IC15 क्या है(IC15 kya hai)? भारत में Cryptocurrency index के मायने
किसी भी देश में कंपनी के शेयरों को खरीदने और बेचने के लिए एक्सचेंज होते हैं। जैसे अपने देश में सबसे अधिक प्रचलित BSE और NSE स्टॉक एक्सचेंज हैं। इस BSE एक्सचेंज के अंतर्गत sensex एक इंडेक्स है जिसके अंतर्गत टॉप 30 कंपनियों को शामिल किया जाता है। इसी प्रकार से nifty50 , bank nifty आदि शेयर बाजार में इंडेक्स के रूप हैं। देश में इन एक्सचेंजों पर नजर रखने का कार्य SEBI(Securities and Exchange Board of India) का है।
जिस प्रकार से शेयर बाजार के एक्सचेंज है उसी प्रकार से क्रिप्टोकरेन्सी की खरीद और बिकवाली के लिए crypto एक्सचेंज हैं किन्तु अभी तक देश में कोई क्रिप्टोकरेन्सी इंडेक्स नहीं था। इस कमी को पूर्ण करने के लिए देश में IC15(IC15 kya hai) क्रिप्टोकरेन्सी इंडेक्स शुरू किया गया है। हालाँकि क्या होते हैं क्रिप्टो इंडेक्स? क्रिप्टोकरेन्सी को लेकर सरकार की तरफ से अभी कोई कानून नहीं बनाया गया।
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IC15 क्या है?(IC15 kya hai)
यह देश का पहला क्रिप्टोकरेन्सी इंडेक्स है। जिसके अंतर्गत विश्व में ट्रेड होने वाली टॉप 15 क्रिप्टोकरेन्सी को उनकी मार्किट कैपिटलाइजेशन(Market capitalization) के आधार पर शामिल रखा जायेगा। इस इंडेक्स के आने से क्रिप्टोकरेन्सी के दिन के सेंटीमेंट को देखा जा सकेगा।
जिस प्रकार सेंसेक्स के बढ़ने और गिरने से उस दिन बाजार की बढ़ोत्तरी और गिरावट का अनुमान लगाया जाता है। उसी प्रकार से क्रिप्टो इंडेक्स भी क्रिप्टो बाजार के रुख को मोटे तौर पर समझाने का अच्छा प्रयास है।
किन किन बातों को शामिल किया गया है
IC15 को ग्लोबल क्रिप्टोकरेन्सी सुपर एप्प क्रिप्टोवायर(क्या होते हैं क्रिप्टो इंडेक्स? Cryptowire) द्वारा लांच किया गया है। इसे रेगुलेट करने के लिए एक गवर्निंग समिति बनायीं जाएगी जिसे IGC कहा जायेगा। हर तीन महीने में इस इंडेक्स को बदला जायेगा जो डिजिटल करेंसी अच्छा कर रही होंगी उन्हें टॉप 15 में जोड़ा जायेगा एवं अच्छा न करने वाली करेंसी को इंडेक्स से बाहर कर दिया जायेगा। ऐसा करने के लिए क्रिप्टो बाजार के बहुत से फैक्टर्स को ध्यान में रखा जायेगा।
इस इंडेक्स की बेस डेट 1 अप्रैल 2018 और बेस वैल्यू को 10000 रखा गया है। इस इंडेक्स से अनुमान है कि यह क्रिप्टो बाजार का 80% भाग होगा।
क्रिप्टो इंडेक्स से लाभ
क्रिप्टोकरेन्सी इंडेक्स से सबसे बड़ा फायदा यह है कि भविष्य में इंडेक्स में अगर ट्रेडिंग या फण्ड इन्वेस्टमेंट शुरू होती है तो ट्रेडर्स को किसी ख़ास क्रिप्टो पर निर्भर नहीं रहना होगा। अधिकांशतः क्रिप्टो बाजार में BTC का बढ़ना और घटना ही बहुत क्या होते हैं क्रिप्टो इंडेक्स? हद तक अन्य डिजिटल करेंसी के ऊपर बढ़ने और गिरने की चाल को निर्धारित करता है किन्तु फिर भी BTC के गिरने के बाद भी कुछ करेंसी बाजार में उछाल भी ले रही होती हैं।
