Sahara India Refund News: अगर सहारा इंडिया में आपके पैसे फसे है, तो इस तरह निकाल सकते है वापिस
Sahara India Refund News: शेयर मार्केट को दुनिया का सबसे गहरा कुआं कहां जाता है क्योंकि इसमें नागरिकों का इतना पैसा डूब चुका है जिसकी कल्पना करना भी दुर्लभ है तथा वर्तमान समय में भारत देश के अधिकांश निवेशकों का पैसा सहारा इंडिया में फंसा हुआ है और अभी तक उन्हें निराशा ही हाथ लगी है परंतु अब आपको अधिक चिंता करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि सहारा इंडिया परिवार के निवेशकों की संपूर्ण राशि एक निर्धारित ब्याज के साथ आपको लौटा दी जाएगी और सहारा इंडिया रिफंड की प्रोसेस भी प्रारंभ कर दी गई है |
Sahara India Refund News के आधार पर आपको सूचित कर दें कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (एसईबीआई) सहारा इंडिया के सभी निवेशकों को उनका पैसा वापस दिलाने में मदद करेगा तथा Sahara India Refund News में यह भी दावा किया जा रहा है कि हाल ही में विभाग ने लगभग ₹138 करोड़ रुपए की धनराशि का रिफंड भी जारी किया इसीलिए जल्द ही आपको भी आपकी संपूर्ण राशि प्राप्त हो सकेगी और सहारा इंडिया कंपनी में अभी लाखों लोगों का पैसा फसा हुआ है तथा वर्तमान समय में लोग बेहद परेशान हैं और दफ्तर के चक्कर लगाने के लिए विवश है |
हम आपको बता दें कि Sahara India Refund News में किए गए दावे के अनुसार नागरिकों की सर्वाधिक राशि सहारा इंडिया की दो कंपनियों में फंसी हुई है जिन्हें एसआईआरईसीएल एवं एसएचसीआईएल के नाम से संबोधित किया जाता है | सहारा इंडिया की अन्य कंपनियों में भी नागरिकों की करोड़ों रुपए की धनराशि फंसी हुई है और सुप्रीम कोर्ट ने भी सहारा इंडिया कंपनी के निवेशकों के खेत में फैसला सुनाते हुए सहारा इंडिया परिवार को निवेशकों की संपूर्ण राशि लौटाने के आदेश दिए हैं और Sahara India Refund News की अन्य आवश्यक जानकारी के लिए ध्यान पूर्वक बने रहे !
Sahara India Refund News – Overview
1 | लेख विवरण | सहारा इंडिया रिफंड न्यूज़ |
2 | कंपनी | सहारा इंडिया परिवार |
3 | विभाग | भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (एसईबीआई) |
4 | श्रेणी | लेटेस्ट न्यूज़ |
5 | कंपनी के संस्थापक | सुब्रता रॉय |
6 | सर्वाधिक निवेश | सहारा इंडिया की एसआईआरईसीएल एवं एसएचसीआईएल कंपनियों में |
7 | रिफंड राशि | निर्देशित बैंक खातों में |
8 | एसईबीआई टोल फ्री नंबर | 1800-266-7575 |
9 | आधिकारिक वेबसाइट | https://www.sahara.in/ |
सहारा इंडिया रिफंड के आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- मोबाइल नंबर
- ईमेल आईडी
- पासपोर्ट साइज फोटो
- हस्ताक्षर
- फिंगरप्रिंट
- निवास प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र
- क्रीमीलेयर
- पैन कार्ड
- बैंक पासबुक
- सहारा इंडिया में मिली कूपन कोड
- सहारा इंडिया से जुड़े अन्य आवश्यक दस्तावेज आदि |
Sahara India Refund News
Sahara India Refund News : सहारा इंडिया परिवार कंपनी में निवेश करने वाले नागरिकों के लिए बहुत ही अच्छी खबर क्योंकि जल्द ही आपको आपकी राशि निर्धारित ब्याज के सहित वापस लौटा दी जाएगी तथा हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी निर्देशों का प्रतिभूति खाते से पैसे कैसे निकालें? सम्मान करते हुए कंपनी के संस्थापक सुब्रता रॉय ने सहारा इंडिया परिवार के सभी निवेशकों को सहानुभूति प्रदान करते हुए कहा कि आपके पैसे कहीं नहीं जाएंगे और जल्द ही आपको आपकी निवेश राशि लौटाने का प्रयास करेंगे | Sahara India Refund News के आधार पर आपको सूचित कर दें कि कंपनी में निवेश करने वाले नागरिकों की लगभग ₹138 करोड़ों रुपए की धनराशि रिफंड की जा चुकी है तथा इस बात का दावा भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (एसईबीआई) ने आधिकारिक तौर पर किया है |
हम आपको बता दें कि सहारा इंडिया परिवार में फंसी हुई निवेशकों की संपूर्ण राशि को सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया अर्थात भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (एसईबीआई) के अधीन वापस किया जाएगा तथा नागरिकों को उनके निवेश खाते में संपूर्ण राशि प्राप्त हो सकेगी | सहारा इंडिया परिवार की सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एसआईआरईसीएल) एवं सहारा हाउसिंग सीमेंट कॉपर लिमिटेड (एसएचसीआईएल) कंपनी में नागरिकों की सर्वाधिक धनराशि फंसी हुई है और इन दोनों कंपनियों में भी निवेशकों की संख्या लाख के पार है |
म्यूचुअल फंड से अपना धन किस तरह से निकालूं?

