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स्टॉक चार्ट पढ़ने के लिए एक व्यापक गाइड
यदि आप नौसिखिए हैं, तो आप निश्चित रूप से इसे किसी प्रकार का मोर्स कोड मानेंगे जो चतुराई से विशेषज्ञों को डैश और लाइनों के साथ जानकारी देने के लिए रखा गया है। और, निश्चित रूप से, आप अपनी धारणा में गलत नहीं हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि स्टॉक चार्ट पढ़ने का एक सरल तरीका है।
यह पोस्ट आपके लिए समान है। पढ़ें और सबसे आसान लेकिन दिलचस्प तरीका खोजें जो आपको इन चार्टों के डेटा को समझने में मदद करेगा।
स्टॉक चार्ट से आप क्या समझ सकते हैं?
स्टॉक चार्ट का प्राथमिक उद्देश्य आपको यह समझने में मदद करना है कि स्टॉक खरीदने या बेचने के लिए वर्तमान समय पर्याप्त है या नहीं। एक बात जो आपको ध्यान रखनी चाहिए वह यह है कि कहीं यह आपको यह नहीं बताता कि किन शेयरों में निवेश करना है।
एक बार जब आप इन चार्टों को पढ़ने की विधि समझ गए, तो आप ऐसे पहलुओं पर ध्यान देना शुरू कर देंगे जिन्हें आप अन्यथा टालते। इसके अलावा, के साथमंडी सूचकांक, आप पूरे बाजार की स्थिति का भी आकलन कर सकते हैं।
स्टॉक चार्ट पैटर्न कैसे पढ़ें?
स्टॉक चार्ट पैटर्न को पढ़ने का तरीका जानने के लिए, निष्कर्ष निकालने और चार्ट का विश्लेषण करने के लिए उपयोग की जाने वाली मूल बातें समझना आवश्यक है। ध्यान रखें कि नीचे दिए गए इन सभी पैटर्न का उपयोग फिगर और पॉइंट चार्ट के अलावा सभी चार्ट प्रकारों के लिए किया जा सकता है।
उलटा पैटर्न
ये पैटर्न दर्शाते हैं कि मौजूदा मूल्य आंदोलनों की प्रवृत्ति विपरीत दिशा में बढ़ रही है। इस प्रकार, यदि स्टॉक की कीमत बढ़ रही है, तो यह गिर जाएगी; और अगर कीमत बढ़ रही है, तो यह बढ़ेगी। दो आवश्यक उलट पैटर्न हैं:
सिर और कंधे का पैटर्न:
यह एक तब बनाया जाता है जब स्टॉक चार्ट पर लगातार तीन तरंगें दिखाई देती हैं जैसा कि ऊपर की छवि में परिचालित किया गया है। वहां, आप देख सकते हैं कि मध्य तरंग दूसरों की तुलना में अधिक है, है ना? वही सिर के रूप में जाना जाता है। और, अन्य दो कंधे हैं।
डबल टॉप और डबल बॉटम्स
एक पर्याप्त अपट्रेंड के बाद एक डबल टॉप होता है। हालाँकि, तीन के बजाय, इसमें दो तरंगें शामिल हैं। पिछले पैटर्न के विपरीत, दोनों चोटियों पर कीमत समान है। एक डबल टॉप पैटर्न के संस्करण का उपयोग डाउनट्रेंड रिवर्सल को चिह्नित करने के लिए भी किया जा सकता है, जिसे डबल बॉटम पैटर्न के रूप में जाना जाता है। यह पैटर्न लगातार गिरती कीमतों का वर्णन करता है।
निरंतरता पैटर्न
ये पैटर्न इस बात की पुष्टि करते हैं कि पैटर्न के उभरने से पहले एक विशिष्ट स्टॉक चार्ट द्वारा दर्शाया गया रुझान भविष्य में भी जारी रहेगा। इसलिए, यदि कीमत अधिक हो रही थी, तो यह जारी रहेगी और इसके विपरीत। तीन सामान्य निरंतरता पैटर्न हैं:
त्रिभुज पैटर्न:
एक त्रिभुज पैटर्न तब विकसित होता है जब चार्ट पर बॉटम्स और टॉप्स के बीच का अंतर घट रहा होता है। इसका परिणाम ट्रेंडिंग लाइन्स में होगा, यदि बॉटम्स और टॉप्स के लिए डाला जाता है, तो कनवर्जिंग, त्रिकोण को प्रकट करता है
