1 मार्च 2021 को, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (NSE इंडिया) ने गुजरात में GIFT (दुनिया का सबसे बड़ा वित्तीय बाजार गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक) सिटी में एक मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर संस्थानों स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया, जिसमें इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज( IBX ), क्लियरिंग कॉर्पोरेशन और डिपॉजिटरी शामिल हैं।

FPIs ने भारी गिरावट के बीच भारतीय बाजार में लगाया बड़ा दांव, दिसंबर में 11,557 करोड़ रुपये किए निवेश

FPIs Investment : इसकी मुख्य वजह अमेरिकी डॉलर सूचकांक का कमजोर होना और समग्र व्यापक आर्थिक रुझानों के बारे में सकारात्मकता बताया जा रही है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि इससे पहले विदेशी निवेशकों ने अक्टूबर में 8 करोड़ रुपये और सितंबर में 7,624 करोड़ रुपये निकाले थे। नवंबर में एफपीआई ने भारतीय बाजारों में 36,200 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया था

23 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में नेट इनफ्लो 1,000 करोड़ रुपये से कुछ कम रहा जबकि पिछले सप्ताह यह 6,055 करोड़ रुपये रहा था

FPIs Investment : विदेशी निवेशक भारी गिरावट और चीन और दुनिया के दूसरे हिस्सों में कोविड की नई लहर से जुड़ी चिंताओं के बावजूद भारतीय बाजार में तगड़े दांव लगा रहे हैं। एफपीआई दिसंबर में अभी तक भारतीय शेयर बाजारों में 11,557 करोड़ रुपये निवेश कर चुके हैं। जिओजित फाइनेंशियल सर्विसेज (Geojit Financial Services) के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट वी के विजयकुमार ने कहा, आगे अमेरिका के मैक्रो डेटा और कोविड से जुड़ी खबरों के आधार पर निकट भविष्य में एफपीआई और बाजारों का रुख तय होगा। डिपॉजिटरीज से मिले डेटा के मुताबिक, Foreign Portfolio Investors (FPIs) ने 1-23 दिसंबर के दौरान भारत में 11,557 करोड़ रुपये निवेश किया है।

Stock Market Outlook: निफ्टी 1 साल में तोड़ सकता है 20000 का लेवल, साल 2023 के लिए चुनें ये 16 क्‍वालिटी शेयर

Stock Market Investment: नवंबर महीने में ज्‍यादातर सेक्‍टर पॉजिटिव बंद हुए. बैंकिंग खासतौर से PSU बैंकिंग और आईटी सेक्‍टर में जोरदार रिकवरी देखने को मिली.

Stock Market Outlook: निफ्टी 1 साल में तोड़ सकता है 20000 का लेवल, साल 2023 के लिए चुनें ये 16 क्‍वालिटी शेयर

Stock Market: पिछले कुछ महीनों की बात करें तो भारतीय शेयर बाजारों ने आउटपरफॉर्म किया है.

Make Your Stocks Portfolio Strong: पिछले 2 महीनों की बात करें तो भारतीय शेयर बाजारों ने आउटपरफॉर्म किया है. मेजर ग्‍लोबल मार्केट की तुलना में भारत में ज्‍यादा स्‍टेबिलिटी रही है. 3.4 लाख करोड़ डॉलर के साथ भारत अब दुनिया का 5वां सबसे बड़ा बाजार दुनिया का सबसे बड़ा वित्तीय बाजार बन गया है. इस साल की शुरूआत जहां बाजार में गिरावट के साथ हुई थी, अब पिछले 1 साल NIFTY 50 इंडेक्‍स 10 फीसदी मजबूत हुआ है, जबकि S&P 500 इंडेक्‍स में कमजोरी आई है. ब्रोकरेज हाउस एक्सिस सिक्‍योरिटीज का कहना है कि कई निगेटिव फैक्‍टर अब डिस्‍काउंट हो चुके हैं और दिसंबर 2023 के अंत तक यानी अगले 1 साल में निफ्टी 20400 का लेवल छू सकता है.

