क्रिप्टोकरेन्सी के नुक्सान

क्रिप्टोकरेंसी क्या है? यह वैश्विक समाज को कैसे प्रभावित करता है? क्या यह भारतीय समाज को भी प्रभावित कर रहा है? (250 शब्द)

21 Mar, 2022 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भारतीय समाज

उत्तर :

क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की डिजिटल करेंसी होती है, क्रिप्टोकरेन्सी के नुक्सान जिसमें लेन - देन संबंधी सभी जानकारियों को कूटबद्ध (Encrypt) तरीके से विकेंद्रित डेटाबेस (Decentralized Database) में सुरक्षित रखा जाता है। क्रिप्टोकरेंसी क्रिप्टोग्राफी प्रोग्राम पर आधारित एक वर्चुअल करेंसी सिस्टम पर आधारित है। इसने वैश्वीकरण में संपूर्ण विश्व के लिये एक मुद्रा जैसी परिकल्पना को यथार्थ किया है।

वैश्विक समाज पर प्रभाव

सकारात्मक प्रभाव

  • भौतिक मुद्रा की छपाई की लागत में कमी तथा सामाजिक कल्याण हेतु अधिक धन उपलब्धता।
  • जालसाजी और नकली मुद्रा से समाज का बचाव तथा सभी वर्गों के लिये एकसमान उपलब्धता।

नकारात्मक प्रभाव

  • नारकोटिक्स, आतंकवाद के वित्तपोषण, मानव तस्करी और मनी लॉन्ड्रिग में उपयोग।
  • अवैध गतिविधियों में युवा पीढ़ी की संलिप्तता में वृद्धि तथा जनसंख्या लाभांश की हानि।
  • क्रिप्टो माइनिंग अत्यंत ऊर्जा गहन है इससे ई - वेस्ट और बिजली की खपत में वृद्धि |
  • एक नए डिजिटल विभाजन का कारण।
  • कर चोरी से सरकार को राजस्व हानि तथा समाज कल्याण के लिये धन उपलब्धता में कमी। क्रिप्टोकरेंसी में एक आंतरिक मूल्य का अभाव होता है तथा यह पोंजी योजनाओं पर निवेश को बढ़ावा दे सकता है।
  • साइबर आतंकवाद के प्रति सुभेद्यता।
  • वित्तीय प्रणाली विश्वास के मूल्य पर आधारित है, जो क्रिप्टोकरेंसी में पूरी तरह से अनुपस्थित है।

भारत में क्रिप्टोकरेंसी कानूनी मुद्रा नहीं है तथा भारत सरकार और आरबीआई भारतीय समाज में इसके बढ़ते प्रचलन और उपयोग को लेकर सतर्क हैं। इसके बाद भी देश में युवा वर्ग बड़ी संख्या में क्रिप्टोकरेंसी की ओर आकर्षित हो रहा है। ये अपनी बचत और परिश्रम की कमाई को उच्च रिटर्न के लालच में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं, जिसमें अत्यधिक जोखिम है। इसके संबंध में जानकारी के अभाव में नुकसान की स्थिति में यह उन्हें महँगा भी पड़ सकता है हालाँकि भ्रष्टाचार की जाँच करने वित्तीय समावेशन करने, वित्तीय हस्तांतरण में दक्षता वृद्धि करने और वित्तीय धोखाधड़ी नियंत्रित करने में क्रिप्टोकरेंसी भारतीय समाज की सहायता करके लाभदायक सिद्ध हो सकती है।

क्रिप्टोकरेंसी और इसके नकारात्मक प्रभाव वैश्विक समाज को प्रभावित करेंगे, इस प्रकार क्रिप्टोकरेंसी के नकारात्मक परिणामों को समाप्त करने के लिये वैश्विक स्तर पर UNODC-CMLS द्वारा विकसित क्रिप्टोकरेंसी ट्रेनिंग क्रिप्टोकरेन्सी के नुक्सान मॉड्यूल के माध्यम से विभिन्न देशों को अपने अधिकारियों को प्रशिक्षित करना चाहिये। इसके साथ ही यूएसए. में प्रयोग हो रहे नवीन ' फॉरेंसिक सॉफ्टवेयर ' को भी बढ़ावा दिया जा सकता है, जिसके माध्यम से उच्च मात्रा में होने वाले क्रिप्टोकरेंसी हस्तांतरण का विश्लेषण करना संभव है।

