मार्जिन ट्रेडिंग क्या है, What is Margin Trading in Hindi

नमस्कार डियर पाठक आज के इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि (MTF) मार्जिन ट्रेडिंग क्या है, What is Margin Trading in Hindi, डियर पाठक मार्जिन ट्रेडिंग को यूं समझिए जैसे कि अभी आपको कोई चीज खरीदनी है और आपके पास पैसे क्या स्टॉक ब्रोकर मार्जिन फैसिलिटी भी देते है? नहीं है तो आपके दिमाग में यह ख्याल आता है कि काश थोड़े पैसे होते तो,

मैं इस चीज को खरीद लेता ठीक उसी प्रकार मार्जिन ट्रेडिंग हैं, यहां पर आप अपनी खरीदने की क्षमता से 4 गुना अधिक फायदा उठा सकते हैं। जी हां बिल्कुल मार्जिन ट्रेडिंग (MTF) में यह सुविधा उपलब्ध है। और यह सुविधा एक इन्वेस्टर को कैसे मिलेगी इस आर्टिकल में जानेंगे इसलिए आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।

उदाहरण के लिए–‌ आपका खाता शेष = ₹50,000

एमटीएफ (MTF) आपको 4x तक खरीदने की शक्ति प्रदान करता है = ₹2,00,000 (50,000 x 4)

मार्जिन ट्रेडिंग क्या है? What is Margin Trading?

स्टॉक मार्केट में मार्जिन ट्रेडिंग का मतलब उस प्रोसेस से हैं, जहां व्यक्तिगत (individual) इन्वेस्टर अपने शेयर खरीदने की क्षमता से अधिक शेयर्स खरीदते हैं। इंडिया क्या स्टॉक ब्रोकर मार्जिन फैसिलिटी भी देते है? में मार्जिन ट्रेडिंग इंट्राडे ट्रेडिंग को भी परिभाषित करती हैं। मार्जिन ट्रेडिंग की फैसिलिटी लगभग सभी ब्रोकर्स प्रोवाइड करवाते हैं। मार्जिन ट्रेडिंग के अंदर एक सिंगल सेशन में सिक्योरिटीज की खरीददारी और बिक्री शामिल रहती है। समय के साथ लगभग सभी ब्रोकर ने टाइम ड्यूरेशन के मामले में कुछ ढील दी है।

मार्जिन ट्रेडिंग में इन्वेस्टर एक पर्टिकुलर सेशन में शेयर के चाल का अनुमान लगाते हैं। और आज के दौर में इलेक्ट्रॉनिक स्टॉक एक्सचेंजो की बदौलत, अब मार्जिन ट्रेडिंग छोटे ट्रेडर्स के लिए भी अवेलेबल है। डियर पाठक आपको बता दें कि मार्जिन ट्रेडिंग की प्रोसेस काफी सिंपल है।

मार्जिन अकाउंट,‌ इन्वेस्टरो को अपने स्टॉक खरीदने की क्षमता से ज्यादा स्टॉक‌ खरीदने के संसाधन उपलब्ध करवाता है। और इस प्रोसेस को पूरा करने के लिए ब्रोकर इन्वेस्टर को शेयर खरीदने के लिए पैसे उधार देता है। और शेयरों को अपने पास गिरवी रख लेता है। आपको बता दें कि मार्जिन अकाउंट खुलवाने के लिए पहले अपने डिमैट अकाउंट ब्रोकर को रिक्वेस्ट करनी पड़ती है। और डियर पाठक इसके लिए ब्रोकर को कैश पेमेंट करना होता है, जिससे सिंपल भाषा में मिनिमम मार्जिन कहते हैं।

अकाउंट खुल जाने के बाद क्या करना होता है। What to do after opening an account?

