कम जोखिम में ज्यादा फायदा पाने का आसान तरीका है ऑप्शन ट्रेडिंग से निवेश, ले सकते हैं बीमा
यूटिलिटी डेस्क. हेजिंग की सुविधा पाते हुए अगर आप मार्केट में इनवेस्टमेंट करना चाहते हैं तो फ्यूचर ट्रेडिंग के मुकाबले ऑप्शन ट्रेडिंग सही चुनाव होगा। ऑप्शन में ट्रेड करने पर आपको शेयर का पूरा मूल्य दिए बिना शेयर के मूल्य से लाभ उठाने का मौका मिलता है। ऑप्शन में ट्रेड करने पर Pocket Option कैसे काम करता है? आप पूर्ण रूप से शेयर खरीदने के लिए आवश्यक पैसों की तुलना में बेहद कम पैसों से स्टॉक के शेयर पर सीमित नियंत्रण पा सकते हैं।
Android डिवाइस की कॉन्फ़िगरेशन सेवा के बारे में जानकारी
Android की डिवाइस कॉन्फ़िगरेशन सेवा, समय-समय पर Android डिवाइस से Google को डेटा भेजती है. इस डेटा से Google को पता चलता है कि आपका डिवाइस अप-टू-डेट है और सही तरह से काम कर रहा है.
इकट्ठा किया जाने वाला डेटा
Android की डिवाइस कॉन्फ़िगरेशन सेवा की मदद से, Android डिवाइसों से जानकारी इकट्ठा की जाती है. जैसे:
- डिवाइस और खाते की पहचान बताने वाला डेटा
- डिवाइस की विशेषताएं
- सॉफ़्टवेयर और सुरक्षा सॉफ़्टवेयर के वर्शन
- नेटवर्क की कनेक्टिविटी (कनेक्शन की स्थिति) और परफ़ॉर्मेंस का डेटा
डिवाइस आम तौर पर नियमित रूप से कुछ दिनों के बाद 'Android डिवाइस कॉन्फ़िगरेशन सेवा' से जुड़ जाते हैं. Android की डिवाइस कॉन्फ़िगरेशन सेवा, आपके Android डिवाइस से भेजी गई जानकारी की सिर्फ़ नई कॉपी रखती है. जब आपका डिवाइस कोई जानकारी भेजता है, तो यह सेवा टाइमस्टैंप जैसे कुछ डेटा को छोड़कर, बाकी के पुराने डेटा की जगह नई जानकारी सेव कर लेती है.
Google इस डेटा का क्या करता है
Android की डिवाइस कॉन्फ़िगरेशन सेवा की मदद से इकट्ठा किए गए डेटा का इस्तेमाल, हम कई तरह से करते हैं. जैसे:
- यह पक्का करने में मदद करने के लिए कि आपके डिवाइस पर सॉफ़्टवेयर अपडेट और सुरक्षा पैच मिल रहे हैं: उदाहरण के लिए, आपके डिवाइस के सुरक्षा पैच लेवल का इस्तेमाल करके यह तय किया जाता है कि आपके डिवाइस को अपडेट की ज़रूरत है या नहीं.
- अलग-अलग विशेषताओं और सॉफ़्टवेयर वाले कई तरह के Android डिवाइसों पर ऐप्लिकेशन और सेवाओं का एक जैसा अनुभव के लिए: उदाहरण के लिए, Google Play, स्क्रीन लेआउट जैसी विशेषताओं के आधार पर, आपके डिवाइस पर काम करने वाले सॉफ़्टवेयर वर्शन के सुझाव दे सकता है.
- आपके डिवाइस और Android नेटवर्क को धोखाधड़ी, गलत इस्तेमाल और दूसरे नुकसान से बचाने के लिए: उदाहरण के लिए, हम आपके खाते की सुरक्षा के Pocket Option कैसे काम करता है? लिए डिवाइस की पहचान करने वाली सुविधा का इस्तेमाल करते हैं. इसके ज़रिए, ऐसे लॉग इन के बारे में पता लगाया जाता है जिसके पीछे गलत नीयत Pocket Option कैसे काम करता है? Pocket Option कैसे काम करता है? हो सकती है.