तुरंत अल्टकॉइन खरीदें

अल्टकॉइन बिटकॉइन के अलावा अन्य क्रिप्टो मुद्रा (क्रिप्टोकरेंसी) हैं। अल्टकॉइन बिटकॉइन के साथ विशेषताओं को साझा करते हैं लेकिन ब्लॉक बनाने या लेनदेन को मान्य करने के लिए एक अलग सर्वसम्मति तंत्र का उपयोग करते हैं। या, वे स्मार्ट अनुबंध क्रिप्टोकरेन्सी के नुक्सान या कम लेनदेन शुल्क के साथ खुद को अलग करते हैं।

कुल मार्केट कैप के प्रतिशत के हिसाब से प्रमुख क्रिप्टो परिसंपत्ति (क्रिप्टोअसेट)

उपरोक्त ग्राफ सभी असेट के कुल बाजार पूंजीकरण के सापेक्ष सबसे बड़ी दस क्रिप्टो परिसंपत्ति (क्रिप्टोअसेट) के अलग-अलग अनुपात को दर्शाता है। चूंकि BTC प्रथम असेट था, अत: यह मार्केट कैप के हिसाब से सबसे बड़ा बना रहा, यही कारण है कि बाजार में इसका प्रभुत्व एक संख्या है जिसका बहुत से लोग अनुसरण करते हैं। हम इस चार्ट में ट्रैक किए गए असेट का वर्णन क्रिप्टो परिसंपत्ति (क्रिप्टोअसेट) के रूप में करते हैं क्योंकि इसमें टोकन और स्थिर कॉइन शामिल हैं।

अल्टकॉइन के प्रकार

विभिन्न कार्यक्षमता और सर्वसम्मति तंत्र एक अल्टकॉइन बना सकते हैं। इन विविधताओं के आधार पर, अल्टकॉइन एक से अधिक श्रेणियों में आ सकते हैं। यहां कुछ अधिक महत्वपूर्ण श्रेणियों पर क्रैश कोर्स दिए गए हैं :

माइनिंग (खनन)-आधारित

माइनिंग (खनन)-आधारित अल्टकॉइन, जैसा कि नाम से पता चलता है, अस्तित्व में खनन किया जाता है और कार्य के एक सबूत (PoW) के रूप में उपयोग किया जाता है, एक ऐसी विधि जिसमें सिस्टम ब्लॉकचेन में जोड़े गए सत्यापित लेनदेन के "ब्लॉक" को पूरा करके नए कॉइन उत्पन्न करता है। माइन-आधारित अल्टकॉइन के क्रिप्टोकरेन्सी के नुक्सान उदाहरण लाइटकॉइन, मोनेरो और Zcash हैं।

स्थिर कॉइन

स्थिर कॉइन U.S. डॉलर या यूरो जैसे फिएट मनी के मूल्य को बारीकी से ट्रैक क्रिप्टोकरेन्सी के नुक्सान करते हैं। वे मूल्य स्थिरता बनाए रखते हुए उपयोगकर्ताओं को दुनिया भर में सस्ते और तेजी से मूल्य अंतरित करने की अनुमति देते हैं। BUSD USD-समर्थित स्थिर कॉइन का एक उदाहरण है।

सुरक्षा टोकन

सुरक्षा टोकन ब्लॉकचेन पर जारी किए गए डिजिटल असेट हैं जो स्टॉक मार्केट के व्यापारिक प्रतिभूतियां के समान होते हैं। कुछ स्वामित्व के रूप में इक्विटी की पेशकश करते हैं, धारकों को लाभांश भुगतान, क्रिप्टोकरेन्सी के नुक्सान क्रिप्टोकरेन्सी के नुक्सान या यहां तक कि बांड भी। सुरक्षा टोकन आम तौर पर सुरक्षा टोकन प्रस्ताव (STO) या प्रथम विनिमय प्रस्ताव (IEO) के माध्यम से लॉन्च किए जाते हैं।

