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दुनिया के 10 सबसे ज्यादा आबादी वाले देश / World Most Population Country 2022
जानिए सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश कौन सा है ? चीन दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देशहैं । चीन की जनसंख्या 1 अरब 38 करोड़ है. जो कि विश्व की आबादी का 18.3 प्रतिशत हिस्सा हैं । हमारा देश भारत सबसे अधिक आबादी वालादुनिया का दूसरा देश हैं। बढ़ती जनसंख्या विश्व के लिए एक गंभीर समस्या हैं लेकिन उससे पहले हमें यह जानना बेहद जरूरी है … Read more
Dream11 पर टीम कैसे बनाये – Dream11 पर टीम बनाने का सही तरीका क्या है ?
Dream11 ये एक prediction यानी अनुमान लगाने का game है।आपको दोनों टीमों के खिलाड़ियों में से 11 खिलाड़ियों का चयन करना होता है, जिसमें एक टीम के 7 से ज्यादा खिलाड़ी नहीं ले सकते. आपको एक टीम के कम से कम 4 खिलाड़ी तो लेने ही होंगे। इसलिए आपको बहोत ही सोच समझ कर players … Read more
IND vs NZ 3rd T20 Live Streaming: फ्री में देख सकते हैं भारत-न्यूजीलैंड मैच, जानिए कब और स्टॉक एक्सचेंज का सही मतलब क्या होता है कहां देखें मैच?
IND vs NZ 3rd T20 Live Streaming, India vs New Zealand ka match kis channel par aayega, India vs new Zealand ka match live kaha dekhen, IND vs NZ live match kaise dekhe IND vs NZ 3rd T20 Live Streaming: IND vs NZ 3rd T20: टी20 विश्व कप 2022 खत्म होने के बाद अब दुनियाभर … Read more
भारत न्यूज़ीलैंड तीसरा टी20 मैच india vs new zeland 3rd t20 match pitch report in hindi 2022
Squads: New Zealand Squad: Finn Allen, Devon Conway(w), Glenn Phillips, Mark Chapman, Daryl Mitchell, James Neesham, Mitchell Santner, Adam Milne, Ish Sodhi, Tim Southee(c), Lockie Ferguson, Michael Bracewell, Blair Tickner India Squad: Ishan Kishan, Rishabh Pant(w), Suryakumar Yadav, Shreyas Iyer, Hardik Pandya(c), Deepak Hooda, Washington Sundar, Bhuvneshwar Kumar, Arshdeep Singh, Mohammed Siraj, Yuzvendra Chahal, Harshal Patel, Sanju … Read more
उत्तर प्रदेश (यूपी) में कितने जिले हैं ? उनके नाम इस प्रकार है
यूपी में कितने जिले हैं उनके नाम इस प्रकार है उत्तर प्रदेश में कुल 75 जिले है, जनसँख्या के हिसाब से सबसे बड़ा जिला आगरा और क्षेत्रफल के हिसाब से लखीमपुर खीरी है और जनसँख्या में सबसे छोटा जिला महोबा है और क्षेत्रफल में सन्त रविदास नगर है, उत्तर प्रदेश के लोकसभा सदस्यों की सूची उनकी लोकसभा सीट … Read more
AM और PM क्या हैं और AM and PM का फुल फॉर्म ?
AM और PM का मतलब क्या होता स्टॉक एक्सचेंज का सही मतलब क्या होता है है इसके समय में दिन और रात का समय होता है इसलिए 24 घंटे को दो भागों में बांटा गया है AM जिसका मतलब है पूर्वाह्न यानी दोपहर से पहले और PM जिसका मतलब है मध्याह्न यानी दोपहर के बाद होता है AM का मतलब जानते है और … Read more
VPN क्या है ? What is VPN in Hindi
VPN यानी वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क। यह एक ऐसा टूल है, जो आपको प्राइवेट नेटवर्क बनाने में मदद करता है। आप जियो, एयरटेल, BSNL की ब्रॉडबैंड का इस्तेमाल कर रहे हों, VPN आपको अपना प्राइवेट नेटवर्क बनाने की इजाजत देता है। प्राइवेट नेटवर्क का मतलब है कि आप सीमित लोगों से या अपने होम नेटवर्क कनेक्शन … Read more
UPI क्या है? UPI कैसे काम करता है
UPI Full Form in Hindi UPI का फुल फॉर्म है Unified Payments Interface UPI बैंकों से लेनदेन की सुविधा प्रदान करने वाली नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा बनाई गई एक पेमेंट सर्विस है, जिससे पैसों का लेनदेन ऑनलाइन UPI की मदद से बहौत जल्दी पैसे ट्रांसफर किये जा सकते हैं. UPI को भारतीय रिज़र्व … Read more
आईपीओ (IPO) क्या है हिंदी में जानिए? आईपीओ में INVEST कैसे करें?
