अब, हम किसी विशेष अवधि के लिए विभिन्न प्रकार के म्यूचुअल फंडों को रखने के लिए लागू करों के बारे में चर्चा कर सकते हैं।

long term capital gain लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड शेयर dividend डिविडेंड पर टैक्स बजट 2018

सेविंग अकाउंट से मिलने वाला ब्याज –

अगर आपका बैंक या पोस्ट ऑफिस में कोई सेविंग अकॉउंट है, तो इस खाते से मिलने वाला डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स क्या होता है ब्याज ” income from other source ” head में टैक्सेबल होगा।

सेविंग अकॉउंट के इंटरेस्ट को अन्य स्रोतो (other source ) की आय में ट्रांसफर करने के बाद इसकी सेक्शन 80TTA में छूट ली जा सकती है। अधिकतम 10 हजार के सेविंग अकॉउंट के ब्याज की छूट क्लेम की जा सकती है।

हालाँकि, सीनियर डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स क्या होता है सिटीजन (60 वर्ष से अधिक ) को सेक्शन 80 TTB में छूट दी जाएगी। सीनियर सिटीजन को अधिकतम 50 हजार के अमाउंट की छूट दी जाती है।

फिक्स्ड डिपाजिट से प्राप्त इंटरेस्ट –

अगर आपने कोई फिक्स्ड डिपाजिट करवा रखी है, तो इससे मिलने वाला ब्याज other source head में टैक्सेबल होगा।

FD से मिलने वाला ब्याज अगर एक वर्ष में 40 हजार से अधिक है, तो सेक्शन 194A में इस पर 10 % की रेट से टीडीएस काटा जायेगा।

सीनियर सिटीजन के लिए टीडीएस काटने की लिमिट 50 हजार की है।

डिविडेंड से होने वाली इनकम –

अगर आपको शेयर मार्केट या म्यूच्यूअल फण्ड से किसी तरह का कोई डिविडेंड प्राप्त होता है, तो इस तरह की डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स क्या होता है इनकम को भी other source की इनकम माना जाता है।

हालाँकि, पहले डिविडेंड से प्राप्त होने वाली इनकम पर टैक्स कंपनी के द्धारा दिया जाता था और शेयर होल्डर्स के हाथों में डिविडेंड की इनकम टैक्स फ्री होती थी।

लेकिन, अब कंपनी के द्धारा पेमेंट किये जाने वाले डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स को समाप्त कर दिया गया है। अब डिविडेंड की इनकम शेयर होल्डर्स के हाथों में टैक्सेबल होती है।

डेब्ट म्युचुअल फंड में लाभ के लिए कर की दरें

डेब्ट फंड्स के लॉन्ग-टर्म रिटर्न पर इंडेक्सेशन के बाद 20% की दर से टैक्स लगता है। डेट फंडों में, लंबी अवधि के लिए फंड यूनिट्स की होल्डिंग 3 वर्ष से अधिक होती है।शॉर्-टर्म पूंजीगत लाभ तब अर्जित किया जाता है ,जब कोई खरीद की तारीख या 3 साल पूरा करने से पहले इकाइयों को बेचता है।डेट म्यूचुअल फंड पर शॉर्ट टर्म डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स क्या होता है कैपिटल गेन्स पर इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगाया जाता है जो निवेशक के अंतर्गत आता है।

इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) इक्विटी म्यूचुअल फंड हैं जो बाजार पूंजीकरण में कंपनियों के इक्विटी शेयरों में निवेश करती हैं। वे उन निवेशकों के लिए सबसे कुशल कर-बचत साधन हैं जो अपनी नियमित आय पर कर बचाना चाहते हैं। उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि श्री शाह पिछले वित्तीय वर्ष में 6.5 लाख रुपये कमाते हैं। इसका मतलब है कि उनकी आय का 20% आयकर स्लैब में है। ईएलएसएस में 1.5 लाख रुपये का निवेश करके, श्री शाह को आयकर अधिनियम की धारा 80 (सी) के तहत कर कटौती मिलती है। अब उनकी कर योग्य आय 5 लाख तक गिरती है, तो 5%आयकर स्लैब के अंतर्गत आती है। वह अपनी आय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बचाने का प्रबंधन करते है।

बैलेंस्ड म्यूचुअल फंड पर टैक्स

बैलेंस्ड फंड एक तरह के हाइब्रिड फंड हैं, जो अपनी संपत्ति का कम से कम 65% इक्विटी में निवेश करते हैं। और क्योंकि उनका प्रमुख अनुपात इक्विटी में निवेश किया जाता है, इसलिए उनका कर उपचार गैर-कर बचत इक्विटी फंड के समान होता है।

रुपये से अधिक प्राप्त होने पर 10% पर कर

रुपये से अधिक प्राप्त होने पर 10% पर कर

प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी)

ऊपर चर्चा किए गए लॉन्ग-टर्म ओर शॉर्ट-टर्म लाभ पर सभी करों के अलावा एक ओर कर हैं जिसे प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) कहा जाता है।

फंड कंपनी द्वारा इक्विटी म्यूचुअल फंड पर 0.025% का एसटीटी लगाया जाता है। म्यूचुअल फंड को बाहर निकालते समय आपकी पूरी निवेश राशि पर यह शुल्क लिया जाता हैं। डेट फंड यूनिट्स की बिक्री पर ऐसा कोई टैक्स नहीं है।