उपयोगिता टोकन

उपयोगिता टोकन ICO के दायरे में जारी किए गए अधिकांश टोकन बनाते हैं। वे मुख्य रूप से कंपनियों द्वारा अपने प्रोडक्ट में रुचि बढ़ाने के लिए उपयोग किए जाते हैं और ब्लॉकचेन इकोसिस्टम में प्रदान की जाने वाली सेवाओं में आवेदन और मूल्य निर्माण के लिए उपयोग किए जाते हैं। सुरक्षा टोकन और शेयरों के विपरीत, वे कंपनी के एक हिस्से पर स्वामित्व का अधिकार प्रदान नहीं करते हैं।

नई क्रिप्टो मुद्रा (क्रिप्टोकरेंसी)

आसानी से और सुरक्षित रूप से अपने क्रेडिट/डेबिट कार्ड से BNB, DOGE, XRP, ETH, USDT, ADA, LTC, LINK और 100+ अन्य क्रिप्टो मुद्रा (क्रिप्टोकरेंसी) खरीदें।

अपने बायनेन्स खाते में कोई भी असमर्थित क्रिप्टो मुद्रा (क्रिप्टोकरेंसी) न भेजें या अपने बायनेन्स खाते का उपयोग करके ICO में भाग लेने का प्रयास न करें। ऐसा करने से विचाराधीन क्रिप्टो मुद्रा (क्रिप्टोकरेंसी) का नुकसान होगा।

Cryptocurrency पर बड़ी खबर- बैन पर नरम पड़ सकती है सरकार? RBI और SEBI के बीच रेगुलेट करने पर चर्चा: सूत्र

Cryptocurrency latest news: क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों के लिए राहत की खबर है. सूत्रों की मानें तो जल्द ही इसके फ्रेमवर्क पर आखिरी फैसला हो सकता है और नियमों में ढील दी जा सकती है.

Cryptocurrency latest news: भारत में क्रिप्टोकरेंसी कानूनी तौर पर मान्य नहीं है. लेकिन ये गैरकानूनी भी नहीं है. इसमें पैसा लगाने वालों के हितों का ख्याल रखने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. सरकार इसके लिए फ्रेमवर्क तैयार कर रही है. क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक डिजिटल करेंसी होती है. इसका कोई रेगुलेटर नहीं है और अभी तक किसी देश में इसे कोई कंट्रोल नहीं करता. साल 2009 क्रिप्टोकरेन्सी के नुक्सान में शुरू होने के बाद अलग-अलग क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में हैं, लेकिन पिछले कुछ समय से इनकी कीमतों में बड़ी तेजी देखने क्रिप्टोकरेन्सी के नुक्सान को मिली है.

पूरी तरह से बैन नहीं होगी क्रिप्टोकरेंसी?

पिछले काफी समय से यह सवाल उठ रहा है कि क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का भविष्य क्या है? इस बीच खबर आ रही है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपना रुख नरम कर सकती है. सूत्रों की मानें तो भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह से बैन में थोड़ी नरमी दी जा सकती है. ज़ी बिज़नेस चैनल को एजेंसी के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, सरकारी सूत्रों का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी की परिभाषा पर RBI, SEBI में सहमति नहीं बनी है.

क्रिप्टोकरेंसी पर RBI और SEBI का नजरिया अलग

Cryptocurrency को RBI एसेट मानने को तैयार नहीं है. वहीं, SEBI भी इसे कमोडिटी नहीं मानता. दरअसल, सरकार चाहती है कि क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाने वालों के लिए रेगुलेशन बनने चाहिए. इसके फ्रेमवर्क पर भी काम चल रहा है. चर्चा है कि RBI और SEBI मिलकर क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े नियम तैयार कर रहे हैं और दोनों ही क्रिप्टो को रेगुलेट करेंगे.