IPO : भारतीय शेयर मार्केट में इन दिनों Initial public offering यानी (IPO) की बाढ़ आई हुई है. बाजार की इसी तेजी का फायदा उठाने के लिए अभी और भी ज्यादा आईपीओ के आने की उम्मीद है. तो आइए जानते स्टॉक एक्सचेंज का सही मतलब क्या होता है है, क्या है आईपीओ (IPO), ये कैसे काम करता है, इसमें निवेश की क्या संभावनाए … Read more
OS क्या होता है ? OS के बारे में जानकारी | Operating System Kya Hai in hindi
ओएस क्या है हिंदी में जानिए OS क्या है – OS का फुल फॉर्म है, ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System). एक ऑपरेटिंग सिस्टम एक सॉफ्टवेयर है जो End-user और कंप्यूटर हार्डवेयर के बीच एक इंटरफ़ेस के रूप में कार्य करता है। जिस तरह से किस गाड़ी को चलाने के लिए पेट्रोल या डीजल की जरुरत पड़ती … Read more
जरुरी जानकारी | विदेशी बाजारों में मिले-जुले रुख के बीच तेल-तिलहनों के भाव चढ़े
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. मलेशिया एक्सचेंज में तेजी के बीच दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में बुधवार को सरसों, सोयाबीन, मूंगफली तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ), बिनौला और पामोलीन तेल कीमतों में तेजी का रुख दिखाई दिया। सस्ते आयातित तेलों के मुकाबले देशी तिलहनों की पेराई की लागत अधिक बैठने से देशी तेल-तिलहन कीमतों में बढ़त कायम रही।
नयी दिल्ली, 14 दिसंबर मलेशिया एक्सचेंज में तेजी के बीच दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में बुधवार को सरसों, सोयाबीन, मूंगफली तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ), बिनौला और पामोलीन तेल कीमतों में तेजी का रुख दिखाई दिया। सस्ते आयातित तेलों के मुकाबले देशी तिलहनों की पेराई की लागत अधिक बैठने से देशी तेल-तिलहन कीमतों में बढ़त कायम रही।
मलेशिया एक्सचेंज में डेढ़ प्रतिशत की तेजी रही और शिकॉगो एक्सचेंज फिलहाल लगभग 0.75 प्रतिशत नीचे चल रहा है।
बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि सरकार को इस तथ्य की ओर ध्यान देना होगा कि खरीफ के अधिकांश देशी तेल-तिलहन (मूंगफली, बिनौला, कपास नरमा, सोयाबीन) नवंबर में मंडियों में आ जाते हैं और ऐसे में जब देश में तिलहन उत्पादन भी बढ़ रहा हो तो आयात कम होने के बजाय बढ़ता ही जा रहा है। यह अच्छा संकेत नहीं है और इसका हल किया जाना जरूरी है।
सूत्रों ने कहा कि आयातित सूरजमुखी और सोयाबीन के रिफाइंड तेल का थोक भाव हमें लगभग 110 रुपये लीटर बैठता है। सारे खर्च जोड़ने के बाद इन दोनों ही तेलों का खुदरा बिक्री भाव 130-135 रुपये लीटर से अधिक नहीं होना चाहिये। अब सरकार अपने सूत्रों की मदद से बाजार में बिकने वाले इन तेलों के भाव की जानकारी ले तो पूरी तस्वीर साफ हो जायेगी कि कैसे ये तेल मनमानी कीमतों पर बेचा जा रहा है।
सूत्रों ने कहा कि जिस देश में अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए लगभग 60 प्रतिशत खाद्य तेलों का आयात किया जाता हो, वहां सोयाबीन जैसे तिलहनों का स्टॉक कैसे बढ़ रहा है? इसका साफ मतलब है कि सस्ते आयात के आगे देशी तेल-तिलहन मंडियों में खप नहीं पा रहे हैं। इस ओर तत्काल ध्यान देते हुए आयातित खाद्य तेलों पर आयात शुल्क लगाने की व्यवस्था की जानी चाहिये।
