शेयरों में निवेश एक अच्छा दीर्घकालिक निवेश है लंबी अवधि
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निवेश कर अमीर बनने के ये हैं 10 बेहतरीन विकल्प
सचाई यह है कि कम जोखिम के साथ बेहतरीन रिटर्न नहीं कमाया जा सकता. वास्तव में जहां रिटर्न अधिक होगा, वहां जोखिम भी अधिक होगा.
निवेश के किसी विकल्प को चुनते वक्त आपको जोखिम उठाने की अपनी क्षमता के बारे में जानना-समझना जरूरी है. कुछ निवेश ऐसे हैं जिनमें लंबी अवधि में अधिक जोखिम के साथ अधिक रिटर्न का मौका मिलता है.
निवेश के वास्तव में दो तरीके हैं-वित्तीय और गैर वित्तीय निवेश विकल्प.
इसे भी पढ़ें: कैसे ट्रांसफर करें PPF अकाउंट?
वित्तीय प्रोडक्ट में आप शेयर बाजार से संबद्ध विकल्प (शेयर, म्यूचुअल फंड) चुन सकते हैं या फिक्स्ड इनकम (PPF, बैंक FD आदि) के विकल्प चुन सकते हैं. गैर वित्तीय निवेश विकल्प में सोना, रियल एस्टेट आदि आते हैं. ज्यादातर भारतीय निवेश अब तक निवेश के इसी गैर वित्तीय निवेश विकल्प का प्रयोग करते रहे हैं.
हम आपको यहां बता रहे हैं निवेश के शीर्ष 10 विकल्प:
शेयरों में निवेश
हर किसी के लिए शेयरों में सीधे निवेश करना आसान नहीं है. इसमें रिटर्न की कोई गारंटी भी नहीं है. सही शेयरों का चुनाव मुश्किल काम है, इसके साथ ही शेयर की सही समय पर खरीदारी और सटीक वक्त पर निकलना महत्वपूर्ण है. निवेश के अन्य विकल्पों की तुलना में शेयर में लंबी अवधि में रिटर्न देने की क्षमता सबसे अधिक होती है.
इक्विटी म्यूचुअल फंड
म्यूचुअल फंड की यह कैटेगरी शेयरों में निवेश से ही रिटर्न कमाती है. सेबी के निर्देश के मुताबिक जो म्यूचुअल फंड स्कीम अपने फंड का 65% शेयरों में निवेश करती है, वह इक्विटी म्यूचुअल फंड कहलाती है. इसमें एक फंड मैनेजर होता है जो पर्याप्त रिसर्च के बाद निवेश के लायक शेयर चुनता है और उसमें निवेश करता है.
इक्विटी स्कीम बाजार पूंजीकरण या सेक्टर के हिसाब से अलग हो सकती हैं. इस समय इक्विटी म्यूचुअल फंड का एक, तीन या पांच साल का रिटर्न 15फीसदी सालाना के हिसाब से रहा है.
डेट म्यूचुअल फंड
म्यूचुअल फंड की यह कैटेगरी उन निवेशकों के लिए सही है जो निवेश से गारंटीड रिटर्न कमाना चाहते हैं. ये म्यूचुअल फंड कॉरपोरेट बांड्स, सरकारी सिक्योरिटीज, ट्रेजरी बिल्स, कमर्शियल पेपर आदि में निवेश से रिटर्न कमाती है. इस समय डेट म्यूचुअल फंड का एक, तीन या पांच साल का रिटर्न 6.5, 8 और 7.5 फीसदी सालाना के हिसाब से रहा है.
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS)
नेशनल पेंशन सिस्टम (nps) का प्रदर्शन पिछले कुछ सालों में अच्छा रहा है. बहुत कम फीस स्ट्रक्चर भी इसे निवेश का आकर्षक विकल्प बनाता है. बाजार से जुड़े उत्पादों में देश में यह सबसे कम खर्च वाला प्रोडक्ट है. निकासी संबंधी नियमों में बदलाव और अतिरिक्त टैक्स-छूट की वजह से भी यह निवेशक की पसंद में शामिल हो गया है.
