भारतीय रिजर्व बैंक। (फोटो सोर्स: File/ANI)

डिजिटल करेंसी को भी 'बैंक नोट' की तरह देखा जाए- RBI ने कानून में संशोधन का दिया प्रस्ताव

Cryptocurrency in India : रिजर्व बैंक का प्रस्ताव है कि देश में डिजिटल करेंसी को भी बैंक नोट की परिभाषा में रखा जाए यानी डिजिटल करेंसी को भी 'बैंक नोट' की तरह देखा जाए. इसके लिए RBI ने अक्टूबर में कानून में संशोधन का प्रस्ताव दिया था.

RBI ने डिजिटल करेंसी को लेकर सरकार को दिया था प्रस्ताव. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

केंद्रीय रिजर्व बैंक ने देश में डिजिटल करेंसी के विनियमन को लेकर सरकार को एक अहम प्रस्ताव दिया है. रिजर्व बैंक का प्रस्ताव है कि देश में डिजिटल करेंसी को भी बैंक नोट की परिभाषा में रखा जाए यानी डिजिटल करेंसी को भी 'बैंक नोट' की डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? तरह देखा जाए. इसके लिए RBI ने कानून में संशोधन का प्रस्ताव दिया है. सरकार ने सोमवार को इसकी जानकारी दी है. सरकार की ओर से बताया गया है कि आरबीआई ने अक्टूबर में सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency-CBDC) का प्रस्ताव रखा था. CBDCs- डिजिटल या वर्चुअल करेंसी- मूलत: फिएट करेंसी यानी ट्रेडिशनल करेंसी का डिजिटल रूप हैं.

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सोमवार को वित्त मंत्रालय की ओर से लोकसभा में एक लिखित जवाब डाला गया है, जिसमें मंत्रालय ने कहा है कि 'CBDC के आने से कई फायदे होंगे, जैसे कि लोगों की कैश पर निर्भरता घटेगी, ट्रांजैक्शन कॉस्ट कम होने से अधिकार बढ़ेगा, सेटलमेंट रिस्क भी कम होगा.'

मंत्रालय ने इस बयान में कहा कि इससे ज्यादा मजबूत, सक्षम, विश्वसनीय नियमित और लीगल टेंडर पर आधारित पेमेंट ऑप्शन तैयार होगा. हालांकि, मंत्रालय ने अपने जवाब में आगे यह भी कहा है कि 'इससे जुड़े कुछ रिस्क भी हैं, जिनका संभावित फायदों की तुलना में आकलन किया जाना जरूरी है.' इसके अलावा एक अलग जवाब में केंद्र ने कहा है कि उसके पास 'देश में बिटकॉइन को करेंसी का दर्जा दिए जाने का कोई प्रस्ताव नहीं है.'

बता दें कि इस साल फरवरी में NDTV ने खबर दी थी कि RBI एक डिजिटल करेंसी लाना चाहती है, जिसका जिक्र क्रिप्टोकरेंसी पर कैबिनेट के नोट में था.

वैसे अभी इसी महीने प्रधानंमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरबीआई के अधिकारियों, वित्त मंत्रालय और बाजार नियामक संस्था सेबी के साथ क्रिप्टोकरेंसी पर एक उच्चस्तरीय बैठक की थी. आरबीआई ने लगातार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चिंता जाहिर की है और कहा है कि इस पूरे सिस्टम से कई खतरे जुड़े हैं, जिनका आकलन किया जाना जरूरी है.

क्रिप्टोकरेंसी के विनियमन की दुविधाओं के चलते क्रिप्टो बाजार लगातार उतार-चढ़ाव देख रहा है. संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो चुका है, ऐसे में इसी हफ्ते डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? क्रिप्टोकरेंसी बिल लाकर सरकार निवेशकों की उलझन को शांत कर सकती है.