आयत पैटर्न:
यह पैटर्न तब बनता है जब किसी शेयर की स्टॉक मार्केट चार्ट कैसे पढ़ें कीमत एक विशिष्ट के भीतर बढ़ रही होती हैश्रेणी. इस पैटर्न में, ऊपर जाने वाली प्रत्येक चाल एक समान शीर्ष पर समाप्त होती है और नीचे जाने वाली प्रत्येक चाल एक समान तल पर समाप्त होती है। इस प्रकार, लंबी अवधि के लिए बॉटम्स और टॉप्स में कोई विशेष परिवर्तन नहीं दिखता है।
झंडे और पेनेटेंट:
जबकि एक ध्वज की उपस्थिति प्रवृत्तियों की दो समानांतर रेखाओं के कारण होती है, जो नीचे और शीर्ष के समान दर से बढ़ने या घटने के कारण होती है; पताका बहुत कुछ त्रिभुजों की तरह है जो केवल अल्पकालिक प्रवृत्तियों की सलाह देते हैं। ये उपरोक्त दो निरंतरता पैटर्न के समान हैं। हालाँकि, आप उन्हें थोड़े समय के लिए ही नोटिस कर सकते हैं। आयतों और त्रिभुजों के विपरीत, आप इन्हें इंट्राडे चार्ट में देख सकते हैं, आमतौर पर अधिकतम एक सप्ताह या दस दिनों के लिए।
स्टॉक मार्केट चार्ट कैसे पढ़ें?
आइए अब आसान तरीके से शुरू करते हैं कि स्टॉक मार्केट चार्ट को कैसे पढ़ा जाए।
बार चार्ट पढ़ना
आरंभ करने के लिए, ग्राफ़ में मौजूद स्टॉक मार्केट चार्ट कैसे पढ़ें लाल और हरे रंग की लंबवत पट्टियों पर एक नज़र डालें। इस ऊर्ध्वाधर पट्टी के ऊपर और नीचे उस समय अवधि में, दाईं ओर प्रदर्शित उच्च और निम्न स्टॉक कीमतों को प्रदर्शित करता है।
मामले में, वास्तविक मूल्य के बजाय, आप मूल्य में प्रतिशत परिवर्तन देखना चाहेंगे, वह भी उपलब्ध होगा। इस स्थिति में, समय अंतराल 15 मिनट है। बार की लंबाई के साथ, आप समझ सकते हैं कि उस समय अंतराल में स्टॉक कितना आगे बढ़ गया है। यदि बार छोटा है, तो इसका मतलब है कि कीमत नहीं बढ़ी और इसके विपरीत।
यदि शुरुआत की तुलना में समय अंतराल के अंत में कीमत कम है, तो बार लाल हो जाएगा। या, अगर कीमत बढ़ती है, तो यह हरी पट्टी दिखाएगा। हालाँकि, यह रंग संयोजन तदनुसार बदल सकता है।
कैंडलस्टिक चार्ट पढ़ना
अब, इस चार्ट को देखकर, आयताकार सलाखों (भरे और खोखले) को आम तौर पर बॉडी कहा जाता है। बॉडी का टॉप क्लोजिंग प्राइस है, और बॉटम ओपनिंग प्राइस है। और, शरीर के नीचे और ऊपर चिपकी हुई रेखाओं को छाया, पूंछ या बत्ती के रूप में जाना जाता है।
वे एक अंतराल के दौरान कीमतों की उच्चतम और निम्नतम श्रेणी को दर्शाते हैं। यदि अंतराल पर अंत इसकी शुरुआती कीमत से अधिक है, तोमोमबत्ती खोखला होगा। अगर यह कम है, तो कैंडलस्टिक भर जाएगा।
ऊपर दिए गए इस चार्ट में, लाल और हरे रंग से संकेत मिलता है कि क्या स्टॉक ने पिछले अंतराल के पिछले व्यापार की तुलना में अंतराल व्यापार कम या अधिक शुरू किया है।
निष्कर्ष
अंततः, स्टॉक चार्ट को पढ़ने का सबसे अच्छा तरीका अभ्यास करना है। अब जब आप मूल बातें समझ गए हैं, तो कोई भी निवेश करने से पहले अभ्यास करते रहें। एक बार जब आप इस कला में महारत हासिल कर लेते हैं, तो आपको किसी भी नुकसान से डरने की जरूरत नहीं है।
Share market chart kaise samjhe | शेयर मार्किट चार्ट एनालिसिस