एनपीएस बच्चों की शिक्षा, शादी, घर बनाने या किसी मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में आंशिक निकासी की सुविधा देता है. इसमें हालांकि रिटायरमेंट के बाद भी आपको निवेश में बने रहना जरूरी होता है. यह वास्तव में शेयर, FD, कॉरपोरेट बांड, लिक्विड फंड और सरकारी निवेश विकल्प का मिला जुला रूप है.
इस समय NPS का एक, तीन या पांच साल का रिटर्न 9.5, 8.5 और शेयरों में निवेश एक अच्छा दीर्घकालिक निवेश है लंबी अवधि 11 फीसदी सालाना के हिसाब से रहा है.
पीपीएफ
देश में निवेशकों के बीच पीपीएफ सर्वाधिक लोकप्रिय बचत योजनाओं में से एक है. इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80C के तहत किसी एक वित्त वर्ष में आप पीपीएफ में 1.5 लाख रुपये के निवेश पर टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं.
निवेश के इस विकल्प की सबसे अच्छी बात यह है कि यह आपको EEE (निवेश के वक्त करमुक्त, ब्याज पर करमुक्त, निवेश भुनाने पर करमुक्त) का लाभ देता है.
निवेश के इस विकल्प में सरकारी गारंटी इसकी लोकप्रियता को और बढ़ा देती है.
बैंक FD
बैंक या पोस्ट ऑफिस में कराई जाने वाली टैक्स सेविंग FD से आप निवेश के वक्त सेक्शन 80C के तहत टैक्स बचा सकते हैं. यह निवेश का सुरक्षित और गारंटीड रिटर्न वाला विकल्प है. इस पर मिलने वाले ब्याज पर आपको इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना पड़ता है.
डिपाजिट इंश्योरेंस एवं क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन के हिसाब से आपकी एक लाख रुपये तक की जमा रकम बीमित है.
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS)
पोस्ट ऑफिस की तरफ से बेस्टसेलर के रूप में यह स्कीम रिटायर्ड लोगों के लिए निवेश का पसंदीदा स्रोत है. यह सेवानिवृत लोगों के लिए आय का नियमित स्रोत भी है. इस स्कीम की अवधि पांच साल है जिसे तीन साल के लिए और बढ़ाया जा सकता है.
इसमें हालांकि प्रति व्यक्ति 15 लाख रुपये की अधिकतम निवेश सीमा है. यह 60 साल से अधिक उम्र के निवेशकों के लिए ही खुली है, हालांकि सेना से रिटायर मेंट लेने वाले लोगों के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं है.
विशेषज्ञों का मानना है कि जीवन भर की बचत को पार्क करने और उस पर कमाई के हिसाब से यह स्कीम बेहतरीन है. यह सेवानिवृत लोगों की जरूरत के हिसाब से बनाया गया है.
रिजर्व बैंक के टैक्सेबल बांड्स
पहले इस स्कीम में आठ फीसदी सालाना का ब्याज मिलता था जिसे सरकार ने बदल कर अब 7.75 फीसदी ब्याज वाला विकल्प बना दिया है. इस बांड में पांच साल के लिए निवेश किया जा सकता है.
रियल एस्टेट
खुद के रहने के हिसाब से घर खरीदना अब निवेश के लिहाज से भी आकर्षक विकल्प बनकर उभरा है. अगर आपको रहने की जरूरत नहीं है तो आप निवेश के हिसाब से भी दूसरा घर खरीद सकते हैं. निवेश के इस विकल्प में आपको सिर्फ प्रॉपर्टी की लोकेशन और वहां मौजूद सुविधाओं का ध्यान रखने की जरूरत है.
इसमें निवेश से आप पूंजी में शेयरों में निवेश एक अच्छा दीर्घकालिक निवेश है लंबी अवधि इजाफा और किराये से आमदनी, दो तरीके से रिटर्न कमा सकते हैं.
सोना
निवेश का यह विकल्प सदियों से भारतीयों की पसंद में शामिल है, पहनने के लिए खरीदी जाने वाली ज्वेलरी से लेकर निवेश के रूप में खरीदे गए सिक्के और बार तक, सोना बिना किसी संदेह के भारतीयों की पसंद में सबसे ऊपर है. अब आप पेपर गोल्ड के रूप में भी सोने में निवेश कर सकते हैं.
गोल्ड ETF में निवेश करना और भुनाना दोनों ही शेयर बाजार के जरिये होता है.
