पिछले दो दशकों में एक हजार से ज्यादा लिस्टेड कंपनियां शेयर बाजार से गायब हो चुकी हैं. इनका बड़ा हिस्सा पेनी स्टॉक का ही है. तो इस बात की आशंका बनी रहती है कि आप जिस स्टॉक में निवेश कर रहे हैं वह शेयर बाजार से ही गायब हो जाए. तो आपने अगर पेनी स्टॉक में निवेश तय ही कर लिया है तो आपको इससे बाहर निकलने की रणनीति पहले से ही बनाकर रखनी चाहिए कि इससे कब बाहर निकलना है. सिर्फ मुनाफे ही नहीं नुकसान के लिए भी तैयार रहें और एक कठोर स्टॉपलॉस लगाएं.
Mutual Funds vs Shares: आपके लिए क्या है निवेश का बेहतर तरीका? जानिए पूरी डिटेल
Mutual Funds vs Shares: अगर आप शेयर बाजार में पैसा लगाना चाहते हैं तो सीधा स्टॉक खरीद सकते हैं जिसके लिए डीमैट अकाउंट जरूरी है. इसके अलावा म्यूचुअल फंड की मदद से भी बाजार में पैसा निवेश किया जा सकता है. दोनों में कौन बेहतर है, यह आपके लक्ष्य और रिस्क लेने की क्षमता पर निर्भर करता है.
Mutual Funds vs Shares: शेयर बाजार में निवेश का दो प्रमुख तरीका है. पहला तरीका है कि आप सीधा डीमैट अकाउंट से शेयर खरीदें और लंबी अवधि के निवेशक बनें. दूसरा तरीका है कि आप म्यूचुअल फंड की मदद से बाजार में SIP करें और लंबी अवधि में आपको मोटा रिटर्न मिलेगा. निवेश का दोनों तरीका बेहद पॉप्युलर है. आपके लिए इसमें कौन तरीका ज्यादा सुटेबल है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आफकी बाजार को लेकर समझ कितनी है. अगर समझदारी से निवेश का फैसला नहीं किया तो आपका पैसा डूब भी सकता है.
कब करें सीधा शेयर बाजार में निवेश?
अगर आप शेयर बाजार में दिलचस्पी रखते हैं और बाजार के उठापटक को समझते हैं तो सीधा स्टॉक में निवेश किया जा सकता है. स्टॉक में निवेश के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट होना जरूरी है. डीमैट अकाउंट की मदद से स्टॉक खरीद और बेच सकते हैं. आपको कहां दो तरह के निवेशक निवेश करना, किस सेक्टर में निवेश करना है और किस कंपनी का स्टॉक खरीदना है, यह आपका निजी फैसला होगा. हालांकि, बाजार के जानकारों की राय लेना जरूरी होता है. आप सीधा स्टॉक में निवेश करेंगे तो संभव है कि आपक रिटर्न ज्यादा दो तरह के निवेशक मिले. दूसरी तरफ स्टॉक के गिरने पर नुकसान भी मोटा होगा.
बाजार में निवेश से पहले रिसर्च करना जरूरी होता है. स्टॉक के निवेशक दो तरह के होते हैं. पहला ट्रेडर होते हैं, जिनका यहा पेशा होता है. दूसरा आप धीरे-धीरे स्टॉक में दो तरह के निवेशक निवेश करें और लंबी अवधि के निवेशक बनें. इस बात को ध्यान में रखना जरूरी है कि स्टॉक के प्रदर्शन से आपके पोर्टफोलिय पर डायरेक्ट असर होता है, ऐसे में यह आपके लिए इमोशनल जर्नी होती है.
किनके लिए है म्यूचुअल फंड?
जो निवेशक शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं, लेकिन उन्हें इसके बारे में कम जानकारी है या फिर वे रिस्क नहीं लेना चाहते हैं तो म्यूचुअल फंड बेहतर विकल्प है. म्यूचुअल फंड में आपका पैसा फंड मैनेजर निवेश करता है जिसके पास निवेश और बाजार का लंबा अनुभव होता है. म्यूचुअल फंड का एक और फायदा ये है कि आपका पैसे अलग-अलग असेट्स, अलग-अलग सेक्टर और अलग-अलग स्टॉक में निवेश किया जाता है. डायवर्सिफिकेशन के कारण आपका पोर्टफोलियो बैलेंस्ड रहता है.