Share market chart kaise samjhe– दोस्तों अगर आपको सही समय पर अच्छा मुनाफा कमाई करना है तो शेयर मार्किट चार्ट एनालिसिस करना जरुर आना चाहिए। इससे आप कम समय में ही अपने नुकशान को कम करके बहुत अच्छा रिटर्न कमाई कर चकते हो।
अगर आप बिना सीखे शेयर मार्केट में ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट करते हो तो आप एकतरह से जुआ खेल रहे हो इससे आपको नुकशान होने की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाता हैं। आपको पता होना चाहिए कब स्टॉक को खरीदना चाहिए और कब प्रॉफिट कमाई करके बेचना चाहिए।
इसी को जानने के लिए आपको Share Market के चार्ट को अच्छी तरह समझना बहुत जरुरी हैं। क्यूंकि इसी से ही आपको पता लगेगा स्टॉक ऊपर या नीचे जाने की कितने ज्यादा संभावना हैं।
Share market chart kaise samjhe
ज्यादातर रिटेल निवेशक किसी भी चार्ट को खोलते ही उनके मन में स्टॉक मार्केट चार्ट कैसे पढ़ें इस चार्ट में देखे किया और शुरु कहा से करे ये सवाल जरुर आता हैं। शेयर मार्केट में किसी भी चार्ट को समझने के लिए सबसे पहले बहुत ज्यादा अभ्यास की जरुरत पड़ती हैं। उसके बाद ही काम आएगा आपका विश्लेषणात्मक कौशल जो आपको प्रयोग करना होगा उस चार्ट में।
Chart का Trend देखना चाहिए:- किसी भी स्टॉक के चार्ट अच्छी तरह से समझने के लिए आपका सबसे पहला काम होना चाहिए उस शेयर के Trend किस तरफ जा रहा हैं। उसको अच्छी तरह से देखना बहुत जरुरी हैं। वैसे तो चार्ट में 3 तरह का Trend देखने को मिलेगा। इन तीनो Trend के अन्दर से कोई ना कोई एक Trend में वो स्टॉक या Chart जरुर फॉलो कर रहा होगा। और इन ट्रेन्ड में काम करने के तरीका भी अलग अलग होता हैं।
- Up Trend:- इस Trend का मतलब है Higher Top and Higher Bottom। जब भी चार्ट इस Trend को फॉलो करेगा आपको लगातार स्टॉक सीढ़ी की तरह ऊपर जाते ही नजर आएगा। तब आपको हमेसा उस स्टॉक को खरीदना चाहिए।
- Down Trend:- इस ट्रेन्ड का मतलब है Lower top Lower bottom। जब भी आपको चार्ट में Down Trend देखने को मिलेगा स्टॉक हमेशा सीढ़ी की तरह नीचे आता नजर आनेवाला हैं। इस समय हमेशा उस स्टॉक को बेचके चलना चाहिए।
- Sideways Trend:- इस ट्रेन्ड में आपको स्टॉक ना ऊपर जाता नजर आएगा और ना ही नीचे जाता नजर आएगा। एक ही रेंज में ट्रेड होता नजर आनेवाला हैं। अगर आप नए हो तो एसी चार्ट वाले ट्रेन्ड शेयर में कभी भी आपको काम नहीं करना हैं। क्यूंकि इसमें दिशा पता नहीं चलते जिसकी वजह से आपका पैसा डूबने की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाता हैं।
शेयर मार्किट चार्ट एनालिसिस
Chart का मजबूत:- किसी भी स्टॉक के Chart का मजबूत जानने के लिए आपको पहले उस स्टॉक का गतिविधि कैसा हैं उसको जानना बहुत जरुरी हैं। जब भी उस शेयर में Correction देखने को मिलते वो कितना बड़ा गिरावट होता है आपको देखना चाहिए।
यदि बहुत ज्यादा ऊपर नीचे होता दिखाई दिए आपको एसी शेयर से दूर रहना ही बेहतर हैं। अगर आपको लगता है धीरे धीरे ऊपर या नीचे जाने की Trend दिख रहा हैं उस स्टॉक में ट्रेन्ड की हिसाव से काम करोगे तो हमेसा फ़ायदा होते देखने को मिलेगा।