हाल ही में बाजार ने बनाया नया रिकॉर्ड

ब्रोकरेज का कहना है कि विदेशी निवेशकों की बाजार में फिर भागीदारी बढ़ने लगी है. FII का इनफ्लो बढ़ने से निफ्टी ने हाल ही 18758 का रिकॉर्ड हाई बनाया है. पिछले 1 महीने में लार्जकैप में 4 फीसदी रैली दिखी. वहीं इस दौरान मिड और स्‍माल‍कैप में 2%/3% रैली रही. ब्रॉडर मार्केट का भी प्रदर्शन सुधर रहा है. कुल मिलाकर भारतीय बाजारों पर संभावित स्‍लोडाउन का बहुत ज्‍यादा रिस्‍क नहीं दिख रहा है. निगेटिव फैक्‍टर डिस्‍काउंट हो रहे हैं.

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IT और बैंकिंग सेक्‍टर से मिलेगा बूस्‍ट

नवंबर महीने में ऑटो और फार्मा सेक्‍टर को छोड़कर सभी सेक्‍टर पॉजिटिव बंद हुए. बैंकिंग खासतौर से PSU बैंकिंग सेक्‍टर में सबसे ज्‍यादा रिकवरी देखने को मिली. सितंबर तिमाही में बैंकों की अर्निंग मजबूत रही है. एसेट क्‍वालिटी बेहतर देखने को मिली. वहीं लंबे समय से अंडरपरफॉर्मर रहे IT सेक्‍टर में भी रिकवरी देखने को मिली. बैकिंग और आईटी सेक्‍टर में आगे भी तेजी जारी रहने की उम्‍मीद है, जिससे बाजार को सपोर्ट मिलेगा. फाइनेंशियल सेक्‍टर सबसे बड़ा कॉन्‍ट्रीब्‍यूटर हो सकता है. ब्रोकरेज का अनुमान है कि FY23/24/25 के दौरान NIFTY EPS 817/930/1049 पर रह सकता है यानी इनमें 11%/14%/13% ग्रोथ क अनुमान है.

दिसंबर 2023: निफ्टी में 20,400 का लेवल

ब्रोकरेज हाउस ने निफ्टी के लिए दिसंबर 2023 तक का टारगेट 20400 रखा है. यानी 1 साल में निफ्टी में करंट लेवल से करीब 9 से 10 फीसदी तेजी संभव है. ब्रोकरेज के नुसार बुल केस में निफ्टी दिसंबर 2023 तक 22,500 का लेवल टच कर सकता है. जबकि बियर केस में यह 18400 के लेवल पर आ सकता है.

ब्रोकरेज हाउस की टॉप पिक्‍स

ICICI बैंक, Tech Mahindra, Maruti Suzuki India, SBI, डालमिया भारत, फेडरल बैंक, वरुण बेवरेजेज, अशोक लेलैंड, Infosys, PNC इंफ्रा, APL अपोलो ट्यूब्‍स, हेल्‍थकेयर ग्‍लोबल एंटरप्राइजेज, प्राज इंडस्‍ट्रीज, CCL Products (India), पॉलीकैब इंडिया, बजाज फाइनेंस

(Disclaimer: स्टॉक में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)

नीदरलैंड ने चीन को पछाड़ा, बना भारत का तीसरा सबसे बड़ा निर्यात बाजार

नीदरलैंड ने चीन को पछाड़ा, बना भारत का तीसरा सबसे बड़ा निर्यात बाजार |_40.1

नीदरलैंड चीन और बांग्लादेश से आगे निकलते हुए भारत तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक के रूप में उभरा है। वित्त वर्ष 2012 के बाद से भारत के शीर्ष दस निर्यात स्थलों की सूची में दो स्थान ऊपर आ गया है, इस वित्त वर्ष दुनिया का सबसे बड़ा वित्तीय बाजार दुनिया का सबसे बड़ा वित्तीय बाजार में अगस्त तक 106% की वृद्धि के कारण एक साल पहले 7.5 बिलियन डॉलर तक की वृद्धि हुई है। लेकिन इससे भी बड़ा आश्चर्य यह है कि ब्राजील, जिसने वित्त वर्ष 2012 में 21वें स्थान पर कब्जा किया था, दुनिया का सबसे बड़ा वित्तीय बाजार अब भारत का 8वां सबसे बड़ा निर्यात बाजार है।

