मोतीलाल, आईआईएफएल की कमोडिटी ट्रेडिंग पर रोक

मुंबई | बाजार नियामक सेबी ने मोतीलाल ओसवाल और आईआईएफएल के कमोडिटी ट्रेडिंग पर रोक लगा दी है। सेबी ने कहा कि ये फर्म एनएसईएल मामले में की गई कार्रवाई के हिस्से के रूप में सही नहीं है। एनएसईएल की सांठगांठ से नियमों का उल्लंघन कर निवेशकों को चूना लगाने को लेकर कमोडिटी ट्रेडिंग ब्रोकर सेबी करीब 300 ब्रोकर की जांच कर रही है। एनएसईएल ने ट्रेड के लिए पर्याप्त आधारभूत स्टॉक नहीं बनाए रखा जबकि ब्रोकर्स ने आकर्षक अनुबंध निवेशकों को बेच दिया। इसी कारण चूक हुई और इसके फलस्वरूप 2013 में एक्सचेंज ने 5,600 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं किया।

प्राधिकृत अधिकारियों ने सेबी को सुपुर्द रिपोर्ट में कहा, मामले की गंभीरता, तथ्य और परिस्थितियों को देखते हुए संबंधित ब्रोकर के कमोडिटी ब्रोकर के रूप में संचालन पर सवाल है और इसने निश्चित तौर पर अपनी ख्याति, सच्चाई के रिकॉर्ड, ईमानदारी और निष्ठा घटाई है।

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कमोडिटी ट्रेडिंग कैसे करें – How To Start Commodity Trading In India

Portfolio क्या होता है - What Is Portfolio In Hindi

कमोडिटी ट्रेडिंग कैसे करें – How To Start Commodity Trading In India

कमोडिटी ट्रेडिंग कैसे करें, Commodity Trading Kaise Kare: कमोडिटी ट्रेडिंग ब्रोकर कमोडिटी ट्रेडिंग शुरू करने के लिए किसी भी ब्रोकर के पास ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होता है। ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करवाने के लिये बैंक अकाउंट, पैन कार्ड और एड्रेस प्रूफ चाहिये होता है उसके बाद अपने ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे ऐड करके Commodity Market में ट्रेडिंग शुरू कर सकते है।

इससे पहले मैंने एक पोस्ट लिखी थी जिसमें मैंने बताया था कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है – What Is Commodity Trading In Hindi अगर अब आपने उस पोस्ट को नहीं पढ़ा है तो उसे जरूर पढ़िये। इस पोस्ट में कमोडिटी ट्रेडिंग कैसे करें – How To Start Commodity Trading In India उसके बारे में जानेंगे।

कमोडिटी ट्रेडिंग शुरू करने के लिए कितने पैसों की जरुरत होती है

MCX में ट्रेडिंग 5000 रुपये से भी शुरू की जा सकती है लेकिन NCDEX में ट्रेडिंग शुरू करने के लिये 30000 रुपये तक की जरुरत होती है।

Margin: किसी भी कमोडिटी को खरीदने को लिये पुरे पैसे नहीं देने होते है, बस कुछ मार्जिन जमा करवाना होता है। जैसे: 1 किलो चांदी खरीदने के लिये सिर्फ 5000 रुपये का मार्जिन देना होता है। आम तौर पर ब्रोकर दवारा लिवरेज मिलती है लिवरेज एक उधार होता है जिससे ट्रेडर किसी भी कमोडिटी को खरीद सकता है कमोडिटी ट्रेडिंग ब्रोकर और ट्रेड कम्पलीट होने के बाद उस उधार को ब्रोकर वापिस ले लेता है।

Lot Size: किसी भी कमोडिटी को अपने मन मुताबिक मात्रा में नहीं खरीद सकते है बल्कि पहले से ही निर्धारित Lot Size में खरीदना और बेचा जाता है जैसे: चांदी मिनी के 1 लोट में 1 किलो चांदी होती है अगर आपको 2 किलो चांदी खरीदनी है तो कमोडिटी एक्सचेंज पर चांदी के 2 लोट खरीदने होंगे।(How To Do Commodity Trading In India In Hindi)

ट्रेडिंग के लिये 5 सबसे बढ़िया कमोडिटी (Top Commodity To Trade In India)