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डिजिटल करेंसी के क्या फायदे हैं

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क्रिप्टो और डिजिटल रुपया में क्या है अंतर डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? जाने इसके फायदे

क्रिप्टो रुपया पूरी तरह से गैर सरकारी है। इस पर सरकार या सेंट्रल बैंक का कोई डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? नियंत्रण नहीं होता। यह रुपया गैरकानूनी होता है। लेकिन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की डिजिटल ई- रुपया पूरी तरह से सरकार के नियंत्रण में होती है। क्रिप्टो रुपया का भाव घटता बढ़ता रहता है। लेकिन डिजिटल में ऐसा नहीं होता है।

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भारतीय रिजर्व बैंक ने एक नवंबर को अपनी डिजिटल रुपया लॉन्च किया है। डिजिटल मुद्रा में लेनदेन की कोई सीमा नहीं होती है। डिजिटल ई रुपया में नोट वाली रूपया के सारे फीचर होंगे, डिजिटल मुद्रा को नोट की मुद्रा में बदला जा सकता है। अर्थव्यवस्था के जानकार बताते हैं कि भारत में मुद्रा का डिजिटलीकरण मौद्रिक इतिहास में बहुत ही बेहतर होगा। इस मुद्रा पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का नियंत्रण होने के कारण काले धन को वैध बनाने तथा आतंकवादी गतिविधि के लिए धन प्रदान करने पर काफी हद तक अंकुश लगेगा।

क्रिप्टोकरेंसी में पैसे लगाने से पहले जान लें इसके फायदे और नुकसान

क्रिप्टोकरेंसी में पैसे लगाने से पहले जान लें इसके फायदे और नुकसान

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक डिजिटल पेमेंट सिस्टम है जो ट्रांजेक्शन को वैरिफाई करने के लिए किसी भी बैंक पर निर्भर नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी को फाइनेंशियल इन्फ्रास्ट्रक्चर में क्रांति लाने के इरादे से लॉन्च किया गया था। लेकिन, हर क्रांति के अपने फायदे और नुकसान होते हैं।

क्रिप्टोकरेंसी — क्रिप्टोग्राफी और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की देन है। आज, यहां आप पढ़ेंगे क्रिप्टोकरेंसी के कुछ फायदों और इससे होने वाले नुकसान के बारे में।

क्रिप्टोकरेंसी के फायदे

क्रिप्टोकरेंसी सबसे सिक्योर करेंसी मानी जाती है, क्योंकि यह क्रिप्टोग्राफी और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से मिलकर बनीं है।

क्रिप्टोकरेंसी पैसे के लिए एक नया सेंट्रलाइज्ड सिस्टम डिफाइन करती है। इस सिस्टम में ट्रांजेक्शन को वैरिफाई करने के लिए किसी भी बैंक पर निर्भर होने की जरूरत नहीं हैं। फलस्वरूप, समय और रिसॉर्स दोनों की बचत होती है।

क्रिप्टोकरेंसी किसी विश्वसनीय थर्ड पार्टी जैसे बैंक या क्रेडिट कार्ड कंपनी डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? की जरूरत के बगैर, दो पार्टी के बीच सीधे फंड ट्रांसफर करना आसान बनाती है।

क्योंकि यह थर्ड-पार्टी मिडिएटर का उपयोग नहीं करती है, दो ट्रांजेक्शन करने वाली पार्टियों के बीच क्रिप्टोकरेंसी ट्रांसफर, स्टैंडर्ड मनी ट्रांसफर की तुलना में ज्यादा फास्ट होते हैं।

क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्ट करने से लाभ मिल सकता है। क्रिप्टोकरेंसी मार्केट की वैल्यू पिछले एक दशक में आसमान छू गई है, एक पॉइंट पर तो यह लगभग 2 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गई।

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क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान

क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें बेहद अस्थिर हैं। दुनिया भर में 24×7 इस पर ट्रेडिंग चलती रहती है। अक्सर, किसी भी देश में नियामक कार्रवाई की फुर्ती से कीमतों में गिरावट आ सकती है। इसी तरह, अटकलें कीमतों को बढ़ा सकती हैं।