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) से विनियमित होने के कारण म्यूचुअल फंड में अच्छी तरह से बनाए हुए नियम हैं जो तरलता को सुनिश्चित करते हैं। ओपन ऐंडेड योजनाएं, जिनमें ऐसी योजनाएं बहुतेरी होती है जो तरलता को प्रमुख विशेषता के रूप में ऑफर करती हैं। तरलता, एसेट्स को नगद में बदलने या रूपांतरित करने की सरलता है।
रिडम्पशन पूरा हो जाने के बाद फंड को निवेशक के निर्दिष्ट खाते में स्थानांतरित कर दिया जाता है, रिडम्पशन का आवेदन करने के बाद ऐसा 3-10 व्यावसायिक दिनों में हो जाता है।
हालांकि दो चीजों को दिमाग में रखने की जरूरत है। एक, कुछ योजनाओं में एक निकासी लोड अवधि हो सकती है। ऐसे मामलों में, किसी निर्दिष्ट अवधि जैसे 3 माह से पहले रिडम्पशन करने पर एसेट मूल्य के 0.5% का थोड़ा भार लागू हो सकता है। ऐसे लोड को फंड मैनेजर छोटी अवधि के निवेशकों को हतोत्साहित करने के लिए लगाते हैं। दूसरा, म्यूचुअल फंड कंपनियां यह संकेत दे सकती हैं कि रिडम्पशन की न्यूनतम राशि क्या होगी। निवेशकों को सलाह है कि निवेश के पहले वे सभी संबंधित दस्तावेजों को सावधानी से पढ़ लें।
बैंक अकाउंट हो गया है फ्रीज, जानें कैसे करें अनफ्रीज?
दैनिक कामकाज के दौरान कभी-कभी बैंक अकाउंट फ्रीज (Bank Account Freeze) हो जाता है। कभी अपनी गलती से तो कभी खाताधारकों की लापरवाही की वजह से। ऐसे मामलों में तो बैंक की शाखा से संपर्क करने पर निदान (Unfreeze) मिल जाता है।
बैंक अकाउंट हो गया है फ्रीज, जानें कैसे करें अनफ्रीज?