आप क्या करें
निवेश के कुछ विकल्प शेयर बाजार से संबद्ध हैं तो कुछ निश्चित ब्याज वाले हैं. आप जोखिम लेने की अपनी क्षमता के हिसाब से ही रिटर्न की उम्मीद रखें.
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Investment Duration: इंवेस्टमेंट शार्ट पीरियड के लिए करें या लांग पीरियड के लिए, जानें यहां
निवेशक, खास कर के नए निवेशक (New Investors) के मन में अक्सर यह प्रश्न उठता है। प्रश्न यह है कि निवेश अल्प काल (Short Term) के लिए करें या दीर्घ काल (Long Term) के लिए। जब हम छोटे थे तो हम अक्सर खरगोश और कछुए के बीच दौड़ की कहानी सुनते थे। कछुआ धीमी गति के साथ अपने लगातार प्रयास करता रहता है और दौड़ जीत जाता है। शेयर बाजार में भी ऐसी ही रणनीति काम आती है। एक निवेशक को उच्च लेकिन असंगत रिटर्न की नौटंकी के पीछे जाने के बजाय लगातार स्थिर रिटर्न का विकल्प चुनना चाहिए। अक्सर निवेशकों को जल्दी पैसा कमाने का लालच देकर फुसलाया जाता है और इस प्रक्रिया में वे अगले कुछ महीनों में इसे दोगुना करने के लिए जुआ खेलते हैं। वे अपने उद्देश्य में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि वे अक्सर कंपनी की बुनियादी बातों की परवाह करना भूल जाते हैं। नतीजतन, आबादी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा इसी रणनीति के बाद शेयर बाजार में अपना पैसा खो देता है। ऐसा उनके थोड़े समय में काफी पैसा कमाने की प्रवृत्ति की वजह से होता है।
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कम्पाउंडिंग की शक्ति
स्टॉक में इन्वेस्टमेंट (Stock Investment) कम्पाउंडिंग की शक्ति पर आधारित है, जो "संपत्ति बनाने का रहस्य" है। इसमें आप जितना अधिक समय तक निवेश करेंगे, उतनी ही अधिक संपत्ति बना सकेंगे। सरल शब्दों में कम्पाउंडिंग एक व्यवसाय या पिछली कमाई से बनाई संपत्ति से कमाई करने की क्षमता है। उदाहरण के लिए, मान लें कि दो दोस्त एक कंपनी में 1 लाख रुपए का निवेश करते हैं जो 12 फीसदी का वार्षिक रिटर्न देता है। दोस्तों में से एक तीन साल बाद इस्तीफा देता है, जबकि दूसरा दोस्त कंपनी में 12 साल तक निवेश करता है। यहां, उस मित्र द्वारा प्राप्त धनराशि जो जल्दी बाहर निकलता है, 1.4 लाख रुपए होगी, जबकि जो मित्र अधिक समय तक निवेश जारी रखता है, वह 3.89 लाख रुपए की राशि अर्जित करेगा, जो कि उसके द्वारा निवेशित धनराशि का तीन गुना है।
बॉय एंड होल्ड मंत्र का पालन
निवेशकों को मौलिक रूप से मजबूत कंपनियों की तलाश करनी चाहिए। इसके साथ ही "बॉय और होल्ड" के मंत्र का पालन करना चाहिए। उदाहरण के लिए, अगर किसी ने अपने आईपीओ में एचडीएफसी बैंक में 10,000 रुपये का निवेश किया होता, तो आज उसका कुल रिटर्न दो करोड़ से अधिक होता। यह मूल निवेश का 2177 गुना या 37.75 फीसदी का सीएजीआर (CAGR) है। अब, यह कम्पाउंडिंग की शक्ति ही है जो आपके लिए जरूरी कॉर्पस के निर्माण में आपकी सहायता कर सकती है। निवेशक का मुख्य ध्यान कम्पाउंडिंग के फलों का आनंद लेने के लिए रिटर्न की दर पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय अधिक विस्तारित अवधि के लिए निवेशित रहना चाहिए।
लंबे समय के लिए निवेश में कम अस्थिरता