सूत्रों ने कहा कि देश को आयात पर निर्भर होने के बजाय खुद का तेल-तिलहन उत्पादन बढ़ाने से ही इस उलझन से मुक्ति मिल सकती है। इसकी सबसे अधिक जिम्मेदारी तो तेल संगठनों की है कि वे समय रहते सरकार को वस्तुस्थिति से अवगत कराये। सूत्रों ने कहा कि इन तेल संगठनों द्वारा सरकार को सस्ते आयात की मार से कराह रहे तेल उद्योग, किसानों की परेशानियों से भी अवगत कराना और उससे निकलने की सही राह सुझाना चाहिये। विदेशी आयातित तेलों के भाव लगभग पांच महीने से टूटे पड़े हैं और तेल संगठनों को सरकार से, सस्ते आयातित तेल के कारण देशी तेल- तिलहन किसानों, तेल उद्योग की भारी परेशानियों और उपभोक्ताओं को राहत नहीं मिलने की समस्या को लेकर चर्चा करनी स्टॉक एक्सचेंज का सही मतलब क्या होता है चाहिये।
सूत्रों ने कहा कि जब खाद्य तेलों के दाम बढ़ते हैं तो सभी आयात शुल्क में राहत दिये जाने की मांग करने लगते हैं पर पिछले लगभग पांच महीनों से आयातित खाद्य तेलों के दाम टूटे हुए हैं, तो यह चर्चा होनी चाहिए कि इससे तेल-तिलहन उत्पादन का भविष्य प्रभावित हो रहा है, किसान और तेल उद्योग बुरी हालत में है तथा उपभोक्ताओं को विशेष राहत नहीं मिल रही है।
सूत्रों ने कहा कि हालांकि बिनौला के मंडी के भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अधिक हैं पर किसानों को पिछले साल बिनौला और सोयाबीन के लिए अधिक कीमत नहीं मिली थी। इसके अलावा किसानों को इस बार इन बीजों की अधिक कीमत में खरीद करनी पड़ी थी और इसलिए वे नीचे भाव पर बिक्री के लिए बाजार में कम फसल ला रहे हैं जिससे तेल मिलों का संचालन प्रभावित है। सस्ते आयातित तेल के रहते हुए सरसों, बिनौला, सोयाबीन और मूंगफली जैसे तिलहनों की पेराई में मिल वालों को भारी नुकसान है। वे दुधारी तलवार पर चल रहे हैं। मिल न चलायें तो उन्हें नुकसान और चलायें तो बिजली, पानी, वेतन, तमाम अन्य खर्च का नुकसान। इन सबके उपर सस्ते आयातित तेल के सामने उनके अधिक लागत वाले देशी तेलों के लिवाल कम हैं।
सूत्रों ने कहा कि सरकार को कुछ ऐसा कदम उठाना होगा जिससे आयात कम हो, किसानों और उपभोक्ताओं को राहत मिले। सस्ते खाद्य तेलों के कारण बिनौला खल महंगा होता जा रहा है।
बुधवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन - 7,035-7,085 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली - 6,460-6,520 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 15,150 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल 2,435-2,700 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 14,050 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 2,130-2,260 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 2,190-2,315 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,100 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 11,400 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 8,650 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 11,600 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,150 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 9,250 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना - 5,525-5,625 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 5,335-5,385 रुपये प्रति क्विंटल।
मक्का खल (सरिस्का)- 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)
NSE में गड़बड़ी पर सेबी ने मांगी रिपोर्ट: तकनीकी खराबी के बाद 3.45 बजे शुरू हुआ NSE, बीएसई भी 5 बजे तक खुला रहा