एसआईपी - SIP

एसआईपी (सिस्टेमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान) एक निश्चित राशि को म्यूचुअल फंड में आवधिक तरीके से निवेश करती है। यह साप्ताहिक, मासिक, क्वाटर्ली या सालाना भी हो सकती है। जैसा कि ऊपर बताया गया है, म्युचुअल फंड के प्रकार , होल्डिंग अवधि के अनुसार एसआईपी से लाभ कर योग्य होता हैं। लेकिन एसआईपी पर कराधान(taxation) के बारे में दिलचस्प बात यह है, कि एसआईपी की प्रत्येक किस्त को एक नए निवेश के रूप में माना जाता है और हर लाभ पर अलग से कर लिया जाता है।

उदाहरण के लिए, आप 12 महीने के लिए इक्विटी फंड में 1000 रु प्रति माह से SIP शुरू करते हैं। एसआईपी निवेश की प्रत्येक किस्त को एक ताजा निवेश माना जाएगा। इसलिए, 12 महीनों के बाद, यदि आप अपनी पूरी डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स क्या होता है संचित राशि (निवेश से अधिक लाभ) को भुनाते (redeem) हैं, तो आपके सभी लाभ कर-मुक्त नहीं होंगे। केवल आपकी पहली SIP किस्त पर अर्जित लाभ ही कर मुक्त होगी क्योंकि केवल उस निवेश को एक वर्ष पूरा हो गया होगा। शेष लाभ को शॉर्ट-टर्म पूंजीगत लाभ के रूप में माना जाता हैं, और उसी के अनुसार कर लगाया जाएगा।

इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड (Equity Mutual Fund) में क्या करना चाहिए?

देखिये इक्विटी म्यूच्यूअल फंड में कम अवधि के लिए निवेश करना अच्छा विचार नहीं है|

अगर आप एक वर्ष से अधिक के लिए निवेश कर रहे हैं, तो आपको capital gain पर 10.4% टैक्स देना होगा| यहीं आपको dividend पर तकरीबन 11.5% का टैक्स देना होगा|

इसलिए ग्रोथ option बेहतर है|

अगर आप इक्विटी फण्ड में निवेश कर रहे हैं, तो ग्रोथ विकल्प (Growth option) में ही निवेश करें|

कुछ निवेशकों नियमित आय के लिए इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड के डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स क्या होता है विकल्प में निवेश करते हैं| यह एक बुरा आईडिया है| पहले तो dividend की कोई गारंटी नहीं है| दूसरी बात आप Growth option के यूनिट्स बेचकर भी अपनी ज़रुरत पूरी कर सकते हैं| टैक्स भी कम लगेगा| मैंने इस विषय पर दूसरे पोस्ट में विस्तार से चर्चा करी है|

डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड (Debt Mutual Fund) में क्या करना चाहिए?

अगर आप डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश कर रहे हैं, तो आपका निर्णय आपके टैक्स स्लैब और आपकी निवेश अवधि पर निर्भर करेगा|

अगर आप अपनी यूनिट्स को 3 वर्ष से पहले बेचते हैं, तो आपको मुनाफे पर अपनी टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना होगा|

अगर आप अपनी यूनिट्स को 3 वर्ष के बाद बेचते हैं, तो आपको मुनाफे 20% (indexation के बाद) टैक्स देना होगा|

Dividend पर तकरीबन 28% DDT लगता है|

डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड में चुनाव करना आसान है|

अगर आप 5% या 20% वाले टैक्स स्लैब में आते हैं, तो Growth विकल्प में निवेश करें| निवेश अवधि से कोई फर्क नहीं पड़ता| Dividend विकल्प में 28% टैक्स लगेगा| मुनाफे पर केवल 5% या 20% टैक्स लगेगा|

अगर आप 30% टैक्स ब्रैकेट में आते हैं और 3 वर्ष से कम अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं, तो आपको Dividend (डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स क्या होता है डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स क्या होता है डिविडेंड) या Dividend Reinvestment विकल्प में निवेश करना चाहिए| मुनाफे पर 30% देना होगा, dividend विकल्प में 28% टैक्स ही लगेगा|

म्यूचुअल फंड के रिटर्न पर डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स क्या होता है ऐसे लगता है टैक्स, जानिए क्या कहते हैं आयकर के नियम?

  • Paurav Joshi
  • Publish Date - August 16, 2021 / 05:42 PM IST

म्यूचुअल फंड के रिटर्न पर ऐसे लगता है टैक्स, जानिए क्या कहते हैं आयकर के नियम?

यदि आप केवल इक्विटी में निवेश करते हैं, तो आप इसके बजाय हाई डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स क्या होता है क्वालिटी वाले डेट फंड में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं

फिक्स्ड डिपॉजिट्स भी निवेश के लिए अधिकतर लोगों का पसंदीदा विकल्प है लेकिन इसका सबसे बड़ा नुकसान यह है कि अगर आप सबसे अधिक दरों वाले टैक्स ब्रेकेट में आते हैं तो एफडी पर मिलने वाला ब्याज आपकी आय में जब जुड़ती है तो सबसे अधिक दर से इस पर टैक्स चुकाना होता है. दूसरी तरफ म्‍यूचुअल फंड में निवेश से अच्छा रिटर्न डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स क्या होता है मिल सकता है. लेकिन, इसमें टैक्स के पहलुओं को भी समझना महत्वपूर्ण है.

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