अकाउंट खुल जाने के बाद इन्वेस्टर को इनिशियल मार्जिन का भुगतान करना होता है। और यह टोटल कारोबार वैल्यू का निश्चित प्रतिशत होता है, और इसको ब्रोकर निर्धारित करता है। मार्जिन अकाउंट से ट्रेडिंग शुरू करने से पहले इन्वेस्टर को तीन महत्वपूर्ण स्टेप्स ध्यान में रखने पड़ते हैं।

  1. सेशन के जरिए मिनिमम मार्जिन को मेंटेन करना होता है।
  2. हर ट्रेडिंग सेशन के खत्म होने पर अपनी पोजीशन पर वापस लौटना होता है। यानी अगर आपने कोई शेयर खरीदे हैं, तो उन्हें बेचना होगा, और अगर आपने शेयर बेचे हैं तो उन्हें सेशन खत्म होने से पहले खरीदना होगा।
  3. ट्रेडिंग के बाद शेयरों को डिलीवरी ऑर्डर में कन्वर्ट करना होता है।

निष्कर्ष, मार्जिन ट्रेडिंग क्या है

डियर पाठक आज के इस लेख, मार्जिन ट्रेडिंग क्या है, What is Margin Trading in Hindi के माध्यम से हमने जाना कि मार्जिन ट्रेडिंग क्या होती है और मार्जिन ट्रेडिंग का लाभ कैसे उठा सकते हैं। और आपके कुछ सामान्य प्रसन है जिनके उत्तर आपको नीचे मिलेंगे आप इसके लिए‌ FAQS सेक्शन को देखें।

डियर पाठक मार्जिन ट्रेडिंग के साथ आप अपनी क्रय शक्ति को 4x तक बढ़ा सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आपके खाते में 100,000 रुपये हैं तो आप अपनी क्रय क्षमता को 500,000 रुपये तक बढ़ाने के लिए MTF के तहत 400,000 रुपये तक प्राप्त कर सकते हैं।

जब तक कि उधार ली गई राशि का पुनर्भुगतान या व्यापारी स्थिति से बाहर न हो जाए तब तक 0.049% प्रति दिन (18% प्रति वर्ष) का ब्याज तब तक लिया जा सकता है ।

मार्जिन ट्रेडिंग को पूरा करने की समय सीमा क्या है?
आपको उसी दिन रात 9 बजे तक अपने संबंधित शेयरों को गिरवी रखना होगा। अन्यथा, शेयरों को T+7 दिन पर चुकता कर दिया जाएगा।

Career Tips: स्टॉक मार्केट में करियर कैसे बनाएं? इन्वेस्टमेंट के साथ ऐसे कमाएं रुपये

 भारतीय शेयर बाजार में टाटा मोटर्स, हीरो मोटरकॉर्प, टीवीएस, महिंद्रा जैसे ईवी सेक्टर में कुछ महत्वपूर्ण नाम हैं.

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Career Tips, Stock Broker Jobs: इन दिनों बहुत लोग स्टॉक मार्केट (Stock Market Jobs) में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. कई लो . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : November 05, 2021, 14:28 IST

नई दिल्ली (Career Tips, Stock Broker Jobs). अगर आप देश-दुनिया की खबरों में दिलचस्पी रखते हैं तो शेयर मार्केट (Share Market), स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange), स्टॉक ब्रोकर (Stock Broker), निफ्टी (Nifty) और सेंसेक्स (Sensex) से जरूर परिचित होंगे. कम समय में ज्यादा पैसे कमाने के लिए भी लोग अक्सर स्टॉक एक्सचेंज में पैसे निवेश करते हैं. इसे शेयर मार्केट कहा जाता है और जो व्यक्ति किसी इन्वेस्टर और शेयर मार्केट के बीच काम करता है, उसे स्टॉक ब्रोकर कहा जाता है. इस फील्ड में भी जॉब की अपार संभावनाएं मौजूद हैं (Stock Broker Jobs).

आपकी जानकारी के लिए बता दें, ब्रोकर के बिना शेयर मार्केट का बिजनेस अधूरा रहता है. स्टॉक एक्सचेंज और इन्वेस्टर के बीच स्टॉक ब्रोकर एक कड़ी की तरह काम करता है. ब्रोकर के बिना किसी भी इन्वेस्टर या निवेशक के लिए स्टॉक मार्केट में बेस्ट परफॉर्मेंस दे पाना मुश्किल है (Stock Broker Work Profile). डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए भी स्टॉक ब्रोकर की जरूरत पड़ती है.