शेयर बाजार रेगुलेटर ने NSE से रिपोर्ट मांगी है। यह रिपोर्ट NSE में तकनीकी गड़बड़ी पर मांगी गई है। आज एनएसई सुबह से लाइव अपडेट नहीं कर पाया। सेबी ने एक रिलीज जारी कर कहा है कि एनएसई को यह सलाह दी जाती है कि वह इस मामले में पूरी जानकारी मुहैया कराए।
सेबी ने पूछा, क्यों नहीं डिजास्टर रिकवरी साइट पर कारोबार शिफ्ट किया गया
सेबी ने कहा कि NSE ने डिजास्टर रिकवरी साइट पर कारोबार को क्यों नहीं शिफ्ट किया, इसका भी जवाब दे। यह जवाब एनएसई को जल्दी से जल्दी देने को कहा गया है। सेबी ने कहा कि वह लगातार NSE के साथ संपर्क में इस दौरान था। साथ ही उसे कारोबारी समय बढ़ाने को कहा गया। शेयर बाजार में बुधवार को शाम 5 बजे तक कारोबार हुआ। 3.45 बजे एनएसई में कारोबार शुरू हुआ था। इससे पहले 3.30 बजे प्री ओपन मार्केट कारोबार शुरु हुआ। इसी के साथ बीएसई पर भी 5 बजे तक कारोबार हुआ। इसका कट ऑफ टाइम 5.30 बजे रहा।
सुबह 11.40 को आई थी खराबी
इससे पहले नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के सिस्टम में सुबह 11:40 बजे खराबी आ गई थी। लोग जिस कीमत पर शेयर खरीदते हैं, वह कीमत एक्सचेंज पर दिखना बंद हो गई थी। इस वजह से ट्रेडिंग रोक दी गई। तकनीकी दिक्कत 3.45 को सही हुई। इसके बाद कारोबार का समय बढ़ाने का फैसला हुआ। साथ ही जो भी ऑर्डर आज पेंडिंग थे, उन्हें कैंसल कर दिया गया है।
1 बजे भी नहीं शुरू हो पाया NSE
इस बीच, खबर आई कि 1 बजे NSE में प्री मार्केट शुरू होगा और 1.15 बजे सामान्य कारोबार शुरू होगा। दरअसल प्री मार्केट कारोबार हर दिन सुबह 9 स्टॉक एक्सचेंज का सही मतलब क्या होता है बजे होता है और 9.15 बजे मार्केट चालू हो जाता है। जब इसकी खबर फैली तो NSE ने यह कह दिया कि ऐसा कुछ नहीं है। एक ब्रोकरेज हाउस ने बताया कि आज कारोबार होना मुश्किल है। हालांकि, BSE में कैश सेगमेंट चालू है, इसलिए ट्रेडर या निवेशक वहां पर कारोबार करते रहे।
NSE के लाइव डेटा के अपडेट में आज सुबह से ही दिक्कत आ रही थी। सोशल मीडिया पर रिटेल ट्रेडर और ब्रोकरेज हाउस स्टॉक एक्सचेंज का सही मतलब क्या होता है लगातार इसकी शिकायत कर रहे थे। एक्सचेंज पर इस तरह की समस्या जुलाई 2017 में भी देखने को मिली थी, जब कैश और वायदा सेगमेंट को तकनीकी दिक्कतों के चलते बंद करना पड़ा था।
NSE ने कैश और वायदा सेगमेंट बंद किया
NSE ने इस मामले में कहा कि टेलीकॉम सेवा देने वाली दो कंपनियों के साथ NSE के ढेर सारे लिंक हैं। हमने दोनों कंपनियों से बात की है। हम जल्द ही सिस्टम को फिर से चालू करने की कोशिश कर रहे हैं। इस वजह से 11.40 बजे से हमारे सभी सेगमेंट बंद हैं।
माक ट्रेडिंग सेशन भी होता है
एक यूजर्स ने लिखा है कि NSE इस तरह की गड़बड़ियों से निपटने और अपने सिस्टम को जांचने के लिए माक ट्रेडिंग सेशन करता रहता है, लेकिन फिर भी ऐसी गड़बड़ियां सामने आती रहती हैं। माक ट्रेडिंग सेशन मतलब अचानक आई गड़बड़ी का पता लगाना और उसे सुलझाना।
सोशल मीडिया पर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने कहा कि यहां सभी सेगमेंट में नॉर्मल ट्रेडिंग हो रही।
रिटेल ट्रेडर की नजर लगातार प्राइस फीड पर
रिटेल ट्रेडर लगातार अपडेट हो रहे प्राइस फीड पर नजर गड़ाए रहते हैं। ये ट्रेडर्स सोशल मीडिया पर लगातार इसकी शिकायत करते रहे। सोशल मीडिया पर शिकायतों में कहा गया है कि NSE इंडेक्स का लाइव डेटा अपडेट नहीं हो रहा है। निफ्टी 50, निफ्टी बैंक से जुड़े लाइव अपडेट हासिल करने में परेशानी हो रही है। शिकायत करने वालों ने कहा है कि वे लगातार NSE से संपर्क में हैं।