चार्ट का Momentum:- जिस भी स्टॉक के चार्ट में काम करना है उसका Momentum को ध्यान में रखके काम करना चाहिए। बहुत सारे ऐसे चार्ट आपको देखने को मिलेगा जिसका ऊपर जाने की स्पीड बहुत ही कम है।
अगर आप इस स्टॉक में काम करोगे तो आपको अच्छी मुनाफा कमाने के लिए बहुत समय लगनेवाला हैं। इसलिए आपको अच्छी Momentum वाले चार्ट को ही चुनना चाहिए।
शेयर मार्केट चार्ट कैसे समझे और कमाई
रिस्क और रिवॉर्ड विश्लेषण:- अगर आप ऊपर दिए गए स्टेप को फॉलो करके कोई चार्ट को सेलेक्ट किया हो तो आपको उस चार्ट का Support और Resistant को ध्यान स्टॉक मार्केट चार्ट कैसे पढ़ें से देखना चाहिए। उसके बाद आपका Stop Loss वोही होना चाहिए जहा उस चार्ट ने हाल ही में कोई Support लेके ऊपर की तरफ गया हैं।
जहा पर Support लिया है स्टॉक ने, वहा आपको Stop Loss लगाना चाहिए। लेकिन ध्यान में रखना चाहिए आपका Stop Loss बहुत दूर ना हो। अगर आपको लगता है की रिस्क बहुत कम है और रिवॉर्ड बहुत ज्यादा मिल चकता है तभी आपको स्टॉक मार्केट चार्ट कैसे पढ़ें उस चार्ट में ट्रेड लेना चाहिए।
पतियोगी स्टॉक के चार्ट:- आप जिस भी स्टॉक के चार्ट को सेलेक्ट किया हो बाकि पतियोगी कंपनी को भी देखना चाहिए कैसा पदर्शन कर रहा हैं। आपको ध्यान में रखना चाहिए वो स्टॉक उस सेक्टर में बाकि पतियोगी कंपनी से बेहतर पदर्शन दिखा रहा हैं।
और साथ ही मार्केट यदि 1 पतिशत का मूवमेंट दिखाई उस स्टॉक की चार्ट में उससे ज्यादा की मूवमेंट दिखाने की क्षमता होना चाहिए। अगर आपको ऐसा होता दिखाई नहीं देते तो आपको दुसरे स्टॉक को खोजना चाहिए।
Maturity ट्रेन्ड चार्ट:- जब आप सभी स्टेप फॉलो कर रहे हो तब आपको अंतिम में देखना चाहिए कही वो स्टॉक कम समय में बहुत ज्यादा ऊपर तो चला नहीं गया। अगर आपको लगता है प्रॉफिट बुकिंग का समय आ चकता है। उस स्टॉक के चार्ट से आपको दूर रहना चाहिए।
चाहे न्यूज़ में कितना भी अच्छा उस स्टॉक के बारे में बताए। ज्यादा लालश के चक्कर में बिल्कुल नहीं पड़ना हैं। क्यूंकि वो स्टॉक पहले ही बहुत ज्यादा भाग चूका है आगे चार्ट में जितना बढ़ने की संभवाना होता है उतना ही ज्यादा गिरावट का मोहौल देखने को मिल चकता हैं। इसलिए Maturity ट्रेन्ड चार्ट से दूर रहना ही बेहतर हैं।
निष्कर्ष:-
शेयर बाज़ार में अगर आप ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट करके कम समय में अच्छी मुनाफा कमाना चाहते हो तो ये 6 स्टेप आपको बहुत मदद करनेवाला हैं। उसी के साथ आपको बहुत ज्यादा अभ्यास की जरुरत होगी। जितना ज्यादा आप इन स्टॉक मार्केट चार्ट कैसे पढ़ें स्टेप को फॉलो करके अभ्यास करोगे उतना ही आपका ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट निपुण होते जाएंगे। तभी आप किसी भी चार्ट को देखके अच्छा कमाई कर पाओगे।
आशा करता हु आपको Share market chart kaise samjhe शेयर मार्किट चार्ट एनालिसिस पोस्ट को पढ़के चार्ट के बारे में अच्छी तरह समझ गए होंगे। अगर आपके मन में अभी भी कोई सवाल है तो कमेंट में जरुर बताए। साथ ही शेयर मार्केट के महत्वपूर्ण जानकारी के साथ अपडेट रहने के लिए जरुर हमारे अन्य पोस्ट को पढ़ चकते हैं।
शेयर बाजार (Share Bazaar)
शेयर बाजार क्या है?
