अपेंडिक्स एक छोटी थैली होती है जो बड़ी आंत के खुले वाले भाग से जुड़ी झूठी संकेत और उनसे कैसे बचें होती है। एपेंडिसाइटिस एपेंडिक्स की सूजन है। यह आपातकालीन पेट की शल्यचिकित्सा के सबसे सामान्य कारणों में से एक है।
Fact Check: सूटकेस में बच्ची को अगवा कर ले जा रहे शख्स का वीडियो झूठी संकेत और उनसे कैसे बचें वायरल, जानें क्या है सच
बच्चों की चोरी की खबरें आती रहती हैं. बच्चा चोर मासूमों को अगवा कर कभी फिरौती की मांग करते हैं तो कभी ऐसे गुनहगार मासूमों को बेचकर इंसानियत को शर्मसार करने का काम करते हैं. सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में आप देख सकते हैं एक छोटी बच्ची को सूटकेस में बंद किया गया है. वायरल वीडियो को सोशल मीडिया पर लगातार शेयर किया जा रहा है. इस रिपोर्ट में जानें क्या है इस वायरल वीडियो का सच.
A video showing a man with a minor girl in his suitcase is going viral on social media with a claim that a kidnapper was caught while he kidnapping a child in a suitcase. While sharing this video, netizens urged that children should not be left alone or else such thieves will kidnap them. Watch this report to know the truth.
बच्चों में झूठ बोलने की आदत कैसे छुड़ाए? जानिए इसके कारण
हम सभी चाहते हैं कि अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें और उन्हें गलत आदतों से बचाएं। हमारे माता-पिता ने भी बचपन से हमें यही सिखाया गया है कि झूठ नहीं बोलना चाहिए। यही बात हम अपने बच्चों को भी सिखाते हैं। लेकिन बच्चों को कितना भी सिखाया जाए कि झूठ मत बोलो उसके बाद भी बच्चे झूठ बोलना नहीं छोडते है। बच्चों में झूठ बोलने की आदत उसके आगामी जीवन पर बुरा असर डालती है और आपकी परवरिश पर भी सवाल खड़े करती है। यह एक चिंता का विषय तो है इसलिए बेबीचक्रा के इस आर्टिकल में हम जानेंगें कि आखिर बच्चों के झूठ बोलने की वजह क्या है? बच्चों में झूठ बोलने की आदत से छुटकारा कैसे पाया जा सकता है यह भी आप यहाँ पढ़ सकते हैं।
सबसे पहले जानते हैं कि कैसे पता लगाया जाए कि बच्चा झूठ बोल रहा है –
कैसे पता लगायें कि बच्चा झूठ बोल रहा है – How To Find Out If A Child Is Lying
बच्चों में झूठ बोलने की आदत को पहचानना बहुत आसान है, बात करते समय अगर उनके हाव-भाव और लहजे पर ध्यान दिया जाए तो आपको पता लग जाएगा कि बच्चा झूठ बोल रहा है अक्सर बच्चे झूठ बोलते समय असहज हो जाते हैं और उनके व्यवहार में बदलाव सीधे तौर पर महसूस किया जा सकता है जैसे –
- जब बच्चे झूठ बोलते हैं तो अक्सर अनजान बनने का दिखावा करते हैं जैसे वो उस घटना के बारे में कुछ नहीं जानते जिसकी बात हो रही है।
- बच्चे झूठ बोलते समय आँखें चुराते हैं और नीचे देखकर बात करते हैं।
- बच्चे जब झूठ बोलते हैं तो नाखून खा सकते हैं या किसी अन्य चीज़ से खेलते हुए सामने वाले का ध्यान भटकाने की कोशिश करते हैं।
- जब भी बच्चे झूठ बोलते हैं तो बहुत सोच-समझकर और देर लगाकर जवाब देते हैं।
- बातों को बहुत देर तक सही साबित करने की कोशिश करते हैं।
- अपनी बात को सही कहलवाने के लिए झूठी कहानियाँ गढ़ने लगते हैं।
- झूठ बोलते समय बच्चे अपनी नॉर्मल आवाज़ के मुकाबले अधिक तेज बोलते हैं।
बच्चों में झूठ बोलने की आदत क्यों होती है ? – Why Do Children Have The Habit Of Lying?