  1. Crude Oil: क्रूड ऑइल सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया की सबसे ज्यादा ट्रेड होने वाली कमोडिटी में से एक है। क्रूडऑयल के 1 Lot को डिलीवरी पर खरीदने के लिये लगभग 55000 रुपयों की जरुरत होती है।
  1. Silver: सिल्वर एक Precious Metal है 5 Kg. सिल्वर के 1 Lot को डिलीवरी पर खरीदने के लिये लगभग 25000 रुपयों की जरुरत होती है और 1 Kg Silver Mic के 1 Lot डिलीवरी पर को खरीदने के लिये लगभग 5000 रूपये मार्जिन देना होता है।
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  1. Gold: Gold इस दुनिया की सबसे पुरानी करेंसी कमोडिटी में से एक है। 100 ग्राम सोने के 1 लोट को डिलीवरी पर खरीदने के लिये लगभग 35000 रुपये निवेश करने होते है। 4. Natural Gas: नेचुरल गैस एक Environment फ्रेंडली कमोडिटी ट्रेडिंग ब्रोकर फ्यूल है समय के साथ इसकी डिमांड भी बढ़ रही है। नेचुरल गैस के 1 Lot को डिलीवरी पर खरीदने के लिये लगभग 23500 रुपयों की जरुरत होती है।
  1. Aluminium: एल्युमीनियम एक लाइट वेट मेटल है इंडस्ट्री में इसका उपयोग बहुत ज्यादा होता है। एल्युमीनियम के 1 Lot को डिलीवरी पर खरीदने के लिये 7500 रुपयों की जरुरत होती है।(How To Start Commodity Trading In India)

कमोडिटी ट्रेडिंग से पैसा कैसे कमाये (Commodity Trading Se Paise Kaise Kamaye)

ट्रेडिंग के लिये कमोडिटी का चयन करें। ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी बनाये और अपनी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी पर बने रहें, रोज़ – रोज़ अपनी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी को बदले नहीं। चार्ट पैटर्न, इंडिकेटर, और टेक्निकल एनालिसिस सीखें।

क्रूड ऑइल रोजाना 50 से 70 पॉइंट का मूव देता है अगर आप 1 लोट क्रूडऑयल का खरीदकर उस पर 10 पॉइंट का भी मुनाफा कमाते है तो कमोडिटी ट्रेडिंग ब्रोकर आप 1000 रुपये एक लोट पर कमा सकते है। क्रूड के 1 लोट को खरीदने के लिये सिर्फ 55000 रुपये की जरुरत होती है। सिर्फ 55000 रुपये लगा कर दिन का 1000 रुपये कमा सकते है।

क्रूड में सिर्फ 10 पॉइंट का प्रॉफिट निकालना कोई बड़ी बात नहीं है इसके लिये आप BTC 155 strategy का इस्तेमाल कर सकते है। अगर आपको BTC 155 strategy के बारे में पता नहीं है तो गूगल पर सर्च कर सकते है।

कमोडिटी ट्रेडिंग में प्रॉफिट कैसे कैलकुलेट करते है

मान लीजिये आपने Crude Oil Future का 1 Lot को 3410 रुपये पर ख़रीदा, जिसकी एक्सपायरी 1 महीने बाद है और एक्सपायरी के समय उसकी प्राइस 3510 रुपये हो जाती है तो आपका प्रॉफिट होगा (3510-3410) = 100 Rupee Per Unit

Actual Profit = 100*100 = 10000 Rupee Profit

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Commodity Market में किसी कमोडिटी की प्राइस डिमांड और सप्लाई पर तय होती है। यदि किसी कमोडिटी की Market Demand बढ़ जाये लेकिन उसकी सप्लाई न बढे तो उस कमोडिटी की प्राइस भी बढ़ जाती है। और अगर कमोडिटी की सप्लाई डिमांड से ज्यादा हो तो उस कमोडिटी की प्राइस घट जाती है। डिमांड और सप्लाई के अलावा Volume, Commodity Usage, Liquidity से भी कमोडिटी की प्राइस घटती – बढ़ती है।

