। यहां, आपको निवेश लाभ और हानि के परिणाम मिलेंगे। इस खंड में उपकरण, संयंत्र और संपत्ति पर खर्च की गई नकदी भी शामिल है। इसके अलावा, इस कैश फ्लो स्टेटमेंट विश्लेषण के साथ, आप इस पर एक नज़र डाल सकते हैंराजधानी बेहतर विश्लेषण के लिए इस खंड में व्यय (कैपेक्स) परिवर्तन।
पूंजीगत व्यय में वृद्धि नकदी प्रवाह में कमी का प्रतीक है। हालांकि, यह नकारात्मक नहीं हैफ़ैक्टर हर बार। ज्यादातर परिदृश्यों में, यह यह भी दर्शा सकता है कि एक कंपनी अपने भविष्य के संचालन में निवेश कर रही है। मूल रूप से, एक उच्च कैपेक्स भी कंपनी की वृद्धि का संकेत दे सकता है।
नकदी प्रवाह का वित्तपोषण
वित्तपोषण से नकदी प्रवाह विवरण का अंतिम भाग निकला। यहां, आपको उस नकदी का अवलोकन मिलता है जिसका उपयोग किसी व्यवसाय के लिए वित्तपोषण में किया गया है। यह एक कंपनी और उसके लेनदारों और मालिकों के बीच नकदी प्रवाह का आकलन करता है। आम तौर पर, इस वित्तपोषण का स्रोत या तो इक्विटी या ऋण से होता है।
इस खंड का उपयोग उस राशि का विश्लेषण करने के लिए किया जाता है जिसका उपयोग कंपनी ने शेयर बायबैक या लाभांश का भुगतान करने के लिए किया है। इसके साथ ही, आप यह भी पता लगा सकते हैं कि कंपनी ने अपने परिचालन विकास से कैसे नकदी जुटाई है।
इस खंड में, आप धन उगाहने से प्राप्त या भुगतान की गई नकदी भी पाएंगे, जैसे ऋण, इक्विटी, या भुगतान किए गए या लिए गए ऋण के रूप में। जब इस खंड में नकदी सकारात्मक होती है, तो इसका मतलब है कि कंपनी के पास बहिर्वाह की तुलना में अधिक धन प्रवाह है।
अंतिम शब्द
एक नकदी प्रवाह विवरण एक कंपनी की लाभप्रदता, ताकत और दीर्घकालिक अवलोकन का एक महत्वपूर्ण उपाय है। इससे यह पता लगाने में मदद मिलती है कि कंपनी के पास पर्याप्त नकदी है या नहींलिक्विडिटी खर्च का भुगतान करना है या नहीं। कंपनियों के लिए, सीएफएस भविष्य की भविष्यवाणी करने के तरीके के रूप में भी कार्य करता है; इस प्रकार, बजट बनाने में काफी मददगार।
जहां तक निवेशकों का संबंध है, यह कथन किसी कंपनी के वित्तीय स्वास्थ्य को प्रतिबिंबित करने में मदद करता है। आखिरकार, किसी कंपनी के पास जितनी अधिक नकदी होगी, उतना अच्छा होगा। हालाँकि, भले ही आप इस कथन को पढ़ने में माहिर हों, आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप अपने निर्णय में गलत न हों।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 820