कब होता है बैंक अकाउंट फ्रीज
खाते को फ्रीज (Account Freeze) करने का मतलब यह है कि खाताधारक अपने बैंक खाते में कोई लेन-देन नहीं कर सकेगा। खाता फ्रीज होने के बाद उससे सभी तरह के भुगतान भी अपने आप रूक जाएंगे। भारत में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), आयकर विभाग (Income Tax Department), न्यायालयों (Court) और भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (SEBI) के पास बैंक खातों को फ्रीज करने का प्राधिकार है। ज्यादातर बैंक (Bank) अपने ग्राहकों का खाता फ्रीज करने से पहले उन्हें नोटिस भी देते हैं। यदि खाते को वैध कारणों के लिए लंबे समय तक फ्रीज किया जाता है, तो उसे अनफ्रीज करवाना एक लंबी और थकाऊ प्रक्रिया हो सकती है।
संदिग्ध ट्रांजेक्शन प्रतिभूति खाते से पैसे कैसे निकालें? पर अकाउंट फ्रिज
कभी-कभी आपके अकाउंट में संदिग्ध किस्म के ट्रांजेक्शन (Suspected transections) होने लगते हैं तो एहतियातन बैंक आपका अकाउंट फ्रीज कर देता है। कोई व्यक्ति हर समय सामान्य ट्रांजेक्शन करता है और अचानक उनके अकाउंट में ऑनलाइन परचेज (Online Purchase) की बाढ़ सी आ जाती है या विदेशें में डेबिट कार्ड (Debit Card purchase in abroad) से खरीदारी होने लगती है, तब बैंक अपनी तरफ से सक्रिय हो कर अकाउंट फ्रीज कर देता है। उस समय बैंक समझता है संबंधित ग्राहक का अकाउंट हैक (Account hack) कर लिया गया है या डेबिट कार्ड चोरी हो गया है।
बैंक भी कर प्रतिभूति खाते से पैसे कैसे निकालें? देता है अकाउंट फ्रीज
इंडियन बैंक (Indian bank) के एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि जो ग्राहक तीन साल में एक प्रतिभूति खाते से पैसे कैसे निकालें? बार केवाईसी (KYC) नहीं कराते हैं, उनका अकाउंट फ्रीज (Account Freeze) कर दिया जाता है। रिजर्व बैंक का प्रावधान है प्रतिभूति खाते से पैसे कैसे निकालें? कि हर खाताधाारक तीन साल में एक बार, केवाईसी अपडेट (KYC Update) कराए। कोई ग्राहक ऐसा करने से चूक जाता है तो उनका अकाउंट फ्रिज कर दिया जाता है।
छह महीने तक नहीं हुआ ट्रांजेक्शन तो भी फ्रिज
आपने अपने खाते में छह महीने में एक भी ट्रांजेक्शन (No Transection) नहीं किया तो भी आपका अकाउंट फ्रीज कर दिया जाएगा। इंडियन बैंक के अधिकारी का कहना है कि इसमें बैंक का कोई कर्मचारी कुछ नहीं करता। यह सब कंप्यूटराइज्ड (Computerised) तरीके से होता है। यदि किसी खाते में छह महीने तक लगातार कोई लेन-देन नहीं हुआ तो सिस्टम अपने आप उसे फ्रीज कर देता है।
बाहर से भी आता है निर्देश
बैंकरों का कहना है कि आयकर विभाग (Income Tax Department) कभी कभी निर्देश प्रतिभूति खाते से पैसे कैसे निकालें? देता है कि अमुक अकाउंट को फ्रिज कर दिया जाए। इस पर तत्काल कार्रवाई होती है। इसी तरह से पूंजी बाजार के नियामक सेबी (SEBI) के आदेश का भी पालन होता है। वित्तीय धोखाधड़ी या कुछ अन्य किस्म के मामलों में अदालतें भी बैंक को निर्देश देती है कि आरोपी का बैंक अकाउंट फ्रिज कर दिया जाए।
बैंक अकाउंट फ्रिज हो जाए तो क्या करना चाहिए
जब कोई बैंक अकाउंट फ्रिज हो जाए तो सबसे पहले अपने बैंक ब्रांच में संपर्क करना चाहिए। बैंक प्रबंधन से पूछना चाहिए कि अकाउंट फ्रिज होने की वजह क्या है? यदि संदिग्ध लेन देन या केवाईसी प्रतिभूति खाते से पैसे कैसे निकालें? पूरा नहीं करना वजह है तो आपका अकाउंट शीघ्र चालू हो जाएगा। लेकिन यदि आयकर विभाग, सेबी या फिर किसी अदालत ने अकाउंट फ्रिज कराया है तो फिर वहां से आदेश आने से पहले बैंक प्रबंधन कुछ नहीं कर सकता है।
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Good News: म्यूचुअल फंड से पैसा प्रतिभूति खाते से पैसे कैसे निकालें? तीन दिन में निकाल सकेंगे, 15 की जगह 7 दिन में खाते में आएगा लाभांश