आपके लिए दोनों में कौन बेहतर दो तरह के निवेशक विकल्प है? यह एक कठिन प्रश्न है. हालांकि, यह पूरी तरह आपके लक्ष्य और रिस्क पर निर्भर करता है. अगर निवेश की शुरुआत कर रहे हैं तो म्यूचुअल फंड बेहतर विकल्प माना जाता है. म्यूचुअल फंड में भी इक्विटी फंड का रिस्क ज्यादा होता है, जबकि डेट फंड में रिस्क कम होता है. अगर आप नए हैं और कम रिस्क उठाना चाहते हैं तो एक्सचेंज ट्रेडेड फंड भी निवेश का शानदार विकल्प है. दोनों में कई समानताएं भी हैं.
फंडामेंटल मजबूती का रखें ध्यान
शेयर बाजार में खासकर दो तरह के ट्रेडर होते हैं. एक जो फंडामेंटल पर फोकस रखते हैं और दूसरे जो अटकलों पर फैसला करते हैं. दोनों में बुनियादी फर्क स्टॉक की कीमत पर उनका नजरिया रहता है. फंडामेंटल निवेशक हमेशा से कंपनी की मजबूती पर ध्यान देता है न कि शेयर की कीमत पर. हमेशा फंडामेटल मैथड पर निवेश की कोशिश करनी चाहिए. बाजार से पैसा बनाने का यह अच्छा तरीका है.
शेयर बाजार में इक्विटी की खरीद-बिक्री को लेकर किसी खास तरह की सोच में न रहे. कई ट्रेडर्स स्टॉक खरीदने या बेचने का फैसला ज्यादातर उनके जानकारों के प्रभाव में आकर करते हैं. अगर उनके आस-पास के सभी लोग किसी खास स्टॉक में निवेश कर रहे हैं, तो एक वह ट्रेडर भी उसी स्टॉक में निवेश करता है. इस दो तरह के निवेशक तरह की स्ट्रैटजी से बचना चाहिए. लॉन्ग टर्म में यह स्ट्रैटजी सही नहीं है. दुनिया के दिग्गज निवेशक वारेन बफेट ने जब दूसरे लालची हो जाएं तो डरने की जरूरत है, वहीं जब जब दूसरे डर रहे हो, तो आप लालची बन जाएं.
बाजार दो तरह के निवेशक में कभी भी जल्दबाजी न करें
स्टॉक मार्केट में कभी भी जल्दबाजी न करें. शेयर के दाम बढ़ने से पहले खरीदना और गिरने से पहले तुरंत बेचने का फैसला नुकसान करा सकता है. ज्यादातर निवेशक यह मानते हैं कि ट्राइंग टू टाइम इन मार्केट सही स्ट्रैटजी नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि किसी भी स्टॉक में सटीक टॉप और बॉटम का अंदाजा लगाना मुमकिन नहीं दो तरह के निवेशक दो तरह के निवेशक है. अगर बाजार से पैसा कमाना है, तो इस तरह की स्ट्रैटजी से बचें.
बाजार में अनुशासन बहुत जरूरी है. बाजार के इतिहास देखें तो बुल मार्केट में भी अधिकांश निवेशकों में डर होता है. शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव के चलते निवेशक अपनी कमाई डुबो देते हैं, वो भी तब जब मार्केट में बुलिश ट्रेंड रहा. यानी, तेजी का दौर रहा. इसलिए निवेशकों को निवेश को लेकर अनुशासन भरा रवैया रखना चाहिए. अगर लॉन्ग टर्म में कमाई करना चाहते हैं, तो निवेश का सिस्टमेटिक अप्रोच होना जरूरी है.
बाजार में अपना सरप्लस फंड ही लगाएं
अकसर यह सुनने में आता है कि शेयरों में निवेश के चलते कोई व्यक्ति भारी कर्ज में फंस गया. अगर आप शेयर बाजार में निवेश की शुरुआत कर रहे हैं तो हमेशा सरप्लस फंड ही निवेश करें. सरप्लस फंड से मतलब कि जो आपके पास आपके खर्चों और अन्य जरूरतों को पूरा करने के बाद बचता है. अगर आपको मुनाफ होने लगता है, तो आप उस पैसे को दोबारा निवेश करेंगे. कभी भी लोन या कर्ज लेकर निवेश न करें.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
एक ही निवेश पर हो सकती है दो तरह से इनकम, समझे डिविडेंड स्टॉक के फायदे
Dividend Stock: डिविडेंड देने वाले शेयर निवेश के लिए सुरक्षित माने जाते हैं.