बच्चों में झूठ बोलने की आदत अक्सर गलत माहौल के कारण पैदा होती है। बच्चे अपने आस-पास जैसा देखते हैं वैसा ही सीखते हैं। कुछ बातें उन्हें झूठ बोलने पर मजबूर कर सकती हैं –
1. तुलना करना
हम पेरेंट्स अपने बच्चों से जरूरत से ज्यादा उम्मीदें लगा कर रखते हैं। कि तुम्हें यह सीखना है, तुम्हारे इतने नंबर आने चाहिए देखो तुम्हारा दोस्त कितने अच्छे से यह काम करता है। बच्चे अपने आप को साबित करने के लिए झूठ बोलना शुरू करते है।
2. पैरेंट्स की सख्ती
पैरेंट्स का रवैया अगर बच्चों के प्रति सख्त है तो भी बच्चे अपनी बात को सही बताने के लिए झूठ बोलते हैं। क्योंकि बच्चों को यही लगता है कि अगर उन्होंने सच बोल दिया तो कही इस बात पर उनकी डॅाट ना पड़ जाए।
3. हीनभावना
जब बच्चों की तुलना किसी दूसरे बच्चे की जाती है झूठी संकेत और उनसे कैसे बचें तो बच्चों में कही ना कही हीन भावना भी आती है। इस कारण से बच्चे झूठ बोलकर यही बताते हैं कि मैं तो इससे अच्छा हूं।
बच्चों को झूठ बोलने से कैसे रोकें – How to stop kids from lying
बच्चों में झूठ बोलने की आदत मानसिक समस्या भी बन सकती है। इसलिए इस आदत को छोड़ना बहुत ही जरूरी है। आपका बच्चों के प्रति सख्त रवैया नहीं होना चाहिए। बल्कि आप बच्चे को समझे, आप जितनी सख्ती दिखाएंगे बच्चे उतना ही आपसे झूठ बोलने की कोशिश करेगे। कुछ टिप्स हम आपके साथ साझा कर रहें हैं –
- बच्चों को प्यार से समझाएं कि झूठ बोलना एक गन्दी आदत है और इसके कई नुकसान होते हैं।
- उन्हें बताएं कि एक झूठ किस तरह रिश्तों को बिगाड़ सकता है, और सामने वाले पर उसका क्या असर होता है।
- अपने बच्चे को बताएं कि आप हमेशा उनका झूठ समझ लेते हैं।
- अपने बच्चे के साथ अपने ऐसे सम्बन्ध बनाएं कि उसे आप से झूठ बोलने की जरूरत ही न पड़े।
- बच्चों के सामने बड़ों को भी झूठ नहीं बोलना चाहिए।
- जब भी आपको लगे कि आपका बच्चा झूठ बोल रहा है तो उससे सच बोलने को कहे और उसे विश्वास दिलाएं की सच बताने पर उसे कोई कुछ नहीं कहेगा।
- किस्से कहानियों के जरिए अपने बच्चे को सच की कीमत समझाएं।
- उन्हें बताएं कि झूठ बोलने वाले के सच पर भी कोई विश्वास नहीं करता है।
- अगर बच्चे ने पहली बार झूठ बोला है तो उसके ऊपर गुस्सा करने के बजाए। समझाने की कोशिश करे।
- उन्हें यह बताना बहुत जरूरी है कि झूठ बोलने का नुकसान उन्हें ही उठाना पड़ेगा। किसी के सामने अगर उसका झूठ सामने आया तो उसके पेरेंट्स के लिए यह शर्मिंदा होने वाली बात होगी।
Narayana Health Care
अपेंडिसाइटिस पिछले कुछ काफी समय से हैं , लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपका शौच इसका एक कारण हो सकता है। यह आमतौर पर 10 से 30 साल के बीच के 5 से 7% लोगों को यह प्रभावित करता है।
आप यह सोच सकते हैं कि वही पुरानी बात दोहराते हुए एक और लेख क्यों है। खैर , किसी के लिए , समाज में अपेंडिसाइटिस के बारे में कुछ गलत धारणाएं प्रचलित है। इसके अलावा , कुछ लक्षण हैं जो आप कभी नहीं जानते थे कि यह एक सूजे हुए अपेंडिक्स से संबंधित हो सकता है।
अपेंडिसाइटिस क्या है ?