किन्तु क्रिप्टो इंडेक्स में टॉप कोइन्स की ग्रोथ को देखा जायेगा। जिससे क्रिप्टो इन्वेस्टर्स और ट्रेडर्स को क्रिप्टो इंडेक्स के रूप में एक नया विकल्प मिल जायेगा जिसमें वो ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट दोनों कर पायेंगे। क्रिप्टो इंडेक्स उसी प्रकार कार्य करेगा जिस प्रकार से शेयर बाजार में निफ़्टी, सेंसेक्स आदि इंडेक्स की ग्रोथ पर पैसे लगाते हैं। इन्हे शेयर बाजार की भाषा में इन्वेस्टमेंट के रूप में इंडेक्स फण्ड के नाम से जानते हैं।
यह इंडेक्स एक नये बाजार को जन्म देगा जिसके अंतर्गत फण्ड मैनेजर, स्टॉक में FNO(future and option) की तरह क्रिप्टो में FNO लाया जा सकता है।
भारत में क्रिप्टोकरेन्सी
भारत में अभी क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य के ऊपर कोई फैसला नहीं हुआ है। लोगों के द्वारा क्रिप्टो में ट्रेडिंग की जाती है किन्तु सरकार के द्वारा इस पर अभी कोई नियम कानून और टैक्स लागू नहीं है। इसलिए सरकार इसे जल्द ही रेगुलेट करने के विषय में विचार कर रही है। अगर क्रिप्टो को लेकर देश में सबकुछ सकारात्मक रहता है तो क्रिप्टो इंडेक्स लोगों को पहले से ज्यादा सुरक्षित माहौल प्रदान करेगा।
हालांकि IC15 (IC15 kya hai) यह देश का पहला क्रिप्टो इंडेक्स है। हाल ही में sebi के द्वारा क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट से जुड़े एक ipo को लाने पर रोक लगा दी। क्रिप्टो को लेकर कोई बात तब तक साफ नहीं हो सकती जब तक सरकार इस पर कोई कानून नहीं बनाती है। हाँ ये जरूर है कि cryptowire के द्वारा एक क्रिप्टो इंडेक्स लाया गया है और ऐसा भी हो सकता है कि इसके बाद अन्य प्लेटफॉर्म्स के क्रिप्टो से जुड़े और भी इंडेक्स लाये जाये।
क्रिप्टो में निवेश का घट रहा क्रेज?, घाटा सह कर भी मार्केट से निकलने की तैयारी कर रहे निवेशक
Cryptocurrency Investment Tips: क्रिप्टो एसेट्स की कीमतों में इस पूरे साल के दौरान गिरावट देखने को मिली है. इसके कई कारक हैं. इनमें फेडरल रिजर्व द्वारा प्रोत्साहन पैकेज को वापस लेना और महंगाई पर काबू पाने के लिए ब्याज दरों में इजाफा करना शामिल है. इस वजह से मार्केट से निवेशक एग्जिट करना चाहते हैं.
इस वजह से आई है गिरावट
इस पूरे साल के दौरान क्रिप्टो की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है. इसके कई कारक हैं. इनमें फेडरल रिजर्व द्वारा प्रोत्साहन पैकेज को वापस लेना और महंगाई पर काबू पाने के लिए ब्याज दरों में इजाफा करना शामिल है. कुल-मिलाकर अधिक जोखिम वाली संपत्तियों के लिए माहौल पूरी तरह से प्रतिकूल हो गया है. लेकिन क्रिप्टोकरेंसीज को कुछ ज्यादा ही जोर का झटका लगा है. Bitcoin में इस साल अब तक करीब 30% तक की गिरावट आ चुकी है. दूसरी ओर Ether में 50% तक की टूट आ चुकी है. यहां तक कि Bitcoin की माइनिंग करने वालों ने भी टोकन की बिक्री शुरू कर दी. इसकी वजह है कि उन्हें कीमतों में जल्द गिरावट होते नजर नहीं आ रही है.
Kestra Holdings के कारा मर्फी (Kara Murphy) ने कहा, "मुझे काफी हद तक ये लग रहा है कि क्रिप्टोकरेंसी बहुत हद तक मॉनेटरी साइकिल पर आधार है जो पारंपरिक एसेट क्लास को सबसे ज्यादा हिट करता रहा है."