Share Market क्या होता है हिन्दी में जानकारी
आपको स्टॉक मार्केट के बारे में जानने के लिए ढेरों वेबसाइट इंटरनेट पर उपलब्ध मिलेंगे। लेकिन शायद कुछ ही वेबसाइट होंगी जो सही और पूरी जानकारियां देती हैं। लेकिन आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। हम आपके लिए 100% सही जानकारी लेकर आए।
दोस्तों अगर आप stock market में निवेश करना चाहते हैं या stock market में निवेश कर स्टॉक एक्सचेंज का सही मतलब क्या होता है रहे हैं लेकिन आधी अधूरी जानकारी होने के कारण आप हमेशा असमंजस में रहते हैं। कई लोग तो ऐसे भी होते हैं जो इन्वेस्ट करने को तैयार हो जाते पर जानकारी नहीं होने के कारण पीछे हट जाते हैं। आपको बता दें कि स्टॉक मार्केट को कई नाम से जाना जाता है जैसे कि Share Market, Equity Market इत्यादि।
Share क्या है? - What Is Share
दोस्तों Share एक अंग्रेजी शब्द है और यह Share Capital का एक छोटा हिस्सा है यानी कि share capital को छोटे-छोटे हिस्सों में बांट दिया जाए और हर एक हिस्सा को share कहा जाता है।
Market क्या है?-
Market का मतलब एक ऐसी जगह जहां पर खरीददार और बेचने वाले एक दूसरे से मिलते हैं और खरीदते या बेचते हैं।
Stock Market क्या है - Stock Market in Hindi
अगर आसान शब्दों में कहीं तो शेयर मार्केट किसी भी कंपनी में से share खरीदने और बेचने का प्लेटफार्म है।
भारत में स्टॉक एक्सचेंज का सही मतलब क्या होता है स्टॉक एक्सचेंज का सही मतलब क्या होता है 2 सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज है:-
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज - Bombay stock exchange ( BSE) in Hindi:-
Bombay stock exchange ( BSE) भारत का सबसे बड़ा security exchange कहा जाता है और इसकी स्थापना 1875 में हुई है BSE भारत का सबसे पहले स्थापित किया जाने वाला स्टॉक एक्सचेंज है। लेकिन BSE एक regional stock exchange है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज - National Stock Exchange (NSE) in Hindi:-
National Stock Exchange की स्थापना 1992 में हुई है, लेकिन NSE को स्टॉक एक्सचेंज का दर्जा अप्रैल 1993 में दिया है यह भारत का एक मॉडर्न और टेक्नोलॉजी base stock exchange है।
आप BSE/NSE में लिस्टेड कंपनी के शेयर को खरीद-बेच सकते हो। लेकिन यह काम एक ब्रोकर के माध्यम से किया जाता है।
- Mutual Fund Kya Hai
- Grow App Kya Hai, Groww App Se Investment Kaise Kre
- Technical Analysis क्या है
Share खरीदना क्या है:-
जैसे कि उदाहरण के तौर पर BSE में लिस्टेड कंपनी ने अपने कुल 5 लाख शेयर बाजार में जारी किए और आप उस कंपनी के 10000 शेयर खरीदे लेते हैं। इसका मतलब यह हुआ कि आपको उस कंपनी के 10000 शेयर का मालिकाना मिल गया है।
आपका जब भी मन करे कभी भी और किसी भी समय (कामकाजी दिन) खरीदे गए शेयर के कुछ शेयर या सारे शेयर को बेच भी सकते हो। इन शेयर को खरीदने व बेचने में आपको broker से सहायता लेनी पड़ेगी। Broker अपने सर्विस स्टॉक एक्सचेंज का सही मतलब क्या होता है का कमीशन चार्ज करते हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि BSE/NSE में किसी भी कंपनी के शेयर या स्टॉक के मूल दर्ज होते हैं कंपनी के शेयर का दाम घटना या बढ़ाना उसके क्षमता पर निर्भर करता है