शुरूआत करने के लिए , आइए इससे प्रारंभ करें कि अपेंडिसाइटिस क्या है। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि शरीर में एक अंग है जिसे अपेंडिक्स कहा जाता है। अपेंडिसाइटिस तब होता है जब यह अंग संक्रमित होता है , और अधिक संभावना है जब इसे निकाल लिया जाता है। ठीक है , कैसा रहेगा जब आपको इसे पूरी तरह से हटाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। अपेंडिक्स क्या है ? अपेंडिक्स को एक उपयोगी अंग माना जाता था और चिकित्सक हर बार अपेंडिसाइटिस से पीड़ित व्यक्ति का ऑपरेशन कर उसे निकाल देते थे। पर अब यह मामला नहीं है। हाल के अध्ययनों से पता चला है कि अपेंडिक्स वास्तव में एक उद्देश्य की पूर्ति करता है। यह आपके शरीर में आवश्यक जीवाणु को फिर से बसाने के लिए उपयोगी है। यह जीवाणु के लिए एक तरह का भंडार है और जरूरत पड़ने पर शरीर को फिर से आपूर्ति करता है। अपेंडिक्स एक ट्यूब जैसा अंग है जो बृहदान्त्र के अंत में स्थित होता है। जब यह संक्रमित होता है तो इसके किसी एक छोड़ से बंद होने की संभावना होती है। यह अवरोध आमतौर पर मलमूत्र (अन्य कारणों के अलावा) के कारण होता है। यह उत्सर्ग है जो छेद को अवरूद्ध कर देता है , इसलिए एक स्वस्थ आहार ही है जो इसे होने से रोक सकता है।
ये संकेत दिखें तो समझ जाइए शनि का प्रकोप है, इन उपायों से करें बचाव
शनिदेव को शास्त्रों में कर्म फलदाता बताया गया है. वे हर व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं. जब शनि किसी पर मेहरबान होते हैं तो उस शख्स को रंक से राजा बनते देर नहीं लगती, लेकिन जब शनि का प्रकोप किसी व्यक्ति पर होता है, जो उसे कंगाल बनते भी देर नहीं लगती. माना जाता है कि शनि शारीरिक, मानसिक और आर्थिक तीनों रूप से कष्ट देते हैं.
जब शनि का प्रकोप किसी व्यक्ति पर होता है तो उसके जीवन में कई तरह के अनचाहे बदलाव होने लगते हैं. ज्योतिष शास्त्र में शनि के प्रकोप को पहचानने के कुछ तरीके बताए गए हैं. हालांकि वो कितने सटीक हैं, ये तो नहीं कहा जा सकता. लेकिन इन संकेतों के आधार पर आप अपनी कुंडली किसी ज्योतिष विशेषज्ञ को दिखाकर उससे समस्या का हल जरूर जान सकते हैं. यहां जानिए शनि के प्रकोप को पहचानने के तरीके और उनसे बचने के उपाय
ये उपाय आएंगे काम
अगर आपके साथ भी ऐसा कुछ हो रहा है तो किसी ज्योतिषी को अपनी कुंडली दिखाकर कन्फर्म करें कि कहीं ये सब शनि के प्रकोप की वजह से तो नहीं है. अगर ऐसा है तो शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए हर शनिवार को ये उपाय करें.
1. सरसों का तेल अर्पित करें, शनिवार के दिन पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं.
2. हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करें. काले कुत्ते को तेल का बना परांठा खिलाएं.
3. जरूरतमंदों को शनिवार के दिन काले तिल, काले वस्त्र, काली दाल या सामर्थ्य के अनुसार कुछ भी दान करें.
Everyday Science : हम झूठ बोलकर किसका नुकसान करते हैं?
- News18India
- Last Updated : October 25, 2020, 15:00 IST
हिटलर (Adolf Hitler) के प्रोपैगैंडा का सिद्धांत था 'झूठ पुख़्ता ढंग से बोलो और बार बार बोलो, तो लोग उसे सच मानने लगेंगे'. लेकिन, नाज़ियों (Nazis) को यह विज्ञान नहीं पता था कि झूठ बोलना, झूठ बोलने वाले का कितना नुकसान करता है. कुछ ही समय पहले वैज्ञानिकों ने स्टडीज़ (Scientific Study) के बाद बताया कि झूठ बोलने से व्यक्ति का कम समय के लिए कोई फायदा भले हो, लंबे समय के लिए बड़ा नुकसान होता है. वहीं, सच बोलने या ईमानदारी बरतने से भले ही लगे कि नुकसान ज़्यादा होगा, लेकिन बड़ा फ़ायदा होता है.
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