शेयर मार्केट में होते हैं 2 तरह के स्टॉक ब्रोकर
शेयर क्या स्टॉक ब्रोकर मार्जिन फैसिलिटी भी देते है? मार्केट में आमतौर पर दो तरह के स्टॉक ब्रोकर होते हैं (Stock Broker Jobs). अगर आप इसमें करियर बनाना चाहते हैं तो आपको इनके बारे में जरूर पता होना चाहिए.
फुल सर्विस स्टॉक ब्रोकर
फुल सर्विस स्टॉक ब्रोकर (Full Service Stock Broker) अपने क्लाइंट्स को स्टॉक एडवाइजरी (कौन सा शेयर कब खरीदें और कब बेचें), स्टॉक खरीदने के लिए मार्जिन मनी की सुविधा, मोबाइल फोन पर ट्रेडिंग सुविधा और आईपीओ में इन्वेस्टमेंट की फैसिलिटी जैसी सर्विस देते हैं. इस सर्विस की फीस ज्यादा होती है. फुल टाइम स्टॉक ब्रोकर की कस्टमर सर्विस काफी अच्छी मानी जाती है.

डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर
ये ब्रोकर (Discount Stock Broker) अपने क्लाइंट से बहुत कम ब्रोकरेज लेकर शेयर खरीदने और बेचने की सुविधा देते हैं. इनकी फीस कम होती है. डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर अपने क्लाइंट को स्टॉक एडवाइजरी और रिसर्च की सुविधा नहीं देते हैं. किसी का अकाउंट खोलने से लेकर इनके ज्यादातर काम ऑनलाइन ही होते हैं.

स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए जरूरी योग्यता
स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए फाइनेंशियल मार्केट का कोई भी कोर्स किया जा सकता है (Stock Broker Qualifications). कॉमर्स, एकाउंटेंसी, इकोनॉमिक्स, स्टेटिस्टिक्स या बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की नॉलेज आपके लिए काफी मददगार साबित होगी. इन विषयों में ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन करना एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का ‘एनसीएफएम कोर्स’ (NCFM Courses) ऑनलाइन सर्टिफिकेशन प्रोग्राम है. इससे चेक किया जाता है कि स्टॉक मार्केट प्रोफेशनल में फाइनेंशियल मार्केट के लिए प्रैक्टिकल नॉलेज और स्किल्स हैं या नहीं. इसमें एडमिशन लेने वाले कैंडिडेट को मैथ और इंग्लिश की अच्छी नॉलेज होनी चाहिए (Stock Broker Skills).

स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए जरूरी स्किल्स
स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए एकेडमिक क्वालिफिकेशन के साथ ही अच्छी एनालिटिकल स्किल, स्ट्रॉन्ग माइंड और रिसर्च स्किल्स होना जरूरी है (Stock Broker Qualifications). इनके अलावा स्टॉक ट्रेनिंग प्रैक्टिस रूल्स और प्रोसेस की जानकारी होने के साथ ही अलग-अलग सेक्टर और इंडस्ट्री की जानकारी भी होनी चाहिए. मार्केट में आने वाले नए प्रोडक्ट्स, उनके उतार-चढ़ाव से जुड़ी लेटेस्ट जानकारी होना भी जरूरी है. इसी के प्रेशर हैंडल करना भी आना चाहिए.
इस फील्ड में एक्सपर्ट बनने के लिए अच्छी कंप्यूटर स्किल्स के साथ ही डिसीजन मेकिंग, टीम वर्क, रिसर्च एप्टिट्यूड और फाइनेंस इंडस्ट्री की जानकारी लाइफ में सक्सेस दिला सकती है (Stock Broker Skills).