Dividend Stocks: क्या आपने कभी सोचा है कि एक ही जगह निवेश करें और उस पर 2 तरह से आपको मुनाफा हो. बहुत से लोगों को इस बारे में ज्यादा अंदाजा नहीं होगा. लेकिन यह संभव है और वह भी शेयर बाजार में. शेयर बाजार में निवेश का एक तरीका ऐसा भी है कि उस पर दो तरह से कमाई की जा सकती है. ऐसा लाभ आप ज्यादा डिविडेंड देने वाले शेयरों में निवेश कर उठा सकते हैं.
शेयर बाजार की चाल हर समय एक जैसी नहीं रहती है. बाजार में कभी तेजी आती है तो कभी छोटे सेंटीमेंट से भी बाजार नीचे आने लगता है. जब बाजार में गिरावट शुरू होती है तो कई शेयरों का भाव भी गिरने लगता है और निवेशकों का रिटर्न निगेटिव हो सकता है. ऐसे में निवेशकों के मन में डर भी बैठने लगता है. जो निवेशक ज्यादा जोखिम नहीं लेना चाहते हैं, कई बार वे इस कंडीशन में शेयर भी बेचने लगते हैं. अगर आप भी जोखिम नहीं लेना चाहते हैं तो डिविडेंड स्टॉक बेहतर विकल्प है.
क्या है डिविडेंड?
कुछ कंपनियां अपने शेयरधारकों को समय-समय पर अपने मुनाफे का कुछ हिस्सा देती रहती हैं. मुनाफे का यह हिस्सा वे शेयरधारकों को डिविडेंड के रूप में देती हैं. इन्हें डिविडेंड यील्ड स्टॉक भी कहते हैं. गर इन कंपनियों के शेयर खरीदते हैं तो दो तरह के निवेशक इसमें 2 तरह से फायदा होगा.
Tech Stocks: IT सेक्टर में फिर बन रहे हैं कमाई के मौके; TCS, Infosys, HCL समेत ये शेयर पोर्टफोलियो में करें शामिल
Uniparts India के IPO का निवेशकों में क्रेज, तीसरे दिन 25 गुना सब्सक्राइब, लेकिन ग्रे मार्केट में घटा भाव
Dividend Stocks: 2 तरह से फायदा
-एक तो फायदा यह होगा कि कंपनी होने वाले मुनाफे का कुछ हिस्सा आपको देगी.
-दूसरी ओर शेयर में तेजी आने से भी आपको मुनाफा होगा. मसलन किसी कंपनी के शेयर में आपने 10 हजार रुपए निवेश किए हैं और एक साल में शेयर की कीमत 25 फीसदी चढ़ती है तो आपका निवेश एक साल में बढ़कर 12500 रुपये हो जाएगा.
ज्यादा डिविडेंड देने वाली कंपनियों में निवेश का एक फायदा यह है कि आप अपने शेयर बेचे बिना भी इनकम कर सकते हैं.
मुनाफे वाली कंपनियां देती हैं डिविडेंड
आमतौर पर पीएसयू कंपनियां डिविडेंड के लिहाज से अच्छी मानी जाती हैं. जानकारों का कहना है कि अगर कोई कंपनी डिविडेंड दे रही है तो इसका मतलब साफ है कि उस कंपनी को मुनाफा आ रहा है. कंपनी के पास कैश की कमी नहीं है. डिविडेंड देने के ऐलान से शेयर को लेकर भी सेंटीमेंट अच्छा होता है और उसमें तेजी आती है. हालांकि ऐसे शेयर चुनते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि निवेश उसी कंपनी में करें जिनका ट्रैक रिकॉर्ड बेहतर ग्रोथ के साथ रेग्युलर डिविडेंड देने का हो.
देश में ऐसी कंपनियों की कमी नहीं हैं, जो अपने शेयरधारकों को समय-समय पर डिविडेंड देती हैं. ज्यादा डिविडेंड देने वाली कंपनियों की सूची में कोल इंडिया, वेदांता लिमिटेड, बीपीसीएल, आईओसी, आरईसी, NMDC, NTPC और सोनाटा सॉफ्टवेयर जैसी कंपनियां शामिल हैं.
(Disclaimer: हम यहां निवेश की सलाह नहीं दे रहे दो तरह के निवेशक हैं. यह डिविडेंड स्टॉक के बारे में एक जानकारी है. स्टॉक मार्केट के अपने जोखिम है. निवेश के पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.)