एक पीयर-टू-पीयर सिस्टम, जो किसी को भी, कहीं भी पेमेंट भेजने और प्राप्त करने में सक्षम बनाता है, होने की वजह से इस पर किसी भी बैंक, या सरकार का कंट्रोल नहीं है।

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दुनियाभर में सरकारें एक मत नहीं है। कुछ देशों में सरकार ने इसे लीगल करार दे दिया है तो कहीं पर अभी भी इस पर कानून की तलवार लटकी हुई है।

मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध खरीदारी जैसी नापाक गतिविधियों के लिए क्रिप्टोकरेंसी अपराधियों के लिए एक लोकप्रिय उपकरण बन गई है। कुछ रिपोर्ट्स ने डार्क वेब पर ड्रग्स बेचने के लिए इसका इस्तेमाल किए जाने के संकेत दिए हैं। क्रिप्टोकरेंसी भी हैकर्स की पसंदीदा बन डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? गई है जो उनका इस्तेमाल हानिकारक गतिविधियों के लिए करते हैं।

क्रिप्टोकरेंसी का एक नुकसान यह है कि कोई भी इंटरनेट कनेक्शन वाले कंप्यूटर का उपयोग करके उन्हें माइन (खनन) कर सकता है। हालांकि, लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग के डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? लिए काफी एनर्जी की जरूरत होती है, कभी-कभी उतनी ऊर्जा, जितनी कि पूरे देश में खपत होती है।

हालांकि क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की वजह से बेहद सिक्योर है, लेकिन दूसरी क्रिप्टो रिपॉजिटरी, जैसे क्रिप्टो एक्सचेंज और वॉलेट को हैक किया जा सकता है। समय-समय पर कई ऐसी ख़बरें आईं हैं जब एक्सचेंज और वॉलेट को हैक कर डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? लिया गया था, जिसके परिणामस्वरूप कभी-कभी लाखों डॉलर वैल्यू के "कॉइन" चोरी कर लिए गए।

निवेशकों को क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए। यह सलाह दी जा सकती है कि निवेश करने से पहले अपने धन लक्ष्यों, जोखिम सहनशीलता और रिटर्न अपेक्षाओं के अनुरूप सावधानीपूर्वक निर्णय लें।

RBI Digital Currency: ई-रुपया के क्या डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? हैं फायदें और क्या है RBI का प्लान, जानिए

E-Rupee: भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि वह जल्द विशेष उपयोग के लिए E-Rupee को पायलट बेस पर लॉन्च करेगा

RBI Digital Currency: ई-रुपया के क्या हैं फायदें और क्या है RBI का प्लान, जानिए

भारतीय रिजर्व बैंक। (फोटो सोर्स: File/ANI)

(Story By- Hitesh डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? Vyas)

E-Rupee: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार (7 अक्टूबर) को घोषणा की कि डिजिटल ई-रुपए (E-Rupee) का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च जल्द ही शुरू किया जाएगा। केंद्रीय बैंक ने डिजिटल रुपए पर चर्चा करने के लिए सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) पर एक कॉन्सेप्ट नोट जारी किया है।

यह कॉन्सेप्ट नोट लोगों में जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से जारी किया गया है, ताकि डिजिटल करेंसी के सही तरीके के बारे में लोगों को जागरूक किया जा सके। इसके साथ ही आरबीआई ने भारतीय रुपए के समानांतर E-Rupee के पायलट लॉन्च की बात कही है। आरबीआई की ओर से ई-रुपए की लॉन्चिंग को लेकर तैयार किए जा रहे प्लान के बारे में बताया गया। बैंक की ओर से जो जानकारी दी गई है, उसके मुताबिक ई-रुपए को पायलट लॉन्च करने की योजना बनाई जा रही है।