स्टॉक ब्रोकर के लिए करियर की संभावनाएं
एजुकेशनल क्वालिफिकेशन और एक्सपीरियंस को बेस करते हुए इक्विटी डीलर, इक्विटी ट्रेडर (Trading Jobs), इक्विटी एडवाइजर, स्टॉक एडवाइजर, वेल्थ मैनेजर, फाइनेंशियल एनालिस्ट, इन्वेस्टमेंट एडवाइजर, सिक्योरिटी क्या स्टॉक ब्रोकर मार्जिन फैसिलिटी भी देते है? एनालिस्ट और रिस्क मैनेजर के तौर पर जॉब्स पा सकते हैं (Risk Manager Jobs). इस फील्ड में आपको स्टॉक एक्सचेंज, रेगुलेशन अथॉरिटी, फॉरेन इन्वेस्टमेंट फर्म्स, इन्वेस्टमेंट कंसल्टेंसी, म्यूचुअल फंड वाली कंपनी, ब्रोकर फर्म्स, इंश्योरेंस एजेंसी, बैंक और दूसरे इंस्टिट्यूट में भी जॉब की अपार संभावनाएं हैं (Stock Broker Career).

स्टॉक ब्रोकर की कमाई
स्टॉक ब्रोकर के तौर पर करियर बनाने के बाद आपकी सालाना सैलरी 2 लाख रुपये से 8 लाख रुपये तक हो सकती है. अगर दूसरों के अकाउंट के साथ ही आप पर्सनल इन्वेस्टमेंट भी करते हैं तो कमाई का जरिया दोगुना हो सकता है (Stock Broker Salary).

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Liquid ETF: शेयर बाजार में ट्रेड करने वालों के लिए बेहतर है ये फंड, कम जोखिम में रिटर्न के साथ अच्‍छी लिक्विडिटी की सुविधा भी

Liquid ETF: अगर आप शेयर बाजार में ट्रेडिंग या निवेश करते हैं तो लिक्विड ईटीएफ आपके लिए बेहतर विकल्‍प हो सकता है. आइए, समझते हैं इसके फायदे

By: ABP Live | Updated at : 29 Sep 2022 04:31 PM (IST)

Liquid ETF: क्‍या आप भी शेयर बाजार में ट्रेड या निवेश करते हैं? अगर हां, तो लिक्विड ईटीएफ (Liquid Exchange Traded Funds) आपके लिए एक बेहतर विकल्‍प हो सकता है. समझते हैं कि आखिर इसके पीछे क्‍या तर्क है. जब कोई स्‍टॉक मार्केट ट्रेडर या इंवेस्‍टर अपना निवेश बेचता है तो अपने पैसों का दोबार निवेश करने से पहले उसके पास दो समस्‍याएं आती हैं. मान लेते हैं कि किसी व्‍यक्ति ने आपने स्‍टॉक मार्केट में निवेश किया और कुछ महीने में आपका इंवेस्‍टमेंट बढ़ गया. अब आप मुनाफा कमाने के लिए उसे बेचना चाहते हैं. आप पहले दिन सेल ऑर्डर देंगे. दूसरे दिन आपके डीमैट अकाउंट से आपका स्‍टॉक डेबिट होगा और तीसरे दिन आपके मार्जिन अकाउंट में उसके पैसे आएंगे. अब आपकी इच्‍छा कि आप नए निवेश करने तक उन पैसों को मार्जिन अकाउंट में रखना चाहते हैं या फिर बैंक खाते में ट्रांसफर करते हैं.

Liquid ETF कैसे है फायदे का सौदा?

एक स्‍टॉक मार्केट इंवेस्‍टर के तौर पर आपके मन में यह उलझन हो सकता है कि मार्जिन अकाउंट में आपके पैसे यूं ही पड़े रहेंगे और उस पर कोई ब्‍याज भी नहीं मिलेगा. ट्रेडिंग अकाउंट से बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर करने के लिए आपके पास वक्‍त भी होना चाहिए. लिक्विड ईटीएफ आपकी इन दोनों समस्‍याओं का समाधान है. ये क्या स्टॉक ब्रोकर मार्जिन फैसिलिटी भी देते है? कम जोखिम वाले ओवरनाइट सिक्‍योरिटीज जैसे कोलैटरलाइज्‍ड बॉरोइंग एंड लेंडिंग ऑब्लिगेशंस (CBLO), रेपो और रिवर्स रेपो सिक्‍योरिटीज में निवेश करते हैं. ये दैनिक आधार पर आपको डिविडेंड देते हैं जिसका पुनर्निवेश फंड में कर दिया जाता है. इनमें जोखिम कम होता है और आप जब चाहें पैसे निकाल सकते हैं.