इसी तरह, इंडोनेशिया सात पायदान ऊपर चढ़कर 7वां स्थान हासिल कर लिया है। हालांकि, मांग में कमी के बीच, केवल दो यूरोपीय देश- नीदरलैंड और यूके- भारत के शीर्ष दस बाजारों में शामिल हैं, जबकि वित्त वर्ष 22 में यह 4 था। जर्मनी और बेल्जियम, जो पिछले वित्त वर्ष की सूची में शामिल थे, अब इससे बाहर हो गए हैं। इस बीच, अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात भारत के लिए क्रमशः सबसे बड़े और दूसरे सबसे बड़े निर्यात गंतव्य बने हुए हैं। अगस्त तक अमेरिका को निर्यात 18.3% चढ़कर 35.2 बिलियन डॉलर हो गया, जबकि यूएई को निर्यात 27.3% बढ़कर 13.8 बिलियन डॉलर हो गया।

नीदरलैंड को भारत का निर्यात ज्यादातर तेल उत्पादों के प्रेषण में 238% की उछाल से इस वित्तीय वर्ष में अगस्त तक 3.67 बिलियन डॉलर तक चला गया। यहां तक कि रसायनों (513 मिलियन डॉलर) और फार्मास्यूटिकल्स (219 मिलियन डॉलर) की आपूर्ति भी पर्याप्त बनी रही। इस बीच, इंडोनेशिया को निर्यात 43% उछलकर 4.8 बिलियन डॉलर हो गया। इस आसियान देश की आपूर्ति में पेट्रोलियम उत्पादों का वर्चस्व था, जो इस वित्तीय वर्ष में अगस्त तक 144% उछलकर 1.8 बिलियन डॉलर हो गया। अन्य प्रमुख उत्पाद अनाज, चीनी और रसायन थे।

इस वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में ब्राजील को शिपमेंट 70.9% बढ़कर 4.7 बिलियन डॉलर हो गया। निर्यात में पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति में 299% की वृद्धि के साथ $2.3 बिलियन, इसके बाद कुछ रसायनों (684 मिलियन डॉलर) और ऑटोमोबाइल, ऑटो पार्ट्स और संबद्ध उत्पादों (233 मिलियन डॉलर) की आपूर्ति हुई।

नीदरलैंड ने चीन को पछाड़ा, बना भारत का तीसरा सबसे बड़ा निर्यात बाजार |_60.1

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दुनिया का सबसे बड़ा वित्तीय बाजार

NSE ने GIFT सिटी, गुजरात में IBX के साथ बाजार बुनियादी ढांचा संस्थानों स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

NSE signs pact with various entities

1 मार्च 2021 को, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (NSE इंडिया) ने गुजरात में GIFT (गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक) सिटी में एक मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर संस्थानों स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया, जिसमें इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज( IBX ), क्लियरिंग कॉर्पोरेशन और डिपॉजिटरी शामिल हैं।

अन्य हस्ताक्षरकर्ता थे

i. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया लिमिटेड,

ii. भारत INX इंटरनेशनल एक्सचेंज लिमिटेड,

iii. नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड

iv. सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड

समझौता ज्ञापन सरकार के उद्देश्य के अनुसार दुनिया का सबसे बड़ा वित्तीय बाजार है “GIFT अंतर्राष्ट्रीय वित्त सेवा केंद्र(IFSC) के माध्यम से और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (बुलियन एक्सचेंज)विनियम, 2020 और अन्य लागू कानूनों के अनुसार भारत को बुलियन में मूल्य सेटर बनाना”।

अंतर्राष्ट्रीय बुलियन एक्सचेंज:

IBX एक कीमती धातु डीलर है, जिसकी लोगों के लिए एक विश्वसनीय और समर्पित संसाधन के रूप में प्रतिष्ठा है, जो कीमती धातुओं और हीरे के निवेश के साथ अपनी पकड़ में विविधता लाना चाहते हैं।

हाल के संबंधित समाचार:

22 सितंबर 2020 को, NSE IFSC-SGX कनेक्ट को संचालित करने के लिए प्रमुख शर्तों की पुष्टि करने के लिए सिंगापुर एक्सचेंज लिमिटेड और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड ने एक औपचारिक समझौते पर हस्ताक्षर किए।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के बारे में:

NSE भारत का सबसे बड़ा वित्तीय बाजार है, और कारोबार किए गए अनुबंधों के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा डेरिवेटिव एक्सचेंज है।

प्रबंध निदेशक और CEO – विक्रम लिमये
1992 में शामिल किया गया
मुख्यालय – मुंबई, महाराष्ट्र

दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल बैंक बनने की राह पर पेटीएम, जानिए कैसे?