छोटे निवेशकों की म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) और शेयर बाजार (Stock Market) में बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए उनके निवेश को और आकर्षक बनाने के साथ उसकी सुरक्षा के लिए भी कई तरह के बदलाव को मंजूरी दी है
छोटे निवेशकों की म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) और प्रतिभूति खाते से पैसे कैसे निकालें? शेयर बाजार (Stock Market) में बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए उनके निवेश को और आकर्षक बनाने के साथ उसकी सुरक्षा के लिए भी कई तरह के बदलाव को मंजूरी दी है। इसके तहत म्यूचुअल फंड से पैसा निकालने पर अब प्रतिभूति खाते से पैसे कैसे निकालें? वह महज तीन दिन में आपके खाते में आ जाएगा।
इसी तरह म्यूचुअल फंड का लाभांश भी खाते में आने में महज सात दिन लगेगा। इसके अलावा बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय या उससे राशि निकलाने की स्थिति में दोस्तरीय सत्यापन भी अनिवार्य कर दिया है। बाजार नियामक का मानना है कि इससे निवेशकों को किसी धोखाधड़ी से बचाने में मदद मिलेगी।
यूनिट बेचने पर जल्द खाते में आएगी राशि
सेबी ने डिजिटल लेनदेन में तेजी और सुविधाजनक होने के फायदे को देखते हुए म्यूचु्अल फंड यूनिट को बेचने की स्थिति में लगने वाले समय को एक तिहाई कम कर दिया है। इसमें 10 दिन की जगह अब महज तीन दिन में ही आपके खाते में राशि आ जाएगी। वहीं, म्यूचु्अल फंड का लाभांश आने में भी लगने वाला समय घटकर आधा रह जाएगा। लाभाशं अब 15 दिन की बजाय सात दिन में आ जाएगा।
खरीद-बिक्री का दो स्तरीय सत्यापन
सेबी ने निवेशकों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए म्यूचुअल फंड यूनिट में खरीद-फरोख्त के लिए दोस्तरीय सत्यापन की प्रक्रिया को लागू करने का फैसला किया प्रतिभूति खाते से पैसे कैसे निकालें? है। सेबी ने कहा कि इस संबंध में नया मसौदा अगले साल एक अप्रैल से लागू किया जाएगा। इस फैसले के बाद म्यूचुअल फंड यूनिट की खरीद एवं उन्हें भुनाने के समय सत्यापन के लिए दोस्तीय सत्यापन (ऑनलाइन लेनदेन) और हस्ताक्षर पद्धति (ऑफलाइन लेनदेन) का इस्तेमाल किया जाएगा।
इस तरह होगा सत्यापन
गैर-डीमैट लेनदेन के दोस्तरीय सत्यापन के दौरान यूनिट-धारक के मोबाइल फोन या ईमेल पर वन-टाइम पासवर्ड भेजा जाएगा। वहीं डीमैट लेनदेन की स्थिति में डिपॉजिटरी की तरफ से दोस्तरीय सत्यापन के लिए तय प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। सेबी ने स्पष्ट किया है कि प्रणालीगत लेनदेन की स्थिति में इस तरह के सत्यापन की जरूरत सिर्फ पंजीकरण के समय ही होगी। वर्तमान में सभी परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) को ऑनलाइन लेनदेन के लिए द्वि-स्तरीय सत्यापन और ऑफलाइन लेनदेन के लिए हस्ताक्षर लेकर निकासी लेनदेन का सत्यापन करना होता है।
ऑनलाइन बॉन्ड मंच सेबी के दायरे में होंगे
बाजार नियामक सूचीबद्ध ऋण प्रतिभूतियों की बिक्री करने वाले ऑनलाइन बॉन्ड मंच के प्रदाताओं की सुविधा के लिए एक नियामक नियामकीय रूपरेखा पेश करेगा। ढांचे के तहत, ऐसे मंच को सेबी के साथ स्टॉक ब्रोकर (ऋण खंड) के रूप में पंजीकृत या सेबी पंजीकृत ब्रोकर द्वारा चलाया जाना चाहिए।
आईपीओ खुलासा नियमों को सख्त किया
सेबी ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए खुलासा जरूरतों को कड़ा करने को मंजूरी दी है। सेबी के अनुसार, निर्गम लाने वाली कंपनी के लिए पिछले लेनदेन और कोष जुटाने की गतिविधियों के आधार पर प्रस्ताव मूल्य का खुलासा करना अनिवार्य है। सेबी के निदेशक मंडल ने आईपीओ के लिए शुरुआती दस्तावेज जमा करने पर विचार कर रही कंपनियों को गोपनीय तरीके से नियामकीय सूचना देने की अनुमति देकर एक वैकल्पिक तंत्र शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
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