- Android डिवाइसों से जुड़े सभी आंकड़े अपने पास रखने के लिए: उदाहरण के लिए, आपके डिवाइस, मोबाइल नेटवर्क से कैसे कनेक्ट होते हैं, यह जानने के लिए हम आपके डेटा का इस्तेमाल करते हैं. ऐसा करके, हम आपको बेहतर कनेक्शन और बैटरी लाइफ़, दोनों का एक बेहतर संतुलन देने की कोशिश करते हैं. आपके डेटा का इस्तेमाल करते समय हम यह पक्का करते हैं कि आपकी पहचान छिपी रहे.
क्या यह डेटा मिटाया जा सकता है?
डिवाइस को सही तरीके से चलाने और अपडेट करने के लिए, Android की डिवाइस कॉन्फ़िगरेशन सेवा का डेटा अहम है. इसलिए, डिवाइस का इस्तेमाल करते समय, इसमें मौजूद डेटा मिटाया नहीं जा सकता. 'Android डिवाइस कॉन्फ़िगरेशन सेवा' Google की निजता नीति का पालन करती है.
अगर आप अपने Google खाते से साइन आउट कर लेते हैं या Pocket Option कैसे काम करता है? अपने Android डिवाइस से इसे पूरी तरह मिटा देते हैं तो, कॉन्फ़िगरेशन की जानकारी आपके Google खाते से अलग हो जाएगी. कुछ दिनों तक कोई गतिविधि न होने पर, Android की डिवाइस कॉन्फ़िगरेशन सेवा की मदद से आपका डेटा अपने-आप मिटा दिया जाएगा.
पता लगाएं कि Android की डिवाइस कॉन्फ़िगरेशन सेवा किस तरह का डेटा इकट्ठा करती है
आपके Google खाते से जुड़ी, Android की डिवाइस कॉन्फ़िगरेशन सेवा का डेटा डाउनलोड किया जा सकता है. अपना डेटा डाउनलोड करने के बारे में ज़्यादा जानें.
-
पेज पर जाएं.
- Android डिवाइस कॉन्फ़िगरेशन सेवा चुनें. ऐसा करने से आपके खाते से जुड़े सभी डिवाइस का डेटा शामिल कर लिया जाएगा.
- आगे बढ़ें पर क्लिक करें.
- 'संग्रह' के लिए विकल्प चुनें.
- संग्रह बनाएं पर क्लिक करें.
इकट्ठा किए गए डेटा की कैटगरी
Android की डिवाइस कॉन्फ़िगरेशन सेवा की मदद से इकट्ठा किए गए डेटा और उसके इस्तेमाल के कुछ उदाहरण यहां दिए गए हैं:
श्रेणी
डेटा के उदाहरण
Google इस डेटा का इस्तेमाल कैसे करता है
- आईएमईआई, एमईआईडी और ईएसएन नंबर
- डिवाइस का सीरियल नंबर
- Google की सेवाओं के फ़्रेमवर्क का Android आईडी (या "Android आई़डी") ध्यान दें: यह आईडी, सेटिंग को सुरक्षित बनाने Pocket Option कैसे काम करता है? वाले Android ID से अलग होता है.
- Google खाता (जब यह चालू होता है)*
- एमएसी (मीडिया एक्सेस कंट्रोल) पते
- हार्डवेयर का प्रकार
- उत्पाद
- मॉडल
- डिवाइस बनाने वाली कंपनी
- जिन प्लैटफ़ॉर्म/सीपीयू प्रकार पर काम करता है
- कीबोर्ड, नेविगेशन और स्क्रीन लेआउट के प्रकार
- स्क्रीन का आकार (पिक्सेल में ऊंचाई और चौड़ाई)
- कुल मेमोरी
- जगह
- समय क्षेत्र
- ओएस बिल्ड स्ट्रिंग (इसे ओएस बिल्ड फ़िंगरप्रिंट भी कहा जाता है)
- OS बिल्ड टाइमस्टैम्प
- Android का वर्शन
- Google सेवाओं का वर्शन
- सिम और मोबाइल ऑपरेटर
- आईपी पता
- सिम से जुड़ा डेटा (सिम ऑपरेटर एमसीसी/एमएनसी, मोबाइल और इंटरनेट सेवा देने वाली कंपनी का नाम, रोमिंग में है या नहीं, सिम के लिए डिफ़ॉल्ट काम, आखिर के 5 अंकों के बिना आईएमएसआई, समूह आईडी लेवल 1)
- 'Android डिवाइस कॉन्फ़िगरेशन सेवा' के आखिरी 50 कॉन्फ़िगरेशन कनेक्शन के लिए टाइमस्टैम्प और बिल्ड में बदलाव के साथ आखिरी 10 कनेक्शन की बिल्ड जानकारी
- पिछले 10 कॉन्फ़िगरेशन कनेक्शन जो जुड़ नहीं पाए थे, उनके टाइमस्टैम्प और एचटीटीपी रिस्पॉन्स कोड
*अगर Pocket Option कैसे काम करता है? किसी Pocket Option कैसे काम करता है? डिवाइस पर एक से ज़्यादा खातों से साइन इन किया गया है, तो हो सकता है कि डाउनलोड किए गए डेटा में Google खाते से जुड़ी जानकारी न दी जाए.