ई-कॉमर्स कंपनी पेटीएम अभी काफी युवा है. मगर कंपनी शेयर दुनिया का सबसे बड़ा वित्तीय बाजार बाजार से जुड़े एक बड़े वर्ग का विश्वास जीत रही है. पेटीएम खुद को दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल बैंक बनाना चाहती है.

दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल बैंक बनने की राह पर पेटीएम, जानिए कैसे?

पेटीएम पेमेंट बैंक को देश ही नहीं, बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल बैंक बनाने के योजना पर बात करते हुए सती ने कहा कि उनकी कंपनी कई बैंकिंग प्रॉडक्ट्स को पुराना करने के लिए तैयार है. सती ने कहा, "हम डिजिटल सेवाओं से वित्तीय सेवाओं तक पहुंच गए हैं."

सती ने बताया कि कंपनी कई वित्तीय संस्थाओं के साथ बातचीत कर रही है ताकि कंपनी वे प्रोडक्ट भी पहुंचा सके, जो उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं. उन्होंने कहा कि अब लक्ष्य बैंकिंग को उन लोगों तक पहुंचाना है, जिनके पास यह सुविधा पूरी तरह नहीं पहुंची है.

पेमेंट बैक भारतीय बाजार में एक नई अवधारणा है और भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुसार, इस तरह के बैंकों पर ग्राहक के खाते में जमा राशि की सीमा निर्धारित (मौजूदा समय में यह राशि 1 लाख रुपये) है. ये बैंक लोन और क्रेडिट कार्ड जारी नहीं कर सकते.

सती ने कहा, "हम उन लोगों के लिए काम करना चाहते हैं, जिनके पास बैंकिंग सुविधा ठीक से नहीं पहुंची है. हम उन्हें बैंक अकाउंट ही नहीं, दुनिया का सबसे बड़ा वित्तीय बाजार बल्कि वित्तीय सेवाएं और उत्पाद भी देना चाहते हैं." इस क्षेत्र में पेटीएम के अलावा एयरटेल पेमेंट बैंक, इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक और फिनो पेमेंट बैंक सक्रिय है.

Paytm

The Paytm ecommerce unit, which had raised $200 million earlier this year from Alibaba Group and venture fund SAIF Partners, is betting big on its O2O model.

सती ने कहा, "लोग हमारे साथ इसलिए जुड़ते हैं क्योंकि हम उनके जीवन का हिस्सा बन चुके हैं. नजदीक की दुकान से दूध खरीदने से लेकर मोबाइल तक और मूवी टिकट से बच्चों की फीस तक, पेटीएम हर सुविधा से उनके साथ जुड़ा हुआ है."

10,000 ग्राहकों का केवाईसी पूरा
सती ने कहा कि पेटीएम आरबीआई द्वारा जारी नए दिशानिर्देशों को पूरा करने की दिशा में कोशिश कर रही है. आरबीआई ने प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (पीपीआई) के लिए केवायसी अनिवार्य कर दिया है. पेटीएम का दावा है कि वह 10,000 ग्राहकों का केवायसी कर चुकी है.

उन्होंने कहा, "हम आरबीआई के निर्देशानुसार समय रहते ही केवाईसी का काम पूरा कर लेंगे." कंपनी का दावा है कि अगले 12 महीनों में केवाईसी वाले ग्राहकों की संख्या 2 से 3 गुना हो जाएगी.

उन्होंने कहा, "पेटीएम सुविधा का दूसरा नाम है. लोगों ने पेटीएम को इसलिए नहीं चुना कि डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड के साथ कोई दिक्कत थी, मगर पेटीएम ने सुविधापूर्वक तरीके से उनकी पहुंच को बढ़ाया है."

उन्होंने कहा कि अंतरसंचालन कंपनी के लिए अच्छा है. हमारे से साथ 50 लाख कारोबारी जुड़े हुए हैं और दूसरे ई-वॉलेट उपभोगता इन कारोबारियों के साथ जुड़ सकते हैं. अंतरसंचालन के जरिए एक ई-वॉलेट के यूजर द्वारा दूसरे ई-वॉलेट के यूजर को पैसा भेजे जा सकते हैं.

सती ने बताया कि अंतरसंचालन से कंपनी को लाभ ही हुआ है और आने वाले 30 सालों में उनका लक्ष्य 50 करोड़ ग्राहकों को अपने साथ जोड़ने का है. कंपनी ने अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए $500 मिलियन (3,232 करोड़ रुपये) के निवेश का ऐलान किया है.

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