उन्होंने कहा, "क्रिप्टो की कीमतों में बहुत अधिक उछाल से पता चलता है कि उन्हें रुपये-पैसे से जुड़ी आसान नीतियों से वास्तव में काफी फायदा हुआ और अब जब पैसा सिस्टम से बाहर आ रहा है तो क्रिप्टो में गिरावट देखने को मिल रही है."
Bitcoin बुधवार को लगातार दूसरे सत्र में 4.8 फीसदी की गिरावट के साथ 4.8 फीसदी पर आ गया था.
फीचर आर्टिकल: क्रिप्टो मार्केट बनाम स्टॉक मार्केट; दोनों ही मार्केट के अपने अपने फायदे-नुकसान
क्या मुझे क्रिप्टो मार्केट मैं इन्वेस्ट करना चाहिए? क्या क्रिप्टो मार्केट शेयर मार्केट से ज्यादा विश्वसनीय है? और इसी तरह के ढेरों सवालों की सूची है जो हम में से अधिकांश लोगों के मन में हैं और जिनका उत्तर हम चाहते हैं। क्रिप्टो मार्केट और स्टॉक मार्केट दोनों ही मार्केट के अपने अपने फायदे-नुकसान हैं, लेकिन इससे पहले कि आप इनमें से किसी में निवेश करें, आपको यह जानना होगा कि आखिर ये दोनों मार्केट क्या हैं; इन दोनों में क्या समानताएं और क्या अंतर हैं, वे कौन सी बातें हैं जो उनकी कीमतों को और मार्केट में प्रवेश को तय करती हैं।
मुझे कहां निवेश करना चाहिए – क्रिप्टो या शेयर?
स्मार्ट निवेशक वही है जो इस बात को बखूबी जानता है कि वह किसमें निवेश कर रहा है और उसके पास अपने निवेश से संबंधित ठोस जानकारी होनी चाहिए। निवेश के जोखिम और पुरस्कार को पहले से आंकना उसकी सफलता की कुंजी है। किसी निवेशक के प्राथमिक लक्ष्यों में से एक अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाना होता है; अपने पोर्टफोलियो में क्रिप्टो और स्टॉक को शामिल करने से आपका पोर्टफोलियो मजबूत होता है।
क्रिप्टो में निवेश करने के लिए आपके पास बड़ा बैंक-बैलेंस होना जरूरी नहीं है। देश के सबसे सरल क्रिप्टो एप -कॉइन स्विच कुबेर में 80 से ज्यादा क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने के लिए बस 100 रुपए से शुरुआत कर सकते हैं। क्रिप्टो करेंसी डिजिटल डीसेंट्रलाइज एसेट होती हैं जो ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी द्वारा संचालित होती हैं और उनमें किसी सेंट्रल अथॉरिटी का दखल नहीं होता। सरल शब्दों में कहें तो आप अपने बॉस खुद होते हैं!
वहीं शेयर में निवेश किसी बिजनेस में हिस्सेदारी होता है। सरल शब्दों में कहें तो, जब आप किसी कंपनी में हिस्सेदारी खरीदते हैं तो, आप उस कंपनी की एसेट में एक शेयरहोल्डर हो जाते हैं और आप उस कंपनी द्वारा बिजनेस में उठाए जाने वाले नफे-नुकसान में हिस्सेदार होते हैं।
शेयर से किस तरह अलग है क्रिप्टो?