बाजार में नियंत्रण बनाना Security Exchange Board Of India का काम होता है SEBI के परमिशन के बिना कोई भी कंपनी अपना IPO ( Initial Public Offer) जारी नहीं कर सकती है. सबसे पहले सेबी से उस कंपनी को परमिशन लेनी पड़ेगी तभी आईपीओ जारी कर सकती है।
Stock Market में कंपनी कैसे लिस्ट होती है? How to Company listed in Stock Market
सबसे पहले कंपनी को लिस्ट होने के लिए शेयर बाजार से लिखित में कई समझौते स्टॉक एक्सचेंज का सही मतलब क्या होता है करने पड़ेंगे। इसके बाद कंपनी को अपने जरूरी दस्तावेजों को सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया(Security Exchange Board Of India) में जमा करना पड़ता है इसके बाद कंपनी के द्वारा दी गई सारी जानकारियों को सेबी मूल्यांकन करता है सही होने पर कंपनी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट हो जाती है।
अनलिस्टेड कंपनी ट्रेड कैसे करती है- Unlisted Company Trade kaise krti hai in hindi
Over The Counter Exchange of India ( OTCEI):-
दोस्तो OTCEI में small और medium company trade करती है जो stock exchange में लिस्टेड नहीं होती है। OTCEI एक national stock exchange है।
Share Market में नुकसान और शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव कैसे आता है
इतना सब जानने के बाद आप के मन में एक सवाल जरूर आया होगा कि क्या शेयर बाजार में नुकसान नहीं होता है और अगर नुकसान होता है तो क्यों शेयर के भाव में उतार-चढ़ाव क्यों चलिए आपको इसका भी जवाब दे देते हैं।
आपको बता दें कि शेयर बाजार में अगर आप किसी अच्छी कंपनी के शेयर को खरीदते हैं तो ज्यादा चांस यह हो जाता है कि मार्केट में share के प्राइस बढ़ेंगे।
लेकिन आप जब भी गलत कंपनी के शेयर को खरीद लेते हैं तो आपके पैसे को डूबने के चांस ज्यादा हो जाते हैं। इसीलिए जब भी किसी कंपनी के शेयर खरीदे तो उस कंपनी के बारे में अच्छे से जानकारियां जरूर हासिल कर ले।
Share Bazar (शेयर मार्केट) में निवेश कैसे करें -
1) सबसे पहले आपको शेयर खरीदने के लिए ब्रोकर का सिलेक्शन करना होगा और ब्रोकर को appoint करना जरूरी है क्योंकि SEBI ने इसे जरूरी कर दिया है।
सेबी ने कहा है कि स्टॉक एक्सचेंज में trade करने के लिए जो पहले से मेंबर स्टॉक एक्सचेंज में रजिस्टर्ड हैं उनके द्वारा ही आप trade कर सकते हैं।
2) दूसरे स्टेप में आपको ब्रोकर के द्वारा Demat account खुलवाना होगा और अपने बैंक से लिंक कराना होगा।
3) बैंक अकाउंट से Demat account में फंड को ट्रांसफर करें और broker की मदद से आप शेयर खरीद लीजिए।
आप चाहे तो ब्रोकर की वेबसाइट से खुद login करके भी खरीद सकते हैं लेकिन मेरी सलाह यही है कि आप ब्रोकर की स्टॉक एक्सचेंज का सही मतलब क्या होता है मदद से ही पहले शेयर खरीदे।
जब आप ऊपर के steps को सही से फॉलो करेंगे तो खरीदे हुए share आपके Demat account में आ जाएंगे आप जब भी चाहे कामकाजी दिन में broker की मदद से अपने शेयर बेच सकते हैं।
आपने क्या जाना
दोस्तो आशा करता हूं कि आपको stock market क्या है, share क्या है, Share Market में Invest करने के लिए क्या स्टेप्स है, OTCEI क्या है आदि के बारे में अच्छे से समझ आ गया होगा।
SEBI New Rule: आज से T+1 सेटलमेंट सिस्टम, रिटेल निवेशकों को ट्रेडिंग में कैसे होगा फायदा, एक्सपर्ट व्यू
स्टॉक एक्सचेंज आज 25 फरवरी यानी शुक्रवार से T+1 सेटलमेंट रूल लागू कर रहे हैं. यह शेयरों के सेटलमेंट का सिस्टम है. अभी यह नियम चुनिंदा शेयरों के लिए लागू हो रहा है.
