Himachal Pradesh Result: किसी से नहीं दुनिया का सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा बाजार कौन सा है? डरती…, हिमाचल की अकेली महिला विधायक रीना कश्यप बोलीं- कोई दबा नहीं सकता आवाज
फॉरेक्स रिजर्व 580 अरब डॉलर: विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में रूस को पछाड़कर चौथे दुनिया का सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा बाजार कौन सा है? स्थान पर पहुंचा भारत, चीन इसमें सबसे आगे
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार दुनिया का चौथा सबसे बड़ा भंडार बन गया है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक भारत रूस को पछाड़कर इस पायदान पर पहुंचा है। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 5 मार्च को 4.3 अरब डॉलर की गिरावट के साथ 580.3 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। वहीं रूस का भंडार 580.1 अरब (बिलियन) डॉलर पर आ गया ।
चीन बना हुआ है टॉप पर
चीन के पास सबसे ज्यादा भंडार है, जिसके बाद जापान और स्विट्जरलैंड आते हैं। विश्लेषकों का कहना है कि मजबूत भंडार दुनिया का सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा बाजार कौन सा है? से विदेशी निवेशकों और क्रेडिट रेटिंग कंपनियों को यह भरोसा मिलता है कि सरकार घटते फिजकल आउटलुक और अर्थव्यवस्था के चार दशकों में पहले एक साल के संकुचन की ओर बढ़ने के बावजूद अपने कर्ज को लेकर वादे को पूरा कर सकती है।
600 अरब डॉलर से ज्यादा विदेशी मुद्रा रखने वाला दुनिया का 5 वां देश बना भारत, रूस से है बस इतना पीछे
कोरोना काल में बढ़ा विदेशी निवेश (Image: Pixabay)
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब डॉलर को पार करने के साथ रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच दुनिया का सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा बाजार कौन सा है? गया है। भारत अब उन देशों के क्लब में शामिल हो गया है जिनके पास 600 अरब डॉलर से ज्यादा फॉरेक्स रिजर्व है। वैसे भारत के मुकाबले चीन के पास 5 गुना और जापान के पास दो गुना विदेशी मुद्रा भंडार है। वहीं रूस से भारत काफी कम अंतर से पीछे है , जिसे देश काफी जल्दी पीछे छोड़ सकता दुनिया का सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा बाजार कौन सा है? है। वहीं टॉप थ्री में पहुंचने के लिए भारत को थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है। तीसरे पायदान पर स्विट्जरलैंड है , जिसके पास एक हजार अरब डॉलर से ज्यादा का विदेशी मुद्रा भंडार है। जानकारों की मानें तो भारत के विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ने का कारण विदेशी निवेशकों का लगातार भारतीय बाजार में निवेश है।
जरुरी जानकारी | रुपया 36 दुनिया का सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा बाजार कौन सा है? पैसे की गिरावट के साथ 82.87 प्रति डॉलर पर
मुंबई, 13 दिसंबर पूंजी बाजार से विदेशी संस्थागत निवेशकों की निकासी जारी रहने के कारण अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया मंगलवार को 36 पैसे की गिरावट के साथ 82.87 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
बाजार सूत्रों ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर के संदर्भ में फैसला आने से पहले जोखिम से बचने की धारणा से रुपया प्रभावित हुआ।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 82.63 के स्तर पर नीचे दुनिया का सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा बाजार कौन सा है? खुला और कारोबार के अंत में यह 36 पैसे की गिरावट के साथ 82.87 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान रुपये ने 82.60 के उच्चस्तर और 82.87 के निचले स्तर को छुआ।
तीसरे दिन भी बढ़ा पेट्रोल का भाव, दुनिया का सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा बाजार कौन सा है? एक हफ्ते में हुआ 92 पैसा महंगा
-डीजल की कीमत में पिछले 21 दिनों में कोई बदलाव नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में स्थिरता के बावजूद घरेलू बाजार में पेट्रोल की कीमत में इजाफा जारी है। तेल कंपनियों ने लगातार तीसरे दिन शनिवार को पेट्रोल की कीमत में इजाफा किया है। हालांकि, डीजल की कीमत में पिछले 21 […]
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2.94 अरब डॉलर घटकर 535.25 अरब डॉलर रह गया
नई दिल्ली। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 14 अगस्त 2020 को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान 2.939 अरब अमेरिकी डॉलर घटकर 535.25 अरब अमेरिकी डॉलर हो दुनिया का सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा बाजार कौन सा है? गया। ज्ञात हो कि 7 अगस्त को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान देश का विदेशी मुद्रा भंडार 538.19 अमेरिकी डॉलर था। विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां 14 अगस्त 2020 को समाप्त […]
पी-नोट्स के जरिए शेयर बाजार में जुलाई में 63000 करोड रुपये का निवेश
मुम्बई। भारतीय शेयर बाजार में पी-नोट्स के जरिए जुलाई 2020 दुनिया का सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा बाजार कौन सा है? माह में 63000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हुआ है। भारतीय शेयर बाजार दुनिया का सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा बाजार कौन सा है? की नियामक संस्था, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक शेयर, बांड, हाइब्रिड सिक्योरिटीज और डेरिवेटिव्स समेत भारतीय पूंजी बाजार में पी-नोट्स निवेश जून के अंत में […]
रिजर्व बैंक अपनी दर कटौती चक्र के अंतिम छोर के करीब : अर्थशास्त्री
नई दिल्ली । भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अर्थशास्त्रियों का मानना है कि रिजर्व बैंक अपनी दर कटौती चक्र के अंतिम छोर के करीब है, क्योंकि मुद्रास्फीति में मौजूदा स्तर से बहुत अधिक कमी आने की उम्मीद कम है। अर्थशास्त्रियों ने कहा ऐसे में अब अर्थव्यवस्था के पुनरोद्धार का दायित्व सरकार के पाले में पहुंच […]
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