Android स्मार्टफोन में डेवलपर ऑप्शन क्या होता है? ये कैसे करता है काम, डिटेल में जानिए
Android Smartphone: आज के समय में बहुत सारे लोग स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं। अगर आप एक एंड्रॉयड स्मार्टफोन यूजर है तो डेवलपर ऑप्शन को इनेबल कर स्मार्टफोन में कई ऐसे फीचर्स का इस्तेमाल कर सकेंगे जिसके बारे में कुछ ही लोगों को जानकारी है।
Edited By: India TV Business Desk
Updated on: September 28, 2022 15:43 IST
Photo:INDIA TV Android स्मार्टफोन में डेवलपर ऑप्शन क्या होता है?
Highlights
- डेवलपर ऑप्शन को इनेबल करने पर स्मार्टफोन के कई नए फीचर्स के बारे में जानकारी मिलती है
- इनेबल कर स्मार्टफोन में हिडन लगभग 22 फीचर्स का इस्तेमाल कर सकते हैं
- फोन की सेटिंग में इनेबल करने का मिलता है ऑप्शन
Android Smartphone: आज के समय में बहुत सारे लोग स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं। स्मार्टफोन से कॉलिंग के साथ हर वह जरूरी काम कर सकते हैं जो हमारी जीवन से जुड़ी हुई है। इसका इस्तेमाल ना सिर्फ पर्सनल बल्कि प्रोफेशनल लेवल पर भी हो रहा है। शानदार फीचर और बजट में होने के कारण ज्यादातर लोग एंड्रॉयड स्मार्टफोन खरीदना पसंद करते हैं। हालांकि आईओएस यूजर्स की भी संख्या कम नहीं है। बजट को देखते हुए कुछ लोग एंड्रॉयड से ऐपल आईफोन की तरफ बढ़ रहे हैं। क्या आपने अभी तक एंड्रॉयड Pocket Option कैसे काम करता है? स्मार्टफोन में डेवलपर ऑप्शन देखा है।
अगर आप एक एंड्रॉयड स्मार्टफोन यूजर है तो डेवलपर ऑप्शन को इनेबल कर स्मार्टफोन में कई ऐसे फीचर्स का इस्तेमाल कर सकेंगे जिसके बारे में कुछ ही लोगों को जानकारी है। केवल एंड्रॉयड यूजर्स ही इसे इनेबल कर सकते हैं। आईओएस यूजर के लिए यह फीचर उपलब्ध नहीं है।
क्या होता है डेवलपर ऑप्शन?