स्टॉक एक्सचेंज आज 25 फरवरी यानी शुक्रवार से T+1 सेटलमेंट रूल लागू कर रहे हैं. (reuters)
T+1 Settlement System: स्टॉक एक्सचेंज आज 25 फरवरी यानी शुक्रवार से T+1 सेटलमेंट रूल लागू कर देंगे. यह शेयरों के सेटलमेंट का सिस्टम (T+1 Settlement System) है. अभी यह नियम चुनिंदा शेयरों के लिए लागू हो रहा है, धीरे-धीरे बाकी शेयरों को भी इसमें जोड़ा जाएगा. अभी देश में T+2 सेटलमेंट सिस्टम लागू था. फिलहाल यह सिस्टम NSE और BSE दोनों ही स्टॉक एक्सचेंज पर लागू होगा. आखिर क्या है T+1 सेटलमेंट सिस्टम और इससे अलग अलग निवेशकों और उनके निवेश पर क्या असर होगा. आपको इसका कैसे फायदा मिलेगा.
24 घंटे में होगा सेटलमेंट
जब निवेशक या ट्रेडर शेयर बेचते या खरीदते हैं तो डीमैट अकाउंट में शेयर आने या बचत खाते में पैसे आने में कुछ समय लगता है. अभी भारत में T+2 सेटलमेंट सिस्टम लागू है, यानी बाय या सेल के ऑर्डर के 2 दिन में शेयरों का सेटलमेंट पूरा होता है. T+1 सेटलमेंट सिस्टम लागू होने के बाद 24 घंटे के अंदर शेयर आपके डीमैट अकाउंट में आ जाएंगे. हालांकि स्टॉक एक्सचेंज को यह ऑप्शन दिया गया कि वे चाहे तो नए सिस्टम को अपना सकते हैं या मौजूदा सिस्टम के साथ बने रह सकते हैं.
कॉरपोरेट्स, FIIs, DIIs को होगा फायदा
Swastika Investmart Ltd. के चीफ इन्वेस्टमेंट आफिसर एंड DGM अमित पमनानी का कहना है कि सेबी का यह कदम कॉरपोरेट्स, FIIs, DIIs जैसे बाजार में ज्यादा निवेश करने वालों के लिए बहुत फायदेमंद होगा. एक दिन पहले सेटलमेंट से उन्हें अधिक लिक्विडिटी दे सकता है और मार्जिन आवश्यकताओं को कम कर सकता है. जबकि छोटे या रिटेल निवेशकों के लिए यह T+1 डे सेटलमेंट सिसटम अधिक प्रभाव नहीं डालेगा. हालांकि, बता दें कि रिटेन निवेशक एक्सचेंज पर डेली ट्रेडिंग वॉल्यूम का 45 फीसदी योगदान करते हैं. बाकर 55 फीसदी में कॉरपोरेट, FIIs, DIIs और अन्य शामिल हैं.
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कॉमन निवेशकों के लिए नफा और नुकसान
पमनानी का कहना है कि यह निवेशकों को उनके फंड के पोस्ट-ट्रेड एग्जीक्यूशन और सेटलमेंट के पहले की अर्लियर रीसीप्ट प्रदान करेगा. इसके अलावा, कई आपरेशन और मार्केट रिस्क को कम किया जा सकता है. हालांकि यह उसी दिन सेटलमेंट प्रॉसेस का अनुपालन करने के अलावा किसी भी वर्ग के निवेशकों के लिए नुकसानदेह नहीं हो सकता है. T+1 सेटलमेंट सिस्टम के आने से पे-इन/पे-आउट डिफॉल्ट का रिस्क कम होगा. ट्रेडिंग वॉल्यूम में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी क्योंकि आपके ट्रेडिंग अकाउंट का मार्जिन सिर्फ एक दिन के लिए ब्लॉक होगा.
T+1 सेटलमेंट सिस्टम: कौन-कौन से शेयर आएंगे?
शुरुआत में T+1 सेटलमेंट सिस्टम के तहत सिर्फ 100 कंपनियों के शेयर आएंगे. इन कंपनियों का सेलेक्शन मार्केट वैल्यूएशन के आधार पर होगा. सबसे कम वैल्यूएशन वाली 100 कंपनियों को शुरू में इसका हिस्सा बनाया जाएगा. फिर, अगले हर महीने के शुक्रवार को 500 कंपनियों के शेयरों को इस लिस्ट में लाया जाएगा. यह तब तक जारी रहेगा, जब तक सभी शेयर नई व्यवस्था के तहत नहीं आ जाते हैं.
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