क्रिप्टोकरेंसी आईसीओ द्वारा जारी होती हैं या डायरेक्ट एक्सचेंज लिस्टिंग होती है जबकि शेयर आईपीओ के जरिए जारी होते हैं। क्रिप्टो की कीमतों पर मुख्य रूप से मार्केट के सप्लाई और डिमांड के मीट्रिक्स का असर होता है जबकि शेयरों पर उनके फंडामेंटल और अन्य मैक्रो इकोनॉमिक कारकों का असर होता है।
क्रिप्टोकरेंसी किसी मालिकाना हक का फायदा नहीं देतीं क्योंकि ये डिजिटल करेंसी हैं लेकिन शेयरों के जरिए आपकी किसी कंपनी में कुछ प्रतिशत तक हिस्सेदारी होती है। क्रिप्टोकरेंसी मार्केट सप्ताह में सातों दिन 24 घंटे और साल के 365 दिन काम करते हैं, यानी ये कभी भी बंद नहीं होते। लेकिन स्टॉक मार्केट क्या होते हैं क्रिप्टो इंडेक्स? सप्ताह में पांच दिन सीमित घंटों के लिए काम करता है और राष्ट्रीय और सार्वजनिक अवकाश पर बंद रहता है।
क्रिप्टोकरेंसी एक उतार-चढ़ाव वाला मार्केट है और किसी को भी इसमें उतनी ही राशि का निवेश करना चाहिए जितने का जोखिम वह ले सकता है। अपने पोर्टफोलियो में क्रिप्टोकरेंसी को शामिल करने से आपको निवेश की विविधता मिलती है। क्रिप्टो में निवेश से पहले आपको अपने स्तर पर भी रिसर्च कर लेनी चाहिए। क्रिप्टो से जुड़ा एक दिलचस्प तथ्य- यदि आपने क्रिप्टोकरेंसी में जनवरी 2020 में लगभग 7 लाख रुपए का निवेश किया होता तो वह दिसंबर 2021 तक 38 लाख रुपए हो गए होते।
शेयर बाजार की तरह इस हफ्ते क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में भी हाहाकार, निवेशकों के 22 लाख करोड़ रुपए डूबे
सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन आज 20 हजार डॉलर के करीब पहुंच गई है.
Cryptocurrency Prices: इसी हफ्ते क्रिप्टोकरेंसी का कुल मार्केट मार्केट कैप भी 1 लाख करोड़ डॉलर के नीचे आ गया. 7 दिन के . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : June 18, 2022, 11:37 IST
Cryptocurrency Prices: ये हफ्ता दुनियाभर के शेयर बाजारों के लिए साल का सबसे खराब सप्ताह रहा. चाहे अमेरिकी बाजार हों या भारतीय शेयर बाजार. इस हफ्ते निफ्टी और डाउ जोन्स 52 सप्ताह के निचले स्तर पहुंच गए. अकेले भारतीय शेयर बाजार में पिछले 6 दिन में निवेशकों के 18 लाख करोड़ रुपए डूब गए. यही हाल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट का भी रहा. यहां भी पूरे हफ्ते हाहाकार मची रही.
इसी हफ्ते क्रिप्टोकरेंसी का कुल मार्केट मार्केट कैप भी 1 लाख करोड़ डॉलर के नीचे आ गया. बीते 7 दिनों में क्रिप्टोकरेंसी का मार्केट कैप लगभग 30 हजार करोड़ डॉलर यानी 22 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा साफ हो चुका है. 7 दिन के अंदर ही सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin और दूसरी बड़ी करेंसी इथेरियम 30 फीसदी से ज्यादा टूट चुके हैं. इसी बात से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि क्रिप्टो मार्केट में इस हफ्ते कितना रक्तपात हुआ है.
क्रिप्टोकरेंसी का मार्केट कैप 10 जनवरी को 1.187 लाख करोड़ रुपए था. आज शनिवार को यह 88 हजार करोड़ डॉलर पर आ गया है. टॉप टेन करेंसी अपने हाई से 70 फीसदी तक टूट चुकी हैं. इसी हफ्ते अमेरिकी शेयर बाजार डाउ जोन्स भी 30,00 के स्तर से नीचे चला गया है. यह मई 2020 के बाद उसका सबसे खराब प्रदर्शन है.
बिटकॉइन 20 हजार डॉलर के करीब
दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी की हालत खराब हो गई है. आज शनिवार को एक बिटकॉइन की कीमत 20,390 डॉलर के आस-पास ट्रेड कर रही है. यह अपने हाई यानी नवंबर 2021 के स्तर से 65 फीसदी से ज्यादा टूट चुकी है. सिर्फ पिछले सात दिन में यह करेंसी लगभग 30 फीसदी गिर चुकी है.
Ethereum 7 बीते 7 दिन में 35% टूटी
दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ethereum पिछले 7 क्या होते हैं क्रिप्टो इंडेक्स? दिन 35 फीसदी गिर चुकी है. अपने नवंबर के हाई से यह करेंसी लगभग साढ़े चार गुना घट गई है. आज शनिवार को यह 1074 डॉलर पर ट्रेड कर रही है. नवंबर 2021 में यह 4600 डॉलर पर चल रही थी.