किस लिक्विड क्या स्टॉक ब्रोकर मार्जिन फैसिलिटी भी देते है? ईटीएफ का करें चयन?

लिक्विड ईटीएफ में निवेश से पहले बेंचमार्क की तुलना में उसके रिटर्न और एक्‍सपेंस रेशियो की तुलना करें. आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लिक्विड ईटीएफ का एक्‍सपेंस रेशियो 0.25 प्रतिशत है. वहीं, डीएसपी निफ्टी लिक्विड ईटीएफ का एक्‍सपेंश रेशियो 0.64 प्रतिशत है, जबकि निप्पॉन इंडिया ईटीएफ के ल‌िक्विड बीईईएस का खर्च 0.69 फीसदी पड़ता है.
खुदरा निवेशकों के लिए, इक्विटी शेयरों की बिक्री के समय ब्रोकर को समान राशि का निवेश करने का निर्देश देकर लिक्विड ईटीएफ की यूनिट खरीदना समझदारी है. जब निवेशक कुछ इक्विटी शेयर खरीदना चाहें, तो किसी ब्रोकर से लिक्विड ईटीएफ का उपयोग करके खरीदारी करने के लिए कह सकता है जिसे मार्जिन मनी के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.

लिक्विड ईटीएफ अर्जित रिटर्न अपेक्षाकृत ज्‍यादा स्थिर होते हैं क्योंकि इस तरह की शॉर्ट-टर्म डेट सिक्योरिटीज लंबी अवधि की तुलना में कीमत में उतार-चढ़ाव की संभावना कम होती है. इसके अलावा, किसी भी कम समय में इन लिक्विड ईटीएफ यूनट्सि को हाजिर बाजार में स्वतंत्र रूप से बेचा जा सकता है और इसे आसानी से कैश कराया जा सकता है. इसके अलावा, लिक्विड ईटीएफ यूनिट्स की खरीद या बिक्री पर कोई सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) नहीं लगता है. यदि आप एक आम निवेशक हैं जो सोच रहे हैं कि कम समय के लिए पूंजी कहां लगाएं और पारंपरिक निवेश विकल्प से बेहतर रिटर्न मिले तो एक लिक्विड ईटीएफ इसके लिए बेहतर साबित हो सकता है.

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Published at : 29 Sep 2022 04:31 PM (IST) Tags: Mutual Funds Liquid ETF Overnight Funds हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

Liquid ETF: शेयर बाजार में क्या स्टॉक ब्रोकर मार्जिन फैसिलिटी भी देते है? ट्रेड करने वालों के लिए बेहतर है ये फंड, कम जोखिम में रिटर्न के साथ अच्‍छी लिक्विडिटी की सुविधा भी

Liquid ETF: अगर आप शेयर बाजार में ट्रेडिंग या निवेश करते हैं तो लिक्विड ईटीएफ आपके लिए बेहतर विकल्‍प हो सकता है. आइए, समझते हैं इसके फायदे

By: ABP Live | Updated at : 29 Sep 2022 04:31 PM (IST)

Liquid ETF: क्‍या आप भी शेयर बाजार में ट्रेड या निवेश करते हैं? अगर हां, तो लिक्विड ईटीएफ (Liquid Exchange Traded Funds) आपके लिए एक बेहतर विकल्‍प हो सकता है. समझते हैं कि आखिर इसके पीछे क्‍या तर्क है. जब कोई स्‍टॉक मार्केट ट्रेडर या इंवेस्‍टर अपना निवेश क्या स्टॉक ब्रोकर मार्जिन फैसिलिटी भी देते है? बेचता है तो अपने पैसों का दोबार निवेश करने से पहले उसके पास दो समस्‍याएं आती हैं. मान लेते हैं कि किसी व्‍यक्ति ने आपने स्‍टॉक मार्केट में निवेश किया और कुछ महीने में आपका इंवेस्‍टमेंट बढ़ गया. अब आप मुनाफा कमाने के लिए उसे बेचना चाहते हैं. आप पहले दिन सेल ऑर्डर क्या स्टॉक ब्रोकर मार्जिन फैसिलिटी भी देते है? देंगे. दूसरे दिन आपके डीमैट अकाउंट से आपका स्‍टॉक डेबिट होगा और तीसरे दिन आपके मार्जिन अकाउंट में उसके पैसे आएंगे. अब आपकी इच्‍छा कि आप नए निवेश करने तक उन पैसों को मार्जिन अकाउंट में रखना चाहते हैं या फिर बैंक खाते में ट्रांसफर करते हैं.