शेयर बाजार यानी इक्विटी मार्केट एक ऐसा प्लैटफॉर्म है, जो कंपनियों और निवेशकों को एक-दूसरे से जोड़ता है। कंपनियां पूंजी जुटाने के लिए शेयर बाजार में लिस्ट होती हैं। शेयर बाजार में लिस्टिंग के बाद निवेशक कंपनियों के शेयरों खरीदते -बेचते हैं।
बीएसई और एनएसई
भारत में दो बड़े शेयर बाजार हैं, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई और नैशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी एनएसई। बीएसई एशिया का सबसे पुराना शेयर बाजार है। इसकी स्थापना 1895 में की गई थी। एनएसई भारत का सबसे बड़ा और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा शेयर बाजार है।
सेंसेक्स और निफ्टी
सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई का संवेदी सूचकांक है। सेंसेक्स में बीएसई की टॉप 30 कंपनियां शामिल की जाती हैं इसलिए इसे बीएसई 30 (BSE 30) भी कहते हैं। बाजार पूंजीकरण के हिसाब से सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियां बदलती रहती हैं।
निफ्टी नैशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी एनएसई का संवेदी सूचकांक है। निफ्टी दो शब्दों को मिला कर बना है NATIONAL और FIFTY। इससे साफ पता चलता है कि निफ्टी एनएसई की टॉप 50 कंपिनयां शामिल होती हैं।
ट्रेडिंग की शुरुआता
शेयर बाजार में ट्रेडिंग यानी शेयरों की खरीद-बिक्री के लिए बैंक, डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट जरूरत होती है। शेयर डीमैट अकाउंट में जमा होते हैं और ट्रेडिंग अकाउंट के जरिये शेयरों की खरीद-बिक्री की जाती है।
क्या है टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस? शेयर बाजार में पैसा कमाने के लिए जरूरी है ये ज्ञान, जानें इसे कैसे सीखें
टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस में किसी भी शेयर या कंपनी के पिछले और वर्तमान प्रदर्शन के आधार पर भविष्य की संभावना का अ . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : November 03, 2022, 11:42 IST
हाइलाइट्स
टेक्निकल एनालिसिस में इंडिकेटर के जरिए स्टॉक के प्राइस की मूवमेंट का अंदाजा लगाया जाता है.
फंडामेंटल एनालिसिस में किसी भी कंपनी के बिजनेस मॉडल और ग्रोथ स्टोरी का अध्ययन किया जाता है.
टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस सीखने के लिए कई बुक, कोर्स और ऑनलाइन कंटेंट उपलब्ध है.
नई दिल्ली. शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले इसकी पर्याप्त समझ होनी चाहिए. किसी भी स्टॉक को खरीदने के लिए उसके बारे में अच्छे से अध्ययन करना होता है और यह दो तरीकों टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस के जरिए किया जाता है. लेकिन, आम निवेशक को इसके बारे में ज्यादा समझ नहीं होती है लेकिन बाजार में सक्रिय रूप से काम करने वाले निवेशक और मार्केट एक्सपर्ट्स इसकी गहरी समझ रखते हैं. हालांकि, टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस की समझ विकसित करना ज्यादा मुश्किल नहीं है.
आइये जानते हैं कि आखिर टेक्निकल और फंटामेंटल एनालिसिस क्या है और कैसे इसके बारे में समझ विकसित करके शेयर बाजार में सक्रिय निवेशक के तौर पर काम किया जा सकता है. इन दोनों तरीकों से आप शेयर की कीमत का सही अनुमान और भविष्य से जुड़ी संभावनाओं के बारे में पता लगा सकते हैं, साथ ही स्टॉक कब खरीदें और कब बेचें, यह निर्णय लेने में भी आपको मदद मिलेगी.
क्या है टेक्निकल एनालिसिस?