Dogecoin की हालत और बदतर
मार्केट कैप के लिहाज से दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी dogecoin की हालत बद से बदलत हो गई है. अपने हाई से यह करेंसी 80 फीसदी से ज्यादा नीचे आ गई है. अगर आपने अगस्त 2021 में इसमें एक लाख रुपए लगाए होते तो आज वह लगभग 15 हजार या उससे कम हो गया होता.
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स्टॉक मार्केट से कितना अलग है Cryptocurrency का बाजार, कम पैसे में कहां मिल रहा ज्यादा रिटर्न
क्रिप्टो जब चढ़ता है तो लगातार उसके भाव चढ़ते हैं और जब गिरता है तो लगातार दाम गिरते हैं. स्टॉक से इसका सीधा संबंध नहीं है. इसलिए जब भी अपना पोर्टफोलिया बनाएं, यह सोच कर बनाएं कि क्रिप्टो में निवेश कर रहे हैं तो भारी उतार-चढ़ाव के लिए तैयार रहना चाहिए.
यह सवाल आज हर उस आदमी के मन में उठ रहा है जो बिटकॉइन (Bitcoin), इथीरियम (Ethereum) और डोजकॉइन (Dogecoin) जैसी क्रिप्टोकरंसी (Cryptocurrency) में निवेश कर रहे हैं. लोग अपने इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में क्रिप्टोकरंसी को शामिल करना चाहते हैं. लेकिन सच्चाई यह है कि दोनों का अस्तित्व अलग है और बाजार भी. खरीदने-बेचने का तरीका भी एक दूसरे से भिन्न है. दोनों का एसेट क्लास भी अलग है और बाजार में इनका बर्ताव देखें तो दोनों के बीच 36 का आंकड़ा होता है. ऐसे में स्टॉक में क्रिप्टोकरंसी को शामिल करना कितना जायज है?
एक्सपर्ट की मानें तो दोनों को एक साथ आना भी नहीं चाहिए. इससे निवेशक को फायदा होगा. क्रिप्टो और स्टॉक में अंतर है, तो यह निवेश के लिए सही है. दरअसल, स्टॉक किसी कंपनी में इक्विटी होता है. जब आप किसी कंपनी में शेयर खरीदते हैं तो उस कंपनी का कुछ हिस्सा आपके नाम हो जाता है. कंपनी की कुछ प्रोपर्टी आपके खाते में चली जाती है. क्रिप्टोकरंसी के साथ ऐसा नहीं है.
दोनों को समझना जरूरी
स्टॉक और क्रिप्टोकरंसी में निवेश के लिए दोनों को समझना जरूरी है. स्टॉक के जरिये किसी कंपनी में शेयर खरीदने के साथ ही कुछ अधिकार आपके हाथ में आ जाता है. हो सकता है कि कंपनी के ऑपरेशन पर आपका हक नहीं है, लेकिन उस कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में कौन बैठेगा, इसके लिए जब वोटिंग होगी तो आप उसमें हिस्सा ले सकते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कंपनी की प्रोपर्टी के आप भी हकदार हैं. जैसे ही कोई और व्यक्ति उस कंपनी का सामान खरीदता है, आपके शेयर में कुछ और प्रोपर्टी जुड़ जाती है. स्टॉक का सारा खेल इसी आधार पर चलता है.
शेयर खरीदने का फायदा
कोई कॉरपोरेशन स्टॉक बेचता है और कंपनी का कुछ कंट्रोल दूसरे को दे देता है ताकि फंड जुटाया जा सके. इस फंड से कंपनी का बिजनेस बढ़ता है. कंपनी बिकती है तो कर्मचारी भी बाहर हो सकते हैं. इन कर्मचारियों को कंपनी क्या होते हैं क्रिप्टो इंडेक्स? की तरफ से कुछ शेयर दिए जा सकते हैं. कैश दिए जाने से बचा जाता है क्योंकि वह कैश कंपनी के बिजनेस में इस्तेमाल हो सकता है. कोई कंपनी पब्लिक स्टॉक ऑफरिंग लाती है ताकि और फंड जुटाया जा सके. कभी-कभी ऐसा भी होता है कि कंपनी अपने पुराने शेयरहोल्डर्स को शेयर बेचती है और उसके बदले कैश लेती है.