कमोडिटी ट्रेडिंग में अनुशासन का होना जरूरी है इसलिये एक अच्छी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी बनाये जिसमे मनी मैनेजमेंट, स्टॉप लोस्स, टारगेट, रिस्क मैनेजमेंट, एंट्री – एग्जिट पॉइंट इन सभी बातों का ध्यान रखा गया हो। डर या लालच में आकर ख़रीदे या बेचें नहीं।कमोडिटी ट्रेडिंग कैसे करें – How To Start Commodity Trading In India

आपको रातोंरात करोड़पति बना सकता है Commodity Market, बस जाननी होंगी ये बारीकियां

Commodity Market

इन दिनों लोगों में शेयर मार्केट का बड़ा क्रेज कमोडिटी ट्रेडिंग ब्रोकर है. क्योंकि यह कम समय में ही अच्छा खासा रिटर्न भी उपलब्ध कराता है, लेकिन स्टॉक मार्केट के अपने कुछ प्लस-माइनस भी हैं. जहां लोगों के मन में अच्छे-अच्छे शेयर खरीदकर लाखों करोड़ों कमाने की ललक रहती है, वहीं सेनसेक्स में गिरावट के साथ बड़ी रकम गंवाने का डर भी. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मार्केट के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में आपने पहले सुना तो खूब होगा लेकिन यह कैसे काम करता है और आप इसमे निवेश कर कैसे अच्छा खासा रिटर्न हासिल कर सकते हैं और वो भी कम जोखिम के साथ.

क्या है कमोडिटी मार्केट

हम यहां बात कर रहे हैं कमोडिटी मार्केट की. हम पहले समझते हैं कि आखिर कमोडिटी मार्केट होता क्या है. दरअसल, ईश्वर या प्रकृति द्वारा बनाई गई चीजों को कमोडिटी कहा जाता है. जैसे खेतों में उगने वाली खाने-पीने की चीजें या धरती से निकलने वाली धातुएं आदि. कमोडिटी मार्केट में पूरे देश के लोग ट्रेडिंग करते हैं. भारत की बात करें तो हमारे देश में को प्रकार की ट्रेडिंग की जाती है. एक एग्री कमोडिटी और दूसरी नॉन एग्री-कमोडिटी.

एग्री-कमोडिटी- एग्री कमोडिटी में खेतों में उगने वाली चीजें आती हैं.
नॉन एग्री-कमोडिटी- इसमें बेशकीमती धातु जैसे सोना, चांदी, निकिल, एल्युमिनियम, जिंक व कॉपर के अलावा क्रूड ऑयल, प्राकृतिक गैस आदि को शामिल किया जाता है.

कमोडिटी मार्केट में ट्रेड करने के लिए दो तरह के एक्सचेंज उपलब्ध हैं.
1. एमसीएक्स यानी मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज
2.एनसीडीईएक्स यानी नेशनल कमोडिटी डेरिवाटिव एक्सचेंज

अब बात करें एमसीएक्स की तो एमसीएक्स में ज्यादातर सोना, चांदी, तांबा, कच्चा तेल आदि की सबसे ज्यादा ट्रेडिंग होती है.
एनसीडीईएक्स में अधिकांश एग्री-कमोडिटी की ट्रेडिंग की जाती है.

ट्रेड करने के लिए केवल ट्रेडिंग अकाउंट की जरूत

कमोडिटी मार्केट में ट्रेडिंग के लिए हमें सबसे पहले एक ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत होती है, जो किसी भी ब्रोकर के पार ओपन कराया जा सकता है. इसके लिए डीमैट अकाउंट का होना जरूरी नहीं है. इसको उदाहरण के तौर पर देखें तो अगर हमें सोना खरीदना है तो या तो हम किसी ज्वैलर के पार जाएंगे या फिर कमोडिटी मार्केट में. इसको ऑनलाइन ट्रेडिंग भी कहा जा सकता है. यहां आपको बता दें कि नॉन एग्री-कमोडिटी मार्केट में 88 प्रतिशत और एग्री कमोडिटी में 12 प्रतिशत ट्रेडिंग ही होती है.