IPO: आईपीओ में फिर निवेश का मौका, साल में सबसे ज्यादा इश्यू इसी माह
पिछले दो हफ्तों की तरह इस हफ्ते भी आईपीओ में निवेश का मौका मिलेगा। एक कंपनी अपना भाव तय करेगी। जबकि एक का इश्यू बंद होगा और एक का खुलेगा। दो कंपनियों के शेयर सूचीबद्ध भी होंगे। इस साल में नवंबर में सबसे ज्यादा आईपीओ आने की संभावना है। अब तक कुल आठ आईपीओ आए हैं जबकि मई में भी कुल इतने ही आईपीओ आए थे। लेकिन मई में एलआईसी के 21,000 करोड़ रुपये के आईपीओ की वजह से उस महीने में कुल 30,000 हजार करोड़ जुटाए गए थे जबकि इस महीने अभी तक 9,843 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं।
आंकड़ों के मुताबिक, कीस्टोन रियल्टी का आईपीओ सोमवार से खुला है जो बुधवार को बंद होगा। कंपनी 16 एंकर निवेशकों से 190 करोड़ जुटाई है। इसमें अबूधाबी इन्वेस्टमेंट और मॉर्गन स्टेनली जैसे निवेशक हैं। 635 करोड़ रुपये जुटाने के लिए इसने 514 से 541 रुपये का भाव तय किया है। दिसंबर, 2021 के बाद किसी रियल एस्टेट कंपनी का यह पहला इश्यू है।
विस्तार
पिछले दो हफ्तों की तरह इस हफ्ते भी आईपीओ में निवेश का मौका मिलेगा। एक कंपनी अपना भाव तय करेगी। जबकि एक का इश्यू बंद होगा और एक का खुलेगा। दो कंपनियों के शेयर सूचीबद्ध भी होंगे। इस साल में नवंबर में सबसे ज्यादा आईपीओ आने की संभावना है। अब तक कुल आठ आईपीओ आए हैं जबकि मई में भी कुल इतने ही आईपीओ आए थे। लेकिन मई में एलआईसी के 21,000 करोड़ रुपये के आईपीओ की वजह से उस महीने में कुल 30,000 हजार करोड़ जुटाए गए थे जबकि इस महीने अभी तक 9,843 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं।
आंकड़ों के मुताबिक, कीस्टोन रियल्टी का आईपीओ सोमवार से खुला है जो बुधवार को बंद होगा। कंपनी 16 एंकर निवेशकों से 190 करोड़ जुटाई है। इसमें अबूधाबी इन्वेस्टमेंट और मॉर्गन स्टेनली जैसे निवेशक हैं। 635 करोड़ रुपये जुटाने के लिए इसने 514 से 541 रुपये का भाव तय किया है। दिसंबर, 2021 के बाद किसी रियल एस्टेट कंपनी का यह पहला इश्यू है।
7 रुपये का शेयर 2 साल में 800 रुपये का, क्या पेनी स्टॉक में लगाना चाहिए पैसा?
- नई दिल्ली,
- 20 जुलाई 2020,
- (अपडेटेड 20 जुलाई 2020, 9:14 AM IST)
पेनी शेयरों में एक बार फिर तेजी का रुख है. पेनी शेयर अपने जबरदस्त रिटर्न की वजह से आकर्षित करते हैं. ऐसा ही एक शेयर दो साल पहले 7 रुपये का था, लेकिन अब 800 रुपये का हो चुका है. लेकिन क्या आपको इनके आकर्षण में फंसना चाहिए? क्या हैं फायदे और जोखिम? आइए एक्सपर्ट्स से जानते हैं
क्या होते हैं पेनी स्टॉक
आप यदि शेयर मार्केट में निवेश करने वाले गंभीर निवेशक हैं तो ऐसे पेनी स्टॉक की तलाश में जरूर रहते होंगे जो आपको बेहतर रिटर्न दिला सकें. ऐसे शेयर जिनकी कीमत 10 रुपये से दो तरह के निवेशक भी कम होती है उन्हें पेनी स्टॉक कहते हैं. 24 मार्च को निफ्टी इस साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया था. उस दिन से अब तक देखें तो पेनी स्टॉक की संख्या में 479 की गिरावट गई है. इसकी वजह यह है कि इन शेयरों में 1400 फीसदी की तेजी आई है. इस दौरान 166 पेनी शेयर मल्टीबैगर यानी अपने दाम से कई दो तरह के निवेशक गुना रिटर्न देने वाले बन गए हैं. इस दौरान बिड़ला टायर्स शेयर के दाम में 1443 फीसदी की जबरदस्त उछाल आई है.
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 653