डेवलपर ऑप्शन नए नए फीचर्स का एक समूह है। जिसे इनेबल कर स्मार्टफोन में हिडन लगभग 22 फीचर्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। जिसमें memory, take bug report, OEM unlocking, USB debugging, Mock location, USB Configuration के साथ कई अन्य फीचर्स शामिल है। स्मार्टफोन को एडवांस फीचर के साथ कंट्रोल करने के लिए इस ऑप्शन को इनेबल करना बहुत जरूरी है। इससे ना सिर्फ एडवांस ऑप्शन देखने को मिलेंगे बल्कि स्मार्टफोन की क्षमता से अधिक इसका इस्तेमाल भी कर सकते हैं। एडवांस फीचर के बारे में जानकारी लेने और इसका इस्तेमाल करने के लिए डेवलपर ऑप्शन को स्मार्ट फोन की सेटिंग में जाकर इसे इनेबल Pocket Option कैसे काम करता है? कर दें।
स्मार्टफोन में ऐसे डेवलपर ऑप्शन को करें इनेबल
- एंड्रॉयड स्मार्टफोन यूजर सेटिंग में जाकर बहुत ही आसानी से डेवलपर ऑप्शन को इनेबल कर सकते हैं।
- इसके लिए सबसे पहले फोन की सेटिंग में जाएं।
- अब About Device या About Phone पर क्लिक करें।
- नीचे की तरफ जाने के बाद सॉफ्टवेयर इंफॉर्मेशन पर क्लिक करें।
- सॉफ्टवेयर इंफॉर्मेशन में जाने के बाद बिल्ड नंबर पर क्लिक करें।
- याद रहे कि एक साथ लगातार बिल्ड नंबर पर 7 बार टैप करना है।
- इस पर क्लिक करने के बाद आपको एक मैसेज प्राप्त होगा।
- अब डेवलपर ऑप्शन का इस्तेमाल कर सकते हैं।
डेवलपर ऑप्शन इनेबल करने के बाद यह कैसे काम करता है
डेवलपर ऑप्शन एंड्रॉयड स्मार्टफोन में इनेबल करने के बाद स्मार्टफोन की क्षमता बढ़ जाती है। इसमें कई ऐसे फीचर देखने को मिलते हैं जो सामान्य स्मार्टफोन में नहीं होता है। इसे इनेबल करने के बाद एडवांस फीचर का इस्तेमाल बहुत ही आसानी से कर सकते हैं। एडवांस फीचर भी आपको स्मार्ट फोन की सेटिंग में देखने को मिल जाएंगे। सेटिंग में जाने के बाद एडवांस पर क्लिक कर आप उन सभी 22 नए फीचर को देख सकते हैं जिसका आप इस्तेमाल करना चाहते हो। किसी भी फीचर को इनेबल करने से पहले इसके बारे में जानकारी जरूर ले लें।
हर छोटे-बड़े काम में e-wallets और Mobile apps का करते हैं यूज तो इन बातों को न करें नजरअंदाज
आज के समय में ऑनलाइन ट्रांजैक्शन का इस्तेमाल आम बात हो गई है. लेकिन इन एप्स का यूज आपको बड़े ध्यान से करना होता है.
मोबाइल वॉलेट एक डिजिटल वॉलेट है जो मोबाइल डिवाइस पर पेमेंट कार्ड की जानकारी स्टोर करता है. मोबाइल वॉलेट, यूजर्स के लिए इन-स्टोर पेमेंट करने का एक आसान तरीका है. इसका यूज मोबाइल वॉलेट सर्विस प्रोवाइडर के साथ लिस्टेड व्यापारियों के साथ किया जा सकता है. business-consumer relationship तेजी से डिजिटल होती जा Pocket Option कैसे काम करता है? रही है. बिजनेस ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से लेकर रोबो-एडवाइजर तक अपने कस्टमर की लगातार बदलती जरूरतों को चेंज कर रहें हैं. इसके साथ ही कस्टमर के मोबाइल फोन को इस्तेमाल करने का तरीका भी बदलता जा रहा है. डिजिटल प्लेटफॉर्म और रिजॅाल्यूशन ऑफर करने वाली कंपनियां फिनटेक सेक्टर के उभरते सदस्य के रूप में जानी जाती हैं. ये कंपनियां डिसरप्टिव टूल्स और सर्विस को कम कीमत पर आसानी से एक्सिसेबल बनाती हैं. पेमेंट सेक्टर में कुछ सालों में ही बड़े बदलाव देखे गए हैं. मोबाइल वॉलेट जैसे ऑप्शन का इस्तेमाल करके कंपनी और यूजर्स ऑनलाइन और ऑफलाइन ट्रांजैक्शन को अपना रहे हैं. लेकिन ई-वॅालेट और मोबाइल एप्स का यूज करते समय सावधानी रखना भी जरुरी है.