टेक्निकल एनालिसिस में किसी भी शेयर के चार्ट को देखकर उसकी डेली, वीकली और मंथली मूवमेंट और प्राइस के बारे में जानकारी हासिल की जाती है. चार्ट के जरिए सबसे शेयर के सपोर्ट और रेजिस्टेंस देखा जाता है. यहां सपोर्ट से मतलब है कि स्टॉक कितनी बार किसी एक खास भाव से ऊपर की ओर गया है. ज्यादातर एनालिस्ट सपोर्ट लेवल पर ही खरीदी की सलाह देते हैं.
वहीं, रेजिस्टेंस का मतलब है कि कोई स्टॉक कितनी बार किसी एक भाव से फिर से नीचे की ओर लौटकर आया है. अगर कोई शेयर अपने रेजिस्टेंस को तोड़कर ऊपर की ओर जाता है तो इसे ब्रेकआउट कहते हैं यानी कि अब शेयर का भाव और बढ़ेगा. इसके विपरीत, यदि स्टॉक सपोर्ट लेवल को तोड़ देता है तो उसके नीचे जाने की संभावना ज्यादा रहती है.
टेक्निकल एनालिसिस में अहम इंडिकेटर
टेक्निकल एनालिसिस में इंडिकेटर अहम टूल्स होते हैं. दरअसल ये शेयर की मूवमेंट को लेकर अहम संकेत देते हैं. इनमें मूविंग एवरेज, RSI, MACD, सुपर ट्रेंड और बोलिंजर बैंड समेत कई इंडिकेटर्स शामिल हैं. हर इंडिकेटर का अपना महत्व है लेकिन शेयर बाजार में सक्रिय ज्यादातर निवेशक मूविंग एवरेज, MACD और RSI इंडिकेटर को अहम मानते हैं.
मूविंग एवरेज इंडिकेटर के जरिए किसी भी स्टॉक के पिछले 5, 10, 20, 50, 100 और 200 दिन के एवरेज प्राइस का अध्ययन किया जाता है. अलग-अलग टाइम फ्रेम पर स्टॉक के भाव में बढ़त और गिरावट से तेजी व मंदी का अनुमान लगाया जाता है. वहीं, RSI यानी रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स एक ग्राफ के जरिए यह प्रदर्शित करता है कि शेयर में कितनी खरीदारी और बिकवाली हावी है.
फंडामेंटल एनालिसिस क्यों जरूरी?
फंडामेंटल एनालिसिस में किसी भी कंपनी के बिजनेस मॉडल और ग्रोथ स्टोरी का अध्ययन किया जाता है. इसमें मुख्य रूप से कंपनी के फाइनेंशियल्स यानी आर्थिक आंकड़ों पर नजर डाली जाती है. इनमें P/E Ratio और P/B Ratio जैसे रेशियो को देखा जाता है. अगर प्राइस अर्निंग रेशियो की वैल्यू कम है तो इसका मतलब है कि इसमें ग्रोथ की काफी गुंजाइश है. वहीं, प्राइस टू बुक वैल्यू रेशियो कम है तो इसका मतलब हुआ कि स्टॉक अंडरवैल्यूड है.
फंडामेंटल एनालिसिस में कम्पनी की सम्पत्तियों तथा देनदारियों की अध्ययन करके कम्पनी की नेट वैल्यू निकाली जाती है. इसके आधार पर कम्पनी के स्टॉक की कीमत का अनुमान लगाया जाता है. इसमें कम्पनी की डिविडेंड पॉलिसी भी देखी जाती है. इस तरह की स्टडी से अंडरवैल्यूड कंपनियों के बारे में पता लगाया जा सकता है जिनके भविष्य में बेहतर प्रदर्शन करने की संभावना होती है.
कैसे सीखें टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस
टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस के बारे में जानने के बाद अब सवाल उठता है कि यह ज्ञान कहां से लिया या सीखा जाए. टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस के लिए कई बुक्स और इंटरनेट पर ऑनलाइन कंटेंट उपलब्ध स्टॉक मार्केट चार्ट कैसे पढ़ें है.
इसके अलावा आप नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटी मार्केट (NISM) के जरिए शेयर मार्केट में बतौर रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइज के तौर पर काम करने के लिए कई कोर्सेस ज्वाइन कर सकते हैं. इनमें टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस से जुड़े विषयों को कवर किया जाता है.
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