क्रिप्टो का बाजार क्या है
क्रिप्टोकरंसी में ऐसी बात नहीं होती. क्रिप्टोकरंसी का सीधा मतलब है डिजिटल करंसी. यह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित है. यह टेक्नोलॉजी क्या होते हैं क्रिप्टो इंडेक्स? खरीदारों को सिक्योर पेमेंट की सुविधा देती है. क्रिप्टोकरंसी कभी भी सेंट्रल बैंक के सहारे नहीं चलती बल्कि इसका धंधा कंप्यूटर के नेटवर्क के जरिये चलता है और उसी के माध्यम से ट्रांजेक्शन होता है. आप जो भी ब्लॉकचेन इस्तेमाल करेंगे, उससे क्रिप्टोकरंसी खरीद सकते हैं.
उदाहरण के लिए बिटकॉइन का ब्लॉकचेन कुछ सिक्के खरीदारों के लिए जारी करता है. ब्लॉकचेन पर ये सिक्के एक ही बार में जारी नहीं होते बल्कि कुछ-कुछ की मात्रा में एक खास ब्लॉक में जारी किया जाता है. जब उस ब्लॉक के सिक्के की बिक्री हो जाती है तो दूसरे ब्लॉक में सिक्के उतारे जाते हैं. ब्लॉकचेन पर क्रिप्टो की खरीदारी के लिए ट्रांजेक्शन के रूप में क्रिप्टोकरंसी ही क्या होते हैं क्रिप्टो इंडेक्स? दी जाती है. इथीरियम क्रिप्टोकरंसी इथीरियम ब्लॉकचेन पर चलती है. लेकिन इस ब्लॉकचेन का अन्य क्रिप्टो कॉइन भी इस्तेमाल करती हैं. यूनीस्वैप (uniswap) नाम का प्रोजेक्ट इथीरियम ब्लॉकचेन पर चलता है. इसका अपना कोई एक्सचेंज नहीं है, इसलिए यह इथीरियम के ब्लॉकचेन का उपयोग करता है.
टोकन में भी लगा सकते हैं पैसा
इसका मतलब यह हुआ कि यूनिस्वैप यूजर को इथीरियम के ब्लॉकचेन के अंतर्गत ही खरीदारी करनी होगी. आप चाहें तो क्रिप्टोकरंसी के टोकन डायरेक्ट खरीद सकते हैं. यूनीस्वैप की तरह डेफी प्रोजेक्ट के टोकन भी बेचे जाते हैं जो यूटिलिटी टोकन होते हैं. इसी तरह कुछ गवर्नेंस टोकन भी होते हैं. यूनीस्वैप पूरी तरह से गवर्नेंस टोकन है. अब आप जब भी निवेश करने चलें तो ध्यान दें कि स्टॉक में या क्रिप्टो में पैसा लगाने जा रहे हैं. आप टोकन में भी लगा सकते हैं, लेकिन सबका प्रोफिट देने का तरीका अलग-अलग होता है.
सोच-समझ कर बनाएं पोर्टफोलियो
सवाल ये भी उठते हैं कि क्या क्रिप्टो और स्टॉक में कोई सीधा संबंध है? जानकार बताते हैं कि सीधा संबंध नहीं है बल्कि ऐसा देखा जाता है कि जब क्रिप्टो का बाजार गिरता है तो स्टॉक चढ़ता है. यह भी जानना होगा कि स्टॉक की तुलना में क्रिप्टो के बाजार में ज्यादा उथल-पुथल होती है. क्रिप्टो जब चढ़ता है तो लगातार उसके भाव चढ़ते हैं और जब गिरता है तो लगातार दाम गिरते हैं. स्टॉक से इसका क्या होते हैं क्रिप्टो इंडेक्स? सीधा संबंध नहीं है. इसलिए जब भी अपना पोर्टफोलिया बनाएं, यह सोच कर बनाएं कि क्रिप्टो में निवेश कर रहे हैं तो भारी उतार-चढ़ाव के लिए तैयार रहना चाहिए.
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