ई-वॅालेट का उस्तेमाल करते समय इन बातें ध्यान रखें
ई-वॉलेट एक ऑनलाइन वर्चुअल वॉलेट है. जहां आप अपना पैसा स्टोर कर सकते हैं. जरूरत पड़ने पर आप अपने प्लास्टिक कार्ड को स्वाइप किए बिना इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. आप अपने ई-वॉलेट का इस्तेमाल करके फ्लाइट टिकट से लेकर किराने का सामान तक खरीद सकते हैं. इसके लिए कोई मिनिमम डिपॅाजिट अमाउंट की जरुरत नहीं होती है. आप एक क्लिक से पैसे भेज सकते हैं और साथ ही बिल का पेमेंट भी कर सकते हैं. भारत में ई-वॉलेट पेटीएम, मोबीक्विक, एयरटेल, फ्रीचार्ज, ऑक्सीजन, पेयू मनी जैसे एप्स प्रोवाइड कराते हैं. ई-वॉलेट का इस्तेमाल करते समय अपने ई-वॉलेट को ज्यादा रिचार्ज न करें. ई-वॉलेट पर लागू ट्रांजैक्शन फीस को पढ़ें और समझें. ई-वॉलेट का इस्तेमाल करने से पहले पेमेंट लिमिट, ट्रांजैक्शन के नंबर पर लागू रिस्ट्रिक्शन को समझें. ई-वॉलेट पासवर्ड जैसी प्राइवेट इंफॅार्मेंशन किसी के साथ शेयर न करें. अपने कॅान्फिडेंशियल डेटा जैसे क्रेडिट कार्ड/डेबिट कार्ड नंबर आदि की सेफ्टी के लिए हमेशा ऑफिशयल ऐप स्टोर से ई-वॉलेट ऐप डाउनलोड करें.
मोबाइल बैंकिंग करते समय ध्यान रखें ये बातें
आजकल बैंक मोबाइल और नेट बैंकिंग सर्विस से कस्टमर को मोबाइल एप्लिकेशन या एनईएफटी (नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर), तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस), रीयल-टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) जैसी इंटरनेट फंड ट्रांसफर सर्विस का इस्तेमाल करके मोबाइल से ट्रांजैक्शन की सेवा देते हैं. मोबाइल ब्राउजिंग या टेक्स्ट मैसेज साइबर क्रिमिनल को मैलवेयर अटैक करने का मौका देती हैं. इसलिए मोबाइल के लिए एंटी-वायरस सेफ्टी की जरुरत होती है. हमेशा बैंक की वेबसाइट या ऑफिशियल ऐप स्टोर से डाउनलोड करके ही मोबाइल ऐप का इस्तेमाल करना चाहिए. साथ ही चेक करें कि ऐप को सिक्योरिटी के लिए वैलिडेड किया गया है या नहीं. अपने स्मार्ट फोन के साथ-साथ अपने अकाउंट के लिए एक स्ट्रांग पासवर्ड सेट करें. इसमें स्पेशल कैरेक्टर, स्मॅाल और अपरकेस लैटर और नंबर का कॅाम्बिनेशन होना चाहिए. इसके साथ ही ध्यान रखें कि किसी भी लिंक पर क्लिक न करें. हमेशा यूआरएल या वेब एड्रेस टाइप करें. जब आप इंटरनेट ब्राउज करते हैं, तो ब्राउजर आपके व्यूड पेज को सेव कर लेता है. ताकि अगर आप उन्हें फिर से एक्सेस करना चाहें तो उन तक जल्दी से पहुंचा जा सके. ये पेज "कैश" के रूप में स्टोर होते हैं. कैश को क्लीयर करना जरुरी है जिससे कोई भी आपकी इंटरनेट हिस्ट्री को न देख सके.
जियो सिम काम नहीं कर रहा है तो अपनाएं ये तरीके
अगर आपने जियो का 4G सिम लिया है और आपके हैंडसेट में यह काम नहीं कर रहा है, और अगर डेटा चल रहा है लेकिन कॉलिंग नहीं. हम आपके इसे फिक्स करने के तरीके बताते हैं.
Munzir Ahmad
- नई दिल्ली,
- 05 सितंबर 2016,
- (अपडेटेड 05 सितंबर 2016, 1:21 PM IST)
रिलायंस जियो के ऐलान से पहले से लोग फ्री में 4G डेटा यूज करने के लिए लगातार नए सिम ले रहे हैं. इसके वेलकम ऑफर के तहत भारत में सभी 4जी स्मार्टफोन कस्टमर इसके लिए योग्य हैं. रिलायंस डिजिटल में लोग लाइन लगाकर इसे खरीद रहे हैं, जबकि कई इलाकों में 1500 रुपये में अवैध बिक्री भी हो रही है.