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चार सरकारी बैंकों में शुरु होगा पायलट प्रोजेक्ट: आरबीआई ने ई-रुपए के उपयोग के लिए दो व्यापक श्रेणियों – खुदरा (Retail) और थोक (Wholesalr) के बारे में संकेत दिया है। कॉन्सेप्ट नोट में डिजिटल करेंसी की प्रौद्योगिकी और डिजाइन विकल्प, डिजिटल रुपए के इस्तेमाल और डिजिटल मुद्रा को जारी करने की व्यवस्था जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई। इसके साथ ही इसमें सीबीडीसी की शुरूआत के चलते बैंकिंग प्रणाली, मौद्रिक नीति और वित्तीय स्थिरता पर पड़ने वाले प्रभावों की जांच की गई है। इसमें गोपनीयता के मुद्दों का विश्लेषण भी किया गया है। पायलट प्रोजेक्ट के लिए देश के चार सरकारी बैंकों भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा को शामिल किया है।

क्या है आरबीआई की योजना: केंद्रीय बैंक ने कहा कि सीबीडीसी का विकास पब्लिक को एक रिस्क फ्री वर्चुअल करेंसी प्रदान करना है जो उन्हें प्राइवेट वर्चुअल करेंसी में लेनदेन के जोखिम के बिना लाभ देगा। सीबीडीसी डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? जारी करने के पीछे दो दृष्टिकोण हैं- एक डिजिटल रुपया बनाना जो एक पेपर करेंसी के जैसा हो और दूसरा एक सहज तरीके से डिजिटल रुपए को पेश करने की प्रक्रिया को मैनेज करना।

ई-रुपए के प्रकार: कॉन्सेप्ट नोट के मुताबिक डिजिटल रुपए के इस्तेमाल और काम के आधार पर सीबीडीसी को दो व्यापक श्रेणियों – सामान्य उद्देश्य (खुदरा) (CBDC-R) और थोक (CBDC-W) में विभाजित किया जा सकता है। खुदरा सीबीडीसी मुख्य रूप से खुदरा लेनदेन के लिए नकदी का एक इलेक्ट्रॉनिक संस्करण है। यह संभावित रूप से सभी – निजी क्षेत्र, गैर-वित्तीय उपभोक्ताओं और व्यवसायों के उपयोग के लिए उपलब्ध होगा। वहीं, थोक सीबीडीसी को चुनिंदा वित्तीय संस्थानों तक सीमित पहुंच के लिए डिजाइन किया गया है।

डिजिटल करेंसी के फायदे: डिजिटल करेंसी आने के बाद कैश रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह मोबाइल वॉलेट की तरह काम करेगी। इसे रखने पर ब्याज भी मिलेगा। डिजिटल करेंसी को मोबाइल वॉलेट या अकाउंट में रखा जा सकता है। साथ ही इसके इस्तेमाल से पेपर करेंसी के उपतोग में भी कमी आएगी। CBDC को बिना इंटरनेट के भी इस्तेमाल किया जा सकेगा।

टोकन-आधारित और खाता-आधारित डिजाइन: केंद्रीय बैंक का कहना है कि ई-रुपए या सीबीडीसी को टोकन-आधारित या खाता-आधारित के रूप में डिजाइन किया जा सकता है। टोकन-आधारित सीबीडीसी में, टोकन प्राप्त करने वाला व्यक्ति यह सत्यापित करेगा कि टोकन का स्वामित्व वास्तविक है। वहीं, खाता-आधारित प्रणाली में सीबीडीसी के सभी धारकों के शेष और लेनदेन के रिकॉर्ड के रखरखाव की जरूरत होगी।

आरबीआई के मुताबिक, सीबीडीसी जारी करने और मैनेजमेंट के लिए दो मॉडल हैं – प्रत्यक्ष मॉडल (एकल स्तरीय मॉडल) और अप्रत्यक्ष मॉडल (दो स्तरीय मॉडल)। प्रत्यक्ष मॉडल में, केंद्रीय बैंक डिजिटल रुपया प्रणाली के सभी पहलुओं के प्रबंधन डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? के लिए जिम्मेदार होगा। वहीं, अप्रत्यक्ष मॉडल वह होगा जहां केंद्रीय बैंक और अन्य मध्यस्थ प्रत्येक अपनी-अपनी भूमिका निभाते हैं।

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