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सरकार करेगी आखिरी फैसला

क्रिप्टोकरेंसी के कानून (Law on Cryptocurrency) पर आखिरी फैसला सरकार को करना है. लेकिन, इसका फ्रेमवर्क क्या होगा और किस तरह से इसे रेगुलेट किया जाएगा, इस पर अभी सफाई नहीं है. सूत्रों की मानें तो बजट 2022 में इसे रेगुलेट करने के लिए कानून लाया जा सकता है. अगर ऐसा होता है तो क्रिप्टोकरेंसी में निवेश (Cryptocurrency Investment) करने वालों को उनका पैसा डूबने का खतरा नहीं होगा. बता दें, RBI ने अगस्त 2021 की अपनी मॉनटरी पॉलिसी के दौरान यह इशारा दिया था कि RBI अपनी डिजिटल करेंसी पर भी काम कर रहा है और साल के अंत तक इसका मसौदा तैयार हो सकता है. RBI Governor शक्तिकांता दास ने कहा कि डिजिटल करेंसी का मॉडल साल के अंत तक आ जाएगा.

टेक्नोलॉजी और डिस्ट्रीब्यूशन पर चल रहा है काम

डिजिटल करेंसी (Indian Digital Currency) की टेक्नोलॉजी और डिस्ट्रीब्यूशन पर काम चल रहा है. ये कैसे काम करेगी इसका फ्रेमवर्क भी तैयार हो रहा है. RBI के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर ने विधि सेंटर फॉर लीगल पॉलिसी के वेबिनार में कहा था कि भारत को भी डिजिटल करेंसी की जरूरत है. यह बिटकॉइन जैसी प्राइवेट वर्चुअल करेंसी यानी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से होने वाले नुकसान से बचाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि रिजर्व बैंक इस पर काम कर रहा है. RBI ने साफ कर दिया है कि प्राइवेट वर्चुअल करेंसी को लेकर उसने सरकार को अपनी चिंताएं बता दी हैं.

करेंसी मार्केट के दिग्गजों ने क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर कही ये बड़ी बात

Bitcoin-Cryptocurrency

भारत के प्रमुख क्रिप्टो करेंसी दिग्गजों ने आईएएमएआई (इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया) का प्रतिनिधित्व करते हुए भारत सरकार से अपील की कि वे क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर प्रतिबंध न लगाएं. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पारिस्थितिकी तंत्र को विनियमित करने के लिए एक मजबूत तंत्र की जरूरत है. आईएएमएआई ने कहा कि भारत के क्रिप्टोकरेंसी इकोसिस्टम के सुशासन और नियमन से सरकार के डिजिटल क्रिप्टोकरेन्सी के नुक्सान इंडिया विजन को गति मिलेगी. भारत भी डिजिटल संपत्ति में काफी वृद्धि देख रहा है. आईएएमएआई ने कहा कि क्रिप्टो समुदाय में एक करोड़ से अधिक क्रिप्टो धारक हैं, जिनकी एक अरब डॉलर से अधिक की क्रिप्टो संपत्ति है, 300 से अधिक स्टार्टअप हजारों नौकरियां पैदा करने के साथ ही करोड़ों डॉलर के राजस्व और करों का उत्पादन करते हैं. इसमें रोजाना 35 करोड़ से 50 करोड़ डॉलर की ट्रेडिंग होती है.

प्रतिबंध के प्रस्तावित कदम का प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा
बयान में कहा गया, प्रतिबंध के प्रस्तावित कदम का प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और एक करोड़ भारतीय क्रिप्टो ग्राहकों को नुकसान होगा. अपने तर्क पेश करते हुए आईएएमएआई ने कहा कि यही वजह है कि हम भारत में क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध लगाने का विरोध करते हैं. दरअसल, सरकार का मानना है कि देश में क्रिप्टो करेंसी के लिए पर्याप्त कानून नहीं है. ऐसे में सरकार क्रिप्टो करेंसी पर कुछ और कानून बनाने पर विचार कर रही है. सरकार ने संसद के वर्तमान सत्र में इसके लिए एक विधेयक लाने की योजना बनाई है.