Liquid ETF कैसे है फायदे का सौदा?

एक स्‍टॉक मार्केट इंवेस्‍टर के तौर पर आपके मन में यह उलझन हो सकता है कि मार्जिन अकाउंट में आपके पैसे यूं ही पड़े रहेंगे और उस पर कोई ब्‍याज भी नहीं मिलेगा. ट्रेडिंग अकाउंट से बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर करने के लिए आपके पास वक्‍त भी होना चाहिए. लिक्विड ईटीएफ आपकी इन दोनों समस्‍याओं का समाधान है. ये कम जोखिम वाले ओवरनाइट सिक्‍योरिटीज जैसे कोलैटरलाइज्‍ड बॉरोइंग एंड लेंडिंग ऑब्लिगेशंस (CBLO), रेपो और रिवर्स रेपो सिक्‍योरिटीज में निवेश करते हैं. ये दैनिक आधार पर आपको डिविडेंड देते हैं जिसका पुनर्निवेश फंड में कर दिया जाता है. इनमें जोखिम कम होता है और आप जब चाहें पैसे निकाल सकते हैं.

किस लिक्विड ईटीएफ का करें चयन?

लिक्विड ईटीएफ में निवेश से पहले बेंचमार्क की तुलना में उसके रिटर्न और एक्‍सपेंस रेशियो की तुलना करें. आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लिक्विड ईटीएफ का एक्‍सपेंस रेशियो 0.25 प्रतिशत है. वहीं, डीएसपी निफ्टी लिक्विड ईटीएफ का एक्‍सपेंश रेशियो 0.64 प्रतिशत है, जबकि निप्पॉन इंडिया ईटीएफ के ल‌िक्विड बीईईएस का खर्च 0.69 फीसदी पड़ता है.
खुदरा निवेशकों के लिए, इक्विटी शेयरों की बिक्री के समय ब्रोकर को समान राशि का निवेश करने का निर्देश देकर लिक्विड ईटीएफ की यूनिट खरीदना समझदारी है. जब निवेशक कुछ इक्विटी शेयर खरीदना चाहें, तो किसी ब्रोकर से लिक्विड ईटीएफ का उपयोग करके क्या स्टॉक ब्रोकर मार्जिन फैसिलिटी भी देते है? खरीदारी करने के लिए कह सकता है जिसे मार्जिन मनी के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.

लिक्विड ईटीएफ अर्जित रिटर्न अपेक्षाकृत ज्‍यादा स्थिर होते हैं क्योंकि इस तरह की शॉर्ट-टर्म डेट सिक्योरिटीज लंबी अवधि की तुलना में कीमत में उतार-चढ़ाव की संभावना कम होती है. इसके अलावा, किसी भी कम समय में इन लिक्विड ईटीएफ यूनट्सि को हाजिर बाजार में स्वतंत्र रूप से बेचा जा सकता है और इसे आसानी से कैश कराया जा सकता है. इसके अलावा, लिक्विड ईटीएफ यूनिट्स की खरीद या बिक्री पर कोई सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) नहीं लगता है. यदि आप एक आम निवेशक हैं जो सोच रहे हैं कि कम समय के लिए पूंजी कहां लगाएं और पारंपरिक निवेश विकल्प से बेहतर रिटर्न मिले तो एक लिक्विड ईटीएफ इसके लिए बेहतर साबित हो सकता है.

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Published at : 29 Sep 2022 04:31 PM (IST) Tags: Mutual Funds Liquid ETF Overnight Funds हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

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