किसी भी प्रकार के निवेश के लिए बाजार की अस्थिरता मुख्य चिंताओं में से एक है। अस्थिरता उस डिग्री को मापती है, जिसमें समय के साथ कीमतें बदलती हैं। एक निवेश की कीमत अधिक या जितनी बात ऊपर-नीचे होती है, उसमें अस्थिरता उतनी ही अधिक होती है। उच्च अस्थिरता वाले निवेश में जोखिम का उच्च स्तर होता है क्योंकि कीमतें अस्थिर होती हैं। लंबी अवधि के निवेश का लाभ अस्थिरता और समय के बीच संबंधों में पाया जाता है। लंबे समय के लिए किए गए निवेश, कम अवधि के लिए किए गए निवेश की तुलना में कम अस्थिरता का प्रदर्शन करते हैं। जितना अधिक समय आप निवेश में रहेंगे, उतनी ही बाजार की गिरावट की अवधि को पार करने की संभावना होगी। स्टॉक्स हायर शॉर्ट टर्म स्थिरता जोखिम उठाते हैं और कम अस्थिर संपत्ति जैसे मुद्रा बाजार की तुलना में लंबी अवधि में उच्च रिटर्न देते हैं।
आयकर में भी छूट
निवेश पर जो रिटर्न (Return on Investment) मिलता है, उस पर आयकर (Income Tax) भी लगता है। लेकिन, लंबी अवधि के निवेश के अन्य कारणों में पूंजीगत लाभ (Capital Gain) पर कर लाभ शामिल है। दीर्घकालिक दरों पर आपके आयकर ब्रैकेट में निचले दरों पर कर लगाया जाता है, जबकि अल्पकालिक लाभ पर नियमित आय के तौर पर कर लगाया जाता है। दीर्घकालिक निवेश आपको अतिरिक्त लागतों से भी बचाता है जैसे लेनदेन लागत, जो सक्रिय ट्रेडिंग में चार्ज की जाती है।
निवेश से पहले की सावधानी
लोगों को यह महसूस करने की जरूरत है कि निवेश आमतौर पर एक तेजी से रईस होने की रणनीति नहीं है जिसे आप कम अवधि में पा सकते हैं और बड़ी राशि बनाने की उम्मीद कर सकते हैं। यह अक्सर दीर्घकालिक प्रक्रिया है जिसमें बाजार में उतार-चढ़ाव, धैर्य, प्रतिबद्धता और शांत रहने की आवश्यकता होती है, क्योंकि यह तो होगा ही। लेकिन, निवेश से पहली कुछ सावधानी भी बरतें। जैसे, किसी भी कंपनी में निवेश से पहले उसके फंडामेंटल को अच्छी तरह से जांचना चाहिए और अपने उद्योग के विकास के विभिन्न मार्गों को देखना चाहिए। निश्चितता हासिल करने के बाद ही किसी को अल्पकालिक बाजार में अस्थिरता की चिंता किए बिना उस विशेष स्टॉक में निवेश और होल्ड का चयन करना होगा।
म्यूचुअल फंड निवेश
म्यूचुअल फंड उन निवेशकों के लिए आदर्श हैं जो विभिन्न निवेश उद्देश्यों के साथ विभिन्न प्रकार की योजनाओं में निवेश करना चाहते हैं, लेकिन जीतने वाले शेयरों को लेने के लिए पर्याप्त समय और विशेषज्ञता नहीं है। म्यूचुअल फंड आपको पेशेवर प्रबंधन, कम लेन-देन लागत और विविधीकरण, चल निधि और कर लाभ का लाभ देते हैं।
- अनुशासित निवेश दृष्टिकोण
- कम लेनदेन लागत
- चलनिधि और कर लाभ
- एकमुश्त और एस.आई.पी मोड के माध्यम से निवेश करें
- पोर्टफोलियो का विविधीकरण
- निवेश का कम जोखिम
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- 39 ए.एम.सी.एस. में 9,000 + योजनाएं
- 26,000 से अधिक चल रहे एस.आई.पी
- जोखिम आधारित क्यूरेटेड पोर्टफोलियो
- एन.एफ.ओ.एस में सरलीकृत निवेश
- इक्विटी व्यापार के लिए एम.एफ.एस लाभ
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क्यूरेटेड पोर्टफोलियो
पोर्टफोलियो को 100% ऋण और मुद्रा बाजार की प्रतिभूतियों में निवेश किया जाता है। यह एक न्यून जोखिम है, उच्च गुणवत्ता (ए.ए.ए) संप्रभु और कॉर्पोरेट बॉन्ड पेपर के लिए एक महत्वपूर्ण जोखिम के साथ स्थिर रिटर्न पोर्टफोलियो
पोर्टफोलियो को 60% इक्विटी और 40% ऋण में निवेश किया जाता है। यह एक मध्यम जोखिम, बड़े कैप स्टॉक और उच्च गुणवत्ता वाले (एएए रेटेड) डेब्ट इंस्ट्रूमेंट्स के लिए एक महत्वपूर्ण जोखिम के साथ मध्यम रिटर्न पोर्टफोलियो है।
पोर्टफोलियो को 100% इक्विटी में निवेश किया जाता है। इस पोर्टफोलियो में मल्टी-कैप शेयरों का प्रदर्शन है। यह एक उच्च जोखिम, छोटे और मिडकैप शेयरों के महत्वपूर्ण जोखिम के साथ उच्च रिटर्न पोर्टफोलियो है।
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म्यूचुअल फंड एफ.ए.क्यू
म्यूचुअल फंड के विभिन्न प्रकार क्या हैं?