लोट में होती है ट्रेडिंग

शेयर मार्केट की तरह कमोडिटी मार्केट में भी ट्रेडिंग लोट में ही होती है. उदाहरण के तौर पर क्रूड ऑयल का 100 बैरल का एक लोट होता है या एक किलो सोने का एक लोट होता है. अब आप सोच रहे होंगे कि 50 लाख के एक किलो गोल्ड पर कौन भला ट्रेडिंग शुरू करेगा. ऐसा नहीं है, इसके लिए आपको मार्जिन मिल जाता है.

अब आप सोच रहे होंगे कि ये मार्जिक क्या है. उदाहरण के लिए मान लो कि आपको एक लाख रुपये पर ट्रेड करना है तो आपका ब्रोकर आपको मार्जिन दे देता है. इसका मतलह है कि आपको एक लाख के प्रोफिट पर ट्रेड तो करना है लेकिन आप मार्जिन के साथ 20 हजार रुपये से भी ट्रेड कर सकते हैं. इसके साथ ही कमोडिटी मार्केट में आप सुबह 9 बजे से रात 11.30 बजे तक ट्रेडिंग कर सकते हो, जबकि शेयर मार्केट केवल सुबह सवा नौ बजे से शाम साढ़े तीन बजे तक ही खुलता है.

कमोडिटी ट्रेडिंग में है दिलचस्पी? जानें कुछ अहम बातें

इक्विटी के अलावा अन्य ऐसेट क्लासेज में निवेश करने में दिलचस्पी रखने वाले ट्रेडर्स के लिए कमोडिटी में ट्रेड से जुड़ी अहम क्लास।

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2. क्या ये वही ब्रोकर होते हैं, जो इक्विटी ब्रोकिंग सर्विस ऑफर करते हैं?
नहीं, लेकिन इनमें से कई इक्विटी ब्रोकिंग सर्विस ऑफर करते हैं और उन्होंने कमोडिटी ट्रेडिंग ब्रोकर कमोडिटी एफएंडओ ब्रोकिंग के लिए अलग सब्सिडियरी खोल ली है। इनमें एंजल कमोडिटीज, कार्वी कमोडिटीज जैसी इकाइयां शामिल हैं। इसका कमोडिटी ट्रेडिंग ब्रोकर मतलब यह है कि अगर आप कमोडिटी में ट्रेड करना चाहते हैं तो अलग अकाउंट खोलना पड़ेगा।

3. क्या डिलिवरी अनिवार्य है?
ज्यादातर ऐग्रिकल्चर फ्यूचर्स जैसे एडिबल ऑयल्स, स्पाइसेज वगैरह में डिलिवरी अनिवार्य है, लेकिन आप अपनी पोजिशन को डिलिवरी से पहले काट सकते हैं। नॉन-ऐग्री सेगमेंट में ज्यादातर कमोडिटीज नॉन-डिलिवरी बेस्ड होती हैं।

4. क्या ट्रेडिंग इक्विटी एफएंडओ की तरह है?
हां। इसमें मार्क-टु-मार्केट डेली बेसिस पर सेटल होते हैं, लेकिन मार्जिन स्टॉक्स जितने ऊंचे नहीं होते।

5. ट्रेड का मार्जिन क्या होता है?
आमतौर पर 5-10 फीसदी, लेकिन ऐग्रो-कमोडिटीज में जब उतार-चढ़ाव बढ़ता है तो एक्सचेंज अतिरिक्त मार्जिन लगाता है। कई बार यह 30 से 50 फीसदी तक हो सकता है।

6. कमोडिटी एफएंडओ मार्केट को कौन रेग्युलेट करता है?
मेटल्स और एनर्जी एक्सचेंज एमसीएक्स और एग्री एक्सचेंज एनसीडीईएक्स को सेबी रेग्युलेट करता है।

7. क्या कमोडिटी मार्केट में पर्याप्त लिक्विडिटी होती है?
लिक्विडिटी गोल्ड, सिल्वर, क्रूड, कॉपर जैसे नॉन-ऐग्री काउंटर्स पर ज्यादा होती है। हालांकि, सोयाबीन, मस्टर्ड, जीरा, ग्वारसीड में भी काफी भागीदारी देखने को मिलती है। ज्यादातर रिटेलर्स डिलिवरी लेने या देने की बजाय मेटल्स और एनर्जी में कीमतों पर दांव लगाने पर जोर देते हैं।

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