बता दें कि द क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 का मकसद आरबीआई द्वारा जारी किए जाने वाले आधिकारिक डिजिटल करेंसी के लिए कानूनी रुपरेखा बनाना है. इस बिल में क्रिप्टो करेंसी को प्रतिबंधित करने का भी प्रावधान होगा. हालांकि इसमें कुछ अपवादों के साथ क्रिप्टो करेंसी की टेक्नोलॉजी और इसके उपयोग को मंजूरी दिए जाने का प्रावधान है. केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में कहा था कि सरकार भारत में क्रिप्टो करेंसी को विनियमित करने के तरीके पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के साथ बातचीत और चर्चा कर रही है. (इनपुट आईएएनएस)

क्रिप्टोकरेन्सी क्या है?

क्रिप्टोकरेन्सी क्या है?

हम सभी ने क्रिप्टोकरेन्सी के बारे सुना है, और मन में ये सवाल जरूर आता है क्रिप्टोकरेन्सी क्या है? आप अगर क्रिप्टोकरेन्सी के बारे में थोड़ा बहुत जानते है तो भी और अगर बिलकुल भी कुछ नहीं जानते तो इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े। इसमें हमने क्रिप्टोकरेन्सी के सभी पहलुओं क्रिप्टोकरेन्सी के नुक्सान पे बिस्तार से बात की है, तो आइये जानते है क्रिप्टोकरेन्सी क्या है ?

क्रिप्टोकरेन्सी क्या है?

क्रिप्टोकरेन्सी एक एक कंप्यूटर अल्गोरिथम पे आधारित डिजिटल करेंसी है,क्रिप्टोकरेन्सी के डिजिटल करेंसी होने के वजह से न तो आप इसे छू सकते है, न ही इनके ऊपर किसी भी गवर्मेन्ट या किसी तरह के बैंक या संस्थान का कोई कण्ट्रोल नहीं होता।

क्रिप्टोकरेन्सी पियर टू पियर इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पे काम करता है। जिसे ही ब्लॉकचेन कहाँ जाता है जो न सिर्फ इसके लेनदेन में कारगर साबित होता है साथ ही इससे क्रिप्टोकरेन्सी जैसे बिटकॉइन इत्यादि को ट्रैक किया जाता है।आज दुनिया में लगभग 4000 से भी ज्यादा क्रिप्टोकरेन्सी मौजुद है।

इन करेंसी का लेनदेन फर्स्ट पर्सन यानि की जिससे आप ट्रेड कर रहे है और सेकण्ड पर्सन यानि की आप सिर्फ इन दोनों के बीच में होता है जिससे आपको मुनाफा ज्यादा होता है लेकिन ये कुछ हद तक इन्हे असुरक्षित भी बनाती है। हालांकि क्रिप्टोकरेन्सी की अपनी एक एंक्रिप्शन key युक्त सुरक्षा होती है।

जैसे बिटकॉइन अपने लेनदेन को सुरक्षित करने के लिए डिजिटल हस्ताक्षर का उपयोग किया जाता है, जिसमे दोनों पार्टियों को एंक्रिप्शन key दिया जाता है जिससे इनका लेनदेन सुरक्षित बन जाता है। जिसे लेजर की देखरेख में किया जाया है। अब आपके मन में सवाल आया होगा की लेजर क्या है? और क्या काम करता है? तो जानते क्रिप्टोकरेन्सी के नुक्सान है

लेजर क्या है? और क्या काम करता है?

जब करेंसी अपने आप में यूनिक है, तो इसका बहीखाता भी यूनिक होना चाहिए जिसे लेज़र कहा जाता है। लेज़र का काम मुख्य तौर पर डेटाबेस में एंटेरी की लिस्ट बनाना और सभी तरह के लेनदेन को सार्वजनिक और पारदर्शी बनाये रखना है। यह एक स्वचालित और स्व-शासित है इसका मतलब इसमें इसमें किसी तरह के बहरी हस्तछेप का कोई सवाल ही नहीं है। लेकिन इसकी भी अपनी कुछ कमिया है जो क्रिप्टोकरेन्सी को गलत तरीके से यूज़ करने से नहीं रोक पाति है।

CryptoCurrency के फायदे

आइये अब जानते है क्रिप्टोकरेन्सी के फायदे को जो इसे खास और भौतिक करेंसी से अलग बनाती है।

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