1. इक्विटी फंड 2. डेट फंड 3. मनी मार्केट फंड 5. इंडेक्स फंड 6. संतुलित धन 7. आय धन 8. निधियों का कोष 9. विशेष निधि
म्यूचुअल फंड ऑनलाइन कैसे खरीदें?
म्यूचुअल फंड निवेश को ऑनलाइन शुरू करने के लिए, आपको फंड हाउस के साथ एक खाता खोलना होगा और अपने के.वाई.सी को पूरा करना होगा। अगला कदम म्यूचुअल फंड पोर्टफ़ोलियो तैयार करना है, जो कई निवेशकों को कठिन लगता है। सबसे पहले, विश्वसनीय दीर्घकालिक प्रदर्शन रिकॉर्ड के साथ कुछ योजनाओं की सूची तैयार करें।
म्यूचुअल फंड और इंडेक्स फंड में क्या अंतर है?
म्यूचुअल फंड्स में इंडेक्स फंड्स की तुलना में अधिक फीस होती है लेकिन, म्यूचुअल फंड मूल रूप से वही काम करते हैं जो इंडेक्स करता है। एक इंडेक्स फंड अभी भी आपको विविधता देता है, लेकिन यह एक बहुत ही विशिष्ट इंडेक्स को ट्रैक करता है।
म्यूचुअल फंड में आपको कितने समय तक निवेश करना होता है?
स्टॉक म्यूचुअल फंड लंबी अवधि के लिए कम से कम 10 वर्षों से अधिक के लिए उपयुक्त हैं।
क्या म्यूचुअल फंड में निवेश करने की सीमा होती है?
जो राशि आप म्यूचुअल फंड में योगदान कर सकते हैं उसकी कोई सीमा नहीं है वह कर-लाभ सेवानिवृत्ति योजना का हिस्सा नहीं है।
म्यूचुअल फंड पर औसत रिटर्न कितना होता है?
निवेशकों को स्पष्ट होना चाहिए कि म्यूचुअल फंड अनिवार्य रूप से मध्यम से लंबी अवधि के निवेश हैं। इसलिए, दीर्घावधि में अल्पकालिक असामान्य लाभ टिकाऊ नहीं होगा। लेकिन लंबे समय के लिए म्युचुअल फंडों में एक ही समय में निवेश के अधिकांश अन्य तरीकों को बेहतर बनाने की प्रवृत्ति होती है, जो पेशेवर फंड प्रबंधन के साथ प्रत्यक्ष निवेश के जोखिम से बचते हैं।
क्या म्यूचुअल फंड में निवेश करना अच्छा है
इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए यह हमेशा अच्छा समय होता है, बशर्ते आप एक व्यवस्थित निवेश योजना (सिप) के जरिए निवेश करें और कम से कम 10 साल की निवेश सीमा रखें। यह मानते हुए कि आप एक मध्यम-जोखिम लेने वाले व्यक्ति हैं और अपनी उम्र को देखते हुए आपको इक्विटी में 50%, ऋण में 40% और नकदी में 10% निवेश करना चाहिए।
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