कई यूजर्स ने इसका सिम तो ले लिया है और उनके पास 4G स्मार्टफोन भी है लेकिन जियो काम नहीं कर रहा है. कई ऐसे यूजर्स भी हैं जो 3G या फीचर फोन में सिम लगा कर यूज करना चाह रहे हैं.
आपको बता दें कि यह 4G सिम है जो सिर्फ 4G नेटवर्क सपोर्ट करता है यानी जिसमें 4G न हो उसमें यह काम नहीं करेगा . हालांकि कुछ ट्रिक्स हैं जिनके जरिए 3G में भी इसे चलाया जा सकता है, लेकिन हम आपको सलाह नहीं देंगे. आपका स्मार्टफोन डेड हो सकता है.
अगर आपके पास 4G हैंडसेट है और सिम काम नहीं कर रहा है तो हम आपको तरीके बताते हैं.
कई हैंडसेट में यह सिम रीड नहीं कर रहा है.
1.ऐसी प्रॉब्लम है और आपका हैंडसेट डुअल सिम है तो आप अपने जियो सिम को प्राइमरी स्लॉट में लगाएं. कंपनी भी इसे नंबर-1 स्लॉट में लगाने की सलाह दे रही है.
2. इसके बाद अपने फोन को रीस्टार्ट करें और सिम को दुबारा लगाएं.
3. अगर अभी भी आपका सिम काम नहीं कर रहा है तो संभवतः आपके फोन में यह काम नहीं करेगा.
सिम रीड कर रहा है, लेकिन इसमें सिग्नल नहीं है
1. सिम पहले स्लॉट में लगा लिया है तो अब सेटिंग्स में जा कर देखें डेटा ऑन है या नहीं. अगर डेटा ऑन नहीं है तो इसे ऑन कर लें.
2. नेटवर्क सेटिंग्स चेक करें यह भी देखें कि आपने सिम 1 को आपने डेटा के लिए प्राइमरी सिम बनाया है या नहीं. अगर ऐसा नहीं तो इसे बना लें.
3. मोबाइल डेटा या नेटवर्क सेटिंग्स से Preferred Network में 4G/LTE सेलेक्ट कर लें.
4. अगर आपको फोन में सिम रिकॉग्नाइज हो रहा तो मोबाइल नेटवर्क सेटिंग्स में एक्सेस पॉइंट नेम सेल्कट करक जियो की सेटिंग्स सेव करें.
5. नेटवर्क ऑपरेटर मैनुअल सेलेक्ट करके जियो सेलेक्ट करें.
6. अगर अब भी सिम काम नहीं करता तो हो सकता है आपके फोन का सॉफ्टवेयर या हार्डवेयर सिम के साथ सिंक नहीं हो रहा है. आप इसके सपोर्ट में भी बात कर सकते हैं.
सिम काम कर रहा है, लेकिन कॉलिंग नहीं हो रही है
1. गूगल प्ले स्टोर से Jio Join एप डाउनलो करें. इस एप के अंदर 11 एप हेंगे एक एक करके सभी एप को इंस्टॉल कर लें. उम्मीद है इसके बाद आप कॉल कर पाएंगे.
2. कई लोगों के फोन 4G LTE तो हैं, लेकिन उसमें VoLTE सपोर्ट नहीं कर रहा है. तो निराश न हों आप भी कॉलिंग कर सकते हैं, इसके लिए इसके कॉमर्शियल लॉन्च का इंतजार कर लें.
वेलकम ऑफर के बारे में हम आपको फिर से बता दें कि इसमें 31 दिसंबर तक अनलिमिटेड 4G डेटा, वॉयस कॉल और मैसेज मिलेंगे. हालांकि हर दिन 4GB ही 4G डेटा मिलेगा लेकिन इसके बाद भी 128Kbps की स्पीड में चलेगा. फिलहाल कॉल में काफी दिक्कते हैं, लेकिन इंटरनेट कमोबेश ठीक चल रहा है.
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